Kotak General Insurance देश भर में अपनी 25 शाखाएं खोल चुकी हैं और वर्तमान में कंपनी के पास 1339 कर्मचारी मौजूद हैं.
कोटक जनरल इंश्योरेंस (Kotak General Insurance) को लेकर इस वक्त एक काफी बड़ी खबर सामने आ रही है. माना जा रहा है कि ज्यूरिक इंश्योरेंस कंपनी (Zurich Insurance Company) लगभग 500 मिलियन डॉलर्स यानी लगभग 4051 करोड़ रुपए की लागत से कोटक जनरल इंश्योरेंस में 51% की हिस्सेदारी खरीदने के बारे में विचार कर रही है.
Kotak General Insurance की कीमत
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो यह इन्वेस्टमेंट, शेयरों की खरीदारी के माध्यम से पूरी की जा सकती है. इसके साथ ही कंपनी शुरुआती अधिग्रहण के बाद आने वाले तीन सालों में कोटक जनरल इंश्योरेंस में 19% की अतिरिक्त हिस्सेदारी भी खरीदेगी. यह जानकारी खुद कोटक महिंद्रा बैंक (Kotak Mahindra Bank) द्वारा एक्सचेंज फाइलिंग के दौरान एक बयान जारी करके दी गई है. प्रस्तावित ट्रांजेक्शन के अनुसार कोटक जनरल इंश्योरेंस की कीमत लगभग 7,943 करोड़ रुपए तय की गई है.
चाहिए होगी इनकी अनुमति
बैंक ने फाइलिंग में यह भी कहा है कि एक बार ज्यूरिक द्वारा कोटक जनरल इंश्योरेंस (Kotak General Insurance) में 51% की हिस्सेदारी प्राप्त कर लेती है तो वह भी बैंक की ही एक शाखा के रूप में सामने आएगी. इस ट्रांजेक्शन को भी अन्य ट्रांजेक्शनों की तरह भारत के केंद्रीय बैंक RBI (भारतीय रिजर्व बैंक), IRDAI (इंश्योरेंस रेगुलेटरी एवं डेवलपमेंट अथॉरिटी ऑफ इंडिया) और CCI (कम्पटीशन कमीशन ऑफ इंडिया) जैसी संस्थाओं की अनुमति की जरूरत होगी. इस विषय पर बात करते हुए कोटक महिंद्रा बैंक के मैनेजिंग डायरेक्टर और CEO दीपक गुप्ता ने कहा है कि दोनों ही ब्रैंड्स के अनुभवों की बदौलत कस्टमर्स की जरूरतों को पूरा करने के लिए इनोवेटिव सोल्यूशंस प्रदान करने में भी मदद मिलेगी.
2015 से अभी तक
आपको बता दें कि कोटक जनरल इंश्योरेंस (Kotak General Insurance), कोटक महिंद्रा बैंक (Kotak Mahindra Bank) की ही एक शाखा है. कंपनी द्वारा मोटर, हेल्थ, होम, फायर, मरीन और लायबिलिटी जैसे नॉन-लाइफ इंश्योरेंस उत्पाद प्रदान करवाए जाते हैं. नवंबर 2015 में कोटक जनरल इंश्योरेंस को बिजनेस की शुरुआत के लिए लाइसेंस मिला था और तब से लेकर आज तक कंपनी देश भर में अपनी 25 शाखाएं खोल चुकी हैं और वर्तमान में कंपनी के पास 1339 कर्मचारी मौजूद हैं.
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RBI ने HDB फाइनेंशियल सर्विसेज को अपर लेयर NBFC कैटेगरी में नोटिफाई किया हुआ है. ये कंपनी पर्सनल लोन, गोल्ड लोन, बिजनेस लोन, ऑटो लोन आदि मुहैया कराती है.
प्राइवेट सेक्टर के एचडीएफसी (HDFC) बैंक की नॉन-बैंकिंग सहायक कंपनी HDB फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड ने IPO की योजना को मंजूरी दे दी है. एचडीएफसी बैंक ने शेयर बाजार को जानकारी दी है कि IPO में 2,500 करोड़ रुपये के नए शेयर जारी किए जाएंगे. साथ ही मौजूदा शेयरधारकों की ओर से ऑफर फॉर सेल भी रहेगा. इसके अलावा शेयरहोल्डर कोटा भी होगा. तो आइए जानते हैं ये आईपीओ मार्केट में कब लॉन्च होगा?
एचडीएफसी बैंक की है इतनी हिस्सेदारी
HDB फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड में एचडीएफसी बैंक की हिस्सेदारी 94.64 प्रतिशत है. बैंक इस पब्लिक इश्यू के लिए बैंकर्स को शॉर्टलिस्ट कर रहा है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार एचडीएफसी बैंक HDB फाइनेंशियल सर्विसेज के लिए 78,000-87,000 करोड़ रुपये की वैल्यूएशन चाह रहा है. इस IPO में बैंक अपनी 10-15 प्रतिशत हिस्सेदारी बेच सकता है, जिससे 7,800-8,700 करोड़ रुपये जुटाए जा सकते हैं. इससे बैंक का कैपिटल एडेक्वेसी रेशियो मजबूत होगा.
