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फिर अश्नीर ग्रोवर ने Gaming सेक्टर पर लगाए गए Tax को लेकर साधा निशाना, कही ये बात
अश्नीर ग्रोवर ने मजाकिया अंदाज में अपनी बात कहते हुए कहा कि इससे 5 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था तक पहुंचने में कोई मदद नहीं मिलेगी.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 7 months ago
भारत पे के को-फाउंडर और गेमिंग कंपनी क्रिकपे के संस्थापक अश्नीर ग्रोवर हमेशा से ही हाई टैक्स रेट को लेकर अपनी आवाज बुलंद करते रहे हैं. इस बार उन्होंने गेमिंग सेक्टर को टैक्स वसूली के लिए भेजे गए नोटिस को लेकर टैक्स एजेंसी पर जबदरस्त हमला किया है. उन्होंने हमला करते हुए कहा कि गेमिंग कंपनियों को हजारों करोड़ रुपये के नोटिस भेजकर सरकार फाइव ट्रिलियन इकोनॉमी का लक्ष्य नहीं पा सकती है. उन्होंने इन नोटिस को लेकर सरकार और टैक्स एजेंसी की आलोचना की है.
इन कंपनियों को अब तक मिल चुका है नोटिस
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, गेमिंग कंपनी ड्रीम 11 की मूल कंपनी ड्रीम स्पोर्टस को एक कारण बताओ नोटिस जारी किया है, जिसमें लगाए गए दांव के अंकित मूल्य पर 28 प्रतिशत जीएसटी का भुगतान न करने 40 हजार करोड़ रुपये से अधिक की कर चोरी का हवाला दिया गया है. इससे पहले इसी तरह का नोटिस गेम्सक्राफ्ट को भी मिल चुका है. गेम्स क्राफ्ट को कर चोरी के लिए कथित तौर पर 21600 करोड़ रुपये का जीएसटी टैक्स डिमांड नोटिस मिल चुका है.
क्या बोले अश्नीर ग्रोवर?
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार अश्नीर ग्रोवर ने कर जारी करने वाले अधिकारियों की सोच बारे में बताते हुए कहा कि मुझे इस बात की दिलचस्पी है कि आखिर ऐसे नोटिस भेजते वक्त टैक्स वालों के दिमाग में क्या चलता होगा. उन्होंने कहा कि ये सरासर मोनोपॉली है. इसका एकमात्र जवाब है ‘कुछ नहीं’. उन्होंने आगे कहा कि ना तो इस तरह के करों का भुगतान करने के लिए कोई तैयार होगा और ना ही सरकार उन्हें वसूल करने में सक्षम होगी. उन्होंने ये भी कहा कि इससे कानूनी प्रक्रियाओं के कारण वकीलों को फायदा होगा. ये बिजनेसमैन द्वारा सहन किए जाने वाला उत्पीड़न है. ग्रोवर ने सोशल नेटवर्किंग प्लेटफॉर्म पर कहा कि, ना तो कोई इतना टैक्स देगा और ना ही सरकार को ये टैक्स मिलेगा. मिलेगी सिर्फ वकीलों को फीस. जो एसी में इसे लड़ेंगे.
क्या 10 साल से वो सो रहे थे?
अश्नीर ग्रोवर यही नहीं रूके. उन्होंने कहा कि अगर इतना टैक्स बनता था तो क्या वो सो रहे थे. उन्होंने कहा कि शायद अकाउंटिंग फर्मो के किसी भी विशेषज्ञ को यह जानकारी नहीं थी कि वे इन कंपनियों के टैक्स ऑडिट को मंजूरी दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि फिर उन 4 बिग अकाउंटिंग वालों को कुछ नहीं आता जो इन फर्मों का ऑडिट पास कर रहे थे. इसे पूर्वव्यापी कर के रूप में देखा जा सकता है.
इसकी तुलना कांग्रेस सरकार के कार्यकाल के दौरान लगाए गए वोडाफोन पूर्वव्यापी कर और भाजपा सरकार के तहत गेमिंग जीएसटी पूर्वव्यापी टैक्स कहते हैं. उन्होंने कहा कि इसे पूर्वव्यापी कर कहा जाता है. उन्होंने मजाकिया अंदाज में अपनी बात कहते हुए कहा कि इससे फाइव ट्रिलियन इकोनॉमी तक पहुंचने में मदद नहीं मिलेगी. इसके बाद उन्होंने वित्त मंत्री और प्रधानमंत्री से अनुरोध करते हुए कहा कि ये हमारे 5 ट्रिलियन तक पहुंचने के लक्ष्य में मदद नहीं कर रहा है.
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