Yoga Day 2023: भारत का योग, कई देशों की अर्थव्यवस्था को लगा रहा धक्का

21 जून को पूरी दुनिया योग दिवस मानती है. भारत की पहल पर संयुक्त राष्ट्र ने 2014 में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की घोषणा की थी.

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Wednesday, 21 June, 2023
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पूरी दुनिया आज यानी 21 जून को योग दिवस (International Yoga Day 2023) मना रही है. आज से करीब 9 साल पहले 2014 में संयुक्त राष्ट्र ने भारत की पहल पर 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस घोषित किया था. तब से हर साल योग दिवस मनाया जाता है और अब शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य प्रदान करने वाला योग एक वैश्विक बाजार बन गया है. योग से सैकड़ों लोगों की रोजी-रोटी चल रही है. इसमें एक सामान्य योग ट्रेनर से लेकर योग का सामान बनाने वालीं बड़ी-बड़ी कंपनियां तक शामिल हैं.

इतना हो जाएगा बाजार
इन 9 सालों में योग न केवल भारत बल्कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर एक बड़ा बाजार बन गया है, जिसके आने वाले सालों में बेहद तेजी से बढ़ने की संभावना है. यह कहना गलत नहीं होगा कि योग न केवल बीमारियों से दूर रखने में मदद कर रहा है, बल्कि अर्थव्यवस्था को धक्का लगाने में भी अहम भूमिका निभा रहा है. एक रिपोर्ट बताती है कि दुनियाभर में योग इंडस्ट्री 88 अरब डॉलर से अधिक की हो गई है. इसमें यदि कपड़े, मैट आदि योग से जुड़े समान को जोड़ दिया जाए तो ये आंकड़ा 130 अरब डॉलर तक पहुंच जाता है. वहीं, 2025 तक इसके तेजी से बढ़ते हुए 215 अरब डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है. 

इन देशों में काफी लोकप्रिय
योग दुनिया को भारत की देन है, लेकिन अमेरिका, ब्रिटेन, चीन, आस्ट्रेलिया जैसे देशों में ये ज्यादा लोकप्रिय हो गया है. हालांकि, भारत में भी इसके प्रति रुचि में इजाफा हुआ है, लेकिन दूसरे देशों के मुकाबले गति अभी भी धीमी है. योग का बाजार भारत में 490 अरब रुपए से अधिक का माना जाता है. वेलनेस सर्विसेज, जिसके तहत योग स्टूडियो आदि आते हैं, की इस बाजार में 40% हिस्सेदारी है. एक अन्य रिपोर्ट के अनुसार, इंडियन वेलनेस इंडस्ट्री के आने वाले सालों में 875 अरब रुपए तक पहुंचने का अनुमान है. मोदी सरकार भी योग दिवस को प्रमोट करने के लिए काफी खर्चा कर रही है. 2015 से 2019 तक अकेले भारतीय आयुष मंत्रालय ने योग दिवस पर आयोजित होने वाले कार्यक्रमों पर 137 करोड़ रुपए खर्च किए हैं.

अमेरिका में बड़ा कारोबार  
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जिस अमेरिका की यात्रा पर गए हुए हैं, वहां योग कारोबारी के तौर पर तेजी से फलफूल रहा है. यूएस में यह 12 अरब डॉलर का बाजार बन गया है और सालाना 9.8% की दर से बढ़ रहा. योग की बदौलत यहां करीब 1.22 लाख लोगों को रोजगार भी मिला हुआ है. अमेरिका में हर साल योग स्टूडियो की संख्या बढ़ रही है. 2018 में यूएस में 37569 योग स्टूडियो थे, 2019 में 40949, 2020 में 42105, 2021 में 45068, 2022 में 46912 और 2023 में ये संख्या बढ़कर 48547 हो गई है. वहीं, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया और चीन में भी योग का कारोबार लगातार बढ़ रहा है.

मैट का चलन बढ़ा
योग के लिए मैट के इस्तेमाल का चलन तेजी से बढ़ रहा है. खासतौर पर यूके और अमेरिका जैसे देशों में योग मैट इस्तेमाल करने वालों की संख्या काफी ज्यादा है. भारत में भी अब इसके खरीदारों की संख्या बढ़ी है, लेकिन अमेरिका के मुकाबले रफ्तार धीमी है. मैट की बढ़ते चलन से इसे बनाने वाली कंपनियों की चांदी हो गई है. एक रिपोर्ट के अनुसार, योग मैट सबसे ज्यादा जर्मनी, US और चीन में बनते हैं. अब Nike और Reboke जैसी दिग्गज कंपनियां भी योग मैट को बेच रही हैं. भारत में ज्यादातर योग मैट चीन से मंगाए जाते हैं. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो पहले अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के लिए चीन से 92 लाख रुपए के योग मैट आयात किए गए थे.
 


स्पेक्ट्रम नीलामी के लिए Jio ने जमा किए करोड़ों रुपये, Airtel और VI हैं इतने पीछे

6 जून को होने वाली नीलामी में सफल बोली लगाने वाले को 20 साल के लिए स्पेक्ट्रम राइट्स मिलेगा. इसमें सालाना 20 समान किश्तों में पेमेंट करने की मंजूरी मिलेगी.

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Friday, 17 May, 2024
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रिलायंस जियो ने 5G स्पेक्ट्रम नीलामी के लिए अर्नेस्ट मनी डिपॉजिट (EMD) यानी बयाना राशि के रूप में 3,000 करोड़ रुपए जमा किए हैं, जो टॉप-3 टेलिकॉम कंपनियों में शामिल भारती एयरटेल लिमिटेड से 3 गुना और वोडाफोन आइडिया (Vi) से 10 गुना ज्यादा है. डिपार्टमेंट ऑफ टेलिकॉम (DoT) के अनुसार, भारती एयरटेल ने 1,050 करोड़ और वोडाफोन आइडिया (Vi) ने 300 करोड़ रुपए जमा किए. नीलामी में 20 साल के लिए स्पेक्ट्रम अधिकार दिए जाएंगे. कंपनियों को हर साल किस्तों में भुगतान करना होगा.

