पिछले हफ्ते ही STATE BANK OF INDIA ने भी अपना Q2 FY23 रिजल्ट घोषित किया है, जिसमें उसने नेट प्रॉफिट का अपना एक रिकॉर्ड बनाया है.
नई दिल्ली: 30 सितंबर, 2022 को FY23 की दूसरी तिमाही खत्म हुई है. सभी कंपनियां अपना Q2 FY23 रिजल्ट घोषित कर रही हैं. रिजल्ट के आधार पर ही शेयर बाजार में भी इन कंपनियों के शेयर में उतार-चढ़ाव देखने को मिलेगा. किसी भी निवेशक के लिए ये रिपोर्ट्स बहुत मायने रखती हैं, क्योंकि उसी आधार पर वे कंपनी के परफॉर्मेंस और भविष्य की गति का अनुमान लगाते हैं और फिर उसी आधार पर उनके शेयर में निवेश करते हैं.
ब्रोकरेज फर्म LKP Securities ने कई कंपनियों के रिजल्ट का एनालिसिस किया है. उसके आधार पर उसने तीन कंपनियों को Buy रेटिंग दी है और निवेशकों को सलाह दी है कि वे इन कंपनियों के शेयर में पैसा लगा सकते हैं. ये तीन कंपनियां हैं- STATE BANK OF INDIA, BANK OF BARODA और SCHNEIDER ELECTRIC INFRASTRUCTURE.
STATE BANK OF INDIA
पिछले हफ्ते ही STATE BANK OF INDIA ने भी अपना Q2 FY23 रिजल्ट घोषित किया है, जिसमें उसने नेट प्रॉफिट का अपना एक रिकॉर्ड बनाया है. SBI द्वारा घोषित तिमाही रिजल्ट के अनुसार, बैंक को 30 सितंबर 2022 को खत्म दूसरी तिमाही (Q2FY23) में साल-दर-साल करीब 74% अधिक नेट प्रॉफिट हुआ है. दूसरी तिमाही में SBI का नेट प्रॉफिट बढ़कर 13,265 करोड़ रुपए हो गया, जो बैंक का अब तक का सबसे ज्यादा तिमाही नेट प्रॉफिट है. यही नहीं, बैंक के ऑपरेटिंग प्रॉफिट में भी जबर्दस्त फायदा देखने को मिला. SBI का जुलाई से सितंबर तक का ऑपरेटिंग प्रॉफिट 21,120 करोड़ रुपए रहा, जो साल-दर-साल 16.82% ज्यादा है.
SBI के शेयर का टारगेट प्राइस
SBI का इतना शानदार रिजल्ट देखकर LKP Securities इसे Buy रेटिंग दी है. SBI के शेयर का वर्तमान भाव 594 रुपये के आस-पास है, जिसका 12 महीने के लिए टारगेट प्राइस इस ब्रोकरेज हाउस ने 718 रुपये रखा है. ब्रोकरेज हाउस ने रिजल्ट और फ्यूचर प्लान का एनालिसिस कर बताया कि एक साल में इस कंपनी के शेयर में 21 फीसदी तक उछाल आ सकती है.
BANK OF BARODA (BOB)
LKP Securities ने Q2 FY23 रिजल्ट के बाद निवेशकों को BANK OF BARODA के शेयर में भी निवेश करने की सलाह दी है. Q2FY23 में, बैंक ऑफ बड़ौदा ने परिचालन और संपत्ति गुणवत्ता के मोर्चे पर शानदार रिजल्ट दिया है. बैंक का नेट प्रॉफिट करेंट फाइनेंशियल ईयर की दूसरी तिमाही में 59 प्रतिशत बढ़कर 3,313 करोड़ रुपये हो गया है. बैंक को ब्याज से होने वाली आय और फंस चुके लोन की रिकवरी के कारण जबर्दस्त फायदा हुआ. इस रिजल्ट को देखते हुए ब्रोकरेज फर्म LKP Securities ने इसे भी Buy रेटिंग दी है. BOB के शेयर का वर्तमान भाव 145 रुपये के आस-पास है, जिसका 12 महीने के लिए टारगेट प्राइस इस ब्रोकरेज हाउस ने 202 रुपये रखा है. ब्रोकरेज हाउस ने रिजल्ट और फ्यूचर प्लान का एनालिसिस कर बताया कि एक साल में इसके शेयर में 40 फीसदी तक उछाल आ सकती है.
SCHNEIDER ELECTRIC INFRASTRUCTURE Ltd (SEIL)
LKP Securities ने SCHNEIDER ELECTRIC INFRASTRUCTURE के शेयर को भी Buy रेटिंग दी है. ब्रोकरेज हाउस ने बताया कि SEIL अभी अच्छी स्थिति में है और कंपनी का प्लान भी विकास वाला है. भारत में बिजली क्षेत्र सरकार के प्राइमरी फोकस एरिया में से एक बना हुआ है, क्योंकि डिजिटलीकरण से जुड़े सुधारों की बढ़ती संख्या अगले कुछ वर्षों में लागू होने की उम्मीद है. परिवहन क्षेत्र में, भारत भर में मेट्रो लाइनों का विकास, रेलवे का आधुनिकीकरण और अधिक और बेहतर हवाई अड्डों के निर्माण पर ध्यान केंद्रित करने से संकेत मिलता है कि ये भविष्य में विस्तार के लिए तैयार हैं. इसलिए ब्रोकरेज हाउस ने इसे Buy रेटिंग दी है. SEIL के शेयर का वर्तमान भाव 175 रुपये के आस-पास है, जिसका 12 महीने के लिए टारगेट प्राइस इस ब्रोकरेज हाउस ने 236 रुपये रखा है. ब्रोकरेज हाउस ने बताया कि एक साल में इसके शेयर में 35 फीसदी तक उछाल आ सकती है.
नोट : शेयर बाजार में निवेश जोखिमों के अधीन है. कोई भी निवेश करने से पहले एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें. BW Hindi किसी भी तरह के लाभ या नुकसान का दावा नहीं करता है.
