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KYC पर सरकार के इस कदम से आपको बड़ी राहत मिलना तय
केंद्र सरकार बहुत जल्द एक ऐसे सिस्टम को लागू करने की तैयारी कर रही है, जिसमें आपको अलग-अलग सेवाओं के लिए बार-बार KYC कराने की जरूरत नहीं पड़ेगी.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 month ago
बैंक में अकाउंट खुलवाना हो या स्टॉक मार्केट में इन्वेस्ट करना हो, अब हर जगह लोगों को केवाईसी की प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है. बैंकिंग एवं फाइनेंस सेवाओं के डिजिटलीकरण के साथ ही केवाईसी प्रोसेस भी अब हर जगह आवश्यक हो गया है. कई डिजिटल सेवाओं के लिए तो लोगों लो बार-बार KYC की प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है जो बहुत परेशानी भरा होता है. समय और संसाधन की बचत करने के लिए अब भारत सरकार बहुत जल्द KYC की प्रक्रिया में एक बड़ा बदलाव करने जा रही है.
FSDC ने सरकार को दिया प्रस्ताव
केंद्र सरकार जल्द ही यूनिफॉर्म केवाईसी (KYC) के नियम लागू कर सकती है. इसके तहत बैंक, बीमा से लेकर म्यूचुअल फंड और अन्य वित्तीय सेवाओं के लिए एक ही KYC होगा. वित्तीय स्थिरता और विकास परिषद(FSDC) ने वित्तीय क्षेत्र में एक समान KYC प्रणाली लागू करने का प्रस्ताव सरकार को दिया है.
KYC को लेकर सरकार ने बनाई समिति
केंद्र ने समान KYC नियमों पर सिफारिशों के लिए वित्त सचिव टीवी सोमनाथन की अगुवाई में विशेषज्ञ समिति बनाई है. जो यूनिफॉर्म केवाईसी को लेकर नियमों का ढांचा तैरार करेगी. FSDC के साथ हाल में हुई बैठक में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने भी KYC प्रक्रिया को आसान बनाने का सुझाव दिया था. इससे पहले भी वित्त मंत्री केवाईसी नियमों का आसान बनाने के लिए वन स्टॉप सॉल्यूशन पर जोर देती रही हैं.
कैसे काम करेगी यूनिफॉर्म केवाईसी ?
मौजूदा समय में आपको बैंक अकाउंट खुलवाते समय अपने पहचान पत्र के साथ KYC करानी पड़ती है और इसके साथ ही अगर स्टॉक मार्केट में निवेश करना हो तो अलग से फिर से केवाईसी करवाने की जरूरत पड़ती है. इसमें मेहनत और समय दोनों खर्च होते हैं. सरकार इसी रुकावट को दूर करना चाहती है. नए सिस्टम में आपको 14 अंकों का सीकेवाईसी नंबर (CKYC Number) दे दिया जाएगा. साथ ही आपका केवाईसी रिकॉर्ड सेबी (SEBI) के अलावा आरबीआई (RBI), इरडा (IRDAI) और पीएफआरडीए (PFRDA) सभी जगह उपलब्ध करवा दिया जाएगा. इससे आपको हर जगह केवाईसी नहीं करवानी होगी, क्योंकि आपकी जानकारी अलग-अलग संस्थानों के पास सीकेवाईसी नंबर से पहुंच जाएगी.
क्या है KYC की मौजूदा व्यवस्था ?
अभी विभिन्न वित्त क्षेत्रों के लिए अलग-अलग तरीके के केवाईसी करवानी पड़ती है. इसके लिए वर्ष 2016 में सेंट्रल केवाईसी रिकॉर्ड्स रजिस्ट्री का गठन किया गया. इसके जरिए यह प्रक्रिया केंद्रीकृत और आसान बनाई गई. एक बार इसमें रजिस्ट्रेशन के बाद इसी एजेंसी के जरिए अलग-अलग संस्थानों को KYC दस्तावेज जारी किए जाते हैं.
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