Jio ने जमा किए सबसे अधिक पैसे

Jio ने सबसे अधिक बयाना राशि ऐसे समय में भी जमा कराया है, जब इसके किसी भी लाइसेंस की रिन्यूअल अभी हाल-फिलहाल में नहीं होना है. वहीं दूसरी तरफ एयरटेल और वोडाफोन आइडिया को 6 जून को आगामी नीलामी में कुछ सर्किलों में एयरवेव्स को रिन्यूअल करने की जरूरत पड़ेगी. नीलामी में एयरटेल को जम्मू-कश्मीर, ओडिशा, बिहार, UP (पूर्व), पश्चिम बंगाल और असम में एयरवेव्स को रिन्यू कराने की जरूरत है. वहीं, हाल ही में FPO के जरिए फंड जुटाने वाली वोडाफोन आइडिया को पश्चिम बंगाल और यूपी पश्चिम सर्कल में स्पेक्ट्रम रिन्यू कराना होगा.

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20 साल के लिए मिलेगा स्पेक्ट्रम राइट्स

6 जून को होने वाली नीलामी में सफल बोली लगाने वाले को 20 साल के लिए स्पेक्ट्रम राइट्स मिलेगा. इसमें सालाना 20 समान किश्तों में पेमेंट करने की मंजूरी मिलेगी. विभाग ने आने वाली नीलामी के लिए जियो को सबसे अधिक 21,363 एलिजिबिलिटी प्वाइंट्स आवंटित किए हैं. इसके बाद एयरटेल को 7,613 और वोडा आइडिया को 2,200 अंक अलॉट किए हैं. सभी टेलीकॉम कंपनियां एलिजिबिलिटी प्वाइंट्स और और स्पेक्ट्रम सीमा के आधार पर किसी भी सर्विस एरिया में किसी भी बैंड में बोली लगा सकती हैं.

96.31 हजार करोड़ के बेस प्राइस पर होगी नीलामी

टेलीकॉम विभाग 6 जून को 93,000 करोड़ रुपये के स्पेक्ट्रम की नीलामी करेगा. इसमें 800 मेगाहर्ज, 900 मेगाहर्ज, 1,800 मेगाहर्ट्ज, 2,100 मेगाहर्ट्ज, 2,300 मेगाहर्ट्ज, 2,500 मेगाहर्ट्ज, 3,300 मेगाहर्ट्ज और 26 गीगाहर्ट्ज बैंड में स्पेक्ट्रम बिक्री के लिए रखा जाएगा. DOT वेबसाइट पर मौजूद डिटेल्स के मुताबिक 31 दिसंबर, 2023 तक जियो की नेटवर्थ 2.31 लाख करोड़ रुपये और 6 मई 2024 तक एयरटेल की नेटवर्थ 86,260 करोड़ रुपये थी. वहीं 3 मई, 2024 तक वोडा आइडिया की नेटवर्थ निगेटिव 1.17 लाख करोड़ रुपये थी.

स्पेक्ट्रम क्या है और यह कैसे काम करता है?

एयरवेव्स इलेक्ट्रोमैग्नेटिक स्पेक्ट्रम के भीतर रेडियो फ्रीक्वेसी हैं जो टेलिकॉम सहित कई सर्विसेज के लिए वायरलेस तरीके से सूचना ले जा सकती हैं. सरकार इन एयरवेव्स का मैनेजमेंट और आवंटन करती है. स्पेक्ट्रम को लो फ्रीक्वेंसी से लेकर हाई फ्रीक्वेंसी तक के बैंड में डिवाइड किया जा सकता है. हाई-फ्रीक्वेंसी वेव ज्यादा डेटा ले जाती हैं और लो-फ्रीक्वेंसी वेव की तुलना में तेज होती हैं, लेकिन इन्हें आसानी से ब्लॉक या ऑब्सट्रक्ट किया जा सकता है. लोअर-फ्रीक्वेंसी वेव वाइडर कवरेज प्रदान कर सकती हैं.
 


अब इस दिग्गज निवेशक ने बताया, BJP गई 400 पार तो कैसी होगी बाजार की चाल 

लोकसभा चुनाव के 4 चरण पूरे हो चुके हैं, जबकि तीन चरण का मतदान होना अभी बाकी है. इसके नतीजे 4 जून को आएंगे.

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Friday, 17 May, 2024
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लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election 2024) के चलते शेयर बाजार (Stock Market) में उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है. हाल ही में गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने कहा था कि 4 जून के बाद शेयर बाजार रॉकेट बनने वाला है, क्योंकि भाजपा 400 से ज्यादा सीटें जीतकर देश को फिर एक बार स्थिर सरकार देने वाली है. लोकसभा चुनाव के नतीजे 4 जून को आएंगे. तमाम एक्सपर्ट्स मानते हैं कि यदि भाजपा मिशन 400 पूरा कर लेती है, तो मार्केट में तेजी आएगी. वहीं, अगर उसे 400 से कम सीटें मिलती हैं, तो बाजार की चाल प्रभावित हो सकती है. अब दिग्गज निवेशक मार्क मोबियस (Mark Mobius) ने भी इस पर अपने विचार व्यक्त किए हैं.  

