TRAI ने पब्लिक डेटा सेंटर को लेकर एक रिपोर्ट पेश की है. इसमें ब्रॉडबैंड (Broadband) कनेक्शन चार्ज को कम करने का प्रस्ताव रखा गया है.
भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) ने ब्रॉडबैंड (Broadband) कनेक्शन चार्ज को कम करने का प्रपोजल दिया है. हालांकि ये प्रपोजल पब्लिक डेटा ऑफिस के लिए इस्तेमाल होने वाले वाई-फाई (WiFi) कनेक्शन के लिए दिया गया है. तो आइए जानते हैं ट्राई ने ये फैसला क्यों लिया है और इसका लाभ किन लोगों को मिलेगा?
FTTH के मुकाबले ILL रिचार्ज महंगे
ट्राई के अनुसार टेलीकॉम टैरिफ ऑर्डर के एक्सप्लेन नोट में पाया गया कि इंटरनेट की लीज लाइन टैरिफ काफी महंगी हो गई है. इसमें फाइबर-टू-द-होम (FTTH) और इंटरनेट लीज लाइन (ILL) टैरिफ की तुलना की है. ट्राई ने कहा कि 100 Mbps प्लान की लीज लाइन टैरिफ, फाइबर-टू-होम के मुकाबले 40-80 गुना महंगी है. यानी इससे यूजर्स को काफी नुकसान होने वाला है.
ट्राई ने इसलिए लिया ये फैसला
टाई ने डेटा की कम खपत का हवाला देते हुए कहा है कि PM-Wani सेंट्रल रजिस्ट्री से मिली जानकारी के अनुसार डेली एवरेज डेटा यूसेज में गिरावट देखी गई है. पिछले साल तक एवरेज यूसेज 1 GB डेली यूसेज थी, जो अब काफी कम होकर कुछ MB रह गई है. ये मंथली एवरेज डेटा लिमिट से भी काफी कम है. रिटेल ब्रॉडबैंड कस्टमर्स का रुझान कम होता जा रहा है. इन्हीं का हवाला देते हुए ट्राई ने ब्रॉडबैंड कनेक्शन की कीमत कम करने की सलाह दी है.
इन लोगों के लिए सस्ते होंगे रिचार्ज
ट्राई ने कहा है कि भारत में बहुत सारी ऐसी दुकानें हैं, जिनका मुनाफा काफी कम है और वह महंगे रिचार्ज प्लान को अफोर्ड नहीं कर सकती हैं. ऐसे में ऐसी सभी शॉप्स के लिए सस्ते प्लान पर काम करना चाहिए. पब्लिक डेटा ऑफिस (PDO) में कुछ ऑफिस तो ऐसे भी हैं जिन्हें ILL कनेक्शन की जरूरत भी नहीं है और वह आसानी से सस्ते रिचार्ज प्लान की मदद से काम कर सकते हैं तो उन्हें महंगे रिचार्ज लेने के बाद काफी नुकसान हो रहा है.
पब्लिक डेटा इस्तेमाल करने वालों को होगा फायदा
ट्राई के इस फैसले से पब्लिक डेटा का इस्तेमाल करने वाले लोगों को काफी फायदा मिलने वाला है. साथ ही एक बार कनेक्शन सस्ता होने के बाद डेटा यूसेज भी ज्यादा हो जाएगी.
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टाटा संस के पूर्व चेयरमैन रतन नवल टाटा मुंबई के एक अस्पताल में हेल्थ चेकअप के लिए गए हुए हैं. ऐसे में उनकी तबीयत को लेकर सोशल मीडिया पर कई तरह की अफवाहें फैल रही हैं.
दिग्गज कारोबारी और टाटा संस के पूर्व चेयरमैन रतन नवल टाटा (86) मुंबई स्थित ब्रीच कैंडी अस्पताल में हेल्थ चेकअप के लिए गए हुए हैं. इस बीच उनकी हेल्थ को लेकर काफी तेजी से अफवाहें फैलने लगी, जिसे देखते हुए उन्होंने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट की है. बता दें, रतन टाटा की तबीयत को लेकर ये खबर वायरल हो रही थी कि रतन टाटा को गंभीर हालत में रात 12:30 से 1:00 बजे के बीच अस्पताल में भर्ती कराया गया है. मीडिया रिपोर्ट्स के हवाले से यह दावा किया जा रहा था कि उनका ब्लड प्रेशर बहुत कम हो गया था, इसलिए उन्हें तुरंत आईसीयू में ले जाया गया, जहां जाने-माने हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. शारुख अस्पी गोलवाला की देखरेख में उनका इलाज चल रहा है. हालांकि अब उन्होंने खुद इंस्टाग्राम और एक्स पर पोस्ट करके अपनी हेल्थ को लेकर जानकारी साझा की है.
रतन टाटा ने अफवाहों को बताया गलत
रतन टाटा ने अपनी पोस्ट में लिखा है कि उनकी तबीयत को लेकर फैली अपवाएं गलत हैं. वह अभी बढ़ती उम्र और स्वास्थ्य समस्याओं को लेकर मेडिकल चेकअप्स करा रहे हैं. इसमें परेशान होने वाली कोई बात नहीं है. मैं बिल्कुल ठीक हूं, उन्होंने लोगों और मीडिया से अपील की है कि वह कोई भी गलत सूचना न फैलाएं.