VIDEO : ये हैं वो 4 बैंक, जो FD पर सामान्य ग्राहकों को दे रहे 7 प्रतिशत से अधिक ब्याज दर
एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank) को महिलाओं को छोटे लोन देने के लिए अंतरराष्ट्रीय वित्तीय निगम (IFC) से 500 मिलियन डॉलर (4100 करोड़) का फंड मिला है.
एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank) को महिलाओं को छोटे लोन देने के लिए अंतरराष्ट्रीय वित्तीय निगम (IFC) से 500 मिलियन डॉलर (4100 करोड़) का फंड मिला है. अभी भारत में महिलाओं को छोटे लोन देने वाली गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां ज्यादा सक्रिय हैं. एचडीएफसी बैंक अब इस फंड का यूज महिलाओं को छोटे लोन देने के लिए करेगा. तो चलिए जानते हैं महिलाओं को ये फंड कैसे मिलेगा?
एसएचजी और जेएलजी ग्रुप्स को मिलेगा फंड
एचडीएफसी बैंक को महिलाओं को छोटे लोन देने के लिए अंतरराष्ट्रीय वित्तीय निगम (IFC) से 500 मिलियन डॉलर (4100 करोड़ रुपये) का फंड मिला है. यह बैंक इन पैसों का इस्तेमाल महिला स्वयं सहायता समूह (SHG) और संयुक्त देयता समूह (JLG) को छोटे लोन देने के लिए करेगा. ये समूह महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए चलाए जाते हैं. इसके अलावा आईएफसी ने फ्यूजन माइक्रोफाइनेंस इंस्टीट्यूशन (MFI) को भी 25 मिलियन डॉलर (करीब 8 करोड़ 25 लाख) का लोन दिया है. MFI भी इस फंड का उपयोग महिलाओं को लोन देने के लिए करेगा.
ऐसे मिलेगा लोन
महिलाओं को पहले एसएचजी या जेएलजी ग्रुप बनाना होगा. इसके बाद अपने जिले के डीम कार्यालय में जाकर उसे रजिस्टर्ड कराना होगा. इसके बाद वो जो भी काम करना चाहती हैं, उस काम के आधार पर बैंक में लोन के लिए आवेदन कर सकती हैं. भारत में महिलाओं को छोटे लोन देने वाली गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां ज्यादा सक्रिय हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार दिसंबर 2023 तक ये कंपनियां करीब 4.7 करोड़ महिलाओं को 30 करोड़ रुपये का लोन दे चुकी हैं. लेकिन, इन कंपनियों को लोन देने के लिए ज्यादा ब्याज भी चुकाना पड़ता है. इसी कारण आईएफसी ने एचडीएफसी बैंक जैसे बड़े बैंक को ये फंड दिया है, ताकि बैंक की मदद से महिलाओं को आसानी से लोन मिल सके और वे अपना खुद का कारोबार शुरू कर सकें.
बैंक के शेयरों में भी उछाल
एचडीएफसी बैंक के शेयर में शनिवार को तेजी देखने को मिली है. अभी एचडीएफसी बैंक के शेयर उछाल के साथ 1,466.35 रुपये पर बंद हुआ. सुबह से ही शेयरों में तेजी देखने को मिली. पिछले 5 दिनों में एचडीएफसी बैंक के शेयर में 2 प्रतिशत से ज्यादा का उछाल आ चुका है. हालांकि इससे पहले बैंक के शेयर में गिरावट देखने को मिल रही थी.
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भारत के सरकारी से लेकर कई निजी बैंको ने विदेश में पैसे भेजने पर लगने वाले ट्रांजेक्शन शुल्क में बदलाव किया है.अब विदेश में पैसा भेजने पर अधिक चार्ज देना होगा.
अगर आपका भी कोई अपना विदेश में है, तो ये खबर आपके काम की है. दरअसल भारत के सरकारी से लेकर कई निजी बैंको ने विदेश में पैसे भेजने पर लगने वाले ट्रांजेक्शन शुल्क में बदलाव किया है. हमारे देश से बड़ी संख्या में लोग विदेश पढ़ने और नौकरी करने जाते हैं. इनमें मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाले छात्रों की संख्या अधिक है. ऐसे में अब अगर आप भी अपने किसी बच्चे या रिश्तेदार को विदेश में पैसे भेजना चाहते हैं, तो इसका भार आपकी जेब पर अधिक पड़ सकता है. तो चलिए जानते हैं बैंकों ने शुल्क में क्या बदलाव किए हैं?
पहले कई बैंक नहीं लेते थे शुल्क
भारत से विदेश पैसे भेजने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) एक स्कीम ‘लिबरलाइज्ड रेमिटेंस स्कीम’ (एलआरएस) चलाता है. इस स्कीम के तहत पढ़ाई और मेडिकल खर्चों के लिए कोई भारतीय 1 साल में 2.5 लाख डॉलर तक की राशि भारत से विदेश भेज सकता है. अब तक इस राशि को भेजने के लिए कई बैंक कोई शुल्क नहीं लेते थे, लेकिन अब अधिकतर बैंकों ने इसमें बढ़ोतरी कर दी है.
एचडीएफसी बैंक लेगा इतना चार्ज
अगर आप भारत से 500 डॉलर यानी 41,650 रुपये विदेश भेजते है, तब एचडीएफसी बैंक में आपको हर ट्रांजेक्शन पर 500 रुपये और अन्य टैक्स का शुल्क चुकाना होगा. इसी तरह अगर ये राशि 500 डॉलर से ज्यादा है, तो शुल्क 1,000 रुपये+टैक्स चुकाना होगा. विदेश से पैसा मंगवाने पर कोई चार्ज नहीं है.