बाजार के लिए होगी अच्छी खबर
मार्क मोबियस अमेरिकी मूल के जर्मन फंड मैनेजर और Mobius Capital Partners LLP के फाउंडर हैं. एक मीडिया हाउस से बातचीत में उन्होंने भाजपा के मिशन 400 और शेयर मार्केट के बीच के कनेक्शन के बारे में बताया है. मोबियस का कहना है कि अगर भाजपा के नेतृत्व वाले गठबंधन NDA को 400 से ज्यादा सीटें मिलती हैं, तो शेयर बाजार में जबरदस्त तेजी देखने को मिलेगी और यही भारत की अर्थव्यस्था के लिए भी अच्छा होगा. उन्होंने कहा कि भाजपा का 400 पार जाना शेयर बाजार के लिए अच्छी खबर. इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि भारत की इकॉनमी के लिए यह बहुत सपोर्टिव होगा.

भारत के लिए भी अच्छा
बाजार में उतार-चढ़ाव के बारे में बात करते हुए मार्क मोबियस ने कहा कि शायद लोकसभा चुनाव के नतीजों को लेकर एक अनिश्चितता पैदा होने के चलते ऐसा हो रहा है. चाहे घरेलू निवेशक हों या विदेशी निवेशक सभी को अनिश्चितता से नफरत है. उन्होंने आगे कहा कि खासतौर पर विदेशी निवेशकों को आकर्षित करने के लिए एक अनुकूल माहौल चाहिए, जिसे केवल एक मजबूत सरकार ही दे सकती है. दिग्गज निवेशक ने कहा कि यदि NDA सरकार की मजबूत वापसी होती है, तो सरकार को अपने महत्वकांक्षी प्रोजेक्ट्स पर आगे बढ़ने में मदद मिलेगी. इसका सीधा फायदा भारत की अर्थव्यस्था और विकास को होगा. मोबियस ने कहा कि भारत के लिए टेक इनोवेशन और टेक मैन्युफैक्चरिंग सेंटर बनने का एक बेहतरीन मौका है, लेकिन यह इस पर निर्भर करता है सरकार अमेरिका, चीन, ताइवान और जापान की बड़ी कंपनियों को किस हद तक आकर्षित कर पाती है. 

क्या कहा था अमित शाह ने?
हाल ही में अमित शाह ने कहा था कि शेयर बाजार में गिरावट को चुनाव से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए, 4 जून, 2024 को जब लोकसभा चुनाव के नतीजों की घोषणा होगी, तो बाजार चढ़ेगा. उन्होंने यह भी कहा था कि स्टॉक मार्केट की हालिया गिरावट से चिंतित होने की जरूरत नहीं है. बाजार ने इससे पहले भी कई बार गोते लगाए हैं, इसे चुनाव से नहीं जोड़ना चाहिए. यदि ऐसा अफवाहों के कारण हुआ भी होगा, तो 4 जून के पहले आप खरीदारी कर लेना, बाजार में तेजी आने वाली है.

स्थिर सरकार से आएगी तेजी
होम मिनिस्टर ने कहा था कि मैं शेयर बाजार के लिए आंकलन नहीं कर सकता, लेकिन सामान्य तौर पर जब स्थिर सरकार आती है तो बाजार में तेजी भी आती है. मैं कह रहा हूं कि हमारी 400 से ज्यादा सीटें आने वालीं हैं और देश में फिर से स्थिर सरकार आने वाली है. ऐसे में निश्चित रूप से बाजार ऊपर जाने वाला है. शाह ने दावा किया कि लोकसभा चुनाव के बीते तीन चरणों में भाजपा को 190 सीटें हासिल हो चुकी हैं और चौथा चरण भी उनके लिए अच्छा रहा है.  

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Stock Market: आज कौन से शेयर रहेंगे Bull पर सवार और किन शेयरों पर रहेगी Bear की मार?

एक्सपर्ट्स का मानना है कि लोकसभा चुनाव के चलते शेयर बाजार में तेज उतार-चढ़ाव का दौर बना रहेगा.

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Friday, 17 May, 2024
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शेयर बाजार (Stock Market) में छाई मंदी गुरुवार को दूर हो गई. हैवीवेट शेयरों में लिवाली और विदेशी बाजारों से मिले मजबूती वाले संकेतों के चलते हमारा शेयर बाजार बड़ी छलांग के साथ बंद हुआ. इस दौरान, बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 676.69 अंक चढ़कर 73,663.72 पर पहुंच गया. इसी तरह, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का निफ्टी भी 203.30 अंकों की बढ़त के साथ 22,403.85 पर बंद हुआ. सेंसेक्स के कुछ शेयर जहां लाभ में रहे. वहीं, SBI, मारुति, टाटा मोटर्स, पावर ग्रिड और इंडसइंड बैंक के शेयर नुकसान में रहे. चलिए जानते हैं कि आज कौनसे शेयर ट्रेंड में रह सकते हैं.

MACD के ये हैं संकेत
मोमेंटम इंडिकेटर मूविंग एवरेज कन्वर्जेंस डिवर्जेंस (MACD) ने आज के लिए Bharat Bijlee, Trent, KEI Industries, Linde India और Mazagon Dock Shipbuilders पर तेजी का रुख दिखाया है. इसका मतलब है कि इन शेयरों की कीमतों में उछाल आ सकता है. इसी तरह, MACD ने Tube Investment of India, Lux Industries, Sky Gold, KFin Technologies और Jana Small Finance Bank में मंदी के संकेत दिए हैं. यानी कि इन शेयरों में गिरावट देखने को मिल सकती है. लिहाजा इनमें निवेश को लेकर सावधान रहें. 

