अरबपति कारोबारी अनिल अग्रवाल की कंपनी वेदांता ने एक बार फिर से अपने निवेशकों को डिविडेंड देने का ऐलान किया है.
अनिल अग्रवाल (Anil Agarwal) की माइनिंग और मेटल सेक्टर की दिग्गज कंपनी वेदांता (Vedanta) ने एक ऐसी खबर सुनाई है कि निवेशकों के चहरे खिल गए हैं और कंपनी के शेयरों में भी उछाल देखने को मिला है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, वेदांता इस वित्त वर्ष में दूसरी बार अंतरिम डिविडेंड बांटने का ऐलान किया है. इस घोषणा का असर आज कंपनी के शेयरों पर भी देखने को मिला. Vedanta के शेयर 1.48% की बढ़त के साथ 261 रुपए पर बंद हुए.
शानदार रहा है डिविडेंड रिकॉर्ड
वेदांता इस बार 1 रुपए की फेस वैल्यू वाले हर शेयर पर 11 रुपए का डिविडेंड बांटेगी. कंपनी ने एक्सचेंज फाइलिंग में इसकी जानकारी दी है. वित्त वर्ष 2023-24 में यह दूसरा मौका है जब वेदांता अपने निवेशकों को डिविडेंड देगी. कंपनी ने 4089 करोड़ रुपए के अंतरिम डिविडेंड का ऐलान किया है. 1 रुपए की फेस वैल्यू वाले हर शेयर पर निवेशकों को 11 रुपए का डिविडेंड मिलेगा. इसके लिए 27 दिसंबर की रिकॉर्ड डेट निर्धारित की गई है. बता दें कि डिविडेंड के मामले में वेदांता का रिकॉर्ड बेहद शानदार रहा है. जुलाई 2001 से लेकर अब तक कंपनी ने 41 डिविडेंड ऐलान किया है. पिछले एक साल में ही यह 51.50 रुपए प्रति शेयर डिविडेंड दे चुकी है.
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इधर, S&P ने घटाई रेटिंग
वहीं, कंपनी की आर्थिक सेहत की बात करें, तो उसे लेकर खास सकारात्मक खबरें सुनने में नहीं आ रही हैं. मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया है कि वैश्विक रेटिंग एजेंसी S&P ग्लोबल रेटिंग्स ने वेदांता की पैरेंट कंपनी वेदांता रिसोर्सेज की लॉन्ग टर्म इश्यूअर क्रेडिट रेटिंग और लॉन्ग टर्म इश्यू रेटिंग्स को डाउनग्रेड कर दिया है. ऐसा अगले साल जनवरी और अगस्त 2024 में ड्यू बॉन्ड्स के बेसिस पर किया गया है. S&P का कहना है कि वेदांता की पैरेंट कंपनी की रेटिंग निगेटिव आउटलुक के साथ क्रेडिटवॉच में बनी हुई है. रेटिंग एजेंसी का ये भी कहना है कि इन बॉन्डों पर डिफॉल्ट की आशंका काफी अधिक है, क्योंकि कंपनी के भारी-भरकम कर्ज मेच्योर हो रहे हैं. कहने का मतलब है कि उन्हें चुकाने का समय नजदीक आ गया है.
क्या होता है डिविडेंड?
डिविडेंड की बात निकली है, तो चलिए इसे विस्तार से समझ लेते हैं. जब कोई कंपनी साल भर में कमाए गए अपने मुनाफे का कुछ हिस्सा शेयरहोल्डर्स में बांटती है तो उसे डिविडेंड कहते हैं. हालांकि कई बार ऐसे भी होता है कि कंपनियां मुनाफे की बजाय सरप्लस कैश से भी शेयरहोल्डर्स को डिविडेंड बांटती हैं. कंपनियों के लिए डिविडेंड देना जरूरी नहीं होता है, क्योंकि इससे कंपनियों को कुछ हासिल नहीं होता, सिवाय शेयरहोल्डर्स की खुशी और भरोसे के. इसलिए कंपनी चाहे तो वो अपने मुनाफे में से एक भी पैसा शेयरहोल्डर्स को डिविडेंड के रूप में न दे. अक्सर देखा गया है कि छोटी-छोटी कंपनियां या जिन्होंने अभी-अभी अपना काम शुरू किया है, वो कंपनियां डिविडेंड नहीं देतीं. क्योंकि वो अपने मुनाफे को शेयरहोल्डर्स को देने की बजाए वापस बिजनेस के विस्तार और ग्रोथ में लगा देती हैं. जो कंपनियां डिविडेंड देती हैं वो आमतौर पर पूरी तरह से स्थापित और बड़ी कंपनियां होती हैं, लेकिन हर बड़ी कंपनी डिविडेंड दे ये भी जरूरी नहीं.
हर्षद मेहता देश की बैंकिंग व्यवस्था में खामियों का फायदा उठाकर स्टॉक मार्केट का बिग बुल बन गया था.
पिछले कुछ वक्त में शेयर बाजार (Stock Market) में जो तेजी आई है, उससे आरपीजी ग्रुप के चेयरमैन और मशहूर उद्योगपति हर्ष गोयनका को हर्ष मेहता के दिनों की याद आ गई है. उन्होंने शेयर बाजार में गड़बड़ी की आशंका जताई है. गोयनका ने चेतावनी देते हुए कहा है कि इस गड़बड़ी की वजह से छोटे निवेशकों को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है. हर्ष गोयनका ने कहा कि तेजी से बढ़ते शेयर बाजार के साथ हर्षद मेहता और केतन पारेख युग की वापसी हो रही है.
