उत्तर प्रदेश सरकार लेकर आई International Trade Show, जानिए कब और कहां होगा आयोजन?

जहां सरकार द्वारा उत्तर प्रदेश ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन किया गया था, वहीं अब प्रदेश सरकार इंटरनेशनल ट्रेड शो का आयोजन करने जा रही है.

Last Modified:
Friday, 09 June, 2023
Yogi Adityanath

भारत बहुत ही तेजी से 5 ट्रिलियन डॉलर की इकॉनमी बनने के अपने लक्ष्य की तरफ बढ़ रहा है और इस मिशन में भारतीय राज्यों का योगदान भी अत्यंत महत्त्वपूर्ण है. भारत के साथ-साथ उत्तर-प्रदेश भी बहुत ही तेजी से विकास की राह पर आगे बढ़ रहा है और जल्द से जल्द 1 ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी वाला राज्य बनने के लिए उत्तर प्रदेश की सरकार द्वारा विभिन्न प्रकार के कदम उठाए जा रहे हैं.

उत्तर प्रदेश का इंटरनेशनल ट्रेड शो
जहां 2023 की शुरुआत में ही उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के माध्यम से प्रदेश में इन्वेस्टमेंट को आकर्षित किया था वहीं अब प्रदेश की सरकार इंटरनेशनल ट्रेड शो का आयोजन करने जा रही है. यह इंटरनेशनल ट्रेड शो 21 से 25 सितंबर 2023 के बीच आयोजित किया जाएगा और हाल ही में ट्रेड शो की तैयारियों को लेकर देश की राजधानी दिल्ली में एक रोड शो का आयोजन भी किया गया. इस रोड शो को उत्तर प्रदेश सरकार के MSME, इम्पोर्ट डिपार्टमेंट और IEML (इंडिया एक्सपोजिशन मार्ट लिमिटेड) द्वारा एक साथ मिलकर आयोजित किया गया था. इस रोड शो में MSME, IEML और इम्पोर्ट डिपार्टमेंट के अधिकारियों ने उत्तर प्रदेश के इंटरनेशनल ट्रेड शो की तैयारियों और कार्यक्रम से संबंधित अन्य जानकारी दी थी.

ट्रेड शो से मिलेगी इन्हें मदद
इस शो का आयोजन ग्रेटर नोएडा स्थित ‘इंडिया एक्सपो सेंटर एंड मार्ट’ में किया जाएगा और इस कार्यक्रम का उद्देश्य उत्तर प्रदेश के आकर्षक उत्पादों को व्यापक और बड़े स्तर पर उपलब्ध करवाना होगा. कार्यक्रम में एक जिला, एक उत्पाद के माध्यम से राज्य के सभी जिलों को पर्याप्त अवसर उपलब्ध करवाया जाएगा. इसी तरह, हाल के वर्षों में अपने स्टार्टअप द्वारा अपनी अलग पहचान बनाने वाली महिला उद्यमियों के लिए भी ट्रेड शो में विशेष व्यवस्था की जाएगी. 

क्या है इंटरनेशनल ट्रेड शो का मकसद?
उत्तर प्रदेश सरकार के MSME डिपार्टमेंट के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी, अमित मोहन प्रसाद ने रोड शो के मौके पर अपने संबोधन के दौरान कहा कि इस इंटरनेशनल ट्रेड शो का मकसद प्रदेश में ट्रेड को बढ़ावा देना है ताकि प्रदेश के उत्पादों और सेवाओं के विभिन्न सेक्टरों को एक छत के नीचे लाया जा सके. साथ ही अमित प्रसाद ने यह भी बताया कि प्रदेश के संपूर्ण उत्पादों के साथ-साथ यह ट्रेड शो, खरीदारों के लिए भी एक वन स्टॉप सोर्सिंग डेस्टिनेशन का काम करेगा. इसके साथ ही, इस ट्रेड शो के माध्यम से ग्लोबल मार्केट में प्रदेश के उत्पादों की पहुंच बढ़ाए जाने में भी मदद मिलेगी.

हर साल होगा ट्रेड शो
संबोधन के दौरान आगे एडिशनल सेक्रेटरी ने कहा कि प्रदेश सरकार उद्योगों को बढ़ावा देने के साथ-साथ हर कदम पर उद्यमियों को प्रोत्साहित करने और उनकी मदद करने पर भी विशेष रूप से जोर दे रही है. सस्ते ब्याज दरों पर लोन उपलब्ध करवाना हो, या फिर उद्योग की शुरुआत करने के लिए जमीन मुहैया करवानी हो, प्रदेश सरकार हर मोड़ पर उद्यमियों की मदद कर रही है. इसके साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि वैसे तो यह प्रदेश का पहला इंटरनेशनल ट्रेड शो होगा लेकिन अब से हर साल 21 से 25 सितंबर के बीच इस ट्रेड शो का आयोजन किया जाएगा. 
 

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देश के गृह मंत्री के पास है इतने करोड़ की संपत्ति, जानते हैं कितनी है उनकी इनकम? 

देश के गृहमंत्री अमित शाह ने 19 अप्रैल को जो नामांकन किया उसके शपथ में दी गई जानकारी के अनुसार उनके पास कोई भी कार नहीं है जबकि उनके ऊपर 15 लाख रुपये से ज्‍यादा का कर्ज है. 

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Saturday, 20 April, 2024
Amit Shah

देश के गृह मंत्री अमित शाह ने 19 अप्रैल को अपना नामांकन कर दिया. 59 साल के अमित शाह ने 19 अप्रैल को विजय मुहुर्त में नामांकन किया. इस मौके पर उनके साथ गुजरात के मुख्‍यमंत्री भूपेन्‍द्र पटेल और कई अन्‍य नेता मौजूद रहे. चुनावी शपथ पत्र में देश के गृहमंत्री अमित शाह ने 43.21 करोड़ रुपये की संपत्ति घोषित की है. लेकिन उनके शपथ पत्र के अनुसार उनके पास कोई भी कार नहीं है.  