इनमें मजबूत खरीदारी
अब बात करते हैं उन शेयरों की जिनमें मजबूत खरीदारी देखने को मिल रही है. इस लिस्ट में दिग्गज टेलीकॉम कंपनी Bharti Airtel सहित M&M, Hero MotoCorp और Hindalco शामिल हैं. एयरटेल के शेयर कल करीब 3 प्रतिशत की छलांग के साथ 1,344 रुपए पर बंद हुए थे. बीते 5 कारोबारी सत्रों में यह शेयर 4.56% ऊपर चढ़ चुका है. इसी तरह, महिंद्रा एंड महिंद्रा भी कल 4% की मजबूती के साथ 2,393.90 रुपए पर बंद हुआ. इसने पिछले 5 दिनों में अपने निवेशकों को 7.34% का रिटर्न दिया है. Hero MotoCorp के लिए गुरुवार तेजी लेकर आया. 5,142 रुपए के भाव पर मिल रहा ये शेयर पिछले 5 सत्रों में 6.10% ऊपर गया है. हिंडाल्को में ज़रूर कल गिरावट आई और यह 652.30 रुपए पर पहुंच गया.

आज इनके आएंगे नतीजे  
आज मार्केट में वोडाफोन-आइडिया, बायोकॉन, क्रॉम्प्टन ग्रीव्ज कंज्यूमर, JK पेपर, रेस्टोरेंट्स ब्रांड्स एशिया के वित्तीय नतीजों पर प्रतिक्रिया देखने को मिल सकती है. जबकि JSW स्टील, बंधन बैंक, बलरामपुर चीनी, GMR पावर, गोदरेज प्रॉपर्टीज, फीनिक्स मिल्स, RCF, RVNL सहित कुछ और कंपनियां आज यानी 17 मई को मार्च तिमाही नतीजों का ऐलान करेंगी. एक्सपर्ट्स मानते हैं कि निफ्टी निकट भविष्य में 22,600 का अगला रेजिस्टेंस लेवल छू सकता है. गिरावट की स्थिति में यह 22,280 पर सपोर्ट ले सकता है. हालांकि, उनका यह भी कहना है कि लोकसभा चुनाव की वजह से बाजार में उतार-चढ़ाव भी तेज देखने को मिल सकता है.
 


First Global की देविना मेहरा के खिलाफ दुबई में लुकआउट नोटिस जारी, जानिए पूरा मामला

30 जनवरी को देश छोड़कर भारत से भागने से ठीक दो दिन बाद देविना मेहरा के खिलाफ 2 फरवरी को LOC जारी किया गया था.

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Thursday, 16 May, 2024
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पलक शाह

 

दुबई की एक अदालत ने भारतीय इक्विटी बाजारों में बड़े नामों में से एक देविना मेहरा के खिलाफ लुक आउट सर्कुलर (LOC) जारी किया है. बता दें कि देविना मेहरा फर्स्ट ग्लोबल की संस्थापक और सीएमडी हैं, जिन्होंने पिछले कुछ वर्षों में क्लाइंट के कई मिलियन डॉलर के पैसे संभाले हैं और उन्हें अपने पोर्टफोलियो प्रबंधन योजनाओं के माध्यम से निवेश करने की सलाह दी है. हालांकि फर्स्ट ग्लोबल की शुरुआत भारत में हुई थी, लेकिन इसने वैश्विक बाजारों में निवेश करने के बाद दुबई में शिफ्ट हो गया.

2 फरवरी को जारी दिया गया LOC

30 जनवरी को देश छोड़कर भारत से भागने से ठीक दो दिन बाद देविना मेहरा के खिलाफ 2 फरवरी को एलओसी जारी किया गया था. बिजनेसवर्ल्ड द्वारा देखा गया LOC दुबई कोर्ट के एक फैसले के बाद जारी किया गया था, जिसमें उसे केस नंबर 1637/2022 में दावेदार को 300 मिलियन डॉलर से अधिक का भुगतान करने का आदेश दिया गया था. LOC, एक नो फ्लाई नोटिस एग्जीक्यूशन केस नंबर 139/22024 के तहत जारी किया गया था. एक अन्य मामले में, यूएई के सुप्रीम कोर्ट ने मेहरा को केस नंबर 121/2023 के तहत दावेदार को 7 मिलियन डॉलर का भुगतान करने के लिए कहा है. दुबई LOC वांछित व्यक्तियों के विभाग (Department of Wanted Persons) के आपराधिक जांच और जांच के सामान्य विभाग द्वारा जारी किया गया है. LOC के अनुसार देविना की राष्ट्रीयता एंटीगुआ है, जो एक उत्तरी अमेरिकी देश है और उसने भारतीय नागरिकता छोड़ दी है.

वन नेशन,वन फूड इंवेस्टिगेशन की कवायद जल्‍द हो सकती है शुरू, FSSAI की बढ़ेगी ताकत

देविना मेहरा की BW पर प्रतिक्रिया

BW ने देविना मेहरा से संपर्क करने की कोशिश की तो उन्होंने अपने ईमेल पते devinamehra@gmail.com पर पूछे गए प्रश्न का उत्तर नहीं दिया. लेकिन जब उनके फोन नंबर +971 529218823 पर व्हाट्सएप के माध्यम से संपर्क किया गया, तो उन्होंने कहा कि हम नीति के अनुसार गुमनाम व्हाट्सएप फॉरवर्ड का सार्वजनिक रूप से जवाब नहीं देते हैं, क्योंकि इससे केवल बकवास को बढ़ावा मिलता है. वास्तव में मेरे वकीलों की सलाह के अनुसार, मैं इस मुद्दे पर साइबर अपराध की शिकायत दर्ज करने जा रही हूं. मैंने कभी भी किसी भी क्षेत्राधिकार में कोई कानून नहीं तोड़ा है. तलाक की प्रक्रिया के तहत कुछ व्यक्तिगत संपत्तियां मुकदमे में हैं, जिनका वैसे भी व्यवसाय या फर्स्ट ग्लोबल से कोई लेना-देना नहीं है, मामला न्यायालय में विचाराधीन है.