इस तरह उठाया था फायदा
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, हर्ष गोयनका ने दावा किया कि कोलकाता से गड़बड़ी की जा रही है और इसमें गुजराती एवं मारवाड़ी दलालों का गठजोड़ काम कर रहा है. उन्होना कहा कि प्रमोटर्स मुनाफा बढ़ा रहे हैं और गुजराती-मारवाड़ी दलालों का गठजोड़ स्टॉक की कीमतों को अवास्तविक स्तर पर ले जा रहा है. इससे परिणामस्वरूप छोटे निवेशकों को भारी नुकसान हो सकता है. वक्त आ गया है, जब सेबी और वित्त मंत्रालय इसमें दखल दें. बता दें कि 90 के दशक में शेयर बाजार हर्षद मेहता के घोटाले से हिल गया था. मेहता शुरुआत में बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज में एक सामान्य स्टॉक ब्रोकर था, लेकिन देश की बैंकिंग व्यवस्था में खामियों का फायदा उठाकर वह स्टॉक मार्केट का बेताज बादशाह बन गया था.
खरीदने की मच गई थी होड़
हर्षद मेहता ने चुनिंदा शेयरों की कीमत को फर्जी तरीके से बढ़ाकर खूब मुनाफा कमाया था. मेहता सरकारी बैंकों से हुंडी पर पैसा उठाता और उसे शेयरों की कीमत बढ़ाने में इस्तेमाल करता. इससे लोगों में संबंधित शेयरों की खरीदने की होड़ मच गई और इससे बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज में भारी वृद्धि हुई. हालांकि, जब धांधली का खुलासा हुआ तो निवेशकों को भारी नुकसान भी उठाना पड़ा. इस घोटाले के बाद ही बाजार नियामक सेबी का गठन हुआ था. हर्षद मेहता घोटाले के लगभग दस साल बाद केतन पारेख पर भी ऐसा ही घोटाले का आरोप लगा था.
इतना चढ़ चुका है ACC
निश्चित तौर पर हर्षद मेहता ने गलत तरह से पैसा कमाया, लेकिन उसके बताए शेयरों पर दांव लगाकर लोगों ने भी जमकर झोली भरी थीं. 1990 के दौर में हर्षद ने निवेशकों को कुछ शेयर सुझाए थे, जो आज भी अच्छा परफॉर्म कर रहे हैं. ये शेयर अपने निवेशकों को अच्छा-खासा रिटर्न दे चुके हैं. एक रिपोर्ट के अनुसार, हर्षद मेहता ने एसीसी सीमेंट, जिसे पहले Associated Cement Companies के नाम से जाना जाता था, के शेयरों पर दांव लगाया था. 1990 में इस शेयर की कीमत 59.64 रुपए थी और आज इसका भाव 2,487.20 रुपए है. बीते 5 सालों में ही ये शेयर 2,742.15% चढ़ चुका है. ACC सीमेंट का मालिकाना हक अब अडानी समूह के पास है.
इन पर भी लगाया था दांव
Reliance Industries का शेयर भी हर्षद की फेवरेट लिस्ट में था. 1990 के दौर में मुकेश अंबानी के इस शेयर की कीमत महज 11.74 रुपए थे और आज यह 2,846.45 रुपए पर ट्रेड कर रहा है. बीते 5 सालों में ही इस शेयर ने 129.66% का रिटर्न दिया है. इसी तरह, मेहता ने टाटा स्टील पर भी दांव लगाया था. इस समय इसका नाम टाटा आयरन एंड स्टील कंपनी लिमिटेड (टिस्को) था और इसके स्टॉक की कीमत 6 रुपए थी. अब इसके भाव 168.15 रुपए पहुंच चुके हैं. अपोलो टायर्स लिमिटेड भी हर्षद मेहता की स्टॉकलिस्ट में शुमार था. 1990 में 4.60 रुपए के भाव पर मिलने वाले ये शेयर आज 483.55 रुपए की कीमत पर मिल रहा है.
अब इतना है Hero MotoCorp का भाव
हीरो मोटोकॉर्प (Hero MotoCorp) को पहले हीरो होंडा के नाम से जाना जाता था. इस कंपनी का शेयर भी मेहता की लिस्ट में शामिल था. उस समय इसकी कीमत 6.75 रुपए के आसपास थी और अब इसका भाव 4,489.20 रुपए है. इया लिहाज से यदि देखें, तो जिसने मेहता काल में इन स्टॉक्स में दांव लगाया और अभी तक उन्हें अपने पोर्टफोलियो में शामिल रखा, उन्हें बंपर प्रॉफिट हुआ होगा. गौरतलब है कि हर्षद मेहता ने करीब 4000 करोड़ का घोटाला किया था, जिसका खुलासा 1992 में हुआ. हर्षद की 2001 में पुलिस कस्टडी में मौत हो गई थी. करीब 27 साल की कानूनी लड़ाई के बाद इनकम टैक्स ट्रिब्यूनल ने 2019 में मेहता परिवार से की गई 2014 करोड़ रुपए की टैक्स डिमांड को खारिज कर दिया था.
Muthoot Finance की माइक्रो फाइनेंस यूनिट जल्द ही IPO के जरिए 1300 करोड़ रुपए जुटाएगी. इसके लिए मार्केट रेगुलेटर सेबी के पास ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस फाइल कर दिया है.
