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क्या अनिल अग्रवाल के लिए संजीवनी साबित होगा Vedanta का डी-मर्जर?
वेदांता के मालिक अनिल अग्रवाल पिछले कुछ समय से काफी मुश्किलों का सामना कर रहे हैं. उनकी कंपनी पर कर्ज का बोझ काफी ज्यादा है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 7 months ago
कर्ज के बोझ तले दबी वेदांता रिसोर्सेज (Vedanta Resources) अपने पूरे कारोबार को छह हिस्सो में बांटने वाली है. पिछले कुछ वक्त से कंपनी को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ा है. उसकी कई योजनाएं परवान नहीं चढ़ सकीं हैं. रेटिंग एजेंसी मूडीज (Moody’s) ने वेदांता के कर्ज को ध्यान में रखते हुए उसकी रेटिंग CAA1 से घटाकर CAA2 कर दी है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, वेदांता पर करीब 600 करोड़ डॉलर का कर्ज है और इसमें से करीब दो-तिहाई उसे अगले साल चुकाना है. ऐसे में यह सवाल पूछा जाने लगा है कि क्या वेदांता के बंटवारे से अनिल अग्रवाल (Anil Agarwal) की किस्मत बदल पाएगी?
आसान नहीं है पैसा जुटाना
अनिल अग्रवाल की कंपनी वेदांता कर्ज चुकाने पर फोकस कर रही है, लेकिन उसके लिए यह इतना आसान नहीं रहा है. बढ़ी ब्याज दरों के चलते पैसा जुटाना भी महंगा हो गया है. अब कंपनी अपने कारोबार को छह हिस्सों में बांटने जा रही है. कंपनी के बोर्ड ने डीमर्जर की इस योजना को मंजूरी दे दी है. कंपनी ने 6 अलग लिस्टेड कंपनियों की योजना तैयार की है. इसमें वेदांता लिमिटेड के अलावा वेदांता एल्युमीनियम, वेदांता ऑयल एंड गैस, वेदांता पावर, वेदांता स्टील एंड फैरस मैटीरियल और वेदांता बेस मेटल्स शामिल होंगी.
इस तरह मिलेगा फायदा
एक्सपर्ट्स का कहना है कि अनिल अग्रवाल को Vedanta के Demerger से फायदा हो सकता है. उनके मुताबिक, यदि वेदांता को छह हिस्सों में बांटने की प्रक्रिया सफल रहती है, तो इसका पॉजिटिव असर दिखने को मिल सकता है. उदाहरण के तौर पर, वेदांता ग्रुप पर निवेशकों का भरोसा बढ़ेगा, उसकी फंड जुटाने की क्षमता बढ़ेगी और फाइनेंशियल सेहत में भी सुधार आएगा. क्योंकि हर कंपनी बिना दूसरे हिस्से की कमजोरी का बोझ उठाए आगे बढ़ सकेगी. मौजूदा व्यवस्था में यदि कोई एक कारोबार अच्छी स्थिति में है, लेकिन दूसरे के हाल अच्छे नहीं हैं, तो उसका असर सामूहिक रूप से पड़ता है. डी-मर्जर के बाद ऐसा नहीं होगा. हर कंपनी अपने हिसाब से, अपनी जरूरत के अनुसार फैसले ले पाएगी. इसके अलावा, कर कंपनी को अपना सही वैल्यूएशन लगाने में मदद मिलेगी और दूसरी कंपनियों की खराब स्थिति के चलते उसमें गिरावट नहीं आएगी. कुल मिलाकर इस योजना से मुश्किल दिनों का सामना कर रहे अनिल अग्रवाल के अच्छे दिन आ सकते हैं.
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