कर्मचारी क्या चाहते हैं- काम के घंटों में बढ़ोतरी या वेतन में कटौती?

कोविड के समय से जब वर्क फ्रॉम होम का कल्चर प्रारंभ हुआ, तब से इन कार्यों के घंटों में और बढ़ोतरी हो गई है.

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Monday, 02 January, 2023
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नई दिल्लीः ऑफिस में काम करने वाले कर्मचारी अक्सर एक दिन में कहने को तो आठ से नौ घंटे का समय व्यतीत करते हैं, लेकिन यह हमेशा 10 से 12 घंटे का समय हो जाता है. कोविड के समय से जब वर्क फ्रॉम होम का कल्चर प्रारंभ हुआ, तब से इन कार्यों के घंटों में और बढ़ोतरी हो गई है. हालांकि अब कर्मचारी चाहते हैं कि काम के घंटों में कटौती हो क्योंकि वर्क लाइफ बैलेंस बनाने में कई तरह की मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. हफ्ते में पांच दिन काम और दो दिन की छुट्टी भी लोगों को अपर्याप्त लगने लगी है. 

लोगों से ली गई राय

वहीं एक ग्लोबल सर्वे में जब लोगों से इस बारे में राय ली गई तो वो चाहते है कि काम के घंटे कम हों और छुट्टी का दिन बढ़ाया जाए ताकि वो परिवार को भी वक्त दे पाएं. ए ग्लोबल वर्कफोर्स व्यू' द्वारा किए गए एक सर्वे में 17 देशों के लगभग 33 हजार कर्मचारियों से बात की गई, इस सर्वे में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं. 

होना चाहिए अधिक लचीलापन

कर्मचारी अपने कामकाजी जीवन में अधिक लचीलेपन की मांग कर रहे हैं और इसे पाने के लिए समझौता करने के लिए तैयार हैं. भारत में 76.07% कर्मचारी अपने काम के घंटों पर नियंत्रण रखना पसंद करेंगे और कहा कि वे दूरस्थ रूप से काम करने की लचीलेपन की गारंटी के लिए वेतन में कटौती करेंगे.

एडीपी रिसर्च इंस्टीट्यूट के 'पीपल एट वर्क 2022: ए ग्लोबल वर्कफोर्स व्यू' के एक सर्वे 17 देशों में लगभग 33,000 श्रमिकों का सर्वेक्षण किया और खुलासा किया कि 10 में से सात से अधिक (71%) अपने काम के समय की संरचना में अधिक लचीलेपन की मांग कर रहे हैं, जिसमें कंप्रेसिंग भी शामिल है.

वर्क फ्रॉम होम को मिली प्रॉयोरिटी 

घर से काम करने वाले भी तेजी से अपने नियोक्ताओं के साथ करियर की प्रगति के बारे में अधिक बातचीत कर रहे हैं. 10 में से लगभग सात कर्मचारी (73%) महसूस करते हैं कि घर से काम करने के दौरान भी उन पर ध्यान दिया जा रहा है और 74% ने यह भी बताया है कि नियोक्ता अपस्किलिंग और प्रशिक्षण आवश्यकताओं के बारे में बातचीत करने के लिए तैयार हैं. जब काम पर मानसिक स्वास्थ्य की बात आती है, तो 56% कर्मचारियों का कहना है कि वे घर से काम करते हुए भी अपने प्रबंधकों द्वारा समर्थित महसूस करते हैं.

राहुल गोयल, एमडी, दक्षिण पूर्व एशिया और भारत, एडीपी ने कहा, "वर्तमान में कर्मचारियों को काम पर संतुष्ट रखने के लिए परंपरागत नौ से पांच के लिए अभिनव वैकल्पिक विकल्पों की आवश्यकता है. कर्मचारियों के कार्य-जीवन पर अधिक लचीलेपन और नियंत्रण की पेशकश करना विचार करने योग्य है क्योंकि उन्होंने महामारी के दौरान अत्यधिक दबाव को सहन किया है और अपने निरंतर प्रदर्शन के माध्यम से महत्वपूर्ण संपत्ति साबित हुए हैं." 

नियोक्ताओं को अपने प्रयासों को पुनर्संतुलित करने की आवश्यकता हो सकती है, ताकि जो लोग हर दिन काम पर यात्रा कर रहे हैं, वे उतना ही सराहना और पोषित महसूस करें, जितना कि उनके करियर की प्रगति, मानसिक स्वास्थ्य और अन्य मुद्दों पर उतना ही विचार किया जा रहा है, जितना कि उनके काम करने वालों में.

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अब आपके शहर में और बढ़ेगी एयर कनेक्टिविटी, इंडिगो उठाने जा रही है ये कदम

इंडिगो पिछले जून में 500 विमानों का ऑर्डर देकर इतिहास रच चुकी है. कंपनी मौजूदा समय में देश की नंबर वन कंपनी है और उसके पास 60 प्रतिशत हिस्‍सेदारी है. 

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Tuesday, 14 May, 2024
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केन्‍द्र सरकार ने उड़ान योजना के तहत छोटे शहरों में एयरपोर्ट तो बना दिए लेकिन वहां कनेक्टिविटी को लेकर अक्‍सर शिकायत रहती है. लेकिन अब इंडिगो कंपनी ऐसा कदम उठाने जा रही है जिससे छोटे शहरों की कनेक्टिविटी को और बढ जाएगी. देश की नंबर वन एयरलाइन कंपनी इंडिगो अपने बेड़े में 100 और विमानों का जोड़ने की योजना बना रही है. कंपनी जल्‍द ही छोटे विमानों का ऑर्डर दे सकती है जिससे छोटे शहरों तक कनेक्टिविटी बढ़ाया जा सके. 

