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जिस मंदिर में विराज रहे हैं राम लला, उसमें इन कंपनियों का भी लगा है पसीना
करोड़ों रामभक्तों की मुराद आज पूरी हो गई है. अयोध्या के भव्य राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा आज हो रही है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 3 months ago
अयोध्या में राम मंदिर (Ayodhya Ram Mandir) की प्राण प्रतिष्ठा का समारोह शुरू हो चुका है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) सहित तमाम दिग्गज हस्तियां अयोध्या पहुंच चुकी हैं. बरसों बाद अयोध्या में राम मंदिर की मुराद पूरी हो रही है, इसलिए आज पूरा देश दिवाली मनाएगा. इस भव्य मंदिर को बनाने में करीब 1800 करोड़ रुपए की लागत आई है. खासबात ये है कि उत्तर प्रदेश और केंद्र सरकार ने इसके लिए कोई राशि नहीं दी है. दुनियाभर के राम भक्तों से मिले चंदे से राम मंदिर का निर्माण किया गया है. हाल ही में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खुद यह जानकारी दी थी.
सालों-साल तक रहेगी मजबूती
अयोध्या राम मंदिर का निर्माण इंजीनियरिंग और इन्फ्रा सेक्टर की दिग्गज कंपनी Larsen & Toubro (L&T) ने किया है. बताया जा रहा है कि राम मंदिर की नींव इतनी मजबूत बनाई गई है कि सालों तक यह आंधी, तूफान, भूकंप और बाढ़ से सुरक्षित रहेगा. खास बात ये है कि इसमें लोहे का इस्तेमाल नहीं किया गया है. L&T ने देश-विदेश में कई अहम प्रोजेक्ट पूरे किए हैं. गुजरात में सरकार पटेल की मूर्ति 'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी', अहमदाबाद में दुनिया सबसे बड़ा क्रिकेट स्टेडियम, राउरकेला में दुनिया का सबसे बड़ा स्टेडियम और मुंबई का 'अटल सेतु' L&T ने ही बनाया है. जानकारी के मुताबिक, L&T ने मंदिर के निर्माण के लिए कोई पैसा नहीं लिया है.
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इन्होंने भी दिया है योगदान
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, राम मंदिर के निर्माण में कुछ दूसरी कंपनियों ने भी योगदान दिया है. उदाहरण के तौर पर श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने प्रोजेक्ट मैनेजमेंट के लिए टाटा कंसल्टिंग इंजीनियरर्स लिमिटेड की सेवाएं ली थीं. टाटा समूह की इस कंपनी को इन्फ्रास्ट्रक्चर से जुड़े बड़े प्रोजेक्ट्स मैनेज करने का लंबा अनुभव है. 1962 में स्थापित की गई इस कंपनी ने 60 से अधिक देशों में 11,000 से अधिक प्रोजेक्ट्स को इंजीनियरिंग सेवाएं दी हैं. इसी तरह, राम मंदिर के लिए मिट्टी की टेस्टिंग और एनालिसिस की जिम्मेदारी सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट (CBRI) ने निभाई है. यह इंस्टीट्यूट 2020 की शुरुआत से ही राम मंदिर से जुड़ा रहा है. राम मंदिर के स्ट्रक्चरल डिजाइन और मंदिर की फाउंडेशन के डिजाइन का काम इसी संस्थान ने किया है.
NGRI ने निभाई अहम भूमिका
वहीं, नेशनल जियोफिजिक्स रिसर्च इंस्टीट्यूट (NGRI) ने राम मंदिर के निर्माण स्थल के जियोलॉजिकल मेकअप को समझने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. NGRI ने एडवांस्ड जियोफिजिकल टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करते हुए राम मंदिर के निर्माण स्थल की हर परत का बारीकी से अध्ययन किया और संभावित जोखिमों की पहचान कर निर्माण में जुटी टीम को सुझाव दिए. इन सुझावों से प्रोजेक्ट के रास्ते में आने वाली संभावित अड़चनों को दूर करने में मदद मिली और आज एक भव्य राम मंदिर का निर्माण हो सका.
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