इतने करोड़ की है अचल संपत्ति 
केन्‍द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने चुनावी शपथ पत्र में अपनी आय से लेकर संपत्ति की जो जानकारी दी है उसके अनुसार, उनके पास कुल 43.21 करोड़ रुपये की संपत्ति है. इस संपत्ति की जानकारी देते हुए उन्‍होंने कहा है कि उनके पास 20.34 करोड़ की चल संपत्ति और 16.32 करोड़ की अचल संपत्ति है. उनके द्वारा दी गई जानकारी में उनके पास मौजूद 43 करोड़ रुपये की संपत्ति में 6.55 करोड़ की संपत्ति उनकी पत्‍नी के पास है. अमित शाह के पास 770 ग्राम सोना, 7 कैरेट डायमंड ज्‍वैलरी, 25 किलो चांदी सहित 160 ग्राम खुद से अर्जित की गई ज्‍वैलरी शामिल है. उनकी पत्‍नी सोनल के पास 22.46 करोड़ रुपये की चल संपत्ति है.इसमें 1620 ग्राम गोल्‍ड ज्‍वैलरी और 63 ग्राम गोल्‍ड डायमंड ज्‍वैलरी मौजूद है. 

इतने लाख रुपये का है लोन 
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अमित शाह की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार उनके ऊपर 15.77 लाख रुपये का लोन भी है. वहीं अगर उनके पास कैश की स्थिति देखें तो उनके पास 24164 रुपये है, जबकि 72 लाख रुपये के गहने भी हैं. इसमें उन्‍होंने 8.76 लाख रुपये के गहने खरीदे है जबकि उनकी पत्‍नी के पास 1.10 करोड़ रुपये के गहने हैं. वहीं अमित शाह की आय की बात करें तो उनकी सालाना आय 75.09 लाख रुपये है. जबकि उनकी पत्‍नी की सालाना आय 39.54 करोड़ रुपये है. 

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ये सरकारी कंपनी दे सकती है डिविडेंट, 1 साल में निवेशकों को दिया 80 प्रतिशत प्रॉफिट

गुजरात की सरकारी कंपनी गुजरात स्टेट फर्टिलाइजर्स एंड केमिकल्स लिमिटेड (GFSC) 21 मई 2024 को होने वाली अपनी बोर्ड मीटिंग में तिमाही नतीजों के अलावा डिविडेंट की घोषणा कर सकती है. 

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Saturday, 20 April, 2024
Gujarat Company

गुजरात की सरकारी कंपनी गुजरात स्टेट फर्टिलाइजर्स एंड केमिकल्स लिमिटेड (GFSC) जल्द ही अपने निवेशकों को डिविडेंड देने की घोषणा कर सकती है. अगले महीने कंपनी के बोर्ड एक मीटिंग होने वाली है, जिसमें तिमाही नतीजों के अलावा डिविडेंट की घोषणा भी हो सकती है. आपको बता दें, बीते शुक्रवार को कंपनी का शेयर 0.29 फीसदी गिरकर 222.65 रुपये के भाव पर बंद हुआ. वहीं  इस कंपनी का मार्केट कैप 8,872.10 करोड़ रुपये है. तो चलिए आपको बताते हैं ये कंपनी अपने निवेशकों को कितना मालामाल कर चुकी है. 

कंपनी ने क्या कहा?
गुजरात स्टेट फर्टिलाइजर्स एंड केमिकल ने बताया है कि 21 मई 2024 को उनकी एक बैठक होगी. इसमें ऑडिटेड फाइनेंशियल रिजल्ट पर विचार और उसे अप्रुव करने पर चर्चा होगी. इसके साथ ही वह वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए कंपनी के इक्विटी शेयरों पर डिविडेंड की घोषणा करेंगे. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार पिछले 12 महीने में कंपनी ने 10 रुपये प्रति शेयर के इक्विटी डिविडेंड का ऐलान किया है. 222.65 रुपये के मौजूदा शेयर मूल्य पर कंपनी का डिविडेंड यील्ड 4.49 प्रतिशत है. 

निवेशकों को मिला इतना रिटर्न
आपको बता दें, इस कंपनी के शेयरों का 52 वीक हाई 322.45 रुपये और 52 वीक लो लेवल 122.20 रुपये है. पिछले 1 महीने कंपनी के शेयरों में 11 प्रतिशत की तेजी देखने को मिली है. पिछले 6 महीने में इसने निवेशकों को 17 प्रतिशत तक का रिटर्न दिया है. हालांकि इस साल कंपनी के शेयर में 19 प्रतिशत तक की गिरावट आई है. बावजूद इसके कंपनी अपने निवेशकों को पिछले 1 साल में 80 प्रतिशत मुनाफा दे चुकी है. वहीं, पिछले 4 सालों में कंपनी निवेशकों को 416 प्रतिशत तक का रिटर्न देकर खूब मालामाल कर चुकी है.

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क्या होता है बिटकॉइन हाविंग, 2024 में ये प्लान कैसे आपको दिलाएगा फायदा?

Bitcoin Halving Event क्रिप्टोकरेंसी मार्केट में बड़े बदलाव लेकर आएगा, जिसमें BTC के प्राइस में उछाल की संभावनाएं सबसे प्रबल हैं.

