Zomato और Suzlon के साथ हुआ कुछ बड़ा, क्या आज शेयरों पर दिखेगा असर?

शेयर बाजार में आज फूड डिलीवरी कंपनी जोमैटो और सुजलॉन एनर्जी के शेयरों में उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है.

पवन कुमार मिश्रा by
Published - Monday, 01 April, 2024
Last Modified:
Monday, 01 April, 2024
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फूड डिलीवरी कंपनी जोमैटो (Zomato) को बड़ा झटका लगा है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, कंपनी को भारी भरकम GST भुगतान का नोटिस मिला है. कर्नाटक में कमर्शियल टैक्स (ऑडिट) के असिस्टेंट कमिश्नर ने यह नोटिस जारी किया है. इस नोटिस में जोमैटो से 23.26 करोड़ रुपए की टैक्स डिमांड की गई है. इसमें ब्याज और जुर्माना भी शामिल है. इसी तरह, रिन्यूएबल एनर्जी से जुड़ी कंपनी सुजलॉन एनर्जी लिमिटेड (Suzlon Energy) को भी 260.35 करोड़ का टैक्स चुकाने को कहा गया है.

आदेश को चुनौती देगी कंपनी
वहीं, Zomato का कहना है कि वो आदेश को उपयुक्त प्राधिकार के समक्ष चुनौती देगी. जोमैटो ने बीएसई को दी सूचना में बताया कि कंपनी को वित्त वर्ष 2018-19 के लिए सहायक वाणिज्यिक कर आयुक्त (ऑडिट) कर्नाटक से 11,27,23,564 करोड़ रुपए की GST (वस्तु एवं सेवा कर) मांग को लेकर नोटिस मिला है. ब्याज और जुर्माने के साथ यह राशि 23,26,64,271 रुपए हो जाती है. कंपनी ने आगे कहा कि हमारा मानना है कि गुण-दोष के आधार पर हमारा मामला मजबूत है और हम इस आदेश के खिलाफ अपील करेंगे.

ऐसा है कंपनी के शेयरों का हाल
GST नोटिस की खबर छुट्टी वाले दिन आई थी. लिहाजा, इसका Zomato के शेयरों पर क्या असर पड़ता है, ये आज पता चलेगा. कंपनी ने शेयर पिछले कारोबारी सत्र में 1.50% की उछाल एक साथ 182.15 रुपए पर बंद हुए थे. पिछले 5 सत्रों में इस शेयर ने 6.65% का रिटर्न दिया है. जबकि इस साल अब तक ये 46.31% ऊपर चढ़ चुका है. एक्पर्ट्स का मानना है कि जीएसटी नोटिस का असर कंपनी के शेयर पर देखने को मिल सकता है. बाजार में शुरुआती घंटे काफी अहम होंगे.  यदि बीते एक साल में कंपनी के स्टॉक मार्केट में प्रदर्शन की बात करें, तो यह शेयर अपने निवेशकों को 250.63% का रिटर्न दे चुका है.

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Suzlon को भी लगा बड़ा झटका
उधर, इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने Suzlon Energy पर 260.35 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया है. डिपार्टमेंट के नेशनल फेसलेस एसेसमेंट सेंटर ने एसेसमेंट ईयर 2016-17 और 2017-18 के मामले में यह कार्रवाई की है. यह जुर्माना गुडविल पर आधारित डेप्रिसिएशन के क्लेम को अस्वीकार करने से जुड़ा है. सुजलॉन एनर्जी आयकर विभाग द्वारा लगाए गए जुर्माने पर आपत्ति जताई है. कंपनी ने कहा है कि पहले के न्यायिक आदेशों को ध्यान में रखते हुए उसका मानना है कि जब तक इस सिलसिले में अपील पर सुनवाई पूरी नहीं की जाती, तब तक जुर्माने की कार्यवाही को रोका जाना चाहिए. सुजलॉन एनर्जी के मुताबिक, इस मामले में अपील फिलहाल ट्रिब्यूनल के पास लंबित है, लिहाजा पेनल्टी ऑर्डर को उचित नहीं माना जा सकता.

अब तक दिया है शानदार रिटर्न
शेयर बाजार में कंपनी के प्रदर्शन की बात करें, तो Suzlon Energy के शेयर धूम मचा रहे हैं. पिछले कारोबारी सत्र में यह 4.94% की उछाल के साथ 40.40 रुपए पर बंद हुआ था. बीते 5 कारोबारी सत्रों में इस शेयर ने शानदार 10.38 प्रतिशत का रिटर्न दिया है. जबकि इस साल अब तक ये 4.94% ऊपर चढ़ चुका है. पिछले एक साल में Suzlon के शेयर अपने निवेशकों को 408.18% का रिटर्न देकर मालामाल कर चुके हैं. इस रिन्यूएबल एनर्जी कंपनी का पोर्टफोलियो मजबूत है. उसे लगातार नए ऑर्डर मिल रहे हैं, इस वजह से उसके शेयरों की चाल भी तेज हो रही है.


क्या आपका बैंक भी वसूल रहा है ज्यादा इंट्रेस्ट? जानिए कैसे RBI लगाएगा लगाम

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने एक सर्कुलर जारी करते हुए बैंको को ग्राहकों से वसूले गए अतिरिक्त शुल्क को वापस करने का निर्देश दिया है.