1962 में बने टाटा ग्रुप का हिस्सा
28 दिसंबर 1937 को तत्कालीन बॉम्बे जो अब मुंबई के नाम से जाना जाता है. वहां रतन टाटा का जन्म हुआ. वह टाटा ग्रुप के संस्थापक जमशेदजी टाटा के परपोते हैं. वे 1990 से 2012 तक ग्रुप के अध्यक्ष थे और अक्टूबर 2016 से फरवरी 2017 तक अंतरिम अध्यक्ष थे. रतन टाटा ग्रुप के धर्मार्थ ट्रस्टों के प्रमुख बने हुए हैं. रतन टाटा 1962 में टाटा ग्रुप का हिस्सा बने. उन्होंने 1990 में ग्रुप के अध्यक्ष बनने से पहले कई कार्य किए और धीरे-धीरे बिजनेस की सीढ़ी चढ़ते गए. उनके कार्यकाल में टाटा ग्रुप ने घरेलू और विदेश दोनों ही स्तरों पर पर्याप्त वृद्धि और विस्तार का अनुभव किया. टाटा की दूरदर्शिता और रणनीतिक सोच ने कंपनी को टेलीकॉम, रिटेल और ऑटो जैसे नए उद्योगों में विस्तार करने की अनुमति दी.
इतनी संपत्ति के मालिक हैं रतन टाटा
रतन टाटा की सबसे खास उपलब्धियों में से एक 2008 में जगुआर लैंड रोवर का अधिग्रहण था, जो टाटा ग्रुप के इतिहास में एक महत्वपूर्ण क्षण था. परोपकार और कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी के प्रति उनके समर्पण के चलते उन्हें भारत के दो सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्म भूषण और पद्म विभूषण सहित कई सम्मान दिलाए हैं. साल 2024 तक रतन टाटा की कुल संपत्ति 1.5 बिलियन डॉलर यानी करीब 12,483 करोड़ रुपये होने का अनुमान है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार रतन टाटा की कुल संपत्ति 3,800 करोड़ रुपये है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार वह अपनी कमाई का 66 प्रतिशत हिस्सा दान कर देते हैं. वे टाटा ट्रस्ट में अपनी इनकम का एक बड़ा हिस्सा दान करते हैं.
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CITU चाहती है कि उनकी यूनियन को स्वीकार किया जाए और वह जोर दे रही है कि यह बातचीत केवल उनके नेताओं के साथ होनी चाहिए, जो सैमसंग के कर्मचारी नहीं हैं.
सैमसंग (Samsung) के दक्षिण भारत प्लांट में चल रही स्ट्राइक को लगभग एक महीना होने जा रहा है. तमाम कोशिशों और सख्ती के बावजूद चेन्नई प्लांट के कर्मचारी हड़ताल खत्म करने को राजी नहीं है. अब इस मामले में तमिलनाडु सरकार ने भी एंट्री ले ली है. प्रदेश के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन (MK Stalin) ने अपने 3 मंत्रियों को इस हड़ताल को खत्म करवाने की जिम्मेदारी सौंपी है. इस बीच जानकारी सामने आ रही है कि सैमसंग कर्मचारियों की सभी मांगें मानने को राजी हो गई है. मगर, कंपनी का आरोप है कि कर्मचारी यूनियन सीटू (CITU) इस समझौते में अड़ंगा लगा रही है.
तमिलनाडु के इंडस्ट्री मंत्री से मिले सैमसंग के अधिकारी
बिजनेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट के अनुसार, कोरियाई इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी सैमसंग के वरिष्ठ अधिकारियों ने रविवार को तमिलनाडु के इंडस्ट्री मिनिस्टर टीआरबी राजा (TRB Rajaa) से मुलाकात की. इस दौरान उनके प्लांट में चल रही हड़ताल को जल्द से जल्द खत्म करवाने की डिमांड की. सैमसंग के इस प्लांट में करीब 1,750 कर्मचारी काम करते हैं. इनमें से लगभग 1,100 लोग 9 सितंबर से ही हड़ताल पर हैं. उनकी मांग है कि सैलरी में इजाफा किया जाए. काम के घंटे बेहतर किए जाएं और उनकी यूनियन सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन (Centre of Indian Trade Unions) को मान्यता प्रदान की जाए.
जल्द ही किसी समझौते पर पहुंच जाएंगे मैनेजमेंट और कर्मचारी
मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने टीआरबी राजा के अलावा एमएसएमई मंत्री टीएम अंबरासन (TM Anbarasan) और लेबर मिनिस्टर सीवी गणेशन (CV Ganesan) को सैमसंग स्ट्राइक को खत्म करवाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है. टीआरबी राजा ने कहा कि हमने सैमसंग के मैनेजमेंट से चर्चा की है. इस मसले पर जल्द से जल्द कोई हल निकाला जाएगा. हमें पूरी उम्मीद है कि सैमसंग का मैनेजमेंट और हड़ताल कर रहे कर्मचारी जल्द ही किसी समझौते पर पहुंच जाएंगे. इससे सभी को लाभ होगा.
