ब्रिटेन में महंगाई की मार! बच्चा पैदा करने से भी डर रहे लोग, रिटायरमेंट भी आगे बढ़ाया

लोगों के घर खर्चों में बढ़ोतरी हुई, ब्रिटेन में लोगों ने अपनी सोशल लाइफ जीना को कम कर दिया, लोग पार्टियों, पब, रेस्टोरेंट और शादियों में कम जा रहे हैं

Last Modified:
Thursday, 13 October, 2022
BRITAIN

नई दिल्ली: कभी जिनका सूरज अस्त नहीं होता था, आज एक बल्ब जलाने के लाले पड़े हैं. चार दशकों में सबसे निर्दयी महंगाई झेल रही ब्रिटेन की जनता बिजली का बिल तक चुकाने में खुद का अक्षम महसूस कर रही है. ब्रिटेन के लोगों की हालत ये है कि इस महंगाई में वो एक बच्चा पैदा करने से भी डर रहे हैं, छुट्टियां और रिटायरमेंट का प्लान भी लोगों ने आगे खिसका दिया है. 

ब्रिटेन के लोगों पर महंगी बिजली की मार
पूरी दुनिया में मंदी का खतरा मंडरा रहा है, लेकिन लगता है ब्रिटेन में मंदी लोगों के घरों में पहले ही दस्तक दे चुकी है. ब्रिटेन में लोगों की जिंदगी जीने की लागत इतनी ज्यादा बढ़ गई है कि यहां के लोग अपनी जिंदगी की कमाई का एक बड़ा हिस्सा सिर्फ बिजली का बिल चुकाने में कर रहे हैं. बिजली के बिल यहां 80 परसेंट सालाना तक बढ़ चुके हैं. यहां लोग 6500 पाउंड सालाना बिजली का बिल चुकाने को मजबूर हैं. हालांकि ब्रिटेन की सरकार एक नया एनर्जी प्राइस बिल लेकर आई है, जिससे लोगों को राहत देने का दावा किया जा रहा है. ठंड के मौसम में जब लोगों को अपना घर गर्म रखने के लिये बिजली की सबसे ज्यादा जरूरत होती है, ऐसे समय में सरकार ने एनर्जी बिल को 2500 पाउंड सालाना करने का प्रस्ताव दिया है. ये बिल 12 अक्टूबर 2022 संसद में पेश किया गया है. हालांकि इस बिल का लोगों को कितना फायदा होगा ये अभी देखने वाली बात होगी. 

मंदी की ओर ब्रिटेन! 
ब्रिटेन में खाद्य पदार्थ और ऊर्जी कीमतों में बढ़ोतरी से महंगाई दर जुलाई में 40 साल के उच्चतम स्तर 10.1 परसेंट पर पहुंच गई थी. लेकिन अगस्त में ऊर्जा कीमतों में थोड़ी राहत के बाद ये 9.1 परसेंट पर आ गई. हालांकि अब भी ये काफी ज्यादा है. ब्रिटेन की इकोनॉमी का बुरा हाल है. अगस्त में ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था 0.3 परसेंट सिकुड़ी है. मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर ठप पड़ना इसकी बड़ी वजह माना जा रहा है. इकोनॉमी पर मार का हाल ये है कि इसका सीधा असर आम लोगों, होटलो, रेस्टोरेंट कारोबारियों पर पड़ रहा है. ब्रिटेन के ऑफिस फॉर नेशनल स्टेटिस्टिक्स के आंकड़ों पर नजर डालें तो इस बात के संकेत मिलते हैं कि ब्रिटेन मंदी की ओर बढ़ रहा है. 

महंगाई के अलावा ब्रिटेन में बेरोजगारी भी बढ़ी है, लोगों के पास नौकरियां नहीं हैं. बैंक ऑफ इंग्लैंड की ओर से कहा गया है कि अगर आर्थिक हालात ऐसे ही बिगड़ते रहे तो लोगों को साल 2008 की वित्तीय मंदी की तरह लोन चुकाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है. बुधवार को जारी तिमाही वित्तीय नीति सारांश रिपोर्ट में
बैंक ऑफ इंग्लैंड ने कहा कि “कुछ परिवारों के लिए ऊंची ब्याज दरों के साथ-साथ जरूरी चीजों की लागत में अनुमानित बढ़ोतरी को मैनेज करना भी चुनौतिपूर्ण होगा. 

लोगों ने रेस्टोरेंट जाना कम किया
महंगाई बढ़ने की वजह से लोगों के घर खर्चों में बढ़ोतरी हुई, ब्रिटेन में लोगों ने अपनी सोशल लाइफ जीना को कम कर दिया, लोग पार्टियों, पब, रेस्टोरेंट और शादियों में कम जा रहे हैं, यहां तक कि लोगों ने परिवार बढ़ाने के लिये बच्चा पैदा करने की योजना को भी ठंडे बस्ते में डाल दिया है. जो लोग अपनी रिटायरमेंट के आखिरी पड़ाव में हैं, उन्होंने बढ़ती महंगाई को देखते हुए अपनी इस योजना को भी अगले कुछ सालों के लिए आगे खिसका दिया है. जो लोग छुट्टियों का प्लान करके बैठे थे, उन्होंने कुछ दिन और घर बैठने का फैसला किया है. 

जो लोग नया घर खरीदने की सोच रहे थे, उन्होंने किराये के घर में फिर से रहना शुरू कर दिया है. लोगों का कहना है कि बढ़ी ब्याज दरों के अलावा महंगे घरों के लिए 20 परसेंट डाउन पेमेंट तक के लिए उनके पास पैसे नहीं है. इतना ही नहीं, ईंधन की बढ़ती कीमतों के चलते लोगों ने अपनी गाड़ियों से सफर करने की बजाय बसों का इस्तेमाल शुरू कर दिया है. बढ़ती महंगाई में लोगों ने खुद को एडजस्ट करने के लिये अपनी आदतों में भी कुछ बदलाव किये हैं. कई मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया है कि लोगों ने नॉनवेज खाना कम कर दिया है, जो लोग दिन में कई कप कॉफी पी जाते थे, उन्होंने अपनी इस आदत पर नियंत्रण कर लिया है. लोग अब लॉन्ड्री में धोने के लिये कम कपड़े दे रहे हैं.