SEBI प्रमुख ने कही ये बात, मार्च से होने जा रहा है ये बड़ा बदलाव 

अगर ये व्‍यवस्‍था लागू हो जाती है तो उसके बाद बाजार में ट्रेडिंग करते ही उसका सेटलमेंट  होने लगेगा. अभी मौजूदा समय में इसमें एक से दो दिन का समय लगता है. 

Last Modified:
Sunday, 26 November, 2023
Madhuru Bech

शेयर मार्केट में पैसा लगाने वालों को अभी तक होने वाला फायदा या कहें शेयरों की खरीद फरोख्‍त होने में 1 से दो दिन लग जाते हैं. लेकिन आने वाले दिनों में सेबी प्रमुख के इस नए बदलाव के कारण शेयरों की खरीद फरोख्‍त का सेटलमेंट उसी दिन हो जाएगा. सेबी प्रमुख माधबी पुरी ने ये जानकारी मुंबई में बोर्ड की बैठक के बाद दी. उन्‍होंने कहा कि मार्च 2024 से ये सुविधा मिलने लगेगी. 

क्‍या बोली सेबी प्रमुख? 
सेबी प्रमुख माधबी पुरी बुच ने कहा कि अगर हमें ये सुविधा शुरू करनी है तो उसके लिए मार्केट इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर और ब्रोकर्स ने तकनीकी चुनौतियों से निपटने को लेकर सलाह दी है. उन्‍होंने कहा कि हमारा लक्ष्‍य है कि हम इसे एक घंटे में नहीं बल्कि T+0 के बाद तुरंत लागू कर दें. उन्‍होंने कहा कि इसे लेकर व्‍यापक तरीके से तैयारी की जा रही है और उन्‍होंने इसे लेकर व्‍यापक तौर पर चर्चा भी की है. उन्‍होंने कहा कि इसका खाका लगभग तैयार हो चुका है और ये व्‍यवस्‍था पूरी तरह से वैकल्पिक भी है. 

2023 जनवरी में लागू हुआ है T+1 समझौता 
व्‍यवस्‍थाओं को बेहतर बनाने के लिए इस साल जनवरी में ही  T+1 समझौते को लागू किया गया है. उन्‍होंने कहा कि इस व्‍यवस्‍था को लागू करने के लिए बाजार के स्‍टेकहोल्‍डर ने सुझाव दिया है कि हमें पहले T+0 समझौता को लागू किया जाए और उसके बाद तुरंत सेटलमेंट की व्‍यवस्‍था को लागू किया जाए. T+1 व्‍यवस्‍था के तहत सौदे का सेटलमेंट एक दिन में किया जाता है. 

लेकिन कुछ बाजार के हितधारकों ने जताया है विरोध 
सेबी की इस व्‍यवस्‍था को लेकर वैसे तो सभी स्‍टेकहोल्‍डर तैयार हैं लेकिन विदेशी निवेशकों ने इसे लेकर विरोध जताया है. उनका तर्क है कि सेम डे सेटलमेंट के लिए उन्‍हें एक दिन पहले अपने पैसे को इंडियन करेंसी में बदलना होगा. उनका कहना है कि इससे उनका ट्रेडिंग का खर्च बढ़ जाएगा. 

ये भी पढ़ें :  BW Class: Debt Instruments के बारे में कितना जानते हैं आप?
 


दुनिया का सबसे बड़ा एयरपोर्ट बनाने जा रहा है ये देश, जानिए इसमें क्‍या है खास?

मौजूदा समय में सउदी अरब में दुनिया का सबसे बड़ा एयरपोर्ट स्थित है. लेकिन अब दुबई अपने मौजूदा एयरपोर्ट से पांच गुना बड़ा एयरपोर्ट बनाने जा रहा है, जिसे उसने मंजूरी दे दी है. 