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1000 डॉलर पर प्राप्तकर्ता को मिलेंगे 989 डॉलर
देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई में विदेश पैसे भेजने के शुल्क अलग-अलग देशों की करेंसी के आधार पर अलग-अलग हैं. हालांकि ये शुल्क पैसे भेजने वाले को नहीं, बल्कि पैसे मिलने वाले को चुकाने होते हैं. एसबीआई के ये शुल्क करेंसी कन्वर्जन रेट से लिंक्ड हैं. अगर आप किसी को 1000 डॉलर यानी 83,300 रुपये भेजना चाहते हैं, तो इस पर एसबीआई का कमीशन 10 डॉलर यानी 833 रुपये बनता है. वहीं, विदेश में पैसा ट्रांसफर की फैसिलिटी देने वाला बैंक भी 1 डॉलर यानी 83.30 रुपये का चार्ज लेगा, ऐसे में प्राप्तकर्ता को 1000 डॉलर की बजाय 989 डॉलर ही मिलेंगे. एसबीआई डॉलर के लिए 10 डॉलर, ब्रिटिश पाउंड के लिए 8 पाउंड, यूरो के लिए 10 यूरो, कनाडाई डॉलर के लिए 10 कनाडाई डॉलर और सिंगापुर के लिए 10 सिंगापुर डॉलर का चार्ज लेता है.
आईसीआईसीआई और एक्सिस बैंक लेगा इतना शुल्क
अगर आपका खाता आईसीआईसीआई बैंक में है तो आपको विदेश में पैसा ट्रांसफर करने के लिए अलग अलग रकम पर कम से कम 500 और अधिकतम 1500 रुपये शुल्क देना होगा. अगर आप एक दिन में 50,000 डॉलर तक की रकम विदेश भेजते हैं, तब आपको 1 रुपया भी देने की जरूरत नहीं है. वहीं, इससे अधिक राशि 1 दिन में भेजने के लिए आपको ट्रांजेक्शन अमाउंट का 0.0004 प्रतिशत कमीशन देना होगा.
HDFC, Union Bank Of India, SBI, PNB, Indian Bank, Canara Bank, ICICI सहित कई बैंक कम ब्याज दर पर कार लोन दे रहे हैं.
अगर आप नई कार खरीदने की प्लानिंग कर रहे हैं, तो ये खबर आपके काम की हो सकती है. दरअसल, इस खबर में हम आपको ये जानकारी देंगे कि कौन-सा बैंक सबसे सस्ता कार लोन ऑफर कर रहा है. तो चलिए जानते हैं अगर आप इन बैंक से 4 साल के लिए 10 लाख रुपये का लोन आप लेते हैं, तो आपको कितनी ईएमआई चुकानी पड़ेगी?
कार की चाहत रखने वालों को ये बैंक दे रहे अच्छा ऑफर
हर किसी की चाहत होती है कि उनके पास कार हो और आज के समय में कार खरीदना कोई बड़ी बात भी नहीं है, क्योकि मार्किट में कई कंपनियां कार के साथ लोन की सुविधा भी दे रही है. अगर आपके पास पूरे पैसे नहीं है, तो मामूली रकम के साथ भी आप लोन पर कार ले सकते हैं, बशर्ते आपको हर महीने एक किस्त (EMI) चुकानी होगी. कई बैंक भी चार साल के लिए 10 लाख रुपये के लोन पर सस्ती दरों में कार लोन दे रहे हैं, जिनमें एचडीएफसी (HDFC) यूनियन बैंक ऑफ इंडिया (Union Bank), भारतीय स्टेट बैंक (SBI), पंजाब नेशनल बैंक (PNB) , इंडियन बैंक (Indian Bank) , केनरा बैंक (Canara Bank), बैंक ऑफ बड़ौदा (BOB), आईसीआईसीआई (ICICI) और एक्सिस बैंक (Axis Bank) शामिल हैं.
10 लाख के लोन पर इतनी बनेगी किस्त
1. एचडीएफसी बैंक में अगर आप कार लोन के लिए आवेदन करते हैं, तो इसमें आपको 4 साल के टाइम पीरियड पर 9.40 प्रतिशत की ब्याज दर पर लोन मिलेगा. इसमें आपको हर महीने 24,881 रुपये की किस्त देनी होगी.
2. यूनियन बैंक ऑफ इंडिया 4 साल के पीरियड के लिए 10 लाख रुपये के कार लोन पर 8.70 प्रतिशत तक ब्याज ले रहा है. इसमें आपकी किस्त 24,656 रुपये बनेगी.
3. बैंक ऑफ बड़ौदा में 10 लाख रुपये के कार लोन पर 4 साल के टाइम पीरियड के लिए 8.90 प्रतिशत है, इसमें आपकी किस्त 24,632 रुपये बनेगी.
4. ICICI बैंक भी 4 साल के टाइम पीरियड के लिए 10 लाख के कार लोन की सुविधा 9.10 प्रतिशत का ब्याज लेता है. इसमें आपको 24,745 रुपये किस्त चुकानी होगी.
5. एक्सिस बैंक 4 साल के लिए 10 लाख रुपये के लोन पर आपको 9.30 प्रतिशत की ब्याज दर पर लोन दे रहा है. इसमें आपकी किस्त 24,835 बनेगी.
6. वहीं, स्टेट बैंक के साथ पीएनबी, इंडियन और केनरा बैंक में भी 4 साल के लिए 8.75 प्रतिशत की ब्याज दर के लिए लोन की सुविधा ऑफर की जा रही है. इसमें आपको हर महीने 24,587 रुपये किस्त चुकानी होगी.
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कार लोन के फायदे
अगर आपको कार लोन मिलता है, तो एकदम से आपकी जेब पर बोझ नहीं पड़ता है. आप हर महीने धीरे धीरे करके कार की रकम को चुका सकते है. बैंक एकमुश्त कंपनी को आपकी गाड़ी की कीमत चुकता कर देता है और जो रकम बैंक ने चुकता की है वो आपका लोन है. इस पर बैंक ब्याज लेता है, लेकिन आपकी वित्तीय स्थिति को खराब होने से बचाता है. अगर आपके पास पैसे नहीं है लेकिन गाड़ी लेनी है, तो भी बैंक कार लोन आपके लिए मददगार होता है. भारत में 99 प्रतिशत गाड़िया हमेशा लोन पर ही ली जाती हैं. धीरे धीरे करके लोग ईएमआई के जरिये इसकी रकम का भुगतान करते हैं.
