2023 में पर्यटन सेक्‍टर के लिए आई ये बड़ी खुशखबरी, हुआ इतना इजाफा 

पर्यटन सेक्‍टर की इस ग्रोथ में भारत के हेल्‍थ सेक्‍टर ने अहम भूमिका निभाई है. इसने मेडिकल टूरिज्‍म को बढ़ावा देने का काम किया है. 

बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो by
Published - Wednesday, 27 September, 2023
Last Modified:
Wednesday, 27 September, 2023
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भारत में साल की शुरुआत में भले ही अच्‍छी खबरें न आई हों और महंगाई छाई रही हो लेकिन पर्यटन को लेकर जो आंकड़े अब आए हैं वो बताते हैं कि देश में इस साल पर्यटन में जबरदस्‍त बढ़ोतरी हुई है. एक आंकड़े के अनुसार देश में इस साल में पर्यटन में 44 प्रतिशत का सालाना उछाल देखने को मिला है. इसके पीछे बढ़ी हुई आय खर्च करने पर अधिक वक्‍त देने को इसकी प्रमुख वजह बताया जा रहा है. 

क्‍या बताता है फाउंडिड का सर्वे? 
इससे पहले मॉन्स्टर एपैक और मी के नाम से जानी जाने वाली सर्वे कंपनी को फाउंडिट का सर्वे कई नई जानकारियों को सामने रखता है. इसी संस्‍था ने देश के पर्यटन सेक्‍टर को लेकर ये सर्वे किया है. ये सर्वे बताता है कि 2019 में पर्यटन क्षेत्र में 16 प्रतिशत की ग्रोथ देखने को मिली थी. लेकिन उसके बाद पैदा हुए हालातों में इसमें 2020 में 47 प्रतिशत की नौकरी में गिरावट देखने को मिली, इसी तरह से 2021 में 27 प्रतिशत तक नौकरी में कमी देखने को मिली, इसके बाद पैदा हुए देश-विदेश की यात्रा पर प्रतिबंधों और लॉकडाउन के कारण ये सेक्‍टर बुरी तरह प्रभावित हुआ. लेकिन कोविड की समाप्ति पर उद्योग ने 2022 में 3% की नौकरी में बढ़ोतरी देखने को मिली. 

क्‍या बोले सर्वे कंपनी के सीईओ? 
फाउंडिट के CEO शेखर गरिसा ने कहा, ‘यात्रा और पर्यटन उद्योग ने पैंडेमिक के बाद एक बड़े उत्तराधिकारी की तरह वापसी की है, इसमें सरकार की ओर से किए गए प्रयासों की अहम भूमिका रही है. यही नहीं भारत ने पर्यटन निर्माण परियोजनाओं के लिए 100% FDI की अनुमति देकर भी अपने दरवाजे खोल दिए हैं और G20 समिट में भाग लेने से देश सस्‍टेनेबल पर्यटन को और भी बढ़ावा दिया है. खासकर, AI और AR/VR जैसी नई तकनीकों ने इसे बढ़ावा देने में अहम भूमिका निभाई है. इस पूरे क्षेत्र के विकास की कुंजी ये है कि ऐसे उच्च वृद्धि संभावित क्षेत्रों पर ध्‍यान केन्द्रित किया जाए जो आगे चलकर इसे आगे बढ़ाने में मदद करें इनमें स्वास्थ्य, साहस, प्रतिस्थायीता, और सांस्कृतिक पर्यटन जैसे क्षेत्र शामिल हैं. 
इन शहरों में ज्‍यादा देखने को मिली मांग
फाउंडिट के डेटा के अनुसार, यात्रा और पर्यटन उद्योग में जिन क्षेत्रों की मांग सबसे ज्‍यादा रहती है उनमें कुछ प्रमुख क्षेत्र हैं. इनमें सेल्स और व्यापार विकास (कुल मांग का 23% हिस्सा), इंजीनियर्स - सॉफ़्टवेयर, इलेक्ट्रिकल (कुल मांग का 12% हिस्सा) और मार्केटिंग और संचालन (कुल मांग का 8% हिस्सा),  शेफ (कुल मांग का 5% हिस्सा) और मेडिकल प्रतिनिधिता (कुल मांग का 5% हिस्सा) भी कुल मांग का एक महत्वपूर्ण हिस्सा थे. यात्रा और पर्यटन के लिए ऑनलाइन हायरिंग मांग में टियर 2 सेक्‍टरों ने अगस्‍त में बड़ी बढ़ोतरी दर्ज की है.

जिन टॉयर 2 शहरों में यात्रा और पर्यटन उद्योग में ज्‍यादा नौकरी के अवसर देखने को मिले उनमें जयपुर (34%), अहमदाबाद (33%), और चंडीगढ़ (33%) ने अगस्त 2023 में अगस्त 2022 के मुकाबले ज्‍यादा ग्रोथ देखने को मिली. इसके बाद बड़ौदा (25%) और कोयंबटूर (25%) इस सूची में शामिल हैं. इसके पीछे की वजह इन शहरों में बेहतरीन प्रतिभाओं के साथ उन्‍हें प्रशिक्षित करने वाले संस्‍थानों की भूमिका शामिल हैं. इसके अलावा दिल्ली (34%) ने नौकरी की पोस्टिंग के संदर्भ में मेक्सिमम वृद्धि का प्रदर्शन किया, जिसके बाद कोलकाता (21%), चेन्नई (19%), हैदराबाद (8%) और मुंबई (5%) बढ़ोतरी देखने को मिली. 


 


नहीं रुक रहा पेटीएम में इस्‍तीफों का सिलसिला, अब इन दो लोगों ने अपने पद से दिया इस्‍तीफा

अभी दो दिन पहले ही कंपनी के सीओओ भावेश गुप्‍ता ने कंपनी से इस्‍तीफा दे दिया था. हालांकि भावेश का इस्‍तीफा 31 मई 2024 से प्रभावी होगा.  

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Tuesday, 07 May, 2024
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रिजर्व बैंक की कार्रवाई के बाद डिरेल हुई पेटीएम की गाड़ी पटरी पर लौटने का नाम नहीं ले रही है. कंपनी के सीओओ और प्रेसीडेंट भावेश गुप्‍ता के इस्‍तीफे के बाद अब कंपनी के CBO विक्रम सिंह और विक्रम कौल अपने पद छोड़ने जा रहे हैं. विक्रम सिंह कंपनी में जहां यूपीआई और यूजर ग्रोथ के चीफ बिजनेस ऑफिसर का काम देख रहे थे वहीं ऑनलाइन पेमेंट का काम CBO विपिन कॉल देख रहे थे. ये दोनों कंपनी के साथ लंबे समय से काम कर रहे हैं. पेटीएम पर आरबीआई की कार्रवाई के बाद लगातार इस्‍तीफों का दौर जारी है. 