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Saturday, 20 April, 2024
bitcoin

बिटकॉइन के शौकीनों के लिए ये साल काफी शानदार होने वाला है. इस साल की शुरुआत में बिटकॉइन ने निवेशकों को तगड़ा मुनाफा दिया है. मार्च में यह अपने ऑल टाइम हाई लेवल पर भी पहुंच गई थी, जो 71,263.78 डॉलर है और अब इस साल ही चौथा 'हाविंग' इवेंट होने जा रहा है. हर चार में होने वाले बिटकॉइन के 'हाविंग' का असर इस बार क्या होगा ये तो आने वाले समय पर निर्भर है. 15 साल पहले क्रिप्टो करेंसी मार्केट की शुरुआत हुई और तब से लेकर अब तक जितने भी हाविंग इवेंट हुए हैं, उसमें बिटकॉइन की कीमतों में तगड़ी बढ़ोतरी हुई है. हालांकि, क्या इस बार भी बिटकॉइन अपने पिछले ट्रेंड को दोहराएगा? इससे पहले आइए समझते हैं बिटकॉइन हाविंग क्या होता है?

क्या होती है बिटकॉइन हाविंग?

बिटकॉइन एक क्रिप्टो करेंसी है, जिसे रुपये या डॉलर की तरह कहीं फिजिकल रूप में नहीं बल्कि इलेक्ट्रॉनिक रूप से स्टोर किया जाता है. इसे टेक्निकल कंप्यूटर प्रोसेस का इस्तेमाल कर बनाया जाता है, जिसे माइनिंग कहां जाता है और जो ये करते हैं उन्हें 'माइनर्स' कहा जाता है. हर 4 साल में एक प्रोग्राम्ड इवेंट होता है, जिसमें माइनर्स का रिवार्ड आधा हो जाता है. इसका मतलब है कि बिटकॉइन माइनिंग करने वाले माइनर्स को अपने द्वारा किए गए माइनिंग प्रयासों के लिए कम बिटकॉइन प्राप्त होते हैं. इस इवेंट को ही 'हाविंग' के नाम से जाना जाता है.

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बिटकॉइन की हाविंग कब होती है?

बिटकॉइन हाविंग की कोई निश्चित तारीख तो नहीं है. लेकिन यह अमूमन चार साल बाद होती है. अगला इवेंट जल्द होने वाला है. यह बिटकॉइन के इतिहास में चौथा हाविंग इवेंट होगा. 2012 के शुरुआती पड़ाव में रिवॉर्ड 50 से घटकर 25 डॉलर हो गया था. अगर मौजूदा हाविंग इवेंट की बात करें, तो रिवॉर्ड और कम होकर 3.125 डॉलर हो जाएगा. यह इवेंट साल 2041 तक जारी रहने का अनुमान है. उस वक्त सिस्टम में मौजूद सारी बिटकॉइन की माइनिंग हो जाएगी.

हाविंग का असर 

बिटकॉइन हाविंग इवेंट का क्रिप्टोकरेंसी मार्केट पर सकारात्मक असर होता है. दरअसल, हाविंग के बाद मार्केट में सप्लाई कम हो जाती है और फिर यहां आता है सप्लाई-डिमांड वाला फॉर्मूला, मतलब कि सप्लाई जितनी कम होगी, भाव उतना ही अधिक होगा. इस क्रिप्टोकरेंसी मार्केट में नए निवेशकों की भी बहार आ जाती है. अगर पिछले सभी हाविंग इवेंट को देखें, तो हर बार कीमतों में ऐतिहासिक उछाल दिखा है. 2016 में हाविंग से पहले बिटकॉइन का भाव 780 डॉलर के करीब था. लेकिन, हाविंग इवेंट के बाद यह कुछ ही महीनों में 1,000 डॉलर के पार पहुंच गया.

हाविंग की हिस्ट्री

2009 में Bitcoin के लॉन्च होने के बाद इसमें तगड़े रिटर्न दिए हैं. अभी तक 3 बार बिटकॉइन हाविंग इवेंट हो चुके हैं. सबसे पहला हाविंग इवेंट साल 2012 में हुआ था, जब ब्लॉक रिवॉर्ड 50 बिटकॉइन से घटकर 25 बिटकॉइन हो गया था. इसके बाद 2016 में हुए हाविंग इवेंट में रिवॉर्ड 25 से घटकर 12.5 बिटकॉइन हो गया. वहीं, 2020 में हुए ब्लॉक रिवॉर्ड घटकर 6.25 बिटकॉइन हो गया और अब साल 2024 में भी ये होने जा रहा है. इस बार इसका रिवार्ड 6.25 से घटकर 3.12 बिटकॉइन रह जाएगा. बिटकॉइन हाविंग इवेंट से क्रिप्टो करेंसी मार्केट पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता रहा है. ऐतिहासिक रूप से हर हाविंग इवेंट के बाद बिटकॉइन की कीमतों में तेजी भी देखने को मिलती है.
 


AAP का आरोप. तिहाड़ में केजरीवाल को दी जा रही स्लो डेथ

सौरभ भारद्वाज ने कहा कि आज अरविंद केजरीवाल को जेल में समाप्‍त करने की बड़ी साजिश हो रही है. उन्‍होंने कहा कि साजिश ये रही है कि वो गंभीर बीमार हों जाए और आने के बाद इलाज कराते रहें. 

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Saturday, 20 April, 2024
Arvind Kejriwal

अरविंद केजरीवाल को जेल में इंसूलिन दिए जाने को लेकर आरोप प्रत्‍यारोपों का दौर तेजी से आगे बढ़ रहा है. इस कड़ी में अब आम आदमी पार्टी नेता और दिल्‍ली सरकार में मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा है कि जेल में अरविंद केजरीवाल को स्‍लो पॉयजन दिया जा रहा है. उन्‍होंने आरोप लगाया है कि केजरीवाल को जब इंसूलिन की सबसे ज्‍यादा जरूरत है उस वक्‍त में उन्‍हें इंसूलिन नहीं दिया जा रहा है, जिससे जब वो जेल से बाहर आएं तो इलाज कराते रहें और हमेशा बीमार रहें. 

