भारत में MX प्लेयर के लगभग 78 मिलियन यूजर्स हैं और अगर अमेजन MX प्लेयर के अधिग्रहण को पूरा कर ले तो वह सबसे बड़ा ओटीटी प्लेटफॉर्म बन सकता है.
सूत्रों की मानें तो MX प्लेयर के COO (चीफ ऑफिसर ऑफ ऑपरेशंस) निखिल गांधी जल्द ही इस्तीफा दे सकते हैं. यह बात एक ऐसे वक्त पर सामने आई है जब ओटीटी प्लेयर की पैरेंट कंपनी टाइम्स इंटरनेट, MX प्लेयर को अमेजन को बेचना चाहती है. सूत्रों के अनुसार, निखिल गांधी इस अधिग्रहण का हिस्सा नहीं होंगे.
किस-किस को होगा फायदा?
निखिल गांधी ने फिलहाल किसी भी प्रकार की कॉल्स या मैसेज का जवाब नहीं दिया है और MX प्लेयर ने भी अभी उनके इस्तीफे की बातों से साफ़ इनकार कर दिया है. माना जा रहा है कि इस बिकवाली से MX प्लेयर के CEO करन बेदी को प्रमुख रूप से फायदा होगा. बाकी के सीनियर एग्जीक्यूटिव को क्या और कितना मिलता है और क्या मिलता है जैसे सवालों के जवाब अभी नहीं दिए जा सकते.
ये है निखिल गांधी का इतिहास
निखिल गांधी ने अगस्त 2021 में MX प्लेयर को जॉइन किया था. इससे पहले निखिल गांधी टिक-टोक के मिडल-ईस्ट, अफ्रीका, तुर्की और दक्षिणी एशिया के हेड के रूप में काम कर रहे थे. इतना ही नहीं, अक्टूबर 2019 में उन्होंने टिक-टोक इंडिया के प्रमुख का कार्यभार संभाला था. MX प्लेयर में निखिल गांधी का प्रमुख काम विभिन्न क्षेत्रों में ऐप का विस्तार, कमाई के तरीके बढ़ाना और कंज्यूमर्स सहित सभी स्टेकहोल्डर्स के लिए ज्यादा से ज्यादा प्रभाव बढ़ाने का था. माना जा रहा है कि, अमेजन द्वारा MX प्लेयर के अधिग्रहण से भारत में ओटीटी प्लेटफॉर्म्स के बीच लड़ाई बढ़ जायेगी.
भारत में ओटीटी ऐप के बीच चल रहा है 'वॉर'
अगर यह डील सच में पूरी हो जाती है तो कंज्यूमर अधिग्रहण के मामले में अमेजन प्राईम विडियो लगभग 4 गुना बड़ा हो जाएगा. भारत में अमेजन के पास लगभग 28 मिलियन यूजर्स हैं जबकि भारत में MX प्लेयर के लगभग 78 मिलियन यूजर्स हैं. इसलिए अगर अमेजन MX प्लेयर के अधिग्रहण को पूरा कर लेता है तो वह भारत का सबसे बड़ा ओटीटी प्लेटफॉर्म भी बन सकता है.
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बैंक के बोर्ड ने भारतीय रुपये या फिर किसी अन्य कनवर्टिबल करेंसी में डेट इंस्ट्रूमेंट्स का इस्तेमाल करके फंड्स इकट्ठा करने की अनुमति दे दी है.
SBI यानी स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, भारत का सबसे बड़ा उधारदाता है. हाल ही में भारत के इस सबसे बड़े उधारदाता को वित्त वर्ष 24 के दौरान डेट इंस्ट्रूमेंट्स के माध्यम से 50,000 करोड़ रूपए इकट्ठा करने के लिए बोर्ड से अनुमति मिल गई है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि SBI द्वारा जिन डेट इंस्ट्रूमेंट्स का इस्तेमाल किया जा सकता है उनमें लॉन्ग-टर्म बॉन्ड्स, बेसल 3 के अनुरूप अतिरिक्त टियर 1 के बॉन्ड्स और बेसल 3 के अनुरूप टियर 2 के बॉन्ड्स का इस्तेमाल किया जा सकता है.
कैसे फंड्स इकट्ठा करेगा SBI?
SBI ने एक्सचेंज फाइलिंग के दौरान कहा कि बैंक के केंद्रीय बोर्ड ने आपसी सहमति से भारतीय रुपये या फिर किसी अन्य कनवर्टिबल करेंसी में डेट इंस्ट्रूमेंट्स का इस्तेमाल करके फंड्स इकट्ठा करने की अनुमति दे दी है. इन डेट इंस्ट्रूमेंट्स में लॉन्ग-टर्म बॉन्ड्स, बेसल 3 के अनुरूप टियर 1 के अतिरिक्त बॉन्ड्स और बेसल 3 के अनुरूप टियर 2 के बॉन्ड्स शामिल जरूर हैं लेकिन 50,000 करोड़ का फंड इकट्ठा करने के लिए डेट इंस्ट्रूमेंट्स केवल इन्हीं कारकों पर आधारित नहीं है, बल्कि वित्त वर्ष 24 के दौरान भारतीय या फिर विदेशी इन्वेस्टर्स को प्राइवेट प्लेसमेंट मोड द्वारा भी फंड्स इकट्ठा किए जा सकते हैं और जहां आवश्यकता होगी, वहां सरकार की अनुमति भी ली जाएगी.