100 विमानों का ऑर्डर दे सकती है कंपनी 
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, डिगो घरेलू रूटों पर अपनी कनेक्टिविटी को बढ़ाने के लिए जिन 100 विमानों का ऑर्डर दे सकती है उसमें 78 सीटर 45 एटीआर-72 विमान शामिल हैं, और कंपनी को इस साल के अंत तक पांच ऐसे विमान मिलने वाले हैं. इसके बाद कंपनी के पास विमानों की संख्‍या 47 हो जाएगी. लेकिन छोटे शहरों तक कनेक्टिविटी को बढ़ाने के लिए कंपनी एटीआर से सौदा कर सकती है. लेकिन एम्‍ब्रेयर और एयरबस पहले से ही इस रेस में मौजूद हैं. 

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छोटे शहरों तक पहुंचने की कर रही है कोशिश 
इंडिगो देश की सबसे बड़ी विमान कंपनी है जिसके पास इस सेक्‍टर की 60 प्रतिशत हिस्‍सेदारी है. देश के बड़े शहरों से लेकर विदेशों में यात्रा करवाने वाली इंडिगो लगातार छोटे शहरों तक पहुंचने की कोशिश कर रही है. लेकिन देश में कई रूट्स ऐसे हैं जिनमें 180 सीटों वाले विमानों की जरूरत नहीं है. छोटे शहरों के इन एयरपोर्ट का भूगोल कुछ ऐसा है कि कंपनी को यहां छोटे विमानों की जरूरत है. ऐसे में कंपनी अब यहां अपनी पहुंच बढ़ाने के लिए छोटे विमानों का ऑर्डर देने की तैयारी कर रही है. 

इससे पहले 500 विमानों का दे चुकी है ऑर्डर 
इंडिगो पिछले साल जून में 500 विमानों का ऑर्डर दे चुकी है. कंपनी मौजूदा समय में 300 विमानों का संचालन कर रही है. जबकि उसके पास कुल 480 विमानों के पिछले ऑर्डर भी हैं. लेकिन 500 विमानों के ऑर्डर के साथ कंपनी की विमान क्षमता 1000 तक जा पहुंची है. इंडिगो ने 500 विमानों में जिस कैटेगिरी के विमानों का ऑर्डर दिया है उनमें A320 NEO, A 321 NEO, A 321 XLR जैसे विमान शामिल हैं. कंपनी 500 विमानों के इस ऑर्डर की कीमत 50 अरब डॉलर रुपये है. 
 


Clover Infotech ने हर्ष जैन को सौंपी CFO की कमान, कॉर्पोरेट फाइनेंस में है इनकी विशेषज्ञता

वर्तमान में हर्ष जैन Clover Infotech में वीपी-फाइनेंस हैं. वहीं, अब वह मुख्य वित्तीय अधिकारी (Chief Financial Officer) के रूप में प्रमोट हो गए हैं.

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Tuesday, 14 May, 2024
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ग्लोबल टेक्नोलॉजी सर्विस और कंसल्टिंग फर्म क्लोवर इन्फोटेक (Clover Infotech) ने 1 अप्रैल 2024 से हर्ष जैन को अपने नए चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर (Chief Financial Officer) के रूप में प्रमोट किया है. अपनी नई भूमिका में हर्ष कंपनी के वित्तीय संचालन की देखरेख करेंगे और रणनीतिक वित्तीय पहल को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे.

कॉर्पोरेट फाइनेंस में दो दशकों का अनुभव
हर्ष कॉर्पोरेट फाइनेंस क्षेत्र में दो दशकों से भी अधिक अनुभव, ज्ञान और विशेषज्ञता लेकर आए हैं. उन्होंने पीडब्ल्यूसी (PwC) जैसे प्रसिद्ध संगठनों में नेतृत्व की भूमिका निभाई है. वह एक चार्टर्ड अकाउंटेंट (CA) हैं और उन्होंने Indirect Taxes पर एक किताब के लिए लेखन भी किया है. वह सीए के इच्छुक छात्रों के लिए अकाउंटेंसी और टैक्सेशन (Accountancy and Taxation) पर अपनी विशेषज्ञता साझा करने वाले एक फैकल्टी के सदस्य भी रहे हैं.

क्लोवर इन्फोटेक के चेयरमैन ने दी शुभकामनाएं
इस मौके पर क्लोवर इन्फोटेक के चेयरमैन जावेद तापिया (Javia Tapia) ने हर्ष को शुकामनाएं देते हुए कहा कि हर्श एक आधुनिक सीएफओ एक रणनीतिक भागीदार है, जो किसी संगठन की वित्तीय स्थिरता और लेखांकन मानकों और विनियमों के अनुपालन को सुनिश्चित करने के लिए सी-स्तर के साथियों के साथ मिलकर काम करेंगे. साथ ही विक्रेता संबंधों को प्रबंधित करने, सटीक वित्तीय रिपोर्ट तैयार करने और नकदी, पूंजी और संसाधनों से संबंधित जोखिमों का प्रबंधन करते हुए कंपनी की वित्तीय आईटी प्रणालियों की प्रभावी ढंग से देखरेख करने में कुशल साबित होंगे. 

व्यवसाय को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे हर्ष

क्लोवर इन्फोटेक के सीईओ कुणाल नागरकट्टी ने कहा कि हर्ष चीफ फाइनेंशियल मैट्रिक्स में उनके व्यवसाय को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे. डिलीवरी ऑपरेशन्स, बिक्री, मार्केटिंग, टेक्नोलॉजी, ह्यूमन रिसोर्सिज और एडमिनीस्ट्रेशन में पहल के वित्तीय पहलुओं (Financial Aspects) में उनकी अंतर्दृष्टि हमें अच्छी तरह से सूचित रणनीतिक निर्णय (Strategic Decisions ) लेने में सक्षम बनाने में अमूल्य होगी. कंपनी को हर्ष की वित्तीय समझदारी, व्यावसायिक कौशल को बनाए रखने के प्रयासों से लाभ होगा. 