आईपीओ कब होगा लॉन्च?
बता दें, HDB फाइनेंशियल सर्विसेज पर्सनल लोन, गोल्ड लोन, बिजनेस लोन, ऑटो लोन आदि मुहैया कराती है. जानकारी के अनुसार HDB फाइनेंशियल सर्विसेज अपने आईपीओ को इस साल दिसंबर या अगले वित्त वर्ष तक जारी कर सकती है.
NBFC कैटेगरी में नोटिफाई
आरबीआई ने HDB फाइनेंशियल सर्विसेज को अपर लेयर NBFC कैटेगरी में नोटिफाई किया हुआ है. नियमानुसार अपर लेयर NBFC के लिए इस कैटेगरी में नोटिफाई होने के 3 साल के अंदर शेयर बाजारों में लिस्ट होना जरूरी है. 9 सितंबर को डायवर्सिफाइड NBFC बजाज हाउसिंग फाइनेंस की शेयर बाजार में ब्लॉकबस्टर लिस्टिंग हुई और आईपीओ निवेशकों का पैसा एक झटके में डबल हो गया.
(डिसक्लेमर : यह खबर केवल आपको जानकारी देने के लिए है. BW हिंदी आपको इसमें निवेश की सलाह नहीं देता है. शेयर बाजार में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है, इसलिए कहीं भी निवेश करने से पहले किसी एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें.)
BSE में लिस्टेड कंपनियों का कुल मार्केट कैप आज बढ़कर 471.97 लाख करोड़ रुपये हो गया.
हफ्ते का आखिरी कारोबारी सत्र भारतीय शेयर बाजार के लिए ऐतिहासिक साबित हुआ है. बीएसई सेंसेक्स पहली बार 84000 के आंकड़े को पार चला गया तो नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी रिकॉर्ड हाई को छूने में कामयाब रहा है. बैंकिंग, ऑटो, आईटी, एफएमसीजी और एनर्जी स्टॉक्स में देसी निदेशी निवेशकों की खऱीदारी के चलते बाजार में ये तेजी देखने को मिली है. मिडकैप और स्मॉलकैप स्टॉक्स में रौनक लौट आई. आज का कारोबार खत्म होने पर बीएसई सेंसेक्स 1359 अंकों की उछाल के साथ 84,544 और निफ्टी 375 अंकों के उछाल के साथ 25,790 के ऑलटाइम हाई पर क्लोज हुआ है.
चढ़ने-गिरने वाले शेयर्स
बीएसई सेंसेक्स के 30 में से 26 शेयर आज हरे निशान में हुए. इसमें महिंद्रा एंड महिंद्रा (M&M) के शेयरों में 5.57 फीसदी की सबसे अधिक तेजी रही. इसके बाद जेएसडब्लू स्टील (JSW Steel), आईसीआईसीआई बैंक (ICICI Bank), लर्सन एंड टुब्रो (L&T) और भारती एयरटेल (Bharti Airtel) के शेयर 2.65 फीसदी से लेकर 3.85 फीसदी की तेजी के साथ बंद हुए.
वहीं सेंसेक्स के सिर्फ 4 शेयर आज गिरावट के साथ बंद हुए. इसमें स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) का शेयर 0.70 फीसदी की गिरावट के साथ टॉप लूजर्स रहा, वहीं इंडसइंड बैंक (Indusind Bank), टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) और बजाज फाइनेंस (Bajaj Finance) के शेयरों में 0.07 फीसदी से 0.33% तक की गिरावट देखी गई.
2,468 शेयरों में रही गिरावट
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) पर आज बढ़त के साथ बंद होने वाले शेयरों की संख्या अधिक रही. एक्सचेंज पर कुल 4,059 शेयरों में आज कारोबार देखने को मिला. इसमें से 2,468 शेयर तेजी के साथ बंद हुए, वहीं 1,482 शेयरों में गिरावट देखी गई। जबकि 109 शेयर बिना किसी उतार-चढ़ाव के सपाट बंद हुए. इसके अलावा 265 शेयरों ने आज कारोबार के दौरान अपना नया 52-वीक हाई छुआ. वहीं 45 शेयरों ने अपने 52 हफ्तों का नया निचला स्तर छुआ.
निवेशकों ने ₹6.5 लाख करोड़ कमाए
बीएसई में लिस्टेड कंपनियों का कुल मार्केट कैपिटलाइजेशन आज 20 सितंबर को बढ़कर 471.97 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया, जो इसके पिछले कारोबारी दिन यानी गुरुवार 19 सितंबर को 465.47 लाख करोड़ रुपये था. इस तरह BSE में लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप आज करीब 6.5 लाख करोड़ रुपये बढ़ा है. या दूसरे शब्दों में कहें तो निवेशकों की संपत्ति में करीब 6.5 लाख करोड़ रुपये का इजाफा हुआ आई है.