हड़ताल के चलते सैमसंग को फेस्टिव सीजन के दौरान बड़ा झटका
इस मामले में हाल ही में रैली निकाल रहे करीब 900 हड़ताली कर्मचारियों को हिरासत में लिया गया था. इसके अलावा कंपनी की इस हड़ताल को रोकने के लिए सैमसंग कोर्ट का दरवाजा भी खटखटा चुकी है. साथ ही इन कर्मचारियों को नौकरी से निकालने का नोटिस भी दिया गया था. हाल ही में जानकारी सामने आई थी कि कंपनी ने इन कर्मचारियों को चॉकलेट भेजे थे. साथ ही कहा था कि वह कर्मचारियों के हित में ही फैसले लेगी. इस हड़ताल के चलते सैमसंग को फेस्टिव सीजन के दौरान बड़ा झटका लगा है.
यह ट्वीट वॉर सोशल मीडिया पर कई लोगों के मनोरंजन का साधन बन गई है. इस मसले में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और जागो ग्राहक जागो को भी टैग किया गया है.
एक ही सेक्टर में बिजनेस और नौकरी कर रहे लोगों के बीच तो हमने प्रतिस्पर्धा और आपसी टकराव के कई किस्से सुने हैं. मगर, कभी दो अलग-अलग क्षेत्रों में काम कर रहे लोगों के बीच का विवाद कभी सुनने को नहीं आता. हालांकि, कुछ ऐसा ही देखने को मिल रहा है ओला (OLA) के सीईओ भविष अग्रवाल और कॉमेडियन कुणाल कामरा के बीच. इन दोनों के बीच सोशल मीडिया पर जुबानी जंग जारी है. उसमें भी मामला इसलिए रोचक है कि इन दोनों के बीच कोई निजी टकराव नहीं था. कुणाल कामरा का कस्टमर की समस्यायों को लेकर एक ट्वीट भविष अग्रवाल को पसंद नहीं आया. उन्होंने इसका करारा जवाब दिया. इसके बाद से ही दोनों के बीच ट्वीट वॉर चल रही है. सोशल मीडिया पर लोग इसमें बहुत रुचि ले रहे हैं.
कुणाल कामरा ने ओला पर कसा तंज
दरअसल, कुणाल कामरा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक फोटो पोस्ट करते हुए अपने ट्वीट में लिखा था कि क्या भारतीय उपभोक्ताओं के पास अपनी आवाज उठाने का कोई जरिया है. क्या उनके साथ ऐसा किया जाना चाहिए. दोपहिया लोगों की जरूरत है. कई लोग इससे अपनी रोजी रोटी चला रहे हैं. अगर किसी को भी ओला इलेक्ट्रिक (OLA Electric) को लेकर कोई समस्या है तो अपनी कहानी यहां लिखे. इस तस्वीर में ओला का एक शोरूम दिखाई पड़ रहा है, जहां धूल में भरी हुई कई स्कूटर खड़ी हुई हैं. इस ट्वीट में उन्होंने नितिन गडकरी और जागो ग्राहक जागो को भी टैग किया था. साथ ही पूछा था कि क्या इस तरह से लोग इलेक्ट्रिक वेहिकल की ओर रुख कर पाएंगे.
भविष अग्रवाल ने कुनाल कामरा पर किया हमला
इस ट्वीट से भविष अग्रवाल बुरी तरह से भड़क गए. उन्होंने तीखा हमला बोलते हुए लिखा कि आपको ज्यादा चिंता हो रही है तो आइए और हमारी मदद कीजिए. आपने जितना पैसा इस पेड ट्वीट के जरिए कमाया होगा, मैं आपको उससे ज्यादा दूंगा. भविष अग्रवाल ने कुणाल कामरा के करियर पर ही सवाल उठा दिए. उन्होंने लिखा कि ‘कॉमेडियन बन ना सके, चौधरी बनने चले.' जाहिर तौर पर भाविष अग्रवाल ने कुणाल कामरा के हर ईंट का जवाब पत्थर से देने की ठान ली है और वो ऐसा ही कर रहे हैं. इससे पहले उन्होंने लिखा कि चोट लगी क्या, दर्द हुआ, सर्विस सेंटर आ जाओ. यहां बहुत काम है. मैं आपके फ्लॉप शो से ज्यादा पैसा दूंगा.
Amul रोजाना 310 लाख लीटर से अधिक दूध का प्रोडक्शन करती है. कंपनी देशभर में 107 डेयरी प्लांट और 50 से अधिक प्रोडक्ट के साथ सालाना 22 अरब पैक की सप्लाई करता है.
देश की प्रसिद्ध डेयरी कंपनी अमूल (Amul) के प्रोडक्ट अब विदेशों में भी पसंद किए जा रहे हैं. ऐसे में अमेरिका की सफलता के बाद अब अमूल ने यूरोप की ओर रुख करने की योजना बना ली है. कंपनी ने खुद इसकी घोषणा की है. तो आइए जानते हैं कंपनी की पूरी योजना क्या है?
कंपनी ने क्या कहा?