बैंक से जैसे ही आपको एटीएम कार्ड जारी होता है, वैसे ही कार्डहोल्डर्स को एक्सीडेंटल इंश्योरेंस और असमय मौत का इंश्योरेंस भी मिल जाता है.
अगर आपका बैंक में अकाउंट है, तो जाहिर सी बात है कि आपके पास डेबिट कार्ड भी होगा. बैंक अकाउंट खुलने के साथ ही ग्राहकों को एटीएम कार्ड भी उपलब्ध कराते हैं. इस डेबिट कार्ड को ATM कार्ड भी कहते हैं. बढ़ते डिजिटल पेमेंट के कारण भले ही इसका इस्तेमाल कम हो गया हो, लेकिन अभी भी इसकी जरूरत बहुत है. ऐसे में आपके लिए ये जानना बहुत जरूरी है कि आपको इस डेबिट कार्ड के साथ ही फ्री इंश्योरेंस कवर भी मिलता है. तो चलिए आज हम आपको बताते हैं कि इसमें आपको कितना और क्या इंश्योरेंस मिलता है और आप कैसे इसके लिए क्लेम कर सकते है?
बैंक ये दो इंश्योरेंस देते हैं फ्री
बैंक द्वारा एटीएम कार्ड जारी करते ही आपको फ्री इंश्योरेंस मिल जाता है. इनमें दुर्घटना बीमा (Accidental Insurance) और जीवन बीमा (Life Insurance) दोनों की शामिल हैं. देश में ज्यादातर लोग इस बात से अनजान है उन्हें डेबिट/एटीएम कार्ड पर भी जीवन बीमा कवर मिलता है. इंश्योरेंस की राशि आपके कार्ड पर निर्भर करती है. यह इंश्योरेंस कवरेज फ्री में दिया जाता है और इसमें डेबिट कार्ड धारक से न तो कोई प्रीमियम लिया जाता है और न ही बैंकों द्वारा कोई एडिशनल डॉक्यूमेंट मांगा जाता है.
कार्ड की कैटेगरी के अनुसार मिलता है इंश्योरेंस कवर
किसी भी बैंक के एटीएम कार्ड का अगर आपने 45 से अधिक दिनों तक इस्तेमाल कर चुके हैं तो फ्री इंश्योरेंस सुविधा हासिल कर सकते हैं. आप इन दोनों की स्थिति में क्लेम कर सकते हैं. कार्ड की कैटेगरी के अनुसार आपको इंश्योरेंस की रकम मिलेगी. एसबीआई अपने गोल्ड एटीएम कार्ड होल्डर को 4 लाख (Death On Air) लाख (Non Air) कवर देता है. प्रीमियम कार्ड होल्डर को 10 लाख (Death On Air) और 5 लाख (On Air) का कवर देता है. HDFC, ICICI, Kotak Mahindra Bank समेत कई बैंकों के डेबिट कार्ड पर इंश्योरेंस कवर मिलता है.कुछ बैंक 3 करोड़ रुपये तक का फ्री एक्सीडेंटल इंश्योरेंस कवर भी देते है. यह इंश्योरेंस कवरेज बिल्कुल फ्री दिया जाता है.
इन नियमों का करना होगा पालन
डेबिट कार्ड पर फ्री एक्सीडेंटल इंश्योरेंस कवरेज के लिए कुछ नियम और शर्तें होती हैं. इनमें से सबसे महत्वपूर्ण यह है कि कार्डधारक को एक निश्चित अवधि के भीतर उस डेबिट कार्ड के जरिए कुछ ट्रांजैक्शन करने होते हैं. यह अवधि अलग-अलग कार्ड के लिए अलग-अलग हो सकती है. कुछ एटीएम कार्ड पर इंश्योरेंस पॉलिसी एक्टिवेट करने के लिए कार्ड होल्डर को 30 दिन में कम से कम एक ट्रांजैक्शन करना होता है. कुछ कार्डधारकों को इंश्योरेंस कवरेज एक्टिवेट करने के लिए पिछले 90 दिनों के भीतर एक ट्रांजैक्शन करना होता है.
पोस्ट ऑफिस आपको अपनी फ्रेंचाइजी ऑफर कर रहा है. इसके साथ जुड़कर आप कम निवेश में अपना एक सुरक्षित बिजनेस शुरूकर सकते हैं.
अगर आप बिना रिस्क वाला कोई बिजनेस (Business) शुरू करना चाहते हैं, तो आप पोस्ट ऑफिस की फ्रेंचाइजी (Post Office Franchise) ले सकते हैं. आपको बता दें, इस सरकारी संस्थान से जुड़कर बिजनेस करने से आप घर बैठे अच्छी कमाई कर सकते हैं. इसकी फ्रेंचाइजी लेने के लिए आपको ज्यादा पैसे लगाने की भी जरूरत नहीं होगी. आप बहुत कम पैसे निवेश करके पोस्ट ऑफिस का काम शुरू कर सकते हैं. तो चलिए जानते हैं आप कैसे पोस्ट ऑफिस की फ्रेंचाइजी ले सकते हैं और इससे आपकी किमाई होगी?
पोस्ट ऑफिस दे रहा फ्रेंचाइजी का ऑफर
इस समय देशभर में लगभग 1.55 लाख पोस्ट ऑफिस हैं. इसके बाद भी सभी जगह पर पोस्ट ऑफिस की पहुंच नहीं बनी है. इसी को ध्यान में रखते हुए पोस्ट ऑफिस फ्रेंचाइजी दे रहा है, ताकि जहां भी संभव हो सके, वहां पोस्ट ऑफिस की सुविधा पहुंचाई जा सके. इससे सरकार के साथ फ्रेंचाइजी लेने वाले व्यक्ति को भी फायदा होगा.