इन जिम्‍मेदारियों को देख रहे थे अजय कॉल 
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पेटीएम के चीफ बिजनेस ऑफिसर अजय कौल इस्‍तीफा देने से पहले यूपीआई और यूजर ग्रोथ का काम देख रहे थे. ये पेटीएम में उनका दूसरा कार्यकाल था. अजय कौल डिजिटल व्‍यापार और खुदरा कारोबार का नेतृत्‍व करने वाली कोर टीम के सदस्‍यों में से एक है. अजय कौल इससे पहले इंडसइंड बैंक,  IDFC First Bank, ICICI Bank, में सीनियर पोजीशन पर काम कर चुके हैं. अजय कौल इससे पहले Xiomi में 2021 में काम कर चुके हैं. अजय को जनवरी 2024 में UPI और यूजर ग्रोथ को संभालने की जिम्‍मेदारी दी गई थी. हालांकि पेटीएम की ओर से इन इस्‍तीफों को लेकर रिस्‍ट्रक्‍चरिंग की बात कही जा रही है. 

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कंपनी में बड़े पैमाने पर हुई थी रिस्‍ट्रक्‍चरिंग
कुछ समय पहले ही पेटीएम में बड़े पैमाने पर रिस्‍ट्रक्‍चरिंग की गई थी. इस रिस्‍ट्रक्‍चरिंग में राकेश सिंह को पेटीएम मनी का सीईओ बनाया गया था जबकि वरुण श्रीधर को पेटीएम सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड का सीईओ बनाया गया था. पेटीएम मनी और पीएसपीएल दोनों ही कंपनियां पेटीएम की सब्सिडियरी कंपनियां हैं. राकेश सिंह इससे पहले फिक्‍स्‍ड में स्‍टॉक ब्रोकिंग बिजनेस के सीईओ रह चुके हैं. राकेश सिंह इस इंडस्‍ट्री में 20 सालों से काम कर रहे हैं. राकेश सिंह आईसीआईसीआई और स्‍टैंडर्ड चार्टड बैंक में भी काम कर चुके हैं. 

भावेश गुप्‍ता ने इस्‍तीफे ने दिया था झटका 
दो दिन पहले पेटीएम के सीओओ भावेश गुप्‍ता ने भी इस्‍तीफा दे दिया था. हालांकि उनका इस्‍तीफा 31 मई 2024 से प्रभावी होने जा रहा है. भावेश गुप्‍ता ने इस्‍तीफे के पीछे व्‍यक्तिगत कारणों को जिम्‍मेदार बताया था. इससे पहले जब से आरबीआई ने पेटीएम के खिलाफ कार्रवाई की है तब से कंपनी के लिए संभल पाना बड़ी चुनौती बनी हुई है. एक ओर जहां कंपनी अपने कारोबार को फिर से स्थिर करने पर काम कर रही है वहीं दूसरी ओर लगातार हो रहे ये इस्‍तीफे उसके लिए परेशानी बने हुए हैं. 
 


Indian Tourist की नाराजगी ने मालदीव को ये कहने पर क्‍यों कर दिया मजबूर, जानिए पूरी वजह

भारत से मालदीव जाने वाले लोगों की संख्‍या में बड़ा अंतर आया है. पिछले साल से जहां 70 हजार से ज्‍यादा लोग मालदीव गए थे वहीं इस साल इन तीन महीनों में सिर्फ 40 हजार लोग मालदीव गए. 

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Tuesday, 07 May, 2024
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मालदीव के साथ भारत के संबंधों का असर भले ही भारत पर कुछ खास न पड़ा हो लेकिन मालदीव पर इसका गहरा असर पड़ा है. हालत ये हैं  कि मालदीव का पर्यटन कारोबार बुरी तरह से चरमरा गया है. हालात ऐसे हो गए हैं कि मालदीव के पर्यटन मंत्री को ये कहना पड़ा कि वो भारत के साथ मिलकर काम करना चाहता है. भारतीय पर्यटकों के विरोध के कारण असर ये हुआ पर्यटकों की संख्‍या 40 प्रतिशत तक गिर गई है. इतनी बड़ी संख्‍या में कमी होने के कारण वहां के पर्यटन मंत्री को अपील करने पर मजबूर कर दिया है. 

आखिर क्‍या बोले पर्यटन मंत्री?
मालदीव के पर्यटन मंत्री इब्राहीम फैसल ने कहा कि हम भारत सरकार के साथ मिलकर काम करना चाहते हैं. उन्‍होंने ये भी कहा कि हम भारतीयों का गर्मजोशी से स्‍वागत करेंगे. उन्‍होंने भारतीयों से अपील की कि आप लोग मालदीव आएं. उन्‍होंने ये भी कहा कि हमारी जो अर्थव्‍यवस्‍था है उसका मुख्‍य आधार पर्यटन ही है. दरअसल पिछले साल पीएम मोदी के लक्ष्‍यद्वीप दौरे के बाद जिस तरह से वहां के तीन मंत्रियों ने उनके खिलाफ बयानबाजी की थी उसके बाद दोनों देशों के रिश्‍तों में तनाव आ गया था. हालांकि बाद में वहां की सरकार ने तीनों मंत्रियों को हटा दिया था लेकिन तब तक उनके बयान बड़ा नुकसान कर चुके थे. 

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क्‍या कह रहे हैं पर्यटकों की संख्‍या के आंकड़े? 
दरअसल मालदीव बीते एक दशक में ऐसे पर्यटक स्‍थल के रूप में उभर कर आया है जहां भारतीय सबसे ज्‍यादा जाना पसंद करते हैं. लेकिन उस विवाद के बाद से मालदीव जाने वाले पयर्टकों की संख्‍या में बड़ी कमी आई है. अगर आंकड़ों की तरह देंखें तो जनवरी से लेकर अप्रैल तक इस साल 42638 हजार लोग मालदीव जा चुके हैं. जबकि पिछले साल के इन्‍हीं महीनों के आंकड़ों पर नजर डालें तो वो 73785 हजार लोग मालदीव गए थे. Sun.mv के आंकड़े बता रहे हैं कि इस साल मालदीव जाने वाले यात्रियों की संख्‍या में 42 प्रतिशत तक कमी आई है. 