कंपनी के अनुसार हाल ही में अमेरिका में पेश किया गया दूध बेहद सफल रहा है और अब वह यूरोपीय बाजार में उतरने को तैयार है. अमूल और गुजरात सहकारी दुग्ध विपणन संघ लिमिटेड (जीसीएमएमएफ) के मैनेजिंग डायरेक्टर जयेन मेहता ने कहा है कि भारत अब दुनिया का सबसे बड़ा दूध उत्पादक है और आगामी वर्षों में दुनिया के कुल दूध उत्पादन का एक-तिहाई भारत में होगा.
यूरोप में उतरने को तैयार
मेहता ने कहा कि डेयरी सिर्फ एक कारोबार नहीं है, यह ग्रामीण भारत की लाइफ लाइन है. अमेरिका में अमूल द्वारा हाल ही में पेश किए गए दूध के बारे में बात करते हुए मेहता ने कहा कि यह बेहद सफल रहा है, और अब वे पहली बार यूरोपीय बाजार में उतरने के लिए तैयार हैं. उन्होंने कहा कि प्रासंगिक बने रहने के लिए अमूल प्रोटीन युक्त, ऑर्गेनिक और रसायन मुक्त उत्पादों की पेशकश करने पर ध्यान केंद्रित करती है.
रोजाना 310 लाख लीटर से अधिक दूध का कलेक्शन
मेहता ने कहा कि अमूल रोजाना 310 लाख लीटर से अधिक दूध कलेक्शन करती है. उन्होंने कहा कि भारत भर में 107 डेयरी प्लांट और 50 से अधिक उत्पादों के साथ अमूल द्वारा सालाना 22 अरब पैक की सप्लाई की जाती है. उन्होंने दावा किया कि अमूल का कारोबार 80,000 करोड़ रुपये का है और अब यह ग्लोबल लेवल पर सबसे मजबूत डेयरी और फूड ब्रांड है, जिसके मालिक 36 लाख किसान हैं.
अडानी समूह ने अहमदाबाद के कुछ क्षेत्रों में घरेलू उपयोग के लिए पाइपलाइन वाली गैस में ग्रीन हाइड्रोजन मिलाना शुरू कर दिया है.
गौतम अडानी के अडानी ग्रुप ने देश से पॉल्यूशन को कम करने के लिए देश में सबसे बड़ा प्रोग्राम शुरू किया है. रिपोर्ट के अनुसार अडानी ग्रुप ने नेट जीरो पॉल्यूशन का टारगेट हासिल करने के लिए अहमदाबाद के कुछ हिस्सों में घरों में सप्लाई की जाने वाली पाइप नेचुरल गैस में ग्रीन हाइड्रोजन मिक्स करने का काम शुरू किया है. लिंक्डइन पर पोस्ट में कंपनी ने यह जानकारी देते हुए कहा कि फ्रांस की ऊर्जा क्षेत्र की दिग्गज टोटलएनर्जीज के साथ ग्रुप की शहर गैस डिस्ट्रीब्यूशन यूनिट अडानी टोटल गैस लिमिटेड ने अहमदाबाद के शांतिग्राम में पाइप वाली नेचुरल गैस सप्लाई में 2.2-2.3 फीसदी ग्रीन हाइड्रोजन का मिश्रण करना शुरू कर दिया है.
PNG में मिक्स किया ग्रीन हाइड्रोजन
स्वच्छ मार्गों के माध्यम से उत्पादित हाइड्रोजन को प्राकृतिक गैस पाइपलाइन में डाला जाता है. कंपनी ने इलेक्ट्रोलाइसिस प्रोसेस के माध्यम से पानी को हाइड्रोजन और ऑक्सीजन में विभाजित करने के लिए विंड या सोलर एनर्जी जैसे नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों का उपयोग करके हरित हाइड्रोजन का उत्पादन शुरू किया है. इस हाइड्रोजन को प्राकृतिक गैस में मिलाया जाता है. इसकी आपूर्ति घरों में खाना पकाने के लिए और उद्योग को की जाती है. एटीजीएल ने बयान कहा कि हम अहमदाबाद के अडानी शांतिग्राम में अपने हाइड्रोजन मिश्रण प्रणाली के सफलता से शुरू होने की घोषणा करते हुए काफी रोमांचित हैं.
ग्रुप का सबसे बड़ा प्रोजेक्ट
पोस्ट में कहा गया है कि यह परियोजना 4,000 घरेलू और वाणिज्यिक उपभोक्ताओं को निर्बाध हाइड्रोजन-मिश्रित प्राकृतिक गैस प्रदान करेगी. वर्तमान में, पब्लिक सेक्टर की बिजली उत्पादक एनटीपीसी गुजरात के सूरत जिले के कवास में घरों को ग्रीन हाइड्रोजन मिश्रित प्राकृतिक गैस की सप्लाई करती है. गेल (इंडिया) लिमिटेड भी मध्य प्रदेश के इंदौर में ग्रे हाइड्रोजन के साथ सीएनजी की सप्लाई के लिए एक छोटे पायलट प्रोजेक्ट पर काम कर रही है. एटीजीएल की परियोजना अबतक की सबसे बड़ी है. कंपनी धीरे-धीरे प्राकृतिक गैस में हरित हाइड्रोजन मिश्रण को पांच फीसदी और अंततः आठ फीसदी तक बढ़ाएगी और शांतिग्राम से आगे अहमदाबाद के अन्य हिस्सों और अंततः अन्य क्षेत्रों में इसकी सप्लाई बढ़ाएगी.
