सुधीर मिश्रा पिछले दो दशकों से पर्यावरण, जलवायु परिवर्तन (क्लाईमेट चेंज) और Sustainability के प्रति अटूट प्रतिबद्धता के साथ काम कर रहे हैं.
नई दिल्लीः भारतीय मूल के एडवोकेट सुधीर मिश्रा जो कि फिलहाल लंदन में रहकर पर्यावरण की देखभाल पर काम कर रहे हैं, उनको 2022 का पहला गार्जियन ऑफ सस्टेनेबिलिटी अवार्ड मिला है. मिश्रा, नंबर 5 बैरिस्टर चैंबर्स, यूनाइटेड किंगडम में डोर टेनेंट, ट्रस्ट लीगल के संस्थापक और प्रबंध भागीदार और एक प्रसिद्ध पर्यावरण अधिवक्ता को हाउस ऑफ लॉर्ड्स में इस अवॉर्ड से सम्मानित किया गया है.
इनको मिलता है ये अवॉर्ड
गार्जियंस ऑफ सस्टेनेबिलिटी अवार्ड उन नेताओं, संस्थानों और एजेंसियों को दिया जाता है जिन्होंने न केवल संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों में, बल्कि इस दुनिया को एक स्थायी बनाने के लिए अपने जीवन के हर पहलू में विचार, शब्द और कर्म में भी बहुत बड़ा योगदान दिया है.
20 सालों से कर रहे हैं पर्यावरण व क्लाइमेट चेंज पर काम
सुधीर मिश्रा पिछले दो दशकों से पर्यावरण, जलवायु परिवर्तन (क्लाईमेट चेंज) और Sustainability के प्रति अटूट प्रतिबद्धता के साथ काम कर रहे हैं. इसके अलावा वो बाघों, वैटलैंड्स, समुद्र तट, नेशनल पार्क और विशेष रूप से ट्रस्ट लीगल के प्रयासों को बचाने के लिए काम कर रहे हैं. उनके सक्षम नेतृत्व में द एनर्जी एंड रिसोर्सेज इंस्टीट्यूट (TERI) के साथ पार्टनरशिप में ओपी जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी (ओपीजेजीयू) के लिए पहली सतत विकास रिपोर्ट 2021 (एसडीआर 2021) निकाली थी.
दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण कम करने के लिए हाईकोर्ट में दायर की थी याचिका
दिल्ली व एनसीआर में प्रदूषण को कम करने के लिए मिश्रा ने अपनी स्वेच्छा से 2015 में दिल्ली हाईकोर्ट में एक रिट याचिका दायर की थी. यह याचिका "सुधीर मिश्रा बनाम स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय और अन्य" शीर्षक के नाम से थी. इस याचिका का उद्देश्य कई इंटर-स्टेट और इंट्रा-स्टेट फैक्टर के कारण दिल्ली/एनसीआर में बढ़ रहे वायु प्रदूषण को कम करने का था.
उन्होंने पिछले 20 वर्षों में देश भर में 300 संरक्षित क्षेत्रों में व्यक्तिगत रूप से 325 से अधिक वर्कशॉप का आयोजन किया है और पर्यावरण मुद्दों से संबंधित 65 से अधिक मामलों में भी सुप्रीम कोर्ट, हाई कोर्ट्स, नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल, पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के समक्ष पेश हुए हैं. सुधीर मिश्रा वर्तमान में सोसाइटी ऑफ इंडियन लॉ फर्म्स (SILF) की पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन समिति के अध्यक्ष भी हैं.