(डिस्क्लेमर: शेयर बाजार में निवेश जोखिम के अधीन है. 'BW हिंदी' इसकी कोई जिम्मेदारी नहीं लेता. सोच-समझकर, अपने विवेक के आधार पर और किसी सर्टिफाइड एक्सपर्ट से सलाह के बाद ही निवेश करें, अन्यथा आपको नुकसान उठाना पड़ सकता है).
EY इंडिया के चेयरमैन राजीव मेमानी का कहना है कि कंपनी अपने कर्मचारियों के कल्याण को सर्वोपरि मानती है.
हाल ही में एक खबर आई थी कि EY इंडिया की एक युवा कर्मचारी की मौत के लिए उनकी मां ने कंपनी की नीतियों को कुसूरवार ठहराया था. 26 वर्षीय अन्ना सेबेस्टियन पेरयिल की मौत के बाद उनकी मां ने EY इंडिया के चेयरमैन राजीव मेमानी को एक पत्र भी लिखा था. पत्र में उन्होंने कंपनी की कार्य संस्कृति पर सवाल उठाते हुए कहा था कि उनकी बेटी की मौत ज्यादा काम के बोझ के कारण हुई.
हाल ही में हुआ था निधन
अन्ना की मां के पत्र पर अब EY इंडिया के चेयरमैन राजीव मेमानी के बयान आया है. मेमानी का कहना है कि उन्हें अन्ना की मौत का गहरा दुख है. एक पिता होने के नाते वह समझ सकते हैं कि उनके परिवार पर क्या बीत रही होगी. अन्ना सेबेस्टियन ने मार्च में EY इंडिया का पुणे कार्यालय ज्वाइन किया था. इसके कुछ महीने बाद ही उनका निधन हो गया. उनकी मां अनीता ने अपनी बेटी की मौत के लिए कंपनी की नीतियों को कुसूरवार ठहराया.
देर रात तक काम
अन्ना की मां ने अपने पत्र में लिखा कि अन्ना EY से जुड़कर बेहद खुश थी, लेकिन कंपनी में काम का बोझ इतना ज्यादा था कि वह रोज रात 1 बजे तक काम करती रहती थी. अन्ना को सीने में जकड़न की शिकायत भी थी. बावजूद उसे देर तक काम करना पड़ता था. अनीता ने पत्र में यह भी लिखा कि अन्ना के अंतिम संस्कार में EY का कोई भी व्यक्ति शामिल नहीं हुआ, इससे उन्हें बहुत दुख हुआ.
आगे ऐसा नहीं होगा
पीड़ित मां के पत्र पर कंपनी के चेयरमैन का बयान आया है. राजीव मेमानी का कहना है कि वह अन्ना के परिवार के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं. उन्हें इस बात का बहुत दुख है कि अन्ना के अंतिम संस्कार में EY इंडिया का कोई सदस्य शामिल नहीं हुआ. उन्होंने कहा कि यह हमारी संस्कृति के बिल्कुल विपरीत है. ऐसा पहले कभी नहीं हुआ और आगे कभी नहीं होगा.
मैं चैन से नहीं बैठूंगा
मेनन ने आगे कहा कि कंपनी अपने कर्मचारियों के कल्याण को सर्वोपरि मानती है. मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि हमारे कर्मचारियों की भलाई हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है. मैं व्यक्तिगत रूप से एक सौहार्दपूर्ण कार्यस्थल बनाने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हूं. जब तक यह उद्देश्य पूरा नहीं हो जाता, तब तक मैं चैन से नहीं बैठूंगा. बता दें कि इस घटना के बाद से काम के घंटे और कर्मचारियों के मानसिक स्वास्थ्य पर बहस शुरू हो गई है.
ऐसे में अब देश के अंदर ऑनलाइन ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म और ऑफलाइन रिटेल मार्केट के बीच सीधी प्रतिस्पर्धा देखने को मिलती है.
देश में त्योहारों का सिलसिला शुरू हो चुका है और धीरे-धीरे फेस्टिव सीजन जोर पकड़ रहा है. आने वाले दिनों में नवरात्रि से लेकर दीपावली जैसे बड़े त्योहार आ रहे हैं. हर साल की तरह इस बार भी त्योहारी सीजन में बाजार और अर्थव्यवस्था को तेजी मिलने वाली है. हालिया सालों में ऑनलाइन खरीदारी के बढ़े ट्रेंड ने ई-कॉमर्स सेक्टर के लिए फेस्टिव सीजन को खास बना दिया है. इस बार भी उम्मीद की जा रही है कि त्योहारों के दौरान ई-कॉमर्स कंपनियों की बिक्री जबरदस्त रहेगी.
ऑनलाइन बिक्री में आ सकती है इतनी तेजी
मार्केट रिसर्च फर्म की एक हालिया रिपोर्ट बताती है कि इस साल फेस्टिव सीजन में ई-कॉमर्स कंपनियों की बिक्री 12 बिलियन डॉलर के स्तर पर पहुंच सकती है. पिछले साल फेस्टिव सीजन में करीब 9.7 बिलियन डॉलर के सामानों की ऑनलाइन बिक्री हुई थी. रिसर्च फर्म का मानना है कि इस बार फेस्टिव सीजन सेल में 23 फीसदी की तेजी आने वाली है.