इस साल अप्रैल में मालदीव को मिली थी बड़ी राहत 
इस साल अप्रैल में मालदीव को उस वक्‍त बड़ी राहत मिली थी जब भारत ने इस साल भी उसे जरूरी सामान की आपूर्ति निर्बाध तरीके से करने की बात कही थी. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार मालदीव के हाईकमीशन की ओर से कहा गया था कि आने वाले दिनों में भारत 1981 से भी ज्‍यादा सामान मालदीव को देता रहेगा. सबसे बड़ी बात ये है कि मालदीव को भारत चावल, अंडे, आलू, आटा और दाल जैसे जरूरी सामान की सप्‍लाई करता है. इसमें भारत सरकार की ओर से इस बार 5 प्रतिशत का इजाफा भी किया गया है. भारत पूरी दुनिया में सबसे बड़ा चावल का एक्‍सपोर्टर है.
 


रूस में फिर Putin राज, दुनिया के सबसे अमीर राष्ट्रपति के पास है समंदर की गहराई जितनी दौलत

व्लादिमीर पुतिन 5वीं बार रूस के राष्ट्रपति बन गए हैं. शपथ लेने के बाद उन्होंने दुनिया से रिश्ते सुधारने की बात कही है.

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Tuesday, 07 May, 2024
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रूस का राष्ट्रपति कौन है? लगता है इस सवाल का एक ही जवाब रहने वाला है. व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) 5वीं बार रूस के राष्ट्रपति बन गए हैं. मॉस्को के ग्रैंड क्रेमलिन पैलेस में पुतिन ने केवल 33 शब्दों में राष्ट्रपति पद की शपथ ली. इसके बाद उन्होंने कहा कि रूस दूसरे देशों से अपने रिश्ते मजबूत करेगा. पुतिन ने कहा कि हम उन देशों के साथ अपने रिश्ते मजबूत करेंगे, जो हमें दुश्मन समझते हैं. बता दें कि रूस में 15-17 मार्च को हुए चुनाव में व्लादिमीर पुतिन को 88% वोट मिले थे. जबकि उनके विरोधी निकोले खारितोनोव के खाते में महज 4% वोट आए थे.

इन देशों ने बनाए रखी दूरी 
व्लादिमीर पुतिन के शपथ ग्रहण समारोह का अमेरिका और ब्रिटेन सहित कई यूरोपीय देशों ने बहिष्कार किया है. पुतिन वर्ष 2000 में पहली बार राष्ट्रपति बने थे. इसके बाद वह 2004, 2012 और 2018 में भी राष्ट्रपति की कुर्सी पर बैठ चुके हैं. रूस में तो अब यह माना जाने लगा है कि प्रेसिडेंट की कुर्सी केवल पुतिन के लिए ही बनी है. रूस से सरकार से जुड़ी खबरें अक्सर कम ही बाहर आती हैं. 2012 में यह खबर सामने आई थी कि पुतिन के तीसरे शपथ ग्रहण समारोह पर करीब साढ़े 5 करोड़ रुपए खर्च हुए थे. 

दुनिया के सबसे अमीर राजनेता
रूसी संविधान के अनुसार, कोई भी व्यक्ति लगातार दो बार से ज्यादा राष्ट्रपति नहीं बन सकता. यही वजह थी कि 8 मई 2008 को पुतिन ने प्रधानमंत्री रह चुके दिमित्री मेदवेदेव को रूस का राष्ट्रपति बनवाया और खुद PM की कुर्सी संभाल ली. इसके बाद नवंबर 2008 में दिमित्री ने संविधान संशोधन कर राष्ट्रपति का कार्यकाल 4 से बढ़ाकर 6 साल कर दिया. इस लिहाज से देखें, तो वह 2036 तक रूस के राष्ट्रपति रह सकते हैं. फोर्ब्स ने 2013 से लेकर 2016 तक लगातार 4 बार पुतिन को दुनिया का सबसे ताकतवर शख्स घोषित किया गया था. वह आज भी दुनिया के सबसे अमीर राजनेता हैं. 

वेतन केवल इतना, दौलत अकूत
व्लादिमीर पुतिन अपनी लग्जरी लाइफस्टाइल और लव लाइफ को लेकर हमेशा से चर्चा में रहे हैं. पुतिन भले ही यह दावा करते हैं कि उन्हें 1,40,000 डॉलर का सालाना वेतन मिलता है, लेकिन उनके पास बेशुमार दौलत है. जिस तरह समुंदर की गहराई का सटीक अंदाजा मुश्किल है, वैसे ही उनकी संपत्ति की सटीक जानकारी किसी के पास नहीं है. हालांकि, कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि उनके पास 200 अरब डॉलर से ज्यादा की निजी संपत्ति है. काला सागर के नजदीक उनकी एक हवेली है, जिसे ‘पुतिन का कंट्री कॉटेज’ कहा जाता है. हवेली में 500,000 डॉलर की कीमत वाला डाइनिंग रूम फर्नीचर, 54,000 डॉलर मूल्य की बार टेबल, 850 डॉलर मूल्य वाले इतालवी टॉयलेट ब्रश, 1,250 डॉलर का टॉयलेट पेपर होल्डर है. हवेली की देखरेख के लिए 40 लोगों का स्टाफ है, जिसकी सालाना सैलरी पर ही 20 लाख डॉलर खर्च होते हैं.

ये सब भी है पुतिन के पास
बताया जाता है कि हवेली के अलावा, पुतिन के पास 19 दूसरे घर हैं. वह 700 कारें, 58 प्लेन-हेलीकॉप्टर के साथ-साथ 71.6 करोड़ डॉलर की कीमत वाले एक विमान के भी मालिक हैं, जिसे ‘द फ्लाइंग क्रेमलिन’ नाम दिया गया है. पुतिन के पास एक मेगा यॉट भी है, जिसकी कीमत 70 करोड़ डॉलर है. पिछले साल राष्ट्रपति पुतिन को 22 कोच वाली एक आलीशान ट्रेन में सफर करते देखा गया था. यह ट्रेन पूरी तरह से बुलेटप्रूफ है. इस ट्रेन के अंदर एक शानदार अस्पताल भी मौजूद है. Train के कोच में मौजूद बाथरूम, जिम और सैलून के निर्माण पर ही 33 करोड़ रुपए खर्च किए गए थे. एडवेंचर पसंद पुतिन को महंगी घड़ियों का भी काफी शौक है. उनके पास 60,000 डॉलर से लेकर 5,00,000 डॉलर की कीमत वालीं कई घड़ियां हैं. कहा जाता है कि पुतिन की इन घड़ियों की कीमत ही उनके आधिकारिक सालाना वेतन से छह गुना अधिक है.