फ्रेंचाइजी लेने के लिए ये हैं शर्तें
फ्रेंचाइजी लेने वाले व्यक्ति की आयु 18 साल से ज्यादा होनी चाहिए. कोई भी भारतीय नागरिक पोस्ट ऑफिस की फ्रेंचाइजी ले सकता है. फ्रेंचाइजी लेने वाले व्यक्ति के पास किसी मान्यता प्राप्त स्कूल से 8वीं पास का सर्टिफिकेट होना जरूरी है. फ्रेंचाइजी का आवेदन करने के लिए सबसे पहले फॉर्म भरकर सब्मिट करना होगा. सेलेक्शन होने पर इंडिया पोस्ट के साथ एक MoU साइन करना होगा. इसके बाद पोस्ट ऑफिस की सेवा शुरू कर सकते हैं.
खर्च करने होंगे सिर्फ 5000 रुपये
इस फ्रेंचाइजी को लेने के लिए आपको सिर्फ 5000 रुपये खर्च करने होंगे. फ्रेंचाइजी मिलने के बाद आप कमीशन के जरिये अच्छी कमाई कर सकते हैं. यह आपके काम पर निर्भर करता है कि आप कितनी कमाई कर सकते हैं.
ऐसे होगी कमाई
पोस्ट ऑफिस की फ्रेंचाइजी से कमाई कमीशन पर होती है. इसके लिए पोस्ट ऑफिस की तरफ से मिलने वाले प्रोडक्ट और सर्विस दी जाती है. इन सभी सर्विस पर कमीशन दिया जाता है. MOU में कमीशन पहले ही तय कर दिया जाता है. इन सभी सर्विस पर आपको कमीशन मिलेगा-
-रजिस्टर्ड आर्टिकल्स की बुकिंग पर 3 रुपये
-स्पीड पोस्ट आर्टिकल्स की बुकिंग पर 5 रुपये
-100 से 200 रुपये के मनी ऑर्डर की बुकिंग पर 3.50 रुपये
-200 रुपये से ज्यादा के मनी ऑर्डर पर 5 रुपये
-हर महीने रजिस्ट्री और स्पीड पोस्ट के 1000 से ज्यादा बुकिंग पर 20 प्रतिशत अतिरिक्त कमीशन
-पोस्टेज स्टांप, पोस्टल स्टेशनरी और मनी ऑर्डर फॉर्म की बिक्री पर सेल अमाउंट का 5 प्रतिशत
-रेवेन्यू स्टांप, सेंट्रल रिक्रूटमेंट फी स्टांप्स आदि की बिक्री समेत रिटेल सर्विसेज पर पोस्टल डिपार्टमेंट को हुई कमाई का 40 प्रतिशत
यहां करे आवेदन के लिए
पोस्ट ऑफिस की फ्रेंचाइजी के लिए आप सबसे पहले ऑफिशियल नोटिफिकेशन पढ़ें और पोस्ट ऑफिस की ऑफिशियल वेबसाइट से ही आवेदन करें. इसके बाद (https://www.indiapost.gov.in/VAS/DOP_PDFFiles/Franchise.pdf) इस ऑफिशियल लिंक पर क्लिक करें. यहां से आप फॉर्म डाउनलोड करके फ्रेंचाइजी के लिए आवेदन कर सकते हैं. अगर आपका आवेदन स्वीकार कर लिया जाता है तो आपको पोस्ट डिपार्टमेंट के साथ एक एमओयू साइन करना होगा.
आप अपना CIBIL Score स्कोर कितनी बार चेक कर सकते हैं? या फिर आपको अपना क्रेडिट स्कोर कितनी बार चेक करना चाहिए? आइए समझते हैं.
CIBIL Score वो स्कोर है, जिसे देखकर बैंक आपको लोन देने के लिए तैयार रहते हैं. CIBIL Score का दायरा 300 से 900 के बीच में होता है. ऐसे में जितना आपका स्कोर 900 के पास रहेगा, उतना आपकी फाइनेंशियल कंडीशन के लिए अच्छा होता है. कोविड के बाद से लोन लेने की संख्या में जबरदस्त उछाल आया है. इसलिए सभी लोग CIBIL Score से जुड़े हर सवाल को क्लियर करना चाहते हैं. बहुत में से एक सबसे बड़ा सवाल है कि अगर हम बार-बार CIBIL Score को चेक करते हैं, तो क्या वो डाउन हो जाएगा? हमारा इसके लिए जबाव है, हां भी और नहीं भी. चलिए बताते हैं आखिर ऐसा क्यों है.
कैसे चेक करे अपना सिबिल स्कोर?
दरअसल CIBIL Score ग्राहक की पास्ट हिस्ट्री की एक रिपोर्ट होती है, जो बैंक को बताती है कि कब लोन लिया गया है और कब लोन के बारे में पूछताछ की गई है. अगर आप खुद CIBIL Score को चेक कर रहे हैं, तो आपके CIBIL Score पर कोई भी फर्क नहीं पड़ेगा. इसके अलावा अगर आप लोन के लिए अप्लाई करते हैं तो लोन देने वाली कंपनी आपके CIBIL Score को चेक करेगी. जब कंपनी चेक करे तो आपका CIBIL Score डाउन हो सकता है. आइए इसके लिए आपको हार्ड इन्क्वायरी (Hard Enquiry) और सॉफ्ट इन्क्वायरी (Soft Enquiry) को समझना होगा.
ऐसा क्या हुआ कि Asian Paints में घट गई ब्रोकरेज की दिलचस्पी, आपके लिए क्या हैं संकेत?
क्या है हार्ड इन्क्वायरी?
जब कोई बैंक या NBFCs आपका CIBIL Scoreचेक करते हैं तो इसे हार्ड इन्क्वायरी कहते हैं. अगर एक साथ कई लेंडर्स आपका CIBIL Scoreचेक करते हैं तो इससे आपके सिबिल स्कोर पर असर पड़ सकता है. दरअसल जब कोई व्यक्ति लोन लेने जाता है तो वो एक साथ कई बैंकों में संपर्क करता है. उस समय बैंक की ओर से उसका सिबिल स्कोर चेक किया जाता है. इस तरह अलग-अलग बैंक जब किसी का सिबिल स्कोर चेक करते हैं तो स्कोर में कुछ पॉइंट की गिरावट आ जाती है. आपके क्रेडिट रिपोर्ट में इसकी डीटेल दी जाती है कि आपके लिए कब–कब हार्ड-इन्क्वायरी की गई है.
