ऐसा क्या है 24Seven में, जो अपना बनाने को बेताब हैं Tata, Ambani और Damani? 

साल 2005 में 24Seven की शुरुआत हुई थी. इस रिटेल चेन के स्टोर्स में किराना से लेकर बहुत कुछ मिलता है.

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Wednesday, 17 April, 2024
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भारत का रिटेल बाजार काफी बड़ा है और आने वाले सालों में इसके तेजी से विस्तार करने की संभावना है. एक रिपोर्ट बताती है कि अगले दशक में भारत का रिटेल सेक्टर 9 से 10 प्रतिशत की दर से बढ़कर 2 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच जाएगा. यही वजह है कि इस सेक्टर में पहले से मौजूद कंपनियां अपने पोर्टफोलियो को मजबूत करने में जुट गई हैं. इसी कड़ी में टाटा, मुकेश अंबानी और राधाकिशन दमानी रिटेल ग्रोसरी चेन 24सेवन (24Seven) को अपना बनाना चाहते हैं. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें, तो तीनों दिग्गज कारोबारियों की नजर घाटे में चल रही 24Seven पर है.

यहां मौजूद है कंपनी
24सेवन (24Seven) का मालिकाना हक के.के. मोदी ग्रुप के निवेश वाली कंपनी गॉडफ्रे फिलिप्स (Godfrey Phillips) के पास है. 24सेवन के दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR), पंजाब और हैदराबाद में करीब 145 स्टोर हैं. कंपनी ने काफी समय पहले ही अपने स्टोर्स की संख्या को 200 करने का टारगेट रखा था, लेकिन उसे हासिल नहीं कर पाई. 24Seven के स्टोर्स उम्मीद के अनुरूप सफलता हासिल नहीं कर पाए हैं. इसलिए Godfrey Phillips ने इस कारोबार से बाहर निकलने का फैसला लिया है.  

क्यों खास है 24Seven?
साल 2005 में 24Seven की शुरुआत हुई थी. इस रिटेल चेन के स्टोर्स में किराना से लेकर स्टेपल, स्नैक्स, सॉफ्ट ड्रिंक, पर्सनल केयर प्रोडक्ट्स के साथ-साथ मोदी ग्रुप के ब्यूटी ब्रैंड के उत्पाद भी मिलते हैं. साथ ही इसके कुछ बड़े स्टोर्स पर रेडी-टू-ईट फूड काउंटर भी हैं, जो इसे दूसरों से अलग बनाता है. हालांकि, तमाम खासियतों के बावजूद स्टोर्स Godfrey Phillips के मनमुताबिक भीड़ खींचने में पूरी तरह सफल नहीं रहे. एक्सपर्ट्स मानते हैं कि घाटे के बावजूद 24सेवन फॉर्मेट का विस्तार संभव है, क्योंकि ग्रोसरी रिटेल सेक्टर में काफी तेजी दिखने को मिल रही है. यही वजह है कि टाटा समूह की ट्रेंट, मुकेश अंबानी की रिलायंस रिटेल और राधाकिशन दमानी की एवेन्यू सुपरमार्केट्स इसे खरीदने की दौड़ में हैं.

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कई ग्रुप्स से चल रही बात
रिपोर्ट्स में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि मोदी ग्रुप की टाटा ट्रेंट, रिलायंस रिटेल और एवेन्यू सुपरमार्केट्स के साथ बातचीत चल रही है. गॉडफ्रे फिलिप्स इंडिया ने एक एक्सचेंज फाइलिंग में बताया है कि वो घाटे में चल रही 24सेवन चेन से बाहर निकलने की योजना पर काम कर रही है. कंपनी ने रिटेल बिजनेस डिवीजन की विस्तृत समीक्षा के बाद यह निर्णय लिया है. 24सेवन का वैल्यूएशन एक बड़ा मुद्दा है, जिस पर सहमति बनाने की कोशिश में Godfrey Phillips जुटी हुई है. 

इस तरह मिलेगा फायदा
टाटा ग्रुप की रिटेल कंपनी ट्रेंट लिमिटेड ग्रोसरी चेन स्टार बाजार को ऑपरेट करती है और अपने इस कारोबार को बढ़ाना चाहती है. इसी तरह, रिलायंस रिटेल वेंचर्स भारत में 7-इलेवन स्टोर चलाती है. इस अमेरिकी कंपनी के साथ रिलायंस की पार्टनरशिप है और इसके करीब 50 स्टोर हैं. रिटेल चेन डीमार्ट चलाने वाली कंपनी एवेन्यू सुपरमार्ट्स भी 24सेवन को खरीदकर अपने कारोबार का विस्तार करने की कोशिश में है. राधाकिशन दमानी के Dmart आज रिटल सेक्टर में अपनी एक अलग पहचान रखता है. दमानी ने नवी मुंबई में सस्ती जमीन खरीदकर साल 2002 में पहला डीमार्ट स्टोर खोला था और आज इसके देश में 365 स्टोर्स हैं. डीमार्ट स्टोर्स को एवेन्यू सुपरमार्ट्स लिमिटेड ऑपरेट करती है. दमानी DMart स्टोर्स की संख्या बढ़ाकर 1500 करना चाहते हैं. 


देश की बड़ी तेल कंपनी के नतीजों ने किया निराश, इतना मिलेगा डिविडेंड 

इंडियन ऑयल कंपनी के मुनाफे से लेकर रेवेन्‍यू तक में गिरावट के बाद कंपनी ने अपने निवेशकों को 7 रुपये प्रति शेयर का डिविडेंड देने का ऐलान किया है.

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Tuesday, 30 April, 2024
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ऑयल सेक्‍टर की बड़ी कंपनी इंडियन ऑयल के नतीजे जारी हो गए हैं. कंपनी के मुनाफे से लेकर रेवेन्‍यू में बड़ी कमी देखने को मिली है. हालांकि कंपनी की ओर से निवेशकों को डिविडेंड देने का फैसला किया गया है. कंपनी अपने निवेशकों को प्रति शेयर 7 रुपये का डिविडेंड देने का फैसला किया है. सबसे खास बात ये भी है कि कंपनी ने जो डिविडेंड देने का फैसला किया है वो 10 रुपये के फेसवैल्‍यू वाले का 70 प्रतिशत है. 

