Zen टेक्नोलॉजीज (Zen Technologies) को रक्षा मंत्रालय से 227.65 करोड़ रुपयों का आर्डर प्राप्त हुआ है.
Zen टेक्नोलॉजीज (Zen Technologies) की शुरुआत साल 1993 में हुई थी. यह कंपनी डिफेंस क्षेत्र की जानी-मानी कंपनी है जो स्टेट-ऑफ-द-आर्ट डिफेंस ट्रेनिंग सोल्यूशंस का निर्माण करती है जिनकी मदद से दुनिया भर में डिफेन्स और सुरक्षा बलों की ट्रेनिंग की जाती है. इस कंपनी का हेडक्वार्टर हैदराबाद में मौजूद है. हाल ही में कंपनी के शेयरों में 4% जितना उछाल देखने को मिला है.
शेयरों में क्यों आया उछाल?
Zen टेक्नोलॉजीज (Zen Technologies) को रक्षा मंत्रालय से 227.65 करोड़ रुपयों का आर्डर प्राप्त हुआ है. यह जानकारी खुद कंपनी ने ही साझा की है और इस जानकारी के प्राप्त होने के बाद ही कंपनी के शेयरों में 4% जितना उछाल देखने को मिला था. खबर लिखे जाने तक कंपनी का शेयरों में 3.7% का उछाल देखने को मिला था और लगभग 28 रूपए की वृद्धि के साथ कंपनी के शेयर 784.20 रूपए पार्टी शेयर की कीमत पर ट्रेड कर रहे थे. आपको बता दें कि रक्षा मंत्रालय द्वारा कंपनी को एंटी-ड्रोन सिस्टम (Anti-Drone System) बनाने का ऑर्डर दिया गया है.
1 साल में Zen Technologies का प्रदर्शन
जैसा कि हमने आपको ऊपर बताया कि रक्षा मंत्रालय द्वारा एंटी-ड्रोन सिस्टम प्रदान करने के लिए Zen टेक्नोलॉजीज (Zen Technologies) को ऑर्डर दिया गया है. यह ऑर्डर CMC कॉन्ट्रैक्ट के तहत जारी किया गया है, जिसकी कीमत 43.22 करोड़ रुपए है और इसमें GST भी शामिल है. पिछले 6 महीनों के दौरान Zen टेक्नोलॉजीज के शेयरों में 484.60 रुपयों की वृद्धि दर्ज की जा चुकी है. वहीँ अगर पिछले एक साल के दौरान इस शेयर का प्रदर्शन देखें तो पिछले एक साल के दौरान इस शेयर में 308.91% का उछाल आ चुका है. वहीं इस साल की शुरुआत से लेकर अभी तक कंपनी के शेयरों में 318.93% का उछाल दर्ज किया जा चुका है.
पहले भी मिले हैं कई आर्डर
इससे पहले कंपनी को 5 सितंबर को रक्षा मंत्रालय से 123.3 करोड़ रुपयों का आर्डर प्राप्त हुआ था. इस ऑर्डर में 18% GST शुल्क भी शामिल था. कंपनी को रक्षा मंत्रालय से 227.65 रुपयों का एक अन्य ऑर्डर भी 22 सितंबर को प्राप्त हुआ था. Zen टेक्नोलॉजीज (Zen Technologies) के शेयरों ने 52 हफ़्तों का अपना अधिकतम स्तर 17 अगस्त 2023 को प्राप्त कर लिया था. जहां 52 हफ्तों के दौरान कंपनी के शेयरों का अधिकतम स्तर 912.55 रूपए है वहीं 52 के दौरान इनका सबसे निचला स्तर 175.50 रूपए प्रति शेयर है.
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शुक्रवार का दिन पेटीएम के निवेशकों के लिए काफी अच्छा रहा. दरअसल, कंपनी का शेयर 10 प्रतिशत की तेजी के साथ अपर सर्किट पर पहुंच गया, जिससे निवेशकों के हिस्से में अच्छा रिटर्न आया.
पेटीएम (Paytm) के निवेशकों के लिए लंबे समय बाद एक अच्छी खबर आई है. शुक्रवार को कंपनी का शेयर 10 प्रतिशत के अपर सर्किट को छू गया. दरअसल सरकार ने पेमेंट एग्रीगेटर बिजनेस के लिए पेटीएम के प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. तो आइए जानते हैं इस खबर के बाद पेटीएम के शेयर की कीमत कितनी हो गई है?
शेयर में आई 10 प्रतिशत की उछाल
देश की सबसे बड़ी ऑनलाइन पेमेंट कंपनी पेटीएम (Paytm) का शेयर शुक्रवार को 10 प्रतिशत की तेजी के साथ अपर सर्किट पर पहुंच गया. सरकार ने पेमेंट एग्रीगेटर बिजनेस के लिए प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. इस खबर के बाद पेटीएम की पेरेंट कंपनी वन97 कम्युनिकेशंस का शेयर 10 प्रतिशत तेजी के साथ 509.05 रुपये पर पहुंच गया. इस शेयर का 52 हफ्ते का हाई प्राइस 998.30 रुपये है. वहीं, 52 हफ्ते का लो प्राइस 310 रुपये है.
