Tata Steel Q3 Results: कंपनी ने उठाया नुकसान, अंगुल एनर्जी के साथ मर्जर को मिली मंजूरी

जहां बहुत सी कंपनियों के तीसरे क्वार्टर के रिजल्ट्स काफी अच्छे और शानदार रहे हैं, वहीं टाटा स्टील को इस क्वार्टर में 2224 करोड़ रुपयों का नुक्सान उठाना पड़ा है.

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Tuesday, 07 February, 2023
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34 मिलियन टन की क्रूड स्टील कैपेसिटी के साथ टाटा स्टील विश्व की सबसे बड़ी स्टील कंपनियों में से एक है. सोमवार को टाटा स्टील ने एक स्टेटमेंट द्वारा वित्त वर्ष 2023 के तीसरे क्वार्टर के अपने रिजल्ट्स को जारी किया. बहुत सी भारतीय कंपनियों और बैंकों के लिए 31 दिसंबर को ख़त्म हुआ यह क्वार्टर काफी अच्छा रहा था. लेकिन टाटा स्टील को वित्त वर्ष 2023 के तीसरे क्वार्टर में 2224 करोड़ रुपयों का नेट लॉस उठाना पड़ा है.

प्रॉफिट मिलने के लगाए गए थे अनुमान

पिछले वर्ष कंपनी को 9572 करोड़ रुपयों का प्रॉफिट हुआ था. वहीँ अगर पिछले क्वार्टर की बात करें तो कंपनी को 1514 करोड़ रुपयों का प्रॉफिट देखने को मिला था. वित्त वर्ष 2023 के तीसरे क्वार्टर में कंपनी को ऑपरेशंस से मिलने वाले रेवेन्यु में सालाना आधार पर 6% की गिरावट दर्ज की गयी है. ज्यादातर एनालिस्टों द्वारा कंपनी को तीसरे क्वार्टर में प्रॉफिट मिलने के अनुमान लगाए जा रहे थे. इस क्वार्टर के दौरान कंपनी का कुल EBITDA (अर्निंग्स बिफोर इंटरेस्ट टैक्स डेप्रिसिएशन एंड अमोर्टाइजेशन) 7% मार्जिन के साथ 4154 करोड़ रुपये रहा. यूरोप में चल रही स्थिति को कंपनी के प्रॉफिट में हुई इस गिरावट के लिए ज़िम्मेदार माना जा रहा है.

इस वजह से पड़ा परफॉरमेंस पर असर

टाटा स्टील के CEO और MD टी वी नरेन्द्रन ने कहा - विपरीत परिस्थितियों के बावजूद भी टाटा स्टील ने इंडिया में लगातार स्थिर रूप से ग्रोथ की है. वित्त वर्ष 2023 के पहले नौ महीनों में घरेलु डिलीवरी 13.7 मिलियन टन रही जो पिछले साल के मुकाबले 4 प्रतिशत ज्यादा है. कंपनी के अधिकतर भागों में विस्तृत रूप से बढ़त देखने को मिली है. कंपनी के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर और चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर कौशिक चटर्जी ने कहा -  इस वित्त वर्ष के पहले नौ महीनों में इकॉनोमिक स्लो-डाउन और इन्फ्लेशन के प्रेशर के बावजूद ग्लोबल स्टील की कीमतें संतुलित रही हैं. इंडिया में स्टील की कीमतों में कोई बदलाव नहीं हुआ जबकि रॉ मैटेरियल की कीमत भी पहले से कम हुई है.

इंडियन मार्किट में प्रॉफिट तो यूरोप में हुआ नुकसान

इंडियन मार्किट में कंपनी ने 1918 करोड़ रुपये के प्रॉफिट के साथ 32325 करोड़ रुपये का रेवेन्यु कमाया है. हालाँकि भारत में कंपनी की डिलीवरीज सालाना आधार पर 7% बढ़कर 4.74 मिलियन टन रही. टी वी नरेन्द्रन ने बताया कि – मांग कम होने की वजह से वित्त वर्ष 2023 के पहले नौ महीनों में यूरोप में हमारी डिलीवरीज कम रही हैं. रिसेशन को लेकर चिंता की वजह से स्टील की कीमतों पर दबाव बढ़ने और बढ़ी हुई एनर्जी कॉस्ट्स की वजह से हमारी परफॉरमेंस पर काफी असर पड़ा है.

कंपनी ने इस क्वार्टर के दौरान कैपेक्स (कैपिटल एक्सपेंडिचर) के रूप में 3632 करोड़ रुपये खर्च किये. वहीँ अगर बात कंपनी के नेट डेब्ट की करें तो यह 71706 करोड़ रुपयों पर स्थिर रहा. कंपनी द्वारा क्वार्टर में जेनरेट किया गया फ्री कैश फ्लो 1588 करोड़ रुपये रहा जिसकी वजह वर्किंग कैपिटल में मनचाही मूवमेंट को माना जा रहा है. साथ ही कंपनी के बोर्ड ने टाटा स्टील के साथ अंगुल एनर्जी के मर्जर को मंज़ूर कर दिया है.

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इस प्राइवेट सेक्टर कंपनी का बड़ा ऐलान, वित्त वर्ष 2024-25 में जुटाएगी 6100 करोड़ रुपये

पब्लिक सेक्टर की कंपनी अपने वित्त वर्ष के 2024-25 के लिए रोड मैप तैयार कर लिया है. कंपनी आने वाले वित्त वर्ष में 6100 करोड़ रुपये जुटाएगी.

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Thursday, 28 March, 2024
NHPC

पब्लिक सेक्टर की कंपनी NHPC के बोर्ड ने वित्त वर्ष 2024-25 में 6100 करोड़ रुपये का कर्ज जुटाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. कंपनी ने शेयर बाजार को दी सूचना में कहा कि NHPC के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ने 27 मार्च को हुई बैठक में प्राइवेट प्लेसमेंट बेसिस (Private Placement Basis), टर्म लोन (Term Loan) या कई चरणों में एक्सटर्नल कमर्शियल बॉरोइंग (External Commercial Borrowing) के आधार पर एक या अधिक किस्तों में नॉन-कनवर्टिबल कॉरपोरेट बॉन्ड (Non-Convertible Corporate Bond) के माध्यम से वित्त वर्ष 2024-25 में 6,100 करोड़ रुपये तक का लोन जुटाने के प्रस्ताव पर विचार किया और मंजूरी दी.