जानिए कितना रहा है मुनाफा? 
कंपनी की ओर से जारी किए नतीजों के अनुसार, 2023-24 में कंपनी को 4838 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ है. जबकि 2022-23 में नतीजों पर नजर डालें तो ये 10059 करोड़ रुपये रहा था, जो 52 प्रतिशत कम है. वहीं अगर 2024 के पहले तीन महीनों में कंपनी के नतीजों पर नजर डालें तो कच्‍चे तेल के दामों में 16 फीसदी का इजाफा देखने को मिला था. इसके कारण कंपनी के मुनाफे में कमी आई थी लेकिन कंपनी ने 7 रुपये प्रति शेयर का डिविडेंड देने का फैसला किया है. 

कमाई में भी आई है कमी 
वहीं अगर इंडियन ऑयल की चौथी तिमाही में कमाई पर नजर डालें तो उसमें गिरावट देखने को मिली है. कंपनी का रेवेन्‍यू 3 फीसदी घटकर 2.19 लाख करोड़ रुपये रहा, जबकि पिछले वित्‍तीय वर्ष में ये 2.26 लाख करोड़ रुपये रहा था. वहीं 2023-24 के दौरान कंपनी के ऑपरेशन से रेवेन्‍यू में गिरावट देखने को मिली है. वहीं अगर कंपनी के पूरे साल के रेवेन्‍यू पर नजर डालें तो वो 866345 करोड़ रुपये रहा जबकि पिछले साल 2022-23 में ये 934953 करोड़ रुपये रहा था. 

कैसी रही शेयर की चाल? 
वहीं अगर कंपनी के शेयर पर नजर डालें तो मंगलवार को ये 179.50 रुपये पर खुला था, जबकि 168.95 रुपये बंद हुआ. कंपनी के शेयर में 4.41 प्रतिशत की गिरावट देखने को मिली. कंपनी के शेयर का 52 हफ्तों का हाई 196.80 रुपये रहा जबकि 52 हफ्तों का लो प्राइस 81.40 रुपये रहा. कंपनी का मार्केट 2.39 लाख करोड़ रहा है. 

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एक प्‍लेट पानी पुरी का दाम 333 रुपये, जानिए क्‍यों सोशल मीडिया पर हो रही है चर्चा? 

एयरपोर्ट से लेकर होटल्‍स में महंगाई का ये पहला उदाहरण नहीं है. इससे पहले भी कई मामले सामने आए हैं, लेकिन बावजूद इसके ऐसे मामले रूकने का नाम नहीं लेते हैं. 

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Tuesday, 30 April, 2024
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मुंबई की महंगाई पहले भी कई बार चर्चा का विषय बनी है. लेकिन इस बार सोशल मीडिया पर पानी पुरी की महंगाई की बड़े पैमाने पर चर्चा हो रही है. दरअसल सुगर कॉस्‍मैटिक कंपनी के सीओओ और को फाउंडर कौशिक मुखर्जी ने पानी पुरी की एक प्‍लेट के दाम 333 रुपये को लेकर एक्‍स पर ट्वीट करते हुए आश्‍चर्य व्‍य‍क्‍त किया है.

अपने ट्वीट में उन्‍होंने लिखी ये बात 
कौशिक मुखर्जी ने अपने ट्वीट में 8 एक तस्‍वीर साझा की है. इसमें पानी पुरी, दही पुरी, सेव पुरी की प्‍लेट दिखाई दे रही है.  उन्‍होंने अपने ट्वीट में लिखा है मुंबई एयरपोर्ट पर खाना पीना काफी महंगा है. लेकिन इतना महंगा होगा इसका अंदाजा नहीं है. उनके इस ट्वीट पर कई लोगों ने अपनी बात कही है. 

कौशिक मुखर्जी के ट्वीट पर लोगों ने कही क्‍या बात? 
कंपनी के को फाउंडर और सीओओ कौशिक मुखर्जी के ट्वीट पर कई लोगों ने अपनी बात कही. एक यूजर ने लिखा कि लास्‍ट में दी जाने वाली सूखी पूरी की तो बात ही कुछ और है. 
इसी तरह एक दूसरे यूजर ने लिखा कि, दिन में लूट... वे इसे हल्के में लेते हैं.. यदि आप 50 हजार का हवाई टिकट खरीद सकते हैं, तो एक पानी पूरी के लिए 333 रुपये क्यों नहीं देते... एक कॉफी के लिए 100 रुपये, एक डोसा के लिए 200 रुपये... इस लूट के बारे में कौन कहना चाहता हैं?.. नियम बदलने होंगे.. तब तक पेट भरने के लिए बाहर से खाएं....
इसी तरह एक अन्‍य यूजर विस्‍मय बुच ने लिखा कि यहां पानी पुरी की कीमत महज 3.5 गुना है. बिल्कुल उचित. टी2 पर आगमन के पास सुख सागर में जंबोकिंग वड़ापाव या डोसा का आनंद लें. इनकी कीमत आसानी से 4-5x की रेंज में होती है. 

इससे पहले राहुल बोस ने सामने लाया था मामला 
एयरपोर्ट से लेकर होटल तक मिलने वाले खाने पीने के सामान की महंगाई का मामला पहली  बार चर्चा में नहीं आया है. इससे पहले 2019 में राहुल बोस ने चंडीगढ़ के पांच सितारा होटल JW Mariott में 2 केलों के लिए 442 रुपये चार्ज किए जाने का मामला सामने आया था. राहुल बोस के इसे लेकर वीडियो बनाए जाने के बाद होटल पर जीएसटी विभाग ने कार्रवाई करते हुए 25000 रुपये की पेनल्‍टी लगा दी थी. जीएसटी विभाग ने इसमें नियमों के उल्‍लंघन का मामला पाया था. 