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Tuesday, 30 April, 2024
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अगर आपसे भी बैंक ने गलत या अतिरिक्त ब्याज (Interest) वसूला है, तो अब उनकी खैर नहीं, दरअसल रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने कुछ बैंकों द्वारा ब्याज वसूलने में अनुचित तरीकों का इस्तेमाल करने पर चिंता जताई है. आरबीआई ने ऐसे बैंकों को ब्याज प्रक्रिया में सुधार करने और ग्राहकों से वसूले गए अतिरिक्त शुल्क को वापस करने का निर्देश दिया है. 

बैंकों को दिए ये निर्देश
इस मामले में आरबीआई ने एक सर्कुलर जारी करते हुए कहा है कि मौके पर जांच के दौरान आरबीआई को ऋणदाताओं द्वारा ब्याज वसूलने में कुछ अनुचित तरीकों का इस्तेमाल करने के मामले मिले हैं. इसके बाद सभी बैंको को निर्देश दिया है कि वे लोन देने के तरीके, ब्याज और अन्य शुल्क के संबंध में अपनाई प्रक्रियाओं की समीक्षा करें और जरूरत के अनुसार उसमें बदलावकरें कार्रवाई करें. 

जांच के दौरान सामने आए ये मामले 
जानकारी के अनुसार आरबीआई को मौके पर जांच के दौरान ऐसे मामले मिले, जिसमें कर्ज मंजूरी की तारीख से ब्याज वसूला जा रहा था, जबकि ग्राहक को पैसा देने की तारीख से ब्याज वसूला जाना चाहिए. ऐसे भी मामले सामने आए जहां चेक की तारीख से ब्याज वसूला गया, जबकि ग्राहक को चेक कई दिनों बाद सौंपा गया. साथ ही कुछ बैंक लोन वितरण या दोबारा भुगतान के मामले उस अवधि के लिए ब्याज नहीं ले रहे थे, जिसके लिए लोन बकाया था.

बैंक ग्राहकों को वापस करेगा अतिरिक्त ब्याज
आरबीआई ने कहा है कि जहां भी इस तरह के मामले सामने आए हैं, वहां बैंकों को ग्राहकों से लिए अतिरिक्त ब्याज और अन्य शुल्क वापस करने को कहा गया है. इसके अलावा कुछ मामलों में लोन वितरण के लिए जारी किए गए चेक के बदले बैंकों को फंड ऑनलाइन ट्रांसफर करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है.

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रघुराम राजन ने ग्रोथ रेट को लेकर उठाया सवाल, तो कृष्‍णमूर्ति ने दिया ये जवाब...

रघुराम राजन के साथ चर्चा के कार्यक्रम में भारत के पूर्व चीफ इकोनॉमिक एडवाइजर भी शामिल थे. उन्‍होंने कहा कि मैं ये समझ नहीं पाता कि आखिर वो भारत की ग्रोथ रेट से संतुष्‍ट क्‍यों नहीं हैं.  

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Tuesday, 30 April, 2024
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रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन सरकार की अलग-अलग मामलों को लेकर अक्‍सर आलोचना करते रहते हैं. इसी कड़ी में अब पूर्व गवर्नर ने देश की ग्रोथ रेट को लेकर सवाल उठाया है. उन्‍होंने कहा है कि भारत की असली ग्रोथ रेट 8 से 8.5 प्रतिशत नहीं है बल्कि 6 से 6.5 प्रतिशत है. उन्‍होंने जिस कार्यक्रम में ये जानकारी दी उसमें पूर्व इकोनॉमिक एडवाइजर कृष्‍णमूर्ति सुब्रमण्‍यम भी मौजूद थे.

रघुराम राजन ने कही ये बात 
रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने नार्थ वेस्‍टर्न यूनिवर्सिटी के केलोग्‍स बिजनेस स्‍कूल में अपनी बात कहते हुए कहा कि अगर भारत को 2047 तक विकसित अर्थव्‍यवस्‍था बनना है तो उसके लिए जरूरी है कि उसे अगले कई सालों तक 9 से 10 प्रतिशत की तेजी के साथ आगे बढ़ना होगा. उन्‍होंने जब ये बात कही उस वक्‍त उनके सामने भारत के पूर्व चीफ इकोनॉमिक एडवाइजर मौजूद थे. राजन इससे पहले भी भारत की ग्रोथ रेट को लेकर सवाल उठाते रहे हैं. 

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कृष्‍णमूर्ति सुब्रमण्‍यम ने कही ये बात 
रघुराम राजन के ग्रोथ रेट पर उठाए गए सवाल के जवाब में कृष्‍णमूर्ति ने कहा कि मुझे समझ ये नहीं आता है कि रघुराम राजन भारत की ग्रोथ के आंकड़ों से संतुष्‍ट क्‍यों नहीं हैं. उन्‍होंने कहा कि थोड़ी देर के लिए हम ये मान लेते हैं कि भारत की ग्रोथ रेट 6 से 7 प्रतिशत की तेजी से आगे बढ़ रही है. लेकिन सवाल ये है कि हम इसमें 7 प्रतिशत की महंगाई दर को क्‍यों नहीं देख रहे हैं. उनके इस तर्क पर रघुराम राजन ने कहा कि इस तरह की महंगाई तब बढ़ती है जब आप तेजी से आगे बढ़ रहे होते हैं और आपकी आपूर्ति खत्‍म हो जाती है. देश में लेबर के वेजेज में इजाफा होने लगता है लेकिन भारत में ऐसा कुछ भी नहीं हुआ है. राजन ये भी कहते हैं कि भारत में फार्म्‍स सेक्‍टर में तो पर्याप्‍त लेबर मौजूद है लेकिन मैन्‍युफैक्‍चरिंग और सर्विस में नहीं हैं. उन्‍होंने ये भी कहा कि तेजी से ग्रोथ करते देश में रोजगार एक मजाक है. इसका मतलब है कि ये कम उत्‍पादकता है और उन्‍हें कहीं और नौकरी ढूंढ़नी चाहिए. 