Last Modified:
Monday, 29 April, 2024
BWHindia

आने वाले कुछ सालों में दुनिया के सबसे बड़े एयरपोर्ट की लोकेशन बदलने वाली है. दुबई में दुनिया का सबसे बड़ा एयरपोर्ट बनने जा रहा है जो मौजूदा एयरपोर्ट का 5 गुना है. इस एयरपोर्ट में 400 विमान, 5 रनवे सहित सालाना 12 मिलियन लोगों की क्षमता होगी. इस एयरपोर्ट को दुबई के शासक शेख मोहम्‍मद बिन राशिद ने मंजूरी दे दी है. इस नए एयरपोर्ट का नाम अल मकतूम अंतरराष्‍ट्रीय हवाई अड्डा होगा. उन्‍होंने इसे लेकर ट्वीट करते हुए विस्‍तार से जानकारी दी है. 

क्‍या बोले दुबई के प्रमुख शासक? 
दुबई के प्रमुख शासक शेख मोहम्‍मद ने ट्वीट करते हुए इसकी जानकारी देते हुए बताया कि, हमने अल मकतूम अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर नए यात्री टर्मिनलों के डिजाइन को मंजूरी दे दी है, और दुबई एविएशन कॉरपोरेशन की रणनीति के हिस्से के रूप में एईडी 128 बिलियन की लागत से भवन का निर्माण शुरू कर दिया है. 
अल मकतूम अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा दुनिया की सबसे बड़ी क्षमता वाला एयरपोर्ट होगा, जिसकी क्षमता 260 मिलियन यात्रियों तक होगी. यह वर्तमान दुबई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के आकार का पांच गुना होगा, और आने वाले वर्षों में दुबई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के सभी परिचालन को इसमें स्थानांतरित कर दिया जाएगा. हवाईअड्डे में 400 विमान द्वार होंगे और इसमें पांच समानांतर रनवे होंगे. विमानन क्षेत्र में पहली बार नई विमानन प्रौद्योगिकियों का प्रयोग किया जाएगा.

ये भी पढ़ें; UPI के रिकॉर्डतोड़ आंकड़ों के बीच कम नहीं हो रहा है कैश ट्रांजैक्‍शन, हो गया इतना इजाफा

इतने सालों का लगेगा समय
सरकार की योजना के अनुसार इस एयरपोर्ट को बनाने में 10 साल लगेंगे. 10 साल में दुबई एयरपोर्ट का ऑपरेशन नए एयरपोर्ट में शिफ्ट हो जाएगा. वहीं अगर इसे बनाने में होने वाले खर्च की बात करें तो दुनिया के इस सबसे बड़े एयरपोर्ट को बनाने में एक बड़ी रकम खर्च होने जा रही है. दुनिया के इस सबसे बड़े एयरपोर्ट को बनाने में 35 अरब डॉलर यानी 2.9 लाख करोड़ रुपये खर्च हो रहे हैं. इस रकम की विशालता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इनसे दो दर्जन बुर्ज खलीफा बनाए जा सकते हैं. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, बुर्ज खलीफा को बनाने में दुबई सरकार को 12500 करोड़ रुपये खर्च आए थे. दुबई सरकार की योजना ये भी है कि इस एयरपोर्ट के चारों ओर शहर भी बनाया गया. इस एयरपोर्ट की खास बात ये होगी कि यहां अत्‍याधुनिक सुविधाओं से लैस कार्गो सेवाएं भी मौजूद होंगी. 

ये हैं दुनिया के टॉप फाइव सबसे बड़े एयरपोर्ट 
वहीं दुनिया के सबसे पांच बड़े एयरपोर्ट की बात करें तो उसमें सबसे पहले नंबर पर सबसे बड़ा एयरपोर्ट किंग फहद अंतरराष्‍ट्रीय हवाई अड्डा शामिल है. इसके बाद दूसरे नंबर पर अमेरिका के डेनवर में स्थित अंतराष्‍ट्रीय हवाई अड्डा शामिल है. तीसरे नंबर पर अमेरिका के डलास में स्थित डलास फोर्ट वर्थ अंतरराष्‍ट्रीय हवाई अड्डा शामिल है. चौथे नंबर पर भी अमेरिका के ऑरलैंडों में स्थित आरलैंडों हवाई अड्डा शामिल है. वहीं पांचवे नंबर पर अमेरिका के वॉशिंगटन डीसी में स्थित वॉशिंगटन डलेस इंटरनेशनल एयरपोर्ट शामिल है. 
 