मुथूट फाइनेंस की माइक्रोफाइनेंस आर्म बेलस्टार माइक्रोफाइनेंस अपना IPO लाने जा रही है. कंपनी ने इसके लिए मार्केट रेगुलेटर सेबी (SEBI) के पास ड्राफ्ट पेपर दाखिल कर दिए हैं. कंपनी का इरादा इश्यू के जरिए 1300 करोड़ रुपये जुटाने का है. ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (DRHP) के अनुसार चेन्नई स्थित एंटिटी के इस IPO के तहत 1,000 करोड़ रुपये के फ्रेश शेयर जारी किए जाएंगे. इसके अलावा इनवेस्टर शेयरहोल्डर्स द्वारा 300 करोड़ रुपये के शेयरों की बिक्री ऑफर फॉर सेल (OFS) के तहत की जाएगी
आईपीओ की डिटेल
बेलस्टार माइक्रोफाइनेंस के DRHP के मुताबिक ऑफर फॉर सेल के जरिए डेनिश एसेट मैनेजमेंट कंपनी MAJ इनवेस्ट का टारगेट 175 करोड़ रुपए का निवेश करेगी. वहीं, Arum Holdings 97 करोड़ रुपए और अगस्ता इनवेस्टमेंट्स जीरो पीटीई लिमिटेड 28 करोड़ रुपए का निवेश करेगी. आपको बता दें कि मुथुट फाइनेंस की बेलस्टार में 66 फीसदी की हिस्सेदारी है. वह बेलस्टार की प्रमोटर कंपनी भी है. वहीं, MAJ Invest ने 2018 और 2022 में भी निवेश किया था.
IPO फंड का कहां होगा इस्तेमाल
कंपनी के DRHP के मुताबिक IPO के जरिए जुटाई गई एक हजार करोड़ रुपए की रकम में 760 करोड़ रुपए का इस्तेमाल भविष्य में उधार चुकाने और फ्यूचर कैपिटल की जरूरतों को पूरा करने में किया जाएगा. इसके अलावा बाकी बची हुई रकम का इस्तेमाल कंपनी की कारोबारी जरूरतों को पूरा किया जाएगा. बेलस्टार ने आईपीओ के लिए ICICI सिक्योरिटीज, एक्सिस बैंक, HDFC बैंक और SBI कैपिटल मार्केट को बुक रनिंग लीड मैनेजर (BRLM) नियुक्त किया है.
मुथूट फाइनेंस की है कंपनी बेलस्टार
बेलस्टार, गैर-बैंकिंग वित्त कंपनी-माइक्रो फाइनेंस इंस्टीट्यूशन (NBFC-MFI) है. यह कंपनी मुथूट फाइनेंस की सब्सिडयरी है. मुथूट फाइनेंस बतौर प्रमोटर बेलस्टार माइक्रोफाइनेंस में 66 प्रतिशत से अधिक का हिस्सेदार है. इस कंपनी का लोन मॉडल मुख्य रूप से 'स्वयं सहायता समूह' (SHG) मॉडल पर केंद्रित है. दिसंबर 2023 को समाप्त नौ महीनों तक माइक्रोफाइनेंस फर्म ने 1,283 करोड़ रुपये के राजस्व के साथ 235 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया है.
राजनाथ सिंह के बयान के जवाब में फारूक अब्दुल्ला का कहना है कि पाकिस्तान ने भी चूड़ियां नहीं पहनी हैं.
जम्मू और कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला (Farooq Abdullah) एक बार फिर खबरों में आ गए हैं. बड़बोले अब्दुल्ला पाकिस्तान को लेकर कुछ ऐसा कह गए हैं, जिस पर विवाद जल्द थमने वाला नहीं है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) के एक बयान का जिक्र करते हुए पूर्व CM ने कहा कि पाकिस्तान ने भी चूड़ियां नहीं पहन रखी हैं. उसके पास परमाणु बम हैं, जो हम पर गिरेंगे.
क्या कहा था राजनाथ ने?
पिछले महीने एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था कि भारत में हो रहे विकास को देखते हुए पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (POK) के लोग खुद भारत के साथ रहने की मांग करेंगे. सिंह ने आगे कहा था कि चिंता न करें, POK हमारा था, है और हमेशा रहेगा. भारत की ताकत बढ़ रही है, दुनिया भर में हमारी प्रतिष्ठा बढ़ रही है, हमारी अर्थव्यवस्था तेजी से मजबूत हो रही है. अब पीओके में हमारे भाई-बहन खुद भारत के साथ आने की मांग करेंगे.
हमारा ही है POK
राजनाथ के इसी बयान पर बोलते हुए अब्दुल्ला ने कहा कि यदि रक्षा मंत्री कह रहे हैं, तो कहें. हम उन्हें रोकने वाले कौन होते हैं? लेकिन याद रखें कि पाकिस्तान ने भी चूड़ियां नहीं पहनी हैं. उनके पास भी एटम बम है और दुर्भाग्य से वो एटम बम हम पर गिरेगा. गौरतलब है कि पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर भारत का वह हिस्सा है, जो पाकिस्तानी सीमा से लगता है. 1947 में बंटवारे के बाद पाकिस्तान ने विद्रोहियों की मदद से जम्मू-कश्मीर के इस भाग पर कब्जा कर लिया था. भारतीय सेना इस हिस्से को पाकिस्तान से वापस लेने के लिए लड़ रही थी, लेकिन संयुक्त राष्ट्र संघ (UN) ने दखल देकर दोनों देशों के बीच युद्ध विराम करवा दिया और हमारे कश्मीर का ये हिस्सा पाकिस्तान के पास रह गया.