पेटीएम को मिलेगा अपनी पेमेंट कंपनी को मजबूत करने का मौका
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार पेटीएम पेमेंट एग्रीगेटर लाइसेंस हासिल करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) से संपर्क कर सकता है. वहीं, आरबीआई भी इस पर आगे विचार कर सकता है. पेटीएम में चीन की कंपनी एंट ग्रुप की हिस्सेदारी के कारण सरकार उसे लाइसेंस देने के लिए संशय में थी, लेकिन पिछले कुछ महीनों में एंट ने धीरे-धीरे पेटीएम में अपनी हिस्सेदारी कम की है. इससे सरकार के रुख में नरमी आई है और उसने कंपनी को एफडीआई की मंजूरी दे दी. इस मंजूरी के बाद अब पेटीएम को अपनी पेमेंट कंपनी को मजबूत करने का मौका मिलेगा. बता दें, पेटीएम के फाउंडर विजय शेखर शर्मा ने पिछले साल एंट से कैशलेस डील में 10.3 प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल की और इसके साथ ही वह वन97 कम्युनिकेशंस में सबसे बड़े शेयरधारक बन गए. कंपनी में उनकी हिस्सेदारी 24 प्रतिशत से थोड़ी ज्यादा थी.
हाल में पेटीएम पर लगाए गए थे कई प्रतिबंध
आपको बता दें, इस समय पेटीएम काफी मुश्किल दौर से गुजर रही है. आरबीआई ने साल 2022 में पेटीएम पेमेंट्स सर्विसेज के पेमेंट एग्रीगेटर बनने के आवेदन को रोक दिया था. वहीं, हाल में पेटीएम पेमेंट बैंक (Paytm Payment Bank) की कई सेवाओं पर भी बैन लगा दिया था. पेटीएम का आईपीओ आठ नवंबर 2021 को सब्सक्रिप्शन के लिए खुला था. इसका इश्यू प्राइस 2,150 रुपये था. बड़ी संख्या में रिटेल इनवेस्टर्स ने हिस्सा लिया था, लेकिन यह शेयर कभी भी अपने इश्यू प्राइस के आसपास नहीं पहुंच सका.
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सैन फ्रैसिस्को में आयोजित हुए इस कार्यक्रम में उनके साथ उनकी पत्नी अंजली पिचई को भी सम्मानित किया गया. अंजली ने भी आईआईटी कानपुर से 1993 में कैमिकल इंजीनियरिंग से बीटेक किया है.
Google के सीईओ सुंदर पिचई आज भले ही दुनिया की टॉप फाइव कंपनियों में शामिल गूगल के सीईओ हों लेकिन उनके जीवन के संघर्ष को ज्यादातर लोग जानते हैं. उनके इसी संघर्ष के बीच उनके माता पिता की एक ख्वाहिश थी कि उन्हें डॉक्ट्रेट से सम्मानित किया जाए. आखिरकार शुक्रवार को उनके माता पिता का ये सपना तब पूरा हो गया जब आईआईटी कानपुर ने पिचई को डॉक्ट्रेट की मानद उपाधि से सम्मानित किया. इस मौके पर उनकी पत्नी को भी सम्मानित किया गया.
सुंदर पिचई डॉक्ट्रेट की मानद उपाधि से हुए सम्मानित
सुंदर पिचई ने इसे लेकर इंस्टाग्राम पर ट्वीट करते हुए लिखा कि मैं आईआईटी खड़गपुर का मुझे डॉक्टरेट की मानद उपाधि से सम्मानित करने के लिए आभारी हूं. मेरे माता-पिता को हमेशा आशा थी कि मुझे डॉक्टरेट की उपाधि मिलेगी, मुझे लगता है कि मानद उपाधि अभी भी मायने रखती है. आईआईटी में शिक्षा और प्रौद्योगिकी तक पहुंच ने मुझे Google की राह पर ला दिया और अधिक लोगों को प्रौद्योगिकी तक पहुंचने में मदद की. तकनीक में आईआईटी की भूमिका एआई क्रांति के साथ ही महत्वपूर्ण हो जाएगी, और मैं वहां बिताए गए समय के लिए हमेशा आभारी रहूंगा.
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उनके माता पिता चाहते थे उन्हें मिले ये सम्मान
दरअसल सुंदर पिचई के माता पिता की इच्छा थी कि उन्हें डॉक्ट्रेट की मानद उपाधि से सम्मानित किया जाए. इसके बारे में खुद पिचई ने अपने ट्वीट में जानकारी दी. सैन फ्रैसिस्को में आयोजित हुए इस कार्यक्रम में उनके साथ उनकी पत्नी अंजली पिचई को भी सम्मानित किया गया. अंजली ने भी आईआईटी कानपुर से 1993 में कैमिकल इंजीनियरिंग से बीटेक किया है. उनके इस सम्मान कार्यक्रम में उनकी बेटी और माता पिता सहित कई अन्य परिवार के लोग भी मौजूद रहे. आईआईटी की ओर से इस पुरस्कार का ऐलान 69 वें दीक्षांत समारोह में ही कर दिया गया था लेकिन उनके लिए विशेष तौर पर इस कार्यक्रम को आयोजित किया गया.
डॉ. पिचई को प्रियंका चोपड़ा ने दी बधाई
डॉ. सुंदर पिचई को उनके फॉलोवर बधाई दे रहे हैं. उन्हें बधाई देने वालों में बॉलीवुड से लेकर हॉलीवुड अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा भी शामिल हैं. डॉ. सुंदर पिचई को एक इंस्टाग्राम फॉलोवर बधाई देते हुए लिखे रहे हैं कि आप युवाओं के लिए एक प्रेरणा हैं. जबकि एक यूजर लिखते हैं कि अब आपको अपनी आईडी को सुबदरपुहाई की जगह डॉ. सुंदर पिचई रख देना चाहिए. ये काफी बेहतर दिखाई देगा.
