Delhi Air Quality: हवा में बढ़ रहा है जहर, क्या कर रही है सरकार?

Delhi Air Quality लगातार खराब होती नजर आ रही है. आइये जानते हैं सरकार प्रदूषण से लड़ने के लिए क्या कदम उठा रही है?

Last Modified:
Saturday, 04 November, 2023
file pic delhi pollution

पिछले कुछ दिनों के दौरान दिल्ली के अस्पतालों में छाती और आंखों में जलन की शिकायतें बढ़ती ही जा रही हैं और इसकी वजह है दिल्ली की हवा में घुलता जहर. दिल्ली की हवा में प्रदूषण के PM 2.5 कणों की संख्या 406 अंकों तक जा पहुंची है और शहर के कई इलाकों में हवा की क्वालिटी (Delhi Air Quality) 880 अंकों तक गिर गई है.

हालत हुई अत्यंत गंभीर
आपको बता दें कि AQI यानी हवा की क्वालिटी (Delhi Air Quality) मापने वाले सूचकांक में हवा में मौजूद PM 2.5 कणों की संख्या का सामान्य स्तर लगभग 180 है जबकि अधिकतम स्तर 541 तय किया गया है. लेकिन दिल्ली के कुछ इलाकों की हवाओं में इस वक्त PM 2.5 कणों की संख्या का स्तर 800 अंकों तक जा पहुंचा है. शायद इस बात से ही आप अंदाजा लगा पा रहे होंगे कि हवा कितनी ज्यादा जहरीली हो चुकी है और मामला कितना गंभीर है.

कोशिशों में भी हुआ इजाफा
तापमान में आई कमी, शांत पड़ी हवाओं और पंजाब और हरियाणा जैसे पड़ोसी राज्यों में पराली जलाए जाने का असर है कि प्रदूषण दिल्ली (Delhi Air Quality) में कैद होकर रह गया है और अब दिल्ली हर साल की तरह एक बार फिर गैस चैंबर बनती जा रही है, लेकिन इस साल हालत और ज्यादा खराब एवं गंभीर नजर आ रहे हैं. 12 नवंबर 2021 के बाद पहली बार हवा की क्वालिटी इतनी ज्यादा खराब होती हुई नजर आ रही है. प्रदूषण बढ़ने के साथ-साथ इसे कम करने की कोशिशों में भी इजाफा हुआ है ताकि AQI को कम किया जा सके. 

500 टीमें करेंगी काम
दिल्ली के LG वीके सक्सेना ने शहर की स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए शहर के सभी निवास्सियों से आग्रह किया है कि वह जितना हो सके घरों में ही रहे और अपना बचाव कर सकें. इसके साथ ही उन्होंने बच्चों एवं बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखे जाने की बात भी कही है. प्रदूषण नियंत्रण करने के लिए स्टेज 3 के नियमों को लागू कर दिया गया है और रेड-लाइट ऑन गाड़ी ऑफ कैम्पेन को भी जोर-शोर से चलाया जा रहा है. इसके साथ ही दिल्ली में पेट्रोल से चलने वाले BS-3 वाहनों और डीजल से चलने वाले वाहनों पर रोक लगा दी गई है. प्राइमरी तक के सभी स्कूलों को बंद कर दिया गया है. दिल्ली नगर निगम ने 500 लोगों की सर्विलांस टीमें बनाई हैं और ये टीमें खुले में कूड़ा या अन्य वस्तुओं को जलाने, अवैध निर्माण कार्य, मलबा फेंके जाने जैसे कदमों की देख-रेख करेगी.
 

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