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इस कंपनी ने सप्लाई किया INS विक्रांत के लिए 30 हजार टन स्पेशल स्टील
आईएनएस विक्रांत के पोत और पतवार के अंदरूनी हिस्सों के लिए ग्रेड 249ए और उड़ान डेक के लिए ग्रेड 249 बी की डीएमआर प्लेटों को लगाया गया है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 year ago
पहला स्वदेशी युधपोत आईएनएस विक्रांत भारतीय नौसेना में शामिल हो गया है. आईएनएस विक्रांत की नौसेना में कमीशनिंग ने 'आत्मनिर्भर भारत' अभियान को एक बड़ी ताकत दी है. आईएनएस विक्रांत में लगे स्टील की आपूर्ति भारत की सबसे बड़ी सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी स्टील अथॉरिटी आफ इंडिया (SAIL) ने की है. सेल ने इसके लिए 30000 टन डीएमआर ग्रेड स्पेशियलिटी स्टील की आपूर्ति की थी.
2 तरह की स्टील का इस्तेमाल
आईएनएस विक्रांत को कोचीन शिपयार्ड में तैयार किया गया है. इस युद्धपोत के लिए सेल ने दो तरह की स्टील की आपूर्ति की थी. जिसमें एक इसके डेक और दूसरी बॉडी के लिए इस्तेमाल की गई. आईएनएस विक्रांत के पोत और पतवार के अंदरूनी हिस्सों के लिए ग्रेड 249ए और उड़ान डेक के लिए ग्रेड 249 बी की डीएमआर प्लेटों को लगाया गया है.
कहां-कहां से हुई स्टील की आपूर्ति
INS विक्रांत के लिए बल्ब बार को छोड़कर, स्पेशियलिटी स्टील की पूरी आपूर्ति कंपनी के एकीकृत इस्पात संयंत्रों - भिलाई, बोकारो और राउरकेला द्वारा की गई है. इस युद्धपोत के निर्माण में इस्तेमाल किया गया यह विशेष ग्रेड स्टील - डीएमआर प्लेट आयात में कमी लाने में मददगार है. आईएनएस विक्रांत के नौसेना में शामिल होने के साथ ही भारत उन देशों में शामिल हो गया है, जो अपने लिए युधपोत तैयार कर सकते हैं. बता दें कि इस युद्धपोत को 20 हजार करोड़ रुपए की लागत से तैयार किया गया है.
PM मोदी ने कही ये बात
INS विक्रांत को PM मोदी ने देश को समर्पित किया. इस मौके पर उन्होंने कहा कि विक्रांत केवल एक युद्धपोत नहीं है, यह 21वीं सदी के भारत के परिश्रम, प्रतिभा, प्रभाव और प्रतिबद्धता का प्रमाण है. आजादी के आंदोलन में हमारे स्वतंत्रता सेनानियों ने जिस सक्षम, समर्थ और शक्तिशाली भारत का सपना देखा था. INS विक्रांत उसकी जीती जागती तस्वीर है. अगर समंदर और चुनौतियां अनंत हैं तो भारत का उत्तर है - विक्रांत। आजादी के अमृत महोत्सव का अतुलनीय योगदान है - विक्रांत.
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