 


चीन में क्यों लुटाए अरबों रुपये, क्या भारत के दुश्मन बने Elon Musk?

चीन दौरे के बाद टेस्ला (Tesla) के सीईओ एलन मस्क (Elon Musk) की संपत्ति में 37.3 बिलियन डॉलर की वृद्धि हो गई है. 

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Tuesday, 30 April, 2024
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एलन मस्क (Elon Musk) ने हाल में चीन का दौरा कर प्रधानमंत्री ली कियांग से मुलाकात की. इस मुलाकात के बाद एक ओर चीन ने टेस्ला पर लगाए तमाम प्रतिबंध हटा दिए. दूसरा एलन मस्क की संपत्ति में भी इजाफा हुआ है. जानकारी के अनुसार चीनी सरकार ने डाटा सिक्योरिटी का हवाला देते हुए अमेरिकी ईवी कंपनी की सेल्फ-ड्राइविंग कारों के डेटा शेयरिंग पर प्रतिबंध लगा दिया था, जिस कारण टेस्ला की सेल्स में काफी गिरावट देखने को मिली थी. साथ ही टेस्ला के कारोबार पर भी काफी बुरा असर देखने को मिल रहा था. 

टेस्ला के शेयरों ने तोड़ा तीन साल का रिकॉर्ड
चीनी सरकार द्वारा अमेरिकी ईवी कंपनी की सेल्फ-ड्राइविंग कारों के डेटा शेयरिंग पर प्रतिबंध हटने के बाद टेस्ला के शेयरों ने बढ़ोतरी का तीन साल पुराना रिकॉर्ड तक तोड़ दिया. आंकड़ों के अनुसार कंपनी के शेयर में कारोबारी सत्र के दौरान 18 प्रतिशत तक की तेजी देखने को मिली. मंगलवार को बाजार बंद होने के बाद कंपनी का शेयर 15.31 फीसदी की तेजी के साथ 194.05 डॉलर पर बंद हुआ. एक्सपर्ट्स के अनुसार आने वाले दिनों में टेस्ला के शेयरों में और इजाफा देखने को मिल सकता है.

एक दिन में 18.5 बिलियन डॉलर का इजाफा
टेस्ला के शेयरों में इजाफा होने के बाद एलन मस्क की दौलत में जबरदस्त इजाफा देखने को मिला है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार उनकी दौलत एक झटके में फिर से 200 अरब डॉलर को पार कर गई है. 4 मार्च को आखिरी बार एलन मस्क की दौलत 200 अरब डॉलर से ज्यादा देखने को मिली थी. 5 मार्च को एलन मस्क की नेटवर्थ में 17 बिलियन डॉलर की गिरावट आ गई थी. तब से उनकी दौलत लगातार कम हो रही थी. 201.5 अरब डॉलर की नेट वर्थ के साथ एलन मस्क जल्द ही दूसरे स्थान पर मौजूद जेफ बेजोस से आगे निकल सकते हैं. एलन मस्क पिछले हफ्ते ही मार्क जुकरबर्ग से आगे निकल गए हैं.

टेस्ला पर किस तरह के थे प्रतिबंध
चीन ने दुनिया की सबसे बड़ी ईवी कंपनी पर डाटा सिक्योरिटी को लेकर कई तरह के बैन लगा दिए थे. पहले ये बैन सिर्फ सैन्य इलाकों तक ही सीमित था. उसके बाद ये बैन कई सार्वजनिक स्थानों के लिए भी लगा दिया गया. इसी सिलसिले में उन्होंने अचानक चीन का दौरा कर चीनी प्रधानमंत्री ली कियांग से मुलाकात की. जिसके बाद सरकार ने टेस्ला पर लगे सभी प्रतिबंधों को हटा दिया. जो एलन मस्क के लिए काफी राहत की खबर है. खास बात तो ये है कि मस्क के चीन विजिट के बाद चाइना एसोसिएशन ऑफ ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स एंड नेशनल कंप्यूटर नेटवर्क इमरजेंसी रिस्पांस टेक्निकल टीम ने बड़ा फैसला लिया. सोमवार को टेक्निकल टीम ने डाटा सिक्योरिटी टेस्टिंग को पास करने वाली इंटेलिजेंट कनेक्टेड व्हीकल की लिस्ट में टेस्ला का भी नाम जोड़ दिया.

भारत का दौरा टालकर पहुंचे थे चीन
बता दें, एलन मस्क भारत का दौरा टालकर 28 अप्रैल को बीजिंग गएथे. उन्होंने फुल सेल्फ-ड्राइविंग (एफएसडी) शुरू करने और ड्राइविंग डेटा को अन्य देशों में भेजने पर चर्चा की. इस दौरान टेस्ला के सीईओ ने कहा कि वह चीन के बहुत बड़े प्रशंसक हैं. उनका यह बयान चीन में ड्राइवर अस्सिटेंस सिस्टम को लागू करने की मंजूरी और चीन में सेल्फ-ड्राइविंग सॉफ्टवेयर को पेश करने का रास्ता साफ होने के बाद आया है.

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9 साल में पहली बार घाटा...ढलान पर शेयर, TATA की इस कंपनी को लेकर अब क्या हो रणनीति?

टाटा समूह की कंपनी टाटा केमिकल्स के शेयरों में गिरावट का दौर जारी है. कल की तरह आज भी शेयर लुढ़के हैं.