सौरभ भारद्वाज ने क्‍या लगाया आरोप 
दिल्‍ली सरकार के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि षडयंत्र किया जा रहा है कि एक तरह से अरविंद केजरीवाल की हत्‍या की जाए. अरविंद केजरीवाल को सबके सामने स्‍लो डेथ दी जा रही है. उन्‍होने जेल की रीडिंग के बारे में बताते हुए कहा कि 12 अप्रैल को सुबह उनकी रीडिंग 320 थी, जो रीडिंग 100 या 120 होनी चाहिए. रात के नौ बजे उनकी रीडिंग थी 260. उन्‍होंने दिल्‍ली  के एलजी को संबोधित करते हुए कहा कि ‘सुन ले एलजी उन्‍होंने 6 अप्रैल को आम खाया था, उन्‍होंने कहा हमारे आपके सभी के घरों में हम कहते हैं एक आम खा लो पापा क्‍या हो जाएगा. इंसूलिन ले लेना. उन्‍होंने सवाल पूछते हुए कहा अरविंद ने 6 तारीख को आम खाया था तो क्‍या 12 तारीख को  उनकी शुगर 320 हो जाएगी. उन्‍होंने कहा कि एक आदमी को इंसूलिन की जरूरत है लेकिन ये लोग नहीं दे रहे हैं. 

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प्रशासन कह रहा है इंसूलिन नहीं देंगे
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि दिल्‍ली जो बड़े आईएएस अधिकारी आज पानी, बिजली, सीवर की व्‍यवस्‍थाओं को ठप करने में लगे हुए हैं. उन्‍होंने कहा कि आज ईडी और सीबीआई के अधिकारी एक एक विपक्षी नेता को पकड़कर जेल में डालने में लगे हैं. उन्‍होंने आरोप लगाते हुए कहा कि आप उन पर विश्‍वास कर लीजिए कि अरविंद केजरीवाल उनके पास सुरक्षित और ठीक रहेंगे. उन्‍होंने आरोप लगाते हुए कहा कि दिल्‍ली के सीएम को जेल में खत्‍म करने की एक साजिश है. उन्‍होंने कहा कि उनका मल्‍टी ऑर्गन डैमेज हो जाए, अलग अलग पार्ट में परेशानियां हो, कभी लीवर और हार्ट का इलाज करा रहे हों, किसी भी शुगर के पेसेंट से पूछ लीजिए अगर ये स्थिति हो और इंसुलिन न दी जाए तो क्‍या होगा.  

शराब घोटाले में जेल में हैं अरविंद केजरीवाल 
अरविंद केजरीवाल और उनकी पार्टी के मनीष सिसोदिया मौजूदा समय में शराब घोटाले को लेकर जेल में हैं. उन पर इस शराब घोटाले में दिल्‍ली सरकार के रेवेन्‍यू को नुकसान पहुंचाने से लेकर 100 करोड़ रुपये का घोटाला करने का आरोप लगा है. इस मामले में मनीष सिसोदिया जहां डेढ साल से जेल में बंद हैं वहीं दूसरी ओर अरविंद केजरीवाल को ईडी ने 21 मार्च को गिरफ्तार हुए थे. जबकि उनसे पहले गिरफ्तार हुए संजय सिंह को कोर्ट ने जमानत दे दी है. 
 


इस मेड इन इंडिया ऐप ने पार किया 1 मिलियन का मार्क, अब कंपनी की ये है तैयारी 

कंपनी की ओर से इस साल फरवरी में प्राइज इंजन को लॉन्‍च किया था. जिस वक्‍त कंपनी ने अपने इस नए फीचर को लॉन्‍च किया था उस समय उसके पास केवल 100000 यूजर थे.

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Saturday, 20 April, 2024
Veera

भारत के मेड इन इंडिया मोबाइल ब्राउजर वीरा(Veera) ने एक बड़ी कामयाबी हासिल की है. वीरा को इस्‍तेमाल करने वालों की संख्‍या 1 मिलियन को पार कर गई है. वीरा ने पिछले साल से ही अपनी बीटा टेस्टिंग शुरू की है. इसके बाद कंपनी ने क्रिकेट को लेकर अपने कई तरह के गेम और ऐप भी जारी किए जिन्‍हें लोगों ने पसंद किया. उसके बाद अब कंपनी ने 1 मिलियन का मार्क पार कर लिया है. 

इस साल फरवरी में ये सर्विस की थी लॉन्‍च 
कंपनी की ओर से इस साल फरवरी में प्राइज इंजन को लॉन्‍च किया था. जिस वक्‍त कंपनी ने अपने इस नए फीचर को लॉन्‍च किया था उस समय उसके पास केवल 100000 यूजर थे. लेकिन कंपनी का ये नया फीचर प्राइस इंजन इतना सफल हुआ कि यूजरों की संख्‍या 10 लाख को पार कर गई है. वीरा को मोबाइल यूजरो के लिए प्रमुख तौर पर डिजाइन किया गया है और इसका मकसद अपने यूजरों को सुरक्षित, फास्‍ट और बेहतरीन इंटरनेट अनुभव देना है. 

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कंपनी के सीईओ ने कही ये बात 
इस मौके पर कंपनी के सीईओ और संस्‍थापक अर्जुन घोष ने बताया कि ये हमारे लिए निश्चित तौर पर एक बड़ा कदम है. लेकिन उन्‍होंने ये भी कहा कि हम इंटरनेट में जो तेजी लाना चाहते हैं उसका ये पहला चरण है. उन्‍होंने ये भी कहा कि इतनी जल्‍दी 1 मिलियन लोगों तक पहुंचना हमारे लिए हमारे उपयोगकर्ताओं के विश्‍वास और समर्थन का प्रमाण है. लेकिन उन्‍होंने ये भी कहा कि 1 मिलियन हमारा पहला कदम है, अभी आगे हमें 1 बिलियन तक पहुंचना है. उन्‍होंने कहा कि हम लगातार अपने प्रोडक्‍ट को और बेहतर बनाते रहेंगे. हम आगे भी नए फीचर लॉन्‍च करते रहेंगे जो हमारे यूजर को बेहतर अनुभव देने का काम करेंगे. 