क्या होती है सॉफ्ट इन्क्वायरी?
जब आप अपने स्कोर को किसी ऐप के जरिए चेक करते हैं तो इसे सॉफ्ट इन्क्वायरी कहा जाता है. आमतौर पर सॉफ्ट इन्क्वायरी से आपके CIBIL Score पर कोई फर्क नहीं पड़ता है. बल्कि अगर आप समय-समय पर अपना CIBIL Score चेक करते हैं, तो आप अपने स्कोर को लेकर जागरुक रहते हैं. ऐसे में स्कोर गिरने पर आप उसे सुधारने के लिए जरूरी कदम उठा सकते हैं. ब्लकि कई फाइनेंशियल एक्सपर्ट ये सलाह देते हैं कि CIBIL Score 3-6 महीनों के पीरियड में चेक करना चाहिए. इसके अलावा आप अगर किसी भी तरह के लोन या फिर क्रेडिट कार्ड के लिए अप्लाई करने जा रहे हैं तो आपको खासकर एक बार अपना CIBIL Score जरूर चेक करना चाहिए.
ये भी हैं CIBIL Score गिरने की वजह
सिबिल स्कोर 300 से 900 के बीच निर्धारित किया जाता है. आमतौर पर 750 से ज्यादा सिबिल स्कोर को अच्छा माना जाता है. बता दें कि सिबिल स्कोर गिरने की मुख्य वजह बेशक तय समय में लोन रीपेमेंट न करना है, लेकिन इसके अलावा भी कई फैक्टर्स आपके स्कोर को प्रभावित करते हैं जैसे क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेश्यो गड़बड़ होना, कम समय में कई बार लोन के लिए अप्लाई करना, लोन सेटलमेंट करना, किसी ऐसे व्यक्ति का लोन गारंटर बनना जो समय से लोन न चुकाए, क्रेडिट कार्ड पेमेंट समय पर न करना आदि.
RBI ने इस हफ्ते की शुरुआत में गोल्ड के बदले लोन देने वाले फाइनेंसर और माइक्रो फाइनेंस कंपनियों को सलाह दी कि उन्हें इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 269SS को फॉलो करने के लिए कहा है.
अगर आप भी किसी नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनियों (NBFCs) से गोल्ड लोन उठाने की बात सोच रहे हैं तो रुक जाइए. रिजर्व बैंक (RBI) ने इस पर एनबीएफसी को सख्त दिशा निर्देश दिए हैं. आरबीआई ने एनबीएफसी से कहा कि वे इनकम टैक्स कानूनों के अनुसार गोल्ड लोन देते समय 20,000 रुपए से ज्यादा कैश का भुगतान न करें. रिजर्व बैंक ने इस सप्ताह की शुरुआत में गोल्ड देने वाले फाइनेंसर और माइक्रो फाइनेंस इंस्टीट्यूशंस को दी गई एक सलाह में उन्हें इनकम टैक्स एक्ट की धारा 269SS का पालन करने को कहा है.
नकदी की स्वीकृत लिमिट 20000 रुपये
आयकर अधिनियम के सेक्शन 269एसएस में प्रावधान है कि कोई व्यक्ति भुगतान के निर्दिष्ट तरीकों के अलावा किसी अन्य व्यक्ति की तरफ से की गई जमा या ऋण स्वीकार नहीं कर सकता है. इस सेक्शन में नकदी की स्वीकृत लिमिट 20,000 रुपये है. इस एडवाइजरी के कुछ हफ्ते पहले आरबीआई ने आईआईएफएल फाइनेंस के निरीक्षण के दौरान कुछ चिंताएं नजर आने के बाद उसे गोल्ड लोन मंजूर करने या वितरित करने से रोक दिया था.
अक्षय तृतीया पर खरीद रहे हैं सोना, तो इन बातों का रखें ध्यान, नहीं होगा नुकसान
क्या कहते हैं जानकार?
इस धारा में नकदी की स्वीकृत सीमा 20,000 रुपये है. इस परामर्श के कुछ सप्ताह पहले केंद्रीय बैंक ने आईआईएफएल फाइनेंस के निरीक्षण के दौरान कुछ चिंताएं नजर आने के बाद उसे स्वर्ण ऋण स्वीकृत करने या वितरित करने से रोक दिया था. रिजर्व बैंक की इस सलाह पर टिप्पणी करते हुए मणप्पुरम फाइनेंस के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) वी पी नंदकुमार ने कहा कि इसमें नकद ऋण देने के लिए 20,000 रुपये की सीमा दोहराई गई है.
ट्रांसपेरेंसी में होगा इजाफा
इंडेल मनी के सीईओ उमेश मोहनन ने कहा कि इस निर्देश से पारदर्शिता और बेहतर अनुपालन लाने में मदद मिलेगी लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में कई लोगों के औपचारिक बैंकिंग प्रणाली का हिस्सा न होने से प्रभाव पड़ सकता है. मोहनन ने कहा कि यह निर्देश अनजाने में हाशिए पर मौजूद तबकों को आपात स्थिति में भी गोल्ड लोन तक पहुंच से बाधित कर सकता है जिससे वित्तीय पहुंच सीमित हो सकती है.
म्युचुअल फंड बाजार में निवेशक की पसंद को देखते हुए हर तरह के फंड सामने आ रहे हैं. इनमें जहां रिटायरमेंट फंड शामिल हैं वहीं दूसरी ओर शॉर्ट टर्म फंड भी शामिल हैं.
बीते कुछ सालों में निवेश को लेकर तेजी से बढ़ी सक्रियता के बीच हर आदमी अपनी मौजूदा जरूरतों के साथ रिटायरमेंट को लेकर भी प्लानिंग करना पसंद करता है. इसी का नतीजा है कि कंपनियां एक के बाद एक रिटायरमेंट और दूसरी तरह के फंड लॉन्च कर रही हैं. इसी कड़ी में बड़ौदा बीएनपी पारिबा म्यूचुअल फंड ने अपने नए रिटायरमेंट फंड, की घोषणा की है. ये स्कीम लंबी अवधि में निवेश के जरिए बड़ा फंड तैयार करने का इच्छा रखने वाले निवेशकों के लिए रिटायरमेंट योजना में मदद करने के लिए डिजाइन की गई है.
