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बर्बादी की कगार पर पहुंची WeWork, क्या भारत में कारोबार पर पड़ेगा असर?
अमेरिकी मुख्यालय वाली कंपनी WeWork को भारी-भरकम घाटा हुआ है. कंपनी की आर्थिक स्थिति लगातार खराब होती जा रही है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 9 months ago
किसी जमाने में 47 बिलियन डॉलर के वैल्यूएशन वाली कंपनी WeWork मुश्किल दौर से गुजर रही है. फ्लेक्सिबल वर्कस्पेस प्रोवाइडर WeWork अब दिवालिया होने की कगार पर है. कंपनी खुद मान बैठी है कि उसके लिए मौजूदा हालातों से पार पाना आसान नहीं. अमेरिका के न्यूयॉर्क मुख्यालय वाली इस कंपनी ने अपनी दूसरी तिमाही में 397 मिलियन डॉलर का शुद्ध घाटा दर्ज किया है. जिसके चलते उसके शेयर 30% से ज्यादा टूट गए हैं. WeWork भारत में भी मौजूद है. ऐसे में यह सवाल लाजमी है कि अमेरिका में कंपनी के हाल का असर क्या भारत में भी पड़ेगा?
भारत में ये है व्यवस्था
WeWork ग्लोबल की तरफ से स्पष्ट किया गया है कि मौजूदा डेवलपमेंट का उसके भारतीय कारोबार पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा. WeWork इंडिया में, बेंगलुरु स्थित रियल एस्टेट फर्म एम्बेसी ग्रुप की 73% हिस्सेदारी है, जबकि WeWork Global की 27% हिस्सेदारी है. जून 2021 में, WeWork Global, जो कि एक लीडिंग फ्लेक्सिबल वर्कस्पेस प्रोवाइडर है, ने WeWork India में 750 करोड़ से ज्यादा का निवेश किया था. WeWork इंडिया के सीईओ करण विरवानी का कहना है कि शुरुआत से ही, WeWork India को एम्बेसी ग्रुप का समर्थन प्राप्त है. इस ग्रुप के पास भारत में WeWork ग्लोबल के व्यवसाय को संचालित करने के लिए बहुमत हिस्सेदारी और नियंत्रण है. लिहाजा वैश्विक स्तर पर किसी भी हलचल से भारत में हमारे बिजनेस पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा.
'अच्छे दिनों' का लौटना मुश्किल
विरवानी के मुताबिक, कोरोना महामारी से उत्पन्न चुनौतियों के बावजूद, WeWork India पिछले साल की शुरुआत में लाभदायक बनकर उभरी है. हमने FY223 को 1,400 करोड़ रुपए के राजस्व और 250 करोड़ रुपए की आय के साथ समाप्त किया है. वर्तमान में, WeWork India के पोर्टफोलियो में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र, मुंबई, बेंगलुरु, पुणे और हैदराबाद में 48 स्थानों पर 6.5 मिलियन वर्ग फुट से अधिक क्षेत्र है. वहीं, WeWork ग्लोबल की बात करें, तो कंपनी के शेयरों में गिरावट का दौर जारी है. एक रिपोर्ट में बताया गया है कि पिछले एक साल में कंपनी के शेयरों में 95% से ज्यादा की गिरावट आई है और जिस तरह के हालात हैं, उसे देखकर कहना मुश्किल है कि कंपनी के शेयरों के 'अच्छे दिन' लौट पाएंगे.
कोरोना से बढ़ाई थी मुसीबत
कई दूसरी कंपनियों की तरह ही WeWork Global के लिए भी कोरोना महामारी काल बनकर आई. कंपनी की IPO लाकर फंड जुटाने की कोशिशों को कोरोना की वजह से बड़ा झटका लगा था. तमाम कोशिशों के बाद 2021 में बहुत कम वैल्युएशन पर कंपनी अमेरिका के स्टॉक एक्सचेंज में लिस्ट होने में कामयाब रही. हालांकि, कंपनियों को उम्मीद के अनुरूप परिणाम नहीं मिले. WeWork ने सॉफ्टबैंक, ब्लैकरॉक, इनसाइट पार्टनर्स और गोल्डमैन सैश जैसे निवेशकों से 22 बिलियन डॉलर से अधिक की फंडिंग जुटाई थी. 30 जून तक WeWork के रियल एस्टेट पोर्टफोलियो में 39 देशों में 777 स्थान शामिल थे.
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