SBI का प्रॉफिट
हाल ही में SBI ने बताया था कि 9 जून को वित्त वर्ष के दौरान फंड्स इकट्ठा करने के लिए उसके बोर्ड की बहुत जरूरी मीटिंग होने वाली है. मार्च 2023 में खत्म हुए वित्त वर्ष 23 के चौथे क्वार्टर के लिए SBI ने 16,694.5 करोड़ रुपये के नेट प्रॉफिट की सूचना दी थी. सालाना आधार पर इस आंकड़े में लगभग 83% की वृद्धि दर्ज की गई थी. पिछले वित्त वर्ष के इसी क्वार्टर के दौरान बैंक का नेट प्रॉफिट 9113.5 करोड़ रूपए हुआ करता था. वहीं दूसरी तरफ अगर वित्त वर्ष 23 की बात करें तो SBI ने 50,000 करोड़ रूपए का नेट प्रॉफिट दर्ज किया था जो सालाना आधार पर 58.58% ज्यादा है.
SBI की परफॉरमेंस
वित्त वर्ष 23 के चौथे क्वार्टर के दौरान राज्य द्वारा चलाए जाने वाले इस बैंक की NII यानी नेट इंटरेस्ट इनकम में सालाना आधार पर 29.5% की बढ़ोत्तरी देखने को मिली थी जिसके बाद यह 40,392 करोड़ रूपए पर पहुंच गई थी. दूसरी तरफ बैंक के घरेलु नेट इंटरेस्ट मार्जिन यानी NIM में 44 BPS की बढ़ोत्तरी देखने को मिली थी. वित्त वर्ष 23 के आखिरी महीनों के दौरान SBI के CAR (Capital Adequacy Ratio) में सालाना आधार पर 85 bps की वृद्धि देखने को मिली और यह 14.68% पर स्थिर बना रहा. पिछले एक साल के दौरान SBI के स्टॉक की कीमतों में 23% से ज्यादा की बढ़त देखने को मिली है.
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फॉरेक्स रिजर्व्स में लगातार गिरावट देखने को मिल रही थी और एक महीने में फॉरेक्स रिजर्व्स में हुई अब तक की यह सबसे बड़ी वृद्धि है.
इस वक्त ग्लोबल इकॉनमी में अनिश्चितताएं बनी हुई हैं और अमेरिका और यूरोप जैसे देशों में बैंकिंग संकट की वजह से वित्तीय संस्थानों पर भी दबाव पड़ता नजर आ रहा है. हालांकि भारतीय इकॉनमी पर इन सभी संकटों का कुछ खास असर देखने को नहीं मिल रहा है लेकिन ग्लोबल इकॉनमी की सुस्त रफ्तार का असर भारतीय इकॉनमी के कुछ पहलुओं पर देखने को मिल रहा है. ऐसा ही एक पहलू फॉरेक्स रिजर्व्स (Foreign Exchange Reserves) भी हैं, जिनमें पिछले कुछ समय से लगातार गिरावट देखने को मिल रही थी लेकिन अब भारत के फॉरेक्स रिजर्व्स में भी बढ़ोत्तरी देखने को मिली है.
देश के फॉरेक्स रिजर्व्स में हुई बढ़ोत्तरी
भारत के केंद्रीय बैंक RBI (रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया) ने हाल ही में जानकारी देते हुए बताया कि देश के फॉरेक्स रिजर्व्स 5.929 बिलियन डॉलर्स से बढ़कर 595.067 बिलियन डॉलर्स पर पहुंच गए हैं. एक महीने के दौरान देश के फॉरेक्स रिजर्व्स में हुई अब तक की यह सबसे बड़ी वृद्धि है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि भारत के फॉरेक्स रिजर्व्स में पिछले 2 हफ्तों से लगातार गिरावट देखने को मिल रही थी. पिछले दो हफ्तों के दौरान रिजर्व्स में 4.34 बिलियन डॉलर्स की गिरावट दर्ज की गई थी जिसके बाद देश के फॉरेक्स रिजर्व्स का आंकड़ा 589.14 बिलियन डॉलर्स पर पहुंच गया था.
फॉरेन करेंसी एसेट्स में भी हुई वृद्धि
अक्टूबर 2021 में देश के फॉरेक्स रिजर्व्स अब तक के अपने सर्वश्रेष्ठ स्तर यानी 645 बिलियन डॉलर्स पर दर्ज किए गए थे. इस वक्त ग्लोबल स्तर पर बहुत सी ऐसी घटनाएं हो रही हैं जिनकी वजह से देश के फॉरेक्स रिजर्व्स में गिरावट देखने को मिल रही थी और रूपए को इससे बचाने के लिए RBI द्वारा अपने फंड्स का इस्तेमाल किया जा रहा था. RBI द्वारा उपलब्ध करवाए गए डाटा की मानें तो फॉरेक्स रिजर्व्स का अत्यंत महत्त्वपूर्ण हिस्सा, फॉरेन करेंसी एसेट्स में 5.27 बिलियन डॉलर्स की बढ़त दर्ज की गई, जिसके बाद यह 526.201 बिलियन पर पहुंच गया.