मणिपुर के साथ खत्म होगा ज्वाइंट वेंचर

बैठक में इसके अलावा कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ने NHPC की सब्सिडियरी और मणिपुर सरकार के साथ शुरू किए गए ज्वाइंट वेंचर लोकटक डाउनस्ट्रीम हाइड्रोइलेक्ट्रिक कॉरपोरेशन लिमिटेड (Loktak Downstream Hydroelectric Power Corporation Limited) को बंद करने के लिए भी अपनी सैद्धांतिक मंजूरी दे दी. अब इस क्लोजर के लिए DIPAM (लोक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग), बिजली मंत्रालय और और मणिपुर सरकार की मंजूरी ली जाएगी. 

सबसे बड़ा सवाल: क्या वाकई देश की वित्त मंत्री के पास चुनाव लड़ने के लिए नहीं हैं पैसे?

88,900 करोड़ रुपये है NHPC का मार्केट कैप

NHPC का मार्केट कैप वर्तमान में बीएसई पर 88,900 करोड़ रुपये है. कंपनी का शेयर 27 मार्च को बीएसई पर 88.56 रुपये पर बंद हुआ. शेयर की कीमत में पिछले एक साल में 127 प्रतिशत से ज्यादा का उछाल आया है. कंपनी में दिसंबर 2023 के आखिर तक सरकार की हिस्सेदारी 70.95 प्रतिशत और पब्लिक की 29.05 प्रतिशत थी. बीएसई के डेटा के मुताबिक, वित्त वर्ष 2024 की दिसंबर 2023 तिमाही में NHPC का रेवेन्यू 1,697.02 करोड़ रुपये और शुद्ध मुनाफा 546.13 करोड़ रुपये रहा. 

NHPC के शेयर में दर्ज की गई तेजी

शेयर बाजार में आज यानी 28 मार्च को तेजी देखने को मिल रही है. खबर लिखे जाने तक सेंसेक्स 500 अंक से ज्यादा की बढ़त के साथ 73,600 के स्तर पर कारोबार कर रहा है. वहीं, निफ्टी में भी 150 अंक से ज्यादा की तेजी है, ये 22,300 के स्तर पर कारोबार कर रहा है. वहीं NHPC के बोर्ड की बैठक में लिए गए फैसले के बाद इसके शेयरों में तेजी देखी गई. NHPC के शेयर में 0.51 प्रतिशत की बढ़त देखी गई. 
 


सबसे बड़ा सवाल: क्या वाकई देश की वित्त मंत्री के पास चुनाव लड़ने के लिए नहीं हैं पैसे? 

निर्मला सीतारमण का कहना है कि उन्हें आंध्र प्रदेश या तमिलनाडु से चुनाव लड़ने का ऑफर मिला था, लेकिन उन्होंने इंकार कर दिया.

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Thursday, 28 March, 2024
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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election 2024) नहीं लड़ने का फैसला लिया है. उन्होंने बताया कि BJP अध्यक्ष जे पी नड्डा ने उन्हें आंध्र प्रदेश या तमिलनाडु से चुनाव लड़ने का विकल्प दिया था, लेकिन उन्होंने इससे इंकार कर दिया. उन्होंने कहा कि मेरे पास चुनाव लड़ने के लिए पैसा नहीं है. सीतारमण ने कहा कि मैंने करीब 10 दिनों तक विचार करने के बाद 'ना' कर दिया. क्योंकि मेरे पास चुनाव लड़ने के लिए पर्याप्त धन नहीं है. देश का वित्त मंत्रालय संभालने वालीं सीतारमण का पैसों का हवाल देकर चुनाव से पीछे हटना चर्चा का विषय बन गया है. 

वित्त मंत्री के नाम कोई कार नहीं
अब जब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पैसों की कमी का हवाला देकर चुनाव न लड़ने का फैसला लिया है, तो यह भी जान लेते हैं कि उनके पास कितनी दौलत है. एक रिपोर्ट के अनुसार, निर्मला सीतारमण की कुल संपत्ति 2 करोड़ 50 लाख 99 हजार 396 रुपए है. इसमें चल और अचल संपत्ति दोनों शामिल है. इसके अलावा, उनके पास 315 ग्राम सोना और 2 किलो चांदी है. हालांकि, उनके पास कोई कार नहीं है, लेकिन एक बजाज चेतक स्कूटर उनके नाम पर है, जिसकी कीमत 28,200 रुपए है. 

निर्मला सीतारमण पर इतनी है देनदारी
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के पास हैदराबाद के पास 16 लाख रुपए मूल्य की एक गैर कृषि भूमि है. उनकी अचल संपत्ति का कुल मूल्‍य 1,87,60,200 रुपए है. सीतारमण के ऊपर 73,07,458 रुपए की देनदारी भी है. राज्‍यसभा के लिए अपने चुनावी हलफनामे दायर करते हुए उन्होंने बताया था कि उनके पास केवल 17,200 रुपए कैश है. जबकि उनके पास 45,04,479 रुपए की बैंक FD है. हलफनामे में उन्होंने यह भी बताया था कि उनके पति के पास 25,300 रुपए कैश है. निर्मला सीतारमण के बैंक ऑफ इंडिया और केनरा बैंक में अकाउंट हैं. बता दें कि निर्मला सीतारमण कर्नाटक से राज्यसभा की सदस्य हैं.

शक्तिशाली महिलाओं में हैं शामिल
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने देश की पहली पूर्णकालिक वित्त मंत्री के रूप में 30 मई 2019 जो जिम्मेदारी संभाली थी, उसे अब तक वह बखूबी निभाती आई हैं. निर्मला सीतारमण को मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में रक्षा मंत्री बनाया गया था. सितंबर 2017 से मई 2019 तक वह इस पद पर रहीं. इसके बाद मई 2019 में मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में उन्हें वित्त मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपी गई. निर्मला सीतारमण की गिनती दुनिया की सबसे शक्तिशाली महिलाओं में होती है. निर्मला सीतारमण का जन्म 18 अगस्त 1959 को तमिलनाडु के मदुरै में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था. उन्होंने तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली के सीतालक्ष्मी रामास्वामी कॉलेज से इकोनॉमिक्स में ग्रेजुएशन किया. इसके बाद दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) से अंतरराष्ट्रीय अध्ययन विषय में एमफिल किया और यहीं से उन्होंने इंडो यूरोपियन टेक्सटाइल ट्रेड में पीएचडी की डिग्री भी हासिल की. वित्त मंत्री के पिता नारायण सीतारमण रेलवे में काम करते थे, जबकि उनकी मां सावित्री सीतारण हाउसवाइफ थीं. 
 