देविना मेहरा ने आगे कहा कि किसी भी मामले में, जबकि दूसरे पक्ष द्वारा दुबई की अदालतों में याचिका दायर की गई है, बैंकरों और परिसंपत्तियों के संरक्षकों ने पहले ही अदालत को सूचित कर दिया है और पुष्टि कर दी है कि एसेस्टस उस क्षेत्राधिकार में बिल्कुल भी नहीं हैं और इसका कोई विवरण UAE की अदालत को भी नहीं दिया जा सकता है.
 


महिंद्रा को मार्च तिमाही में मिला अच्छा प्रॉफिट, अब निवेशकों को मिलेगा डिविडेंड का तोहफा

महिंद्रा एंड महिंद्रा (Mahindra & Mahindra) ने अपनी 2023-24 की वित्त वर्ष की मार्च तिमाही के रिजल्ट जारी करने के साथ निवेशकों को डिविडेंड देने की घोषणा भी की है.

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Thursday, 16 May, 2024
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महिंद्रा एंड महिंद्रा (Mahindra & Mahindra) ने बीते वित्त वर्ष की मार्च तिमाही के रिजल्ट जारी कर दिए हैं. कंपनी ने बताया कि मार्च तिमाही में उनके मुनाफे और रेवेन्यू में बढ़ोतरी हुई है. तिमाही रिजल्ट के बाद गुरुवार को कंपनी के शेयर भी तेजी देखने को मिली. ऐसे में अब कंपनी अपने निवेशकों को भी डिविडेंड का तोहफा देने जा रही है. आइए जानते हैं कि कंपनी को कितना मुनाफा हुआ और वह निवेशकों को कितना डिविडेंड देगी?

इतना बढ़ा कंपनी का प्रॉफिट

महिंद्रा एंड महिंद्रा (M&M) ने पिछले वित्त वर्ष के आखिरी तिमाही के नतीजे जारी कर दिये हैं. कंपनी ने बताया कि इस तिमाही ऑटोमोटिव और फार्म सेक्टर सेगमेंट में मजबूत प्रदर्शन होने की वजह से कंपनी का प्रॉफिट ऑफ्टर टैक्स (PAT) 4 प्रतिशत बढ़ गया है. मार्च तिमाही में कंपनी का PAT 2,754 करोड़ रुपये रहा. कंपनी ने शेयर बाजार को जानकारी दी है कि वित्त वर्ष 2022-23 के जनवरी-मार्च तिमाही में PAT 2,637 करोड़ रुपये का था. इस बार 9  प्रतिशत बढ़कर 35,452 करोड़ रुपये हो गया है, जबकि एक साल पहले इसी अवधि में यह 32,456 करोड़ रुपये था.

प्रॉफिट भी बढ़ा

कंपनी का कुल मुनाफा भी बढ़ा है. 31 मार्च को समाप्त पूरे वर्ष के लिए कंपनी ने वित्त वर्ष 2023 में 9,025 करोड़ रुपये के मुकाबले 11,269 करोड़ रुपये का समेकित शुद्ध लाभ कमाया, जो 25 प्रतिशत की वृद्धि है.

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निवेशकों को मिलेगा इतना डिविडेंड

कंपनी ने तिमाही नतीजों के साथ निवेशकों को डिविडेंड देने की घोषणा भी की है. कंपनी ने जानकारी दी है कि बोर्ड ने प्रत्येक शेयर पर 21.10 रुपये के लाभांश को मंजूरी दे दी है. जल्द ही इस डिविडेंड के डिस्ट्रिब्यूशन की तारीख भी घोषित की जाएगी.

कंपनी के शेयर की परफॉर्मेंस
गुरुवार यानी 16 मई को महिंद्रा एंड महिंद्रा के शेयर (M&M Share Price) 3.98 प्रतिशत चढ़कर 2,393.90 रुपये प्रति शेयर पर बंद हुआ है. पिछले 6 महीने में कंपनी के शेयर ने 51.08 प्रतिशत और 1 साल में 89.53 प्रतिशत का पॉजिटिव रिटर्न दिया है.


वन नेशन,वन फूड इंवेस्टिगेशन की कवायद जल्‍द हो सकती है शुरू, FSSAI की बढ़ेगी ताकत

दरअसल अभी देश के अंदर इस्‍तेमाल किए जाने वाले खाने पीने के सामाान और देश के बाहर भेजे जाने वाले जाने वाले प्रोडक्‍ट की जांच अलग-अलग संस्‍थाएं करती हैं. 

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Thursday, 16 May, 2024
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वन नेशन वन राशन कार्ड की तर्ज पर अब सरकार वन नेशन वन फूड इंवेस्टिगेशन एजेंसी बनाने पर विचार कर रही है. दरअसल हालिया समय में जिस तरह मसालों की शुद्धता को लेकर मामला सामने आया उसके बाद  कुछ देशों ने भारत के मसालों पर पाबंदी लगा दी थी. इसी कड़ी में अब ये खबर सामने आई है कि सरकार फूड इंवेस्टिगेशन के लिए FSSAI को और ताकतवर बनाने की तैयारी कर रही है, जिससे इन मामलों को सेंट्रलाइज किया जा सके. 

अभी क्‍या है आखिर पूरी व्यवस्‍था ? 
मौजूदा समय में देश के अंदर खाने पीने के सामान की जांच का काम FSSAI (Food Safety and Standard Authority of india) करती है. FSSAI देश के अंदर खाने के सैंपल लेकर उनकी जांच करने का काम करती है. जबकि APEDA देश से बाहर जा रहे फूड प्रोडक्‍ट की जांच से लेकर उनकी क्‍वॉलिटी की जांच करने का काम करती है. दरअसल बाहर से आने वाले खाने के सामान की जांच और उसकी क्‍वॉलिटी चेक करने का काम सभी देशों में होता है. अलग-अलग देशों में सैंपल चेक करने से लेकर उनमें कमी पाए जाने पर सैंपल को वापस कर दिया जाता है. 