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Tuesday, 30 April, 2024
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टाटा समूह (TATA Group) की कंपनी टाटा केमिकल्स (Tata Chemicals) को मार्च तिमाही में बड़ा घाटा हुआ है. बीते 9 सालों में यह पहला मौका है कि जब कंपनी के तिमाही नतीजे इतने खराब रहे हैं. टाटा केमिकल्स के घाटे की खबर का असर उसके शेयरों पर भी पड़ा है. कंपनी के शेयर आज गिरावट के साथ बंद हुए हैं. किसी भी कंपनी के शेयर उसकी आर्थिक सेहत के आधार पर ट्रेड करते हैं. ऐसे में टाटा केमिकल्स के घाटे का असर उसके शेयरों पर आगे भी देखने को मिल सकता है. शायद यही वजह है कि घरेलू ब्रोकरेज फर्म ने टाटा केमिकल्स के शेयर का टार्गेट प्राइज घटा दिया है.

पहले प्रॉफिट, अब घाटा
टाटा केमिकल्स को जनवरी-मार्च 2024 तिमाही में करीब 850 करोड़ रुपए का घाटा हुआ है. एक साल पहले की इसी अवधि में कंपनी ने 709 करोड़ रुपए का प्रॉफिट कमाया था. इस तिमाही में ऑपरेशनल रिवेन्यु सालाना आधार पर 21.1 प्रतिशत घटकर 3,475 करोड़ रुपए रह गया है. इसका असर स्टॉक मार्केट में कंपनी की परफॉरमेंस पर पड़ा है. टाटा केमिकल्स का शेयर कल भी करीब 2 प्रतिशत की नरमी के साथ बंद हुए थे और आज यानी मंगलवार को उसमें 2.49% की गिरावट आई है.  

5 सत्रों से जारी है नरमी 
पिछले 5 कारोबारी सत्रों में यह शेयर 4.45% नीचे लुढ़क चुका है. बीते एक साल में इसने 10.30% का रिटर्न दिया है. कहा जा सकता है कि टाटा की इस कंपनी के शेयरों के लिए 2024 अब तक खास अच्छा नहीं गया है. एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, ब्रोकरेज फर्म कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज ने टाटा केमिकल्स के शेयर की 'सेल' रेटिंग बनाए रखते हुए इसका Target Price 780 से घटाकर 770 रुपए कर दिया है. फर्म का कहना है कि शायद टाटा संस (Tata Sons) के आईपीओ की उम्मीद में निवेशकों का रुझान टाटा केमिकल्स की तारा बढ़ा था. अब जब आईपीओ की संभावना कम नजर आ रही है, तो उनका उत्साह भी कम हो गया है. 

इतना किया Target Price
कोटक इक्विटीज ने यह भी कहा कि बैटरी केमिकल्स में बड़े विस्तार की कोई भी उम्मीद दिखाई नहीं दे रही है. इसलिए उसने इस शेयर के Target Price 780 से घटाकर 770 रुपए कर दिया है. वहीं, ब्रोकरेज फर्म मोतीलाल ओसवाल ने न्यूट्रल रेटिंग के साथ टाटा केमिकल्स के शेयर को 980 रुपए का टार्गेट प्राइज दिया है. इस समय कंपनी का शेयर 1072.10 रुपए पर मिल रहा है. यानी ब्रोकरेज फर्म्स को लगता है कि कंपनी का स्टॉक अभी और गोता लगा सकता है. लिहाजा, इसमें निवेश का फैसला सोच-समझकर लें.

गिरावट की ये भी है वजह  
पिछले महीने यानी मार्च में भी टाटा संस के आईपीओ को लेकर सामने आई खबर की वजह से टाटा केमिकल्स के शेयरों में बड़ी गिरावट देखने को मिली थी. 11 मार्च को शुरुआती कारोबार में कंपनी के शेयर 10% तक टूट गए थे. दरअसल, कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि टाटा संस आईपीओ (Tata Sons IPO) लाने से बच रही है. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के नियमों के तहत टाटा संस को मौजूदा स्वरूप में आईपीओ लाना होगा और सितंबर 2025 तक लिस्ट होना होगा, लेकिन कंपनी इससे बचने के विकल्प तलाश रही है.

विकल्प तलाश रही कंपनी
टाटा संस ने रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के पास ‘अपर लेयर NBFC यानी नॉन बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी नियमों में छूट की अपील की थी, मगर RBI ने इससे इंकार कर दिया. अब कंपनी बैलेंस शीट के रीस्ट्रक्चरिंग का विकल्प तलाश रही है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि यदि कर्ज चुकाकर लोन को रीस्ट्रक्चर करने में टाटा संस सफल रहती है और टाटा कैपिटल में अपनी होल्डिंग को किसी अन्य यूनिट में ट्रांसफर कर देती है, तो उस स्थिति में उसे इन्वेस्टमेंट या अपर लेयर NBFC के रूप में डीरजिस्टर किया जा सकेगा. इससे कंपनी लिस्टिंग से बच जाएगी.

आखिर क्या है लेना-देना?
अब सवाल ये उठता है कि टाटा संस के आईपीओ टालने की खबर से टाटा केमिकल्स का क्या लेनादेना है? दरअसल, टाटा संस में टाटा केमिकल्स की कुल हिस्सेदारी करीब 3 प्रतिशत है. टाटा केमिकल्स को टाटा संस की मेगा लिस्टिंग का सबसे बड़ा लाभार्थी माना जाता रहा है. निवेशकों को उम्मीद थी कि टाटा संस के आईपीओ से टाटा केमिकल्स को भी फायदा होगा, लेकिन आईपीओ के टलने की खबर से निवेशकों का उत्साह एकदम से कम हो गया है और इसका असर कंपनी के शेयरों पर पड़ रहा है. 


Smriti Irani के लिए भी म्यूचुअल फंड्स 'सही' हैं, इन Funds में लगाया है पैसा  

बीजेपी लीडर स्मृति ईरानी की दौलत पिछले पांच सालों में काफी बढ़ी है. उन्होंने कई म्यूचुअल फंड्स में निवेश किया है.

