#UPGISWithBW: हमें मेडिकल डिवाइस क्षेत्र में भी होना है आत्‍मनिर्भर- मनसुख मां‍डविया

केन्‍द्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा कि हमारे देश में आज मेडिकल उपकरणों पर हमारी निर्भरता दुनिया पर बनी हुई है. हम क्‍यों नहीं इसमें आत्‍मनिर्भर होने की दिशा में काम करते हैं.

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Saturday, 11 February, 2023
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उत्‍तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में चल रहे उत्‍तर प्रदेश जीआईएस समिट में शनिवार को केन्‍द्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री मनसुख मांडविया सहित यूपी के उप मुख्‍यमंत्री और स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री ब्रजेश पाठक सहित प्राइवेट सेक्‍टर के कई नामी चेहरों जिसमें नरेश त्रेहन जैसे लोग भी शामिल रहे. इस मौके पर मनसुख मांडविया ने कहा कि आज हम सभी को मेडिकल डिवाइस के क्षेत्र में आत्‍मनिर्भर होने की आवश्‍यकता है.

यूपी सुश्रुत और चरक की धरती है

केन्‍द्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा कि उत्‍तर प्रदेश हेल्‍थकेयर के लिए सिर्फ देश ही नहीं बल्कि दुनिया को भी राह दिखाने वाला राज्‍य बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है.उन्‍होंने कहा कि चरक और सुज्ञुत यूपी की धरती पर पैदा हुए थे. उन्‍होंने जो ज्ञान, विज्ञान का आविष्‍कार किया था उसने सभी को राह दिखाई, वो मार्डन मेडिसीन के पूर्वज हैं. उन्‍होंने कहा कि सरकार जो कदम उठा रही है उससे एक इकोसिस्‍टम पैदा हो रहा है. यूपी विकास के लिए इसलिए आगे बढ रहा है क्‍योंकि यहां डबल इंजन की सरकार काम कर रही है.

ट्रेड और इंडस्‍ट्री को बढ़ावा देने से होता है दोहरा फायदा

चाणक्‍य ने कहा था अगर किसी देश को संपन्‍न होना है तो उसे ट्रेड और इंडस्‍ट्री को सपोर्ट करना चाहिए. जब आप ट्रेड और इकोनॉमी को मदद करते हैं तो उससे दो बड़े फायदे होते हैं. पहला राज्‍य में रोजगार पैदा होता है और दूसरा सरकार को धन मिलता है. उन्‍होंने कहा कि संपत्ति सृजन करना हर किसी के बस की बात नहीं है. उन्‍होंने कहा कि हमारे देश में ब्रेन की कभी कमी नहीं रही. आज फार्मा सेक्‍टर में हम पीएलआई स्‍कीम पर काम कर रहे हैं. पीएम मोदी को लेकर उन्‍होंने कहा कि हमारे पीएम टोकन में नहीं सोचते हैं बल्कि टोटल में सोचते हैं.

हमारे वहां 12000 से ज्‍यादा फार्मा इंडस्‍ट्री है

केन्‍द्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री ने कहा कि आजादी के 100 साल बाद देश कैसा हो इसे लेकर काम हो रहा है. सरकार देश का विकास किस दिशा में काम करना चाहिए, हिंदुस्‍तान को कहां ले जाना है, इस पर काम कर रही है. उन्‍होंने कहा कि आज हमारे वहां 12000 से अधिक फार्मा इंडस्‍ट्री काम कर रही है. रिसर्च के लिए प्राइवेट सेक्‍टर को भी अवसर मिलना चाहिए. इसलिए आईसीएमआर के सेंटरों को हमने प्राइवेट सेक्‍टर के लिए खोल दिया है. यहां के गोरखपुर में भी रिसर्च सेंटर है. मेडिकल डिवाइस के लिए हम बाहर की दुनिया पर निर्भर हैं हम खुद इसे क्‍यो न बनाएं. देश के रिसर्चर पर हमारा भरोसा पैदा हुआ है.


अब ग्राहकों को झांसा नहीं दे पाएंगी कंपनियां, फेक रिव्यू को लेकर सरकार हुई सख्त

जब भी आप किसी ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म से कोई प्रोडक्ट खरीदते हैं. अगर रेटिंग और रिव्यू अच्छे होते हैं और प्रोडक्ट आपको पसंद आ जाता है तो आप तुरंत उसे खरीद लेते हैं.

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Monday, 13 May, 2024
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देश में ऑनलाइन शॉपिंग करने का चलन तेजी से बढ़ रहा है. इस बीच ग्राहकों के साथ धोखाधड़ी के मामले भी सामने आ रहे हैं. अकसर लोग वेबसाइट पर उपलब्ध फर्जी रिव्यूज पर भरोसा करके लोग सामान खरीद लेते हैं, फिर वह सामान खराब निकल जाता है. इससे ग्राहकों को बहुत दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. अब इस तरह के स्कैम से ग्राहकों को बचाने के लिए भारत सरकार जल्द ही बड़ा फैसला लेने जा रही है. सरकार ने इन फर्जी रिव्यू पर लगाम लगाने के लिए गुणवत्ता नियंत्रण आदेश पर परामर्श को लेकर ई-कॉमर्स कंपनियों और ऑनलाइन समीक्षाओं से जुड़े संगठनों की बैठक बुलाई है.

फर्जी रिव्यू को लेकर सरकार हुई सख्त

फर्जी रिव्यू का गोरखधंधा तमाम ई-कॉमर्स साइट्स पर चल रहा है. इसे लेकर काफी वक्त से नेशनल कंज्यूमर हेल्पलाइन पर शिकायतें आ रही हैं. अब सरकार इस पर सख्त हो गई है. नवंबर 2022 में ही सरकार ने फर्जी रिव्यू रोकने के लिए कुछ स्टैंडर्ड बनाए थे, जो इंडस्ट्री के लिए स्वैच्छिक थे. हालांकि, बढ़ती शिकायतों को देखते हुए अब सरकार इन्हें अनिवार्य करने पर विचार कर रही है. यह भी माना जा रहा है कि इस पर इसी साल कोई फैसला हो सकता है.

शेयर बाजार में पैसा लगाने का यही है सही समय? अमित शाह बोले - 4 जून के बाद आएगी तेजी

15 मई को होगी खास बैठक

फर्जी रिव्यू पर लगाम लगाने के मकसद से ही 15 मई को उपभोक्ता मामले के सचिव की अध्यक्षता में एक बैठक होनी है. इस बैठक में सभी स्टेकहोल्डर्स शामिल होंगे. फर्जी रिव्यू को लेकर नेशनल कंज्यूमर हेल्पलाइन पर मिली शिकायतों और उन्हें रोकने के लिए हुए Hackathon पर चर्चा भी होगी. सरकार की सख्ती के बाद ग्राहक को रिव्यू से गुमराह करना मुश्किल होगा. हर रिव्यू, चाहे पेड हो या जेन्युइन, उसकी आसान और अलग पहचान होगी. छोटी या बड़ी कोई भी ऑनलाइन कंपनी या सेवा के लिए ऑथेंटिक रिव्यूज होंगे.