सितंबर में लॉन्‍च हुआ ये मे‍ड इन इंडिया प्रोडक्‍ट 
पिछले साल सितंबर में इस प्रोडक्‍ट को लॉन्‍च किया गया था. उस वक्‍त कंपनी के सभी प्रमुख लोगों ने कहा था कि वो देश में इंटरनेट की स्‍पीड में इजाफा करने के मकसद और ग्राहकों को एक बेहतर और सुरक्षित ब्राउजर देने के मकसद से वीरा को लेकर आ रहे हैं. डेटा सिक्‍योरिटी को लेकर उसका कहना था कि वो किसी भी थर्ड पार्टी के साथ जानकारियों को साझा नहीं करता है. 
 


GST के मामले में Zomato की किस्मत खराब, फिर मिले नोटिस से क्या बिगड़ेगी शेयरों की चाल?  

जोमैटो के शेयर शुक्रवार को करीब दो प्रतिशत की बढ़त के साथ 188.50 रुपए पर बंद हुए थे

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Saturday, 20 April, 2024
file photo

फूड डिलीवरी कंपनी जोमैटो (Zomato) एक बार फिर बड़ा झटका लगा है. कंपनी को ब्याज और जुर्माने सहित 11.8 करोड़ रुपए GST डिमांड नोटिस मिला है. जोमैटो ने एक्सचेंज फाइलिंग में बताया है कि उसे जुलाई 2017 से लेकर मार्च 2021 तक के लिए एडिशनल कमिश्नर, सेंट्रल गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स, गुरुग्राम ने 5,90,94,889 रुपए का GST की डिमांड नोटिस भेजा है. नोटिस में ब्याज और जुर्माने के 5,90,94,889 रुपए का भुगतान करने को भी कहा गया है. इस तरह यह रकम 11.8 करोड़ रुपए हो जाती है. 

ऑर्डर के खिलाफ होगी अपील
Zomato से भारत के बाहर स्थित उसकी सब्सिडियरीज को जुलाई 2017 से मार्च 2021 के बीच दी गईं आयात सेवाओं पर GST की मांग की गई है. वहीं, कंपनी का कहना है कि उसने कारण बताओ नोटिस के जवाब में सहायक दस्तावेजों और न्यायिक उदाहरणों के साथ आरोपों पर स्पष्टीकरण दिया था. लेकिन शायद आदेश पारित करने वाले अधिकारियों ने उस पर कोई ध्यान नहीं दिया. Zomato का यह भी कहना है कि उसका मामला मजबूत है और कंपनी GST डिमांड नोटिस के खिलाफ अपील दायर करेगी.

हाल ही में मिले थे ये नोटिस
पिछले महीने यानी मार्च में Zomato को गुजरात GST डिपार्टमेंट से टैक्स डिमांड का नोटिस मिला था. इसके बाद अप्रैल की शुरुआत में कंपनी को दिल्ली में करीब 184 करोड़ रुपए का नोटिस मिला. कंपनी ने तब बताया था कि से सेंट्रल टैक्स दिल्ली से डिमांड ऑर्डर मिला है. इस ऑर्डर में 92 करोड़ 9 लाख 90 हजार 306 रुपए के सर्विस टैक्स की डिमांड की गई है. साथ ही 92 करोड़ 9 लाख 90 हजार 306 रुपए बतौर ब्याज एवं पेनल्टी मांगे गए हैं. इस तरह उससे कुल 184 करोड़ रुपए का भुगतान करने को कहा गया है. वहीं, गुजरात स्टेट टैक्स के डिप्टी कमिश्नर ने वित्त वर्ष 2018-19 के संबंध में कंपनी को 8.57 करोड़ रुपए से अधिक का GST ऑर्डर थमाया था.

बढ़त के साथ बंद हुए थे शेयर
कंपनी को मिले इस नए GST डिमांड ऑर्डर का उसके शेयरों की चाल पर असर देखने को मिल सकता है. 5 कारोबारी सत्रों की गिरावट के बाद Zomato के शेयर कल यानी शुक्रवार को बढ़त हासिल करने में कामयाब रहे थे. कंपनी के शेयर करीब 2 प्रतिशत की उछाल के साथ 188.50 रुपए पर बंद हुए. जबकि इससे पहले के पांच कारोबारी सत्रों में यह स्टॉक 4.99% नीचे आया था. आशंका जताई जा रही है कि नए डिमांड नोटिस से इस फूड डिलीवरी कंपनी के शेयरों में फिर से कमजोरी आ सकती है. Zomato के शेयर ने पिछले एक साल में 247.79% और इस साल अब तक 51.41% का रिटर्न दिया है. बता दें कि जोमैटो की प्रतिद्वंदी कंपनी स्विगी का भी आईपीओ आने वाला है.
 


ईरान इजराइल की लड़ाई में सस्‍ता हुआ चावल, यहां पहुंच गई कीमतें...

भारत और ईरान के बीच पुराने व्‍यापारिक संबंध हैं. अगर 2023 में दोनों के बीच हुए कारोबार के आंकड़ों पर नजर डालें तो वो कोई 89 हजार करोड़ रुपये हुआ है.