पहले से कम हुई दौलत
अब जब बात फारूक अब्दुल्ला की निकली है, तो यह भी जान लेते हैं कि उनके पास कितनी दौलत है. नेताओं की जन्मकुंडली बताने वाली वेबसाइट myneta के अनुसार, 2019 के लोकसभा चुनाव में अब्दुल्ला ने चुनाव आयोग में दाखिल हलफनामे में बताया था कि उनके पास 12 करोड़ रुपए से ज्यादा की संपत्ति है. जबकि 2014 में उन्होंने 13 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति की बात कही थी. फारूक पहली बार 1980 में श्रीनगर सीट से सांसद चुने गए थे. इसके बाद वह 2009, 2017 (उपचुनाव) और 2019 में भी श्रीनगर सीट से जीतकर संसद पहुंचे.
रिलायंस के इतने शेयर
अब्दुल्ला ने 2017 - 2018 में इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) में अपनी इनकम 28 लाख 60 हजार दर्शाई थी. 2016 - 2017 में 17 लाख, 22 हजार, 2015 - 2016 में 21 लाख, 20 हजार, 2014 - 2015 में 13 लाख, 72 हजार और 2013 - 2014 में उनकी आय 13 लाख 49 हजार थी. 2019 के हलफनामे के अनुसार, उनके पास एक लाख रुपए कैश था. इसके अलावा, उनकी J&K बैंक में करीब 67 लाख रुपए की FD थीं. इसी तरह SBI में भी उन्होंने 20,66,708 रुपए और HDFC बैंक में 30,41,670 की FD कराई थी. फारूक अब्दुल्ला ने अपने पास रिलायंस के 6,63,964 रुपए के शेयर होने की भी जानकारी दी थी. उनके नाम पर मारुति और महिंद्रा की दो गाड़ियां हैं.
करोड़ों की बिल्डिंग है नाम
अब्दुल्ला के पास 2 करोड़ से अधिक मूल्य वाली एक कृषि भूमि है. इसी तरह, 60 लाख मूल्य की गैर-कृषि भूमि, 2 करोड़ की कमर्शियल बिल्डिंग, 4 करोड़ रुपए से अधिक कीमत वाली एक रेजिडेंशियल बिल्डिंग भी उनके नाम पर है. उनके ऊपर कोई देनदारी नहीं है. उन्होंने किसी भी बैंक से कोई लोन नहीं लिया है. अब्दुल्ला को श्रीनगर संसदीय सीट से 2014 में हार का सामना करना पड़ा था. उन्हें पीडीपी के तारिक हमीद ने शिकस्त दी थी. फारूक अब्दुल्ला ने सक्रिय राजनीति से दूरी बना ली है. उन्होंने सेहत का हवाला देते हुए इस बार का लोकसभा चुनाव न लड़ने का ऐलान किया है.
दिग्गज उद्योगपति आनंद महिंद्रा सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहते हैं. वह आए दिन कुछ न कुछ दिलचस्प पोस्ट करते रहते हैं, जो वायरल हो जाता है. इस बार भी उन्होंने कुछ स्पेशल शेयर किया है.
देश में इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) का खुमार जोरों पर है और आम आदमी से लेकर अरबपति तक इनका लुत्फ उठा रहे हैं. भारतीय अरबपति आनंद महिंद्रा भी क्रिकेट प्रेमी हैं और उन्हें आईपीएल मैच आराम से देखने के लिए एक खास सोफे की तलाश है. महिंद्रा चेयरमैन ने अपने ट्विटर हैंडल से इस सोफे की तस्वीर शेयर की है और कहा है कि IPL Match देखने के लिए ये परफेक्ट है.
आनंद महिंद्रा ने शेयर की सोफे की तस्वीर
देश के दिग्गज बिजनेसमैन आनंद महिंद्रा सोशल मीडिया पर सबसे ज्यादा एक्टिव रहने वाले कारोबारियों में गिने जाते हैं. वह आए दिन कुछ न कुछ दिलचस्प पोस्ट करते रहते हैं, जो वायरल हो जाता है. इस बार भी उन्होंने कुछ खास पोस्ट शेयर किया है. इस एक्स पोस्ट में आनंद महिंद्रा ने एक सोफे की तस्वीर शेयर की है, जो एक कंगारू की थीम पर बना हुआ है. ये देखने में बेहद ही आकर्षक लग रहा है और इसकी डिजाइन महिंद्रा चेयरमैन को खासी पसंद आई है.
THIS is the Sunday Sofa I need.
— anand mahindra (@anandmahindra) May 5, 2024
Perfect for watching #IPL matches.. pic.twitter.com/OSKaVlRWlR
ये एक संडे सोफा है...
आनंद महिंद्रा ने ने इस सोफे की तस्वीर को शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा है, 'ये एक Sunday Sofa है जिसकी मुझे जरूरत है.' उन्होंने आगे लिखा कि फिलहाल जारी IPL मैचों को देखने के लिए ये बिल्कुल परफेक्ट है. उनके द्वारा पोस्ट की गई इस सोफे की तस्वीर को अब तक 6 लाख से ज्यादा व्यूज मिल चुके हैं. और 19000 से ज्यादा लाइक मिले हैं. सोशल मीडिया पर वायरल उनकी इस पोस्ट पर एक्स (X) यूजर्स भी अलग-अलग डिजाइन के सोफे की तस्वीरें पोस्ट कर रहे हैं और मजाकिया कमेंट भी कर रहे हैं.