पॉल्यूशन कम करने पर काम
एटीजीएल ने कहा कि यह उपलब्धि हमारे कार्बन उत्सर्जन को कम करने और स्वच्छ ऊर्जा समाधान की ओर बढ़ने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. हाइड्रोजन को प्राकृतिक गैस के साथ मिलाकर हम ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम कर रहे हैं, ऊर्जा सुरक्षा को बढ़ा रहे हैं और सतत विकास का समर्थन कर रहे हैं. एटीजीएल के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) सुरेश पी मंगलानी ने कहा कि कंपनी की यह अग्रणी पहल भारत के ऊर्जा परिदृश्य को कार्बन मुक्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.
शेयर मार्केट में निवेश करने वालों को इस हफ्ते दो आईपीओ में निवेश करने का मौका मिलेगा. इनमें एक आईपीओ मेन बोर्ड और दूसरा SME सेगमेंट से है.
पिछले महीने हमने IPO मार्केट में बड़ी उथलपुथल देखी. सितंबर में 12 मेनबोर्ड और 40 एसएमई कंपनियों ने शेयर मार्केट पर एंट्री ली. इस साल लगातार हर हफ्ते आईपीओ मार्केट नई-नई कंपनियों के इश्यू से गुलजार रहा है. अब अगले हफ्ते थोड़ी सी शांति रहने वाली है. सोमवार यानि आज से शुरू हो रहे हफ्ते में दो कंपनियों के आईपीओ ही मार्केट में कदम रखने वाले हैं. इनमें से एक मेनबोर्ड और एक एसएमई आईपीओ होगा. मेनबोर्ड सेगमेंट में गरुड़ कंस्ट्रक्शन एंड इंजीनियरिंग (Garuda Construction and Engineering) और एसएमई सेगमेंट में शिव टेक्सकेम (Shiv Texchem) का आईपीओ एंट्री लेगा.
Garuda Construction and Engineering IPO
मेन बोर्ड के इस आईपीओ का इश्यू साइज 264.10 करोड़ रुपये है. इसमें 173.85 करोड़ रुपये के 1.83 करोड़ फ्रेश इश्यू जारी होंगे. वहीं 90.25 करोड़ रुपये के 95 लाख शेयर ऑफर फॉर सेल (OFS) के तहत जारी किए जाएंगे. यह आईपीओ निवेश के लिए 8 अक्टूबर को खुलेगा, निवेशक इसके लिए 10 अक्टूबर तक बोली लगा सकेंगे. अलॉटमेंट 11 अक्टूबर को होगा. वहीं लिस्टिंग 15 अक्टूबर को होगी। शेयर का प्राइज बैंड 92 से 95 रुपये के बीच है, एक लॉट में 157 शेयर हैं. इसके लिए निवेशकों को 14,915 रुपये निवेश करने होंगे, एक रिटेल निवेशक अधिकतम 13 लॉट बुक करा सकता है.
Shiv Texchem Limited IPO
यह एसएमई बोर्ड का आईपीओ है, इसका इश्यू साइज 101.35 करोड़ रुपये है. कंपनी 61.06 लाख शेयर जारी करेगी जो पूरी तरह फ्रेश होंगे, ओएफएस के तहत कोई भी शेयर जारी नहीं किया जाएगा. यह आईपीओ भी निवेश के लिए 8 अक्टूबर को खुलेगा, निवेशक 10 अक्टूबर तक बोली लगा सकेंगे. अलॉटमेंट 11 अक्टूबर को होगा, लिस्टिंग 15 अक्टूबर को होगी. शेयर का प्राइज बैंड 158 से 166 रुपये के बीच रखा गया है, एक लॉट में 800 शेयर हैं. इसके लिए निवेशकों को 1,32,800 रुपये निवेश करने होंगे, एक रिटेल निवेशक सिर्फ एक लॉट की बुक करा सकेगा.
SME सेगमेंट की 6 कंपनियां मार्केट पर लिस्ट भी होंगी
इसके अलावा ख्याति ग्लोबल वेंचर्स (Khyati Global Ventures) का आईपीओ 8 अक्टूबर को सब्सक्रिप्शन के लिए बंद हो जाएगा. इसके अलावा एसएमई सेगमेंट की 6 कंपनियां मार्केट पर लिस्ट भी होंगी. इनमें एचवीएएक्स टेक्नोलॉजीस (HVAX Technologies) और साज होटल्स (Saj Hotels) की लिस्टिंग 7 अक्टूबर, सुबम पेपर्स (Subam Papers) और पैरामाउंट डाई टेक (Paramount Dye Tec) की लिस्टिंग 8 अक्टूबर, नियोपॉलिटिन पिज्जा एंड फूड्स (NeoPolitan Pizza and Foods) 9 अक्टूबर और ख्याति ग्लोबल की 11 अक्टूबर को होगी.
