उनके निधन के बाद प्रधानमंत्री मोदी से लेकर राहुल गांधी और ममता बनर्जी ने शोक व्यक्त किया है. प्रधानमंत्री ने क्वीन एलिजाबेथ के साथ मुलाकात को भी याद किया, साथ ही उस मुलाकात की तस्वीरें भी शेयर कीं
नई दिल्ली: ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ नहीं रहीं, उनका 96 साल की उम्र में स्कॉटलैंड के बाल्मोरल महल में निधन हो गया है. क्वीन एलिजाबेथ का नाम दुनिया की महान शख्सियतों में शामिल था. क्वीन एलिजाबेथ ने ब्रिटेन पर 70 साल तक शासन किया. बकिंघम पैलेस ने एक बयान जारी कर कहा है कि, 'महारानी का आज दोपहर बाल्मोरल में निधन हो गया।' बयान में कहा गया, 'द किंग एंड द क्वीन कंसोर्ट (चार्ल्स एंड कैमिला) आज शाम बाल्मोरल में रहेंगे और कल (शुक्रवार) लंदन लौटेंगे.' महारानी 1952 में गद्दी पर बैठी थीं और वह अभूतपूर्व सामाजिक परिवर्तन की गवाह रहीं. पूर्व राजकुमार चार्ल्स अब ब्रिटेन के नए सम्राट होंगे.
पीएम मोदी ने किया याद
उनके निधन के बाद प्रधानमंत्री मोदी से लेकर राहुल गांधी और ममता बनर्जी ने शोक व्यक्त किया है. प्रधानमंत्री ने क्वीन एलिजाबेथ के साथ मुलाकात को भी याद किया, साथ ही उस मुलाकात की तस्वीरें भी शेयर कीं. पीएम बनने के बाद पहली बार 2015 में नरेंद्र मोदी ब्रिटेन गए थे, इसके बाद 2018 में भी उनका ब्रिटेन दौरा था. जहां उनकी क्वीन एलिजाबेथ द्वितीय के साथ मुलाकात हुई. पीएम मोदी ने उनके निधन पर लिखा कि, मैं उनकी उदारता और गर्मजोशी को भूल नहीं सकता हूं. इस दौरान क्वीन ने मुझे वो रुमाल भी दिखाया जो महात्मा गांधी ने उन्हें उनकी शादी पर दिया था. पीएम मोदी ने आगे लिखा कि, इस दुख की घड़ी में मेरी संवेदनाएं ब्रिटेन के लोगों के साथ हैं.
I had memorable meetings with Her Majesty Queen Elizabeth II during my UK visits in 2015 and 2018. I will never forget her warmth and kindness. During one of the meetings she showed me the handkerchief Mahatma Gandhi gifted her on her wedding. I will always cherish that gesture. pic.twitter.com/3aACbxhLgC
— Narendra Modi (@narendramodi) September 8, 2022
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी व्यक्त की संवेदना
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी एलिजाबेथ द्वितीय के निधन के बाद उन्हें लेकर ट्वीट किया. भारतीय राष्ट्रपति ने कहा कि, "दुनिया ने आज एक महान शख्सियत को खो दिया. उन्होंने सात दशक तक अपने देश के लोगों के लिए काम किया. मैं ब्रिटेन के लोगों और महारानी के परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त करती हूं."
In the demise of Her Majesty Queen Elizabeth II of UK, the world has lost a great personality. An era has passed since she steered her country and people for over 7 decades. I share the grief of people of UK and convey my heartfelt condolence to the family.
— President of India (@rashtrapatibhvn) September 8, 2022
राहुल गांधी और ममता बनर्जी ने भी किया ट्वीट
पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष और मौजूदा सांसद राहुल गांधी ने भी क्वीन एलिजाबेथ द्वितीय को याद किया. उन्होंने लिखा कि महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के निधन पर ब्रिटेन के लोगों और शाही परिवार के प्रति मेरी संवेदनाएं हैं. उनका एक लंबा और गौरवशाली शासन था, उन्होंने काफी प्रतिबद्धता और सम्मान के साथ अपने देश की सेवा की.
My condolences to the people of UK and the Royal Family on the passing away of Her Majesty Queen Elizabeth II.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) September 8, 2022
She had a long and glorious reign, serving her country with utmost commitment and dignity.
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने याद करते हुए लिखा है कि मैं महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के निधन पर ब्रिटिश शाही परिवार और यूनाइटेड किंगडम के लोगों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करती हूं. ये एक युग का अंत है, जब सबसे लंबे समय तक शासन करने वाली ब्रिटिश सम्राट अपनी अंतिम यात्रा के लिए प्रस्थान करेंगीं.
I express my condolences to the British Royal family and the people of the United Kingdom on the passing of Her Majesty Queen Elizabeth II.
An era comes to an end as the longest reigning British monarch leaves for her heavenly abode.
— Mamata Banerjee (@MamataOfficial) September 8, 2022
भारत से काफी प्रभावित थीं महारानी
क्वीन एलिजाबेथ को भारत से काफी लगाव था,उन्होंने तीन बार भारत का दौरा किया था. 1961, 1983 और 1997 में वो भारत आईं और यहां की संस्कृति और परंपरा से काफी प्रभावित हुईं, उनका यहां पर गर्मजोशी भरा स्वागत और आतिथ्य मिला, उसके बारे में उन्होंने कहा कि "भारतीय लोगों की गर्मजोशी और आतिथ्य, और भारत की समृद्धि और विविधता ही हम सभी के लिए प्रेरणा रही है" 1961 में, महारानी और उनके पति, दिवंगत प्रिंस फिलिप - ड्यूक ऑफ एडिनबर्ग, ने मुंबई, चेन्नई और कोलकाता का दौरा किया - फिर बॉम्बे, मद्रास और कलकत्ता - और आगरा में ताजमहल का भी दौरा किया. भारत की उनकी अंतिम यात्रा भारत की स्वतंत्रता की 50 वीं वर्षगांठ समारोह के मौके पर थी और पहली बार उन्होंने औपनिवेशिक इतिहास के "कठिन एपिसोड" का संदर्भ दिया. उन्होंने आयोजित भोज में कहा कि "यह कोई रहस्य नहीं है कि हमारे अतीत में कुछ कठिन घटनाएं हुई हैं. जलियांवाला बाग एक दुखद उदाहरण है.