सोशल मीडिया पर वायरल हुआ पोस्ट
आनंद महिंद्रा द्वारा एक्स (X) पर किए गए पोस्ट तेजी से वायरल होते हैं और कुछ ऐसा ही इस बार भी हुआ है. महिंद्रा ग्रुप के मालिक द्वारा सोशल मीडिया पर शेयर किए जाने वाले पोस्ट को सबसे ज्यादा पसंद किया जाता है वो मोटिवेशन और इनोवेटिव होते हैं. कुछ ऐसा ही इनोवेशंस उनकी नई पोस्ट में नजर आ रहा है और इसे यूजर्स काफी पसंद कर रहे हैं. आनंद महिंद्रा की पोस्ट पर हजारों लोग कमेंट कर चुके हैं.
1 करोड़ से ज्यादा लोग करते हैं फॉलो
सोशल मीडिया पर वायरल उनकी इस पोस्ट पर एक्स यूजर्स भी अलग-अलग डिजाइन के सोफे की तस्वीरें पोस्ट कर रहे हैं और मजाकिया कमेंट भी कर रहे हैं. महिंद्रा एंड महिंद्रा के चेयरमैन के हर सोशल मीडिया पोस्ट की तरह ये तस्वीर भी इंटरनेट पर छा चुकी है. गौरतलब है कि आनंद महिंद्रा के एक्स पर अपनी पोस्ट के लिए हिट हैं, उन्हें इस प्लेटफॉर्म पर 1.1 करोड़ से ज्यादा यूजर्स फॉलो करते हैं.
रिलायंस कैपिटल के लिए हिंदुजा समूह की आईआईएचएल की ओर से सबसे ज्यादा बोली लगाई गई है. लेकिन इस खरीद प्रक्रिया की धीमी रफ्तार को लेकर भी सवाल उठाया जा चुका है.
अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस कैपिटल को खरीदने के लिए वैसे तो बोलियां कई लोगों ने लगाई हैं लेकिन अब तक की सबसे बड़ी बोली हिंदुजा समूह की कंपनी इंडसइंड इंटरनेशनल होल्डिंग की ओर से लगाई गई है. लेकिन वो फंड जुटा पाएगी या नहीं इसे लेकर संशय चल रहा था. लेकिन अब कंपनी की ओर से ये बताया गया है कि वो कैसे इसके लिए फंड का इंतजार करेगी. कंपनी की ओर से ये जानकारी सामने आने के बाद माना जा रहा है कि अब अनिल अंबानी की कंपनी का बिकना तय है.
हिंदुजा समूह ने अपनी जानकारी में क्या कहा?
दरअसल हिंदुजा समूह इंडसइंड इंटरनेशन होल्डिंग का टारगेट 2030 तक 50 अरब डॉलर यानी 4.2 लाख करोड़ रुपये तक लेकर जाना चाह रही है. कंपनी ने इस टारगेट में रिलायंस कैपिटल के साथ होने वाला नया कारोबार भी शामिल है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अशोक हिंदुजा बैंक में अपनी हिस्सेदारी को 15 प्रतिशत से बढ़ाकर 26 प्रतिशत पर ले जाना चाह रही है. इसके लिए समूह की ओर से रेग्यूलेटरी अप्रूवल भी ले लिए गए हैं. लेकिन कंपनी का कहना है कि वो इस काम को चरणबद्ध तरीके से पूरा करेगी.
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अब जानिए आखिर कहां से पैसा जुटाएगा हिंदुजा समूह
रिलायंस कैपिटल को खरीदने हिंदुजा समूह ने 9661 करोड़ रुपये में बोली लगाई है. हिंदुजा समूह का कहना है कि जैसे ही इरडा (इंश्योरेंस रेग्यूलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी) की ओर से इस डील को मंजुरी मिलेगी तुरंत सभी बैंकों का बकाया अदा कर दिया जाएगा. उनका कहना है कि हमें बैंकरों से 7500 करोड़ मिल जाएंगे. इस मामले में बैंकरों ने हमें पत्र से सूचित किया है. उन्होंने ये भी कहा है कि कंपनी रिलायंस हेल्थ स्कीम को फिर से लाने पर विचार कर रही है. यही नहीं कंपनी रिलायंस सिक्योरिटीज और रिलायंस एसेट क्रिएशन को भी बढ़ाने का फैसला किया है.
27 मई तक लागू करनी है समाधान योजना
कर्ज में डूबी रिलायंस कैपिटल को लेकर हिदुंजा समूह को 27 मई तक का समय दिया गया है. ये तारीख समूह को एनसीएलटी (नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल) की ओर से दी गई है. IIHL को रिलालंस कैपिटल के कर्जदारों को 9650 करोड़ रुपये का भुगतान करना है. इससे पहले रिलायंस कैपिटल का ऑडिट करने वाली कंपनी और उसके ऑडिटर्स पर जुर्माना भी लगाया जा चुका है. कंपनी और ऑडिटर्स पर 4.5 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया था.
सोमवार को बाजार तो तेजी से खुला लेकिन निफ्टी में गिरावट का असर कई शेयरों पर देखने को मिला. इस गिरावट के कारण कई कारोबारियों को नुकसान हुआ.
सोमवार को बाजार खुलते ही तो तेजी देखने को मिली लेकिन निफ्टी में 6 प्रतिशत की गिरावट देखने को मिली. इस गिरावट का असर ये रहा कि बाजार में कई कंपनियों के शेयरों में बड़ी गिरावट हो गई, जिससे झुनझुनवाला परिवार को बड़े नुकसान का सामना करना पड़ा. टाइटन कंपनी के शेयरों को होल्ड करने वाले झुनझुनवाला परिवार को इस गिरावट के कारण 800 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ.
आखिर सोमवार को कितने पर खुला बाजार?