सोने के भंडारों में भी हुई वृद्धि
फॉरेक्स रिजर्व्स में मौजूद यूरो, पाउंड, और येन जैसी गैर अमेरिकी करेंसियों को फॉरेन करेंसी एसेट्स में शामिल किया जाता है और इन्हें डॉलर में गिना जाता है. RBI की मानें तो देश के सोने के भंडारों में भी 655 मिलियन डॉलर्स की बढ़ोत्तरी देखने को मिली है जिसके बाद यह 45,557 बिलियन डॉलर्स पर पहुंच गए हैं. एपेक्स बैंक द्वारा प्रदान की गई जानकारी की मानें तो SDRs (स्पेशल ड्राइंग राइट्स) में 6 मिलियन डॉलर्स की कमी देखने को मिली है जिसके बाद यह 18.186 बिलियन डॉलर्स पर पहुंच गया है.
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जहां सरकार द्वारा उत्तर प्रदेश ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन किया गया था, वहीं अब प्रदेश सरकार इंटरनेशनल ट्रेड शो का आयोजन करने जा रही है.
भारत बहुत ही तेजी से 5 ट्रिलियन डॉलर की इकॉनमी बनने के अपने लक्ष्य की तरफ बढ़ रहा है और इस मिशन में भारतीय राज्यों का योगदान भी अत्यंत महत्त्वपूर्ण है. भारत के साथ-साथ उत्तर-प्रदेश भी बहुत ही तेजी से विकास की राह पर आगे बढ़ रहा है और जल्द से जल्द 1 ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी वाला राज्य बनने के लिए उत्तर प्रदेश की सरकार द्वारा विभिन्न प्रकार के कदम उठाए जा रहे हैं.
उत्तर प्रदेश का इंटरनेशनल ट्रेड शो
जहां 2023 की शुरुआत में ही उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के माध्यम से प्रदेश में इन्वेस्टमेंट को आकर्षित किया था वहीं अब प्रदेश की सरकार इंटरनेशनल ट्रेड शो का आयोजन करने जा रही है. यह इंटरनेशनल ट्रेड शो 21 से 25 सितंबर 2023 के बीच आयोजित किया जाएगा और हाल ही में ट्रेड शो की तैयारियों को लेकर देश की राजधानी दिल्ली में एक रोड शो का आयोजन भी किया गया. इस रोड शो को उत्तर प्रदेश सरकार के MSME, इम्पोर्ट डिपार्टमेंट और IEML (इंडिया एक्सपोजिशन मार्ट लिमिटेड) द्वारा एक साथ मिलकर आयोजित किया गया था. इस रोड शो में MSME, IEML और इम्पोर्ट डिपार्टमेंट के अधिकारियों ने उत्तर प्रदेश के इंटरनेशनल ट्रेड शो की तैयारियों और कार्यक्रम से संबंधित अन्य जानकारी दी थी.
ट्रेड शो से मिलेगी इन्हें मदद
इस शो का आयोजन ग्रेटर नोएडा स्थित ‘इंडिया एक्सपो सेंटर एंड मार्ट’ में किया जाएगा और इस कार्यक्रम का उद्देश्य उत्तर प्रदेश के आकर्षक उत्पादों को व्यापक और बड़े स्तर पर उपलब्ध करवाना होगा. कार्यक्रम में एक जिला, एक उत्पाद के माध्यम से राज्य के सभी जिलों को पर्याप्त अवसर उपलब्ध करवाया जाएगा. इसी तरह, हाल के वर्षों में अपने स्टार्टअप द्वारा अपनी अलग पहचान बनाने वाली महिला उद्यमियों के लिए भी ट्रेड शो में विशेष व्यवस्था की जाएगी.
क्या है इंटरनेशनल ट्रेड शो का मकसद?
उत्तर प्रदेश सरकार के MSME डिपार्टमेंट के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी, अमित मोहन प्रसाद ने रोड शो के मौके पर अपने संबोधन के दौरान कहा कि इस इंटरनेशनल ट्रेड शो का मकसद प्रदेश में ट्रेड को बढ़ावा देना है ताकि प्रदेश के उत्पादों और सेवाओं के विभिन्न सेक्टरों को एक छत के नीचे लाया जा सके. साथ ही अमित प्रसाद ने यह भी बताया कि प्रदेश के संपूर्ण उत्पादों के साथ-साथ यह ट्रेड शो, खरीदारों के लिए भी एक वन स्टॉप सोर्सिंग डेस्टिनेशन का काम करेगा. इसके साथ ही, इस ट्रेड शो के माध्यम से ग्लोबल मार्केट में प्रदेश के उत्पादों की पहुंच बढ़ाए जाने में भी मदद मिलेगी.
हर साल होगा ट्रेड शो
संबोधन के दौरान आगे एडिशनल सेक्रेटरी ने कहा कि प्रदेश सरकार उद्योगों को बढ़ावा देने के साथ-साथ हर कदम पर उद्यमियों को प्रोत्साहित करने और उनकी मदद करने पर भी विशेष रूप से जोर दे रही है. सस्ते ब्याज दरों पर लोन उपलब्ध करवाना हो, या फिर उद्योग की शुरुआत करने के लिए जमीन मुहैया करवानी हो, प्रदेश सरकार हर मोड़ पर उद्यमियों की मदद कर रही है. इसके साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि वैसे तो यह प्रदेश का पहला इंटरनेशनल ट्रेड शो होगा लेकिन अब से हर साल 21 से 25 सितंबर के बीच इस ट्रेड शो का आयोजन किया जाएगा.
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गो फर्स्ट इस समय मुश्किल दौर से गुजर रही है. उसकी सेवाएं अस्थायी तौर पर बंद कर दी गई हैं. जिसका फायदा दूसरी एयरलाइन्स को मिल रहा है.