कबाड़ गाड़ी दीजिए, नई में तगड़ी छूट लीजिए. सब लूट रहे हैं ये स्कीम

देश के 21 राज्यों ने पुरानी गाड़ियों को स्क्रैप करने के बदले में नई गाड़ी पर रोड टैक्स में 25 प्रतिशत या 50 हजार रुपये तक की छूट देने की घोषणा की है. 

Last Modified:
Monday, 29 April, 2024
Scrap

अगर आपकी गाड़ियां पुरानी हो गई है, तो आपके लिए एक खुशखबरी है. दरअसल, अब आपको पुरानी गाड़ी कबाड़ में देने पर अच्छी छूट मिलने वाली है. देश के 21 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की सरकार ने घोषणा की है कि अगर कोई अपनी पुरानी गाड़ी कबाड़ में देता है, तो उसे राज्य सरकार की तरफ से नई गाड़ी पर छूट दी जाएगी. तो चलिए जानते हैं सरकार आपको कैसे और कितनी छूट देने जा रही है? 

इन राज्यों ने किया छूट का ऐलान
केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों से अपने-अपने राज्यों से पुरानी और अनफिट गाड़ियों की स्क्रैपिंग को अनिवार्य बनाने की बात कही है. इसके बाद बिहार, मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, कर्नाटक, महाराष्ट्र, गुजरात, पंजाब और केरल सहित 21 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने मोटर व्हीकल या रोड टैक्स में छूट का ऐलान किया है.

नई कार और कमर्शियल वाहन खरीदने पर मिलेगी छूट
राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश सरकार की ओर से पुराने वाहनों को स्क्रैप करने के बदले नई कार खरीदने पर 25 प्रतिशत तक और कमर्शियल व्हीकल पर 15 प्रतिशत तक की छूट दी जाएगी. अब तक, लगभग 70,000 पुराने वाहनों को अपने आप नष्ट कर दिया गया है. हालांकि उनमें से एक बड़ा हिस्सा केंद्र या राज्य सरकार की एजेंसियों का है. दिल्ली एकमात्र राज्य/केंद्र शासित प्रदेश है जहां 10 और 15 वर्ष से अधिक पुरानी डीजल और पेट्रोल गाड़ीयां ऑटोमैटिकली अनरजिस्टर्ड हो जाती हैं और उन्हें स्क्रैप करना पड़ता है.

इन राज्यों में मिलेगी ये छूट
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार 21 में से 17 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने पुराने वाहनों को हटाने के बाद कमर्शियल या ट्रांस्पोर्ट व्हीकल को रजिस्ट्रेशन के दौरान 15 प्रतिशत रोड टैक्स रियायत देने की बात कही है. प्राइवेट व्हीकल के मामले में 12 राज्य रोड टैक्स पर 25 प्रतिशत की छूट दे रहे हैं. 
1.    हरियाणा 10 प्रतिशत रियायत या स्क्रैप वैल्यू के 50 प्रतिशत से कम का ऑफर कर रहा है. 
2.    वहीं, दूसरी ओर उत्तराखंड 25 प्रतिशत या 50,000 रुपये की छूट दे रहा है. 
3.    कर्नाटक नए व्हीकल की कीमत के अनुसार रोड टैक्स में फिक्स्ड छूट ऑफर कर रहा है. उदाहरण के लिए, 20 लाख रुपये से अधिक कीमत वाली कार के लिए 50,000 रुपये की छूट मिलेगी. 
4.    पुडुचेरी में 25 प्रतिशत या 11,000 रुपये की छूट मिल रही है.