इंडिगो के खिलाफ अमेरिका में जुर्माने की कार्रवाई हुई है. वहीं, इस्तांबुल वाले मामले में उसे आलोचना का सामना करना पड़ रहा है.
देश की सबसे बड़ी एयरलाइंस इंडिगो (IndiGo) के खिलाफ अमेरिका में कार्रवाई हुई है. एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका के सीमा शुल्क और सीमा सुरक्षा विभाग (US Customs & Border Protection Department) ने इमीग्रेशन यूजर फीस के भुगतान में देरी के लिए इंडिगो पर 5,832.60 डॉलर यानी 4,88,333 रुपए का जुर्माना लगाया है. अमेरिकी विभाग ने निर्धारित तिथि के बाद फीस में भुगतान के लिए जुर्माने की कार्रवाई की है. उधर , इंडिगो जुर्माने से बचने के रास्ते तलाश रही है. साथ ही कंपनी न स्पष्ट किया है कि इससे उसके ऑपरेशंस पर कोई असर नहीं पड़ेगा.
बेअसर दिखे शेयर
इंडिगो के खिलाफ हुई जुर्माने की इस कार्रवाई का उसके शेयर पर कोई असर देखने को नहीं मिला है. इंडिगो की मूल कंपनी इंटरग्लोब एविएशन के शेयर आज एक प्रतिशत स अधिक की बढ़त के साथ बंद हुए हैं. इस साल अब तक यह शेयर अपने निवेशकों को शानदार 50.63% का रिटर्न दे चुका है. जबकि बीते 1 साल में यह आंकड़ा 76.65% है. फिलहाल, भारत क आकाश में इंडिगो क दबदबा है. दिसंबर 2023 के आंकड़े के अनुसार, इंडिगो का मार्केट शेयर 60.5 प्रतिशत है. वहीं, टाटा समूह की एयर इंडिया का 9.7%, विस्तारा का 9.1%, एयर एशिया का 7.1%, स्पाइसजेट का 5.5%, दिवंगत निवेशक राकेश झुनझुनवाला की अकासा एयर का 4.2% और अन्य का 3.9 प्रतिशत है.
नाम हैं की रिकॉर्ड
पिछले साल जून में कंपनी एक लाख करोड़ रुपए का मार्केट कैप हासिल करने वाली देश की पहली एयरलाइन बनी थी. एक साल में 10 करोड़ से ज्यादा पैसेंजर्स ले जाने का रेकॉर्ड भी इसी के नाम है. IndiGo के बेड़े में 370 विमान हैं और कंपनी रोजाना लगभग 2,000 फ्लाइट्स ऑपरेट करती है. इंडिगो का ऑन-टाइम परफॉरमेंस (OTP) रेट में दूसरी एयरलाइन के मुकाबले काफी बेहतर रहा है. इंडिगो की शुरुआत 2006 में राहुल भाटिया और राकेश गंगवाल ने की थी. हालांकि, बाद में दोनों के बीच मनमुटाव शुरू हो गया, लेकिन तब तक इंडिगो इतनी ऊंचाई पर पहुंच चुकी थी कि जमीन पर चल रहा यह विवाद उसकी उड़ान को प्रभावित नहीं कर पाया. इंडिगो को 2004 में ही लाइसेंस मिल गया था, लेकिन इसकी सेवाएं 2006 तक शुरू हो सकीं क्योंकि उसके पास विमान नहीं थे.
यहां हो रही आलोचना
वहीं, एक अन्य मामले में इंडिगो को आलोचना का सामना करना पड रहा है. दरअसल, इस्तांबुल से नई दिल्ली आ रहे इंडिगो के एक विमान में तकनीकी खराबी आ गई थी, जिस वजह से विमान समय से उड़ान नहीं भर पाया. विमान के 200 से ज्यादा यात्री करीब 11 घंटे तक इस्तांबुल एयरपोर्ट पर फंसे रहे. एयरलाइन ने इस पूरे घटनाक्रम क लिए माफी मांग ली है. इंडिगो ने एक बयान जारी कर बताया कि विमान में तकनीकी खराबी के कारण इस्तांबुल से दिल्ली जाने वाली इंडिगो की फ्लाइट 6E 12 में देरी हुई. यात्रियों को देरी के बारे में बताया दिया गया. साथ ही उन्हें जलपान भी उपलब्ध कराया गया है.
अडानी समूह की लिस्टेड दस कंपनियों में से नौ में विदेशी निवेशकों ने अपनी हिस्सेदारी कम की है. जबकि एक में हिस्सेदारी बढ़ाई है.
गौतम अडानी (Gautam Adani) की कंपनियों के शेयर पुराने रंग में लौट आए हैं. अडानी पोर्ट्स से लेकर पावर तक सभी तेजी से आगे बढ़ रहे हैं. इस बीच, विदेशी निवेशकों ने अडानी समूह की कुछ कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी घटाई है. विदेशी संस्थागत निवेशक (FII) ने जून तिमाही में में अडानी समूह की फ्लैगशिप कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज के सबसे ज्यादा शेयर बेचे हैं. इसके बाद दूसरा नंबर अडानी एनर्जी का रहा है. हालांकि, इस बिकवाली का ये मतलब नहीं ही कि विदेशी निवेशकों क अडानी की कंपनियों पर विश्वास घट गया है. बल्कि उन्होंने अडानी के शेयरों में आई तेजी का फायदा उठाते हुए जमकर मुनाफावसूली की है.