क्विक कॉमर्स की बिक्री यहां जाने की उम्मीद
रिपोर्ट के अनुसार, ई-कॉमर्स कंपनियों की कुल बिक्री में अच्छा-खासा योगदान तेजी से बढ़ रहे क्विक कॉमर्स सेगमेंट का रहने वाला है. क्विक कॉमर्स सेगमेंट से फेस्टिव सीजन के दौरान सेल में करीब 1 बिलियन डॉलर का योगदान आ सकता है.
मार्केट रिसर्च ने अपनी रिपोर्ट में बिक्री के आंकड़े के लिए जीएमवी यानी ग्रॉस मर्चेंडाइज वैल्यू का इस्तेमाल किया है. जीएमवी में ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म द्वारा की गई विभिन्न सामानों की बिक्री का सम्मिलित आंकड़ा शामिल होता है, लेकिन उसमें डिस्कांउट और रिटर्न को एडजस्ट नहीं किया जाता है.
सबसे ज्यादा इनकी बिक्री की उम्मीद
रिपोर्ट के अनुसार, फेस्टिव सीजन के दौरान ऑनलाइन सेल में सबसे ज्यादा योगदान मोबाइल और फैशन जैसी श्रेणियों का रहने वाला है. कुल बिक्री में इनका योगदान 50 फीसदी के बराबर रह सकता है. क्विक कॉमर्स की हिस्सेदारी ग्रॉसरी की बिक्री में तेजी से बढ़ रही है. रिपोर्ट में उम्मीद जताई गई है कि फेस्टिव सीजन में ग्रॉसरी की ऑनलाइन बिक्री में क्विक कॉमर्स का योगदान 50 फीसदी पर पहुंच सकता है, जो पिछले साल 37.6 फीसदी पर रहा था.
27 सितंबर से फेस्टिव सीजन सेल
दरअसल त्योहारी महीनों के दौरान हर साल भारत में विभिन्न सेक्टरों में बिक्री तेज हो जाती है. त्योहारों के दौरान लोग ग्रॉसरी से लेकर कपड़े और स्मार्टफोन व अन्य घरेलू उपकरण से लेकर कार व बाइक तक की जमकर खरीदारी करते हैं. फेस्टिव सीजन को ध्यान में रखकर ई-कॉमर्स कंपनियां स्पेशल सेल भी लगाती हैं. इस बार अमेजन और फ्लिपकार्ट के फेस्टिव सीजन सेल की शुरुआत 27 सितंबर से हो रही है.
तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम बोर्ड (TTD) की तरफ से मंदिर की रसोई में में ही प्रसाद के रूप में मिलने वाले लड्डू तैयार किए जाते हैं. एक लड्डू का वजन करीब 175 ग्राम होता है.
आंध्र प्रदेश के विश्वप्रसिद्ध तिरुपति मंदिर के प्रसाद को लेकर इस समय बवाल मचा हुआ है. इस बवाल की वजह है मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू का प्रसाद को लेकर पूर्व सरकार पर लगाया गया आरोप. मौजूदा CM नायडू का कहना है कि पिछली जगनमोहन रेड्डी की सरकार में महाप्रसादम बनाने में जिस घी का इस्तेमाल किया जाता था उसमें बीफ-सूअर की चर्बी और मछली का तेल की मिलावट थी.
मंदिर में होते हैं तैयार
सत्ताधारी TDP ने जगनमोहन रेड्डी की पार्टी वाईएसआर कांग्रेस पर हिंदुओं की आस्था और विश्वास को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाया है. एक रिपोर्ट में नायडू के आरोपों की पुष्टि का दावा भी किया गया है. रिपोर्ट के अनुसार, लड्डू बनाने के लिए इस्तेमाल होने वाला घी शुद्ध नहीं था और इसमें सूअर-गाय की चर्बी मिलाई गई थी. गौरतलब है कि प्रसाद के रूप में मिलने वाले खास तरह के लड्डू मंदिर की ही रसोई में तैयार किए जाते हैं और इन्हें पोटू कहा जाता है.
छह बार बदली रेसिपी
तिरुपति बालाजी मंदी में मिलने वाले महाप्रसाद के लड्डू बनाने की प्रक्रिया को 'दित्तम' के नाम से जाना जाता है. इसमें खास मात्रा में सभी चीजें डाली जाती हैं. करीब 300 साल के इतिहास में इसकी रेसिपी में केवल छह बार बदलाव किया गया है. तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम बोर्ड (TTD) की तरफ से कुछ समय पहले बताया गया था कि प्रसाद के लड्डू को खराब होने से बचाने के लिए इसमें गुड़ का सीरा उपयोग किया जाता है. इसके बाद इसमें आंवला, काजू और किशमिश को मिलाया जाता है. लड्डू की बूंदी बनाने के लिए शुद्ध घी इया इस्तेमाल किया जाता है.