IDFC फर्स्ट बैंक का साथ छोड़ने को बेकरार है ये कंपनी, आज हो सकती है बड़ी डील

वारबर्ग पिनकस ने इससे पहले दिसंबर में IDFC फर्स्ट बैंक में 1.3 प्रतिशत हिस्सेदारी बेची थी.

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Thursday, 28 March, 2024
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प्राइवेट सेक्टर के IDFC फर्स्ट बैंक को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, वारबर्ग पिनकस (Warburg Pincus) से जुड़ी कंपनी क्लोवरडेल इनवेस्टमेंट (Cloverdell Investment) IDFC फर्स्ट बैंक का साथ छोड़ने की तैयारी में है. कंपनी 28 मार्च यानी आज ब्लॉक डील के जरिए बैंक में मौजूद अपनी पूरी हिस्सेदारी बेच सकती है. क्लोवरडेल इनवेस्टमेंट के पास IDBI फर्स्ट बैंक में 2.25 प्रतिशत हिस्सेदारी है. 

उछाल पर बंद हुए शेयर
क्लोवरडेल इनवेस्टमेंट अपने 15.9 करोड़ शेयर बेचने की तैयारी में है. फ्लोर प्राइज 75 रुपए प्रति शेयर तय किया गया है, जो मौजूदा मार्केट प्राइज से 4 प्रतिशत डिस्काउंट पर है. रिपोर्ट्स में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि मॉर्गन स्टैनली (Morgan Stanley) इस डील के लिए ब्रोकर नियुक्त किया गया है. बैंक के स्टॉक मार्केट में प्रदर्शन की बात करें, तो 27 मार्च को बैंक के शेयर 0.26 प्रतिशत की उछाल के साथ 77.90 रुपए पर बंद हुए थे. हालांकि, इस साल अब तक ये शेयर 11.28% नीचे आ चुका है.

पहले भी बेची हिस्सेदारी
वारबर्ग पिनकस ने इससे पहले दिसंबर में IDFC फर्स्ट बैंक में 1.3 प्रतिशत हिस्सेदारी बेची थी. यह डील ओपन मार्केट ट्रांजेक्शन के जरिए 790 करोड़ रुपए में हुआ था. बैंक की आर्थिक स्थिति पर नजर डालें, तो दिसंबर 2023 तिमाही में IDFC फर्स्ट बैंक का नेट प्रॉफिट 18% की बढ़ोतरी के साथ 716 करोड़ रुपए रहा था. इसी अवधि में बैंक की इंटरेस्ट इनकम बढ़कर 7,879 करोड़ रुपए रही. पिछले साल की इसी तिमाही में यह आंकड़ा 5,912 करोड़ था. दिसंबर 2023 तिमाही में बैंक के ग्रॉस नॉन-परफॉर्मिंग रेशियो में भी सुधार देखने को मिला. यह पिछले साल की इसी अवधि के 2.95 प्रतिशत से घटकर 2.04 प्रतिशत हो गया. इसी तरह, नेट NPA 1.03% से घटकर 0.68% हो गया.

सीईओ की हुई तारीफ  
आईडीएफसी फर्स्ट बैंक (IDFC First Bank) के एमडी और सीईओ वी वैद्यनाथन हाल ही में चर्चा में रहे थे. दरअसल, वैद्यनाथन ने पांच लोगों को बैंक 7 लाख शेयर दान किए, जिनकी कीमत 5.5 करोड़ रुपए थी. प्राइवेट सेक्टर के इस बैंक ने एक रेगुलेटरी फाइलिंग में बताया गया था वैद्यनाथन ने जिन पांच लोगों को शेयर गिफ्ट किए हैं उनमें सेवानिवृत्त एयरफोर्स अधिकारी और अपने माता-पिता को खो चुका एक बच्चा भी शामिल है. वैद्यनाथन ने मकान खरीदने के लिए समीर म्हात्रे को आईडीएफसी फर्स्ट बैंक के 50,000 शेयर दान दिए. इसी के साथ उन्होंने अपने सहकर्मी के रिश्तेदार मयंक मृणाल घोष को 75,000 शेयर दिए. उन्होंने वायु सेना के रिटायर्ड विंग कमांडर संपत कुमार को 2.5 लाख शेयर उपहार स्वरूप दिए. इसके अलावा, ए कनौजिया को मकान खरीदने के लिए 2.75 लाख शेयर और मनोज सहाय को 50 हजार शेयर दिए हैं.  
 


कल लाल रंग से पीछा छुड़ाने में सफल रहा बाजार, आज इन शेयरों की बदल सकती है चाल!

शेयर बाजार के लिए आज सप्ताह का आखिरी कारोबारी दिन है, क्योंकि कल गुड फ्राइडे के मौके पर बाजार बंद रहेगा.

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Thursday, 28 March, 2024
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शेयर बाजार (Stock Market) बुधवार को लाल रंग की गिरफ्त से बाहर निकलने में कामयाब रहा. रिलायंस के साथ ही बैंक, ऑटो और पेट्रोलियम कंपनियों के शेयरों में हुई लिवाली से बाजार को सपोर्ट मिला. इस दौरान, बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) का सेंसेक्‍स 526.01 अंक चढ़कर 72996.31 पर पहुंच गया. इसी तरह, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का निफ्टी भी 118.95 अंक मजबूत होकर 22123.65 के लेवल पर बंद हुआ. सेंसेक्स के 30 में से 18 शेयर फायदे में रहे. बाजार के लिए आज सप्ताह का आखिरी कारोबारी दिन है, क्योंकि कल शुक्रवार को गुड फ्राइडे के मौके पर ट्रेडिंग नहीं होगी.  