इतनी कम हुई हिस्सेदारी
एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, विदेशी निवेशकों ने जून तिमाही में अडानी ग्रुप की लिस्टेड 10 कंपनियों में से नौ में अपनी हिस्सेदारी घटाई है. जून तिमाही में FII ने अडानी एंटरप्राइजेज में अपनी हिस्सेदारी 268 बेसिस पॉइंट (BPs) कम की है. मार्च तिमाही में उनकी हिस्सेदारी 14.41 % थी, जो अब घटकर 11.73 प्रतिशत रह गई है. इसी तरह उन्होंने अडानी ग्रीन एनर्जी में 124 BPs हिस्सेदारी बेच दी है. यह मार्च तिमाही के 18.15% से घटकर 16.91% हो गई है. FII ने समूह की अन्य कंपनियों अंबूजा सीमेंट्स में 150 BPs, ACC में 53 BPs, अडानी पावर में 118 BPs, अडानी टोटल गैस में 17 BPs, अडानी विल्मर में 4 BPs और NDTV में 5 BPs हिस्सेदारी कम की है.
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LIC ने जताए रखा विश्वास
विदेशी निवेशकों ने जून तिमाही में केवल अडानी पोर्ट्स में अपनी हिस्सेदारी 21 बीपीएस बढ़ाई है. यह मार्च 2024 तिमाही में 14.98% थी, जो जून तिमाही में बढ़कर 15.19% हो गई है. वहीं, देश की सबसे बड़ी जीवन बीमा कंपनी (LIC) ने अडानी समूह की ACC, अडानी ग्रीन एनर्जी, अडानी पोर्ट्स और अडानी टोटल गैस में अपनी हिस्सेदारी बरकरार रखी है. जबकि अंबूजा सीमेंट्स में अपनी हिस्सेदारी 62 BPs घटाई है. LIC ने Adani Energy Solutions में अपनी हिस्सेदारी 68 बीपीएस बढ़ाकर जून तिमाही में 3.68% कर ली है. इसी तरह, अडानी एंटरप्राइजेज में उसकी हिस्सेदारी 14 बीपीएस के इजाफे क साथ 4.07% हो गई है.
budget 2024-25 में कैपिटल गेन टैक्स (Capital Gain Tax) में बढ़ोतरी की गई है. इसके बाद दिल्ली में काजू-बादाम समेत अन्य ड्राई फ्रूट्स की कीमतों में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है.
इन दिनों डॉलर के मुकाबले रुपया रिकार्ड लो स्तर पर है. दरअसल, बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कैपिटल गेन टैक्स में बढ़ोतरी की है. इसके बाद अंतरबैंक विदेशी मुद्रा बाजार में रुपया सर्वकालीक निचले स्तर पर आ गया है. इसके बाद दिल्ली में काजू-बादाम समेत अन्य ड्राई फ्रूट्स की कीमतों में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. इस समय बाजार में काजू, किशमिश, बादाम, अखरोट, सभी के दाम भी बढ़ गए हैं. तो चलिए जानते हैं ड्राई फ्रूट्स की कीमतें क्यों इतनी बढ़ गई हैं?
क्यों बढ़ रही ड्राई फ्रूट्स की कीमत?
इस बार बजट में कैपिटल गेन टैक्स में बढ़ोतरी का ऐलान हुआ. जिसके बाद से भारतीय शेयर बाजार लगातार टूट रहा था. वहीं, दूसरी तरफ विदेशी निवेशक भी बाजार से पैसा निकाल रहे हैं. इस वजह से अंतरबैंक विदेशी मुद्रा बाजार में रुपया आल टाइम लो पर आ गया है. डॉलर महंगा होने से कई चीजों के दाम भी बढ़ने लगे हैं. जिसमें ड्राई फ्रूट्स भी शामिल हैं. आपको बता दें, दिल्ली के थोक ड्राई फ्रूट्स मार्केट खारी बावली में अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, ईरान, दक्षिण अफ्रीका समेत कई देशों से ड्राई फ्रूट्स की सप्लाई होती है.
काजू, बादाम की बढ़ी डिमांड
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार बीते 20 दिनों से काजू के साथ बादाम की डिमांड बढ़ गई है. सबसे ज्यादा डिमांड चार टुकड़े काजू की है. इसका इस्तेमाल मिठाइयों में किया जाता है, इसलिए त्योहारी सीजन शुरू होते ही इसकी मांग भी बढ़ने लगी है. हलवाईयों और बड़ी मिठाई कंपनियों ने काजू की खरीदारी शुरू कर दी है, जिसके चलते काजू के दाम में बढ़ोतरी हुई है. वहीं, ईरानी मामरा बादाम के दाम में भी बढ़ोतरी हुई है. इसके पीछे का कारण भी वहां की करेंसी में हुआ उतार-चढ़ाव है. भारत में काजू की सबसे ज्यादा सप्लाई दक्षिण अफ्रीका से होती है, लेकिन कुछ दिनों से सप्लाई प्रभावित होने के चलते रॉ मटीरियल की कमी रही, जिससे काजू के दाम में बढ़ोतरी हुई है.