हर रोज 3 लाख लड्डू
टीटीडी हर रोज लगभग 3 लाख लड्डू तैयार करवाता है. प्रसाद के रूप में मिलने वाले इन लड्डुओं से तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम बोर्ड को हर साल मोटी कमाई होती है. एक अनुमान के मुताबिक, बोर्ड को लड्डुओं की बिक्री से लगभग 500 करोड़ रुपए की सालाना कमाई होती है. 1715 से ही लगातार प्रसाद में लड्डू बनाए जा रहे हैं. 2014 में तिरुपति के लड्डू को जीआई टैग भी मिल गया. इसका मतलब है कि अब इस नाम से कोई और लड्डू नहीं बेच सकता. एक लड्डू का वजन करीब 175 ग्राम होता है.
जुलाई में हुई थी पुष्टि
इसी साल जुलाई में एक लैब टेस्ट के दौरान पाया गया था कि महाप्रसादम में इस्तेमाल घी में कुछ बाहरी फैट मौजूद हैं. इसके बाद टीटीडी ने कॉन्ट्रैक्टर को ब्लैकलिस्ट कर दिया और कर्नाटक मिल्क फेडरेशन से घी लेना शुरू कर दिया. तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम बोर्ड एक किलो घी के लिए कॉन्ट्रैक्टर को 320 रुपए का भुगतान करता था. जबकि कर्नाटक मिल्क फेडरेशन से एक लीटर शुद्ध घी उसे 475 रुपए में पड़ रहा है. तेलुगु देशम पार्टी (TDP) ने अब इसी रिपोर्ट को सार्वजनिक करके पूर्व सरकार को कठघरे में खड़ा किया है.
अशनीर ग्रोवर के एक रिश्तेदार की भारत पे मामले में गिरफ्तारी हुई है. यह पहली बार है जब अशनीर ग्रोवर के परिवार के सदस्य को मामले में अरेस्ट किया गया है.
भारतपे (BharatPe) के फाउंडर एवं पूर्व मैनेजिंग डायरेक्टर अशनीर ग्रोवर की मुश्किल बढ़ गई है. भारतपे मामले में अशनीर के एक रिश्तेदार को गिरफ्तार कर लिया गया है. यह गिरफ्तारी भारतपे के फंड्स की कथित हेराफेरी के मामले में की गई है. यह गिरफ्तारी दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा यानी EOW ने की है. ऐसा पहली बार हुआ है जब अशनीर ग्रोवर के परिवार के किसी सदस्य को इस मामले में अरेस्ट किया गया है.
अशनीर का रिश्तेदार अरेस्ट
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार दीपक गुप्ता नाम के व्यक्ति की इस मामले में गिरफ्तारी हुई है. उन्हें 19 सितंबर को अरेस्ट किया गया. वह अशनीर की पत्नी माधुरी जैन की बहन के पति हैं. इस मामले में माधुरी ग्रोवर पर भी कई आरोप लगे थे, जिसके बाद उन्हें कंपनी से बर्खास्त कर दिया गया था. दीपक गुप्ता को फिलहाल दिल्ली के मंदिर मार्ग पुलिस स्टेशन में रखा गया है, जहां से उन्हें कोर्ट में पेशी के बाद पुलिस रिमांड में रखने की मांग की जाएगी. उन्हें साकेत कोर्ट की चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट के पास पेश किया जाएगा.
परिवार के कई सदस्यों के खिलाफ चल रहा मामला
भारत पे ने अशनीर ग्रोवर और उनके परिवार के 5 सदस्यों के खिलाफ दिसंबर 2022 में दिल्ली पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी. उनमें अशनीर ग्रोवर के अलावा उनकी पत्नी माधुरी जैन ग्रोवर, माधुरी जैन के भाई श्वेतांक जैन, माधुरी के पिता सुरेश जैन और दीपक गुप्ता का नाम शामिल है. इन सभी लोगों पर भारत पे के 81.30 करोड़ रुपये का गबन करने का आरोप लगा है.
परिवार पर लगे ये आरोप
अशनीर और उनके परिवार के लोगों के खिलाफ भारत पे ने मुकदमा दर्ज करते हुए आरोप लगाया था कि फर्जी ह्यूमन रिसोर्स कंसल्टेंट के नाम पर फर्जी भुगतान और वेंडर्स के गैर जरूरी पेमेंट के जरिए कंपनी के पैसों का गबन किया गया है. भारतपे के अनुसार, कई लोगों के नाम पर फर्जी इनवॉइस बनाकर कंपनी के करोड़ों रुपये इधर-उधर किए गए. दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने मई 2023 में अशनीर और उनके परिवार के खिलाफ केस दर्ज करके मामले की जांच शुरू की थी. पिछले महीने इस मामले में अमित कुमार बंसल नाम के व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया था, जिसके ऊपर 2019 से 2021 के बीच 72 करोड़ रुपये की गड़बड़ी करने का आरोप लगा है. अब अशनीर के परिवार तक गिरफ्तारी की आंच पहुंचने लगी है.
