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IBLF: सफलता इस पर निर्भर करती है कि हम क्या सोचते हैं : डी.शिवकुमार
आर्ट ऑफ मैनेजमेंट इस बात पर भी निर्भर करती है कि आप समय पर हैं या नहीं. आप अपने जीवन में सफलता और असफलता को कैसे देखते हैं. अगर आप कहते हैं कि मैं डिलीवर करूंगा तो आप डिलीवर कर रहे हैं या नहीं.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 year ago
Business World के इंडियन बिजनेस लिटरेचर फेस्टिवल (IBLF) के गुड़गांव में हो रहे समिट में आदित्य बिरला ग्रुप के ग्रुप एक्ज्यूक्यूटिव प्रेसीडेंट डी. शिवकुमार ने आर्ट ऑफ मैनेजमेंट विषय पर बोलते हुए कहा कि हमारे जीवन में बहुत सारी बातें इस बात पर निर्भर करती हैं कि आखिर हम अपने जीवन में घटने वाली अलग-अलग घटनाओं को कैसे देखते हैं.
आपकी जीवन शैली कैसी है
डी. शिवकुमार ने इस विषय पर अपनी बात रखते हुए कहा कि ये इस बात पर निर्भर करता है कि आप आखिर अपने समय को मैनेज कैसे करते हैं. सिर्फ समय ही नहीं बल्कि आप अपने इमोशन को कैसे मैनेज करते है. मैं जब भी क्रिकेट देखने जाता हूं तो खिलाडि़यों से मिलता हूं. उनसे लीडरशिप के बारे में बात करता हूं. मैं एक बार टोनी ग्रे से मिला तो उनसे भी मुझे इस विषय पर बात करके बड़ा अच्छा लगा. मुझे उनसे मिलने के बाद बहुत कुछ सीखने को मिला.
मैनचेस्टर यूनाइटेड ने उठाया सही कदम
कोलेब्रेशन के बारे में बात करते हुए डी.शिवकुमार ने कहा कि मैं हमेशा कहता हूं क्रिकेट एक कोलेबोरेटिव गेम नहीं है. उसकी जगह मुझे लगता है कि फुटबॉल कोलेब्रेशन का गेम है. मैनचेस्टर यूनाइटेड ने फैसला किया है कि वो अपने सभी खिलाडियों की सैलरी पर एक कैप लगाएगा. वो कैप 20 हजार डॉलर का है. उनके एक खिलाड़ी रोनॉल्डों की सैलरी बहुत ज्यादा थी. लेकिन बाकी की उतनी नहीं थी. इससे मुझे लगता है कि उनके अंदर एक तरह का ईर्ष्या भाव आता है.
परफॉर्मेंस से आंकी जाती है सफलता
डी.शिवकुमार ने सफलता के बारे में बात करते हुए कहा कि आज आपकी सक्सेस को फिगर से देखा जाता है. आप कैसा परफॉर्म कर रहे हैं, कंपनी आपके आउटसोर्स को देखती है. आपने कंपनी के लिए कितना किया. लेकिन अगर आप अच्छा परफॅार्म कर रहे हैं और आपका इंस्टीटयूशन उसे रिवॉर्ड नहीं कर रहा है तो ऐसे में आपको उसे रिवॉर्ड देना चाहिए और उसे छोड देना चाहिए.
क्या कॉरपोरेट में सैलरी पर कैप होना चाहिए
डी शिवकुमार ने कहा कि 30 साल पहले सीईओ की सैलेरी का रेसियों में अगर देखें तो 40-50 के औसत के आसपास था. लेकिन आज वो सैलरी 500 टू 1000 टाइम्स बढ़ गई है. मैं ये नहीं कह रहा हूं कि आप किसी को सैलरी मत दीजिए या जयादा मत दीजिए. लेकिन आपको कई बातों का ध्यान तो रखना ही पड़ेगा. अगर आप मेट्रिक्स में काम करते हैं तो आपको दो बातों का ध्यान रखना होगा. एक तो आपको लाइन ऑफ रेवेन्यू अर्निंग का ध्यान रखना होगा और दूसरा आपको कैपिटल एक्सपेंडिचर के बारे में सोचना होगा कि आखिर वो क्या होगा. दुनिया के जो टॉप 100 मिलेनियर हैं उन्होंने 3.4% की ग्रोथ के साथ बढ़ोतरी दर्ज की है. अगर आप भविष्य के बारे में नहीं सोच रहे हैं तो पास्ट में आपको परेशानी का सामना करना पड़ सकता है. आपके लिए कोई भी एनर्जी का सोर्स हो सकता है. वो कोई आध्यात्मिक हो सकता है, वो कोई खिलाडी हो सकता है और वो कोई भी हो सकता है, जो आपको सफलता का वाक्य दे रहे हैं. सबसे महत्वपूर्ण ये भी है कि आप सोसाइटी के लिए क्या कंट्रीब्यूट करते हैं.
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