20 दिन में इतनी बढ़ गई कीमत
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार बीते 20 दिन में दिल्ली के खारी बावली 1,000 रुपये प्रति किलो के हिसाब से बिकने वाली काजू की कीमत 1,200 रुपये किलो हो गई है. वहीं, ईरानी मामरा बादाम की कीमत 2,000 रुपये प्रति किलो से बढ़कर अब 2,600 रुपये तक पहुंच गई है. वहीं बादाम की कीमत 700 से 750 रुपये किलो, किश्मिश की 400 से 450 रुपये और अखरोट की कीमत 1100-1200 से बढ़कर 1400 रुपये किलो हो गई है. सूत्रों का दावा है कि आने वाले दिनों में ड्राई फ्रूट्स के दाम में और तेजी आ सकती है.
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क्या है रुपया की स्थिति?
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में गुरुवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया एक पैसे कमजोर होकर 83.72 (अस्थायी) के अपने सर्वकालिक निचले स्तर पर आ गया. वहीं, शुक्रवार को रुपया 83.74 पर पहुंच गया. विदेशी बाजार में अमेरिकी मुद्रा की मांग और भारत से विदेशी पूंजी की भारी निकासी के कारण यह गिरावट आई. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार घरेलू मुद्रा में यह गिरावट भारतीय शेयर बाजार में गिरावट के बाद आई है. आपको बता दें, सरकार द्वारा बजट में पूंजीगत लाभ पर कर की दर बढ़ाने की घोषणा के बाद शेयर बाजार नीचे आ रहे हैं.
जब से प्राइवेट टेलीकॉम कंपनियों ने अपने प्लान महंगे किए हैं, बीएसएनएल का यूजर बेस मजबूत होता जा रहा है.
एक तरह से वेंटिलेटर पर पड़ी सरकारी दूरसंचार कंपनी 'भारत संचार निगम लिमिटेड' यानी BSNL में पिछले कुछ समय से जान आ गई है. जब से रिलायंस जियो, एयरटेल और वोडाफोन-आइडिया ने अपने टैरिफ प्लान महंगे किए हैं, बीएसएनएल का रुख करने वालों की संख्या में इजाफा हुआ है. इन प्राइवेट टेलीकॉम प्रोवाइडरों ने अपने टैरिफ के दाम 11 से 25 प्रतिशत तक बढ़ाए हैं. जबकि सरकारी कंपनी बीएसएनएल ने कोई बढ़ोत्तरी नहीं की है और उसे इसका फायदा मिल रहा है. एक रिपोर्ट की मानें , तो BSNL ने 27 लाख नए ग्राहक जोड़े हैं. माना जा रहा है कि आने वाले समय में BSNL का यूजर बेस और मजबूत हो सकत है. सोशल मीडिया पर बीएसएनएल के समर्थन में कैंपेन भी चल रहे हैं.
ऐसे हो सकता है लाभ
बीएसएनएल की मजबूत होती स्थिति से उससे किसी न किसी रूप में जुड़ी कंपनियों को भी फायदा हो रहा है और इस 'फायदे' से आप भी मुनाफा कमा सकते हैं. चलिए आपको समझाते हैं कि कैसे. बीएसएनएल शेयर बाजार में लिस्टेड नहीं है, लेकिन उससे जुड़ी कुछ कंपनियां बाजार में सूचीबद्ध हैं. इन कंपनियों को BSNL से बड़े ऑर्डर मिल रहे हैं, जिससे उनकी ऑर्डर बुक मजबूत और इस मजबूती से उनके शेयरों में भी मजबूती संभावना निर्मित हो रही है. ऐसे में यदि आप संबंधित शेयरों को अपने पोर्टफलियों में शामिल करते हैं, तो मुनाफा कमा सकते हैं. हालांकि, BW हिंदी आपको सलाह देता है कि शेयर बाजार में निवेश किसी सर्टिफाइड एक्सपर्ट से परामर्श के आधार पर ही करें, अन्यथा आपको नुकसान भी उठाना पड़ सकता है.
इनसे जुड़ा है रिश्ता
रिपोर्ट के मुताबिक, तेजस नेटवर्क (Tejas Network Ltd) को बीएसएनएल से बड़ा ऑर्डर मिला है. दरअसल, मई में इस सरकारी दूरसंचार कंपनी ने टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) की अगुवाई वाले कंसोर्टियम को 4जी नेटवर्क लगाने के लिए 15000 करोड़ रुपए का ऑर्डर दिया था और तेजस नेटवर्क इसी कंसोर्टियम का हिस्सा है. तेजस के लिए वित्त वर्ष की आखिरी तिमाही शानदार रही है. कंपनी ने इस दौरान 1.47 अरब रुपए का प्रॉफिट कमाया है, जो सालाना आधार 168% अधिक है. ऐसे में बीएसएनएल से मिले ऑर्डर ने उसकी आर्थिक सेहत को और मजबूत कर दिया है. तेजी के शेयर आज बढ़त के साथ कारोबार कर रहे हैं. बीते छह महीनों में इसकी कीमत 73.45% चढ़ी है.