कैसे इस फंड में कर सकते हैं निवेश?
इस योजना में निवेश एकमुश्त और एसआईपी दोनों तरीकों से किया जा सकता है. निवेशक एसआईपी निवेश का विकल्प चुन सकते हैं जो उनकी उम्र और वित्तीय उद्देश्यों के अनुरूप हो. यह फंड सब्सक्रिप्शन के लिए 8 मई, 2024 को खुला है और 22 मई, 2024 को बंद हो जाएगा. यह फंड क्रिसिल (CRISIL) हाइब्रिड 35+65 - एग्रेसिव इंडेक्स के विरुद्ध बेंचमार्क है. इस फंड के इक्विटी मैनेजर प्रतीश कृष्णन हैं और डेट हिस्से का प्रबंधन मयंक प्रकाश द्वारा किया जाएगा.
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क्या बोले कंपनी के सीईओ?
इस फंड के लॉन्च पर बड़ौदा बीएनपी पारिबा म्यूचुअल फंड के सीईओ, सुरेश सोनी ने कहा कि हम बड़ौदा बीएनपी पारिबा रिटायरमेंट फंड के लॉन्च की घोषणा करते हुए बेहद रोमांचित हैं. ये फंड सभी के लिए वित्तीय भविष्य सुरक्षित करने के लक्ष्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. हालिया इंडिया रिटायरमेंट इंडेक्स स्टडी इस तरह के निवेश विकल्पों के महत्व पर जोर देता है, जिसमें कहा गया है कि 53 फीसदी भारतीय अभी भी अपने रिटायरमेंट के लिए परिवार की संपत्ति और बच्चों पर निर्भर हैं. इसके अलावा, 50 साल से अधिक आयु के 90 फीसदी भारतीय अपनी रिटायरमेंट योजना पहले शुरू नहीं करने पर गहरा अफसोस जताते हैं. ये बातें रिटायरमेंट के स्थायी समाधानों की महत्वपूर्ण आवश्यकता पर जोर देती हैं.
इसमें इतने साल का होगा लॉक इन पीरियड
बड़ौदा बीएनपी पारिबा रिटायरमेंट फंड एक ओपन-एंडेड रिटायरमेंट सॉल्यूशन-ओरिएंटेड स्कीम है, जिसमें 5 साल या रिटायरमेंट की उम्र (जो भी पहले हो) तक लॉक-इन है. कंपनी के सीईओ ने कहा कि बड़ौदा बीएनपी पारिबा रिटायरमेंट फंड का लक्ष्य इस जरूरत को पूरा करना है. उन्होंने कहा कि सामान्य तौर पर ये देखा जाता है कि अधिकांश निवेशक रिटायरमेंट के लिए बचत बहुत देर से शुरू करते हैं और वह भी पारंपरिक विकल्पों में निवेश करते हैं. उन्होंने कहा कि हमारा मानना है कि निवेश की लॉन्ग टर्म ट्रेंड को देखते हुए, यह जरूरी है कि निवेशक म्यूचुअल फंड जैसे कैपिटल मार्केट विकल्पों में निवेश करने पर विचार करें, जिनमें उनकी बचत पर बेहतर दरों पर कंपाउंड करने यानी बेहतर रिटर्न देने की क्षमता है.
देश के कई निजी और सरकारी बैंकों ने एफडी पर ब्याज दरें बढ़ा दी है. आपको एफडी में निवेश पर ये बैंक अच्छा रिटर्न दे रहे हैं.
देश के कई बैंक ग्राहकों को एफडी पर अच्छा रिटर्न दे रहे हैं. अगर आप भी अपना पैसा किसी सुरक्षित जगह निवेश करना चाहते हैं, तो इन बैंकों में एफडी करा सकते हैं. आपको बता दें, एक्सिस (Axis) और आईसीआईसाई (ICICI) बैंक ने तो अपने ग्राहकों के लिए बल्क एफडी पर ब्याज को एक बार फिर से बढ़ा दिया है, तो चलिए जानते हैं अब ये बैंक आपको एफडी पर कितना पैसा रिटर्न देंगे?
एक्सिस दे रहा इतना रिटर्न
नए रिवीजन के बाद एक्सिस बैंक 3 प्रतिशत से लेकर 7.20 प्रतिशत का ब्याज ऑफर कर रहा है. वहीं, सीनियर सिटीजन को 3.50 फीसदी से लेकर 7.85 फीसदी का ब्याज दे रहा है. 2 करोड़ रुपये से कम की एफडी पर बैंक 7 दिन से लेकर 10 साल तक की एफडी ऑफर कर रहा है. एक्सिस बैंक की नई ब्याज दरें आज 4 मई 2024 से लागू हो गई हैं. सबसे ज्यादा ब्याज आपको 17 महीने से लेकर 18 महीने से कम वाली एफडी पर मिल रहा है. अगर आप इसमें 1 लाख रुपये निवेश करेंगे तो आपको 7200 रुपये तक का रिटर्न मिलेगा. वहीं, सीनीयर सिटीजन को 7850 रुपये रिटर्न मिलेगा.
ये है एक्सिस की नई ब्याज दरें
एक्सिस 30 से 45 दिन की एफडी पर आम जनता को 3.50 और सीनियर सिटीजन को 4 प्रतिशत ब्याज दे रहा है. 3 महीने से लेकर 6 महीने से कम तक की एफडी पर आम जनता को 4.75 और सीनियर सिटीजन को 5.25 प्रतिशत, महीने से लेकर 9 महीने से कम तक की एफडी पर आम जनता को 5.75 प्रतिशत और सीनियर सिटीजन को 6.25 प्रतिशत, 1 साल से लेकर 15 महीने से कम तक की एफडी पर आम जनता को 6.70 प्रतिशत और सीनियर सिटीजन को 7.20 प्रतिशत, 17 महीने से लेकर 18 महीने से कम तक की एफडी पर आम जनता को 7.20 प्रतिशत और सीनियर सिटीजन को 7.85 प्रतिशत, 5 साल से लेकर 10 साल तक की एफडी पर आम जनता को 7 और सीनिर सिटीजन को 7.75 प्रतिशत ब्याज मिलेगा.