पुतिन की तुलना में Biden बेहद गरीब
वहीं, दुनिया की सबसे मजबूत अर्थव्यवस्था वाले देश यानी अमेरिका के राष्ट्रपति Joe Biden की संपत्ति पुतिन के मुकाबले कुछ नहीं है. फोर्ब्‍स के मुताबिक, जब जो बाइडेन ने अमेरिका के राष्ट्रपति का पद संभाला था, तब उनकी संपत्ति तकरीबन 8 मिलियन डॉलर थी. पिछले साल तक यह बढ़कर 10 मिलियन डॉलर यानी करीब 74 करोड़ रुपए हो गई थी. बाइडेन के पास डेलावेयर में दो घर हैं, जिनकी कुल अनुमानित कीमत 7 मिलियन डॉलर है. सरकारी पेंशन के तौर पर बाइडेन के पास करीब 1 मिलियन डॉलर हैं. उन्होंने बतौर प्रोफेसर 540,000 मिलियन डॉलर कमाए हैं. 


Microsoft ने इस शहर में खरीदी हजारों एकड़ जमीन, ये करने जा रही है कंपनी

डेटासेंटर वो क्षेत्र है जो तेजी से ग्रो कर रहा है. इससे पहले ग्रेटर नोएडा में यूपी सरकार और YOTTO के बीच इस क्षेत्र का सबसे बड़ा सेंटर शुरू हो चुका है. 

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Tuesday, 07 May, 2024
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भारत की तेजी से बढ़ती आर्थिक गतिविधियों के बीच सभी कंपनियां देश में अपना कारोबार बढ़ाने को लेकर काम कर रही हैं. इसी कड़ी में अब दक्षिण के राज्‍य तेलंगाना के महत्‍वपूर्ण शहर हैदराबाद में जानी मानी कंपनी माइक्रोसॉफ्ट ने कई एकड़ जमीन खरीदी है. कंपनी इस जमीन के साथ वहां डेटा सेंटर की शुरुआत करने जा रही है. माना जा रहा है कि इस इलाके में माइक्रोसाफ्ट का सबसे बड़ा सेंटर होगा. कंपनी इससे पहले भी भारत के कई राज्‍यों में अपने डेटा सेंटर चला रही है. 

कितनी है इस जमीन की कीमत 
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, माइक्रोसाफ्ट ने हैदराबाद में 48 एकड़ जमीन खरीदी है. इस जमीन को कंपनी ने श्री बालाजी डेवलपर्स से खरीदा है. माइक्रोसॉफ्ट ने जमीन खरीदी है उसके लिए उसने 267 करोड़ रुपये चुकाए हैं. कंपनी आने वाले दिनो में यहां दक्षिण भारत का सबसे बड़ा डेटा सेंटर बनाने की तैयारी कर रही है. माइक्रोसॉफ्ट ने जिस जगह पर ये जमीन खरीदी है वो हैदराबाद से 40 किलोमीटर दूर है. कंपनी ने इसके लिए प्रीमियम भी चुकाया है. कंपनी इससे पहले चेन्‍नई पूणे और मुंबई में अपने डेटा सेंटर की शुरुआत कर चुकी है. 

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इससे पहले पुणे में कर चुकी है निवेश 
कंपनी 2022 में इससे पहले पुणे में भी फिनोलेक्‍स इंडस्‍ट्रीज से 328.84 करोड़ की समेकित राशि में 10.89 लाख वर्ग फुट का कमर्शियल प्‍लॉट खरीद चुकी है. माइक्रोसॉफ्ट ने जो जमीन खरीदी थी वो पुणे के पिंपरी वाघेरे में स्थित है. कंपनी ने इसके लिए 16 करोड़ रुपये से ज्‍यादा की स्‍टांप ड्यूटी अदा की थी. सिर्फ पुणे में ही नहीं बल्कि कंपनी 2021 में नोएडा में भी एक कमर्शियल प्‍लॉट खरीद चुकी है. कंपनी ने नोएडा के सेक्‍टर 145 में जो जमीन खरीदी थी उसके लिए उसने 103.66 करोड़ रुपये का प्रीमियम अदा किया था. कंपनी ने यहां जो प्‍लॉट खरीदा था उसका साइज 60 हजार वर्ग मी‍टर था. 

कंपनी इससे पहले 2022 में भी हैदराबाद में खरीद चुकी है जमीन 
माइक्रासॉफ्ट इससे पहले 2022 में हैदराबाद में जमीन के तीन सौदे कर चुकी है. इनमें कंपनी ने 40 करोड़ रुपये में 22 एकड़ जमीन खरी थी. ये जमीन कंपनी ने मेकागुड़ा में खरीदी थी. साथ ही 164 करोड़ रुपये में 41 एकड़  शादनगर में खरीद चुकी है. जबकि कंपनी चंदेनवेल्‍ली में 72 करोड़ रुपये में 52 एकड़ जमीन को हासिल कर चुकी है. कंपनी डेटा सेंटर कारोबार में तेजी से अपने पांव पसार रही है, जिससे इस क्षेत्र की सभी जरुरतों को पूरा कर सके और तेजी से इस क्षेत्र में आगे बढ़ सके. 


 


शेयर बाजार में ट्रेडिंग का समय नहीं बढ़ेगा, SEBI ने इस वजह से खारिज किया प्रस्ताव

शेयर बाजार में अब ट्रेडिंग समय को नहीं बढ़ाया जाएगा. NSE के MD & CEO आशीष चौहान ने इस बारे में जानकारी दी है. आगे पूरी डिटेल्स जानते हैं.

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Tuesday, 07 May, 2024
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सिक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ने नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है. कुछ समय पहले एनएसई ने स्टॉक ट्रेडिंग के समय को बढ़ाने के लिए प्रस्ताव पेश किया था. यह प्रस्ताव के बाद शेयर मार्केट के निवेशक नजर बनाए हुए थे कि सेबी इस प्रस्ताव पर क्या फैसला लेगी. सेबी के फैसले के बारे में नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ आशीष कुमार चौहान ने बताया कि सेबी ने प्रस्ताव को खारिज कर दिया है. इसका मतलब है कि स्टॉक ट्रेडिंग का समय नहीं बढ़ाया गया है. 