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अब क्‍या हो सकती है आखिर नई व्‍यवस्‍था? 
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सरकार इस नई व्‍यवस्‍था में देश और विदेश को भेजे जाने वाले खाने पीने के सामान की जांच का काम FSSAI को दे सकती है. सरकार इस प्रस्‍ताव के साथ FSSAI को और मजबूत बना सकती है. सरकार खाने पीने के मामलों में उल्‍लंघन करने पर सजा का प्रावधान भी बढ़ा सकती है. अभी ऐसा करने वालों के लिए काफी कम सजा है. 

मसालों में पेस्टिसाइड की मिलावट का आया था मामला 
हाल ही में एवरेस्‍ट और एमडीएच के मसालों में सिंगापुर और हांगकांग में पेस्टिसाइड की मिलावट का मामला सामने आया था. सिंगापुर और हांगकांग में उनमें जरूरत से ज्‍यादा एथिलीन ऑक्‍साइड की मात्रा जरूरत से ज्‍यादा पाई गई थी, जिसके बाद वहां की सरकार ने इन कंपनियों के प्रोडक्‍ट को लेकर सख्‍त कार्रवाई की थी. हालांकि इसी मामले को लेकर अमेरिका भी जांच की गई थी लेकिन वहां की सरकार ने इस तत्‍व के इस्‍तेमाल को अपने देश में वाजिब बताया था.  
 


Adani की इस कंपनी को किसने किया ब्लैकलिस्ट, क्या निवेशकों के आएंगे 'बुरे दिन'? 

अडानी समूह की लिस्टेड कंपनियों के लिए आज का दिन मिलाजुला रहा. कुछ कंपनियों के शेयर लुढ़के, तो कुछ में मजबूती भी आई.

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Thursday, 16 May, 2024
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अडानी समूह (Adani Group) के लिए एक बुरी खबर आई है. समूह की कंपनी अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन (Adani Ports and Special Economic Zone) के खिलाफ बड़ी कार्रवाई हुई है. नॉर्वे के 1.7 ट्रिलियन डॉलर वाले सॉवरेन वेल्थ फंड ने अस्वीकार्य जोखिम का हवाला देते हुए अडानी पोर्ट्स को अपने पोर्टफोलियो से ब्लैकलिस्ट कर दिया है. इस फंड का प्रबंधन करने वाले नोर्गेस बैंक इन्वेस्टमेंट मैनेजमेंट (Norges Bank Investment Management) ने यह जानकारी दी है. 

2022 से जारी थी निगरानी
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, अडानी पोर्ट्स के अलावा नार्वे के वेल्थ फंड ने अमेरिका की L3Harris Technolgies और चीन की Weichai पावर को भी अपने पोर्टफोलियो से बाहर कर दिया है. यह फैसला नॉर्वे की काउंसिल ऑन एथिक्स की सिफारिशों के आधार पर लिया गया है. मालूम हो कि नोर्गेस बैंक इन्वेस्टमेंट मैनेजमेंट साल 2022 से अडानी पोर्ट्स की निगरानी कर रहा था और कंपनी को पोर्टफोलियो से बाहर करने के साथ ही निगरानी भी खत्म हो गई है. Norges के इस निर्णय को अडानी पोर्ट्स के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है और इसका असर कंपनी के शेयरों पर भी पड़ सकता है.

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इस वजह से आई नजर में
अडानी पोर्ट्स पर आरोप है कि वो युद्ध और संघर्ष क्षेत्रों में मानवाधिकारों के उल्लंघन में शामिल रही. इसी के आधार पर नॉर्वे के वेल्थ फंड ने अस्वीकार्य जोखिम का हवाला देते हुए अडानी पोर्ट्स को अपने पोर्टफोलियो से बाहर कर दिया है. दरअसल, म्यांमार में एक पोर्ट टर्मिनल में अडानी पोर्ट्स की भागीदारी के चलते कंपनी नार्वे सरकार की नज़र में आई थी. कंपनी ने पिछले साल ही उस पोर्ट प्रोजेक्ट को बेचने की बात कही थी, लेकिन नॉर्वे की काउंसिल ऑन एथिक्स ने कहा था कि खरीदार के बारे में कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है. लिहाजा यह पता लगाना असंभव है कि क्या अडानी पोर्ट्स का अभी भी उससे संबंध है.

ऐसा रहा है स्टॉक का हाल
काउंसिल ऑन एथिक्स के अनुसार, बेहद गंभीर मानदंडों का उल्लंघन हुआ है, जो अस्वीकार्य जोखिम है. गौरतलब है कि अडानी पोर्ट्स भारत की सबसे बड़ी प्राइवेट पोर्ट ऑपरेटर और एंड-टू-एंड लॉजिस्टिक्स प्रोवाइडर कंपनी है. उसके पास 13 बंदरगाह और टर्मिनल हैं, जो देश की कुल पोर्ट कैपिसिटी के 24% के बराबर है. माना जा रहा है कि नॉर्वे से आई इस बुरी खबर का असर कंपनी के शेयरों पर पड़ सकता है. आज यानी गुरुवार को अडानी पोर्ट्स के शेयर मामूली बढ़त के साथ 1,342 रुपए पर बंद हुए. बीते 5 कारोबारी सत्रों में यह शेयर 6.49% और इस साल अब तक 28.07% चढ़ा है. इसका 52 वीक का हाई लेवल 1,424.95 रुपए है. 


सरकार हमारी स्‍लीपिंग पार्टनर और हम वर्किंग पार्टनर, ब्रोकर के सवाल पर क्‍या बोलीं FM

आम आदमी पर लगने वाले टैक्‍स को लेकर ब्रोकर ने निवेश से लेकर रियल स्‍टेट बाजार पर लगने वाले टैक्‍स को लेकर अपनी बात कही तो वित्‍त मंत्री ने जवाब ने सभी को खुश कर दिया. 