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कंपनी की ग्रोथ और डेवलपमेंट के लिए करेंगे काम
क्लोवर इन्फोटेक के चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर हर्ष जैन ने कहा कि वह इस पद पर आकर सम्मानित महसूस कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि क्लोवर इन्फोटेक एक तेजी से विकसित होने वाला संगठन है और हम विभिन्न भौगोलिक क्षेत्रों, इंडस्ट्री, टेक्नोलॉजी प्रोडक्ट्स और सर्विस डिलीवरी मॉडल्स पर काम करते हैं. उन्होंने कहा कि वह अपनी सर्वोत्तम क्षमताओं के साथ कंपनी की ग्रोथ और डेवलपमेंट को गति देने में योगदान देने के लिए तैयार हैं.


Fintech सेक्‍टर की प्रतिस्‍पर्धा से इस कंपनी ने की तौबा, वापस लौटा दिए लाइसेंस 

कंपनी इससे पहले आईसीआईसीआई बैंक की मदद से यूपीआई लाइसेंस भी ले चुकी है. लेकिन इस बार कंपनी ने आरबीआई को लाइसेंस वापस कर दिए हैं. 

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Tuesday, 14 May, 2024
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Fintech सेक्‍टर की सबसे बड़ी कंपनी Paytm के खिलाफ हुई कार्रवाई से भले ही सभी कंपनियां सहमी हुई हों लेकिन अभी भी इस सेक्‍टर में कई कंपनियां काम कर रही हैं. इन्‍हीं कंपनियों में शामिल होने के लिए फूड डिलीवरी कंपनी Zomato ने Zomato पेमेंट के लिए आरबीआई से लाइसेंस लिया था लेकिन अब कंपनी ने वो लाइसेंस वापस कर दिया है. कंपनी को इसी साल ऑनलाइन पेमेंट एग्रीगेटर लाइसेंस और प्रीपेड पेमेंट इंस्‍टूमेंट लाइसेंस जारी किया गया था. 

जोमैटो को मिल चुका था बड़ा निवेश 
जोमैटो ने जब से अपने जोमैटो पेमेंट प्राइवेट लिमिटेड के लिए निवेश जुटाना शुरू किया था तब से कंपनी को 39 करोड़ रुपये का निवेश भी मिल चुका था. लेकिन कंपनी उस निवेश को भी वापस लौटा चुकी है. कंपनी को आरबीआई ने इसी पेमेंट कंपनी को चलाने के लिए ऑनलाइन पेमेंट एग्रीगेटर लाइसेंस और प्रीपेड पेमेंट इंस्‍टूमेंट लाइसेंस जारी किया गया था, उसे भी कंपनी की ओर से वापस कर दिया गया है. 

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पीछे हटने की ये रही है वजह 
जोमैटो मौजूदा समय में चार कंपनियों में काम कर रही है. इसमें जोमैटो, ब्लिंकिट, हायर प्‍योर, और गोइंग आउट शामिल हैं. दरअसल लाइसेंस वापस करने को लेकर जो वजह सामने आई है उसके अनुसार, कंपनी ने जब लाइसेंस के लिए अप्‍लाई किया था उस वक्‍त उसे इस पेमेंट सेक्‍टर में बड़ी संभावनाए नजर आ रही थी. लेकिन जब उसे लाइसेंस मिला तब बाजार में उसके अनुसार इसका स्‍कोप उसे ज्‍यादा नजर नहीं आ रहा है. इसलिए कंपनी ने इसे शुरू करने से पहले इसे बंद करने का निर्णय लेना बेहतर समझा. 

लागत को कम करना चाहता था Zomato 
दरअसल मौजूदा समय में अपने फूड डिलीवरी ऐप पर थर्ड पार्टी पेमेंट का इस्‍तेमाल करने के लिए जोमैटो को दूसरी कंपनियों को एक बड़ी रकम देनी पड़ती है. कंपनी का इस पेमेंट वेंचर के माध्‍यम से उस लागत में भी कमी लाने का प्‍लान था. लेकिन ऐसा हो नहीं पाया. अब इसके चलते फिलहाल जब तक कंपनी आने वाले दिनों में एक बार फिर इसे शुरू नहीं करती है तब तक उसे पहले ही तरह भुगतान करना होगा. कंपनी इससे पहले आईसीआईसीआई बैंक की मदद से यूपीआई सेवा की शुरूआत कर चुकी है. 
 


तलाक के बाद अब बिल गेट्स की पत्नी ने छोड़ा  Gates फाउंडेशन, मिलेंगे 1 लाख करोड़  रुपये

बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन में 7 जून को मेलिंडा फ्रेंच गेट्स (Melinda French Gates) का आखिरी दिन होगा.

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Tuesday, 14 May, 2024
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दुनियाभर के अरबपतियों की लिस्ट में शामिल बिल गेट्स की पूर्व पत्नी मेलिंडा फ्रेंच गेट्स (Melinda French Gates) ने बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन में को-चेयरपर्सन पद से इस्तीफा दे दिया है. बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन दुनियाभर में समाज सेवा के काम करती हैं, लेकिन अब उन्होंने इस काम को यहीं विराम दे दिया है. मेलिंडा गेट्स का गेट्स फाउंडेशन में आखिरी दिन 7 जून होगा.
 
सोशल मीडिया पर शेयर की इस्तीफे की जानकारी
मेलिंडा गेट्स ने अपने ऑफिशियल ट्विटर अकाउंट पर एक पोस्ट शेयर कर अपने इस्तीफे की जानकारी दी है. मेलिंडा ने लिखा है कि काफी सोच-विचार के बाद उन्होंने बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन से इस्तीफा देने का फैसला किया है. फाउंडेशन में उनका आखिर दिन 7 जून होगा. मेलिंडा ने लिखा कि मैंने और बिल ने मिलकर एक कमाल का संगठन बनाया है, जो दुनियाभर में असमानता से निपट रहा है. मेलिंडा ने अपने पोस्ट में लिखा कि फाउंडेशन इसके सीईओ मार्क सुजमैन के नेतृत्व में मजबूत हाथों में है. अब सही वक्त है, जब उन्हें आगे बढ़ना चाहिए और परोपकार के नए अध्याय में दाखिल होना चाहिए.