लेबर मार्केट को लेकर कही ये बात 
रघुराम राजन ने लेबर मार्केट को लेकर कहा कि देश में इसकी स्थिति सही नहीं है. इसी का नतीजा है कि देश में ज्‍यादातर लोग सरकारी नौकरी के लिए आवेदन कर रहे हैं. राजन ने ये भी कहा कि मैन्‍युफैक्‍चरिंग ग्रोथ कैपिटल इंसेटिव पार्ट में हो रही है ना कि लेबर इंटेसिव पार्ट में. उन्‍होंने कहा कि अगर हम मैन्‍युफैक्‍चरिंग में लेबर इंसेंटिव पार्ट पर नजर डालें तो उसे देखकर पता चलता है कि 23 में से 12 सेक्‍टर में ये आईआईपी 2016 से कम बना हुआ है. कोरोना के कारण सभी तरह के उद्योगों को इससे भारी नुकसान हुआ है. 

 


Wipro के नए सीईओ पर पैसों की बरसात, जानते हैं कितनी है Srinivas Pallia की सैलरी?

श्रीनिवास पल्लिया विप्रो के नए सीईओ हैं. वह इस दिग्गज आईटी कंपनी के साथ पिछले कई सालों से जुड़े हुए हैं.

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Tuesday, 30 April, 2024
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दिग्गज आईटी कंपनी विप्रो (Wipro) के नई सीईओ श्रीनिवास पल्लिया (Srinivas Pallia) को भारी-भरकम सैलरी मिलने वाली है. एक रिपोर्ट के अनुसार, श्रीनिवास को कंपनी ने 4.5 मिलियन डॉलर यानी करीब 37.53 करोड़ से 7 मिलियन डॉलर (करीब 58.40 करोड़ रुपए) तक का सालाना पैकेज ऑफर किया है. पल्लिया ने हाल ही में विप्रो के सीईओ और एमडी की जिम्मेदारी संभाली है. 

काफी पुराना है रिश्ता
श्रीनिवास पल्लिया ने थिएरी डेलापोर्टे की जगह ली है. डेलापोर्टे का कार्यकाल अगले साल यानी 2025 में समाप्त होने वाला था, लेकिन वह पहले ही चले गए. पल्लिया का विप्रो के साथ रिश्ता 1992 में जुड़ा था. तब से अब तक वह कंपनी में विभिन्न प्रमुख पदों पर काम कर चुके हैं. वह विप्रो की कंज्यूमर बिजनेस यूनिट के चेयरमैन, बिजनेस एप्लिकेशन सर्विस के ग्लोबल हेड और अमेरिकाज 1 के नाम से पहचानी जाने वाली स्ट्रेटजिक मार्केट यूनिट के सीईओ भी रहे हैं.  

किसे रिपोर्ट करेंगे पल्लिया?
पल्लिया अमेरिका में रहेंगे और विप्रो के चेयरमैन रिशद प्रेमजी को रिपोर्ट करेंगे. रिशद प्रेमजी ने 2007 में विप्रो जॉइन के थी. वह अजीम प्रेमजी के बेटे हैं. 2019 में कंपनी के एग्जीक्यूटिव चेयरमैन बनने से पहले उन्होंने कई पदों पर काम किया था. रिशद ने वेसलियन यूनिवर्सिटी से इकोनॉमिक्स की पढ़ाई करने के बाद हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से MBA किया था. वह नैसकॉम के चेयरमैन भी रह चुके हैं. श्रीनिवास पल्लिया को सीधे उन्हीं को रिपोर्ट करना होगा.  

पैकेज में ये सब शामिल
पल्लिया के पैकेज की बात करें, तो उसमें 1.7 से 3 मिलियन डॉलर तक की बेसिक सैलरी शामिल है. इसके साथ ही उन्हें हर साल 1.7 मिलियन डॉलर से 3 मिलियन डॉलर के टार्गेट वैरिएबल पे का भुगतान किया जाएगा. यह भुगतान कंपनी के प्रदर्शन के आधार पर बोर्ड ऑफ डायरेक्टर द्वारा निर्धारित किया जाएगा. पल्लिया को कुल 4 मिलियन डॉलर का स्टॉक कम्पनसेशन भी दिया जाएगा, जिसमें 1.4 मिलियन डॉलर के अमेरिकी डिपॉजिटरी शेयर्स, प्रतिबंधित स्टॉक यूनिट्स और 2.6 मिलियन डॉलर मूल्य के अन्य स्टॉक्स शामिल हैं. 