Last Modified:
Thursday, 16 May, 2024
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हर सामान पर लगने वाले टैक्‍स को लेकर वैसे तो अब तक कई लोग आवाज उठा चुके हैं लेकिन गुरुवार को वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण से एक ब्रोकर ने कुछ ऐसा ही सवाल पूछ लिया. ब्रोकर ने पूछा कि सरकार उनके निवेश से लेकर रियल स्‍टेट तक हर जगह ऐसे टैक्‍स लेती है जैसे वो स्‍लीपिंग पार्टनर हो और वो वर्किंग पार्टनर है जिसकी कोई सैलरी नहीं है. इस पर वित्‍त मंत्री ने जो जवाब दिया है वो आप को भी गुदगुदा सकता है. 

ब्रोकर ने आखिर क्‍या सवाल पूछा? 
मुंबई में चल हे इस कार्यक्रम वित्‍त मंत्री से सवाल पूछा कि जब भी कोई रिटेल निवेशक बाजार में पैसा लगाता है तो सरकार उससे कई तरह से पैसा कमाती है. सरकार जीएसटी, एसजीएसटी, सीजीएसटी सहित लॉन्‍ग टर्म कैपिटल गेन टैक्‍स सहित कई और तरह के टैक्‍स लगाती है. उन्‍होंने कहा कि आज सरकार ब्रोकर से ज्‍यादा कमा रही है. उन्‍होंने कहा कि मैं अपनी पूंजी बाजार में लगा रहा हूं, मैं उस निवेश को लेकर सारा जोखिम ले रहा हूं, लेकिन सरकार सारा टैक्‍स ले लेती है. सरकार हमारी स्‍लीपिंग पार्टनर है और मैं अपने फाइनेंसस के साथ वर्किंग पार्टनर हो गया हूं. आप इस पर क्‍या कहना चाहेंगी? 

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रियल स्‍टेट को लेकर भी सामने आया ऐसा ही दिलचस्‍प सवाल 
इन्‍हीं ब्रोकर ने ऐसे ही रियल स्‍टेट को लेकर भी सवाल पूछते हुए कहा कि अगर हम कोई घर खरीदते हैं तो उसमें से आज कैश का हिस्‍सा बिल्‍कुल खत्‍म हो गया है. अगर मुंबई में कोई आदमी घर खरीदना चाहता है तो ये एक सपने जैसा हो गया है. क्‍योंकि मैं टैक्‍स अदा कर रहा हूं इसलिए मेरे पास सारा व्‍हाइट मनी है. इसलिए हम जो कुछ भी पे करेंगे वो चेक से पेमेंट करेंगे मिस्‍टर लोड़ा कैश नहीं लेते हैं. सारा टैक्‍स जमा करने के बाद जब मैं घर लेने जाता हूं तो मुझे एक बार फिर स्‍टैंप ड्यूटी देनी होगी और जीएसटी देना होगा. ये राशि कोई 11 प्रतिशत तक पहुंच जाती है.उन्‍होंने वित्‍त मंत्री से पूछा कि आखिर आप मुंबई में रहने वालों को घर लेने के लिए क्‍या सुझाव देना चाहेंगी. 

अब जानिए आखिर वित्‍त मंत्री ने क्‍या कहा 
इन सभी सवालों का हंसकर जवाब देते हुए वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि  एक स्‍लीपिंग पार्टनर यहां बैठकर कैसे जवाब दे सकता है. वित्‍त मंत्री का ये जवाब सुनकर वहां मौजदू सभी लोग हंसने लगे. 
 


SEBI ने आसान किए KYC से जुड़े नियम, करोड़ों निवेशकों को मिली राहत

सेबी ने केवाईसी के नियमों को कड़ा कर दिया था, जिसके चलते 1 अप्रैल के बाद 1 करोड़ से ज्यादा म्यूचुअल फंड अकाउंट होल्ड कर दिए गए थे.

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Thursday, 16 May, 2024
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म्‍यूचुअल फंड में पैसा लगाने वाले निवेशकों के लिए अच्‍छी खबर है. बाजार नियामक SEBI ने KYC के नियमों में हाल ही में लागू किए बदलावों को कुछ आसान कर दिया है. इससे एक करोड़ से ज्यादा ऐसे निवेशकों को फायदा होगा, जिनके म्यूचुअल अकाउंट होल्ड हो गए थे. पहले SEBI ने म्‍यूचुअल फंड में निवेश करने वालों की ‘KYC रजिस्‍टर्ड’ करने के लिए पैन को आधार से लिंक करना अनिवार्य कर दिया था. लेकिन, अब 14 मई को जारी एक नए सर्कुलर में SEBI ने कहा है कि अब पैन-आधार लिंक, KYC रजिस्‍टर्ड करने के लिए अनिवार्य नहीं है.

SEBI ने दी KYC में ये ढील

सेबी के द्वारा दी गई ढील के बाद अब KYC रजिस्ट्रेशन एजेंसियां ऑफिशियल डेटाबेस से पैन, नाम, पता, ईमेल, मोबाइल नंबर जैसी जानकारियों को वेरिफाई कर सकती हैं. SEBI का कहना है कि अगर ये जानकारियां ऑर्डर में पाई जाती हैं तो उन्हें वैलिडेटेड रिकॉर्ड के रूप में कंसीडर किया जाएगा.

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1 अप्रैल से लागू हुए थे बदलाव

इससे पहले सेबी ने म्यूचुअल फंड के निवेशकों के लिए KYC के नियमों को कड़ा कर दिया था. नियामक के द्वारा किए गए बदलाव में बहुत सारे निवेशकों को फिर से KYC कराने की जरूरत पड़ गई थी. ये नियम 1 अप्रैल 2024 से लागू हुए थे और फ्रेश KYC नहीं कराने वाले निवेशकों के म्यूचुअल फंड अकाउंट को होल्ड कर दिया गया था.

