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क्या पड़ोसी के बुरे दिन हो गए शुरू? China को दरकिनार कर India आ रही ये बड़ी कंपनी
पिछले कुछ समय से ग्लोबल कंपनियों ने चीन से फोकस हटाकर भारत पर ज्यादा ध्यान देना शुरू कर दिया है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 10 months ago
अब इसे पड़ोसी चीन (China) के 'बुरे दिनों' की शुरुआत कहा जाए या कुछ और कि ग्लोबल कंपनियां उसका साथ छोड़ रही हैं. पहले Apple ने उसे जोरदार झटका दिया और अब अमेरिका की एक बड़ी सोलर कंपनी ने उसे बुरी खबर सुनाई है. फर्स्ट सोलर (First Solar) ने मैन्युफैक्चरिंग के लिए चीन के बजाये भारत को तरजीह दी है. कंपनी भारत में सोलर पैनल प्रोडक्शन पर अरबों डॉलर निवेश करेगी. खास बात ये है कि इसके लिए वो चीन से मटेरियल भी नहीं मंगवाएगी.
फोकस शिफ्ट कर लिया
कोरोना संकट के बाद से चीन की आर्थिक स्थिति खराब चल रही है. तमाम पाबंदियों के चलते ग्लोबल कंपनियों को बड़े पैमाने पर नुकसान उठाना पड़ा था, जिसके मद्देनजर उन्होंने चीन के बाहर दूसरे विकल्प की तलाश शुरू की. इन कंपनियों को भारत बेहतरीन विकल्प के तौर पर नजर आया. इसके बाद शुरू हुआ चीन पर निर्भरता कम करने का सिलसिला, जो अब भी जारी है. iPhone बनाने वाली कंपनी Apple ने अपना फोकस चीन से ज्यादा भारत पर कर लिया है. Apple की योजना साल 2025 तक करीब 25 फीसदी आईफोन भारत में तैयार करने की है. Apple के अलावा, कई दूसरी कंपनियां भी भारत पर ध्यान दे रही हैं.
अभी चीन का है दबदबा
अब अमेरिकी कंपनी फर्स्ट सोलर (First Solar) ने भी उसे झटका दे दिया है. सोलर पैनल मैन्युफैक्चरिंग (Solar Panel Manufacturing) में चीन का दबदबा माना जाता है. कई कंपनियां इसके लिए चीन से साजोसामान आयात करती हैं, लेकिन First Solar ने साफ का दिया है कि वो भारत में सोलर पैनल प्रोडक्शन करेगी और चीन से कोई सामान नहीं मंगवाया जाएगा. मीडिया रिपोर्ट्स में यूएस की ऊर्जा मंत्री जेनिफर ग्रैनहोल्म (Jennifer Granholm) के हवाले से बताया गया है कि First Solar भारत में अरबों डॉलर इन्वेस्ट करेगी.
Tesla भी कर रही बातचीत
ग्रैनहोल्म का का कहना है कि भारत के पास एक बड़ा बाजार है. अमेरिका भारत को क्लीन एनर्जी ट्रांजिशन में सबसे अहम पार्टनर के रूप में देखता है. भारत ने ग्रीन हाइड्रोजन को लेकर प्रतिबद्धता दर्शाई है. उन्होंने आगे कहा कि अमेरिकी कंपनी फर्स्ट सोलर भारत में सोलर पैनल्स के उत्पादन के लिए अरबों डॉलर का निवेश करेगी. साथ ही कंपनी चीन से कोई मटेरियल नहीं मंगाएगी. अमेरिका में भी वो इसी तरह विस्तार कर रही है. ग्रैनहोल्म ने Tesla की भारत में एंट्री पर कहा कि कंपनी भारत सरकार के साथ बात कर रही है. बता दें कि टेस्ला की चीन में अच्छी-खासी मौजूदगी है, यदि Elon Musk की ये कंपनी भारत आती है, तो इसे चीन के लिए करारा झटका माना जाएगा.
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