विधानसभा चुनाव 2023 के लिए भारत निर्वाचन आयोग द्वारा पांच राज्यों में मतदान की तारीखों की घोषणा आज कर दी गई है.
भारत निर्वाचन आयोग (Election Commission Of India) देश में आयोजित किये जाने वाले चुनावों के लिए जिम्मेदार होता है. 2023 में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए आज आयोग द्वारा मध्य प्रदेश, राजस्थान, मिजोरम, तेलंगाना और छत्तीसगढ़ राज्यों के विधानसभा चुनावों की समय सारिणी की घोषणा कर दी गई है.
कब होंगे मतदान?
आज यानी 9 सितंबर को भारत निर्वाचन आयोग के द्वारा मध्य प्रदेश, राजस्थान, मिजोरम, तेलंगाना और छत्तीसगढ़ राज्यों में आयोजित होने वाले विधानसभा चुनावों की तारीख की घोषणा कर दी गई है. जहां मध्य प्रदेश के निवासी 17 नवंबर को मतदान करेंगे, वहीं 7 नवंबर को मिजोरम और छत्तीसगढ़, 23 नवंबर को राजस्थान और 30 नवंबर को तेलंगाना में चुनाव कार्यक्रम का आयोजन होगा.
60 लाख नए वोटर
मध्य प्रदेश, राजस्थान, मिजोरम, तेलंगाना और छत्तीसगढ़ राज्यों के विधासभा चुनावों की समय सारिणी जारी करने से पहले भारतीय निर्वाचन आयोग के कमिश्नर राजीव कुमार ने दिल्ली में एक प्रेस कांफ्रेंस का आयोजन किया है. प्रेस कांफ्रेंस के दौरान मुख्य निर्वाचन कमिश्नर ने कहा है कि 40 दिनों के भीतर हमने 5 राज्यों का दौरा किया है और विभिन्न राजनितिक पार्टियों और केंद्रीय एवं राज्य प्रवर्तन संस्थाओं के साथ बातचीत की है. इसके साथ ही राजीव कुमार ने जानकारी देते हुए बताया है कि इन पांच राज्यों में 16 लाख नए वोटर जुड़े हैं. इन पांच राज्यों में 177 लाख निर्वाचन निर्वाचन स्टेशन बनाये जाएंगे.
Congress की अपील हुई खारिज
आपको बता दें कि 2024 के चुनावों के मद्देनजर विपक्ष की जानी-मानी पार्टी कांग्रेस (INC) द्वारा इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) की पहली स्तर की चेकिंग (FLC) को लेकर सवाल खड़े किये गए थे और इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट के समक्ष एक अपील भी दायर की थी. खबर आ रही है कि देश के सर्वोच्च न्यायलय द्वारा कांग्रेस की अपील को ठुकरा दिया गया है. सर्वोच्च न्यायलय का कहना है कि यदि कोई पार्टी FLC में भाग नहीं लेती है तो परिणामों को स्वीकार तो करना पड़ेगा. इसके साथ ही भारत के मुख्य न्यायाधीश DY चंद्रचूड़ (CJI DY Chandrachud) ने कहा कि हमें प्रक्रिया पर किसी तरह की शंका नहीं है और यह एक बहुत ही विस्तृत प्रक्रिया है. अन्य पार्टियों को प्रक्रिया में पूरी तरह विश्वास है और इसे पूरी भारत में दोहराया जा रहा है. अगर हम किसी भी तरह से इस प्रक्रिया में दखल देते हैं तो प्रक्रिया और धीमी होगी और इसमें देरी भी होगी.
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