शेयरों का खराब प्रदर्शन
उन्हें 4 मिलियन डॉलर का स्टॉक अवार्ड भी मिलेगा. इसका भुगतान उन्हें धीरे-धीरे किया जाएगा. जैसे कि 2024 में 25%, 2026 में 25% और 2027 में शेष 50% दिया जाएगा. वहीं, विप्रो के स्टॉक की बात करें, तो इसमें आज भी नरमी का रुख है. खबर लिखे जाने तक कंपनी का शेयर गिरावट के साथ 462.40 रुपए पर कारोबार कर रहा था. इसका पिछले 5 दिनों का रिकॉर्ड भी अच्छा नहीं रहा है. इस साल अब तक इस आईटी स्टॉक में 3 प्रतिशत से ज्यादा की गिरावट आई है. इस शेयर का 52 वीक का हाई लेवल 545.90 रुपए है.


Stock Market: आज इन शेयरों में निवेश से बन सकता है आपका दिन, तेजी के मिले हैं संकेत

शेयर बाजार के लिए इस सप्ताह की शुरुआत शानदार रही. कल सेंसेक्स और निफ्टी दोनों उछाल के साथ बंद हुए थे.

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Tuesday, 30 April, 2024
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शेयर बाजार (Stock Market) के 'अच्छे दिन' चल रहे हैं. इस सप्ताह के पहले कारोबारी दिन ही बाजार बड़ी छलांग के साथ बंद हुआ. इस दौरान, बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 941.12 अंक चढ़कर 74671.28 और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का निफ्टी 223.45 अंकों की उछाल के साथ 22643.40 पर पहुंच गया. अंतरराष्‍ट्रीय बाजारों में मजबूती के बीच निवेशकों द्वारा चौतरफा की गई खरीदारी के चलते बाजार में यह तेजी देखने को मिली. चलिए जानते हैं कि आज कौनसे शेयर ट्रेंड में रह सकते हैं.

इनमें आ सकता है उछाल
मोमेंटम इंडिकेटर मूविंग एवरेज कन्वर्जेंस डिवर्जेंस (MACD) ने आज के लिए कुछ शेयरों में तेजी और कुछ में मंदी के संकेत दिए हैं. सबसे पहले तेजी वाले शेयरों की बात करते हैं. IRCTC, Vadilal Industries, Westlife Foodworld, Shriram Finance और VST Tillers Tractors में आज तेजी देखने को मिल सकती है. जाहिर है ऐसे में इन शेयरों पर दांव लगाकर आप मुनाफा भी कमा सकते हैं. हालांकि, BW हिंदी आपको सलाह देता है कि स्टॉक मार्केट में निवेश से पहले किसी सर्टिफाइड एक्सपर्ट से परामर्श जरूर कर लें, अन्यथा आपको नुकसान भी उठाना पड़ सकता है. 

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इनमें है मंदी के संकेत
MACD ने Mankind Pharma, Waaree Technologies, Ion Exchange और Bajaj Finance में मंदी का रुख दर्शाया है. इसका मतलब है कि इन शेयरों में आज गिरावट आ सकती है. लिहाजा इनमें निवेश को लेकर सावधान रहें. मैनकाइंड फार्मा के शेयर कल उछाल के साथ 2,375 रुपए पर बंद हुए थे. इस साल अब तक ये शेयर 20% चढ़ चुका है. Waaree Technologies के शेयर में सोमवार को 4 प्रतिशत से ज्यादा की नरमी आई और यह 1,813.60 रुपए पर पहुंच गया. इसी तरह, Ion Exchange और Bajaj Finance भी कल बढ़त के साथ कारोबार करते रहे.

इनमें मजबूत खरीदारी
अब उन शेयरों के बारे में जानते हैं, जिनमें मजबूत खरीदारी देखने को मिल रही है. इस लिस्ट में, SBI, ICICI Bank, Axis Bank, Divis Labs और Grasim Industries का नाम शामिल है. इनमें से कुछ शेयरों ने अपना 52 वीक का हाई लेवल पार कर लिया है. एसबीआई की बात करें, तो कल यह शेयर करीब 3 प्रतिशत की मजबूती के साथ 825 रुपए पर बंद हुआ था. इसी तरह, ICICI Bank के लिए भी कल का दिन अच्छा रहा. मोबाइल ऐप की गड़बड़, सहायक कंपनी के डीमर्जर को लेकर विवाद के बावजूद बैंक के शेयर मजबूती हासिल करने में कामयाब रहे. इसी तरह, Axis Bank और Grasim Industries के शेयरों में भी सोमवार को उछाल देखने को मिला.


बाबा को बड़ा झटका: Divya Pharmacy के ये 14 प्रोडक्ट्स बैन; आज SC में फिर सुनवाई 

रामदेव की मुश्किलों का अंत होता दिखाई नहीं दे रहा है. सुप्रीम कोर्ट की लताड़ के बीच उन्हें उत्तराखंड से भी झटका लगा है.

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Tuesday, 30 April, 2024
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विज्ञापनों में बड़े-बड़े दावे करना बाबा रामदेव (Baba Ramdev) को बहुत भारी पड़ रहा है. सुप्रीम कोर्ट इस मुद्दे पर जहां बाबा को जमकर फटकार लगा चुका है. वहीं, अब उनके लिए उत्तराखंड से भी बुरी खबर आई है. राज्य सरकार ने बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि की दिव्य फार्मेसी (Divya Pharmacy) के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है. राज्य के औषधि नियंत्रण विभाग के लाइसेंस प्राधिकरण ने दिव्य फार्मेसी के 14 प्रोडक्ट्स पर बैन लगा दिया है और उनके लाइसेंस भी सस्पेंड कर दिए हैं. 