इतने अकाउंट हो गए थे होल्ड

बताया जा रहा था कि अधूरी KYC के चलते करीब 1.3 करोड़ म्यूचुअल फंड अकाउंट होल्ड किए गए थे. KYC रजिस्ट्रेशन एजेंसियों ने बताया था कि इन्वेस्टर्स ने KYC की शुरुआती प्रक्रिया में वैसे दस्तावेजों का इस्तेमाल किया, जो अब आधिकारिक रूप से वैलिड नहीं हैं या उन्होंने आधार के जरिए KYC को पूरा नहीं किया, इसी कारण उनके अकाउंट को होल्ड किया गया है. हालांकि सेबी के द्वारा दी गई ताजी छूट से ऐसे निवेशकों को राहत मिलने की उम्मीद है.

ऐसे निवेशकों को मिलेगी राहत

म्यूचुअल फंड अकाउंट को होल्ड करने से उन निवेशकों को ज्यादा परेशानी हो रही थी, जो NRI हैं या भारत से बाहर किसी अन्य देश में रहते हैं. वे अपने म्यूचुअल फंड अकाउंट से निकासी नहीं कर पा रहे थे, क्योंकि उनके अकाउंट को होल्ड कर दिया गया था. अब केआरए से वेरिफिकेशन के बाद उनी KYC को कंप्लीट माना जा सकता है और अकाउंट पर लगे होल्ड को हटाया जा सकता है.
 


एंटीलिया के पड़ोस में है देश का दूसरा सबसे महंगा घर, जानते हैं किस बिजनेसमैन का है ये घर?

देश के दूसरे सबसे महंगे और आलीशान घर जे.के. हाउस की कीमत 6 हजार करोड़ रुपये है. इसकी इमारत देश के सबसे महंगे घर एंटीलिया से भी ऊंची है.

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Thursday, 16 May, 2024
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मुंबई स्थित बिजनेसमैन मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के बारे में तो हर कोई जानता ही होगा. एंटीलिया भारत का सबसे लग्जरी और महंगा घर तो है ही, साथ ही दुनिया के सबसे महंगे घरों में भी शामिल है. वहीं, इसके पड़ोस में ही देश का दूसरा सबसे महंगा घर है. ये घर उस बिजनेसमैन का है जिसने अपने पिता को इसी घर से बाहर निकाल दिया था और अब अपनी पत्नी को भी शादी के 32 साल बाद तलाक देने जा रहे हैं. तो चलिए जानते हैं कौन बिजनेसमैन है इस आलीशान घर का मालिक?  

इसलिए खास है जे.के. हाउस

बिजनेसमैन मुकेश अंबानी का घर ‘एंटीलिया’ मुंबई की एल्टामाउंट रोड पर बना है. इस रोड को भारत का Billionaire’s Row भी कहा जाता है. इसी रोड पर देश का दूसरा सबसे महंगा आलीशान घर ‘जे.के. हाउस’ बना है और ये बिल्डिंग मुकेश अंबानी के एंटीलिया से भी ऊंची है. मुकेश अंबानी का ‘एंटीलिया’ जहां 27 मंजिला है. वहीं, जे.के. हाउस में 36 फ्लोर हैं. इसका डिजाइन बहुत हद तक एंटीलिया के जैसा ही है. ये प्रॉपर्टी एक बार रिनोवेशन के लिए जा चुकी है,  साल 2016 में ये फिर से तैयार हो गई थी. भारत में ये 140वीं सबसे ऊंची इमारत है, तो दुनिया में इसकी रैंकिंग 7,900 के करीब है.

घर की कीमत 6 हजार करोड़

जे. के. हाउस के अंदर लगभग सभी आधुनिक सुख सुविधाएं मौजूद हैं. इसमें जिम, स्पा, स्विमिंग पूल से लेकर होम थिएटर तक सभी मौजूद है. इस इमारत के 5 फ्लोर सिर्फ पार्किंग के लिए इस्तेमाल होते हैं. वहीं इसमें एक हेलीपैड भी है. इस मकान की अनुमानित कीमत करीब 6,000 करोड़ रुपये है.

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ये हैं इस आलीशान घर के मालिक

जे.के हाउस का मालिकाना हक रेमंड ग्रुप के पास है. ये घर रेमंड ग्रुप के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर गौतम सिंघानिया (Gautam Singhania) हैं. गौतम सिंघानिया कई कारणों से अक्सर चर्चा में रहते हैं. उनके पिता विजयपत सिंघानिया कई मौकों पर मीडिया में बयान दे चुके हैं कि जिस बेटे को उन्होंने अपना पूरा कारोबार सौंप दिया, उसने ही उन्हें अपने खुद के घर (जे.के. हाउस) से बाहर निकाल दिया. वह गौतम सिंघानिया को बिजनेस सौंपना अपनी सबसे बड़ी गलती बता चुके हैं. पिछले वर्ष दिवाली के कुछ दिन बाद गौतम सिंघानिया ने सार्वजनिक तौर पर जानकारी दी थी कि वह अपनी पत्नी नवाज मोदी सिंघानिया से शादी के 32 साल बाद तलाक लेने जा रहे हैं. इस ऐलान के कुछ दिन बाद ही नवाज मोदी के इसी जे.के. हाउस के बाहर धरना देने के वीडियो वायरल हुए थे.

पत्नी के साथ संपत्ति बंटवारे को लेकर विवाद

हाल में उन्हें रेमंड ग्रुप की अलग-अलग कंपनियों के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स से भी बाहर कर दिया गया है. गौतम सिंघानिया का अपनी पत्नी के साथ तलाक में संपत्ति के बंटवारे को लेकर विवाद चल रहा है. नवाज मोदी ने तलाक में गौतम सिंघानिया से करीब 8700 करोड़ रुपये की मांग की है.