पिछली कई बार से रिजर्व बैंक ने रेपो रेट को यथावत रखा हुआ है. अगले महीने फिर इस मुद्दे पर RBI की बैठक होनी है.
रिजर्व बैंक (RBI) ने महंगाई नियंत्रित करने के नाम पर पूर्व में कई बार कर्ज महंगा किया, लेकिन आंकड़ों में महंगाई के नरम होने के बावजूद रेपो रेट में कटौती नहीं की. पिछले महीने हुई बैठक में भी RBI ने नीतिगत ब्याज दर यानी रेपो रेट को यथावत रखने का फैसला लिया. यह लगातार नौंवी बार था जब RBI ने रेपो रेट में की बदलाव नहीं किया. अब सवाल यह उठता है कि आखिर रिजर्व बैंक Repo Rate में कटौती करके कर्ज सस्ता बनाने का निर्णय कब लेगा?
इस वजह से बनी उम्मीद
एसबीआई रिसर्च की एक रिपोर्ट की मानें, तो हाल-फिलहाल रेपो रेट में कमी की कोई संभावना नहीं है. रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व की ओर से नीतगत ब्याज दरों में 50 आधार अंकों (BPs) की कटौती के बाद भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) भी इस तरह के कदम पर विचार कर सकता है, लेकिन ऐसा इस साल होने की उम्मीद कम है. संभावित रूप से फरवरी 2025 तक RBI रेपो रेट में कटौती का फैसला ले सकता है.
मुद्रास्फीति में आई कमी
रिपोर्ट में बताया गया है कि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) मुद्रास्फीति अगस्त 2024 में सालाना आधार पर 3.65% के करीब पहुंचते हुए पांच साल के निचले स्तर पर आ गई है. इसके बावजूद 2024 में आरबीआई की ओर से किसी भी दर कटौती की उम्मीद कम है. अब तक के अनुमानों के अनुसार 2025 की शुरुआत में संभवत: फरवरी में दर में कटौती का फैसला लिया जा सकता है.
अगले महीने है बैठक
SBI की रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि सितंबर और अक्तूबर में मुद्रास्फीति में अपेक्षित उछाल के बावजूद, आने वाले महीनों में CPI मुद्रास्फीति के 5% से नीचे या उसके करीब रहने का अनुमान है. पूरे वित्त वर्ष 2024-25 के लिए औसत मुद्रास्फीति 4.6 प्रतिशत से 4.7 प्रतिशत के बीच रह सकती है. मालूम हो कि फरवरी 2023 से नीतिगत ब्याज दर 6.5 प्रतिशत पर बनी हुई है. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) की बैठक अगले महीने 7 से 9 अक्तूबर तक चलेगी. इस बैठक में नीतिगत ब्याज दरों को लेकर फैसला होता है.
क्या होती है रेपो रेट?
रेपो रेट (Repo Rate) वह दर होती है, जिस पर आरबीआई बैंकों को कर्ज देता है. वहीं, रिवर्स रेपो रेट उस दर को कहते हैं जिस पर बैंकों को आरबीआई के पास पैसा रखने पर ब्याज मिलता है. जब रेपो रेट में बढ़ोत्तरी होती है, तो बैंकों के लिए कर्ज महंगा हो जाता है और वो ग्राहकों के कर्ज को भी महंगा कर देते हैं. यानी वह अपना बढ़ा बोझ ग्राहकों पर लाद देते हैं. बैंक केवल नए लोन ही महंगे नहीं करते, बल्कि पुराने लोन भी महंगे कर देते हैं, जिससे आपकी EMI बढ़ जाती है.
गौतम अडानी का नाम ही काफी है. जैसे ही यह खबर आम हुई कि अडानी एक कंपनी में हिस्सेदारी खरीदने वाले हैं, उसके शेयर तेजी से भागने लगे.
अरबपति कारोबारी गौतम अडानी (Gautam Adani) के नेतृत्व वाला अडानी समूह (Adani Group) एक और कंपनी खरीदने जा रहा है. एक रिपोर्ट के अनुसार, अडानी समूह ने आईटीडी सीमेंटेशन इंडिया (ITD Cementation India) में 46.64% हिस्सेदारी खरीदने की योजना बनाई है. इस हिस्सेदारी को कंपनी के प्रमोटर से खरीदा जाएगा. इस खबर के सामने आते ही ITD के शेयरों में तूफानी तेजी देखने को मिली है.
आएगा ओपन ऑफर
रिपोर्ट में बताया गया है कि अडानी समूह करीब 5,888.57 करोड़ रुपए में आईटीडी सीमेंटेशन इंडिया में हिस्सेदारी खरीदने वाला है. इसके बाद ग्रुप कंपनी के माइनॉरिटी शेयरधारकों के लिए एक ओपन ऑफर भी ला सकता है. इस अधिग्रहण का उद्देश्य अडानी समूह की सिविल इंजीनियरिंग क्षमताओं को मजबूत करना है. बताया जा रहा है कि दोनों पक्षों में डील को लेकर सहमति बन गई है और जल्द ही इसका औपचारिक ऐलान हो सकता है.