इनमें है तेजी के संकेत
मोमेंटम इंडिकेटर मूविंग एवरेज कन्वर्जेंस डिवर्जेंस (MACD) ने आज के लिए Max Healthcare के साथ-साथ NLC India, Global Health, Metropolis Health, Prestige Estate और CESC में तेजी के संकेत दिए हैं. इसका मतलब है कि इन शेयरों के भाव ऊपर चढ़ सकते हैं और ऐसे में आपके पास इन पर दांव लगाकर मुनाफा कमाने का मौका भी है. हालांकि, BW हिंदी आपको सलाह देता है कि शेयर बाजर में निवेश से पहले किसी सर्टिफाइड एक्सपर्ट से परामर्श जरूर कर लें, अन्यथा आपको नुकसान भी उठाना पड़ सकता है. वहीं, MACD ने Vinati Organics और GE Shipping में मंदी का रुख दर्शाया है. यानी इन शेयरों में गिरावट देखने को मिल सकती है. 

इनमें है मजबूत खरीदारी
मजबूत खरीदारी वाले शेयरों की बात करें, तो इस लिस्ट में Maruti Suzuki, Bajaj Auto, ABB India, Siemens, Dixon Technologies और Mankind Pharma शामिल हैं. मारुति के शेयरों में कल भी करीब तीन फीसदी की तेजी दर्ज की गई थी. इस तेजी के चलते कंपनी का मार्केट कैप  उछलकर 4 लाख करोड़ रुपए के पार पहुंच गया. यह मुकाम हासिल करने वाली मारुति 19वीं भारतीय कंपनी बन गई है. अभी तक रिलायंस, TCS, HDFC बैंक और इंफोसिस सहित कुल 18 कंपनियों ने ही यह माइलस्टोन छुआ है. 

इनमें बिकवाली का दबाव
वहीं, कुछ शेयर ऐसे भी हैं, जिनमें बिकवाली का दबाव देखने को मिल रहा है. इसमें Delta Corp, Relaxo Footwear, HLE Glasscoat, Sharda Cropchem, Rajesh Exports, Vinati Organics और Alkyl Amines शामिल हैं. डेल्टा कॉर्प के शेयर कल 4.04% की गिरावट के साथ 112.95 रुपए पर बंद हुए थे. बीते 5 दिनों में ये शेयर 7.95% नीचे आ गया है और इस साल अब तक इसमें 25.45% की नरमी दर्ज हुई है. Relaxo Footwear की बात करें तो इसके लिए बुधवार अच्छा नहीं रहा. ये शेयर 3.87% के नुकसान के साथ कल 784 रुपए पर बंद हुआ. HLE Glasscoat में भी पिछले सत्र में गिरावट देखने को मिली. इन शेयरों में निवेश को लेकर अतिरिक्त सावधानी बरतने की जरूरत है.
 

(डिस्क्लेमर: शेयर बाजार में निवेश जोखिम के अधीन है. 'BW हिंदी' इसकी कोई जिम्मेदारी नहीं लेता. सोच-समझकर, अपने विवेक के आधार पर और किसी सर्टिफाइड एक्सपर्ट से सलाह के बाद ही निवेश करें, अन्यथा आपको नुकसान उठाना पड़ सकता है).


AXIS और YES BANK के साथ जुड़ने के बाद अब इस बड़े बैंक से जुड़ सकता है PAYTM

पेटीएम के साथ मौजूदा समय में 3 करोड़ व्‍यापारी सूचीबद्ध हैं जिन्‍हें कंपनी ट्रांसफर करने के लिए कई बैंकों के साथ साझेदारी कर रही है. वहीं दूसरी ओर 9 करोड़ यूपीआई होल्‍डर भी हैं. 

बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो by
Published - Wednesday, 27 March, 2024
Last Modified:
Wednesday, 27 March, 2024
Paytm

आरबीआई की कार्रवाई के बाद कई परेशानियों का सामना कर रहा पेटीएम अब तक दो बैंकों के साथ अपनी साझेदारी को कर चुका है. इसमें एक्सिस बैंक और यस बैंक शामिल हैं. लेकिन अब पेटीएम इसी कड़ी में एचडीएफसी बैंक के साथ जुड़ने की भी कोशिश कर रहा है. माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में पेटीएम का एचडीएफसी के साथ नाता जुड़ सकता है.पेटीएम मर्चेट माइग्रेसन बिजनेस के लिए इन बैंकों के साथ जुड़ने की कोशिश कर रहा है. 

ये दो बैंक पहले ही जुड़ चुके हैं 
पेटीएम के साथ अभी तक एक्सिस बैंक और यस बैंक जुड़ चुके हैं. पेटीएम पर मौजूदा समय में 3 करोड़ से ज्‍यादा मर्चेंट हैं जो अभी तक पेटीएम पेमेंट बैंक के माध्‍यम से जुड़े हुए थे. लेकिन आरबीआई के पेटीएम पेमेंट बैंक के खिलाफ उठाए गए कदम के बाद अब पेटीएम नए बैंकों से साझेदारी कर रहा है. इस कदम से उसके तीन करोड़ मर्चेंट आसानी से ट्रांसफर हो सकेंगे. सबसे दिलचस्‍प बात ये भी है कि पेटीएम और भी कई बैंकों के साथ बात कर रहा है. इनमें कोटक महिंद्रा और केनरा बैंक भी शामिल हैं. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इनसे भी जल्‍द ही पेटीएम की बात बन सकती है. हालांकि इस पर इन बैंकों ने कोई जवाब नहीं दिया है. इस हफ्ते एसबीआई और एचडीएफसी बैंक पेटीएम के साथ थर्ड पार्टी एप्‍लीकेशन प्रोवाइडर के रूप में जुड़ सकते हैं. पेटीएम के साथ मौजूदा समय में 9 करोड़ यूपीआई उपभोक्‍ता हैं. 

15 मार्च को जुड़े थे एक्सिस बैंक और यस बैंक 
इससे पहले पेटीएम के साथ यस बैंक और एक्सिस बैंक जुड़ चुके हैं. दोनों बैंक 15 मार्च को पेटीएम के साथ जुड़े थे. ये वही तारीख है जो आरबीआई की ओर से पेटीएम पेमेंट बैंक के काम करने की आखिरी तारीख घोषित की गई थी. इससे पहले नेशनल पेमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया की साइट पर एसबीआई और एचडीएफसी को पेटीएम के साथ जुड़ने के मामले में प्रगतिशील दिखाया गया था. 