इन उत्पादों पर लगा बैन
उत्तराखंड सरकार ने बाबा रामदेव की कंपनी द्वारा प्रकाशित भ्रामक विज्ञापन के चलते यह कार्रवाई की है. बाबा की कंपनी के जिन उत्पादों को प्रतिबंधित किया गया है उनमें, श्वासारि गोल्ड, श्वासारि वटी, ब्रोंकोम, श्वासारि प्रवाही, श्वासारि अवलेह, मुक्ता वटी एक्स्ट्रा पावर, लिपिडोम, बीपी ग्रिट, मधुग्रिट, मधुनाशिनी वटी, लिवामृत एडवांस, लिवोग्रिट, पतंजलि दृष्टि आई ड्रॉप और आईग्रिट गोल्ड शामिल हैं. इसके अलावा, बाबा और आचार्य बालकृष्ण के खिलाफ ड्रग्स एंड मैजिक रेमेडीज एक्ट के उल्लंघन के लिए आपराधिक शिकायत भी दर्ज कराई गई है.  

माफी मिलेगी या लगेगी फटकार? 
वहीं, पतंजलि के भ्रामक विज्ञापन मामले में सुप्रीम कोर्ट में आज फिर सुनवाई होगी. पिछली सुनवाई में अदालत ने रामदेव और उनकी कंपनी पतंजलि आयुर्वेद को जमकर फटकार लगाई थी. इसके बाद पतंजलि आयुर्वेद ने अखबारों में बड़े फॉण्ट के साथ सार्वजनिक तौर पर माफीनामा भी छपवाया, जिसमें कहा गया कि हम सुप्रीम कोर्ट का सम्मान करते हैं. साथ ही बाबा रामदेव ने यह भी कहा है कि इस तरह की गलती दोबारा नहीं होगी. हालांकि, ये बात अलग है कि इससे पहले अदालत बाबा का माफीनामा अस्वीकार कर चुकी है. अब देखने वाली बात ये होगी कि आज की सुनवाई में क्या होता है. बता दें कि इस मामले में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने बाबा और पतंजलि के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी. 

इधर मिल गया नोटिस
इस बीच, खबर है कि रामदेव की FMCG कंपनी पतंजलि फूड्स लिमिटेड को GST इंटेलिजेंस महानिदेशालय (DGGI) की तरफ से शो-कॉज नोटिस भेजा गया है. इस नोटिस में चंडीगढ़ स्थित डीजीजीआई द्वारा 27.5 करोड़ रुपए की जीएसटी की मांग की गई है. एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, डीजीजीआई चंडीगढ़ को जांच में कुछ फर्जी चालानों का पता चला है. आरोप है कि इसके आधार पर पतंजलि फूड्स द्वारा लगभग 27.46 करोड़ के फर्जी क्लेम किए गए.


अब इन दो बैंकों पर चला आरबीआई का चाबुक, जानते हैं क्‍या है इनकी गलती?

आरबीआई ने जिन दो बैंकों पर कार्रवाई की है उनमें एक पर 1 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है जबकि दूसरे पर 2 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. आरबीआई लगातार बैंकों पर कार्रवाई कर रहा है. 

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Monday, 29 April, 2024
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देश की अर्थव्‍यव्‍सथा की निगरानी से लेकर बैंकों के कारोबार पर निगरानी रखने वाली संस्‍था आरबीआई ने एक बार फिर दो बैंकों के खिलाफ कार्रवाई की है. इन बैंकों पर नियमों का पालन न करने को लेकर ये कदम उठाया है. RBI की ओर से जिन बैंकों के खिलाफ ये कदम उठाया गया है उनमें सेंट्रल को ऑपरेटिव बैंक और द वैश्‍य को ऑपरेटिव आदर्श बैंक जैसे नाम शामिल हैं. 

आखिर क्‍यों हुई है ये कार्रवाई 
आरबीआई की ओर से इन दो बैंकों के खिलाफ कार्रवाई हुई है उनमें सेंट्रल को ऑपरेटिव बैंक पर 1 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है जबकि द वैश्‍य को ऑपरेटिव आदर्श बैंक पर 2 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है. सेंट्रल बैंक पर आरोप है कि उसने NABARD(National Bank For Agriculture and Rural Devlopement) की ओर से धोखाधड़ी, क्लॉसीफिकेशन, रिपोर्टिंग और निगरानी के लिए जारी किए गए नियमों का पालन नहीं किया. आरबीआई की ओर से जांच में ये पाया गया कि फ्रॉड के मामलों में की सूचना देरी से दी गई है. इसी तरह दद वैश्‍य को ऑपरेटिव आदर्श बैंक पर KYC के नियमों का पालन न करने को लेकर कार्रवाई की गई है. 