इसे भी पढ़ें-नई सरकार बनते ही शुरू होंगी स्लीपर वंदे भारत, किस रूट पर चलेंगी देखिए लिस्ट

इतने राज्यों में स्क्रैपिंग सेंटर
जानकारी के अनुसार जब से सरकार ने वॉलेंटरी व्हीकल स्क्रैपिंग को बढ़ावा दिया है, 37 रजिस्टर्ड स्क्रैपिंग सेंटर या आरवीएसएफ चालू हो गए हैं. मौजूदा समय में 16 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में 52 ऐसे सेंटर्स काम कर रहे हैं. इसी तरह से 11 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में व्हीकल फिटनेस की जांच के लिए 52 ऑटोमैटिक टेस्टिंग सेंटर काम कर रहे हैं. 


 


निवेशक हो जाइए तैयार, रेलवे के ये दो शेयर बनने वाले हैं रॉकेट

शेयर बाजार में इस साल शानदार तेजी देखी जा रही है. जनवरी महीने से ही खासकर पीएसयू स्टॉक बंपर रिटर्न बनाते दिख रहे हैं. सबसे अधिक तेजी तो रेलवे स्टॉक में देखने को मिली है.

Last Modified:
Monday, 29 April, 2024
Railway Share

भारतीय शेयर मार्केट में इन दिनों जोरदार तेजी देखने को मिल रही है. बीएसई सेंसेक्स (BSE Sensex) और निफ्टी (Nifty) दोनों रिकॉर्ड ऊंचाई को छू रहे हैं. मार्केट में आई इस तेजी के बीच कई कंपनियों के शेयरों ने भी जोरदार छलांग लगाई है. पिछले कुछ हफ्ते में भारतीय रेलवे से जुड़े शेयरों ने रफ्तार पकड़ी है. मार्केट में रेलवे से जुड़े जिन स्टॉक में तेजी आई है, उनमें रेल विकास निगम लिमिटेड (RVNL), इरकॉन इंटरनेशनल लिमिटेड शामिल हैं. अभी जिस कंपनी को 1,200 करोड़ का टेंडर मिला है, उसने पिछले एक साल में 189% का रिटर्न अपने निवेशकों को बनाकर दिया है. निवेशक इसे मल्टीबैगर स्टॉक बता रहे हैं.

इरकॉन को मिला बड़ा ऑर्डर 

आज इरकॉन इंटरनेशनल के शेयरों में आई इस उछाल के पीछे कंपनी द्वारा इंजीनियरिंग, प्रोक्योरमेंट और कंस्ट्रक्शन (EPC) कार्य के लिए एक महत्वपूर्ण ऑर्डर हासिल करना है. कंपनी ने रविवार को एक एक्सचेंज फाइलिंग में निवेशकों को बताया कि दिनेशचंद्र आर अग्रवाल इंफ्राकॉन के साथ अपने ज्वाइंट वेंचर के माध्यम से 1,200 करोड़ के कांट्रैक्ट के लिए अवार्ड लेटर प्राप्त किया है. इस कांट्रैक्ट में ईस्ट कोस्ट रेलवे के वाल्टेयर डिवीजन के एक डिविजन के लिए कोथावलासा-कोरापुट दोहरीकरण परियोजना का निर्माण शामिल है.