सोमवार को बाजार तेजी के साथ खुला, जिसमें निफ्टी 85.80 अंक के यानी 0.38 प्रतिशत की बढ़त के साथ 22561.60 के स्तर पर खुला, सेंसेक्स 318.53 अंक यानी 0.43 की बढ़त के साथ 74196.68 के स्तर पर खुला. वहीं अगर निफ्टी बैंक पर नजर डालें तो 251.05 अंक यानी 0.51 प्रतिशत की तेजी के साथ 49174.60 अंक पर खुला.
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इन शेयरों में दिखी तेजी और इनमें हुआ नुकसान
सोमवार को बाजार खुलने के साथ ही जिन शेयरों में बढ़त देखने को मिली उनमें ब्रिटानिया(Britania), Mahindra Kotak Bank, TCS, Eicher Motors, Ultratech Cement, जैसे शेयर शामिल हैं. वहीं जिन शेयरों में गिरावट देखने को मिली उनमें Titan, SBI, Sriram Finance, Bajaj Auto और Adani Ports, जैसे शेयरों में गिरावट देखने को मिली.
इस कारोबारी को हुआ करोड़ों का नुकसान
झुनझुनवाला परिवार को उठाना पड़ा बड़ा नुकसान हुआ. टाटा के वेंचर टाइटन में भागीदारी रखने वाले झुनझुनवाला के पास कंपनी के 5.35 प्रतिशत शेयर हैं. इन शेयरों की कुल कीमत 16792 करोड़ रुपये है. ये वैल्यू शुक्रवार को बाजार बंद होने के दौरान थी. लेकिन सोमवार को टाइटन के मार्केट कैप में बड़ी गिरावट देखने को मिली. ये 3 लाख करोड़ रुपये से 298815 तक पहुंच गया. जबकि शु्क्रवार को कंपनी के शेयरों की कीमत 313868 करोड़ रुपये थी.
शेयर बाजार सप्ताह के पहले दिन ही उतार-चढ़ाव के साथ कारोबार करता नजर आ रहा है.
शेयर बाजार सप्ताह के पहले कारोबारी दिन उतार-चढ़ाव के साथ कारोबार कर रहा है. बाजार की शुरुआत गिरावट के साथ हुई, लेकिन बाद में वो कुछ संभालता नजर आया है. सुबह 11.30 बजे तक BSE सेंसेक्स 118.83 अंक और NSE निफ्टी 1.35 अंकों की मजबूती के साथ कारोबार कर रहा था. हालांकि, अडानी समूह की लिस्टेड कंपनियों के शेयर केवल ढलान पर हैं. समूह की फ्लैगशिप कंपनी Adani Enterprises के शेयर करीब ढाई प्रतिशत की नरमी के साथ 2921.5 रुपए पर पहुंच गए हैं.
किसमें आई, कितनी नरमी
इसी तरह, Adani Ports भी 2.4% के नुकसान के साथ कारोबार कर रहे हैं. अडानी पावर का भी कुछ ऐसा ही हाल है. कंपनी का शेयर करीब 2 प्रतिशत की कमजोरी के साथ 593.8 रुपए पर पहुंच गया है. खबर लिखे जाने तक ACC सेमेंट्स में 0.3%, अडानी ग्रीन में 1.0%, Ambuja Cements में 1.4 प्रतिशत, Adani Total Gas में 1.7%, Adani Wilmar में 1.4% और NDTV के शेयर 2.3% की गिरावट के साथ ट्रेड कर रहे थे. इस समय सबसे ज्यादा नुकसान में Adani Enterprises और Adani Ports हैं.
नोटिस बना गिरावट की वजह
अडानी समूह के शेयरों में गिरावट की वजह सेबी के कारण बताओ नोटिस को माना जा रहा है. ग्रुप की छह कंपनियों को भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड यानी SEBI ने संबंधित पक्ष लेनदेन के कथित उल्लंघन और सूचीबद्धता नियमों का अनुपालन नहीं करने के लिए कारण बताओ नोटिस भेजा है. बता दें कि सेबी का नोटिस उस जांच का हिस्सा है, जो हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा पिछले साल अडानी समूह के खिलाफ कॉर्पोरेट धोखाधड़ी और शेयर मूल्य में हेरफेर के गंभीर आरोप लगाने के बाद शुरू की गई थी.
अब तक दिया अच्छा रिटर्न
अडानी के शेयरों में सेबी के नोटिस के चलते आ रही गिरावट के साथ समूह के शेयरों को लेकर आगे की रणनीति क्या होनी चाहिए, यह सबसे अहम सवाल है. हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के असर से निकलने के बाद समूह की अधिकांश लिस्टेड कंपनियों ने अच्छा रिटर्न दिया है. अडानी पोर्ट्स इस साल अब तक 22% से ज्यादा चढ़ चुका है. अडानी पावर ने 12% से अधिक रिटर्न दिया है. इसी तरह, ACC इस अवधि में 12%से अधिक, Ambuja Cements 13% से अधिक, अडानी ग्रीन 11% से अधिक से अधिक चढ़ चुका है. समूह की वित्तीय स्थिति भी मजबूत है. ऐसे में इस बात की संभावना काफी ज्यादा है कि मौजूदा गिरावट थोड़े समय के लिए हो.
घर खरीदने वालों को टीडीएस (TDS) कटौती से फिलहाल राहत मिल गई है. इसके लिए आयकर (Income Tax) विभाग ने अब एक नया सर्कुलर जारी किया है.
