मंत्रियों के आदेश पर अधिकारी सिर्फ 'यस सर' कहें, गडकरी ने ब्यूरोक्रेसी पर ऐसा क्यों कहा?

गडकरी ने कहा कि सरकारों को जनहित में कानून तोड़ने या उन्हें दरकिनार कर देना चाहिए. 

Last Modified:
Thursday, 11 August, 2022
nitin gadkari

नई दिल्ली: आपने एक्टर फारुख शेख का एक पुराना सीरियल जी मंत्री जी या फिर 1980 के दशक का इंग्लिश कॉमेडी सीरियल Yes Minister तो देखा होगा. इन सीरियल्स में ब्यूरोक्रेट्स और मंत्रियों के बीच रिश्तों को हंसी और मजाक के लहजे में पेश किया गया है. केंद्रीय सड़क और परिवहन मंत्री नितिन गडकरी का ब्यूरोक्रेट्स को लेकर दिया गया हालिया बयान इन सीरियल्स की याद को ताजा करता है. उन्होंने कहा कि ब्यूरोक्रेट्स के हिसाब से सरकार काम नहीं करेगी बल्कि उन्हें सरकार के हिसाब से काम करना होगा. इन ब्यूरोक्रेट्स को मंत्री जो भी आदेश दें उन्हें सिर्फ उसको पूरा करना चाहिए.

अधिकारी सिर्फ 'यस सर' कहें
नितिन गडकरी नागपुर में महाराष्ट्र स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय के एक कार्यक्रम में बोल रहे थे, उन्होंने कहा "मैं हमेशा अधिकारियों  से कहता हूं कि सरकार आपके कहने के अनुसार काम नहीं करेगी. आपको केवल "यस सर" कहना है. हम जो कह रहे हैं उसे आपको लागू करना होगा. सरकार हमारे हिसाब से काम करेगी. 

जनहित में कानून तोड़ना जायज
उन्होंने अपनी बात को और पुख्ता करने के लिए महात्मा गांधी का उदाहरण दिया, उन्होंने कहा कि मैं जानता हूं कि गरीबों के कल्याण में कोई भी कानून आड़े नहीं आता. अगर ऐसे कानून को 10 बार भी तोड़ना है तो हमें संकोच नहीं करना चाहिए. ऐसा महात्मा गांधी ने कहा था. उन्होंने बताया कि 1995 में महाराष्ट्र के गढ़चिरौली व मेलघाट क्षेत्र में हजारों आदिवासी बच्चे कुपोषण के कारण मर गए थे और गांवों में सड़कें नहीं थीं. वन कानून सड़कें बनाने में आड़े आ रहे थे. उन्होंने इसका जिक्र करते हुए कहा कि सरकारों को जनहित में कानून तोड़ने या उन्हें दरकिनार कर देना चाहिए. 

सड़क सुरक्षा पर फोकस
नितिन गडकरी का सड़क सुरक्षा को लेकर काफी जोर रहता है. इसी कड़ी में उन्होंने लोकसभा में ये बताया है कि एक वाहन की सभी सीटों पर एयरबैग अनिवार्य करने का नियम जल्द ही पेश होगा. वहीं इससे पहले उन्होंने घोषणा की थी कि कार निर्माताओं के लिए सरकार मोटर वाहनों में कम से कम छह एयरबैग देना अनिवार्य कर देगी. नितिन गडकरी का कहना है कि सरकार ने देश में सड़क हादसों की वजह से हर साल होने वाली करीब 1.5 लाख मौतों को 2024 तक घटाकर आधी करने का लक्ष्य तय किया है. इसके लिए ब्लैक स्पॉट हटाने का काम जारी है.

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