किस वजह से खारिज हुआ प्रस्ताव

एनालिस्ट कॉल के समय NSE के सीईओ ने बताया कि ट्रेडिंग समय को बढ़ाने पर ब्रोकर कम्यूनिटी से सहमति नहीं मिली है. इस वजह से SEBI ने इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया. ट्रेडिंग के समय बढ़ाने के लिए एसोसिएशन ऑफ नेशनल एक्सचेंज मेंम्बर्स ऑफ इंडिया (ANMI) से मंजूरी मिल गई थी. ANMI पहले से ही ट्रेडिंग समय को बढ़ाना चाहता था. वहीं ब्रोकर्स इंडस्ट्री स्टैंडर्ड्स फोरम (ISF) भी इस प्रस्ताव के लिए सेबी को फॉर्मल लेटर लिखेगा. 

क्या था एनएसई का प्रस्ताव?

पिछले साल सितंबर में सामने आया था कि कैश मार्केट में ट्रेडिंग ऑवर्स बढ़ाने के NSE के प्रस्ताव पर SEBI विचार कर रहा है. इस प्रस्ताव के तहत चरणबद्ध तरीके ट्रेडिंग के घंटे बढ़ाने की योजना थी. शुरुआती चरण में इंडेक्स F&O की एक्स्ट्रा टाइमिंग 6 बजे शाम से रात 9 बजे तक करने की थी और दूसरे चरण के तहत इसे आधी रात 11:30 तक ले जाने की थी. इसके बाद तीसरे यानी आखिरी चरण में कैश मार्केट ट्रेडिंग ऑवर्स को बढ़ाकर 5 बजे शाम तक करने की थी. अब इस प्रस्ताव को SEBI ने खारिज कर दिया है लेकिन NSE के सीईओ का कहना है कि ऐसा लग रहा है कि स्टॉक ब्रोकर्स ने इसे लेकर सेबी को अपना फीडबैक नहीं भेजा था.

डेरिवेटिव ट्रेडर्स ने किया था विरोध

डेरिवेटिव व्यापारियों ने आशंका व्यक्त की थी कि उनके कामकाज का संतुलन खराब हो सकता है हालांकि कुछ ब्रोकरों ने ट्रेडिंग घंटों को बढ़ाने के लिए खुले तौर पर मंजूरी दे दी थी जबकि अन्य अपने कम बैंडविड्थ को लेकर चिंतित थे. हालांकि लंबे व्यापारिक घंटों का मतलब वॉल्यूम में वृद्धि के कारण एक्सचेंजों के लिए अधिक रेवेन्यू है.

NSE ने हाल ही में जारी किए नतीजे

बताते चलें कि NSE ने हाल ही में कारोबारी साल 2024 की मार्च तिमाही के नतीजे जारी किए थे. पिछले साल की समान तिमाही के मुकाबले NSE के मुनाफे में 55% की बढ़ोतर दिखी है. इस दौरान NSE का ऑपरेटिंग आय सालाना आधार पर 34% बढ़कर ₹4,625 करोड़ रही. एक्सचेंज हर शेयर के बदले 4 बोनस शेयर भी जारी करेगा. नतीजों के साथ ही एक्सचेंज ने ₹90 प्रति शेयर के भाव पर डिविडेंड देने का भी एलान किया है.
 


NSE के डिविडेंड से मालामाल होने वाले हैं ये कारोबारी, इतने करोड़़ का होने जा रहा है फायदा 

NSE के मुनाफे पर नजर डालें तो ऑपरेशनल कॉस्‍ट के बढ़ने के बावजूद एक्‍सचेंज ने बड़ा मुनाफा कमाया है. एक्‍सचेंज ने सरकार को भी बड़ी कमाई करके दी है. 

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Tuesday, 07 May, 2024
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जब कभी भी किसी बड़ी कंपनी के नतीजे आते हैं और वो डिविडेंड का ऐलान करती है तो उसमें बड़े पैमाने पर निवेश करने वालों की बल्‍ले बल्‍ले हो जाती है. इसी कड़ी में कुछ दिन पहले एनएसई (नेशनल स्‍टॉक एक्‍सचेंज) ने नतीजे जारी करते हुए 90 रुपये प्रति शेयर का डिविडेंड देने का ऐलान किया था. इस खबर के आने के बाद देश के बड़े कारोबारियों में एक डीमार्ट कंपनी के मालिक राधाकृष्‍ण दमानी की बल्‍ले बल्‍ले हो गई है. दमानी ने इस कंपनी में बड़ी रकम लगाई है जिसके बाद उन्‍हें डिविडेंड से करोड़ों रुपये की रकम मिलने वाली है.

दमानी ने आखिर कितना किया है निवेश? 
राधाकृष्‍ण दमानी ने एनएसई में बड़ा निवेश किया है. राधाकृष्‍ण दमानी ने डी मार्ट में 7816880 इक्विटी शेयर हैं. एन्‍एसई ने एक शेयर पर 90 रुपये का डिविडेंड देने का ऐलान किया है. साथ ही एक शेयर पर 4 बोनस शेयर देने की भी बात कही है. इस अनुसार, राधा कृष्‍ण दमानी का कुल मुनाफा 70 करोड़ रुपये से ज्‍यादा बन रहा है. साथ ही उनके शेयरों की संख्‍या 4 गुना तक बढ़ जाएगी. 

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इसे कहते हैं दोहरा फायदा 
जैसे ही एनएसई ने ये ऐलान किया और दमानी को फायदा होने की बात सामने आई उसके बाद उनकी कंपनी के शेयरों में आज तेजी देखने को मिल रही है. डीमार्ट के शेयरों में आज 51 अंकों का उछाल देखने को मिल रहा है और कंपनी के शेयर 4652 रुपये पर कारोबार कर रहे हैं. अगर पिछले पांच दिनों में शेयर की स्थिति पर नजर डालें तो शेयर ने अच्‍छी तेजी देखी है. पांच दिन पहले शेयर 4586 रुपये पर ट्रेड कर रहा था. इस शेयर का 52 हफ्तों का हाई 4890 रुपये है तो वहीं 52 हफ्तों का लो 3352 रुपये है. 