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Tuesday, 30 April, 2024
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म्यूचुअल फंड्स 'सही' हैं, मानने वालों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. म्यूचुअल फंड्स (Mutual Funds) कम समय में अच्छा रिटर्न देने का माध्यम बन गए हैं, इसलिए उन पर दांव लगाने वालों की तादाद लगातार बढ़ रही है. केंद्रीय मंत्री और बीजेपी लीडर स्मृति ईरानी (Smriti Irani) भी बेहतरीन रिटर्न के लिए म्यूचुअल फंड्स को बेस्ट ऑप्शन के तौर पर देखती हैं. उनका पोर्टफोलियो दर्शाता है कि उन्हें इन्वेस्टमेंट के इस विकल्प पर कितना भरोसा है. 

अमेठी से भरा नामांकन
स्मृति ईरानी उत्तर प्रदेश की अमेठी लोकसभा सीट (Amethi Lok Sabha Election) से चुनावी मैदान में हैं. यह लगातार तीसरा मौका है जब BJP ने उन्हें इस सीट से उम्मीदवार बनाया है. 2019 के लोकसभा चुनाव में ईरानी ने कांग्रेस लीडर राहुल गांधी को 55,000 वोटों से हराया था. हालांकि, राहुल गांधी वायनाड की सुरक्षित सीट से जीतकर संसद पहुंचने में सफल रहे. वहीं, कांग्रेस ने अब तक अमेठी से अपने उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है. चर्चा यह भी है कि राहुल गांधी फिर से स्मृति ईरानी का सामना करने के लिए यहां से मैदान में उतर सकते हैं. 

इतना हुआ संपत्ति में इजाफा
स्मृति ने अमेठी से नामांकन भर दिया है. इसके साथ उन्होंने जो एफिडेविट दिया है, उसमें उनकी संपत्ति की जानकारी मौजूद है. इस हलफनामे से यह भी पता चलता है कि उन्होंने कहां, कितना निवेश किया हुआ है. पिछले लोकसभा चुनाव के मुकाबले स्मृति ईरानी की संपत्ति में इजाफा हुआ है. इन पांच सालों में उनकी संपत्ति 4 करोड़ 4 लाख 22 हजार 348 रुपए बढ़ी है. वहीं, उनके पति की संपत्ति में 4 करोड़ 14 लाख 19 हजार 976 रुपए का इजाफा देखने को मिला है. अकेले स्मृति के पास 8.75 करोड़ की संपत्ति है.  

इनमें लगा है ईरानी का पैसा
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कई म्यूचुअल फंड्स में पैसा लगाया हुआ है. इसमें SBI Magnum Midcap Fund, SBI Blue Chip Fund, DSP India T.I.G.E.R. Fund, DSP Overnight Fund, SBI Focused Equity Fund, Kotak Emerging Equity Fund और Motilal Oswal ELSS Tax Saver Fund शामिल हैं. अब यह भी जान लेते हैं कि स्मृति ने इनमें से किसमें, कितना इन्वेस्टमेंट किया है. SBI Magnum में उनका निवेश 2,329,577 रुपए, SBI Blue Chip में 1,861,590 रुपए, SBI Focused में 1,238,943 रुपए, DSP India T.I.G.E.R. में 67,934 रुपए, DSP Overnight में 9127 रुपए, Kotak में 1,488,267 रुपए और Motilal Oswal में 1,818,419 रुपए लगाए हैं.


अब भीषण गर्मी में भी आराम से ट्रैफिक मैनेज कर सकेंगे ट्रैफिककर्मी, इस इनोवेशन ने किया कमाल

इस कंपनी के जैकेट में पीसीएम रखे जाते हैं. यही नहीं जैकेट से वेंटिलेशन बनाए रखने के लिए पंखे भी लगाए गए हैं जो तापमाान को बरकरार रखते हैं.  

Last Modified:
Tuesday, 30 April, 2024
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इस बार उत्‍तर भारत में होने वाली गर्मी को लेकर पहले ही मौसम विभाग भविष्‍यवाणी कर चुका है. वहीं दूसरी ओर अभी से तापमान 36 से 38 डिग्री तक जा पहुंचा है. इस भीषण गर्मी में सबसे बड़ी परेशानी ट्रैफिक पुलिसकर्मियों के लिए होती है जिन्‍हें भीड़भाड़ वाले चौराहों पर ट्रैफिक मूवमेंट करनी पड़ती है. लेकिन अब ट्रैफिककर्मियों की इस परेशानी को खत्‍म करने के लिए एक कंपनी ने स्‍नो जैकेट बनाया है जिससे उन्‍हें गर्मी में भी ठंडी का अहसास होता है. इन दिनों गुड़गांव पुलिस के जवान इन जैकेट का परीक्षण कर रहे हैं. 

आखिर क्‍या है जैकेट की टेक्‍नोलॉजी? 
इस जैकेट को निर्माण प्‍लस एडवांस्‍ड टेक्‍नोलॉजी की ओर से बनाया गया है. इस जैकेट में एक वेस्ट होती है, जिसमें बने एक पाउच में फेज चेंज मैटीरियल्स (पीसीएम) रखे जाते हैं. जबकि जैकेट में वेंटीलेशन के लिए दो छोटे पंखें लगाए गए हैं. पंखों को बिजली देने के लिए पोर्टेबल लिओन बैटरी पैक भी है, जो कम से कम आठ घंटे तक शरीर को आरामदेह स्थिति में रख सकता है. इस पूरे किट का वजन 500 ग्राम से भी कम है.

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गुड़गांव पुलिस कर रही है जैकेट का परीक्षण 
कंपनी के द्वारा निर्माण किए जाने के बाद अब गुड़गांव पुलिस को ये 15 जैकेट दिए गए हैं. इन 15 जैकेटों का उसके ट्रैफिककर्मी परीक्षण कर रहे हैं. क्‍योंकि अभी इनका परीक्षण चल रहा है ऐसे में उन्‍हें होने वाली किसी तरह की परेशानी से लेकर उनके बताए सुझाव पर भी कंपनी काम कर रही है, जिससे उन जैकेट को और बेहतर बनाया जा सके. हालांकि अभी तक जवानों की ओर से किसी तरह बड़े बदलाव के लिए नहीं कहा गया है. 