कई तरीके से कराए जाते हैं पेड रिव्यू

पेड रिव्यू और रेटिंग का एक तरीका ये है कि कंपनियां अपने ग्राहकों को प्रोडक्ट डिलीवरी के साथ-साथ एक कैशबैक वाउचर भेजती हैं. उस कैशबैक को पाने की शर्त होती है कि जिस भी प्लेटफॉर्म से आपने प्रोडक्ट खरीदा होता है, उसे 5 स्टार रेटिंग देकर अच्छा सा रिव्यू लिखकर उसकी फोटो खींचकर वाउचर में दिए गए ईमेल या वाट्सऐप पर भेजना होता है. इसके बाद ग्राहक की तरफ से बताए गए तरीके से उसे कैशबैक की रकम UPI कर दी जाती है. पेड रिव्यू का दूसरा तरीका ये भी है जिसमें पहले ही पैसे दे दिए जाते हैं. पैसे लेने के बाद लोग अच्छा सा रिव्यू लिखते हैं और 4-5 स्टार रेटिंग देते हैं. इस तरह की रेटिंग से ग्राहक गुमराह होते हैं और फर्जी रिव्यू के वजह से कई बार गलत प्रोडक्ट खरीद लेते हैं, जिससे उन्हें नुकसान होता है.
 


इन कारोबार में 80 हजार करोड़ रुपये निवेश करने जा रहे हैं गौतम अडानी, ये है मकसद

अडानी समूह ने प्रमुख तौर पर तीन से चार सेक्‍टरों में ये राशि खर्च करने की योजना बनाई है. इनमें एयरपोर्ट और रिन्‍यूएबल एनर्जी प्रमुख तौर पर शामिल हैं. 

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Monday, 13 May, 2024
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लगातार अपने कारोबार का विस्‍तार कर रहे गौतम अडानी की कंपनी अडानी एंटरप्राइजेस 80 हजार करोड़ का बड़ा निवेश करने की तैयारी कर रही है. कंपनी जिन तीन कारोबार में प्रमुख तौर पर निवेश करने की तैयारी कर रही है उनमें एयरपोर्ट, डेटा सेंटर और रिन्‍यूएबल एनर्जी शामिल है. कंपनी रिन्‍यूएबल और एयरपोर्ट सेक्‍टर में 50 हजार करोड़ रुपये का निवेश करने जा रही है. कंपनी सड़क क्षेत्र में भी 12 हजार करोड़ रुपये का निवेश करने की तैयारी कर रही है. 

आखिर क्‍या है कंपनी का पूरा प्‍लान? 
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी आने वाले साल में उन क्षेत्रों में निवेश करने की तैयारी कर रही है जिनमें उसे ज्‍यादा संभावनाएं नजर आ रही हैं. कंपनी के एक सीनियर अधिकारी के हवाले से सामने आई जानकारी के अनुसार, कंपनी 2024-25 में 80 हजार करोड़ रुपये का निवेश करने की तैयारी कर रही है. कंपनी जिन दो क्षेत्रों में इस राशि का सबसे ज्‍यादा हिस्‍सा इस निवेश करने जा रही है उसमें एयरपोर्ट और रिन्‍यूएबल एनर्जी जैसे सेक्‍टर शामिल हैं. एयरपोर्ट और रिन्‍यूएबल एनर्जी इन दो क्षेत्रों में कंपनी 50 हजार करोड़ रुपये से ज्‍यादा खर्च करने की तैयारी कर रही है.

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दरअसल अडानी समूह की कंपनी अडानी न्‍यू इंडस्‍ट्रीज लिमिटेड सौर मॉड्यूल बनाती है. इस तकनीक से सूर्य के प्रकाश को रिन्‍यूएबल ऊर्जा और ग्रीन हाइड्रोजन में बदलती है. कंपनी तीसरे हिस्‍से के तौर पर सड़क क्षेत्र में निवेश करने की तैयारी कर रही है.कंपनी इस क्षेत्र में 12 हजार करोड़ रुपये निवेश करने की तैयारी कर रही है. बाकी बची राशि को ग्रुप अपने दूसरे कारोबारों में निवेश करने जा रही है. कंपनी पीवीसी कारोबार में भी बड़ी राशि लगाने की तैयारी कर रही है. कंपनी इस कारोबार में 10 हजार करोड़ रुपये लगाने की तैयारी कर रही है. 

कैसे रहे हैं अडानी एंटरप्राइजेस के नतीजे? 
अडानी समूह ने जनवरी से लेकर मार्च तक की तिमाही के लिए अपने जो नतीजे जारी किए उसके अनुसार कंपनी मार्च तिमाही में नतीजों में गिरावट देखने को मिली है. कंपनी का मुनाफा 781 करोड़ रुपये से गिरकर 352 करोड़ रुपये तक हो गया है. इसे ऐसे भी देखा जा सकता है कि कंपनी को अकेली मार्च तिमाही में 627 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. वहीं कंपनी ने अपने निवेशकों को 1.39 रुपये का लाभांश देने का भी फैसला किया है. अडानी समूह की सबसे बड़ी कंपनी अडानी पोर्ट के नेट प्रॉफिट में सालाना आधार पर 76.2 फीसदी की ग्रोथ देखने को मिली है. इस कंपनी के आकार को ऐसे समझा जा सकता है कि अडानी समूह में अडानी पोर्ट की हिस्‍सेदारी 70 प्रतिशत है. 

आखिर कैसी है शेयरों की स्थिति 
वहीं अगर सोमवार को अडानी एंटरप्राइजेस के शेयर पर नजर डालें तो ये शेयर खुला तो था 2803 रुपये पर लेकिन खबर लिखे जाने पर 3 बजे शेयर 2882.45 रुपये पर ट्रेड कर रहा था. शेयर में 3.05 प्रतिशत की बढ़ोतरी देखने को मिल रही थी. इस शेयर का 52 हफ्तों का हाई 3350 रुपये रहा है जबकि 52 हफ्तों का लो प्राइस 1857.75 रुपये रहा है. कंपनी का मार्केट कैप 3.28 लाख करोड़ रुपये दर्ज किया गया. 


क्‍या डिंपल को हराने वाले BJP सांसद से बदला ले पाएंगे अखिलेश यादव जानिए कितनी है नेटवर्थ?

2014 में डिंपल से हार 2019 में उन्‍हें हराने वाले सुब्रत पाठक को 563087 वोट मिले जबकि जबकि डिंपल को 550734 वोट मिले थे.