प्रमोटर की हिस्सेदारी
जून तिमाही तक के आंकड़ों के अनुसार, ITD सीमेंटेशन की 46.64% हिस्सेदारी उसकी प्रमोटर इटैलियन-थाई डेवलपमेंट पब्लिक कंपनी के पास थी. कंपनी ने कुछ समय स्टॉक एक्सचेंज को बताया था कि ITD सीमेंटेशन के प्रमोटर शेयरधारक अपनी हिस्सेदारी बेचने पर विचार कर रहे हैं. यदि प्रमोटर हिस्सेदारी बेचने का फैसला लेते हैं, तो कंपनी के 26% अतिरिक्त शेयरों के लिए एक ओपन ऑफर भी लाया जाएगा.
क्या करती है कंपनी?
ITD सीमेंटेशन की स्थापना 1931 में हुई थी. यह देश की लीडिंग इंजीनियरिंग और कंस्ट्रक्शन कंपनी है. इसे Maritime Structures, Mass Rapid Transit Systems, Airports और Hydro-Electric Power में विशेषज्ञता हासिल है. ITD सीमेंटेशन का मौजूदा मार्केट कैपिटलाइजेशन 8,097 करोड़ रुपए है. आज सुबह से ही कंपनी के शेयरों में उछाल देखने को मिल रहा है. दोपहर करीब 1 बजे तक यह 19 प्रतिशत से अधिक की छलांग के साथ 562.60 रुपए पर पहुंच गए थे. इस साल अब तक ये शेयर 93.90% का शानदार रिटर्न दे चुका है.
सेबी के बाद एक सरकारी बैंक के टॉप मैनेजमेंट पर गंभीर आरोप लगे हैं. बैंक यूनियन का कहना है कि प्रबंधन लगातार कर्मचारियों की अनदेखी कर रहा है.
सरकारी संस्थानों में कामकाज का माहौल बेहद तनावपूर्ण होता जा रहा है. हाल ही में बाजार नियामक सेबी के कर्मचारियों ने प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाये थे. नाराज़ कर्मचारियों का कहना था कि सेबी नेतृत्व टॉक्सिक वर्क कल्चर को बढ़ावा दे रहा है. अब ऐसे ही आरोप यूनियन बैंक ऑफ इंडिया (Union Bank Of India) के प्रबंधन पर लगे हैं. इस सरकारी बैंक से जुड़ी यूनियन का कहना है कि बैंक का नेतृत्व स्वस्थ और सहयोगी कार्य वातावरण को बढ़ावा देने के बजाय, डराने-धमकाने और नीतिगत उल्लंघनों पर केंद्रित है.
एक दिन की हड़ताल का ऐलान
यूनियन बैंक ऑफ इंडिया में दो बहुसंख्यक मान्यता प्राप्त ट्रेड यूनियन - ऑल इंडिया यूनियन बैंक ऑफिसर्स फेडरेशन (AIUBOF) और ऑल इंडिया यूनियन बैंक एम्प्लॉइज एसोसिएशन (AIUBEA) ने संयुक्त रूप से बैंक के शीर्ष प्रबंधन, जिसमें MD, CEO और कार्यकारी निदेशक (HR) शामिल हैं, के गैर-जिम्मेदार और शत्रुतापूर्ण रवैये की निंदा की है. बैंक के प्रबंधन की कार्यप्रणाली से नाराज यूनियन ने 27 सितंबर को एक दिन की हड़ताल का भी ऐलान किया है.
लगातार उपेक्षा का आरोप
AIUBOF और AIUBEA का कहना है कि बैंक का टॉप मैनेजमेंट अधिकारियों और कर्मचारियों की वैध चिंताओं की लगातार उपेक्षा करके टॉक्सिक वर्क कल्चर को बढ़ावा दे रहा है. उनका आरोप है कि बैंक अधिकारियों को ऐसे लक्ष्य दिए जा रहे हैं जिन्हें पूरा करना संभव नहीं. उन्हें ट्रांसफर और अनुशासनात्मक कार्रवाई का डर दिखाया जा रहा है. यहां तक कि प्रबंधन अनैतिक प्रथाओं को भी प्रोत्साहित कर रहा है. इससे आंतरिक धोखाधड़ी की आशंका बढ़ी है और पब्लिक फंड गंभीर जोखिम में आ गया है.
चिंताओं को किया खारिज
यूनियन का कहना है कि बैंक प्रबंधन ने बाहरी HR सलाहकारों की गलत सलाह पर भरोसा करते हुए जानबूझकर भर्ती प्रक्रिया को रोका हुआ है. जबकि AIUBOF और AIUBEA द्वारा उठाई गई चिंताओं को खारिज कर दिया है. उन्होंने आरोप लगाया कि बिना किसी तैयारी के एकतरफा फैसले और खराब नीतियां लागू की गई हैं, जिसके परिणामस्वरूप बार-बार विफलताएं हुई हैं, जो बैंक के संचालन और प्रदर्शन को कमजोर करती हैं. यूनियन का यह भी आरोप है कि टॉप मैनेजमेंट कस्टमर्स को जबरन डिजिटल प्लेटफॉर्म की ओर धकेल रहा है, जबकि ये प्लेटफॉर्म अभी तक ग्राहक-अनुकूल बने भी नहीं हैं.