क्‍या बोले कंपनी के प्रेसीडेंट? 
इस जैकेट को बनाने वाली कंपनी निर्माण प्लस एडवांस्ड टेक्नोलॉजीज के वाइस प्रेसिडेंट विष्णु शशिधरन ने बताया कि बर्फ -प्लस जैकेट को इस तरह तैयार किया गया है कि इसे पहनने वाला व्यक्ति अधिक तापमान में भी आरामदायक महसूस करे. कूलिंग के लिए पीसीएम का प्रयोग बर्फ का बेहतर विकल्प है, क्योंकि आईस पैक्स से कम किया गया तापमान बर्फ के पिघलने पर फिर बढ़ जाता है। 'फेज चेंज मैटीरियल्स' को भारत में प्लस एडवांस्ड टेक्नोलॉजीज ने डिजाइन और तैयार किया है. वेस्ट फैब्रिक और डिजाइन मुंबई में बर्फ के निर्माता ने बनाए हैं. उन्होंने बताया कि बर्फ -प्लस जैकेट, नई तरह की पहनने योग्य कूलिंग तकनीक है. इनका इस्तेमाल निर्माण स्थलों, खदान, भट्ठियों और दुकानों पर काम करने वाले लोगों के अलावा डिलीवरी एजेंट्स, बीमा सर्वेक्षक और फील्ड सेल्स रिप्रजेंटेटिव्स कर सकते हैं. इससे उन्हें अधिक तापमान से बचने में मदद मिलती है. 

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सरकार फ्री में लगाएगी WiFi ! बढ़ेगी Airtel, Jio और Voda की चिंता बढ़ी?

Bharat Sanchar Nigam Limited (BSNL) एक नया ऑपर लेकर आया है, जिसमें नए यूजर्स को वाई-फाई इंस्टॉलेशन के लिए कोई फीस नहीं देनी होगी.

Last Modified:
Tuesday, 30 April, 2024
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अगर आप अपने घर में नया वाई-फाई (WiFi) कनेक्शन लेना चाहते हैं, तो ये खबर आपके काम की हो सकती है. दरअसल, Bharat Sanchar Nigam Limited (BSNL) अपने नए यूजर्स के लिए एक नया ऑफर लाया है. इसमें अच्छी बात ये है कि आपको WiFi Install करवाने के लिए कोई इंस्टॉलेशन चार्ज नहीं देना पड़ेगा. ऐसे में आपके लिए ये काफी अच्छा ऑप्शन साबित होने वाला है. तो चलिए इस ऑफर के बारे में आपको अधिक जानकारी देते हैं. 

नए यूजर्स के लिए बेफतरीन ऑफर
सरकारी टेलीकॉम कंपनी बीएलएनएल आपको ब्रॉडबैंड इंस्टाल करने के लिए एक अच्छा ऑफर दे रही है. ऐसे में अब आप अपने घर में बिना कोई पैसे खर्च किए फ्री में WiFi कनेक्शन लगवा सकते हैं. बीएलएनएल ये ऑफर नए यूजर्स के लिए लाया है. अब नए यूजर्स को WiFi कनेक्शन लगवाने के लिए कोई इंस्टॉलेशन चार्ज नहीं देना होगा, यानी इंस्टॉलेशन सर्विस पूरी तरह फ्री दी जा रही है. साथ ही केबल और अन्य उपकरणों के लिए भी कोई चार्ज नहीं देना होगा. 

बढ़ जाएगी Airtel, Jio और Voda की चिंता बढ़ी?
BSNL की तरफ से BharatFiber और AirFiber सेवाएं ऑफर की जा रही हैं. ये दोनों को ही सेवा आपको बिल्कुल फ्री मिलेंगी. कंपनी ने बताया है कि इन दोनों ही सेवाओं के लिए अब 500 रुपये इंस्टॉलेशन फीस नहीं देनी पड़ेगी. साथ ही जो यूजर्स कॉपर कनेक्शन लेना चाहते हैं, उनसे भी 250 रुपये इंस्टॉलेशन फीस नहीं ली जाएगी. एक्सपर्ट्स का कहना है कि इस ऑफर से आकर्षित होकर कई सब्सक्राइबर कंपनी की ब्रॉडबैंड सर्विस से जुड़ना चाहेंगे. ऐसे में Airtel, Jio और Voda की चिंता जरूर बढ़ जाएगी, क्योंकि उनके ग्राहक भी इस ऑफर से आकर्षित होकर बीएलएनएल में स्विच कर सकते हैं.  

ऐसे करें आवेदन
अगर आपको भी नया कनेक्शन लगवाना है, तो कंपनी की ऑफिशियल साइट पर जाकर ऑनलाइन अप्लाई कर सकते हैं. इसके लिए लॉगइन करना जरूरी है. यहां आपको घर की पूरी डिटेल फाइल करने के बाद एप्लीकेशन सब्मिट करनी होगी. ये आपके लिए अच्छा ऑप्शन साबित हो रहा है.

पूरे साल मिलेगा ऑफर का लाभ
कंपनी की तरफ से पिछले साल ही ये ऑफर दिया जा रहा था, लेकिन इसे 31 मार्च तक खत्म हो जाना था. ऐसे में कंपनी ने अब इस ऑफर को पूरे साल के लिए बढ़ा दिया है. Airtel, Jio और Vodafone-Idea का टेलीकॉम मार्केट में एक-तरफा राज है. लेकिन अब बीएलएनएल के इस ऑफर से हो सकता है स्थिति में कुछ बदलाव हो. 

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पीएम मोदी की सूर्य घर योजना के लिए उमड़े लोग, अब तक इतने करोड़ लोगों ने किया आवेदन

पीएम मोदी ने इस योजना का ऐलान 22 जनवरी को राम मंदिर की प्राण प्रतिष्‍ठा का कार्यक्रम पूरा करने के बाद की थी. सरकार इस योजना के तहत 300 यूनिट तक बिजली फ्री देती है. 