RVNL के पास भी है 50 फीसदी रेलवे के ऑर्डर 

इसके साथ ही रेलवे से जुड़ी एक और कंपनी है, जिसके पास 50 फीसदी रेलवे से जुड़ी परियोजनाएं हैं. पब्लिक सेक्टर की कंपनी रेल विकास निगम लिमिटेड (RVNL) की ऑर्डर बुक 65,000 करोड़ रुपए पर पहुंच गई है. कंपनी प्रबंधन ने निवेशक कॉल में कहा कि RVNL अब मध्य एशिया और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के साथ पश्चिमी एशिया जैसे विदेशी बाजारों में नई परियोजनाओं की संभावनाएं तलाश रही है. मैनेटमेंट के टॉप अधिकारियों ने बताया कि हमारे पास अब लगभग 65,000 करोड़ रुपए के ऑर्डर हैं. इनमें से 50 फीसदी रेलवे से जुड़े ऑर्डर हैं. शेष 50 फीसदी ऑर्डर हमें बाजार से मिले हैं. आने वाले समय में हमारी ऑर्डर बुक करीब 75,000 करोड़ रुपए होगी. इस कंपनी के शेयर ने भी पिछले एक साल में 144% का रिटर्न दिया है.

क्या करती है इरकॉन इंटरनेशनल?

इरकॉन इंटरनेशनल एक रेलवे निर्माण कंपनी है, जिसने सड़कों, इमारतों, विद्युत सबस्टेशनों और वितरण, हवाई अड्डे के निर्माण, वाणिज्यिक परिसरों और मेट्रो रेल कार्यों में इन्वॉल्ब है. कंपनी ने दुनिया भर के 25 देशों में 128 से अधिक परियोजनाएं और भारत में विभिन्न राज्यों में 401 परियोजनाएं पूरी की हैं. 2024-2025 के हालिया अंतरिम बजट में रेलवे के लिए ₹2.55 लाख करोड़ और सड़कों और राजमार्गों के लिए ₹2.78 लाख करोड़ का रिकॉर्ड कैपिटल आउटले आवंटित किया गया है, जो इन क्षेत्रों में अब तक का सबसे अधिक निवेश है. 
 

(डिस्क्लेमर: शेयर बाजार में निवेश जोखिम के अधीन है. 'BW हिंदी' इसकी कोई जिम्मेदारी नहीं लेता. सोच-समझकर, अपने विवेक के आधार पर और किसी सर्टिफाइड एक्सपर्ट से सलाह के बाद ही निवेश करें, अन्यथा आपको नुकसान उठाना पड़ सकता है).


UPI के रिकॉर्डतोड़ आंकड़ों के बीच कम नहीं हो रहा है कैश ट्रांजैक्‍शन, हो गया इतना इजाफा

डिजिटल पेमेंट के आंकड़ों को देखें तो उनमें तो हर बार इजाफा हो रही है साथ ही देश में कैश के बढ़ते आंकड़े ने सभी को सोचने पर मजबूर किया है. सवाल ये है कि क्‍या इसे कम किया जा सकता है. 

Last Modified:
Monday, 29 April, 2024
Cash

देश में यूपीआई पेमेंट के आंकड़े जब भी आते हैं तब उनमें हमेशा इजाफा देखने को मिलता है. इस बीच लोगों के कैश इस्‍तेमाल को लेकर आंकड़े सामने आए हैं. CMS consumption के आंकड़े बता रहे हैं कि मासिक कैश के इस्‍तेमाल के औसत में इजाफा देखने को मिल रहा है. 2023 के मुकाबले 2024 में अब तक इसमें 5.51 प्रतिशत से ज्‍यादा का इजाफा देखने को मिल रहा है. इसे ऐसे देखा जा रहा है कि लोग ज्‍यादा कैश खर्च करना पसंद कर रहे हैं जो बढ़ती खपत का संकेत है. 

क्‍या कह रही है CMS Consumption रिपोर्ट? 
 CMS Consumption रिपोर्ट कह रही है कि वर्ष 2023 में जहां लोगों ने 1.35 करोड़ रुपये कैश निकाले वहीं इस बार 1.43 करोड़ रुपये खर्च कर चुके हैं. इसका मतलब ये है कि खपत में 5.51 प्रतिशत का इजाफा है. रिपोर्ट कहती है कि अगर इसका आंकलन मासिक आधार पर करें तो वित्‍त वर्ष 2024 में वित्‍त वर्ष 2023 के मुकाबले 12 में से 10 महीनों में ये 7.23 प्रतिशत ज्‍यादा थी. आंकड़े ये भी बता रहे हैं मेट्रो शहरों में एटीएम से कैश निकालने में 10.37 प्रतिशत का इजाफा हुआ है, जबकि 3.94 प्रतिशत का इजाफा सेमी अर्बन इलाकों में देखने को मिला है और 3.73 प्रतिशत का इजाफा सेमी मेट्रो शहरों में देखने को मिला है. 

