टोल पर होने वाले विवाद को लेकर NHAI एक अभियान की शुरुआत करने जा रहा है. इस अभियान के तहत जहां क्लॉसेस दी जाएंगी वहीं दूसरी ओर कर्मचारियों को बॉडी कैमरे भी पहनाए जाएंगे.
टोल प्लाजा पर होने वाले विवाद में कई बार अब तक लोगों की जान तक जा चुकी है. छोटे विवाद तो टोल पर होते ही रहते हैं. कभी इनके लिए प्लॉजा पर काम करने वाले कर्मचारियों की गलती सामने आती है तो कभी कुछ लोगों की दबंगई के कारण विवाद हो जाते हैं. लेकिन अब इन समस्याओं को ध्यान में रखते हुए एनएचएआई ने एक एसओपी जारी की है. इसके तहत टोल कर्मचारियों को अपने व्यवहार को शांत रखने के लिए विशेष तरह की क्लॉस भी दी जाएगी.
गुस्से पर नियंत्रण के लिए शुरू होगा अभियान
टोल प्लाजा पर होने वाले विवाद को कम करने के लिए ‘टोल पार शांत’ अभियान की शुरुआत की जा रही है. इसमें टोल प्लाजा कर्मचारियों को क्रोध प्रबंधन और ग्राहक की संतुष्टि के लिए पेशेवर मनोवैज्ञानिकों द्वारा प्रशिक्षण दिया जाएगा. इसके लिए पहला प्रशिक्षण सत्र हरियाणा के मुरथल टोल प्लाजा पर आयोजित किया गया था, और अधिक प्रशिक्षण देश भर के अन्य टोल प्लाजा पर आयोजित किए जाएंगे.
टोल प्लाजा कर्मचारियों को लगानी होगी नेम प्लेट
एनएचएआई के द्वारा जारी की गई एसओपी के अनुसार, क्षेत्रीय कार्यालय ये देखेंगे कि टोल एकत्र करने वाली एजेंसी दिशानिर्देशों के अनुसार अपने कर्तव्यों का पालन करे. टोल एकत्र करने वाली एजेंसी यह सुनिश्चित करेगी कि टोल प्लाजा पर मौजूद कर्मचारी नाम बैज के साथ निर्धारित एनएचएआई वर्दी पहनें. हिंसा की किसी भी संभावित घटना को केवल टोल प्लाजा मैनेजर/लेन पर्यवेक्षकों द्वारा नियंत्रित किया जाना चाहिए, जो टोल प्लाजा पर हिंसा की घटनाओं को रिकॉर्ड करने के लिए बॉडी कैमरे पहनेंगे.
सड़क उपयोगकर्ता द्वारा अनियंत्रित व्यवहार के मामले में, लेन पर्यवेक्षक हस्तक्षेप करेगा और मुद्दे को शांतिपूर्वक हल करने का प्रयास करेगा. किसी भी परिस्थिति में, टोल प्लाजा कर्मचारी ऐसी भाषा का इस्तेमाल नहीं करेगा जो किसी को गुस्सा दिलाती हो या अभद्र हो या हिंसा का सहारा नहीं लेंगे. यदि समस्या बनी रहती है या बढ़ती है तो टोल प्लाजा अधिकारी स्थानीय पुलिस की मदद ले सकते हैं और एफआईआर दर्ज कर सकते हैं. ऐसी घटनाओं की पुलिस को रिपोर्ट करने के लिए सबूत के तौर पर कर्मचारी वीडियोग्राफी करा सकते हैं.
वीडियो कैमरे की फुटेज बनेगी हुड़दंगियों के खिलाफ प्रमाण
ये एसओपी कहती है कि कोई भी घटना जिसमें सड़क उपयोगकर्ता द्वारा शारीरिक हिंसा या टोल प्लाजा पर सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान शामिल है, टोल संग्रहण एजेंसी द्वारा तुरंत सभी आवश्यक दस्तावेजों/सबूत के साथ पुलिस और संबंधित एनएचएआई परियोजना कार्यान्वयन इकाई को सूचित किया जाना चाहिए. एनएचएआई के क्षेत्रीय कार्यालय यह सुनिश्चित करेंगे कि टोल एकत्र करने वाली एजेंसी के पास टोल प्लाजा पर तैनात प्रत्येक कर्मचारी का पुलिस सत्यापन हो. इसके अलावा, टोल संग्रह करने वाली एजेंसी को टोल प्लाजा कर्मचारियों को सड़क उपयोगकर्ताओं के साथ विनम्र रहने का निर्देश देना चाहिए.