Last Modified:
Tuesday, 30 April, 2024
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चुनावों से पहले सरकार की ओर से पीएम सूर्यघर योजना की शुरुआत की गई थी. इस योजना के तहत लोगों को सोलर प्‍लांट लगाने के लिए सब्सिडी देने की योजना बनाई गई थी. इस योजना को लेकर लोगों में जबरदस्‍त उत्‍साह देखने को मिला है. स्थिति ये है कि अब तक 1 करोड़ से ज्‍यादा लोग इसके लिए आवेदन कर चुके हैं. इस योजना के अंदर 300 यूनिट तक बिजली फ्री मिलती है. यही नहीं आप इस योजना से बिजली पैदा करके भविष्‍य में कमाई भी कर सकते हैं. 

आखिर अब तक कितने लोगों ने किया है आवेदन 
इस योजना को जब लॉन्‍च किया गया है उस दिन सरकार ने इसके पहले चरण में 1 करोड़ लोगों को इसे देने का लक्ष्‍य बनाया था. सरकार की ओर से इस योजना में हजारों रुपये की सब्सिडी भी दे रही है. सरकार की इस योजना में लोगों को इतना फायदा नजर आ रहा है कि अभी तक 1 करोड़ से ज्‍यादा लोग इसमें आवेदन कर चुके हैं. खुद पीएम मोदी कई बार इस योजना का जिक्र अपने भाषणों में कर चुके हैं.

इतनी मिल रही है इसमें सब्सिडी 
सरकार की ओर से लाई गई पीएम सूर्य घर योजना में 18000 रुपये से लेकर 78 हजार रुपये की सब्सिडी दी जा रही है. अगर कोई भी आम आदमी इस योजना के तहत 1 किलोवॉट का कनेक्‍शन लेता है तो वो इसमें 18000 रुपये की सब्सिडी पा सकता है. इसी तरह 2 किलोवाट के कनेक्‍शन पर ये सब्सिडी 30 हजार रुपये है. इसके बाद अगर आपका कनेक्‍शन 2 किलोवाट से ज्‍यादा होता है तो सब्सिडी 78 हजार रुपये तक हो जाती है. सरकार को इस योजना के लिए जिन राज्‍यों से ज्‍यादा आवेदन मिला है उनमें यूपी, असम, बिहार, गुजरात, महाराष्‍ट्र, ओडिशा और तमिलनाड़ु जैसे राज्‍य हैं.

जानिए कैसे करें इसके लिए आवेदन? 
अगर आप इस योजना के तहत आवेदन करना चाहते हैं तो इसके लिए आपको ttps://pmsuryaghar.gov.in पर जाकर आवेदन करना होगा. इस पर जाकर आपको रजिस्‍ट्रेशन करना होगा. इसके लिए ऑफलाइन आवेदन भी किया जा सकता है. आप नजदीकी पोस्‍ट ऑफिस में जाकर ये आवेदन कर सकते हैं. 

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आप ऐसे पा सकते हैं सब्सिडी 

अगर आप इस योजना के तहत सब्सिडी पाना चाहते हैं तो उसके लिए आपको पोर्टल पर रजिस्‍ट्रेशन करने के बाद अपने बिजली डिस्‍ट्रीब्‍यूटर का सलेक्‍शन करना होगा. उसके बाद अपना कंज्‍यूमर नंबर, मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी देना होगा. 

इसके बाद कंज्‍यूमर नंबर और मोबाइल नंबर के साथ लॉगिन करें और फॉर्म के अनुसार रूफटॉप सोलर के लिए आवेदन करें. 

इसके बाद आपके इंस्‍टालेशन की फिजिबिलिटी होगी और उसे अप्रूवल दिया जाएगा. फिजिबिलिटी अप्रूवल के बाद रजिस्‍टर्ड वेंडर से प्‍लांट को इंस्‍टाल कराएं. 

इंस्‍टालेशन होने के बाद नेट मीटर के लिए आवेदन करें. 

नेट मीटर के इंस्‍टालेशन और DISCOM की जांच के बाद पोर्टल से कमिश्‍निंग सर्टिफिकेट जारी होगा. 

सबसे अंत में कमिश्‍निंग रिपोर्ट मिल जाए तो पोर्टल के माध्‍यम से बैंक अकाउंट की डिटेल और एक कैंसिल चेक जमा करें, आपको 30 दिनों के अंदर सब्सिडी का अमाउंट दे दिया जाएगा. 


क्या आपका बैंक भी वसूल रहा है ज्यादा इंट्रेस्ट? जानिए कैसे RBI लगाएगा लगाम

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने एक सर्कुलर जारी करते हुए बैंको को ग्राहकों से वसूले गए अतिरिक्त शुल्क को वापस करने का निर्देश दिया है.

Last Modified:
Tuesday, 30 April, 2024
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अगर आपसे भी बैंक ने गलत या अतिरिक्त ब्याज (Interest) वसूला है, तो अब उनकी खैर नहीं, दरअसल रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने कुछ बैंकों द्वारा ब्याज वसूलने में अनुचित तरीकों का इस्तेमाल करने पर चिंता जताई है. आरबीआई ने ऐसे बैंकों को ब्याज प्रक्रिया में सुधार करने और ग्राहकों से वसूले गए अतिरिक्त शुल्क को वापस करने का निर्देश दिया है. 

बैंकों को दिए ये निर्देश
इस मामले में आरबीआई ने एक सर्कुलर जारी करते हुए कहा है कि मौके पर जांच के दौरान आरबीआई को ऋणदाताओं द्वारा ब्याज वसूलने में कुछ अनुचित तरीकों का इस्तेमाल करने के मामले मिले हैं. इसके बाद सभी बैंको को निर्देश दिया है कि वे लोन देने के तरीके, ब्याज और अन्य शुल्क के संबंध में अपनाई प्रक्रियाओं की समीक्षा करें और जरूरत के अनुसार उसमें बदलावकरें कार्रवाई करें. 