समझौते के तहत मिलेंगे इतने डॉलर
मेलिंडा गेट्स को समझौते के तहत 1 लाख करोड़  रुपये मिलेंगे. मेलिंडा गेट्स ने कहा कि बिल गेट्स के साथ उनके समझौते की शर्तों के तहत फाउंडेशन छोड़ने पर उन्हें 12.5 बिलियन डॉलर (1 लाख करोड़ रुपये) मिलेंगे. ये रुपये उन्हें महिलाओं और उनके परिवार की मदद करने के लिए अतिरिक्त होंगे. 

फाउंडेशन का नाम भी बदलेगा
जानकारी के अनुसा मेलिंडा गेट्स के इस्तीफे के बाद अब बिल गेट्स ही फाउंडेशन के एकमात्र चेयरमैन होंगे. ऐसे में अब बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेश का नाम बदलकर गेट्स फाउंडेशन किया जाएगा. 
 

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3 साल पहले हुआ था तलाक
मेलिंडा गेट्स के इस्तीफे के बाद बिल गेट्स ने भी सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर करते हुए मेलिंडा गेट्स को उनके योगदान के लिए धन्यवाद दिया. बिल और मेलिंडा गेट्स ने 27 साल की शादी के बाद साल 2021 में तलाक ले लिया था, लेकिन फाउंडेशन में साथ काम करने की बात कही थी. हालांकि उन्होंने ये भी कहा था कि वे दोनों साल 2023 तक एक ट्रायल पीरियड में गेट्स फाउंडेशन के लिए साथ काम करते रहेंगे, लेकिन अगर लगेगा कि साथ काम नहीं कर सकते तो दोनों अलग हो जाएंगे.
 


ब‍िकने वाला है हल्दीराम! हजारों करोड़ की इस डील में अब कौन होगा हल्दीराम का नया मालिक?

यह पहली बार नहीं है जब हल्दीराम में हिस्सेदारी के लिए कोशिश की गई है. इससे पहले से कई कंपनियां हिस्सेदारी हासिल करने के लिए कोशिश कर रही है.

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Tuesday, 14 May, 2024
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देश की द‍िग्‍गज स्‍नैक्‍स कंपनी हल्दीराम स्‍नैक्‍स फूड प्राइवेट लिमिटेड (Haldiram Snacks Food Pvt Ltd) पर दुन‍ियाभर की बड़ी कंपन‍ियों की न‍िगाह है. हल्दीराम में माल‍िकाना हक खरीदने के ल‍िए दुन‍िया की कई बड़ी कंपन‍ियों के बीच होड़ है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार दुनिया की सबसे बड़ी प्राइवेट इक्‍व‍िटी फंड ब्लैकस्टोन (Blackstone), जीआईसी सिंगापुर (GIC Singapore) और अबु धाबी इन्‍वेस्‍टमेंट अथॉरिटी (ADIA) की तरफ से हल्‍दीराम में ह‍िस्‍सेदारी खरीदने का प्रस्‍ताव द‍िया गया है.

कितनी हिस्सेदारी खरीदने पर चल रही है बात?

रिपोर्ट के अनुसार ब्लैकस्टोन और उनके सहयोगी मिलकर हल्दीराम स्नैक्स फूड प्राइवेट लिमिटेड में 74 प्रतिशत से 76 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदना चाहते हैं. लेकिन ब्लैकस्टोन के सहयोगी अबुधाबी इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी और जीआईसी की हिस्सेदारी बहुत अधिक नहीं रहेगी. बता दें, अगर यह डील सफल रही तो ब्लैकस्टोन की भारत में यह सबसे हिस्सेदारी की खरीद होगी. 87 साल पुरानी स्नैक्स फूड प्राइवेट लिमिटेड में हिस्सेदारी खरीद के मामले में अभी तक कुछ आधिकारिक ऐलान नहीं किया गया है. वहीं, स्नैक्स फूड प्राइवेट लिमिटेड ने भी पूरे मामले में बयान जारी नहीं किया है. इस पूरी डील की सफलता इस बात पर निर्भर करेगी कि हल्दीराम के नागपुर और दिल्ली बिजनेस का सफलतापूर्वक मर्जर हो जाए.

दुनिया का पहला Denim Jeans ब्रैंड हुआ 151 साल का, जींस के रोचक इतिहास से वाकिफ हैं आप?

एक हफ्ते पहले भेजा शेयर खरीदने का प्रस्‍ताव

तीनों ही कंपन‍ियों ने संयुक्‍त रूप से म‍िलकर हल्दीराम स्‍नैक्‍स में कंट्रोलिंग शेयर खरीदने का प्रस्‍ताव कंपनी को करीब एक हफ्ते पहले भेजा है. रिपोर्ट में यह भी दावा क‍िया गया क‍ि हल्‍दीराम की मार्केट वैल्‍यू 8 से 8.5 बिलियन डॉलर (66,400 करोड़ से 70,500 करोड़ रुपये) के बीच आंकी गई है. बताया जा रहा है क‍ि यह बातचीत हल्दीराम के नागपुर और द‍िल्‍ली के बिजनेस में हिस्सेदारी खरीदने की चल रही है.

मर्जर के बाद क्‍या होगा?

अभी हल्दीराम फैमि‍ली का कारोबार तीन हिस्सों में बंटा हुआ है. नागपुर बिजनेस की ज‍िम्‍मेदारी हल्दीराम फूड्स इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड और दिल्ली बिजनेस को हल्दीराम स्‍नैक्‍स प्राइवेट लिमिटेड संभालता है. इन दोनों के मर्जर की बात फाइनल होती है तो हल्दीराम स्‍नैक्‍स फूड्स प्राइवेट लिमिटेड नाम से नई कंपनी बनेगी. इस मर्जर के बाद दिल्ली के मनोहर अग्रवाल और मधु सुदन अग्रवाल की इसमें हिस्सेदारी 55 प्रतिशत होगी. वहीं नागपुर के कमलकिशन अग्रवाल की हिस्सेदारी 45 प्रतिशत रहेगी. इस मर्जर प्रोसेस से हल्दीराम को पूर्वोत्तर में बिजनेस दे रही कंपनी अलग है.
 