आरबीआई लगातार कर रहा है कार्रवाई 
आरबीआई की ओर से समॉल फाइनेंस बैंकों से लेकर यूनिवर्सल बैंकों के खिलाफ लगातार कार्रवाई की जा रही है. जनवरी में पेटीएम के खिलाफ कार्रवाई के बाद अभी कुछ दिन पहले ही आरबीआई ने कोटक महिंद्रा बैंक के खिलाफ कार्रवाई की है. कोटक महिंद्रा बैंक पर क्रेडिट कार्ड के कारोबार में अनियमित्‍ता का आरोप था. इन दोनों फाइनेंस सेक्‍टर की कंपनियों पर कार्रवाई के बाद इन्‍हें बड़े नुकसान का सामना करना पड़ा था. 2023 में भी आरबीआई की ओर से कई बैंकों के खिलाफ कार्रवाई की गई थी.  

ये भी पढ़ें: Ola Cabs के सीईओ ने दिया इस्‍तीफा, जनवरी में ही हुई थी ज्‍वॉइनिंग


अब इन दो बैंकों पर चला आरबीआई का चाबुक, जानते हैं क्‍या है इनकी गलती?

आरबीआई ने जिन दो बैंकों पर कार्रवाई की है उनमें एक पर 1 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है जबकि दूसरे पर 2 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. आरबीआई लगातार बैंकों पर कार्रवाई कर रहा है. 

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Monday, 29 April, 2024
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देश की अर्थव्‍यव्‍सथा की निगरानी से लेकर बैंकों के कारोबार पर निगरानी रखने वाली संस्‍था आरबीआई ने एक बार फिर दो बैंकों के खिलाफ कार्रवाई की है. इन बैंकों पर नियमों का पालन न करने को लेकर ये कदम उठाया है. RBI की ओर से जिन बैंकों के खिलाफ ये कदम उठाया गया है उनमें सेंट्रल को ऑपरेटिव बैंक और द वैश्‍य को ऑपरेटिव आदर्श बैंक जैसे नाम शामिल हैं. 

आखिर क्‍यों हुई है ये कार्रवाई 
आरबीआई की ओर से इन दो बैंकों के खिलाफ कार्रवाई हुई है उनमें सेंट्रल को ऑपरेटिव बैंक पर 1 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है जबकि द वैश्‍य को ऑपरेटिव आदर्श बैंक पर 2 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है. सेंट्रल बैंक पर आरोप है कि उसने NABARD(National Bank For Agriculture and Rural Devlopement) की ओर से धोखाधड़ी, क्लॉसीफिकेशन, रिपोर्टिंग और निगरानी के लिए जारी किए गए नियमों का पालन नहीं किया. आरबीआई की ओर से जांच में ये पाया गया कि फ्रॉड के मामलों में की सूचना देरी से दी गई है. इसी तरह दद वैश्‍य को ऑपरेटिव आदर्श बैंक पर KYC के नियमों का पालन न करने को लेकर कार्रवाई की गई है. 

आरबीआई लगातार कर रहा है कार्रवाई 
आरबीआई की ओर से समॉल फाइनेंस बैंकों से लेकर यूनिवर्सल बैंकों के खिलाफ लगातार कार्रवाई की जा रही है. जनवरी में पेटीएम के खिलाफ कार्रवाई के बाद अभी कुछ दिन पहले ही आरबीआई ने कोटक महिंद्रा बैंक के खिलाफ कार्रवाई की है. कोटक महिंद्रा बैंक पर क्रेडिट कार्ड के कारोबार में अनियमित्‍ता का आरोप था. इन दोनों फाइनेंस सेक्‍टर की कंपनियों पर कार्रवाई के बाद इन्‍हें बड़े नुकसान का सामना करना पड़ा था. 2023 में भी आरबीआई की ओर से कई बैंकों के खिलाफ कार्रवाई की गई थी.  

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कौन हैं BSE के मालिक, जिन्होंने एक ही झटके में गंवा दिए इतने करोड़?

शेयर बाजार में आज अच्छी-खासी बढ़त देखने को मिली, लेकिन BSE के शेयरों में बड़ी गिरावट दर्ज हुई.

Last Modified:
Monday, 29 April, 2024
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शेयर बाजार (Stock Market) आज गुलजार नजर आया. पिछले सप्ताह की गिरावट को पीछे छोड़ते हुए बाजार में शानदार तेजी देखने को मिली. इस दौरान, सेंसेक्स 904.95 उछलकर 74,635.11 के लेवल पर पहुंच गया. बाजार में पैसा लगाने वालों के चेहरे खिले नजर आए. हालांकि, बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) के निवेशकों को बाजार की तेजी के बावजूद मायूसी हाथ लगी. BSE का शेयर सप्ताह के पहले दिन यानी सोमवार को 13.31% की बड़ी गिरावट के साथ बंद हुआ.  

पता चल गई गिरावट की वजह
BSE का शेयर पिछले पांच कारोबारी सत्रों से लाल निशान पर कारोबार कर रहा है. इस दौरान, यह 4.54% लुढ़क गया है. चलिए जानते हैं कि BSE के मालिक कौन हैं और इस गिरावट से उन्हें कितना नुकसान हुआ है. BSE में म्यूचुअल फंड कंपनियों से लेकर इंडिविजुअल इन्वेस्टर्स ने पैसा लगाया है. इसमें सबसे ज्यादा स्टेक रखने वालों को एक तरह से इसका मालिक कहा जा सकता है. बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज के शेयर में आई आज की गिरावट के चलते म्यूचुअल फंड कंपनियों को 406 करोड़ रुपए से ज्यादा का झटका लगा है. इस नरमी की वजह बाजार नियामक सेबी (SEBI) का एक निर्देश बताया जा रहा है. दरअसल, सेबी ने ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट्स के रेगुलेटरी फीस को प्रीमियम वैल्यू के बजाए नोशनल वैल्यू के आधार पर कैलकुलेट करने का निर्देश दिया है. इसी के चलते BSE के शेयरों में आज बड़ी गिरावट आई.