31 जनवरी को पेटीएम के खिलाफ आरबीआई ने उठाया था कदम 
31 जनवरी को आरबीआई की ओर से पेटीएम के खिलाफ सख्‍त कदम करते हुए पेटीएम पेमेंट बैंक को बंद कर दिया गया था. आरबीआई ने उसके आगे काम करने पर रोक लगाते हुए किसी भी नए कस्‍टमर को न जोड़ने के निर्देश दिए थे. आरबीआई की ओर से उसे इस्‍तेमाल कर रहे लोगों को परेशानी से बचाने के लिए विशेष गाइडलाइन भी जारी की गई थी, जिससे उन्‍हें ज्‍यादा परेशानी का सामना न करना पड़े. 

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नई शुरुआत: आज से इन चुनिंदा शेयरों में होगा T+0 ट्रेड सेटलमेंट, देख लें पूरी लिस्ट

शेयर बाजार में 28 मार्च से एक बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा. कई शेयरों में T+0 ट्रेड सेटलमेंट की शुरुआत होगी.

बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो by
Published - Wednesday, 27 March, 2024
Last Modified:
Wednesday, 27 March, 2024
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शेयर बाजार (Stock Market) में T+0 ट्रेड सेटलमेंट पर एक बड़ा अपडेट आया है. बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) ने ऐसे 28 शेयरों की लिस्ट जारी कर दी है, जिन पर आज से यह सुविधा प्रदान की जाएगी. BSE के साथ NSE भी 25 मार्च से कुछ शेयरों के लिए T+0 ट्रेड सेटलमेंट शुरू करने के लिए तैयार है. इसका मतलब है कि बाजार में कुछ शेयर T+0 साइकल के साथ सेटल होंगे. फिलहाल, यह व्यवस्था केवल चुनिंदा शेयरों के लिए है, लेकिन बाद में इसे सभी के लिए लागू किया जा सकता है.

अभी क्या है व्यवस्था?
मौजूदा समय में T+1 व्यवस्था के साथ ट्रेड सेटलमेंट होता है. इससे पहले T+2 व्यवस्था लागू थी. T+2 से T+1 की यात्रा तीन चरणों में मार्च 2023 में पूरी हुई थी. अब कल यानी 28 मार्च से एक नई शुरुआत होने वाली है. फिलहाल, किसी स्टॉक को बेचने के एक दिन बाद पैसा आपके खाते में ट्रांसफर हो सकता है. इस व्यवस्था को T+1 कहते हैं. यानी ट्रेडिंग डे + 1 दिन. आज से 25 चुनिंदा शेयरों के लिए यह व्यवस्था T+0 हो जाएगी. कहने का मतलब है कि आपके शेयर बेचते ही पैसा तुरंत आपके खाते में आ जाएगा. 

कई देशों में T+2 व्यवस्था
सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ट्रेड्स के तुरंत निपटारे की योजना पर पिछले काफी समय से काम कर रहा था, जिस पर अब अमल की शुरुआत हो रही है. पिछले साल सेबी चेयरपर्सन माधवी पुरी बुच (Madhabi Puri Buch) ने बताया था कि सेबी स्टॉक एक्सचेंज पर तुरंत निपटान की एक महत्वाकांक्षी योजना पर काम कर रहा है, जिसके अंतर्गत शेयर बेचने के तुरंत बाद आपके खाते में पैसे आ जाएंगे. इसमें एक दिन का भी वक्त नहीं लगेगा. उन्होंने यह भी कहा था कि भारत पहली ऐसी इकोनॉमी है, जिसने अपने सभी शेयरों के लिए T+1 व्यवस्था को लागू कर दिया है. जबकि दुनिया के ज्यादातर मार्केट T+2 व्यवस्था पर काम करते हैं. 

क्या होगा इससे फायदा?
मौजूदा व्यवस्था के तहत यदि आप कोई शेयर बेचते हैं, तो उसका पैसा आपके डीमैट अकाउंट में 24 घंटे बाद क्रेडिट होता है. लेकिन यदि T+0 सिस्टम के चलते पैसा तुरंत मिल जाएगा. आपको इसके लिए 24 घंटे का इंतजार नहीं करना पड़ेगा. एक्सपर्ट्स मानते हैं कि इससे मार्केट में अधिक मात्रा में नकदी उपलब्ध हो सकेगी, जिससे निवेशक ज्यादा मात्रा में खरीद-बिक्री कर पाएंगे.  .

ये हैं एलिजिबल शेयर
T+0 सेटलमेंट साइकल के लिए एलिजिबल शेयरों में Ambuja Cements, Ashok Leyland, Bajaj Auto Ltd, Bank of Baroda, BPCL, Birlasoft, Cipla, Coforge, Divis Laboratories, Hindalco Industries, Indian Hotels Co, JSW Steel, LIC Housing Finance, LTI Mindtree, MRF,  Nestle India, NMDC, ONGC, Petronet LNG, Samvardhana Motherson International, State Bank of India, Tata Communications, Trent, Union Bank of India और Vedanta.
 


IPO लाने की तैयारी में यह फाइनेंस कंपनी, क्या हो सकती है वैल्यूएशन, जानें पूरी डिटेल्स?

यह हाउसिंग फाइनेंस कंपनी शेयर बाजार में लिस्टिड होने की तैयारी कर रही है. इसके लिए हाउसिंग फाइनेंस कंपनी ने कई इन्वेस्टमेंट बैंकरों के साथ प्रारंभिक स्तर की बातचीत शुरू की है.

बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो by
Published - Wednesday, 27 March, 2024
Last Modified:
Wednesday, 27 March, 2024
Bjaja Finance

बजाज फाइनेंस (Bajaj Finance), अपनी सब्सिडियरी कंपनी बजाज हाउसिंग फाइनेंस (Bajaj Housing Finance) को शेयर बाजार में लिस्टिंग कराने की तैयारी में है. इसके लिए बजाज हाउसिंग फाइनेंस ने कई इन्वेस्टमेंट बैंकरों के साथ प्रारंभिक स्तर की बातचीत शुरू कर दी है. मीडिया रिपोर्ट से मिली जानकारी के मुताबिक, बजाज हाउसिंग फाइनेंस अपने इनीशियल पब्लिक ऑफर (IPO) को 9 से 10 अरब डॉलर (करीब 83,000 करोड़ रुपये) के वैल्यूएशन पर लाना चाहती है.