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Monday, 13 May, 2024
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आज चौथे चरण का मतदान हो रहा है. इस चरण में कई नामी चेहरों की किस्‍मत दांव पर लगी है. इनमें सपा प्रमुख अखिलेश यादव से लेकर गिरीराज सिंह और डिंपल यादव के भाग्‍य का फैसला होना है. लेकिन जिस कन्‍नौज सीट से अखिलेश यादव चुनाव लड़ रहे हैं वहां से उन्‍हें टक्‍कर दे रहे हैं पिछले चुनाव में उनकी पत्‍नी को हराकर सांसद बनने वाले सुब्रत पाठक. इस बार सभी लोग ये सवाल पूछ रहे हैं कि क्‍या अखिलेश यादव पत्‍नी को हराने वाले सुब्रत पाठक को पटकनी दे पाएंगे. आइए आज आपको बताते हैं कि आखिर कौन हैं सुब्रत पाठक और कितनी है उनकी नेटवर्थ? 

आखिर कौन हैं डिंपल को हराने वाले सुब्रत पाठक 
यूपी के पूर्व मुख्‍यमंत्री अखिलेश यादव की पत्‍नी को हराने वाले सुब्रत पाठक भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रेसीडेंट रह चुके हैं. इसके बाद बीजेपी के यूपी संगठन में उन्‍हें प्रदेश महासचिव बनाया गया था. सुब्रत ने 2009 में अखिलेश यादव के सामने चुनाव लड़ा लेकिन वो हार गए, उस वक्‍त के वोट शेयर को देखें तो कोई बहुत बड़ा अंतर नजर नहीं आता है. अखिलेश को उस वक्‍त 337751 लाख वोट मिले थे जबकि सुब्रत को 150872 वोट मिले थे. इसके बाद 2014 में उन्‍होंने डिंपल यादव के खिलाफ चुनाव लड़ा लेकिन वो हार गए. लेकिन इसके बाद 2019 में जनता ने उन पर विश्‍वास जता दिया. उन्‍होंने डिंपल को 12353 वोट से हरा दिया. सुब्रत को इस चुनाव में 563087 वोट मिले जबकि जबकि डिंपल को 550734 वोट मिले थे. 

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सुब्रत पाठक की कितनी है कमाई? 
सुब्रत पाठक ने इस साल के चुनावी शपथपत्र में अपनी आय को लेकर रिटर्न फाइल की उसके अनुसार वर्ष 2022-23 में उनकी आय 57,58,890 रुपये रही, इसी तरह पिछले साल 2021-22 में उनकी आय 58,28,840 लाख रुपये रही. इसी तरह 2020-21 में उनकी आय 4129740 लाख रुपये रही. वहीं पत्‍नी नेहा पाठक की आय पर नजर डालें तो 2022-23 में उनकी आय 2192540 लाख रुपये रही. वहीं उनके पास 921711 लाख रुपये कैश हैं जबकि उनकी पत्‍नी 240000 लाख रुपये कैश हैं. इसी तरह उनके पास बैंक में कुल 1 करोड़ 67 हजार 437 रुपये हैं. इसी तरह उनकी पत्‍नी के पास 4 लाख 43 हजार 532 रुपये हैं. 

इन शेयरों में किया है निवेश
वहीं सुब्रत पाठक के निवेश पर नजर डालें तो उन्‍होंने म्‍यूचुवल फंड में 291819 रुपये लगाए थे जिसकी आज की कीमत1360935 रुपये हो चुकी है. इसी तरह से अन्‍न्‍पूर्णा प्रिजरवेशन प्राइवेट लिमिटेड में 4721000रुपये और लता शीतालय प्रा लि में 6137000 लाख रुपये, जमुनाप्रसाद शीतगृह प्राइवेट लिमिटेड में 89000 रुपये, एम एल कैप्‍टल प्रा लि में 2216800  रुपये  हैं. वहीं उनकी पत्‍नी ने म्‍यूचुवल फंड में 440106 लाख रुपये लगाए थे जबकि उनकी आज की मार्केट वैल्‍यू 779845 लाख रुपये हो चुकी है. एलआईसी में 4,01,925 रुपये, उनकी पत्‍नी के एलआईसी में 404026 रुपये हैं. 

ज्‍वैलरी और कार का ये है हिसाब 
बीजेपी उम्‍मीदवार सुब्रत पाठक का शपथ पत्र कहता है कि उनके पास कारों में लग्‍जरी कार मर्सिडीज बेंज 1 करोड़ 34 लाख 50 हजार रुपये है. वहीं ज्‍वैलरी पर नजर डालें तो उनके पास 180 ग्राम कीमत का सोना मौजूद है जिसकी कीमत 1080000 रुपये है. यही नहीं उनके पास रायफल और पिस्‍टल भी मौजूद है जिसकी कीमत 90 हजार रुपये है. जबकि उनकी पत्‍नी के पास 516 ग्राम सोना है जिसकी कीमत 3095000 है.उनके पास कुल 5,28,32,306 रुपये की चल संपत्ति है जबकि उनकी पत्‍नी के पास 8014585 रुपये की संपत्ति है. इसी तरह उनके पास 40030000 रुपये की अचल संपत्ति है. जबकि उनकी पत्‍नी के नाम 23 लाख रुपये की संपत्ति है. सुब्रत पाठक की बड़ी देनदारियां भी हैं जिसकी कीमत 35561303 रुपये है.  जबकि उनकी पत्‍नी पर 2720250 रुपये की देनदारी है. 
 


शेयर बाजार में पैसा लगाने का यही है सही समय? अमित शाह बोले - 4 जून के बाद आएगी तेजी

अमित शाह का कहना है कि स्टॉक मार्केट में चल रही मौजूदा गिरावट को लोकसभा चुनाव से जोड़कर नहीं देखना चाहिए.

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Monday, 13 May, 2024
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शेयर बाजार (Stock Market) में निवेश का एक सिंपल फंडा माना जाता है - जब बाजार गिर रहा हो तो खरीदारी करो और जब बाजार में तेजी हो तो बिकवाल बनकर मुनाफा कमाओ. फिलहाल, शेयर में गिरावट का माहौल है. इस महीने की शुरुआत से बाजार में अस्थिरता बनी हुई है, तो क्या इसे खरीदारी के मौके के तौर पर लिया जाना चाहिए? गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) तो यही इशारा कर रहे हैं. एक मीडिया हाउस को दिए इंटरव्यू में अमित शाह ने कहा है कि 4 जून के बाद बाजार में तेजी आने वाली है.   

पहले भी लगे हैं कई गोते 
बाजार में आई मौजूदा गिरावट को लोकसभा चुनाव से जोड़कर देखे जा रहा है. इस अमित शाह ने कहा कि शेयर बाजार में गिरावट को चुनाव से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए, 4 जून, 2024 को जब लोकसभा चुनाव के नतीजों की घोषणा होगी, तो बाजार चढ़ेगा. उन्होंने आगे कहा कि स्टॉक मार्केट की हालिया गिरावट से चिंतित होने की जरूरत नहीं है. बाजार ने इससे पहले भी कई बार गोते लगाए हैं, इसे चुनाव से नहीं जोड़ना चाहिए. यदि ऐसा अफवाहों के कारण हुआ भी होगा, तो 4 जून के पहले आप खरीदारी कर लेना, बाजार में तेजी आने वाली है.