दुनिया का पहला Denim Jeans ब्रैंड हुआ 151 साल का, जींस के रोचक इतिहास से वाकिफ हैं आप?

लेवी स्ट्रॉस ने ब्लू जींस के 151वें जन्मदिन का सेलिब्रेशन शुरू कर दिया है. कंपनी इस मौके पर बोनस पॉइंट भी दे रही है.

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Tuesday, 14 May, 2024
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बीते कुछ सालों में जींस (Jeans) जितनी तेजी से ट्रेंड में आई है, उतनी ही तेजी से इसे बनाने वाली कंपनियों की संख्या में इजाफा हुआ है. आज ढेरों ब्रैंड जींस तैयार कर रहे हैं, लेकिन दशकों पहले केवल एक ही कंपनी को इस काम के लिए जाना जाता था. Levi Strauss सही मायनों में नीली जींस (Blue Jean) की जन्मदाता है. कंपनी इसी 20 मई को 151 साल की होने वाली है और उसने अभी से सेलिब्रेशन शुरू कर दिया है.  

ऐसे शुरू हुई अविष्कार की कहानी
वैसे जींस का इतिहास काफी पुराना है, लेकिन सही मायनों में इसका जन्म 20 मई 1873 को माना जाता है. इसी दिन जर्मन मूल के अमेरिकी व्यापारी लेवी स्ट्रॉस (Levi Strauss) और टेलर जैकब डेविस ने ब्लू जींस का पेटेंट करवाया और अपने नाम से पहली डेनिम जींस बेचने की शुरुआत की. खासबात ये है कि दुनिया की पहली जींस को किसी रईस के लिए नहीं, बल्कि गरीब मजदूर के लिए तैयार किया गया था. दरअसल, एक दिन किसी मजदूर की पत्नी टेलर जैकब के पास पहुंची और अपने पति की पतलून को ज्यादा मजबूत बनाने की गुजारिश की. उस दौर में मजदूरों के लिए डेनिम के कपड़े की पतलून बनती थीं. बस यहीं से दुनिया की पहली जींस के अविष्कार की कहानी शुरू हुई.

दोनों ने मिलकर कराया पेटेंट
जैकब ने मजदूर की पतलून की उन जगहों पर रिवेट यानी लोहे के पेंच लगा दिए, जहां से उसके फटने का ज्यादा अंदेशा था. उसका ये डिजाइन मजदूर की पत्नी को काफी पसंद आया. जैकब डेविस ने सोचा कि इस तरह का डिजाइन मजदूरों के लिए काफी अच्छा हो सकता है, क्योंकि इससे कपड़े के जल्दी फटने की आशंका भी कम हो जाती है. जैकब ने अपने डिज़ाइन का पेटेंट करवाने का फैसला लिया, लेकिन यह बेहद खर्चीला काम था. इसलिए उसने लेवी स्ट्रॉस से संपर्क किया, जिनके स्टोर से वह डेनिम लिया करता था. लिवाय को भी जैकब का डिजाइन पसंद आया और दोनों ने इसका पेटेंट करवा लिया. 20 मई 1873 को उन्हें अमेरिकी पेटेंट एंड ट्रेडमार्क ऑफिस से Patent No #139,121 मिल गया. 

मजबूती दर्शाता है कंपनी का ट्रेडमार्क
Levi Strauss की पहली जींस मजदूरों के लिए थी, लेकिन धीरे-धीरे यह सभी वर्ग के लोगों की चहेती बन गई. हालांकि, पहले इसे Waist Overalls या Overalls के नाम से जाना जाता था. 1960 में इसे जींस नाम मिला. Levi Strauss & Co 20 मई को ब्लू जींस का जन्मदिन मनाती है. कंपनी का कहना है कि भले ही डेनिम का इस्तेमाल इससे पहले से होता आ रहा है, लेकिन इसमें रिवेट लगाकर उसे नया रूप और मजबूती देने की शुरुआत 20 मई 1873 से ही हुई थी. कंपनी का ट्रेडमार्क 2 घोड़ों वाला है, जो जींस की मजबूती को दर्शाता है.  

कंपनी के पास सबके लिए कुछ न कुछ  
Levi Strauss & Co आज जींसवेयर के मामले में ग्लोबल लीडर है. कंपनी Levi's®, Dockers®, Beyond Yoga, Signature by Levi Strauss & Co.™ and Denizen® ब्रैंडनेम से अलग-अलग प्रोडक्ट्स तैयार करती है. पुरुषों के साथ-साथ महिलाओं और बच्चों के लिए भी कंपनी के प्रोडक्ट पोर्टफोलियो में बहुत कुछ है. 2023 में कंपनी के नेट रिवेन्यु 6.2 बिलियन डॉलर रहा है. San Francisco, Brussels और Singapore मुख्यालय वाली इस कंपनी में 19 हजार से ज्यादा कर्मचारी काम करते हैं, जिनमें से 9500 अमेरिका में हैं. Levi Strauss & Co के उत्पाद 100 से ज्यादा देशों में बेचे जाते हैं. बता दें कि ब्लू जींस के बर्थडे के उपलक्ष्य में कंपनी अपने ग्राहकों को बोनस पॉइंट भी दे रही है.  


चुनाव के बाद महंगा होगा मोबाइल रिचार्ज, जानिए टेलीकॉम कंपनियां क्यों उठाने जा रही ये कदम?