IPOs के लिए बातचीत शुरू

RBI के 'अपर लेयर' की कैटेगरी में निर्धारित नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनी (NBFC) के लिए इस लिस्ट में आने के 3 साल के भीतर शेयर बाजार में खुद लिस्ट कराना अनिवार्य है. बजाज हाउसिंग फाइनेंस ने इसी नियम को ध्यान में रखते हुए संभावित IPOs के लिए बातचीत शुरू की है. अभी सबकुछ शुरुआती चरण में है और कंपनी पब्लिक शेयरहोल्डिंग की न्यूनतम सीमा और वैल्यूएशन को ध्यान में रखते हुए प्रस्ताविक IPO से 900 से 1 अरब डॉलर तक जुटा सकती है. हालांकि अभी कोई अंतिम फैसला नहीं किया गया है और बाजार की स्थितियों के आधार पर IPO का साइज और अन्य चीजें बदल सकती हैं.

BW Gen AI: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से जितना है समाधान, उतना ही है नुकसान

जल्द आएगा बजाज ग्रुप का पहला IPO

बता दें कि बजाज हाउसिंग फाइनेंस को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के निर्धारित मानकों के तहत सितंबर 2025 तक सूचीबद्ध होना है. बजाज हाउसिंग फाइनेंस ने प्रस्तावित लिस्टिंग के लिए कुछ चुनिंदा घरेलू और विदेशी इन्वेस्टमेंट बैंकों के एक समूह के साथ प्रारंभिक बातचीत की थी. जल्द ही इन्वेस्टमेंट बैंकरों का एक सिंडिकेट चुना जाएगा और यह सौदा आने वाले हफ्तों में शुरू होने की संभावना है. यह लंबे अंतराल के बाद बजाज ग्रुप का पहला IPO होगा.

अन्य कंपनियां भी हुई नोटिफाई

मीडिया रिपोर्ट से पता चला है कि आईपीओ (IPO) में नए शेयर और ऑफर-फॉर-सेल (OFS) दोनों शामिल होंगे. बजाज हाउसिंग फाइनेंस के अलावा टाटा संस (TATA Sons), HDB फाइनेंशियल सर्विसेज, टाटा कैपिटल फाइनेंशियल सर्विसेज (TATA Capital Financial Services) , आदित्य बिड़ला फाइनेंस (Aditya Birla Finance) और सांघवी फाइनेंस (Sanghvi Finance) को भी RBI ने 'अपर लेयर' की NBFC फर्म के रूप में नोटिफाई किया है.
 


BW GEN AI Summit: QX LAB AI ने इस कंपनी के साथ मिलाया हाथ, अब ये होगा कंपनी को फायदा

QX AI अकेली ऐसी कंपनी है जो मौजूदा समय में 100 से ज्‍यादा भाषाओं में सर्विस दे रही है. कंपनी आने वाली मई से अपना मल्‍टीमॉडल भी लॉन्‍च करने की तैयारी कर रही है, जिससे 300 भाषाओं में सेवा दी जा सकेगी. 

बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो by
Published - Wednesday, 27 March, 2024
Last Modified:
Wednesday, 27 March, 2024
QX LAB AI

BW GEN AI Summit 2024 में एआई से जुड़ी कई कंपनियों ने भाग लिया. इसी कड़ी में QX LAB AI ने Bobble AI के साथ हाथ मिलाया है. इस मौके पर QX LAB AI के सीईओ और को फाउंडर तिलकराज परमार ने इस साझेदारी को लेकर कई अहम बातें कही. उन्‍होंने भारत में एआई को ग्रोथ को लेकर कहा कि देश पहले ही एआई की राजधानी बन चुका है. उन्‍होंने ये भी कहा वो मई में एआई मल्‍टी मॉडल लॉन्‍च करने जा रहे हैं. उन्‍होंने कहा कि उनसे कई लोग पूछते हैं कि एआई के आने के बाद नौकरियां जा सकती हैं. उन्‍होंने अपने इस प्रजेंटेशन में इस सवाल का भी जवाब दिया. 

इस साल 2 फरवरी को लॉन्‍च हुआ QX LAB AI 
QX LAB AI के सीईओ और को फाउंडर तिलकराज परमार ने कहा कि हमने जिस यात्रा को 2015 में शुरु किया आज आज वो 2024 में जाकर पूरी हुई और इस साल 2 फरवरी को हमने Qx Lab AI को लॉन्‍च कर दिया. Qx Lab AI का जो विजन है वो बहुत आसान है, हम लोगों को सशक्‍त बनाना चाहते हैं. हमने अपने इस ऐप में आपके काम को असाधारण बनाने के लिए असाधारण टूल बनाए हैं. लोग मुझसे आकर पूछते हैं कि क्‍या एआई के आने के बाद हमारी नौकरी चली जाएगी. मुझे लगता है कि ऐसा नहीं होगा. लेकिन हम लोगों को ज्‍यादा इनहेंस कर रहे हैं जिससे वो काम को और बेहतर तरीके से कर सकें. 

आज हमारे यूजर हर रोज बढ़ रहे हैं 
QX LAB AI के सीईओ और को फाउंडर तिलकराज ने कहा कि आज हमारे पास 14 मिलियन यूजर हैं और हम तेजी से ग्रो हो रहे हैं. अभी तक यूएस के बाहर हमने 372 बिलियन पैरामीटर को ट्रेंड किया है. हम यूएस में ट्रेंड करने के मामले में सेंकेंड नंबर पर हैं, इस साल के अंत तक हम 1 ट्रिलियन पैरामीटर तक पहुंच जाएंगे. तिलकराज ने कहा कि हम डेटा सेट को ट्रेंड किए बिना अपने लक्ष्‍य तक नहीं पहुंच सकते हैं. आईबीएम के संदीप पटेल ने कहा था कि हम बिना मल्‍टीमॉडल के आगे नहीं बढ़ सकते हैं. ये आईडिया है और हम उसके बिना आगे नहीं बढ़ सकते हैं. हम अकेली ऐसी कंपनी हैं जो 300 भाषाओं में आपको जवाब की सुविधा देने वाली है. लेकिन अभी हमने 100 भाषाओं में काम किया है. हम अकेली ऐसी एआई कंपनी हैं जो हिंदी और अरेबिक भाषा में सॉल्‍यूशन दे रही हैं.