कोई विकल्प नहीं बचा
AIUBOF और AIUBEA का कहना है कि लगातार की जा रही अनदेखी के बाद बैंक प्रबंधन ने 17-18 सितंबर को यूनियनों द्वारा प्रस्तुत 20-सूत्रीय एजेंडे पर चर्चा करने के लिए एक संयुक्त बैठक बुलाई थी, लेकिन कार्यकारी निदेशक (मानव संसाधन) संजय रुद्र ने जानबूझकर और मनमाने ढंग से सहमति वाले बिंदुओं को कमजोर करने की कोशिश की. लिहाजा, अब यूनियन के पास टॉप मैनेजमेंट की नीतियों के खिलाफ हड़ताल के अलावा कोई और विकल्प नहीं बचा है. इसी के मद्देनजर AIUBOF और AIUBEA के संयुक्त तत्वाधान में 27 सितंबर, 2024 को एक दिवसीय हड़ताल करने का निर्णय लिया है.
अब सरकार से है उम्मीद
यूनियन का कहना है कि इस हड़ताल की पूरी जिम्मेदारी यूनियन बैंक के टॉप मैनेजमेंट की है. AIUBOF के जनरल सेक्रेटरी PM बालाचंद्र और AIUBEA के जनरल सेक्रेटरी एन शंकर ने कहा कि हमें उम्मीद है कि हड़ताल वित्तीय सेवा विभाग (DFS), भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) और वित्त मंत्रालय सहित प्रमुख हितधारकों का ध्यान आकर्षित करेगी. साथ ही वे यूनियन बैंक के नेतृत्व द्वारा लिए जा रहे विनाशकारी फैसलों पर गौर करेंगे और इस महत्वपूर्ण सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक के भविष्य की सुरक्षा के लिए तत्काल कदम उठाएंगे.
राधाकिशन दमानी ने बल्क डील के ज़रिए VST इंडस्ट्रीज में 439.05 रुपये प्रति शेयर की औसत कीमत पर 1 लाख शेयर बेचे.
शेयर मार्केट के दिग्गज और जाने-माने निवेशक राधाकृष्ण दमानी ने बल्क डील में VST इंडस्ट्रीज के 1,00,000 शेयरों की बिक्री की. शेयरों की बिक्री 439.05 रुपये प्रति शेयर की औसत कीमत के हिसाब से हुई. दमानी ने 18 सितंबर को भी 1,00,000 शेयरों की बिक्री की थी. 30 जून 2024 के मुताबिक, दमानी के पास VST इंडस्ट्रीज में 3.47 पर्सेट हिस्सेदारी थी.
कौन-कौन रहे खरीददार?
रिलायंस म्यूचुअल फंड ने 439.96 रुपये प्रति शेयर के औसत भाव पर VST इंडस्ट्रीज के 85,000 शेयर खरीदे हैं, जबकि थ्रिफ्ट सेविंग्स प्लान ने 440.74 के औसत भाव पर 83,970 शेयरों को खरीदा है. SBI म्यूचुअल फंड ने 120 रुपये प्रति शेयर की औसत कीमत पर क्यूब इनविट (Cube Invit) के 82 लाख यूनिट्स खरीदे.
बाकी खरीदारों में कोटक महिंद्रा लाइफ इंश्योरेंस (1.64 करोड़), ASK फाइनेंशियल होल्डिंग्स (82 लाख), लार्सन एंड टुब्रो ऑफिसर्स एंड सुपरवाइजरी स्टाफ प्रोविडेंट फंड (90 लाख), एलएंडटी वेलफेयर कंपनी लिमिटेड (9 लाख), लार्सन एंड टुब्रो लिमिटेड (4 करोड़) शामिल हैं. दूसरी तरफ, क्यूब मोबिलिटी इनवेस्टमेंट्स प्राइवेट लिमिटेड ने 2.8 करोड़ शेयरों की बिक्री की और क्यूब हाइवेज एंड इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड ने कंपनी में 10 करोड़ शेयरों की बिक्री की.
रोहिणी नीलेकणि के स्मॉलकैप पोर्टफोलियो ने 105.21 रुपये प्रति शेयर की औसत कीमत पर ऑलकार्गो गति के 8.13 लाख शेयर खरीदें. फिडूशियन इंडिया फंड (Fiducian India Fund) ने एरी एग्रो के 66,589 शेयरों को 271 रुपये प्रति शेयर की औसत कीमत पर खरीदा. इंडिया एडवांटेज फंड 54-1 ने EPACK ड्यूरेबल लिमिटेड के 10 लाख शेयरों को 380.19 रुपये प्रति शेयर की औसत कीमत पर खरीदा.