टेलीकॉम कंपनियां अपने रेवेन्यू में इजाफा करने के लिए चुनाव के बाद अपने टैरिफ प्लान में इजाफा कर सकती हैं. ये इजाफा 25 प्रतिशत तक देखने को मिल सकता है.

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Tuesday, 14 May, 2024
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लोकसभा चुनाव के बाद करोड़ों मोबाइल यूजर्स की जेब ढीली होने वाली है. टेलीकॉम कंपनियां मोबाइल टैरिफ (रिचार्ज) की कीमत बढ़ाने की तैयारी कर रही हैं. ये बढ़ोतरी 25 प्रतिशत तक देखने को मिल सकता है. तो चलिए जानते हैं टेलीकॉम कंपनियां मोबाइल रिचार्ज प्लान 
क्यों और कितना महंगा करने जा रही हैं?
 
प्रीपेड और पोस्टपेड दोनों प्लान में 25 प्रतिशत की बढ़ोतरी
आपको बता दें, 5जी सर्विस आने के बाद कंपनियों ने अपने ग्राहकों को दी जाने वाली 5 जी सर्विस में मोटा निवेश किया है. वहीं, अब ये टेलीकॉम कंपनियां अपने प्रॉफिट की ओर देख रही हैं. ऐसे में मोबाइल ऑपरेटर्स की ओर से टैरिफ में करीब 25 प्रतिशत का इजाफा किया जा सकता है. जानकारी के अनुसार ये इजाफा अर्बन और रूरल दोनों इलाकों में देखने को मिल सकता है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार पोस्टपेड और प्रीपेड दोनों तरह के प्लान पहले के मुकाबले महंगे हो सकते हैं. वहीं, दूसरी ओर इंटरनेट प्लान भी महंगा हो सकता है.

इसलिए बढ़ाए जा रहे मोबाइल रिचार्ज प्लान 
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार मोबाइल रिचार्ज में बढ़ोतरी का सबसे बड़ा कारण प्रति यूजर रेवेन्यू बढ़ाना है. एक्सपर्ट के अनुसार मौजूदा समय में टेलीकॉम कंपनियों का प्रति यूजर एवरेज रेवेन्यू काफी कम है. इसका मतलब है कि मोबाइल कंपनियां प्रत्येक यूजर पर जितना खर्च कर रही है. उन्हें उतनी कमाई नहीं हो पा रही हैं. इसी कारण टेलीकॉम कंपनियां अपने टैरिफ प्लान में बढ़ोतरी कर सकती हैं.

इतना महंगा होगा आपका प्लान
अगर टैरिफ में 25 प्रतिशत की बढ़ोतरी होती है, तो आम लोगों की जेब पर काफी असर देखने को मिल सकता है. अगर आप 200 रुपये का हर महीने रिचार्ज कराते हैं, तो उसमें 50 रुपये का इजाफा हो जाएगा. इसका मतलब है कि 200 रुपये का टैरिफ प्लान 250 रुपये में मिलेगा. वहीं, अगर आप 500 रुपये का रिचार्ज करते हैं, तो इसमें 25 प्रतिशत के हिसाब से 125 रुपये की बढ़ोतरी होगी. वहीं, अगर आप 1000 रुपये का रिचार्ज कराते हैं, तो उसकी वैल्यू में 250 रुपये की बढ़ोतरी हो जाएगी और कुल टैरिफ की कीमत 1250 रुपये हो जाएगी.

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IMF प्रमुख ने क्‍यों कहा कि सुनामी की तरह नौकरी खा रहा है AI

IMF प्रमुख ने ये बात तब कही है जब कुछ दिन पहले ही Open AI ने GPT-40 को लॉन्‍च किया है. उन्‍होंने कहा कि विकसित देशों को 60 प्रतिशत नौकरियां और दुनिया में 40 प्रतिशत नौकरियां इससे जा सकती हैं. 

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Tuesday, 14 May, 2024
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ऑर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के आने के बाद दुनिया भर में नौकरियां जाएंगी ये बात अब तक दुनिया के कई नामी लोग कह चुके हैं. लेकिन अब यही बात आईएमएफ(International Monitory Fund) प्रमुख क्रिस्‍टीना जॉर्जिया ने कही है. उन्‍होंने कहा कि एआई सुनामी की तरह नौकरी खा रहा है. उन्‍होंने कहा कि जिस तेजी से इसका एआई का विस्‍तार हो रहा है और लोगों की नौकरी जा रही है उससे लग ये रहा है कि हमारे पास लोगों को इसके लिए तैयार करने के लिए काफी कम समय है. 

आईएफएफ प्रमुख ने और क्‍या कहा? 
आईएफएफ प्रमुख क्रिस्‍टीना जॉर्जिया ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस नाटकीय तरीके से नौकरी के बाजार को प्रभावित कर रहा है. उन्‍होंने इसकी रफ्तार को समझाते हुए कहा कि विकसित देशों में जहां ये 60 प्रतिशत नौकरियों को प्रभावित करने जा रहा है वहीं पूरी दुनिया में 40 प्रतिशत लोगों की नौकरी जा सकती है. इससे पहले भी दुनिया के कई नामी लोग और इस क्षेत्र में काम करने वाली संस्‍थाएं यही बात कह चुकी हैं. उन्‍होंने इस बात पर भी जोर दिया कि हमें इसके लिए तैयार रहने की जरूरत है. सबसे विशेष बात ये है कि हमारे पास इसके लिए लोगों को तैयार करने के लिए बहुत ज्‍यादा समय बचा नहीं है. 

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एआई से ये खतरा भी है
पूरी दुनिया में एक ओर जहां एआई के इस्‍तेमाल को लेकर जोर दिया जा रहा है वहीं दूसरी ओर इससे पैदा हो सकने वाले खतरों को लेकर भी चर्चा हो रही है. आईएमएफ प्रमुख ने भी इन्‍हीं खतरों को लेकर अपनी बात कही है. उन्‍होंने कहा कि एआई हमारे उत्‍पादन को बढ़ा सकता है, और हमारे काम करने के तरीकों को आसान बना सकता है. लेकिन उससे भी खतरनाक ये है कि इससे पूरी दुनिया को गलत जानकारी का एक खतरा बना हुआ है. उन्‍होंने इसके लिए प्रबंधन को सावधानीपूर्वक किए जाने की बात कही है. 