ये भी पढ़ें; करोड़ों कमाने वाले इस कांग्रेस प्रत्‍याशी ने थामा बीजेपी का दामन, इतनी है इनकी नेटवर्थ?

इन शहरों में ज्‍यादा निकाला गया है कैश 
कैश का ज्‍यादा इस्‍तेमाल देश के जिन शहरों में देखने को मिला उत्‍तर भारत के दिल्‍ली और उत्‍तर प्रदेश, पूर्वी भारत का वेस्‍ट बंगाल, दक्षिण भारत का तमिलनाड़ु और कर्नाटका, जैसे राज्‍य शामिल हैं. आंकड़े ये भी बता रहे हैं कि पब्लिक सेक्‍टर बैंक के 49 प्रतिशत एटीएम मेट्रोपोलिटन और अर्बन एरिया में स्थित हैं. जबकि 51 प्रतिशत एटीएम SURU में मौजूद हैं. इसी तरह से अगर प्राइवेट बैंकों के एटीएम की स्थिति देखें तो 64 प्रतिशत एटीएम मेट्रो और अर्बन शहरों में मौजूद हैं और इसी तरह से 36 प्रतिशत एटीएम SURU(Semi urban and Rural ) एरिया में स्थिति हैं. 

इस राज्‍य में निकाला गया सबसे ज्‍यादा कैश 
CMS Consumption Report बता रही है कि कर्नाटक में सबसे ज्‍यादा वित्‍त वर्ष 2024 में 1.83 करोड़ रुपये का ट्रांजैक्‍शन हुआ है. इसके बाद दूसरे नंबर दिल्‍ली आता है जहां 1.82 करोड़ का कैश ट्रांजेक्‍शन किया गया जबकि वेस्‍ट बंगाल में 1.62 करोड़ रुपये का ट्रांजैक्‍शन किया गया. आंकड़े ये भी बता रहे हैं कि वित्‍त वर्ष 2024 में 23 में से 14 राज्‍यों/केन्‍द्र शासित प्रदेशों में सालाना 6.45 प्रतिशत का इजाफा देखने को मिला है. जबकि 9 राज्‍यों में इसमें 4.14 प्रतिशत की गिरावट देखने को मिली है. 
 


डब्बावालों से इंस्पायर है लंदन की DabbaDrop, जानें इस फूड डिलीवरी सिस्टम की पूरी कहानी 

आनंद महिंद्रा ने सोशल मीडिया पर लंदन की एक कंपनी का वीडियो शेयर किया है, जो मुंबई के डब्बावालों की तरह खाना डिलीवर करती है.

Last Modified:
Monday, 29 April, 2024
file photo

आप मुंबई में रहे हों या नहीं, लेकिन मुंबई के डब्बावाला (Dabbawalas) के बारे में जरूर सुना होगा. फूड डिलीवरी का ये सिस्टम पूरी दुनिया में मशहूर है. अपने काम के लिए पूरी तरह से समर्पित डब्बावालों की तारीफ ब्रिटेन का राजघराना भी कर चुका है. अब मुंबई के डब्बावालों से प्रेरित होकर लंदन की एक कंपनी के डिब्बों में खाना भरकर बेचने की खबर सामने आई है. खास बात ये है कि इसके लिए डिब्बे भी काफी हद तक वैसे ही इस्तेमाल किए जा रहे हैं, जैसे ही मुंबई के डिब्बावाले करते हैं. महिंद्रा एंड महिंदा के फाउंडर आनंद महिंद्रा (Anand Mahindra) ने इसका एक वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया है.  