आईसीआईसीआई दे रहा इतना रिटर्न
ICICI बैंक ने भी बल्क FD पर ब्याज को एक बार फिर रिवाइज कर दिया है. ये बढ़ी हुई ब्याडज दरें 6 मई से लागू हो गई हैं. इस बार बैंक ने 2 करोड़ रुपये से लेकर 5 करोड़ रुपये तक की कुछ पीरियड की एफडी पर ब्याज को बढ़ा दिया है. बैंक 7 दिन से लेकर 10 साल तक की बल्क एफडी ऑफर कर रहा है. इसमें 30 से 45 दिन की एफडी पर आम जनता के लिए 5.50 प्रतिशत और सीनियर सिटीजन के लिए भी 5.50 ब्याज है. 61 से 90 दिन की एफडी पर आम जनता और सीनियर सिटीजन दोनों के लिए 6 प्रतिशत ब्याज, 1 साल से लेकर 15 महीने से कम तक की एफडी पर 7.25 ब्याज मिलेगा. वहीं, 3 साल से लेकर 5 साल तक की एफडी पर 7 प्रतिशत ब्याज मिलेगा.
ये बैंक भी दे रहे अच्छा रिटर्न
अगर आप भारतीय स्टेट बैंक (SBI), पंजाब नेशनल बैंक (PNB) या एचडीएफसी (HDFC) बैंक में3 साल के लिए 1 लाख रुपये की एफडी कराते हैं, तो आपको 7 प्रतिशत की ब्याज दर के साथ 1,23,144 रुपये मिलेंगे. वहीं, आईडीएफसी (IDFC) बैंक में 7.25 प्रतिशत की ब्याज दर के साथ 1 लाख रुपये की एफडी 3 साल के लिए करवाने पर 1,24,055 रुपये मिलेंगे. आरबीएल (RBL) बैंक में 7.70 प्रतिशत की ब्याज दर के साथ 3 साल की एफडी पर 1 लाख रुपये निवेश करने पर 1,25,710 रुपये मिलेंगे
हेल्थ इंश्योरेंस की डिमांड बढ़ गई है, लेकिन इसके साथ ही इंश्योरेंस क्लेम की परेशानियां भी बढ़ रही हैं. सर्वे में पता चला है कि करीब आधे मामलों में कंपनियां क्लेम देने में परेशानी खड़ी करती हैं.
आज के समय में हेल्थ इंश्योरेंस जरूरत हो गई है. अस्पताल में बढ़ते इलाज खर्च के कारण हेल्थ इंश्योरेंस खरीदने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है. हालांकि, ऐसा नहीं है कि हेल्थ इंश्योरेंस लेने से उनकी परेशानी खत्म हो जा रही है. बीमा कंपनियां क्लेम देने में काफी परेशान कर रही हैं एक सर्वे में यह जानकारी मिली है. सर्वे के अनुसार, पिछले तीन साल में लगभग 43 प्रतिशत स्वास्थ्य बीमा पॉलिसीधारकों को अपने दावों का निपटारा कराने में मुश्किलों का सामना करना पड़ा है.
हेल्थ इंश्योरेंस बना आफत
39,000 लोगों के बीच लोकल सर्किल के सर्वे में खुलासा हुआ कि 43% लोगों को इंश्योरेंस क्लेम लेने में खासी मशक्कत का सामना करना पड़ा. अक्सर कंपनियां पहले से बीमार होने का हवाला देकर क्लेम को खारिज कर दे रही हैं. कंपनियां पूरा देने की बजाय आधा अधूरा क्लेम ही दे रही हैं. इसके अलावा सर्वे में सामने आया है कि हेल्थ इंश्योरेंस क्लेम पाने की प्रक्रिया में लंबा समय लगता है.
15-17% लोगों का रिंबर्समेंट ही नहीं हुआ
ऑनलाइन सर्वे में 43% लोगों ने पिछले तीन साल के दौरान हेल्थ इंश्योरेंस क्लेम में आई परेशानी का खुलासा किया है. देश के 20 से ज़्यादा राज्यों के 302 जिलों के 39 हजार लोगों पर यह सर्वे किया गया था. इसमें करीब 5% लोगों ने बताया कि उनके क्लेम को इंश्योरेंस कंपनी ने खारिज कर दिया. वहीं 15-17% लोगों ने कहा कि इंश्योरेंस कंपनी ने क्लेम की रकम से कम का भुगतान किया. वहीं 20-25% लोगों ने कहा कि उनको सेटलमेंट में काफी लंबा समय लगा और उस दौरान उनको काफी परेशानी झेलनी पड़ी.
मरीज भी हो रहे परेशान
इस सर्वे में सामने आया कि परिवार के साथ, मरीजों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. मरीजों को डिसचार्ज होने के लिए 10-12 घंटे इंतजार करना पड़ता है. सरकार के पास जिन सेक्टर्स को लेकर शिकायतें पहुंचती हैं, उनमें से एक तिहाई इंश्योरेंस सेक्टर से जुड़ी हैं.
93 प्रतिशत नियम में बदलाव के पक्ष में
सर्वेक्षण में शामिल 93 प्रतिशत प्रतिभागियों में से अधिकांश ने इस स्थिति से बचने के लिए नियामकीय मोर्चे पर बदलाव की वकालत की. बीमा कंपनियों को हर महीने अपनी वेबसाइट पर विस्तृत दावों और पॉलिसी कैंसिलेशन डेटा का खुलासा अनिवार्य करने की मांग भी शामिल है. भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) के कुछ हस्तक्षेपों के बावजूद उपभोक्ताओं को अपने स्वास्थ्य दावे प्राप्त करने के लिए बीमा कंपनियों से जूझना पड़ रहा है.