जब से बजट एयरलाइन के तौर पर मशहूर Go First आसमान से धरती पर आई है, दूसरी विमान कंपनियों की चांदी हो गई है. अधिकांश एयरलाइन्स Go First के रूट्स पर कई गुना ज्यादा किराया वसूल रही हैं. कंपनियों की इस लूट से सरकार भी वाकिफ है और उसने हवाई यात्रियों को सबकुछ ठीक करने का विश्वास भी दिलाया है. वैसे, तो गो फर्स्ट की फ्लाइट्स अस्थाई रूप से बंद हुए से सभी दूसरी एयरलाइन्स को फायदा हुआ है, लेकिन इंडिगो (IndiGo) के को-फाउंडर राहुल भाटिया की तो मौज हो गई है.
IndiGo को सबसे ज्यादा फायदा
एक रिपोर्ट बताती है कि चूंकि इंडिगो देश की सबसे बड़ी एयरलाइन है, इसलिए Go First की मुसीबत का सबसे ज्यादा फायदा उसे ही मिला है. उसके यात्रियों की संख्या बढ़ी है. साथ ही ज्यादा किराया वसूलने से इसकी कमाई का आंकड़ा भी तेजी से बढ़ रहा है. अब जब कंपनी की बैलेंस शीट मजबूत हो रही है, तो इसका असर उसके शेयरों पर पड़ना लाजमी है. IndiGo तेजी के साथ ट्रेड कर रहे हैं. गुरुवार को ये शेयर एक फीसदी से ज्यादा की बढ़त के साथ 2,445 रुपए पर बंद हुआ था. इसका पिछले 5 दिन और एक महीने का रिकॉर्ड भी ग्रीन लाइन पर है. IndiGo के शेयरों में आई इस मजबूती से उसके को-फाउंडर राहुल भाटिया की फाइनेंशियल कंडीशन भी मजबूत हो रही है.
इतनी बढ़ गई है संपत्ति
रिपोर्ट में बताया गया है कि बीते 2 महीनों में राहुल भाटिया की दौलत 1 अरब डॉलर का इजाफा हुआ है. भारतीय करेंसी के हिसाब से देखें तो यह आंकड़ा 8583 करोड़ रुपए हो जाता है. भाटिया की संपत्ति मार्च 2023 तक 4.28 अरब डॉलर थी, जो अब बढ़कक 5 अरब डॉलर के पार पहुंच गई है. ब्लूमबर्ग की अरबपतियों की लिस्ट में भाटिया 467वें नंबर पर हैं. उनकी कुल नेटवर्थ 5.39 अरब डॉलर है और इस साल इसमें काफी अच्छी खासा इजाफा हुआ है. इंडिगो के शेयर बढ़ने से उनकी दौलत भी बढ़ रही है. इसके साथ ही कंपनी का मार्केट कैप बढ़कर 93,263.84 करोड़ रुपए पहुंच गया है.
घरेलू फ्लाइट, इंटरनेशनल से महंगी!
बता दें कि Go First की फ्लाइट्स स्थाई रूप से बंद हो गई हैं. इसके चलते इंडिगो जैसी दूसरी एयरलाइन्स को उसका मार्केट कब्जाने का मौका मिल गया है. इस मौके को भुनाने के लिए अधिकांश कंपनियों ने कई रूट्स पर टिकट इतनी महंगी कर दी है कि किराया इंटरनेशनल फ्लाइट से भी ज्यादा पहुंच गया है. हवाई यात्रियों की तरफ से लगातार इस पर नाराजगी व्यक्त की जा रही है. वहीं, सरकार की तरफ से भी कहा गया है कि कंपनियां के निश्चित सीमा से ज्यादा किराये में बढ़ोत्तरी नहीं आकर सकती हैं.
शेयर बाजार के लिए आज सप्ताह का आखिरी कारोबारी दिन है. इसके बाद बाजार सीधे सोमवार को खुलेगा.
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के नीतिगत ब्याज दरों को यथावत रखे जाने के बाद माना जा रहा था कि शेयर बाजार पॉजिटिव सेंस के साथ कारोबार करेगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. BSE सेंसेक्स 294.32 अंक या 0.47 प्रतिशत की गिरावट के साथ 62,848.64 पॉइंट्स पर बंद हुआ. एक समय ये गिरावट 353.23 अंकों तक पहुंच गई थी, लेकिन फिर बाद में कुछ रिकवरी देखने को मिली. वहीं, NSE निफ्टी भी 91.85 अंक या 0.49 प्रतिशत लुढ़ककर 18,634.55 के लेवल पर आ गया. आज शेयर बाजार के लिए हफ्ते का आखिरी कारोबारी दिन है और आज भी मिलीजुली प्रतिक्रिया मिलने की संभावना है.
MACD ने दिए ये संकेत
चलिए अब देखते हैं मोमेंटम इंडिकेटर मूविंग एवरेज कन्वर्जेंस डिवर्जेंस (MACD) ने आज किन कंपनियों के शेयरों में तेजी के संकेत दिए हैं. MACD के मुताबिक, आज Ashok Leyland के साथ-साथ Paytm, Power Grid, Zee Media और Gati के शेयरों में तेजी देखने को मिल सकती है. वहीं, MACD ने गिरावट के संकेत वाले शेयरों के बारे में भी बताया है. इस लिस्ट में Wipro, HUDCO, IRB Infra और Indian Hotels शामिल हैं. विप्रो के शेयर पिछले कुछ समय से अच्छा प्रदर्शन नहीं कर रहे हैं. गुरुवार को भी इनमें 0.71% की गिरावट आई थी. फिलहाल ये शेयर 399.95 रुपए के मूल्य पर मिल रहा है.