शेयरों में आया उछाल
हिमाचल फ्यूचरिस्टिक कम्युनिकेशंस (Himachal Futuristic Communications Limited) यानी HFCL को ऑप्टिकल ट्रांसपोर्ट नेटवर्क अपग्रेड करने के लिए 11.3 अरब रुपए का ऑर्डर मिला है. इसके शेयर आज तीन प्रतिशत से अधिक की तेजी से दौड़ रहे हैं . बीते छह महीनों में इसने 18.31% और एक साल में 87.69% का रिटर्न दिया है. TCS से BSNL के रिश्ते की बात ऊपर हो ही चुकी है, ऐसे में उसके शेयरों में भी आज तेजी दिखाई दे रही है. बीते एक साल में TCS का शेयर अपने निवेशकों को 87.69% का रिटर्न दे चुका है. इस शेयर की कीमत चार हजार से ऊपर है, उस लिहाज से एक साल में इतना रिटर्न काफी मायने रखता है. बता दें कि सरकार Mahanagar Telephone Nigam Ltd (MTNL) ऑपरेशन BSNL को सौंपने पर विचार कर रही है. इस चर्चा से MTNL के शेयरों को बूस्ट मिला है. 26 जुलाई को खबर लिखे जाने तक यह पांच प्रतिशत चढ़कर 97.08 रुपए पर पहुंच गया था.
iPhone बनाने वाली कंपनी Apple भी भी भारत में अपने मोबाइल का प्रोडक्शन कर रही है. इससे भारत के मेक इन इंडिया अभियान को बड़ी सफलता मिली है.
प्रधानमंत्री नरेनंद्र मोदी के मेक इन इंडिया (Make In India) अभियान का डंका अब दुनिया में बजने लगा है. बड़े-बड़े देशों में मेक इन इंडिया प्रोडक्ट्स की मांग बढ़ रही है. दुनिया की सबसे बड़ी टेक कंपनियों में शुमार Apple Inc भी बड़े पैमाने पर अपने फ्लैगशिप प्रोडक्ट iPhone की भारत में ही मैन्यूफैक्चरिंग कर रही है. कंपनी भारत में अपने प्रोडक्ट की मेकिंग करने के बाद दुनियाभर में इसका एक्सपोर्ट करती है. वहीं, अब एक और बड़ी ग्लोबल मोबाइल कंपनी ने भी भारत में स्मार्टफोन बनाने का ऐलान किया है. तो आइए जानते हैं ये कौन-सी कंपनी है और इससे भारत को क्या फायदा होगा?
नोकिया भारत में करेगी स्मार्टफोन की मैन्यूफैक्चरिंग
एप्पल के बाद अब फिनलैंड की मोबाइल हैंडसेट कंपनी Nokia के स्मार्टफोन भी भारत में ही बनाए जाएंगे. इसकी ब्रैंड ओनर कंपनी एचएमडी ग्लोबल (HMD Global) का कहना है कि वह अपने ब्रैंड के सभी नए डेवलप स्मार्टफोन का प्रोडक्शन भारत में करेगी. उसकी प्लानिंग इंडिया में प्रोडक्ट को बनाकर ग्लोबल मार्केट में एक्सपोर्ट करने की है.
भारत में भी है कंपनी की सेल
एक समय में नोकिया भारत में मोबाइल फोन का सबसे पॉपुलर ब्रैंड था. बाद में इस ब्रांड को बिल गेट्स की माइक्रोसॉफ्ट ने खरीद लिया और लूमिया फोन की रेंज पेश की थी. हाल के सालों में एचएमडी ग्लोबल ने नोकिया ब्रैंड के कई स्मार्टफोन मार्केट में लॉन्च किए और अब ये कंपनी एंड्रॉइड बेस्ड फोन की वजह से मार्केट में दोबारा पॉप्युलर हो रही है. एचएमडी ग्लोबल भारत में पहले से ही नोकिया ब्रैंड के तहत बेसिक फीचर फोन की सेल करती रही है.
भारत में चीन से बेहतर मौके
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार एचएमडी ग्लोबल के फाउंडर चेयरमैन और सीईओ ज्यां फ्रैंको बेरिल ने कहा है कि भारत में बेहतर अवसर हैं. यहां बनने वाले मोबाइल फोन चीन की बेस्ट कंपनियों की तुलना में भी बेहद प्रतिस्पर्धी हैं. इसके साथ ही एचएमडी ग्लोबल ने एक नया ब्रैंड HMD Crest Mobile भी लॉन्च किया, जोकि एक नई स्मार्टफोन सीरीज है.
भारतए में हुआ एचएमडी क्रेस्ट फोन का प्रोडक्शन
कंपनी ने अनुसार एचएमडी क्रेस्ट (HMD Crest) स्मार्टफोन सीरीज में सेल्फी के लिए 50 मेगापिक्सल का कैमरा दिया गया है. इस स्मार्टफोन फोन का प्रोडक्शन भारत में ही हुआ है. इसके बाद अब कंपनी ने घोषणा कर दी है कि वह अपने सभी फोन भारत में ही मैन्यूफैक्चर करेगी. अब ये फोन भारत से दुनियाभर के बाजारों में पहुंचेगा. कंपनी के कहा है कि भारत का स्मार्टफोन बाजार मुश्किलों से भरा है, बावजूद इसके कंपनी मुनाफे में बनी हुई है.
बायोफार्मास्युटिकल्स में 5 दशकों से अधिक के अनुभव के साथ, Bharat Serums and Vaccines के पास महिलाओं के स्वास्थ्य में एक विशिष्ट पोर्टफोलियो है.