Open AI ने लॉन्‍च किया है GPT-40 
आईएमएफ प्रमुख का ये बयान ऐसे समय में आया है जब  माइक्रोसॉफ्ट के ओपनएआई ने हाल ही में GPT-40 को लॉन्‍च किया है.सबसे दिलचस्‍प बात ये है कि ओपनएआई ने इसे सभी के फ्री किया है. GPT-40 में ओपन एआई ने जो अपडेट किया है उसने इसे और प्रभावी बना दिया है, एआई को समझने वाले  तो यहां तक कह रहे हैं कि ये अब लगभग इंसान जैसा हो गया है. ये जो देख रहा है उसके बारे में बता सकता है. 
 


Emirates Group ने इस साल 5.1 बिलियन डॉलर का रिकॉर्ड प्रॉफिट किया दर्ज 

एमिरेट्स ग्रुप ने अपनी साल 2023-24 वित्त वर्ष की रिपोर्ट जारी की है. इसमें एमिरेट्स और डीएनएटा दोनों के प्रॉफिट और रेवेन्यू में बढ़ोतरी देखी गई है. 

Last Modified:
Tuesday, 14 May, 2024
BWHindia

एमिरेट्स ग्रुप (Emirates Group) ने सोमवार यानी 13 मई को अपनी 2023-24 की वार्षिक रिपोर्ट जारी की. रिपोर्ट्स के अनुसार कंपनी का प्रोफिट, रेवेन्यू और कौश बैवेंस लेवल के नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है. ग्रुप के एमिरेट्स और दुबई नेशनल एयर ट्रैवल एजेंसी (Dnata) दोनों को ही अच्छा प्रॉफिट हुआ है. 

दुनियाभर में परिचालन का विस्तार
एमिरेट्स और डीएनएटा दोनों ने 2023-24 में महत्वपूर्ण प्रॉफिट और रेवेन्यू में वृद्धि देखी, क्योंकि समूह ने अपनी अच्छी क्वालिटी के प्रोडक्ट और सर्विसिज के लिए ग्राहकों की मांग को पूरा करने के लिए दुनिया भर में अपने परिचालन का विस्तार किया है.  

इतना बढ़ा प्रॉफिट
31 मार्च 2024 को समाप्त वित्तीय वर्ष (Financial Year) के लिए अमीरात ग्रुप ने AED 18.7 बिलियन (5.1 बिलियन डॉलर) का रिकॉर्ड प्रॉफिट दर्ज किया है. ये रिकॉर्ड पिछले वर्ष के AED 10.9 बिलियन (3.0 बिलियन डॉलर) प्रॉफिट की तुलना में 71 प्रतिशत अधिक है. वहीं, ग्रुप का रेवेन्यू AED 137.3 बिलियन (37.4 बिलियन डॉलर) रहा, जो पिछले वर्ष के परिणामों से 15 प्रतिशत अधिक है. ग्रुप का कैश बैलेंस AED 47.1 बिलियन (12.8 बिलियन डॉलर) है, जो पिछले वर्ष से 11 प्रतिशत अधिक है.

एमिरेट्स और डीएनएटीए का इतना हुआ प्रॉफिट
अगर सिर्फ एमिरेट्स की बात करें तो, इसने AED 17.2 बिलियन (4.7 बिलियन डॉलर) का नया रिकॉर्ड प्रॉफिट दर्ज किया है, जो पिछले साल AED 10.6 बिलियन (2.9 बिलियन डॉलर) से 63 प्रतिशत अधिक है. इसका रेवेन्यू 13 प्रतिशत बढ़कर एईडी 121.2 बिलियन (33.0 बिलियन डॉलर) हो गया, क्योंकि एयरलाइन ने अधिक क्षमता तैनात की और अपने वैश्विक नेटवर्क और साझेदारी को मजबूत करना जारी रखा. एयरलाइन की क्षमता 20 प्रतिशत बढ़कर 57.7 बिलियन एटीकेएम हो गई, जिससे महामारी से पहले के स्तर का अंतर कम हो गया. वहीं, डीएनएटा ने एईडी 1.4 बिलियन (0.4 बिलियन डॉलर) का लाभ दर्ज किया है, जो पिछले वर्ष के एईडी 331 मिलियन (90 मिलियन डॉलर) के लाभ से काफी बेहतर है. इसमें रेवेन्यू 29 प्रतिशत बढ़कर एईडी 19.2 बिलियन (5.2 बिलियन डॉलर) के नए रिकॉर्ड पर पहुंच गया है. 

प्रोडक्ट और सर्विसिज की गुणवत्ता से मिली ये उपलब्धि
एमिरेट्स एयरलाइन और ग्रुप के चेयरमैन और चीफ एग्जीक्यूटिव शेख अहमद बिन सईद अल मकतूम (Sheikh Ahmed bin Saeed Al Maktoum) ने कहा है कि एमिरेट्स ग्रुप ने एक बार फिर नया रिकॉर्ड प्रदर्शन करने का स्तर बढ़ाया है. दुनिया भर में हवाई परिवहन और यात्रा संबंधी सेवाओं की उच्च मांग देखी गई और उसी के अनुसार ग्रुप ने काम किया, ये प्रॉफिट उसी का रिजल्ट है. अपने प्रोडक्ट और सर्विसिज की गुणवत्ता से ये मुकाम हासिल किया है.
इसका श्रेय यूएई के दूरदर्शी लीडर्स विशेष रूप से यूएई के उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री शेख मोहम्मद बिन राशिद अल मकतूम को भी है. एमिरेट्स और डीएनएटा दोनों ने दुबई के अनूठे फायदों का लाभ उठाते हुए सफल बिजनेस मॉडल तैयार किए हैं, जिससे दुबई और दुनियाभर के ग्राहक आकर्षित हुए हैं. 