स्थिर सरकार से आएगी तेजी 
होम मिनिस्टर अमित शाह ने कहा कि मैं शेयर बाजार के लिए आंकलन नहीं कर सकता, लेकिन सामान्य तौर पर जब स्थिर सरकार आती है तो बाजार में तेजी भी आती है. मैं कह रहा हूं कि हमारी 400 से ज्यादा सीटें आने वालीं हैं और देश में फिर से स्थिर सरकार आने वाली है. ऐसे में निश्चित रूप से बाजार ऊपर जाने वाला है. शाह ने दावा किया कि लोकसभा चुनाव के बीते तीन चरणों में भाजपा को 190 सीटें हासिल हो चुकी हैं और चौथा चरण भी उनके लिए अच्छा रहने वाला है.  

इन सेक्टर्स पर रहेगा फोकस?
चलिए अब यह भी जान लेते हैं कि कौनसे सेक्टर्स पर दांव लगाना फायदेमंद हो सकता है. खासतौर पर कुछ सेक्टर्स ऐसे हैं, जो Modi 3.0 में उल्लेखनीय  वृद्धि हासिल कर सकते हैं. सरकार ने विकसित भारत @2047 के अपने डॉक्यूमेंट में इन सेक्टर्स का उल्लेख किया है. अगर मोदी सत्ता में लौटते हैं, तो उन सेक्टर्स पर ज्यादा तेजी से काम किया जाएगा. ऐसे में संबंधित सेक्टर्स से जुड़ी कंपनियों की आर्थिक सेहत बेहतर होगी और उसका असर शेयर बाजार पर भी पड़ेगा. मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल में मैन्युफैक्चरिंग, लेबर रिफॉर्म एवं एग्रीकल्चर रिफॉर्म, फूड प्रोसेसिंग, पावर और ग्रीन एनर्जी सेक्टर्स पर खासा जोर रहेगा. सरकार भारत को मैन्युफैक्चरिंग हब के तौर पर विकसित करने की दिशा में तेजी से काम कर रही है. कृषि और लेबर रिफॉर्म भी उसकी प्राथमिकता में शुमार है. 

इन्फ्रा के टॉप स्टॉक्स 
Infrastructure Sector के कुछ प्रमुख स्टॉक्स की बात करें, तो इसमें Larsen & Toubro, Reliance Infrastructure, GMR Airports Infrastructure, IRB Infrastructure Developers, Hindustan Construction Company, Hindalco, ITC, का नाम शामिल है. IRB इन्फ्रास्ट्रक्चर का शेयर काफी तेजी से आगे बढ़ रहा है. 100 रुपए से कम कीमत वाले स्टॉक में इस साल अब तक 50.06% का उछाल आ चुका है. इसी तरह, एग्रीकल्चर सेक्टर में Coromandel International, Chambal Fertilizers, Bayer CropScience,  Gujarat Narmada Valley Fertilizers Chemicals और Bombay Burmah Trading Corporation के शेयर अच्छा परफॉर्म कर रहे हैं.

फूड-पावर के टॉप स्टॉक्स
वहीं, फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री के प्रमुख स्टॉक्स की बात करें, तो इसमें Britannia Industries, Jubilant Foodworks, Godrej Agrovet, ADF Foods Ltd और Hindustan Foods शामिल हैं. जुबिलेंट फूडवर्क्स एक भारतीय कंपनी है, जो भारत में Domino's Pizza चलाती है. पावर और ग्रीन एनर्जी सेक्टर की कई कंपनियां स्टॉक मार्केट में लिस्टेड हैं और उन्होंने अच्छा-खासा रिटर्न दिया है. उदाहरण के तौर पर Suzlon Energy ने पिछले एक साल में 367.88% का रिटर्न दिया है. दिवंगत कारोबारी तुलसी तांती की इस कंपनी का पोर्टफोलियो काफी मजबूत है. इन सेक्टर्स की प्रमुख कंपनियों में JSW Energy, Adani Green Energy, NTPC, Adani Power, Power Grid Corporation of India, Tata Power, NHPC और BF Utilities का नाम भी शामिल है.


भारत के लिए हर तरफ से गुड न्यूज, फिर शेयर बाजार से पैसा क्यों निकाल रहे विदेशी निवेशक? 

विदेशी निवेशक हमारे शेयर बाजार से लगातार पैसा निकाल रहे हैं और बाजार धड़ाम हो रहा है.

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Monday, 13 May, 2024
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शेयर बाजार (Stock Market) में आज हाहाकार मचा हुआ है. सप्ताह के पहले कारोबारी दिन ही बाजार बड़ी गिरावट के साथ कारोबार कर रहा है. मार्केट में आई इस गिरावट की एक बड़ी वजह विदेशी निवेशकों का बिकवाल बनना भी है. फॉरेन इन्वेस्टर्स पिछले कुछ समय से लगातार भारतीय शेयर बाजार से पैसा निकाल रहे हैं, नतीजतन बाजार में नरमी बनी हुई है. यहां गौर करने वाली बात ये है कि भारतीय अर्थव्यस्था में मजबूती बरकरार है. तमाम ग्लोबल एजेंसियां हमारी GDP के तेजी से बढ़ने की संभावना जता रही हैं. ऐसे में यह सवाल लाजमी हो जाता है कि फिर विदेशी निवेशकों को ऐसा क्या डर सता रहा है कि वो इंडियन स्टॉक मार्केट से पैसा निकाल रहे हैं?   

अब तक निकाले इतने
एक रिपोर्ट के अनुसार, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने मई के पहले 10 दिन में ही भारतीय शेयर बाजार से 17,000 करोड़ रुपए से अधिक की निकासी की है. इससे पहले अप्रैल में FPIs ने 8,700 करोड़ रुपए की शुद्ध निकासी की थी. इस लिहाज से देखें, तो पिछले महीने से ज्यादा निकासी विदेशी निवेशक इस महीने के 10 दिनों में ही कर चुके हैं. यदि निकासी की यही रफ्तार कायम रहती है, तो मई में बाजार को बड़ा झटका लग सकता है. बता दें कि हमारे शेयर बाजार की चाल काफी हद तक विदेशी निवेशकों के रुख पर निर्भर करती है.  