Invesco FM सबसे बड़ी स्टेकहोल्डर
अब यह भी जान लेते हैं कि BSE में किसकी कितनी हिस्सेदारी है और किसे, कितना नुकसान उठाना पड़ा है. मार्च 2024 तक के शेयरहोल्डिंग पैटर्न के अनुसार, बीएसई में सबसे बड़ी हिस्सेदारी Invesco Mutual Fund के पास है. उसके पोर्टफोलियो में BSE के 23 लाख शेयर हैं और सोमवार की गिरावट के चलते उसे 81 करोड़ का नुकसान हुआ. इस तरह उसके शेयरों की वैल्यू घटकर 658 करोड़ रुपए हो गई है. BSE में मोतीलाल ओसवाल के साथ ही एक्सिस और केनरा रोबेको की भी बड़ी हिस्सेदारी है.

इन्हें उठाना पड़ा इतना नुकसान
मोतीलाल ओसवाल म्यूचुअल फंड को आज की गिरावट से करीब 60 करोड़, एक्सिस म्यूचुअल फंड को 58 करोड़ और केनरा रोबेको म्यूचुअल फंड को 48 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है. पिछले महीने तक कुल 27 म्यूचुअल फंड कंपनियों के पास BSE लिमिटेड के 1.16 करोड़ शेयर थे, जिसकी मार्केट वैल्यू उस समय 3,304 करोड़ रुपए थी. वहीं, दिग्गग निवेशक Mukul Agrawal भी BSE के बड़े स्टेकहोल्डर्स में शुमार हैं. उनके पास कंपनी के 20 लाख शेयर या 1.48 फीसदी हिस्सेदारी है. उन्हें आज की गिरावट से करीब 70 करोड़ रुपएका नुकसान उठाना पड़ा है.

बालाचंद्रन के भी डूबे 167 करोड़
BSE के इंडिविजुअल स्टेकहोल्डर्स की बात करें, तो इस मामले में सिद्धार्थ बालाचंद्रन सबसे आगे हैं. उनके पास BSE के 47.6 लाख शेयर है, जो कंपनी की 3.52% हिस्सेदारी के बराबर है. आज BSE के शेयर में आई गिरावट से उनके करीब 167 करोड़ रुपए डूब गए हैं. बता दें कि बालाचंद्रन, ब्यूमर्क कॉरपोरेशन लिमिटेड के एग्जिक्यूटिव चेयरमैन एवं सीईओ हैं. वहीं, इंफोसिस के को-फाउंडर एस गोपालकृष्णन के पास बीएसई के 15.93 लाख शेयर हैं और उन्हें आज 56 करोड़ का नुकसान हुआ है. देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी LIC ने भी BSE में पैसा लगाया हुआ है. उसके पास कंपनी के 75.77 लाख शेयर (करीब 5.6% हिस्सेदारी) है. LIC को आज के गिरावट से लगभग 266 करोड़ रुपए की चपत लगी है. उसकी हिस्सेदारी की कुल मार्केट वैल्यू करीब 2,166 करोड़ रुपए है


Ola Cabs के सीईओ ने दिया इस्‍तीफा, जनवरी में ही हुई थी ज्‍वॉइनिंग 

हेमंत बख्‍शी के आने के बाद कंपनी में हाल ही में दो बड़ी नियुक्तियां भी हुई थी. इनमें सीएफओ और सीबीओ जैसे पदों पर लोगों को नियुक्‍त किया गया था. 

Last Modified:
Monday, 29 April, 2024
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जनवरी में ola Cabs की कमान संभालने वाले हेमंत बख्‍शी ने अपने पद से इस्‍तीफा दे दिया है. हेमंत बख्‍सी के इस्‍तीफे की खबर तब आई है जब आने वाले कुछ महीनों में ओला अपना आईपीओ लेकर आने वाली है. कंपनी कॉस्‍ट कटिंग को लेकर छंटनी करने की भी तैयारी कर रही है. इस छंटनी में 10 प्रतिशत कर्मचारियों के प्रभावित होने की संभावना है. हेमंत बख्‍सी जनवरी में ही HUL से Ola Cabs में आए थे. 

इस छंटनी का इतने कर्मचारियों पर पड़ने वाला है असर
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार,कंपनी कॉस्‍ट कटिंग करने के लिए अपने 10 प्रतिशत कर्मचारियों की छंटनी करने जा रही है. माना जा रहा है कि कंपनी के इस कदम से कोई 200 कर्मचारियों पर इसका असर पड़ सकता है. छंटनी की ये खबर ऐसे समय में आई है जब कंपनी आने वाले कुछ समय में अपना आईपीओ लाने की तैयारी कर रही है. Ola Electric कंपनी इसके लिए दिसंबर में अपना रेड हियरिंग प्रॉसपेक्‍ट भी सेबी में जमा करा चुकी है. 