इकोसिस्‍टम बनाना सबसे जरूरी है 
QX LAB AI के सीईओ और को फाउंडर तिलकराज ने कहा कि हम एक इकोसिस्‍टम का निर्माण करना चाहते हैं. क्‍योंकि बिना इकोसिस्‍टम के हम आगे नहीं बढ़ पाएंगे. हमें इस बात की खुशी है कि हम मई में मल्‍टीमॉडल सिस्‍टम लॉन्‍च करने जा रहे हैं. QX lab AI की शुरुआत इस साल फरवरी में हुई थी. कंपनी एआई सर्विस देने वाली कंपनियों में अकेली कंपनी है जो कई भाषाओं में इसे इस्‍तेमाल करने की सुविधा देती है.

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BW Gen AI: कहीं AI ने बदल दिए हैं काम करने के तरीके, तो कहीं अभी भी बनी हुई है गुंजाइश 

अब तक एआई के द्वारा जो समाधान पेश किए गए हैं उसने हेल्‍थकेयर से लेकर रिटेल और दूसरे कई सेक्‍टरों में सॉल्‍यूशन मुहैया कराए हैं. 

बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो by
Published - Wednesday, 27 March, 2024
Last Modified:
Wednesday, 27 March, 2024
BW GEN AI

BW GEN AI समिट में एआई के मौजूदा इस्‍तेमाल से लेकर आने वाले दिनों में उसकी अलग-अलग क्षेत्रों में जो जरूरत महसूस की जा रही है उसे लेकर बातचीत हुई. इस पैनल में एआई कंपनियों से जुड़े कई लोगों ने अपने अनुभवों को साझा  किया और कहा कि  और बताया कि आज एआई कई क्षेत्रों में काम कर रहा है. इस पैनल में FSSAI की चीफ टेक्‍नोलॉजी ऑफिसर लीली प्रसाद, Nascom ai के प्रोग्राम डॉयरेक्‍टर माधव बिस्‍सा, MIT Media Lab के वैज्ञानिक शांतनु भट्टाचार्य और Biz Credit के को फाउंडर और प्रेसीडेंट रमित अरोरा और Ayatiworks Technology के फाउंडर एंड सीईओ उपेन्‍द्रन नंदाकुमार मौजूद रहे. 

AI को लेकर क्‍या है चुनौती 
Nascom ai के प्रोग्राम डॉयरेक्‍टर माधव बिस्‍सा ने अपनी बात कहते हुए कहा कि हमारे सामने जो चैलेंज आता है उसमें डेटा, मॉडल टैलेंट और रेगुलेशन सबसे बड़ी चुनौती है. अब जहां तक बात उसके इंप्‍लीमेंटेशन की बात सामने आती है तो ये दिखता है कि आपकी टीम में कौन शामिल होने जा रहा है वो कितने समय तक वो आपके साथ रहने वाला है. हमारे पास जो डेटा है वो कैसा है. हम अपने चैलेंज को सुलझाने के लिए जिस मॉडल का इस्‍तेमाल कर रहे हैं वो कैसा है. क्‍योंकि डेटा समय के साथ बदल रहा है, हर वक्‍त नई चीजें आ रही हैं. हमारी कैटेगिरी तो एक जैसी ही रहती है. जो भी संस्‍था एआई या जेन एआई को लागू कर रही है वो उसके सामने हमेशा ही ये चुनौतियां बनी रहती हैं. 

एआई से रोज के काम में हो सकती है आसानी 
MIT Media Lab के वैज्ञानिक शांतनु भट्टाचार्य ने कहा कि मेरा मानना है कि इसे बड़े पैमाने पर देखे जाने की जरूरत है. मुझे लगता है कि इस वक्‍त हम लोग एक हाइप साइकिल के मीडिल में हैं. 10 साल पहले जो एआई को लेकर समस्‍या थी आज वो जेन एआई को लेकर हो गई है. क्‍या कस्‍टमर की समस्‍या एक सीधी लाइन जैसी है. हमारा वो कस्‍टमर इंटरनल हो सकता है आउटर हो सकता है. इसमे जो चैलेंज है वो डेटा का हो सकता है, टैलेंट का हो सकता है, रेगुलेशन का हो सकता है. कई बार ये भी सवाल उठता है कि हम इसे क्‍यों कर रहे हैं इसका क्‍या फायदा होगा.

किसी भी लार्ज कार्पोरेशन में सीनियर लेवल पर 40 से 50 प्रतिशत मेरा काम समराइजेशन करना होता है. मेरे लास्‍ट जॉब में मुझे एक दिन में 800 ईमेल देखने होते थे. ऐसा कोई रास्‍ता नहीं होता था जिससे मैं उन्‍हें देख पाता.मुझे उन्‍हें समराइज करना होता था. मैं ईमेल देखने के लिए रात में 4 से 5 घंटे तक बिताया करता था. अगर कोई ऐसा इंजन ऐसा होता जो कि उन्‍हें बॉटम से टॉप तक मेरे लिए समराइज कर सकता तो इससे मुझे बड़ा फायदा होता. वो किसी तरह की प्राइवेसी का उल्‍लंघन न करे क्‍योंकि वो कॉर्पोरेट ईमेल थे. जैसे समराइजेशन है उसी तरह से कस्‍टमर के सवाल, प्रोडक्‍ट रिसोर्स ये एक बड़ा फायदा दे सकती हैं. 


इन सेक्‍टरों के कामों को आसान बना सकती है तकनीक 
FSSAI की चीफ टेक्‍नोलॉजी ऑफिसर लीली प्रसाद ने अपनी बात कहते हुए कहा कि जब हम जेन आई की बात करते हैं तो हमारे जितने भी सरकार के विभाग हैं वो डॉक्‍यूमेंट वेरिफिकेशन सिस्‍टम की मांग करते हैं, कंटेट क्रिएशन की बात करते हैं, तो हमें हर बार एक आरएफपी लिखना पड़ता है. इसलिए कई सारे आरएफपी हो जाते हैं हमारे पास इसके समराइजेशन का स्‍कोप होना चाहिए. ये हमारे पास रेडीली उपलब्‍ध होता है. ये हमारे काम को भी आसान बनाता है. दूसरा हम लोग कई बार FAQ लिखते हैं, क्‍वेरी लिखते हैं जिसके कारण हमारे पास कई सारा डाटा हो जाता है. इसमें हमारे पास चैटबॉट जैसी चीजें आती हैं जो हमारे काम को आसान बनाती हैं. इसे हम ऑटोमोबाइल सेक्‍टर में इस्‍तेमाल कर सकते हैं आ हेल्‍थकेयर में इस्‍तेमाल कर सकते हैं. हम अपने प्रोसेस को ऑटोमेशन करने के लिए जेन एआई का इस्‍तेमाल कर सकते हैं. 