मार्च में भी बने थे बिकवाल
एफपीआई ने मार्च में शेयर बाजार में 35,098 करोड़ और फरवरी में 1,539 करोड़ रुपए की बिकवाली की थी. यानी उन्होंने इतना पैसा बाजार से निकाला था. इस महीने की 10 तारीख तक एफपीआई ने ऋण या बॉन्ड बाजार से भी 1,602 करोड़ रुपए निकाले हैं. जबकि उन्होंने मार्च में बॉन्ड बाजार में 13,602 करोड़, फरवरी में 22,419 करोड़ और जनवरी में 19,836 करोड़ रुपए का निवेश किया था. एक्सपर्ट्स के मुताबिक, विदेशी निवेशाकों को भारत की अर्थव्यस्था की मजबूती पर कोई शक नहीं है, उनके बिकवाल बनने का दूसरा कारण  है. 

ये है बिकवाली की वजह
एक्सपर्ट्स का कहना है कि भारत में इस समय लोकसभा चुनाव चल रहे हैं. भले ही इसके परिणामों को लेकर ज़्यादातर रुझान एक तरफ ही नजर आ रहे हों, लेकिन असली तस्वीर परिणाम आने के बाद ही स्पष्ट होगी. इसलिए विदेशी निवेशक इस समय मुनाफावसूली के मोड में हैं. वह अगले महीने चुनाव परिणाम आने के बाद ही भारतीय बाजार में बड़ी खरीदारी करेंगे. यह लगभग मानकर चला जा रहा है कि यदि सत्ता परिवर्तन होता है, तो बाजार में कुछ समय के लिए गिरावट आ सकती है, ऐसे में FPIs सतर्क रुख अपना रहे हैं. हालांकि, नतीजे अनुकूल रहने और राजनीतिक स्थिरता की स्थिति में वे बड़ा निवेश कर सकते हैं.  
 


चाबहार पोर्ट को लेकर होने वाले समझौते से भारत को होने जा रहे हैं कई फायदे…ये है मकसद

चाबहार पोर्ट को लेकर इससे पहले 2016 में सरकार की ओर से एक समझौता किया गया था. लेकिन उस समझौते की अपनी सीमाएं थी. इस बार अगले 10 सालों के लिए सरकार समझौता कर रही है. 

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Monday, 13 May, 2024
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ईरान में बने चाबहार पोर्ट को लेकर भारत सरकार आज एक अहम कदम उठाने जा रही है. भारत सरकार इस पोर्ट का मैनेजमेंट अपने हाथों में लेने को लेकर समझौते पर हस्‍ताक्षर करने जा रही है.इससे पहले पीएम मोदी के 2016 में ईरान दौरे के समय ये समझौता किया था. इस समझौते के जरिए सरकार सेंट्रल एशिया तक अपने कारोबार को और आसान बनाने की तैयारी कर रही है. जानकारों का मानना है कि ये भारत सरकार का एक अहम रणनीतिक कदम साबित हो सकता है. 

आज होने जा रहा है ये अहम समझौता 
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, आज इसे लेकर अहम समझौता हो जाएगा. ईरान में बना चाबहार पोर्ट रणनीतिक मकसद से एक अहम पोर्ट है. ये पोर्ट जहां अपनी लोकेशन के कारण कई मायनों में अहम है तो वहीं दुनिया से कारोबार को और बढ़ाने और उसे जल्‍द से जल्‍द भारत में पहुंचाने को लेकर ये काफी अहम साबित हो सकता है. इसी का नतीजा है कि इस समझौते को करने के लिए लोकसभा चुनाव के व्‍यस्‍त कार्यक्रम के बीच शिपिंग मंत्री सर्वानंद सोनोवाल ईरान के लिए रवाना हो चुके हैं. जहां वो इस समझौते को आगे बढ़ाएंगे. आज समझौता होने के बाद इसका मैनेजमेंट पूरी तरह से भारत के पास आ जाएगा और भारत इसका प्रबंधन संभालेगा. 

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आखिर भारत की क्‍या है तैयारी 
सबसे अहम बात है कि इस पोर्ट को लेकर होने वाला समझौता क्‍यों अहम है. दरअसल भारत इस पोर्ट के जरिए सेंट्रल एशिया तक अपने कारोबार को बढ़ाने के लिए करना चाहता है. इस पोर्ट के जरिए भारत सीआईएस (कॉमनवेल्‍थ इंडीपेंडेंट देशों) तक पहुंचने के लिए नॉर्थ-साउथ परिवहन गलियारे को विकसित करना चाहता है. भारत इससे पहले 2016 में भी इस पोर्ट को लेकर ईरान के साथ समझौता कर चुका है. लेकिन उसमें भारत के पास ज्‍यादा अधिकार नहीं थे. उस समझौते में भारत के पास केवल शहीद बेहेस्‍ती टर्मिनल का विकास करना था. 2016 में ये समझौता भारत, ईरान, और अफगानिस्‍तान के बीच हुआ था. ये समझौता एक साल में रिन्‍यू होता था लेकिन इस बार होने वाला समझौता अगले 10 सालों के लिए होने वाला है.  

चाबहार से कैसी है कनेक्टिविटी? 
चाबहार पोर्ट एक ऐसी लोकेशन पर मौजूद है जहां से सेंट्रल एशिया और साउथ एशिया क्षेत्र के बीच में कारोबार को बेहतर तरीके से कनेक्‍ट किया जा सकता है. ये पोर्ट महज कारोबार को ही और बेहतर बनाने में मददगार साबित नहीं हो सकता है बल्कि लोगों को आपस में जोड़ने में भी मदद करता है. इससे लॉजिस्टिक नेटवर्क को भी आसानी से जोड़ा जा सकता है. भारत का मानना है कि ये पोर्ट रीजनल और इंटरनेशनल ट्रांसपोर्ट कॉरिडोर को आगे बढ़ाने में मदद कर सकता है. इस समझौते का मकसद यहां कानूनी राज स्‍थापित करने से लेकर समन्‍यव स्‍थापित करना भी है 

बेहद अहम है ये समझौता 

विदेश मामलों के जानकार संजीव श्रीवास्‍तव कहते हैं कि ये समझौता भारत और ईरान के संबंधों के लिहाज से बेहद अहम है. भारत पहले से चाबहार पोर्ट को विकसित कर रहा था लेकिन अब वो इसका प्रबंधन भी कर पाएगा. ऐसा पहली बार हो रहा है जब भारत विदेश के किसी भी पोर्ट का प्रबंधन करने जा रहा है. संजीव श्रीवास्‍तव कहते हैं कि ये समझौता भारत और ईरान के गहरे होते संबंधों को भी दर्शाता है. ऐसी रिपोर्ट भी हैं कि इस चाबहार पोर्ट को इंटरनेशन नॉर्थ साउथ फ्रेट कॉरिडोर से भी जोड़ा जाएगा, अगर ऐसा होता है तो भारत की कनेक्टिविटी मध्‍य एशिया और रूस तक हो जाएगी.