जांच के दौरान सामने आए ये मामले 
जानकारी के अनुसार आरबीआई को मौके पर जांच के दौरान ऐसे मामले मिले, जिसमें कर्ज मंजूरी की तारीख से ब्याज वसूला जा रहा था, जबकि ग्राहक को पैसा देने की तारीख से ब्याज वसूला जाना चाहिए. ऐसे भी मामले सामने आए जहां चेक की तारीख से ब्याज वसूला गया, जबकि ग्राहक को चेक कई दिनों बाद सौंपा गया. साथ ही कुछ बैंक लोन वितरण या दोबारा भुगतान के मामले उस अवधि के लिए ब्याज नहीं ले रहे थे, जिसके लिए लोन बकाया था.

बैंक ग्राहकों को वापस करेगा अतिरिक्त ब्याज
आरबीआई ने कहा है कि जहां भी इस तरह के मामले सामने आए हैं, वहां बैंकों को ग्राहकों से लिए अतिरिक्त ब्याज और अन्य शुल्क वापस करने को कहा गया है. इसके अलावा कुछ मामलों में लोन वितरण के लिए जारी किए गए चेक के बदले बैंकों को फंड ऑनलाइन ट्रांसफर करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है.

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रघुराम राजन ने ग्रोथ रेट को लेकर उठाया सवाल, तो कृष्‍णमूर्ति ने दिया ये जवाब...

रघुराम राजन के साथ चर्चा के कार्यक्रम में भारत के पूर्व चीफ इकोनॉमिक एडवाइजर भी शामिल थे. उन्‍होंने कहा कि मैं ये समझ नहीं पाता कि आखिर वो भारत की ग्रोथ रेट से संतुष्‍ट क्‍यों नहीं हैं.  

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Tuesday, 30 April, 2024
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रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन सरकार की अलग-अलग मामलों को लेकर अक्‍सर आलोचना करते रहते हैं. इसी कड़ी में अब पूर्व गवर्नर ने देश की ग्रोथ रेट को लेकर सवाल उठाया है. उन्‍होंने कहा है कि भारत की असली ग्रोथ रेट 8 से 8.5 प्रतिशत नहीं है बल्कि 6 से 6.5 प्रतिशत है. उन्‍होंने जिस कार्यक्रम में ये जानकारी दी उसमें पूर्व इकोनॉमिक एडवाइजर कृष्‍णमूर्ति सुब्रमण्‍यम भी मौजूद थे.

रघुराम राजन ने कही ये बात 
रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने नार्थ वेस्‍टर्न यूनिवर्सिटी के केलोग्‍स बिजनेस स्‍कूल में अपनी बात कहते हुए कहा कि अगर भारत को 2047 तक विकसित अर्थव्‍यवस्‍था बनना है तो उसके लिए जरूरी है कि उसे अगले कई सालों तक 9 से 10 प्रतिशत की तेजी के साथ आगे बढ़ना होगा. उन्‍होंने जब ये बात कही उस वक्‍त उनके सामने भारत के पूर्व चीफ इकोनॉमिक एडवाइजर मौजूद थे. राजन इससे पहले भी भारत की ग्रोथ रेट को लेकर सवाल उठाते रहे हैं. 

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कृष्‍णमूर्ति सुब्रमण्‍यम ने कही ये बात 
रघुराम राजन के ग्रोथ रेट पर उठाए गए सवाल के जवाब में कृष्‍णमूर्ति ने कहा कि मुझे समझ ये नहीं आता है कि रघुराम राजन भारत की ग्रोथ के आंकड़ों से संतुष्‍ट क्‍यों नहीं हैं. उन्‍होंने कहा कि थोड़ी देर के लिए हम ये मान लेते हैं कि भारत की ग्रोथ रेट 6 से 7 प्रतिशत की तेजी से आगे बढ़ रही है. लेकिन सवाल ये है कि हम इसमें 7 प्रतिशत की महंगाई दर को क्‍यों नहीं देख रहे हैं. उनके इस तर्क पर रघुराम राजन ने कहा कि इस तरह की महंगाई तब बढ़ती है जब आप तेजी से आगे बढ़ रहे होते हैं और आपकी आपूर्ति खत्‍म हो जाती है. देश में लेबर के वेजेज में इजाफा होने लगता है लेकिन भारत में ऐसा कुछ भी नहीं हुआ है. राजन ये भी कहते हैं कि भारत में फार्म्‍स सेक्‍टर में तो पर्याप्‍त लेबर मौजूद है लेकिन मैन्‍युफैक्‍चरिंग और सर्विस में नहीं हैं. उन्‍होंने ये भी कहा कि तेजी से ग्रोथ करते देश में रोजगार एक मजाक है. इसका मतलब है कि ये कम उत्‍पादकता है और उन्‍हें कहीं और नौकरी ढूंढ़नी चाहिए. 

लेबर मार्केट को लेकर कही ये बात 
रघुराम राजन ने लेबर मार्केट को लेकर कहा कि देश में इसकी स्थिति सही नहीं है. इसी का नतीजा है कि देश में ज्‍यादातर लोग सरकारी नौकरी के लिए आवेदन कर रहे हैं. राजन ने ये भी कहा कि मैन्‍युफैक्‍चरिंग ग्रोथ कैपिटल इंसेटिव पार्ट में हो रही है ना कि लेबर इंटेसिव पार्ट में. उन्‍होंने कहा कि अगर हम मैन्‍युफैक्‍चरिंग में लेबर इंसेंटिव पार्ट पर नजर डालें तो उसे देखकर पता चलता है कि 23 में से 12 सेक्‍टर में ये आईआईपी 2016 से कम बना हुआ है. कोरोना के कारण सभी तरह के उद्योगों को इससे भारी नुकसान हुआ है.