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मामूली राहत के बाद UK में फिर महंगाई की मार, क्या अब भी बढ़ेंगी ब्याज दरें?
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक की चिंता बढ़ गई है, क्योंकि महंगाई ने एक बार फिर से रफ्तार पकड़ ली है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 year ago
ब्रिटेन में महंगाई से लोगों को मुक्ति नहीं मिल रही है. तीन महीने की मामूली राहत के बाद फरवरी में महंगाई ने फिर से छलांग लगाकर लोगों की परेशानियों में इजाफा कर दिया है. राष्ट्रीय सांख्यिकीय कार्यालय की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार, उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (Consumer Prices Index) फरवरी में बढ़कर 10.4 प्रतिशत पर पहुंच गया, जो जनवरी में 10.1 प्रतिशत था. इस खबर ने प्रधानमंत्री ऋषि सुनक की चिंता भी बढ़ा दी है, क्योंकि ब्रिटेनवासियों ने इसी उम्मीद के साथ उन्हें सत्ता में पहुंचाया था कि वह उन्हें चढ़ती कीमतों से मुक्ति दिलाएंगे.
लक्ष्य से 5 गुना अधिक
ब्रिटेन में महंगाई सभी रिकॉर्ड तोड़ चुकी है. मुद्रास्फीति बैंक ऑफ इंग्लैंड के दो प्रतिशत के लक्ष्य से पांच गुना से भी अधिक बनी हुई है. हालांकि अर्थशास्त्रियों का अनुमान है कि साल के अंत तक कीमतों में गिरावट आ सकती है. महंगाई के इस आंकड़े ने बैंक ऑफ इंग्लैंड की मुश्किलों में भी इजाफा कर दिया है, उसके लिए भी गुरुवार को होने वाली बैठक में ब्याज दरों में इजाफे का फैसला लेना आसान नहीं होगा.
पड़ेगी दोहरी मार!
भारतीय रिजर्व बैंक की तरह ही बैंक ऑफ इंग्लैंड भी महंगाई कम करने के लिए पिछले कुछ समय से लगातार ब्याज दरों में इजाफा कर रहा है, लेकिन उसके प्रयासों का कोई खास फायदा होता नजर नहीं आ रहा है. ब्रिटेन में खाने-पीने की चीजों के दाम आसमान पर पहुंच गए हैं. अब यदि ऐसे में बैंक ऑफ इंग्लैंड फिर से ब्याज दरों में वृद्धि करता है, तो आम आदमी के लिए यह दोहरी मार होगी.
फूड बैंकों पर निर्भरता बढ़ी
उधर, बढ़ती महंगाई के बीच ब्रिटेन में फूड बैंकों पर आम लोगों की निर्भता बढ़ती जा रही है. फूड बैंक लोगों को मुफ्त भोजन बांटते हैं, इसलिए महंगाई से त्रस्त लोग लगातार यहां पहुंच रहे हैं. एक रिपोर्ट में बताया गया है कि दिसंबर से ही फूड बैंकों पर निर्भर लोगों की संख्या में भारी इजाफा देखने को मिल रहा है. महंगाई के चलते लोगों के लिए जरूरत का सामान खरीदना मुश्किल हो गया है, ऐसे में उनके लिए फूड बैंक ही पेट भरने का एकमात्र साधन हैं.
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