मुझे लगता है कि इसका सबसे बड़ा लाभ अफगानिस्‍तान को मिलने जा रहा है. अभी तक भारत को पाकिस्‍तान के साथ तनावपूर्ण रिश्‍तों के कारण अफगानिस्‍तान में एक्‍सेस नहीं मिल पाता था. लेकिन अब ऐसा नहीं होगा और भारत की अफगानिस्‍तान तक पहुंच आसान हो जाएगी. चाबहार का जिस तरह से निर्माण किया है और अब उसका प्रबंधन किया है उससे ये पता चलता है कि भारत के रिश्‍ते मीडिल ईस्‍ट में बेहतर और मजबूत हो रहे हैं. आज भारत के सउदी अरब, ईरान जैसे देशों के साथ मजबूत हो रहे हैं. 

भारत की इस उपलब्धि से लगेगा चीन को झटका 

The Imagindia Institute के अध्‍यक्ष और विदेश मामलों के जानकार रोबिन्‍द्र सचदेव कहते हैं कि ईरान के चाबहार पोर्ट को लेकर 10 साल के लिए होने वाला ये समझौता बेहद अहम है. ऐसा पहली बार होने जा रहा है कि जब भारत पहली बार विदेश में किसी पोर्ट को मैनेज करने जा रहा है. इस पोर्ट का प्रबंधन मिलने से भारत की एंट्री सेंट्रल एशिया और रशिया तक कारोबार करने को लेकर हो जाएगी. यही नहीं इस उपलब्धि से भारत यूरोप तक आसानी से कारोबार कर पाएगा और स्विस कैनाल के बावजूद यूरोप पहुंचने में हमारे जहाजों को 15 दिन कम लगेंगे.

इस चाबहार पोर्ट की ये भी उपलब्धि है कि हम चाइना के बीआरएस प्रोजेक्‍ट को भी बायपास कर लेंगे. जैसा कि हम जानते हैं कि चाइना ईरान के साथ संबंध बढ़ाकर अपने प्रभाव को और मजबूत करने की कोशिश कर रहा है. बावजूद चीन की इस कोशिश के चाबहार पोर्ट का टेंडर भारत को टेंडर मिलना बड़ी बात है.  मौजूदा समय में दुनिया की जियोपालिटिक्‍स जिस तरीके से चल रही है उसमें तेहरान को लेकर तनाव है और अमेरिका-ईरान के बीच तनाव है, उसे देखते हुए ये समझौता और अहम हो जाता है. भारत ईरान के संबंध मजबूत हो रहे हैं. हर देश अपना पार्टनर ढूढ रहा है. उसे जो ठीक लगता है वो उसके साथ काम कर रहा है. 

 


आखिरी बाधा भी दूर, अंबानी की इस कंपनी पर जल्द होगा हिंदुजा समूह का कब्जा

इंश्योरेंस सेक्टर रेगुलेटर इरडा ने जूनियर अंबानी की कंपनी के अधिग्रहण को मंजूरी दे दी है.

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Monday, 13 May, 2024
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अनिल अंबानी (Anil Ambani) की कर्ज में डूबी कंपनी रिलायंस कैपिटल (Reliance Capital) के बिकने की राह में आ रही आखिरी बाधा भी दूर हो गई है. इंश्योरेंस सेक्टर रेगुलेटर इरडा (IRDAI) ने हिंदुजा ग्रुप द्वारा रिलायंस कैपिटल के अधिग्रहण को मंजूरी दे दी है. हिंदुजा समूह की इंडसइंड इंटरनेशनल होल्डिंग्स लिमिटेड (IIHL) अनिल अंबानी की इस कंपनी की नई मालिक बनेगी. IIHL को इस डील को 27 मई 2024 तक पूरा करना होगा. 

काफी लंबी चली समाधान प्रक्रिया
रिलायंस कैपिटल के अधिग्रहण की प्रक्रिया काफी लंबे समय से चल रही है. पिछले साल जुलाई में IIHL ने कंपनी के अधिग्रहण के लिए 9,861 करोड़ की बोली लगाई थी. रिलायंस कैपिटल के क्रेडिटर्स यानी लेनदारों ने उस बोली का समर्थन किया था और इसके पक्ष में 99% वोट पड़े थे. हालांकि, यह पूरी प्रक्रिया कानूनी मुकदमेबाजी में उलझती चली आई है. टोरेंट पावर ने IIHL की बोली को मंजूरी दिए जाने के खिलाफ अदालत का रुख अपनाया था. दरअसल, टोरेंट ने पहली नीलामी के दौरान 8,640 करोड़ रुपए की बोली लगाई थी. नीलामी प्रक्रिया के बाद हिंदुजा समूह ने 9000 करोड़ से अधिक की बोली लगाकर कर्जदाताओं को सोचने पर मजबूर कर दिया. लेकिन, टोरेंट का कहना था कि चूंकि हिंदुजा ने नीलामी प्रक्रिया के बाद बोली लगाई, लिहाजा उसे स्वीकार नहीं किया जाना चाहिए.  

2021 में भंग हुआ था बोर्ड
रिलायंस कैपिटल के रिलायंस जनरल इंश्योरेंस और रिलायंस निप्पॉन लाइफ इंश्योरेंस के बीमा कारोबार को IIHL को हस्तांतरित करने के लिए इरडा की मंजूरी जरूरी थी. अब जब यह मंजूरी मिल गई है, तो रिलायंस कैपिटल को नया मालिक मिलने का रास्ता साफ हो गया है. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने नवंबर 2021 में रिलायंस कैपिटल के बोर्ड को भंग करके बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स को हटा दिया था. नवंबर 2019 में नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) ने कर्ज में डूबी कंपनी के खिलाफ दिवालिया प्रक्रिया शुरू करने की अनुमति दी थी.

जारी नहीं किए वित्तीय परिणाम
राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (NCLT) ने इसी साल 27 फरवरी को समाधान योजना को मंजूरी देते हुए हिंदुजा समूह को 90 दिनों के भीतर यानी 27 मई तक समाधान योजना को लागू करने का निर्देश दिया था. रिलायंस कैपिटल की बात करें, तो कंपनी अपने ग्राहकों को फाइनेंस से जुड़ी करीब 20 सेवाएं देती है. कंपनी लाइफ इंश्योरेंस, जनरल इंश्योरेंस और हेल्थ इंश्योरेंस से जुड़ी सर्विसेज के साथ ही होम लोन, कमर्शियल लोन, इक्विटी और कमोडिटी ब्रोकिंग जैसे सेक्टर में भी सेवाएं दे रही थी. रिलायंस कैपिटल ने दिसंबर 2018 के बाद अपना कोई फाइनेंशियल रिजल्ट जारी नहीं किया है. 