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Saturday, 20 April, 2024
Rice

भारत सरकार चावल की महंगाई को कम करने के लिए लंबे समय से कोशिश कर रही है. इस कोशिश के तहत सरकार अब तक बाजार में कई सौ क्विंटल चावल को खुले बाजार में सेल भी कर चुकी है. सरकार की इन्‍हीं कोशिशों के बीच अब ईरान इजराइल की लड़ाई के कारण चावल सस्‍ता होता दिखाई दे रहा है. दरअसल इन क्षेत्रों में चावल की डिमांड कम होने के कारण स्थिति ये है कि एक्‍सपोर्ट कम हो गया है. 

कीमतों में इतनी आ गई है कमी 
दरअसल भारत ईरान को बड़ी मात्रा में चावल की सप्‍लाई करता है. ईरान भारत से सेला 1121 चावल बड़ी मात्रा में मंगाता है. लेकिन युद्ध के शुरू होने के कारण चावल का एक्‍सपोर्ट बंद हो गया है और भारत में चावल की उपलब्‍धता बढ़ गई है.  कुछ दिन पहले तक भारत में ये वाला सेला चावल 85 रुपये किलो बिक रहा था. लेकिन वहां सप्‍लाई बंद होने के कारण अब ये देश में 80 रुपये किलो तक बिक रहा है. 

कारोबारियों को हो रही है कई तरह की परेशानी 
ईरान इजराइल युद्ध के एकाएक शुरू होने के कारण चावल की सप्‍लाई तो बंद हो ही गई है वहीं कारोबारियों की पेमेंट भी अटक गई है. इसे लेकर कारोबारी परेशान हैं कि आखिर दोनों देशों के बीच तनाव कब खत्‍म होगा और उन्‍हें कहां से पैसा मिलेगा. एक कारोबारी कहते हैं कि वो अपनी पेमेंट के लिए कोशिश कर रहे हैं लेकिन फिलहाल कब तक होगी ये कहा नहीं जा सकता है. 

भारत और ईरान के बीच होता है इन वस्‍तुओं का कारोबार 
अगर आप ये समझते हैं कि भारत केवल ईरान से तेल खरीदता है और दोनों देशों के बीच कोई बड़ा कारोबार नहीं होता है तो हम आपको इसे लेकर जानकारी देना चाहते हैं. भारत और ईरान के बीच बड़ी संख्‍या में वस्‍तुओं का आदान प्रदान होता है. भारत ईरान को जिन वस्‍तुओं का निर्यात करता है उसमें चाय, कॉफी, बासमती चावल, और चीनी का निर्यात करता है वहीं भारत ईरान से कच्‍चे तेल का एक बड़ा खरीददार है. यही नहीं भारत ने ईरान को पिछले साल 15 हजार करोड़ रुपये का निर्यात किया गया है. वहीं ईरान ने भारत को मेवे, पेट्रोलियम कोक और कुछ अन्‍य चीजें आयात की थी. इसकी कीमत 5500 करोड़ रुपये था. यही नहीं भारत चाबहरा पोर्ट और इससे लगे चाबहार स्‍पेशल इंडस्‍ट्रीयल जोन में भी साझेदार है. वहीं अगर वर्ष 2023 में भारत का ईरान के साथ 89 हजार करोड़ रुपये का कारोबार रहा है. जबकि भारत ने ईरान को 70 हजार करोड़ रुपये का माल और सेवाओं का निर्यात किया है.  

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IT सेक्टर से क्यों जा रही हैं हजारों नौकरी, ये हैं 5 बड़ी वजह

पूरी दुनिया में आईटी इंडस्ट्री में कर्मचारियों की छंटनी का दौर चल रहा है. भारत में भी कर्मचारियों की स्थिति कुछ खास अच्छी नहीं है.

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Saturday, 20 April, 2024
it sector

साल 2023 में कई टेक और IT कंपनियों में कर्मचारियों को छंटनी का सामना करना पड़ा था. ये सिलसिला साल 2024 में भी जारी है. गूगल जैसी कंपनी ने भी हाल में अपने कर्मचारियों की संख्या में बड़ी कटौती करने की घोषणा की थी. पूरी दुनिया में आईटी इंडस्ट्री में ऐसी ही स्थिति बरकरार है. इस बीच भारतीय कंपनियों की स्थिति भी कुछ खास ठीक नहीं है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबित देश की तीन सबसे बड़ी सूचना प्रौद्योगिकी (IT) कंपनियों टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS), इन्फोसिस (Infosys) और विप्रो (Wipro) में वित्त वर्ष 2023-24 में करीब 64,000 कर्मचारी कम हुए हैं.

64 हजार कर्मचारी हुए कम

Wipro ने शुक्रवार को अपनी चौथी तिमाही के परिणाम घोषित किए. मार्च 2024 तक उसके कर्मचारियों की संख्या घटकर 2,34,054 रह गई, जो इससे एक साल पहले इसी महीने के अंत में 2,58,570 थी. इस तरह मार्च 2024 को खत्म हुए फाइनेंशियल ईयर में कंपनी के कर्मचारियों की संख्या में 24,516 की कमी आई है. Infosys ने कहा कि मार्च 2024 के अंत में उसके कुल कर्मचारियों की संख्या 317,240 थी, जो पिछले साल की समान अवधि में 343,234 थी. इस तरह कंपनी के कर्मचारियों की संख्या में 25,994 की कमी हुई. वहीं देश की सबसे बड़ी आईटी कंपनी TCS में भी कर्मचारियों की संख्या में 13,249 की गिरावट हुई. बीते वित्त वर्ष के अंत में इसके कुल 601,546 कर्मचारी थे. टीसीएस टाटा ग्रुप की कंपनी है. आइए जानते हैं आईटी और टेक सेक्टर में घटते कर्मचारियों की संख्या की क्या वजह हैं?