इनमें मजबूत खरीदारी
अब बात करते हैं कुछ ऐसे शेयरों में जिनमें मजबूत खरीदारी दिख रही है. इस लिस्ट में सबसे पहला नाम है NTPC का. पिछले 5 दिनों में ये शेयर 4.46% चढ़ चुका है. 182.85 रुपए मूल्य वाला ये शेयर अपने 52 वीक के हाई लेवल 184.35 रुपए को कभी भी छू सकता है. इसी तरह, JBM Auto भी अपने 52 वीक के हाई लेवल 953 रुपए के बेहद करीब पहुंच गया है. गुरुवार को करीब 8 फीसदी उछलकर यह 943 रुपए पर बंद हुआ था. बीते 5 दिनों में इसने 16.85% का शानदार रिटर्न दिया है. HEG Limited ने भी अपने निवेशकों को निराश नहीं किया है. 1,362 रुपए के भाव पर मिल रहा ये शेयर पिछले 5 दिनों में 13.11% की मजबूती हासिल कर चुका है.
अच्छा है पिछला रिकॉर्ड
Cera Sanitaryware के शेयर भी मजबूत खरीदारी वाले शेयरों की सूची में शामिल है. गुरुवार को यह 3 फीसदी से ज्यादा की तेजी के साथ 7,980 रुपए पर बंद हुआ था. बीते 5 दिनों में इसने 4.41% और 1 महीने में 21.35% का रिटर्न दिया है. इसका 52 हफ़्तों का उच्चतम स्तर 8,196 रुपए है. Ajanta Pharma Ltd के शेयरों में कल 1.39% की बढ़त आई. कारोबार के दौरान एक समय ये शेयर 1500 के पार निकल गया था, लेकिन बाजार बंद होने तक कुछ लुढ़ककर 1,470 रुपए पर आ गया. इसका पिछले 5 दिन और एक महीने का रिकॉर्ड भी अच्छा है.
LIC ने टेक महिंद्रा में अपनी हिस्सेदारी ऐसे समय बढ़ाई है जब कंपनी आर्थिक मोर्चे पर खास अच्छी स्थिति में नजर नहीं आ रही है.
देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) ने टेक महिंद्रा (Tech Mahindra) में अपनी हिस्सेदारी में इजाफा किया है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, LIC ने टेक महिंद्रा में अपनी हिस्सेदारी करीब 2% बढ़ाई है. इसके साथ ही इस कंपनी में LIC की हिस्सेदारी 6.87% से बढ़कर 8.89% हो गई है. बता दें कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद LIC के अडानी समूह में किए गए निवेश को लेकर आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था. हालांकि, इसके बाद भी बीमा कंपनी ने अडानी समूह में हिस्सेदारी बढ़ाई थी.
इतने करोड़ में हुई डील
एक्सचेंज फाइलिंग में दी गई जानकारी के अनुसार, LIC ने देश की दिग्गज IT कंपनी टेक महिंद्रा में अपनी हिस्सेदारी 6.87% से बढ़ाकर 8.89% कर ली है. करीब 1.9 करोड़ शेयरों की ये डील 1050.77 रुपए प्रति शेयर की औसतन कीमत पर हुई है. इस तरह LIC ने करीब 2000 करोड़ रुपए में ये सौदा किया है. LIC ने ये हिस्सेदारी ओपन मार्केट के जरिए 21 नवंबर 2022 से 6 जून 2023 के बीच बढ़ाई है. इसके बाद LIC की टेक महिंद्रा में हिस्सेदारी की वैल्यू बढ़कर 9,411.41 करोड़ रुपए हो गई है.
इस कंपनी में भी है निवेश
Tech Mahindra के अलावा, LIC ने केवल एक और IT कंपनी में पैसा लगाया है. फाइलिंग में दी गई जानकारी के मुताबिक, 31 मार्च तक LIC के पास Mphasis में 4.58% हिस्सेदारी है. LIC की तरफ से बताया गया है कि वित्त वर्ष 2023 के अंत तक उनके पास 96 लिस्टेड कंपनियों में कुल 1.66 लाख करोड़ का निवेश है. LIC ने टेक महिंद्रा में अपनी हिस्सेदारी ऐसे समय बढ़ाई है, जब कंपनी आर्थिक मोर्चे पर खास अच्छी स्थिति में नहीं है. वित्त वर्ष 2022-23 मार्च तिमाही में कंपनी का कंसोलिडेटेड नेट प्रॉफिLIC ने ट 27 प्रतिशत घटकर 1,179.8 करोड़ रुपए पर आ गया था. जबकि कंपनी ने वित्त वर्ष 2021-22 की चौथी तिमाही में 1,637.9 करोड़ का शुद्ध लाभ कमाया था।
...तो घट जाएगी वैल्यू
स्टॉक मार्केट में Tech Mahindra के प्रदर्शन की बात करें, तो बुधवार को कंपनी का शेयर 2 प्रतिशत से ज्यादा की गिरावट के साथ 1,073.40 रुपए पर बंद हुआ था. पिछले 5 दिनों में इसमें 5.30% की गिरावट आई है. इस शेयर का 52 वीक का हाई लेवल 1,165 रुपए है. माना जा रहा है कि कंपनी की ग्रोथ अभी धीमी बनी रह सकती है. ऐसे में Tech Mahindra के शेयरों में भी नरमी आ सकती है और यदि ऐसा होता है, तो LIC के निवेश की वैल्यू भी घट जाएगी.