इस हफ्ते 'छुट्टी वाले दिन' भी खुलेगा शेयर बाजार, इस खास वजह से होगी ट्रेडिंग

वीकेंड पर शेयर बाजार में छुट्टी रहती हैं, यानी शनिवार और रविवार को शेयर मार्केट बंद रहता है. लेकिन अगले सप्ताह शनिवार यानी 18 मई को भी स्टॉक मार्केट ट्रेडिंग के लिए खुला रहने वाला है.

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Monday, 13 May, 2024
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शेयर बाजार में आमतौर पर सप्‍ताह में पांच दिन ही कारोबार होता है. शनिवार और रविवार को छुट्टी होती है. लेकिन, अगले सप्‍ताह शनिवार को भी शेयर बाजार खुला रहेगा. यानी आप शनिवार, 18 मई को भी शेयर खरीद-बेच सकेंगे. इस दिन डिजास्टर रिकवरी साइट की टेस्टिंग होगी. NSE की तरफ से यह टेस्टिंग इक्विटी और इक्विटी डेरिवेटिव्स में की जाएगी. इस स्‍पेशल ट्रेडिंग सेशन में डिजास्टर रिकवरी साइट पर स्विच-ओवर किया जाएगा. इस पहल का मकसद किसी प्रकार की बड़ी बाधा या विफलता की स्थिति से निपटने को लेकर तैयारियों का आकलन करना है.

ट्रेडिंग सेशन में ‘डिजास्टर रिकवरी' साइट का उपयोग

स्पेशल ‘लाइव' ट्रेडिंग सेशन के दौरान प्राइमरी साइट (PR) की जगह ‘डिजास्टर रिकवरी' (DR) साइट का उपयोग किया जाएगा. किसी आपात स्थिति के दौरान प्राइमरी ‘डेटा सेंटर' के उपलब्ध नहीं होने की स्थिति में टेक्नोलॉजी, इंफ्रास्ट्रचर और ऑपरेशन को बहाल करने के लिए ‘डिजास्टर रिकवरी साइट' (Disaster Recovery Site) का उपयोग किया जाता है.

इस सेशन के लिए प्रमुख दिशानिर्देश दिये गए हैं:

1. सभी सिक्योरिटीज़ का अधिकतम प्राइस बैंड 5% होगा. पहले से ही 2% या उससे कम प्राइस बैंड में मौजूद प्रतिभूतियां, संबंधित बैंड में उपलब्ध रहेंगी.
2. सभी क्लोज-एंडेड म्यूचुअल फंड पर 5% का प्राइस बैंड लागू होगा.
3. सभी फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट की डेली ऑपरेटिंग रेंज 5% होगी.
4. उस दिन सिक्योरिटी या फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट का कोई फ्लेक्सिंग लागू नहीं होगा.
5. इक्विटी सेगमेंट और फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट के लिए प्राइस बैंड जो डीसी पर दिन की शुरुआत में लागू होगा, डीआर पर भी लागू होगा. प्राथमिक साइट पर क्लोज़िंग टाइम तक बाजार के कारकों के कारण ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट के प्राइस बैंड में कोई भी बदलाव डिजास्टर रिकवरी साइट पर आगे बढ़ाया जाएगा.

शेयर मार्केट में इस हफ्ते कमाई का जबरदस्त मौका, खुलने जा रहे ये 6 IPO, जानिए पूरी डिटेल्स

ये है स्पेशल ट्रेडिंग सेशन की टाइमिंग

स्‍पेशल ट्रेडिंग सेशन को लेकर दोनों स्टॉक एक्सचेंज ने अलग-अलग सर्कुलर में कहा कि 18 मई दो स्पेशल ट्रेडिंग सेशन होंगे. जिसमें पहला सत्र प्राइमरी साइट (PR) से सुबह 9:15 बजे से 10 बजे तक और दूसरा सुबह 11:45 बजे से दोपहर 12:40 बजे तक होगा. NSE ने कहा कि शेयर बाजार शनिवार, 18 मई, 2024 को इक्विटी और इक्विटी वायदा एवं विकल्प खंड में ‘प्राथमिक साइट’ से ‘डिजास्टर रिकवरी साइट’ पर कारोबार के दौरान जाने के साथ एक विशेष ‘लाइव’ कारोबारी सत्र आयोजित करेगा.

इससे पहले भी खुल चुका है छुट्टी के दिन बाजार

इससे पहले NSE और BSE ने 2 मार्च को डिसास्टर रिकवरी सेशन आयोजित किया था, उस दिन भी शनिवार ही था. अन्य छुट्टियों के अलावा, शेयर बाज़ार हर शनिवार और रविवार को बंद रहते हैं, लेकिन बहुत अधिक आवशयक होने पर शेयर बाजार वीकेंड पर खुला रखने का विकल्प चुन सकते हैं जैसा कि 2020 के बजट के दौरान देखा गया था, जब बीएसई और एनएसई 1 फरवरी को ट्रेड के लिए खुले थे, जो शनिवार का दिन था.
 


शेयर मार्केट में इस हफ्ते कमाई का जबरदस्त मौका, खुलने जा रहे ये 6 IPO, जानिए पूरी डिटेल्स

इस हफ्ते 6 कंपनियों के IPO लॉन्च होने वाले हैं. अगर आप IPO में निवेश करना पसंद करते हैं तो अगले हफ्ते आपके पास शानदार मौका है. आइए आपको अपकमिंग IPO की पूरी डिटेल्स बताते हैं.

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Monday, 13 May, 2024
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अगर आप भी शेयर बाजार से कमाई करते हैं या करना चाहते हैं तो ये खबर आपके काम की है. दरअसल, शेयर बाजार में इस हफ्ते IPO की धूम रहने वाली है. एक के बाद एक कई कंपनियां अगले हफ्ते अपने IPO लॉन्च करने जा रही है, जिसमें निवेश करके आप अच्छी कमाई कर सकते हैं. पिछले दिनों भी बहुत सी कंपनियों के IPO लॉन्च हुए हैं, जिन्होंने निवेशकों को अच्छा मुनाफा दिया है. ऐसे में अगर आप आईपीओ में निवेश करना पसंद करते हैं तो अगले हफ्ते आपके पास शानदार मौका है. आइए आपको अपकमिंग IPO की पूरी डिटेल्स बताते हैं.

मेनबोर्ड सेगमेंट

Go Digit IPO- इस आईपीओ में 15 मई से 17 मई तक सब्सक्राइब करने का मौका होगा. विराट कोहली और अनुष्का शर्मा के निवेश वाली ये कंपनी ₹2614.64 करोड़ जुटाएगी. इसमें ₹1125 करोड़ के फ्रेश शेयर जारी होंगे और 5.48 करोड़ शेयरों का ऑफर फॉर सेल होगा. IPO के लिए प्राइस बैंड ₹258 - ₹272 प्रति शेयर तय किया गया है. 23 मई को इसकी NSE और BSE पर लिस्टिंग होनी है.