आयकर (Income Tax) विभाग ने घर खरीदने वालों के लिए टीडीएस (TDS) के बोझ से राहत दे दी है. आपको बता दें, पिछले एक साल में विभाग ने घर खरीदने वाले हजारों लोगों को टीडीएस न चुकाने के खिलाफ नोटिस जारी किए हैं. वहीं, अब एक नया सर्कुलर जारी कर घर खरीददारों को तो राहत दे दी गई है, लेकिन संपत्ति बेचने वाले विक्रेता के लिए एक निर्देश जारी किया गया है, तो चलिए जानते हैं विक्रेताओं को अतिरिक्त टीडीएस से बचने के लिए क्या करना होगा?
पैन-आधार करना होगा लिंक
हाल ही में आयकर विभाग द्वारा जारी एक सर्कुलर में घर खरीदारों और विक्रेताओं को राहत देते हुए पैन और आधार को लिंक कराने के लिए 31 मई 2024 तक का समय दिया गया है. अगर विक्रेता इससे चूकता है तो खरीदार को बढ़ी दर से अतिरिक्त टीडीएस चुकाना होगा.
क्या है नियम?
आयकर नियमों के अनुसार अगर खरीदी जा रही संपत्ति का मूल्य 50 लाख रुपये से अधिक होता है, तो घर खरीदने वालों को विक्रय मूल्य का 1 प्रतिशत टीडीएस काटकर सरकार के पास जमा करना होता है. अगर संपत्ति बेचने वाले का पैन नहीं है या निष्क्रिय माना गया है, तो टीडीएस की दर बढ़ कर 20 प्रतिशत तक हो जाती है. वहीं, 1 जुलाई 2023 से प्रभावी नियम के अनुसार पैन को आधार से लिंक न करने पर पैन को निष्क्रिय मान लिया जाएगा. पिछले एक साल में आयकर विभाग द्वारा भेजे गए नोटिस में विक्रेता के पैन के निष्क्रिय होने का हवाला देते हुए अतिरिक्त 19 प्रतिशत टीडीएस चुकाने की मांग की गई है.
हजारों लोगों को गए थे नोटिस
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने पिछले एक साल में करीब 16000 से अधिक घर खरीदारों को नोटिस भेजकर उनसे खरीदी संपत्ति पर अतिरक्त टीडीएस चुकाने को कहा था. विभाग का कहना था कि जिन विक्रेताओं ने यह संपत्ति बेची है, उनके पैन नंबर या तो निष्क्रिय हैं, या आधार से लिंक नहीं है. इस स्थिति में खरीदार को अतिरिक्त कर का भुगतान करना होगा. इसके बाद कई घर खरीदारों ने अदालत का दरवाजा भी खटखटाया था. याचिकाकर्ताओं का कहना है कि उनकी कोई गलती नहीं थी. उन्होंने सभी कानूनी प्रक्रियाओं का पालन किया, लेकिन अब उन्हें आयकर विभाग के नोटिस का सामना करना पड़ रहा है.
खरीदारों को करना होगा यह काम
खरीदारों को आयकर विभाग से मिले टैक्स नोटिस को खारिज करवाने के लिए विक्रेता से अपने पैन को अपने आधार से लिंक करवाने का आग्रह करना होगा. विभाग के अधिकारियों का कहना है कि यह सर्कुलर कई घर खरीदने वालों को अनुचित टैक्स नोटिस खारिज करवाने में मददगार साबित होगा.
आज एक और आईपीओ ओपन होने जा रहा है. इंडेजीन लिमिटेड के आईपीओ के लिए 8 मई तक बोली लगाई जा सकती है.
यदि आप आईपीओ (IPO) में निवेश करने का मौका ढूंढ रहे हैं, तो आपके लिए अच्छी खबर है. इंडेजीन लिमिटेड (Indegene Limited) का इनिशियल पब्लिक ऑफर यानी IPO आज खुल रहा है. रिटेल निवेशक इस IPO के लिए 6 से 8 मई तक बोली लगा सकेंगे. मौजूदा जानकारी के अनुसार, कंपनी के शेयर 13 मई को नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) पर लिस्ट होंगे. इंडेजीन IPO के जरिए 1,841.76 करोड़ जुटाना चाहती है.
इतना है प्राइज बैंड
1,841.76 करोड़ रुपए के इस आईपीओ के तहत 750 करोड़ रुपए के फ्रेश शेयर जारी किए जाएंगे. कंपनी के इन्वेस्टर्स और प्रमोटर्स ऑफर फॉर सेल (OFS) के जरिए 2.93 करोड़ शेयरों की बिक्री करेंगे. इंडेजीन ने 430-452 रुपए का प्राइज बैंड तय किया है. लाइफ साइंसेज इंडस्ट्री को डिजिटल सर्विसेज उपलब्ध कराने वाली इस कंपनी ने 3 मई को एंकर निवेशकों से 548.77 करोड़ रुपए जुटाए थे.
ये बेचेंगे अपने शेयर
OFS के जरिए राजेश भास्करन नायर, अनीता नायर, मनीष गुप्ता, कार्लाइल, ब्राइटन पार्क कैपिटल और नादाथुर फैमिली ऑफिस जैसे मौजूदा इन्वेस्टर्स अपने शेयर बेचेंगे. कंपनी ने इस इश्यू में रिटेल इन्वेस्टर्स के लिए 35%, QIB के लिए 50% और NII के लिए 15% हिस्सा रिजर्व रखा है. निवेशकों को एक लॉट में 33 शेयरों के लिए बोली लगा सकते हैं. इस तरह उनके लिए न्यूनतम निवेश राशि 14,916 रुपए होगी. कंपनी आईपीओ के जरिए जुटाए गए फंड का इस्तेमाल कर्जा चुकाने और विस्तार जैसी योजनाओं पर करेगी.