1. AI बना छंटनी की वजह: कर्मचारियों के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) टेक्नोलॉजी का का तेजी से बढ़ना भी चिंता की मुख्य वजह है. अगर आने वाले समय की बात करें तो हमें एआई स्किल से लैश होना जरूरी है. कर्मचारियों को एआई का ज्ञान होना जरूरी है.

2. कोरोना काल में 'ओवर हायरिंग': लॉकडाउन के समय लोगों का स्क्रीन टाइम बढ़ने की वजह से प्रोडक्ट्स पर निर्भरता बढ़ गई थी. ऐसे में गूगल, मेटा और वाट्सअप ने जनता के लिए वीडियो कॉनफ्रेंसिंग की सुविधा को और बेहतर एवं यूजर फ्रेंडली बनाने के लिए लगातार बदलाव किए. बड़ी संख्या में प्रोडक्ट मैनेजर्स, डेवलपर्स, यूआई/यूएक्स डिजाइनर्स आदि को हायर किया गया था. मौजूदा समय में इनमें अब बदलाव लाने की जरूरत नहीं है. इसलिए कंपनियां वर्तमान समय में तालमेल बैठाने के लिए अपने कर्मचारियों की संख्या को कम करने की कोशिश कर रही हैं.

3. आर्थिक मंदी की संभावना: मल्टी-नेशनल कम्पनियां आर्थिक मंदी के डर से सावधानी बरत रही हैं. वर्ल्ड बैंक और इंटरनेशनल मोनिटरी फंड ने पहले ही इकोनॉमिक स्लोडाउन की चेतावनी दे दी है. जियो पॉलिटिकल टेंशन भी आज के दौर की कमजोर होती अर्थव्यवस्था को बढ़ा रहा है.

4. निवेशकों की ओर से दबाव: निवेशक आर्थिक मंदी को लेकर चिंतित हैं. वे कम्पनियों पर खर्च को लेकर आक्रामक रणनीति अपनाने पर दबाव बना रहे हैं. कम्पनियों के पास अधिक संख्या में कर्मचारी हैं और प्रति कर्मचारी लागत बहुत ज्यादा है. वैश्विक आर्थिक मंदी की संभावना के चलते कंपनियां छंटनी कर अपना 'मार्जिन' सुधारने की कोशिश में लगी है.

5. हाईपर ग्रोथ: टेक कम्पनियों ने पिछले तीन दशकों में काफी तरक्की की है पर कोरोना काल के बाद से हाई इंफ्लेशन रेट्स और घटती डिमांड को लेकर आईटी सेक्टर महत्वपूर्ण बदलावों से गुजर रहा है. टेक सेक्टर ने उच्च स्तर की ग्रोथ हासिल की है. ऐसे में माना जाता है कि इसके बाद 'डिक्लाइन स्टेज' आती ही है.

ऐसे में ये देखना दिलचस्प है कि जहां कुछ उद्योगों में नौकरियां जा रही हैं वहीं कुछ कंपनियों में AI की वजह से हायिरंग हो भी रही है. हालांकि अब उम्मीद जताई जा रही है कि छंटनी की ये लहर जल्द ही थम सकती है. 

Mutual Funds ने इन शेयरों में बढ़ाई हिस्सेदारी, क्या पोर्टफोलियो में है कोई?
 


Mutual Funds ने इन शेयरों में बढ़ाई हिस्सेदारी, क्या पोर्टफोलियो में है कोई?

फंड मैनेजर्स ने शेयर बाजार में लिस्टेड कुछ कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी में इजाफा किया है.

Last Modified:
Saturday, 20 April, 2024
file photo

म्यूचुअल फंड्स (Mutual Funds) ने मार्च तिमाही में चुनिंदा मिड और स्मॉल-कैप शेयरों में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाई है. इसका मतलब है कि आने वाले दिनों में इन स्टॉक्स में तेजी देखने को मिल सकती है. एक रिपोर्ट में शेयरहोल्डिंग डेटा के हवाले से बताया गया है कि फंड मैनेजर्स ने वित्त वर्ष-24 की मार्च तिमाही (Q4FY24) में व्हर्लपूल इंडिया (Whirlpool Of India) में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाकर 31.14% कर दी. 31 दिसंबर को समाप्त पिछली तिमाही में यह 11.12% थी. इसी तरह, फंड्स ने आवास फाइनेंसर्स (Aavas Financiers) में अपनी हिस्सेदारी को 12.05% से बढ़ाकर 21.13% कर दिया है. जबकि इनोवा कैपटैब (Innova Captab) में उनकी हिस्सेदारी 3.40% से बढ़कर 12.38% तक हो गई है. 

इनमें भी बढ़ाया स्टेक
म्यूचुअल फंड्स ने जनवरी-मार्च 2024 के दौरान घरेलू इक्विटी मार्केट में करीब 1.07 लाख करोड़ रुपए लगाए हैं. डेटा से पता चलता है कि म्यूचुअल फंड्स ने शक्ति पंप्स (इंडिया), टिप्स इंडस्ट्रीज, आदित्य बिड़ला सन लाइफ AMC, हाई-टेक पाइप्स, एवलॉन टेक्नोलॉजीज, Voltas, कल्याण ज्वैलर्स इंडिया, स्पाइसजेट और जीआर इन्फ्राप्रोजेक्ट्स में भी अपनी हिस्सेदारी बढ़ाई है. इसके अलावा, उन्होंने 31 मार्च 2024 तक जुबिलेंट फूडवर्क्स में अपनी हिस्सेदारी को 15.41% से बढ़ाकर 19.98% कर लिया है. आमतौर पर जब किसी कंपनी की आर्थिक गतिविधि से जुड़ी खबर सामने आती है, तो उसके शेयर पर भी असर देखने को मिलता है. ऐसे में जिन कंपनियों में फंड मैनेजर्स ने अपना स्टेक बढ़ाया है, उनमें तेजी देखने को मिल सकती है.