(डिस्क्लेमर: शेयर बाजार में निवेश जोखिम के अधीन है. 'BW हिंदी' इसकी कोई जिम्मेदारी नहीं लेता. सोच-समझकर, अपने विवेक के आधार पर और किसी सर्टिफाइड एक्सपर्ट से सलाह के बाद ही निवेश करें, अन्यथा आपको नुकसान उठाना पड़ सकता है).
शुक्रवार को समाप्त हुए अक्टूबर महीने के पहले सप्ताह में नेशनल स्टॉक एक्सचेंज बेंचमार्क निफ्टी 25,014 के लेवल पर बंद हुआ, जबकि सेंसेक्स ने 81,688 के स्तर पर क्लोजिंग दी.
पिछले सप्ताह में लगातार पांचवे कारोबारी सेशन में सेंसेक्स और निफ्टी गिरावट के साथ बंद हुए. यह हफ्ता पिछले दो सालों में अब तक सबसे खराब सप्ताह साबित हुआ है.मिडिल ईस्ट में इजरायल और ईरान युद्ध ने निवेशकों की टेंशन बढ़ा दी है, जबकि फॉरेन इंस्टीड्यूशनल इंवेस्टर की ओर से भारी निकासी ने दबाव को और बढ़ा दिया है. वहीं, जानकारों का मानना है कि मार्केट में यह मंदी अगले कुछ दिन और चलने वाली है.
इन फैक्टर्स का दिखेगा असर
शुक्रवार को समाप्त हुए अक्टूबर महीने के पहले सप्ताह में नेशनल स्टॉक एक्सचेंज बेंचमार्क निफ्टी 25,014 के लेवल पर बंद हुआ, जबकि सेंसेक्स ने 81,688 के स्तर पर क्लोजिंग दी. दोनों बेंचमार्क में लगभग 4.5% की गिरावट आई, जो जून 2022 के बाद से उनका सबसे खराब प्रदर्शन था, जो मुख्य रूप से गुरुवार को 2% की गिरावट के कारण हुआ. ऐसे में आज सोमवार 7 अक्टूबर को शेयर बाजार में कुछ खास फैक्टर का प्रभाव देखने को मिलेगा,जिसमें अमेरिकी बाजार, यूरोपीय बाजार का रुख भी शामिल है.
इन शेयरों में दिख रही तेजी
मोमेंटम इंडिकेटर मूविंग एवरेज कन्वर्जेंस डिवर्जेंस (MACD) ने VIP Industries, Sundaram Fasteners, CSB Bank, Mastek, Just Dial और Great Eastern Shipping Company पर तेजी का रुख दिखाया है. एमएसीडी को ट्रेडेड सिक्योरिटीज या इंडेक्स में ट्रेंड रिवर्सल के संकेत के लिए जाना जाता है. जब एमएसीडी सिग्नल लाइन को पार करता है, तो यह एक तेजी का संकेत देता है. यह दर्शाता है कि शेयर की कीमत में ऊपर की ओर गति देखी जा सकती है. इसी तरह यह मंदी का भी संकेत देता है.
इन स्टॉक्स में मंदी, खरीददारी और बिकवाली के संकेत
एमएसीडी (MACD) ने Schneider Electric Infrastructure, SBFC Finance, Carborundum Universal, IDFC, Sapphire Foods और Mazagon Dock Shipbuilders के शेयर में मंदी का संकेत दिया है. इसका मतलब है कि अब इन शेयरों में गिरावट शुरू हो गई है. जिन शेयरों में मजबूत खरीदारी देखने को मिल रही है, उनमें Dr Lal PathLabs, Whirlpool India, Info Edge, Metropolis Healthcare, JSW Steel और Lloyds Metals शामिल हैं. इन शेयर ने अपना 52 हफ्ते का उच्च स्तर पार कर लिया है, यह इन शेयर में तेजी का संकेत देता है.
जिन शेयरों में बिकवाली का दबाव देखने को मिल रहा है, उनमें CreditAccess Grameen, RBL Bank और Easy Trip Planners शामिल है. इस शेयर ने अपना 52 हफ्ते का निचला स्तर पार कर लिया है, यह इस शेयर में गिरावट का संकेत देता है.
(डिस्क्लेमर: शेयर बाजार में निवेश जोखिम के अधीन है. 'BW हिंदी' इसकी कोई जिम्मेदारी नहीं लेता. सोच-समझकर, अपने विवेक के आधार पर और किसी सर्टिफाइड एक्सपर्ट से सलाह के बाद ही निवेश करें, अन्यथा आपको नुकसान उठाना पड़ सकता है).
महेंद्र सिंह धोनी क्रिकेट से दूर होने के बाद अब करोबार की दुनिया में एक्टिव नजर आ रहे हैं. हाल में उन्होंने ड्रोन बनाने वाली एक कंपनी में निवेश किया है.
भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी (MS Dhoni) ने इस बार क्रिकेट के मैदान में नहीं बल्कि कारोबार के मैदान में एक बड़ा दांव खेला है. जी हां, दरअधोनी ने ड्रोन बनाने वाली कंपनी गरुड़ एयरोस्पेस (Garuda Aerospace) में एक बड़ी रकम निवेश की है. उन्होंने यह रकम ऐसे समय में निवेश की है, जब ये कंपनी अपना इंनीशियल पब्लिक ऑफर (IPO) लाने की तैयारी कर रही है. बता दें, महेंद्र सिंह धोनी इससे पहले भी कई बड़ी कंपनियों में बड़ी रकम निवेश कर चुके हैं. तो चलिए जानते हैं धोनी ने इस कंपनी में कितने रुपये निवेश किए हैं?
कंपनी में 4 करोड़ रुपये किए निवेश
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार महेंद्र सिंह धोनी ने गरुड़ एयरोस्पेस में करीब 4 करोड़ रुपये निवेश किए हैं. इस निवेश के बाद धोनी की इस कंपनी में 1.1 प्रतिशत धोनी हो गई है. महेंद्र सिंह धोनी ने कहा कि उन्हें गरुड़ की यात्रा का हिस्सा बनकर गर्व है क्योंकि वे वैश्विक स्तर पर विस्तार कर रहे हैं. साथ ही एग्रीकल्चर, डिफेंस, इंडस्ट्री और कंज्यूमर ड्रोन सेक्टर पर सकारात्मक प्रभाव डाल रहे हैं.
कंपनी की ड्रोन मार्केट में है इतनी हिस्सेदारी
गरुड़ एयरोस्पेस ऐसा पहला ड्रोन स्टार्टअप है, जिसे ड्रोन मैन्युफैक्चरिंग और ट्रेनिंग दोनों के लिए नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) से सर्टिफिकेट मिला है. ड्रोन मार्केट में कंपनी की 50 प्रतिशत हिस्सेदारी है. कंपनी एग्रीकल्चर और कंज्यूमर ड्रोन सेक्टर में काफी आगे है. कंपनी अब दुनिया भर में अपना विस्तार करने की योजना बना रही है. कंपनी 30 विभिन्न प्रकार के ड्रोन बनाती है और 50 अलग-अलग सेवाएं देती है. बता दें, ड्रोन मार्केट इस समय तेजी से बढ़ रहा है. लगभग हर सेक्टर में इसका इस्तेमाल बढ़ रहा है. क्विक कॉमर्स सेक्टर में भी ड्रोन के इस्तेमाल पर फोकस किया जा रहा है, ताकि लोगों को जल्द सामान डिलीवर हो सके. आने वाले समय में दवाई से लेकर दूसरी चीजें भी ड्रोन के जरिए जल्दी पहुंचाने की तैयारी हो रही है, ऐसे में कहा जा सकता है कि इस सेक्टर में निवेश के अच्छे मौके हैं.
धोनी ने यहां भी किया है निवेश
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार महेंद्र सिंह धोनी की नेटवर्थ 1000 करोड़ रुपये से ज्यादा है. वह अभी आईपीएल भी खेलते हैं. ऐसे में उनकी कमाई क्रिकेट के साथ बिजनेस से भी होती है. धोनी ने कई कंपनियों में निवेश किया है. धोनी कपड़ों के जाने-माने ब्रांड Seven के भी फाउंडर हैं. साथ ही वह कई विज्ञापनों से भी कमाई करते हैं. धोनी का रांची में माही रेजीडेंसी नाम से एक मिड-रेंज होटल और बेंगलुरु में एमएस धोनी ग्लोबल स्कूल भी है. धोनी की ‘धोनी स्पोर्ट्सफिट’ नाम से जिम की चेन भी है.
भविष अग्रवाल के इस वायरल वीडियो को देखकर लोग बहुत निराश हैं. लोगों ने उनके खिलाफ कमेंट किए हैं.
अर्न्स्ट एंड यंग इंडिया (EY India) और बजाज फाइनेंस (Bajaj Finance) जैसी कंपनियां हाल ही में अपने कार्य संस्कृति के लिए आलोचना का सामना कर रही हैं. इस बीच, ओला (Ola) के सीईओ भाविष अग्रवाल (Bhavish Aggarwal) का एक वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें वे शनिवार और रविवार की छुट्टियों के खिलाफ अपनी राय व्यक्त कर रहे हैं. इस बयान के कारण उन्हें सोशल मीडिया पर कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ रहा है.
1 या 2 ही छुट्टी की कही बात
इस वायरल वीडियो में ओला के सीईओ भाविश साफ तौर पर कह रहे है कि वे वर्क लाइफ बैंलेस करने की मॉडर्न सोच को सही नहीं समझते हैं. शनिवार और रविवार की छुट्टी देना ये हमारी भारतीय परंपरा का हिस्सा नहीं है, ये पश्चिमी देशों का सभ्यता है. पहले के समय में हमारे देश में शनिवार और रविवार की छुट्टी नहीं दी जाती थी, साथ ही हमारा भारतीय कैलेंडर भी अलग होता था. भारतीय कैलेंडर के अनुसार हमारे देश में एक महीने में करीब 1 या 2 ही छुट्टियां मिलती थी. इंडस्ट्रियल क्रांति के बाद से ही वीकेंड वेकेशन का कॉन्सेप्ट हमारे देश में आया है, हालांकि इस आधुनिक युग में इसकी कोई जरूरत नहीं है. अगर हम कुछ सालों पहले की बात करें तो पहले के समय में लोग हफ्ते में 5 दिन काम करके छुट्टी नहीं मांगते थे.