ऐसी है आर्थिक सेहत
मार्केट एक्सपर्ट्स का कहना है कि अनलिस्टेड मार्केट में इंडेजीन का शेयर 262 रुपए के प्रीमियम के साथ कारोबार कर रहा है, जो उसके प्राइज बैंड से 57.96% ऊपर है. इस हिसाब से देखा जाए तो कंपनी का शेयर 714 रुपए पर लिस्ट हो सकता है. 1998 में स्थापित Indegene Limited की आर्थिक सेहत की बात करें, तो दिसंबर 2023 को समाप्त अवधि के लिए कंपनी ने 241.90 करोड़ रुपए का PAT यानी प्रॉफिट ऑफ्टर टैक्स दर्ज किया है. जबकि उसका रिवेन्यु 1969.75 करोड़ रुपए रहा है. वित्तीय वर्ष 2022-23 में कंपनी ने 266.10 करोड़ का PAT दर्ज किया था.
क्या होता है आईपीओ?
जब कोई कंपनी इक्विटी मार्केट यानी शेयर बाजार से पैसे जुटाना चाहती है तो उसके पास बहुत से तरीके होते हैं. उसी में से एक तरीका होता है IPO. दूसरे शब्दों में कहें तो जब कोई कंपनी पहली बार अपने शेयर पब्लिक में बेचने के लिए ऑफर करती है, तो उसे Initial Public Offering या IPO कहते हैं. ये शेयर BSE और NSE जैसे स्टॉक एक्सचेंज के जरिए निवेशकों की खरीद के लिए रखे जाते हैं. जब ये शेयर निवेशकों द्वारा खरीद लिए जाते हैं तो वो कंपनी स्टॉक एक्सचेंज में लिस्ट हो जाती है.
वॉरेन बफे की अमेरिका की मल्टीनेशनल कंपनी बर्कशायर हैथवे के को-फाउंडर और CEO हैं.
भारत की मजबूत अर्थव्यवस्था दुनिया के विख्यात इन्वेस्टर वॉरेन बफे (Warren Buffett) को भी आकर्षित कर रही है. वह चाहते हैं कि उनकी कंपनी बर्कशायर हैथवे (Berkshire Hathaway) भी भारत में मौजूद अपार संभावनाओं को एक्सप्लोर करे. बफे का कहना है कि भारतीय बाजार में कई ऐसे अवसरों की भरमार है, जिन्हें अब तक एक्सप्लोर नहीं किया गया है. इन अवसरों को भविष्य में हमारे ग्रुप की होल्डिंग कंपनी बर्कशायर हैथवे एक्सप्लोर करना चाहेगी. बफे यूएस की मल्टीनेशनल कंपनी बर्कशायर हैथवे के को-फाउंडर, चेयरमैन और CEO हैं.
पूछा गया थे ये सवाल
दरअसल एक कार्यक्रम के दौरान, भारतीय इक्विटी में निवेश करने वाले अमेरिका बेस्ड हेज फंड 'दूरदर्शी एडवाइजर्स' के राजीव अग्रवाल ने 93 वर्षीय वॉरेन बफे से सवाल किया कि पिछले 5-10 सालों में भारतीय शेयर बाजार का प्रदर्शन काफी अच्छा रहा है. भारत दुनिया की पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है, जो तेजी से आगे बढ़ रही है तो क्या बर्कशायर भारतीय शेयर बाजार में निवेश करेगी? इस पर बफे ने कहा कि यह बहुत अच्छा सवाल है. मुझे यकीन है कि भारत जैसे देश में कई अनएक्सप्लोर्ड अवसर मौजूद हैं. हमारी कंपनी इनमें निवेश कर सकती है.
चीनी कंपनी भी निवेश
बर्कशायर ऐसी कंपनियों में हिस्सेदारी खरीद रही है, जो अंडरवैल्यू हैं पर उनके पास कैश सरप्लस है. बर्कशायर ने अमेरिका की कंपनियों में सबसे ज्यादा निवेश किया है. उनकी कंपनी की चीन की इलेक्ट्रिक व्हीकल कंपनी BYD में भी हिस्सेदारी है. बर्कशायर की आर्थिक सेहत की बात करें, तो 31 मार्च तक कंपनी के पास कैश बढ़कर 189 बिलियन डॉलर हो गया है. जबकि Apple में उसकी हिस्सेदारी में कमी आई है. बफे अपनी इन्वेस्टर स्किल्स के लिए पहचाने जानते हैं. उन्होंने शेयर बाजार में पैसा लगाकर दौलत का पहाड़ बना लिया है.
वीडियो देखकर डर गया
अब जानते हैं कि आखिर दिग्गज निवेशक वॉरेन बफे ने किस बात से डर लगता है. उनका मानना है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) परेशानी खड़ी कर सकती है और ये उसी तरह खतरनाक हो सकती है जैसे परमाणु बम. वॉरेन बफे ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस इतनी तरक्की कर चुका है कि इसके इस्तेमाल से असली लगने वाले फर्जी वीडियो बनाए जा सकते हैं. दरअसल, वॉरेन बफे ने अपना एक ऐसा वीडियो देखा था, जिसमें उनकी आवाज में कोई ऐसा संदेश दिया जा रहा था, लेकिन उन्होंने ऐसा कुछ कभी कहा ही नहीं था. बफे के अनुसार, ये वीडियो इतना असली लग रहा था कि उनका परिवार भी इसे असली समझ लेता. वॉरेन बफे ने कहा कि इस वीडियो को देखकर वह घबरा गए थे. बफे मानते हैं कि AI समाज को फायदा पहुंचाने के साथ-साथ बड़ा नुकसान भी पहुंचा सकती है.