SME सेगमेंट

Indian Emulsifier IPO- यह पब्लिक इश्यू 13 मई को खुल रहा है और 16 मई को बंद होगा। प्लान 42.39 करोड़ रुपये जुटाना है. IPO के लिए प्राइस बैंड 125-132 रुपये प्रति शेयर और लॉट साइज 1000 शेयर है. इश्यू क्लोज होने के बाद शेयरों की लिस्टिंग NSE SME पर 22 मई को होगी.

Mandeep Auto Industries IPO- 25.25 करोड़ रुपये के इस इश्यू में 13 मई से 15 मई तक बोली लगा सकेंगे. शेयरों की लिस्टिंग NSE SME पर 21 मई को होगी। IPO का प्राइस बैंड 67 रूपये प्रति शेयर और लॉट साइज 2000 शेयर है.

Veritaas Advertising IPO- यह IPO 13 मई को खुलकर 15 मई को बंद होगा. कंपनी का इरादा 8.48 करोड़ रुपये जुटाने का है. इश्यू क्लोज होने के बाद शेयर NSE SME पर लिस्ट होंगे. प्राइस बैंड 109-114 रुपये प्रति शेयर और लॉट साइज 1200 शेयर है.

Rulka Electricals Limited IPO- इस इश्यू की ओपनिंग 16 मई को और क्लोजिंग 21 मई को होगी. कंपनी 26.40 करोड़ रुपये जुटाना चाहती है. प्राइस बैंड 223-235 रुपये प्रति शेयर और लॉट साइज 600 शेयर है. शेयरों की लिस्टिंग NSE SME पर 24 मई को होगी.

Quest Laboratories Limited IPO- 43.16 करोड़ रुपये के इस IPO में 15 मई से लेकर 17 मई तक पैसे लगा सकेंगे. प्राइस बैंड 93-97 रुपये प्रति शेयर रखा गया है. लॉट साइज 1200 शेयर है. शेयरों की लिस्टिंग NSE SME पर 23 मई को होगी.

इन कंपनियों की होगी लिस्टिंग

नए सप्ताह में मेनबोर्ड सेगमेंट में 13 मई को Indegene IPO, 15 मई को Aadhar Housing Finance IPO और TBO Tek IPO, BSE और NSE पर लिस्ट होंगे. SME सेगमेंट में 14 मई को NSE SME पर Refractory Shapes, Winsol Engineers और BSE SME पर Finelistings Technologies के शेयर लिस्ट होंगे. 15 मई को NSE SME पर Silkflex Polymers और BSE SME पर TGIF Agribusiness के शेयरों की लिस्टिंग है. 16 मई को NSE SME पर Energy Mission Machineries IPO की लिस्टिंग होगी. 17 मई को BSE SME पर Piotex Industries, Aztec Fluids & Machinery के शेयर और NSE SME पर Premier Roadlines के शेयर लिस्ट होंगे.
 


महिलाओं को फ्री बस सर्विस बनी Metro की मुसीबत, प्रोजेक्ट का साथ छोड़ सकती है L&T!

मुफ्त बस सफर की योजना के चलते पिछले कुछ वक्त से मेट्रो यात्रियों की संख्या में कमी आई है.

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Monday, 13 May, 2024
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वोट की आस में मुफ्त की रेवड़ियां (Freebies) बांटने की परंपरा राज्यों की आर्थिक सेहत खराब कर रही है, लेकिन इसके बावजूद कोई इस परंपरा को बदलने को तैयार नहीं है. मध्य प्रदेश की BJP सरकार कर्ज लेकर महिलाओं को बिना किसी काम के 1250 रुपए प्रति महिना दे रही है और अब इसे बढ़ाने की तैयारी है. उधर, तेलंगाना (Telangana) की कांग्रेस सरकार भी मुफ्त की रेवड़ियों की कैटेगरी में आने वाली कुछ योजनाएं चला रही है. ऐसी ही एक योजना के चलते हैदराबाद मेट्रो (Hyderabad Metro) को भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है. स्थिति ये हो चली है कि प्रमोटर कंपनी L&T इस परियोजना से बाहर निकलने पर विचार कर रही है. 

यात्रियों की संख्या में गिरावट 
तेलंगाना सरकार महिलाओं के लिए मुफ्त बस यात्रा योजना चला रही है. इस स्कीम का खामियाजा हैदराबाद मेट्रो को उठाना पड़ रहा है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मेट्रो प्रोजेक्ट की प्रमोटर कंपनी एलएंडटी अब इस परियोजना से बाहर निकलने पर विचार कर रही है. मेट्रो प्रोजेक्ट की वित्तीय सेहत कंपनी के लिए चिंता का विषय बन गई है. एलएंडटी ने 2021 से हैदराबाद मेट्रो को अपनी बुक में नॉन-कोर एसेट के रूप में लिस्ट कर दिया था. मेट्रो से यात्रा करने वालों की संख्या में कमी दर्ज की गई है. नवंबर 2023 में मेट्रो से प्रतिदिन सफर करने वाले यात्रियों की संख्या 5.5 लाख थी, जो अब गिरकर 4.6 लाख रह गई है.

पिछले साल शुरू हुई थी योजना
तेलंगना सरकार ने 9 दिसंबर, 2023 को महिलाओं के लिए मुफ्त बस यात्रा योजना का ऐलान किया था. हैदराबाद मेट्रो प्रोजेक्ट के व्यवहार्य होने के लिए, यात्रियों की संख्या प्रति दिन 5 लाख से अधिक होनी चाहिए और इसका कर्ज 12000 करोड़ से कम होकर 8,000 करोड़ रुपए होना चाहिए. एलएंडटी को यह प्रिजेक्ट 2010 में मिला था. देरी के चलते इसकी अनुमानित लागत पहले ही 14,000 करोड़ से बढ़कर 20,000 करोड़ रुपए हो गई थी. इस प्रजेक्ट की 69 किलोमीटर लाइन 2020 में पूरी हो गई थी.  

L&T के पास 90% हिस्सेदारी
एलएंडटी 2026 के बाद इस प्रजेक्ट से बाहर निकलने पर विचार करेगी. इस कंपनी के पास हैदराबाद मेट्रो में 90% हिस्सेदारी है, जबकि तेलंगाना सरकार के पास शेष 10% हिस्सेदारी है. इस संबंध में एक मीडिया हाउस से बातचीत में L&T के सीएफओ शंकर रमन ने कहा कि सरकार की इस योजना से राज्य की वित्तीय स्थिति में कोई मदद नहीं मिलेगी. परिवहन प्रणाली में जेंडर डिस्ट्रिब्युशन हो रहा है. बसों का इस्तेमाल उन महिलाओं द्वारा किया जा रहा है, जो कोई पेमेंट नही करती हैं और मेट्रो का इस्तेमाल ऐसे पुरुषों द्वारा किया जा रहा है, जो प्रति टिकट औसतन 35 रुपए का भुगतान करते हैं.