एनएसई को इतना हुआ है मुनाफा 
क्‍या कह रहे हैं एक्‍सचेंज की आय के आंकड़े? 
एनएसई की कुल ऑपरेशनल आय मार्च 2024 तिमाही में 34 प्रतिशत बढ़कर 4625 करोड़ रुपये रही है. वहीं एनएसई के स्‍टैंड अलोन मुनाफे पर नजर डालें तो वो 1856 करोड़ रुपये रहा है. वहीं स्‍टैंडअलोन ऑपरेशनल इनकम मार्च तिमाही में 25 प्रतिशत बढ़कर 4123 करोड़ रुपये रही. वहीं मार्च 2023 की तिमाही पर नजर डालें तो ये 3295 करोड़ रुपये थी. एनएसई ने वित्‍त वर्ष 2024 के दौरान अपनी बेहतरीन परफॉर्मेंस से सरकार को भी खूब कमाई करके दी है. एनएसई ने सरकार को कुल 43514 करोड़ रुपये कमाकर दिए हैं, 
 


किसानों के लिए बड़ी खुशखबरी, अब चावल से होगी खूब कमाई

मॉरीशस (Mauritius) से पहले भारत ने तंजानिया, जिबूती और गिनी-बिसाऊ सहित कुछ अफ्रीकी देशों को चावल के निर्यात ( Export) की अनुमति दी है. 

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Tuesday, 07 May, 2024
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भारत में करीब 11 महीने से चावल के निर्यात (Export) पर प्रतिबंध लगा हुआ है. उसके बाद भी इस दौरान करीब आधा दर्ज से ज्यादा देशों को चावल भेजने की अनुमति दी गई है. वहीं, अब इस सूची में मॉरीशस (Mauritius) का नाम भी जुड़ गया है. भारत ने मॉरीशस को भी चावल निर्यात करने की मंजूरी दे दी है. ऐसे में ये किसानों के लिए भी एक बड़ी खुशखबरी है. तो चलिए जानते हैं भारत से मॉरीशस कितना और कौन-सा चावल जा रहा है?  

14 हजार टन चावल होगा एक्सपोर्ट
सरकार की ओर से मॉरीशस को चावल निर्यात करने को लेकर एक नोटिफिकेशन भी जारी किया है. विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने एक नोटिफिकेशन में कहा कि राष्ट्रीय सहकारी निर्यात लिमिटेड (NCEL) के माध्यम से मॉरीशस को 14,000 टन गैर-बासमती सफेद चावल निर्यात किए जाने की अनुमति दी गई है. आपको बता दें, एनसीईएल (NCEL) कई राज्यों में सक्रिय एक सहकारी समिति है. इसे देश की कुछ प्रमुख सहकारी समितियों अमूल (Amul), इफको (IFFCO), कृभको और नैफेड (NAFED) के जरिये संयुक्त रूप से बढ़ावा दिया जाता है.

क्यों लगा था प्रतिबंध?
सरकार ने घरेलू जरुरतों को पूरा करने के लिए जुलाई 2023 महीने से चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगाया हुआ है. वहीं, अब ये प्रतिबंध हटा दिया गया है. सरकार ने घरेलू आपूर्ति बढ़ाने के लिए 20 जुलाई, 2023 से ही गैर-बासमती सफेद चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगाया हुआ है. लेकिन कुछ देशों को अनुरोध पर उनकी खाद्य सुरक्षा जरूरतें पूरा करने के लिए सरकार निर्यात की अनुमति देती है. इस फैसले के बाद किसानों को भी काफी लाभ होगा, चावल निर्यात होने से उनकी भी खूब कमाई होगी.

इन देशों में भी गया गैर-बासमती सफेद चावल
भारत ने तंजानिया, जिबूती और गिनी-बिसाऊ सहित कुछ अफ्रीकी देशों को गैर-बासमती सफेद चावल के निर्यात की अनुमति दी है. इसके अलावा नेपाल, कैमरून, कोटे डि-आइवरी, गिनी, मलेशिया, फिलिपीन और सेशेल्स जैसे देशों को भी इस चावल के निर्यात की अनुमति दी गई थी. 

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आखिर ऐसा क्या है ईशा अंबानी के इस साड़ी गाउन में जिसे बनाने में लग गए 10 हजार घंटे

मेट गाला दुनियाभर के फैशन का सबसे बड़ा इवेंट है.इसमें दुनियाभर के नामी हस्तियां और फैशन डिजाइनर अपने हुनर का प्रदर्शन करते हैं.   

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Tuesday, 07 May, 2024
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मुकेश अंबानी परिवार का कोई इवेंट हो या कंपनी का कोई इवेंट वो हमेशा ही चर्चा में रहता है. विशेष तौर से अंबानी परिवार की ड्रेसेज को लेकर चर्चा हर कोई करता है. एक बार फिर ईशा अंबानी अपनी एक ऐसी ड्रेस को लेकर चर्चा में हैं जिसे बनाने में 10 हजार घंटे से ज्‍यादा का समय लगा है. ईशा अंबानी ने ये ड्रेस मेट गाला 2024 में पहना था. इस ड्रेस की चर्चा हर ओर हो रही है. क्‍या है इस ड्रेस में खास और क्‍या है ये इवेंट जहां उन्‍होंने इसे पहना इसके बारे में आज हम आपको विस्‍तार से बताने जा रहे हैं. 

आखिर क्‍या खास है ईशा अंबानी की इस ड्रेस में 
ईशा अंबानी ने मेट गाला 2024 के इवेंट में इस ड्रेस को पहना था. फैशन की दुनिया के जाने माने इस इवेंट में दुनियाभर के नामी लोग इसमें शिरकत करते हैं. ईशा अंबानी ने इस इवेंट में साड़ी गाउन पहना था. उनके इस साड़ी गाउन को राहुल मिश्रा ने डिजाइन किया था, तो अनाइता श्रॉफ अजदानिया ने स्‍टाइल किया था. इस ड्रेस को नेचर की थीम पर डिजाइन किया गया था जिसमें फूल और तितलियां बनाई थी. इस साड़ी गाउन पर कई तरह की सिलाई तकनीक का इस्‍तेमाल किया गया था जिनमें फरीशा, जरदोजी, नक्‍सी और दबका जैसी तकनीक का इस्‍तेमाल किया गया था. 