हीरो मोटोकॉर्प के लिए आने वाले दिनों में होंडा परेशानी खड़ी कर सकती है. क्योंकि उसने 100cc सेगमेंट में एंट्री ले ली है.
टू-व्हीलर और थ्री-व्हीलर बनाने वाली दिग्गज कंपनी Hero MotoCorp स्टॉक मार्केट पर भी अच्छा परफॉर्म कर रही है. कंपनी के शेयर बुधवार को तेजी के साथ 2,974.60 रुपए पर बंद हुए थे. पिछले 5 दिनों में ये शेयर 2.93% और एक महीने में 15.46% ऊपर चढ़ा है. सालाना-आधार पर भी इसने ग्रीन लाइन पकड़कर रखी हुई है. इसके बावजूद घरेलू ब्रोकरेज फर्म HDFC सिक्योरिटीज ने इसकी रेटिंग घटाते हुए टारगेट प्राइज को भी कम कर दिया है.
इसलिए घटाई रेटिंग
एक मीडिया रिपोर्ट में बताया गया है कि HDFC सिक्योरिटीज ने हीरो मोटोकॉर्प की रेटिंग कम कर दी है. साथ ही उसके शेयर के टारगेट प्राइज में भी कटौती की है. ब्रोकरेज फर्म का यह भी कहना है कि हीरो मोटोकॉर्प का शेयर मौजूदा लेवल से लगभग 16% फिसल सकता है. HDFC सिक्योरिटीज ने अपने इस फैसले की वजह भी बताई है. फर्म का कहना है कि हीरो मोटोकॉर्प की प्रतियोगी कंपनी होंडा (Honda) की नई सेगमेंट में एंट्री के चलते मार्केट में हीरो का दबदबा कम होगा. इस वजह से रेटिंग और टारगेट प्राइज दोनों कम किए गए हैं. बता दें कि होंडा मोटर एंड स्कूटर इंडिया ने 100cc के एंट्री-लेवल सेगमेंट में एंट्री मारी है. इसके अलावा, कंपनी इलेक्ट्रिक स्कूटर्स पर भी फोकस किए हुए है. वो जल्द ही 2 नए इलेक्ट्रिक स्कूटर लॉन्च कर सकती है.
Hero बिगाड़ सकती है खेल
HDFC सिक्योरिटीज ने Hero MotoCorp के शेयर का टारगेट प्राइज घटाकर 2512 रुपए कर दिया है. Honda ने 64900 रुपए की कीमत में शाइन नाम से 100cc बाइक लॉन्च की है. दरअसल, ये बाइक पहले केवल 125cc में उपलब्ध है, लेकिन अब इसे 100cc में भी उतारा गया है. कंपनी ने इंजन में यह बदलाव करके ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचने की तैयारी की है. क्योंकि इस बदलाव से बाइक की कीमत कम हो गई है. Honda की योजना पहले साल में 3 लाख शाइन 100cc बेचने की है. ब्रोकरेज फर्म का मानना है कि यदि होंडा की योजना ट्रैक पर रहती है, तो हीरो का कारोबार प्रभावित हो सकता है.
इस सेगमेंट में घटी हिस्सेदारी
फिलहाल अभी 100cc सेगमेंट में Hero का दबदबा है. रिपोर्ट में बताया गया है कि कंपनी का लगभग 78% सेल्स वॉल्यूम इसी सेगमेंट से आता है. वहीं, 125cc सेगमेंट में कंपनी का मार्केट शेयर काफी कम हो गया है. वित्त वर्ष 2019 में यह 55% था, जो अब घटकर 21 प्रतिशत रह गया है. ऐसे में यदि 100cc का उसका बाजार प्रभावित होता है, तो इसका असर स्टॉक मार्केट में कंपनी की परफॉरमेंस पर भी पड़ सकता है. यही वजह है कि ब्रोकरेज फर्म ने इस शेयर की रेटिंग और टारगेट प्राइज दोनों में कटौती की है.
RBI की मौद्रिक नीति समिति की बैठक छह जून को शुरू हुई थी और आज यानी 8 जून को समाप्त हुई है. इस बैठक में नीतिगत ब्याज दरों पर फैसला लिया गया है.
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक में लिए गए फैसलों की घोषणा कर दी है. RBI के लगातार दूसरी बार नीतिगत ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है, जिसका मतलब है कि आपकी EMI नहीं बढ़ेगी. रिजर्व बैंक ने रेपो रेट (Repo Rate) को 6.50 फीसदी पर स्थिर रखने का फैसला किया है. वैसे, पहले से ही यह लगभग तय माना जा रहा था कि RBI रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं करेगा.
5 सदस्य फैसले के साथ
RBI ने कहा कि भारत का बैंकिंग सिस्टम मजबूत दिख रहा है, क्रेडिट ग्रोथ अच्छी है. इसके अलावा अर्थव्यवस्था के दूसरे इंडिकेटर्स भी अच्छी स्थिति में है और ग्रोथ कर रहे हैं. इन सबको देखते हुए MPC के 6 में से 5 सदस्यों ने रेपो रेट को स्थिर बनाए रखने के पक्ष में अपना मत रखा. रिजर्व बैंक ने कहा कि महंगाई दर को काबू पाने में काफी हद तक सफलता मिली है, इसलिए नीतिगत ब्याज दरों में किसी भी तरह के इजाफे का फैसला नहीं लिया गया है. बता दें कि मई 2022 से फरवरी 2023 के बीच रेपो रेट में 2.5 फीसदी का इजाफा किया गया था.