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कंपनी के प्रॉफिट को लेकर कही थी ये बात 
हेमंत बख्‍सी ने जनवरी में ज्‍वॉइन करने के बाद कहा था कि 31 मार्च  2023 तक कंपनी फायदे में आ चुकी है. उन्‍होंने कहा था कि पिछले वित्‍तीय वर्ष के मुकाबले ओला कैब्‍स ने 250 करोड़ का EBITDA दर्ज किया था. जबकि पिछले साल की बात करें तो उस समय EBITDA 66 करोड़ रुपये रहा था. कंपनी के रेवेन्‍यू में 58 प्रतिशत की ग्रोथ देखने को मिली थी जिसके बाद ये 2135 करोड़ रुपये तक पहुंच गया था. 

कंपनी ने हाल ही में की गई कई नियुक्तियां 
Ola Cabs की ओर से कुछ नई नियुक्तियां भी की गई थी. इनमें कार्तिक गुप्‍ता को सीएफओ की जिम्‍मेदारी मिली थी जबकि सिद्ार्थ शकधर को CBO की जिम्‍मेदारी दी गई थी. इससे पहले ओला इलेक्ट्रिक की ओर से दिसंबर में सेबी में जो दस्‍तावेज जमा किए गए थे उसके अनुसार कंपनी 7250 करोड़ रुपये जुटाने के लिए आईपीओ लाने की तैयारी कर रही है. ola Cabs की शुरूआत 2010 में हुई थी, जिसे सॉफ्ट बैंक और टाइगर ग्‍लोबल जैसी कंपनियों का समर्थन मिला हुआ था. 
 


अब एक ही पॉलिसी में होगा सब कुछ कवर, जानिए आप कैसे खरीद सकते हैं?

बीमा रेगुलेटर IRDAI हेल्थ, प्रॉपर्टी और लाइफ जैसे अलग-अलग इंश्योरेंस सिर्फ एक पॉलिसी में देने के लिए एक नई पॉलिसी पर काम कर रहा है.

Last Modified:
Monday, 29 April, 2024
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अगर आप हेल्थ से लेकर प्रॉपर्टी तक कोई भी इंश्योरेंस कराना चाहते हैं, तो आपके लिए एक बड़ी खबर सामने आई है. दरअसल अब आपको अलग अलग तरह का इशेयोरेंस कराने की जरूरत नहीं पड़ेगी. अभी तक हेल्थ, प्रॉपर्टी और लाइफ के लिए अलग अलग इंश्योरेंस पॉलिसी लेनी पड़ती है, लेकिन अब इंश्योरेंस रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (IRDAI) ने पॉलिसी पर आप लोगों को अलग अलग इंश्योरेंस लेने के झंझट से छुटकारा देने जा रही है, तो चलिए जानते हैं आपको इसका क्या लाभ मिलेगा?
 
ये इंश्योरेंस होंगे शामिल
अब आपको एक ही इंश्योरेंस में सारा कवरेज मिल सकता है. इसके लिए बीमा नियामक संस्था इंश्योरेंस रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (IRDAI) ने विचार करना शुरू कर दिया है. जानकारी के अनुसार इस पॉलिसी का नाम बीमा विस्तार हो सकता है, जिसमें हेल्थ, प्रॉपर्टी, पर्सनल एक्सिडेंट और लाइफ का इंश्योरेंस शामिल है.  

इतने रुपये होगा प्रीमियम
IRDAI ने पॉलिसी पर बीमा कंपनियों के साथ बातचीत शुरू कर दी है. कहा जा रहा है कि इसका प्रीमियम करीब 1500 रुपये प्रति पॉलिसी हो सकता है. इस बीमा विस्तार पॉलिसी का मकसद गांवों समेत देश की ज्यादा से ज्यादा आबादी तक बीमा मुहैया कराना है. लाइफ, प्रॉपर्टी और पर्सनल एक्सिडेंट के मामले में 2-2 लाख रुपये का बीमा कवर मिल सकता है. लाइफ कवर के लिए 800 रुपये का प्रीमियम रखा जा सकता है. जबकि हेल्थ कवर के लिए 500 और पर्सनल एक्सीडेंट के लिए 100 रुपये का प्रीमियम रखा जा सकता है. वहीं प्रॉपर्टी के इंश्योरेंस के लिए भी 100 रुपये का प्रीमियम रखा जा सकता है.

5 हजार के बिल का कैशलेस भुगतान
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इसमें आपको हॉस्पिटल कवर के नाम से हेल्थ कवर भी दिया जाएगा, जिसमें बीमा कराने वाले को 5,000 रुपये के बिल का कैशलेस भुगतान किया जाएगा. इसके लिए उन्हें कोई दस्तावेज जमा नहीं कराना होगा.

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पॉलिसी बेचने वाले एजेंट को मिलेगा इतना कमीशन
बीमा विस्तार पॉलिसी में अलग अलग सेगमेंट्स के लिए क्लेम सेटलमेंट का तरीका भी अलग अलग हो सकता है. यह सब बीमा कंपनियों की ओर से तय किया जाएगा. जानकारी के अनुसार इस पॉलिसी को बेचने वाले एजेंट्स को 10 प्रतिशत कमीशन भी मिलेगा.