कई बड़े प्रोजेक्ट्स पर चल रहा काम
कंपनी कई बड़े प्रोजेक्ट्स पर भी काम कर रही है, जिनमें अरबों डॉलर का एयरक्राफ्ट फ्लीट एंड कैबिन रिन्यूएबल प्रोग्राम, नई खानपान, कार्गो और ग्राउंड हैंडलिंग क्षमताएं, समूह के संचालन का समर्थन करने के लिए एडवांस टेक्नोलॉजी, विस्तारित प्रशिक्षण और जन विकास कार्यक्रम और ग्रुप के सस्टेनेबिलिटी एजेंडे को आगे बढ़ाने की पहल आदि शामिल हैं. 2023-24 में, समूह ने अपनी विकास योजनाओं का समर्थन करने के लिए नए विमानों, सुविधाओं, उपकरणों, कंपनियों और नवीनतम तकनीकों में सामूहिक रूप से AED 8.8 बिलियन (2.4 बिलियन डॉलर) का निवेश किया.

टिकाऊ मिमानन ईंधन (SAF) की बढ़ावा देने के लिया तीन देशों में समझौता 

2023-24 में एमिरेट्स ने पहली बार अपने दुबई हब, एम्स्टर्डम और सिंगापुर में टिकाऊ विमानन ईंधन (Sustainable Aviation Fuel) को बढ़ावा देने के लिए नए आपूर्ति समझौतों पर हस्ताक्षर किए. एयरलाइन ने एक इंजन में 100 प्रतिशत SAF का उपयोग करके पहली A380 प्रदर्शन उड़ान संचालित की, भविष्य में 100 प्रतिशत SAF उड़ान को सक्षम करने के लिए उद्योग के प्रयासों का समर्थन करने के लिए डेटा एकत्र किया.

डीएनएटीए ने अपनी सर्विस में इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड वाहन किए शामिल 
डीएनएटीए ने अपने ग्राउंड सपोर्ट इक्विपमेंट (जीएसई) के अपने ग्लोबल बेड़े में अधिक इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड वाहनों को शामिल किया है. अपने यूएसए परिचालन में नए बैगेज ट्रैक्टर, कार्गो लोडर और पुशबैक ट्रैक्टर जोड़े. इसने इटली में डीजल-संचालित जीएसई को हाइड्रोजनीकृत वनस्पति तेल और विद्युत शक्ति पर चलाने के लिए परिवर्तित और नवीनीकृत किया. डीएनएटा लॉजिस्टिक्स, अरेबियन एडवेंचर्स, अल्फा फ्लाइट सर्विसेज और सिटी साइटसीइंग वर्ल्डवाइड सहित डीएनएटा के यूएई व्यवसायों ने अपने वाहनों के लैंडसाइड बेड़े के लिए जैव ईंधन में परिवर्तन किया.


अपने पीछे कितनी दौलत छोड़ गए हैं दिग्गज BJP लीडर Sushil Kumar Modi?

दुनिया से रुखसत होने वाले भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी की बिहार की राजनीति पर गहरी पकड़ थी.

Last Modified:
Tuesday, 14 May, 2024
BWHindia

दिग्गज बीजेपी लीडर और बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी (Sushil Kumar Modi) का निधन हो गया है. लंबे समय से बीमार चल रहे मोदी ने सोमवार को दिल्ली के AIIMS में आखिरी सांस ली. 72 वर्षीय सुशील मोदी कैंसर की गिरफ्त में आ गए थे. मोदी बिहार की सियासत पर गहरी पकड़ रखते थे. बिहार की सत्ता पर काबिज होने के भाजपा के सपने को पूरा करवाने में उनकी अहम भूमिका थी. माना तो यह भी जाता है कि बिहार में JDU-RJD महागठबंधन सरकार के पतन की सियासी बिसात सुशील मोदी ने ही बिछाई थी.

कपड़े का फैमिली बिजनेस
सुशील कुमार मोदी का परिवार कपड़े के व्यवसाय से जुड़ा रहा है. वह रेडीमेड कपड़े का पैतृक व्यवसाय छोड़कर ही राजनीति में आए थे. मोदी ने 1987 में जेसी जॉर्ज से शादी की थी, उनके दो बेटे हैं. मोदी ने दो किताबें भी लिखी हैं - 'क्या बिहार भी बनेगा असम' और 'रिजर्वेशन'. उन्होंने 2004 में लोकसभा का चुनाव लड़ा था और भागलपुर सीट से विजयी रहे थे. उनका ऐसे जाना भाजपा के लिए बड़े झटके के समान है. सुशील कुमार के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) और गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) सहित पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने दुख प्रकट किया है.  

17 लाख की देनदारी भी 
मोदी अपने पीछे करोड़ों की दौलत छोड़ गए हैं. नेताओं की जन्मकुंडली रखने वाली वेबसाइट माय नेता इन्फो के अनुसार, सुशील कुमार मोदी के पास 5 करोड़ की संपत्ति है. मोदी के चुनावी हलफनामे में उन्होंने अपनी संपत्ति की जानकारी दी थी. उन्होंने बताया था कि उनके पास कुल 5,64,43,386 रुपए की संपत्ति है. जबकि कैश के नाम पर उनके पास केवल 42,500 रुपए हैं. सुशील मोदी ने भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) से 57,470 रुपए की बीमा पॉलिसी खरीदी थी. बीजेपी लीडर के पास 5 लाख रुपए की कीमत वाले सोने का आभूषण थे. 2019 में सुशील मोदी की तरफ से पेश हलफनामे में यह भी बताया गया कि उन्होंने नोएडा में 29 लाख रुपए की कीमत का एक फ्लैट खरीदा है. सुशील मोदी पर 17 लाख रुपए का कर्ज भी था.