ऐसा है मार्केट में हाल
ब्रोकरेज फर्म एक्सिस कैपिटल ने Voltas के लिए 1,360 रुपए का Target Price सेट किया है. फिलहाल कंपनी का शेयर 1,305 रुपए पर चल रहा है. शुक्रवार को इसमें एक प्रतिशत से ज्यादा की बढ़त देखने को मिली थी. इस साल अब तक ये शेयर 33.44% का रिटर्न दे चुका है. जबकि पिछले एक साल में यह आंकड़ा 50.44% है. Whirlpool की बात करें, तो इसके लिए भी शुक्रवार शानदार गया. इस दौरान कंपनी का शेयर 3 प्रतिशत से ज्यादा की बढ़त के साथ 1,460 रुपए पर पहुंच गया. Aavas Financiers में भी पिछले सत्र में उछाल आया. हालांकि, 1,545.80 रुपए के भाव पर मिल रहे इस शेयर का इस साल अब तक का रिकॉर्ड खास अच्छा नहीं है. इसी तरह, Innova Captab भी नुकसान में चल रहा है. 

म्यूचुअल फंड के प्रकार
म्यूचुअल फंड अलग-अलग प्रकार के होते हैं. इक्विटी म्यूचुअल फंड: निवेशकों की रकम को सीधे शेयर बाजार लगाते हैं. लंबी अवधि में ये आपको अच्छा रिटर्न दे सकते हैं. डेट म्यूचुअल फंड: डेट सिक्योरिटीज में निवेश करते हैं. ये स्कीम शेयरों की तुलना में कम जोखिम वाली होती हैं. साथ ही बैंकों की FD की तुलना में बेहतर रिटर्न देती हैं. हाइब्रिड म्यूचुअल फंड: इसके तहत इक्विटी और डेट दोनों में निवेश किया जाता है.  सॉल्यूशन ओरिएंटेड म्यूचुअल फंड: ये स्कीम किसी खास लक्ष्य या समाधान के हिसाब से बनी होती है. उदाहरण के लिए इनमें रिटायरमेंट स्कीम या बच्चों की शिक्षा जैसे लक्ष्य हो सकते हैं. इसमें आपको कम से कम 5 साल के लिए निवेश करना जरूरी होता है. 
 


Elon Musk का भारत दौरा टला, इस वजह से नहीं आ पाएंगे मस्क

टेस्ला के सीईओ एलन मस्क भारत नहीं आ रहे हैं. इससे पहले खबर थी की एलन मस्क 21 और 22 अप्रैल को भारत में रहेंगे. इस दौरान एलन मस्क प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात करेंगे.

Last Modified:
Saturday, 20 April, 2024
Elon Musk

टेस्ला के सीईओ एलन मस्क (Elon Musk) भारत नहीं आ रहे हैं एलन मस्क ने अपना भारत दौरा स्थगित कर दिया है. हालांकि अभी दौरा टालने के कारण का पता नहीं चल पाया है, लेकिन ऐसा माना जा रहा है कि मस्क की यात्रा टेस्ला की पहली तिमाही के नतीजे के बारे में सवालों का जवाब देने के लिए 23 अप्रैल को अमेरिका में एक कॉन्फ्रेंस कॉल के कारण टाली गई है. एलन मस्क ने एक्स प्लेटफॉर्म पर खुद इसकी जानकारी दी है. उन्होंने कहा कि दुर्भाग्यपूर्ण है कि मुझे टेस्ला के प्रति जिम्मेदारी के चलते भारत दौरा टालना पड़ रहा है. लेकिन मैं इस साल ही भारत आने का मौका देख रहा हूं.

 

इस वजह से टाला भारत का दौरा

दरअसल एलन मस्क को 23 अप्रैल को टेस्ला के निवेशकों के सवालों का जवाब देने के लिए अमेरिका में उपस्थित रहना जरूरी है. टेस्ला ने हाल ही में तिमाही परिणाम जारी किया है. कंपनी को हालिया महीनों में बिक्री में गिरावट का सामना करना पड़ा है. ऐसे में कंपनी के निवेशक व शेयरधारक परेशान हो रहे हैं. अगर मस्क 21-22 अप्रैल को भारत में रहते तो 23 अप्रैल के इन्वेस्टर्स कॉल में उनके लिए मौजूद रहना मुश्किल हो जाता.

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पीएम मोदी से करने वाले थे मुलाकात

इससे पहले एलन मस्क ने 10 अप्रैल को अपने ट्वीट में जानकारी दी थी कि वह प्रधानमंत्री मोदी से मिलने के लिए बेहद उत्साहित हैं. मस्क की भारत यात्रा के ऐलान से कुछ दिन पहले ही भारत सरकार एक नई ईवी पॉलिसी लेकर आई थी. इस पॉलिसी से देश में विदेशी कंपनियों के लिए ईवी प्लांट लगाना आसान हो गया है. सरकार ने अपनी नई ईवी पॉलिसी में उन विदेशी कंपनियों को इंपोर्ट ड्यूटी में छूट देने की बात कही है, जो देश में 500 मिलियन डॉलर से अधिक का निवेश करेंगी.

भारत में Starlink को लेकर होनी थी बातचीत

टेस्ला के अलावा एलन मस्क भारत में Starlink के प्रवेश के लिए भी लंबे वक्त से कोशिश कर रहे हैं. ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार केंद्र सरकार ने Starlink को यह आश्वासन दिया है कि वह देश में तीसरी तिमाही तक अपना ऑपरेशन शुरू कर पाएगी. इसके अलावा फरवरी में सरकार ने स्पेस सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए FDI को मंजूरी दी थी. उसके बाद से ही भारत में स्पेस एक्स की एंट्री को लेकर कयास तेज हो गए थे.