आगे घट सकती हैं दरें
वॉयस ऑफ बैंकिंग के फाउंडर अशवनी राणा का कहना है कि रेपो रेट में वृद्धि से बैंकों से कर्ज लेने वाले बैंक के ग्राहकों के लिए मुश्किलें बढ़ सकती थीं. रिजर्व बैंक ने कर्ज लेने वालों के साथ-साथ कर्ज देने वाले बैंकों को भी बड़ी राहत दी है. क्योंकि कर्ज महंगा होने से बैंकों सहित कई सेक्टर पर नेगेटिव असर होता है. उन्होंने आगे कहा कि आने वाले समय में यदि महंगाई इसी प्रकार काबू में रहती है और मानसून भी अच्छा रहता है, तो संभव है रिजर्व बैंक रेपो रेट को घटाने का फैसला ले.
रियल एस्टेट ने किया स्वागत
वहीं, आरबीआई के इस कदम का रियल एस्टेट कारोबारियों ने भी स्वागत किया है. पहले जब RBI द्वारा लगातार नीतिगत ब्याज दरों में वृद्धि की जा रही थी, तब रियल एस्टेट सेक्टर को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ा था. डेवलपर्स के संगठन क्रेडाई ने अप्रैल में आरबीआई से रेपो रेट नहीं बढ़ाए जाने की मांग की थी. क्रेडाई का कहना था कि रेपो रेट बढ़ने से मंदी से बाहर निकल रहे रियल एस्टेट पर फिर से संकट के बादल छा जाएंगे और विकास की गति का पहिया धीमा पड़ जाएगा. RBI ने एक तरह से इस मांग को स्वीकार करते हुए पिछली दो बार से रेपो रेट में कोई बढ़ोत्तरी नहीं की है.
अब बिना डर के होगा निवेश
क्रेडाई के वेस्ट यूपी प्रेसिडेंट और डायरेक्टर काउंटी ग्रुप अमित मोदी का कहना है कि हम रेपो दरों को स्थिर रखने के आरबीआई के फैसले की सराहना करते हैं. इससे रियल एस्टेट क्षेत्र फलता-फूलता रहेगा क्योंकि मध्यम-आय वर्ग होम लोन पर उच्च ब्याज का भुगतान करने के डर के बिना इस क्षेत्र में निवेश कर सकते हैं. रेपो रेट स्थिर रहने पर निवेशक परियोजनाओं में और भी आसानी से निवेश कर सकते हैं. वहीं, महागुन ग्रुप के निदेशक अमित जैन का कहना है कि हाल के वर्षों में, ब्याज दरों में काफी वृद्धि हुई है. दूसरी तिमाही में आरबीआई ने ब्याज दरों को स्थिर रखने का साहसी निर्णय लिया है, यह निवेशकों और उन लोगों के लिए एक अच्छा विकल्प प्रस्तुत करता है जो घर खरीदना या निवेश करना चाहते हैं.
डिमांड में आएगी तेजी
मिग्सन समूह के MD यश मिगलानी का कहना है कि आरबीआई ने पिछली तिमाही की भांति इस तिमाही में भी रेपो रेट 6.50 प्रतिशत पर स्थिर रखी है. यह स्वागत योग्य कदम है, जो इस सेक्टर के लिए अच्छा साबित होगा. नौकरी के बाजार में वृद्धि, निर्यात में उछाल और खर्च की समग्र स्वस्थ दरों से भारतीय अर्थव्यवस्था स्वस्थ दिख रही है. इससे होम लोन की दरों को स्थिर रखने में मदद मिलेगी और हाउसिंग डिमांड में तेजी आएगी.
रिजर्व बैंक ने पिछली बैठक में नीतिगत ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया था.
महंगाई के मौसम में आप पर EMI का बोझ बढ़ेगा या राहत मिलेगी, इसका फैसला अब से कुछ देर बाद हो जाएगा. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (Monetary Policy Committee - MPC) की बैठक का आज आखिरी दिन है और इसके बाद बैठक में लिए फैसलों की घोषणा की जाएगी. आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) अध्यक्षता में हो रही MPC की यह 43वीं बैठक 6 जून को शुरू हुई थी. इस बैठक में लिए गए फैसलों का आम आदमी की जेब पर सीधा असर पड़ेगा.
कई बार किया है इजाफा
माना जा रहा है कि RBI पिछली बैठक की तरह इस बार भी नीतिगत ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं करेगा. जिसका मतलब है कि अगर आपको राहत नहीं मिलेगी, तो जेब का बोझ भी नहीं बढ़ेगा. RBI पहले ही महंगाई के नाम पर कई बार कर्ज महंगा कर चुका है, जिसकी वजह से लोन लेने वालों पर EMI का बोझ काफी बढ़ चुका है. इसके साथ ही नए लोन भी महंगे हो गए हैं. बता दें कि RBI पर महंगाई को एक निश्चित सीमा के नीचे रखने की जिम्मेदारी होती है और इसके लिए वह (Repo Rate) में इजाफा करता रहता है.