सोशल मीडिया पर फूटा गुस्सा
ओला सीईओ की इस सोच को सोशल मीडिया पर बिल्कुल पसंद नहीं किया जा रहा है. सोशल मीडिया पर लोगों ने तंज कसते हुए कहा है कि हम पश्चिमी भाषा बोलते हैं,पश्चिमी कपड़े पहनते हैं, पश्चिमी टेक्नोलॉजी का उपयोग करते हैं. ऐसी लोगों की वजह से ही हम विकास नहीं कर पा रहे है, ऐसे लोगों को काम करने के लिए रोबोट चाहिए और हमारी गलती है कि हम इंसान हैं. एक और अन्य यूजर ने इसके बारे में लिखा है कि कल को कहीं ऐसा ना हो कि ये सैलरी देने को भी पश्चिमी सभ्यता का हिस्सा बताने लगे और कर्मचारियों से कहने लगे कि ये सैलरी की जगह शाम को दाल रोटी देंगे और कह देगें कि यहीं चादर बिछाकर ओड़कर सो जाओ. इसके साथ ही एक यूजर ने इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि ये सब पाखंड है, इन्हें क्लाइंट तो विदेश के चाहिए है और हॉलिडे भारत की चाहिए हैं.
SBI ने कर्ज में डूबी सरकारी कंपनी MTNL के ऋण खातों को 30 जून से किस्तों और ब्याज का भुगतान न करने के कारण कमतर मानक वाला NPA घोषित कर दिया है.
भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने कर्ज में डूबी महानगर टेलीफोन निगम लिमिटिड (MTNL) के खिलाफ एक बड़ा एक्शन लिया है. दरअसल, एसबीआई ने एमटीएनएल के ऋण खातों को 30 जून से किस्तों और ब्याज का भुगतान न करने के कारण कमतर मानक वाला गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (NPA) घोषित कर दिया है. एमटीएनएल ने ये जानकारी शेयर बाजार को दी है. बता दें, एसबीआई ने एक अक्टूबर को शेयर बाजार को दी जानकारी में कहा था कि 30 सितंबर तक एमटीएनएल ऋण खाते पर कुल बकाया 325.52 करोड़ रुपये था. तो आइए जानते हैं इस कार्रवाई के बाद एमटीएनएल के शेयर का क्या हाल है?
एमटीएनएल पर 281.62 करोड़ रुपये बकाया
एमटीएनएल ने कहा है कि एसबीआई ने एक अक्टूबर, 2024 के अपने पत्र के जरिए बताया कि एमटीएनएल के टर्म लोन अकाउंट नंबर 36726658903 को ब्याज और किस्त का भुगतान न करने के कारण 28 सितंबर, 2024 से एनपीए-कमतर मानक श्रेणी में डाल दिया गया है. बैंक उन खातों को एनपीए - कमतर मानक के रूप में वर्गीकृत करते हैं, जिनकी अदायगी न करने की अवधि 12 महीने से कम है और जो बकाया चुकाने की क्षमता रखते हैं. एसबीआई ने पत्र में कहा कि एमटीएनएल पर 281.62 करोड़ रुपये बकाया हैं, और खाते को नियमित करने के लिए इसे तुरंत चुकाया जाना चाहिए.
इन बैंकों ने भी की कार्रवाई
हाल ही में एमटीएनएल ने बताया था कि ब्याज और किस्त का भुगतान न करने के कारण पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) के साथ उसके ऋण खाते को एनपीए घोषित कर दिया गया है. वहीं, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने बकाया भुगतान न करने पर कर्ज में डूबी सरकारी दूरसंचार कंपनी एमटीएनएल के सभी खातों पर रोक (फ्रीज) लगा दी है. बता दें, अगस्त में एमटीएनएल द्वारा साझा किए गए विवरण के अनुसार उसने लिए गए कर्जों पर यूनियन बैंक ऑफ इंडिया को 155.76 करोड़ रुपये, भारतीय स्टेट बैंक को 140.37 करोड़ रुपये, बैंक ऑफ इंडिया को 40.33 करोड़ रुपये, पंजाब एंड सिंध बैंक को 40.01 करोड़ रुपये, पंजाब नेशनल बैंक को 41.54 करोड़ रुपये, यूको बैंक को 4.04 करोड़ रुपये का भुगतान नहीं किया है.
क्या है शेयर का हाल?
एमटीएनएल के शेयर एनएसई (NSE) फर शुक्रवार को 3.13 प्रतिशत गिरावट के साथ 55.16 रुपये पर द हुआ. वहीं बीएसई (BSE) पर 3.55 प्रतिशत टूटकर 54.88 रुपये पर बंद हुआ. 29 जुलाई 2024 को शेयर की कीमत 101.88 रुपये पर थी. अक्टूबर 2023 में शेयर की कीमत 25.22 रुपये के निचले स्तर पर थी.
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