चैटबॉट से इस समस्‍या का किया है समाधान 
Ayatiworks Technology के फाउंडर एंड सीईओ उपेन्‍द्रन नंदाकुमार ने कहा‍ कि हमने दो सेक्‍टर की इसकी शुरुआत की है.इसमें हेल्‍थकेयर और रिटेल सेक्‍टर शामिल है. हेल्‍थकेयर सेक्‍टर में एआई की मदद से डाक्‍टर अपनी वेबसाइट से अब पेसेंट डॉक्‍टर से सीधे बात कर सकता है और डॉक्‍टर उनके सवालों का जवाब देते हैं. इसमें मरीज को एक तरह से क्‍वॉलिटी जवाब मिलता है. इससे फायदा ये होता है कि मुझे एक एक्‍सपर्ट की सलाह मिलती है ना कि किसी गूगल के जरिए सवालों का जवाब मिलता है. हमने इसमें हाल ही सफलता पाई है. 
वहीं अगर रिटेल सेक्‍टर की बात करें तो वहां भी हमने इसे लॉन्‍च किया है जहां टेलीकॉलर की बजाए लोग चैटबोट पर अपने सवालों के तेजी से जवाब पाते हैं. इसने इस सेक्‍टर की ग्रोथ में इजाफा किया है. यहां मेरे दोस्‍त माधन नरसिम्‍हन मौजूद हैं जो मेक मॉय ट्रिप से हैं. आज वो अपने क्‍लाइंट से इस तकनीक के जरिए ऑटोमेटेड तरीके से ईमेल के जवाब दे रहे हैं. इसका सक्‍सेस रेट भी बेहतर नजर आ रहा है. 

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इस विदेशी ब्रोकरेज फर्म ने Reliance Industries के शेयरों का बढ़ाया भाव, जानिए क्या है वजह?

विदेशी ब्रोकरेज फर्म ने Reliance Industries पर BUY रेटिंग को बरकरार रखते हुए टारगेट प्राइस भी बढ़ा दिया है. साथ ही यह भी अनुमान लगाया है कि आखिर कब तक इस स्टॉक में तेजी दिखेगी.

बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो by
Published - Wednesday, 27 March, 2024
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Wednesday, 27 March, 2024
RIL

विदेशी ब्रोकरेज फर्म गोल्डमैन सैक्स (Goldman Sachs) ने रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries) के शेयरों पर अपनी 'खरीद (Buy)' की सलाह को बरकरार रखा है. ब्रोकरेज फर्म का अनुमान है कि Reliance Industries के शेयर में 54% तक की तेजी देखने को मिल सकती है. Goldman Sachs ने यह अनुमान कारोबारी साल 2026 तक के लिए लगाया है. ब्रोकरेज फर्म की ओर से जारी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रमुख इंडेक्स के इस हैवीवेट शेयर का भाव कारोबारी साल 2026 तक ₹4,495 तक पहुंच सकता है. 

54% बढ़ सकती है शेयर की कीमत

विदेशी ब्रोकरेज फर्म गोल्डमैन सैक्स (Goldman Sachs) ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि अगर सबकुछ सही रहा तो वित्त वर्ष 2026 तक इस शेयर की कीमत करीब 54% बढ़ सकती है. उसने कहा कि डिज्नी के साथ ज्वाइंट वेंचर और कैपिटल इनवेस्टमेंट पर बढ़े हुए रिटर्न से रिलायंस की वैल्यू में और इजाफा होगा. गोल्डमैन सैक्स के एनालिस्ट्स ने कहा कि अधिक कैपिटल की मांग करने वाले 2 बिजनेस, रिलायंस रिटेल और जियो टेलीकॉम में कैपिटल एक्सपेंडिचर अपने चरम पर पहुंच गया है. ऐसे में RIL के ओवरऑल परफॉर्मेंस में अब सुधार दिखना शुरू हो जाएगा.

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क्या है RIL में तेजी की वजह?

Goldman Sachs ने इस रिपोर्ट में कहा कि Disney के साथ जॉइंट वेंचर के बाद Reliance Industries की रिस्क-रिवॉर्ड बेहतर लग रहा है. इस फर्म के एनालिस्टों का मानना है कि Reliance Industries का कंसोलिडेटेड रिटर्न कारोबारी साल 2024 में बेहद अहम मोड़ पर है. साथ ही इन्वेस्टेड कैश पर रिटर्न (CROCI) कारोबारी साल 2027 तक 270 बेसिस प्वॉइंट बढ़कर 12% पर पहुंच चुका है. 2011 के बाद से यह सबसे ज्यादा होगा.

RIL का EBITDA हो सकता है दोगुना

Goldman Sachs का अनुमान है कि कारोबारी साल 2024-2027 के दौरान Reliance Retail का EBITDA (Earnings Before Interest, Taxes, Depreciation, and Amortization) दोगुना हो सकता है. न्यू एनर्जी वर्टिकल को लेकर इस रिपोर्ट में कहा गया है कि कारोबारी साल 2025 तक पॉजिटिव EBITDA संभव है, जोकि कारोबारी साल 2030 तक 2.3 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है. कंसोलिडेटेड आधार पर Goldman Sachs का अनुमान है कि Reliance Industries का फ्री कैश फ्लो कारोबारी साल 2025 में पॉजिटिव हो जाएगा.

रिपोर्ट से शेयर में आई तेजी

देश की दिग्गज कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के स्टॉक में बुधवार को खबर लिखे जाने तक कारोबारी सत्र में 2.32 फ़ीसदी की तेजी देखने को मिली है जिस वजह से स्टॉक दिन के अपने हाई लेवल 2951.90 रुपए पर पहुंच गया.