मैनकाइंड फार्मा और भारत सीरम्स एंड वैक्सीन्स को लेकर चल रही बातचीत आखिरकार फाइनल हो गई है. मैनकाइंड फार्मा एडवेंट इंटरनेशनल से भारत सीरम्स एंड वैक्सीन्स का पूर्ण अधिग्रहण करेगी. इसके लिए 13, 630 करोड़ रुपये में डील फाइनल हुई है. कंपनी ने एक बयान जारी कर बताया कि मैनकाइंड फार्मा 13,630 करोड़ रुपये में भारत सीरम्स एंड वैक्सीन्स का अधिग्रहण करेगी। कंपनी ने लगभग 13,630 करोड़ रुपये में भारत सीरम्स एंड वैक्सीन्स (BSV) में 100 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदने के समझौते को अंतिम रूप दिया है.
मैनकाइंड फार्मा ने क्या कहा?
मैनकाइंड फार्मा ने एक बयान में कहा कि यह रणनीतिक कदम मैनकाइंड फार्मा के लिए एक महत्वपूर्ण छलांग है, जो इसे भारतीय महिला स्वास्थ्य और फर्टिलिटी दवा बाजार में एक मार्केट लीडर के रूप में स्थापित करता है. साथ ही स्थापित जटिल आरएंडडी टेक प्लेटफार्म्स के साथ क्रिटिकल केयर में अन्य हाई एंट्री बैरियर प्रोडक्ट्स तक पहुंच प्रदान करता है. सौदे को लेकर मैनकाइंड फार्मा के लिए Moelis & Company ने एक्सक्लूसिव फाइनेंशियल एडवायजर और AZB & Partners ने लीगल काउंसिल के तौर पर काम किया. Advent और BSV के लिए Jefferies LLC और J.P. Morgan फाइनेंशिल एडवायजर रहे. वहीं लीगल काउंसिल Khaitan & Co रहे.
भारत सीरम्स ने क्या कहा?
BSV के सीईओ और मैनेजिंग डायरेक्टर संजीव नवंगुल ने कहा कि हमें उन कुछ भारतीय कंपनियों में से एक होने पर गर्व है, जिनके पास अपनी तरह के पहले स्वदेशी रूप से विकसित कई जटिल उपचार हैं, जिन्होंने मरीजों को बेहतर परिणाम दिए हैं. यह अधिग्रहण अत्याधुनिक उत्पादों को लाने और भारत और दुनिया भर में लाखों मरीजों तक हमारी पहुंच का विस्तार करने की हमारी प्रतिबद्धता को पुष्ट करता है.
50 साल से ज्यादा पुरानी है भारत सीरम्स
बायोफार्मास्युटिकल्स में 5 दशकों से अधिक के अनुभव के साथ, Bharat Serums and Vaccines के पास महिलाओं के स्वास्थ्य में एक विशिष्ट पोर्टफोलियो है, जो फर्टिलिटी से लेकर गर्भावस्था के बाद तक के पूरे लाइफसाइकिल को कवर करता है. मैनकाइंड फार्मा का मानना है कि संरचनात्मक अनुकूल परिस्थितियों के कारण महिला स्वास्थ्य और फर्टिलिटी क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर मजबूत विकास संभावना के साथ-साथ बड़े अवसर हैं.
हीरो मोटोकॉर्प ने जनवरी 2019 में आयकर विभाग से 2,336.71 करोड़ रुपये की टैक्स डिमांड का नोटिस मिलने की जानकारी दी थी.
दोपहिया वाहन कंपनी हीरो मोटाकॉर्प को इनकम टैक्स के मामले में बड़ी राहत मिली है. इनकम टैक्स अपीलेट ट्रिब्यूनल ने हाल ही में एक आदेश में कंपनी को यह राहत प्रदान की है और 23 सौ करोड़ रुपये से ऊपर की टैक्स डिमांड के ऑर्डर को रद्द कर दिया है. कंपनी ने इसकी जानकारी दी है. ITAT ने कंपनी के पक्ष में फैसला देते हुए इस टैक्स डिमांड की खारिज कर दिया है.
इनकम टैक्स डिपाटमेंट ने की थी ये डिमांड
हीरो मोटो कॉर्प ने गुरुवार 25 जुलाई को शेयर बाजारों को एक रेगुलेटरी फाइलिंग में इनकम टैक्स अपीलेट ट्रिब्यूनल (ITAT) के हालिया फैसले की जानकारी दी. कंपनी के द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, आईटीएटी ने 2,336.71 करोड़ रुपये की टैक्स डिमांड के एक ऑर्डर को निरस्त कर दिया है, जो इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की ओर से कंपनी को असेसमेंट ईयर 2021-22 के लिए भेजा गया था.
आईटीएटी ने डिमांड को बताया इनवैलिड
कंपनी के अनुसार, इनकम टैक्स अपीलीय न्यायाधिकरण ने अपने हालिया आदेश में उसकी अपील को सही ठहराया है और इनकम टैक्स के डिमांड ऑर्डर को इनवैलिड करार दिया है. इस तरह हीरो मोटो कॉर्प से की गई 2,300 करोड़ रुपये से ज्यादा की टैक्स डिमांड अमान्य हो गई है. हीरो मोटो कॉर्प ने इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के टैक्स डिमांड ऑर्डर के खिलाफ अपीलीय न्यायाधिकरण में याचिका दायर की थी.