इस तरह होता है असर
महंगाई के मोर्चे पर आंकड़ों में कुछ कमी आई है, इसलिए माना जा रहा है कि RBI रेपो रेट को 6.50 फीसदी पर यथावथ रख सकता है. RBI की छह सदस्यों वाली मौद्रिक नीति समिति इससे पहले की बैठक में भी रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया था. हाल ही में किए गए एक पोल में 64 अर्थशास्त्रियों ने उम्मीद जताई थी कि RBI की 6-8 जून की बैठक के समापन पर रेपो दर में कोई बदलाव नहीं करने का फैसला लेगा. रेपो रेट की बात करें तो यह वो दर होती है, जिस पर RBI बैंकों को लोन देता है. लिहाजा, जब इसमें इजाफा होता है, तो बैंक अपना कर्ज महंगा करके ग्राहकों से उसकी वसूली कर लेते हैं. वहीं, रिवर्स रेपो रेट वो दर होती है, जिस पर RBI बैंकों को रुपए रखने के लिए ब्याज देता है. गौरतलब है कि महंगाई को नियंत्रित करने के लिए रिजर्व बैंक ने मई 2022 से फरवरी 2023 के बीच रेपो रेट में 2.5 फीसदी का इजाफा किया था.
ये है RBI की जिम्मेदारी
मालूम ही कि RBI के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है कि उसे महंगाई को नियंत्रित करने में अपनी असफलता पर सरकार को स्पष्टीकरण देने पड़ा है. दरअसल, रिजर्व बैंक अधिनियम के तहत अगर महंगाई के लिए तय लक्ष्य को लगातार तीन तिमाहियों तक हासिल नहीं किया जाता, तो RBI को केंद्र सरकार के समक्ष स्पष्टीकरण देना होता है. मौद्रिक नीति रूपरेखा के 2016 में प्रभाव में आने के बाद से यह पहली बार हुआ है जब RBI को इस संबंध में केंद्र को रिपोर्ट भेजनी पड़ी. आरबीआई को केंद्र की तरफ से खुदरा महंगाई दो प्रतिशत घट-बढ़ के साथ चार प्रतिशत पर बनाए रखने की जिम्मेदारी मिली हुई है, लेकिन तमाम प्रयासों के बावजूद आरबीआई मुद्रास्फीति को नियंत्रित रखने में नाकाम रहा है.
शेयर बाजार में तेजी का माहौल चल रहा है. आज भी कुछ शेयरों में तेजी के संकेत नजर आ रहे हैं.
वैश्विक बाजारों के मिले-जुले संकेत और विदेशी पूंजी का प्रवाह बढ़ने के चलते भारतीय शेयर बाजार (Stock Market) बुधवार को तेजी के साथ बंद हुए. इस दौरान, 30 शेयरों वाला BSE सेंसेक्स 350.08 अंक चढ़कर 63,142.96 और NSE निफ्टी 127.40 अंक की बढ़त के साथ 18,726.40 के लेवल पर पहुंच गया. कारोबार के दौरान एक समय सेंसेक्स की तेजी 400 पॉइंट्स के पार निकल गई थी. आज भी बाजार से मिलीजुली प्रतिक्रिया मिलने की उम्मीद है.
इनमें दिख रही मजबूती
सबसे पहले उन शेयरों के बारे में बात करते हैं, जिनमें मजबूत खरीदारी दिख रही है. इस सूची में Torrent Power, Suzlon Energy, JBM Auto, Greenlam Industries और Max Healthcare शामिल है. Suzlon Energy का शेयर रॉकेट बना हुआ है. बुधवार को 17.62% की तेजी के साथ 14.35 रुपए पर बंद हुआ था. पिछले 5 दिनों में इसने दिग्गज शेयरों को पीछे छोड़ते हुए 23.71% का रिटर्न दिया है और एक महीने में यह आंकड़ा 67.84% पहुंच गया है. Max Healthcare ने भी कल 7 फीसदी से ज्यादा की छलांग लगाई. 561 रुपए के भाव पर मिल रहा ये शेयर पिछले 5 दिनों में 3.99% चढ़ा है. इसी तरह, Torrent Power के लिए भी कल का दिन अच्छा रहा. इस दौरान, कंपनी के शेयरों में 15.91% की वृद्धि दर्ज की गई. 709.60 रुपए कीमत वाला ये शेयर अपने 52 वीक के हाई लेवल 725.40 रुपए की तरफ तेजी से बढ़ रहा है.
ये हैं MACD के संकेत
वहीं, मोमेंटम इंडिकेटर मूविंग एवरेज कन्वर्जेंस डिवर्जेंस (MACD) के संकेतों की बात करें, तो आज Adani Power, HPCL, Idea, Shree Renuka Sugar और IFCI में तेजी का रुख नजर आ सकता है. मतलब इन शेयरों में मुनाफा कमाने की गुंजाइश है. हालांकि, BW हिंदी सलाह देता है कि इन्वेस्टमेंट का फैसला पर्याप्त शोध और किसी एक्सपर्ट के परामर्श से बाद ही लें. MACD ने आज गिरावट के संकेत वाले शेयरों के बारे में भी बताया है. उसके अनुसार, अडानी ग्रुप की फ्लैगशिप कंपनी Adani Enterprises के साथ-साथ Motherson Sumi Wiring, M&M Financial, Tech Mahindra और Mphasis के शेयरों में मंदी का रुख रह सकता है. तेजी के संकेत वाले शेयरों में से अडानी पावर की बात करें, तो यह इसमें कल 4.52% की मजबूती रिकॉर्ड की गई थी. 274.90 रुपए मूल्य के इस शेयर का 52 वीक का हाई लेवल 432.50 रुपए है.