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ईशा अंबानी की ज्‍वैलरी ने खींचा सभी का ध्‍यान 
नेचर की थीम पर बनाए गए इस साड़ी गाउन के लिए ज्‍वैलरी को भी नेचर की थीम पर तैयार किया गया था. इसमें कमल के फूल की थीम पर बनाए गए हाथ के कंगन, तोते की थीम पर बनी कान की बालियां और फूल चोकर जैसी चीजें शामिल थी. ईशा अंबानी ने भारतीय संस्‍कृति पर आधारित एक क्‍लच भी पहना हुआ था, जिसकी सभी ओर चर्चा हो रही है. इस साल चौथी बार है जब ईशा अंबानी मेट गाला इवेंट में शामिल हुई हैं. वो 2017 में सबसे पहली बार इसमें शामिल हुई थी. उसके बाद 2019 और फिर 2023 में वो इस अंतराष्‍ट्रीय इवेंट में शामिल हो चुकी हैं. 

आलिया भट्ट सहित कई नामी सितारों की भी है चर्चा 
मेट गाला 2024 में इस बार ईशा अंबानी की ड्रेस के साथ आलिया भट्ट की ड्रेस की चर्चा हो रही है. आलिया की ड्रेस को सब्‍यसाची मुखर्जी ने तैयार किया है. उन्‍होंने इस ड्रेस में सूक्ष्‍म शिल्‍प कौशल, हाथ की कढ़ाई, कीमती पत्‍थर और झालरों का इस्‍तेमाल किया है. ये सभी 1920 के दशक की शैली है जिसका इस्‍तेमाल ड्रेस में किया गया है. आलिया ने अपनी ड्रेस की मेकिंग के बारे में बताया कि उसे बनाने में 1905 घंटे ( 2 महीने 20 दिन ) और 163 कारीगरों की जी तोड़ मेहनत शामिल है.  


 


Elon Musk के भारत आने की खबर से ही चढ़ गए थे जिन कंपनियों के शेयर, अब क्या है उनका हाल?

भारत की कई कंपनियां हैं जो एलन मस्क की इलेक्ट्रिक कार कंपनी टेस्ला से किसी न किसी रूप में जुड़ी हुई हैं.

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Tuesday, 07 May, 2024
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दुनिया की सबसे बड़ी इलेक्ट्रिक कार निर्माता कंपनी टेस्ला (Tesla) के मालिक एलन मस्क (Elon Musk) पिछले महीने भारत आने वाले थे. उनकी इस यात्रा में टेस्ला की भारत में एंट्री को लेकर बड़ी घोषणाएं होनी थीं. माना जा रहा था कि मस्क यह भी स्पष्ट कर सकते हैं कि टेस्ला का मैन्युफैक्चरिंग प्लांट किस राज्य में लगाया जाएगा. संभावित राज्यों की लिस्ट में महाराष्ट्र, गुजरात, तमिलनाडु और राजस्थान शामिल हैं. हालांकि, मस्क ने ऐन मौके पर अपनी 21-22 अप्रैल की भारत यात्रा को टाल दिया.

क्या पड़ोसी चीन है इसकी वजह?
एलन मस्क की तरफ से कहा गया है कि वह इस साल के अंत तक भारत आने की कोशिश करेंगे, लेकिन इसकी संभावनाएं अब कम ही नजर आ रही हैं. टेस्ला की भारत में एंट्री पर भी फिलहाल शंका के बदल मंडराने लगे हैं. मोदी सरकार ने नई इलेक्ट्रिक वाहन नीति पेश करके टेस्ला की राह आसान कर दी थी, इसके बावजूद मस्क का भारत से दूरी बना लेना किसी की समझ नहीं आ रहा है. चीन ने मस्क के भारत दौरे से ठीक पहले ग्लोबल टाइम्स के माध्यम से जो दुष्प्रचार किया था, वो भी टेस्ला की भारत में एंट्री टलने की एक वजह हो सकती है. 

इनका है टेस्ला से कोई न कोई नाता
टेस्ला का भारत आना जहां हमारे EV ईको-सिस्टम और अर्थव्यवस्था के लिए अच्छा है. वहीं, इससे उन कंपनियों को भी बूस्ट मिल सकता है, जो टेस्ला की सप्लायर हैं. एलन मस्क की भारत यात्रा की खबर से ही इन कंपनियों के शेयरों में उछाल आना शुरू हो गया था. सोना BLW प्रिसिजन फोर्जिंग्स, हिंडाल्को इंडस्ट्रीज, समवर्धन मदरसन इंटरनेशनल, सुप्रजीत इंजीनियरिंग, वैरोक इंजीनियरिंग और बॉश लिमिटेड भारत में Tesla की आपूर्तिकर्ता कंपनियां हैं. इसके अलावा, गुडलक इंडिया, संधार टेक्नोलॉजीज और भारत फोर्ज भी टेस्ला की कंपोनेंट सप्लायर है. 

इतना टूट गया Sona Blw का शेयर
माना जा रहा था कि मस्क के टेस्ला को लेकर घोषणा के बाद उससे किसी न किसी रूप में जुड़ीं लिस्टेड कंपनियों के शेयर तूफानी तेजी से दौड़ सकते हैं, लेकिन टेस्ला चीफ का दौरा रद्द होने से तूफानी तेजी की उम्मीद भी टूट गई. Varroc Engineering के शेयर उस समय बढ़त के साथ 512 रुपए के भाव से ऊपर ट्रेड कर रहे थे, लेकिन पिछले करीब 15 दिनों इसे इसमें नरमी का रुख है. बीते 5 कारोबारी दिनों में यह शेयर 3.26% टूट चुका है. मस्क की यात्रा की खबर के बाद Sona Blw Precision Forgings का शेयर बढ़त के साथ 676.50 रुपए पर पहुंच गया था. आज यह 605.05 रुपए के भाव पर उपलब्ध है. पिछले पांच सत्रों में ही इस शेयर ने 4.45% का नुकसान उठाया है. 

इनमें भी देखने को मिली है सुस्ती
Samvardhana Motherson International के शेयर का मौजूदा हाल देखकर लगता है कि ये शेयर वहीं का वहीं खड़ा है. 21-22 अप्रैल से पहले कंपनी का शेयर 3.35% चढ़कर 124.85 रुपए पर पहुंच गया था और आज इसकी कीमत 124.25 रुपए है. पिछले 5 दिनों में ही ये करीब 6 प्रतिशत की डुबकी लगा चुका है. Suprajit Engineering के शेयरों में 15 दिनों से ज्यादा से नरमी देखने को मिल रही है. बीते 5 सत्रों में ये शेयर 1.63% और एक महीने में 3.49% कमजोर हो चुका है. आज इस शेयर की कीमत 415.60 रुपए है, जबकि 22 अप्रैल को 425.40 रुपए थी. इसी तरह, बॉश लिमिटेड, Sandhar Technologies और Bharat Forge के शेयरों में भी कमजोरी आई है. संधार का शेयर बीते एक महीने में 5.89% और Bosch Ltd का 5.83% गिर चुका है.