2010 में अलग हुए हीरो और होंडा के रास्ते
यह मामला लगभग एक दशक पहले भारतीय कंपनी हीरो और जापानी कंपनी होंडा के जेवी से अलग होने से जुड़ा हुआ है. पहले हीरो और होंडा मिलकर हीरो होंडा नाम से जॉइंट वेंचर चला रही थी और हीरो होंडा ब्रांड नाम से भारतीय बाजार में दोपहिया वाहनों की बिक्री करती थी. जॉइंट वेंचर को 2010 में टर्मिनेट कर दिया गया था. होंडा ने उस समय हुई डील के तहत जॉइंट वेंचर में अपनी पूरी हिस्सेदारी हीरो समूह को बेच दी थी. उसके बाद से हीरो समूह और होंडा दोनों भारतीय बाजार में अलग-अलग दोपहिया वाहनों का बिजनेस कर रही हैं.
इस सौदे को लेकर आई थी टैक्स की डिमांड
जॉइंट वेंचर हीरो होंडा मोटर लिमिटेड में होंडा के पास 26 फीसदी हिस्सेदारी थी. हीरो समूह की हीरो इन्वेस्टमेंट प्राइवेट लिमिटेड ने होंडा की 26 फीसदी हिस्सेदारी (5.19 करोड़ शेयर) को 3,841.83 करोड़ रुपये में खरीदा था. सौदा 739 रुपये प्रति शेयर की दर से ऑफ-मार्केट हुआ था. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की टैक्स डिमांड उसी डील से जुड़ी हुई थी. हालांकि हीरो का कहना था कि उसने सौदे के बदले बकाए टैक्स का भुगतान कर दिया है.
अनंत अंबानी और राधिका मर्चेंट की शादी के लंदन में होने वाले जश्न के लिए मुकेश अंबानी ने लग्जरी होटल दो महीने के लिए बुक कर लिया है.
अनंत अंबानी और राधिका मर्चेंट की शादी ज़रूर हो गई है, लेकिन उसका जश्न अभी बाकी है. अंबानी परिवार अब लंदन में पोस्ट वेडिंग सेलिब्रेशन की तैयारी कर रहा है. इसके लिए बाकायदा अगस्त से सितंबर तक यानी दो महीने के लिए लग्जरी 7-स्टार स्टोक पार्क (Stoke Park) होटल को बुक किया गया है. पोस्ट वेडिंग सेलिब्रेशन पर भी मुकेश अंबानी भारी-भरकम खर्चा करने वाले हैं.
अब तक इतना खर्चा
अनंत-राधिका की शादी से पहले गुजरात के जामनगर में तीन दिनों का प्री-वेडिंग फंक्शन आयोजित हुआ था, जिस पर करीब 1200 करोड़ रुपए का खर्चा आया था. इसके बाद 12 जुलाई को हुई शादी पर लगभग 5000 करोड़ रुपए खर्च हुए और अब शादी के बाद के जश्न पर भी अंबानी परिवार पानी के तरह पैसा बहाने को तैयार है. लंदन में होने वाले इस भव्य आयोजन में तमाम दिग्गज हस्तियां शिरकत करेंगी. खबरों की मानें तो प्रिंस हैरी, पूर्व ब्रिटिश PM बोरिस जॉनसन, टोनी ब्लेयर और उनकी पत्नी चेरी ब्लेयर के साथ-साथ हॉलीवुड, बॉलीवुड के सितारों और दुनिया के दिग्गज बिजनसमैन इसका हिस्सा बनेंगे.
592 करोड़ में लीज
'द सन' की रिपोर्ट बताती है कि इस आलीशान प्रॉपर्टी पर यह सेलिब्रेशन होने वाला है, उसे मुकेश अंबानी ने की रिलायंस ने तीन साल पहले 592 करोड़ रुपए में लीज पर लिया था. इस होटल में जेम्स बॉन्ड फिल्मों की दो बार शूटिंग हो चुकी है. लंदन के बकिंघमशायर में स्थित यह होटल 300 एकड़ के पार्कलैंड के बीच में बना है. इसमें 49 बेडरूम और सुइट्स, 27 गोल्फ कोर्स, 13 टेनिस कोर्ट और 14 एकड़ में प्राइवेट गार्डन है. इस प्रॉपर्टी क 1000 साल पुराना इतिहास है. अंबानी द्वारा होटल को लीज पर लिए जाने के बाद से ही इसे आम लोगों के लिए बंद कर दिया गया था. केवल अंबानी परिवार के सदस्य ही यहां आते-जाते रहे हैं.
लोगों ने जताई थी आपत्ति
होटल को सिर्फ अंबानी परिवार के लिए खोले जाने पर स्थानीय लोगों और लोकल काउंसिल ने कड़ी आपत्ति जताई थी. क्योंकि लीज के नियमों के मुताबिक, इसे कमर्शियल प्रॉपर्टी की तरह इस्तेमाल किया जाना चाहिए. इसके बाद लीज के नियमों का पालन किया गया. ऐसे में अब मुकेश अंबानी ने दो महीने के लिए पूरा होटल ही बुक कर लिया है, ताकि किसी बिन बुलाये मेहमान की एंट्री न होने पाए. स्टोक पार्क एस्टेट और आसपास के इलाके में सुरक्षा कड़ी की जा रही है. दो महीने तक होटल में कई जश्न होंगे, जिसमें ब्रिटेन के शाही परिवार के साथ-साथ दुनिया भर की दिग्गज हस्तियां शिरकत करेंगी. भारत से अनंत-राधिका की पोस्ट वेडिंग सेलिब्रेशन में कौन शामिल होगा, इसकी फिलहाल कोई जानकारी नहीं है.