फायदे की आस में चढ़े थे शेयर
एक्सपर्ट्स का मानना है कि अगर टेस्ला भारत में प्लांट लगाती है, तो इन कंपनियों को सीधे तौर पर फायदा होगा. उन्हें टेस्ला से अभी की तुलना में ज्यादा ऑर्डर मिलेंगे. यानी उनकी आर्थिक स्थिति बेहतर होगी और इससे उनके शेयरों में उछाल आना लाजमी है. यही वजह रही कि जैसे ही मस्क की भारत यात्रा की खबर सामने आई इन कंपनियों के शेयरों में तेजी दिखाई दी और अब ये तेजी कुछ हद तक थम गई है. बता दें कि Sandhar Technologies ने टेस्ला के मॉडल 3 के लिए वाइपर सिस्टम एसेंबली के लिए 2 कंपोनेंट्स बनाए था. उसके बाद से कंपनी लगातार टेस्ला के साथ जुड़ी हुई है. इसी तरह, Varroc Engineering और टेस्ला का रिश्ता भी काफी पुराना है. कंपनी को टेस्ला ने पहला ऑर्डर 2017 में दिया था. वैरोक इंजीनियरिंग ने टेस्ला के कुछ मॉडल के लिए पूरा लाइटिंग सिस्टम उपलब्ध कराया था. 


इस बिजनेसमैन की बेटी ने छोड़ा म्यूजिक, कारोबार पर करना चाहती हैं फोकस

देश के एक बड़े बिजनेसमैन की बेटी ने अपने शौक को अलविदा कह दिया है. यह जानकारी उनकी बेटी ने खुद सोशल मीडिया के जरिए दी है.

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Tuesday, 07 May, 2024
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बड़े बिजनेसमैन और सेलिब्रिटी के बच्चों के शौक अपने पैरेंट्स से बिल्कुल अलग होते हैं. ऐसे कई उदाहरण हैं जिसमें बच्चों ने अपने पैरेंट्स के नक्शे कदम पर न चलकर अपनी अलग राह चुनी. इसी कड़ी में एक नाम है अनन्या बिरला का,  अनन्या बिरला म्यूजिक इंडस्ट्री में जाना पहचाना नाम हैं. उनके कई म्यूजिक एल्बम आ चुके हैं. अब उन्होंने इस इंडस्ट्री को अलविदा कह दिया है. अनन्या बिड़ला ने अपने बिजनेस पर पूरा ध्यान लगाने के लिए संगीत से ब्रेक लेने की घोषणा की है, उन्होंने यह जानकारी एक इंस्टाग्राम पोस्ट के जरिए दी.

बिजनेस पर फोकस करना चाहती हैं अनन्या

अनन्या ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक लॉन्ग पोस्ट शेयर किया है. इसमें उन्होंने लिखा कि दोस्तों, यह सबसे मुश्किल फैसला रहा है. मैं एक ऐसे लेवल पर पहुंच गई हूं जहां मेरे बिजनेस और म्यूजिक के बीच बैलेंस बनाना लगभग नामुमकिन होता जा रहा है और यह मुझपर इस तरह से असर डाल रहा है कि मैं जाहिर नहीं कर सकती. आप सभी के प्यार के लिए शुक्रिया. अनन्या ने आगे लिखा कि पिछले कुछ सालों में मैंने जो म्यूजिक रिलीज किया है, मुझे उम्मीद है कि एक दिन हम अपने ही लोगों के बनाए गए इंग्लिश सॉन्ग की तारीफ कर पाएंगे क्योंकि हमारे अपने देश में बहुत टैलेंट है. फिर से थैंक्यू. अब समय आ गया है कि मैं अपनी सारी एनर्जी बिजनेस वर्ल्ड पर फोकस करूं.

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इस बिजनेसमैन की बेटी हैं अनन्या

अनन्या बिरला देश के जाने-माने बिजनेसमैन कुमार मंगलम बिरला की बेटी हैं. अनन्या का म्यूजिक इंडस्ट्री से शौक किसी से छिपा नहीं है. अनन्या सिंगर हैं और उन्होंने हिंदी और अंग्रेजी में कई गाने गाए हैं. अनन्या ने फेमस सिंगर अरमान मलिक के साथ भी गाना गाया है. वह इस इंडस्ट्री में पिछले कई सालों से हैं. साथ ही वह फैशन इंडस्ट्री से भी जुड़ी रही हैं.

बिजनेस में रही है भागेदारी

ऐसा नहीं है म्यूजिक इंडस्ट्री में रहते हुए अनन्या बिजनेस पर ध्यान न देती हों. इस दौरान भी वह बिरला समूह के कामकाज को भी संभालती रही हैं. वह स्टार्टअप स्वतंत्र माइक्रोफिन प्राइवेट लिमिटेड कंपनी की फाउंडर हैं. उनकी इस कंपनी ने पिछले साल सचिन बंसल की कंपनी चैतन्य इंडिया का अधिग्रहण किया था. उन्होंने यह सौदा करीब 1500 करोड़ रुपये में किया था. अनन्या ने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी, अमेरिकन स्कूल ऑफ बॉम्बे और सैईद बिजनेस स्कूल जैसे संस्थानों से पढ़ाई की है. 

कितनी है उनकी नेटवर्थ?

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार अनन्या बिड़ला की कुल संपत्ति लगभग 13 बिलियन डॉलर आंकी गई है. यह भारतीय करेंसी में 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक है. वह अपने व्यावसायिक उद्यमों से महत्वपूर्ण आय अर्जित करती हैं. अनन्या बिड़ला ने अपनी मुंबई के अमेरिकन स्कूल ऑफ बॉम्बे से अपनी शुरुआती पढ़ाई पूरी की थी. इसके बाद उन्होंने यूके में ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से इकोनॉमी और मैनेजमेंट में ग्रेजुएशन किया. वे एक सिंगर और बिजनेसमैन के अलावा एक मेंटल हेल्थ एडवोकेट भी हैं.