ये हैं DabbaDrop की फाउंडर
आनंद महिंद्रा (Anand Mahindra) ने लंदन की कंपनी का वीडियो शेयर करते हुए इसे उल्टा साम्राज्यवाद बताया है. वीडियो में दिखाया गया है कि कुछ लोग डिब्बे में खाना भरकर विभिन्न इलाकों में पहुंचा रहे हैं. इस विदेशी कंपनी ने खाना घर-घर पहुंचाने के लिए मुंबई के डिब्बेवालों का सिस्टम अपनाया है और डिब्बे भी काफी हद तक वैसे ही हैं. DabbaDrop नाम की यह कंपनी लंदन में रजिस्टर्ड है. इसकी शुरुआत Renee और Anshu ने की थी. कंपनी के मेनू में पंजाबी, दिल्ली, गोवा, हैदराबाद के साथ-साथ पाकिस्तान के मशहूर व्यंजन हैं. 

फाउंडर्स

100% प्लास्टिक फ्री पैकेजिंग 
DabbaDrop खाने की डिलीवरी स्टील के डिब्बों में करती है. कंपनी लंदन के 1 से 3 तक सभी जोन में डिलीवरी करती है और अब तक 169,000 डिब्बे पहुंचा चुकी है. कंपनी का कहना है कि 100% प्लास्टिक पैकेजिंग के चलते उसका खाना पूरी तरह से सुरक्षित है और पर्यावरण के भी अनुकूल है. कंपनी की वेबसाइट पर साफ तौर पर लिखा हुआ है कि उनका बिजनेस मुंबई के डब्बावालों से प्रेरित है. DabbaDrop बड़ों के साथ-साथ बच्चों के लिए भी डिब्बा पहुंचाती है. उसमे मेनू में समौसे से लेकर मिठाई तक बहुत कुछ शामिल है.

इन कंपनियों ने बिगाड़ा गणित
अब मुंबई के डब्बावालों की बात करें, तो वह लगभग 130 सालों से मुंबई की पहचान बने हुए हैं. ये मुंबई में काम करने वाले सैकड़ों सरकारी और गैर-सरकारी कर्मचारियों को खाने का डब्बा पहुंचाने का काम करते हैं. कुछ वक्त पहले तक मुंबई में डब्बा वाले संघ से 5000 से ज्यादा लोग जुड़े हुए थे और हर दिन ये लगभग दो लाख से ज्यादा डब्बा पहुंचाए जा रहे थे. लेकिन Zomato जैसी कंपनियों के आने के बाद उनका बिजनेस प्रभावित हुआ है. बताया जाता है कि साल 1890 में Mahadu Havji Bache द्वारा इसकी शुरुआत की गई थी. पहले केवल 100 लोगों को ही डिब्बा पहुंचाया जाता था, लेकिन मुंबई के विस्तार के साथ इसका भी विस्तार होता गया. 

ब्रिटिश राज घराने से खास जुड़ाव
मुंबई के डब्बावाले बाकायदा एक खास यूनिफॉर्म पहनते हैं. इन्हें आमतौर पर सफेद रंग का कुर्ता-पायजामा, सिर पर गांधी टोपी और पैरों में कोल्हापुरी चप्पल पहने देखा जा सकता है. आंधी आए या तूफान इनकी डिलीवरी हमेशा समय पर ही होती है. ब्रिटिश राजघराने का मुंबई डब्बावाला संगठन से खास जुड़ाव रहा है. दरअसल, 2003 में जब किंग चार्ल्स बतौर प्रिंस भारत दौरे पर आए थे, तब उन्होंने मुंबई के डिब्बावालों से मुलाकात की थी. अप्रैल 2005 में लंदन में प्रिंस चार्ल्स और कैमिला पार्कर के विवाह समारोह में डब्बावाला संघ के दो सदस्यों को आमंत्रित भी किया गया था. ब्रिटेन का शाही परिवार लाओ मौकों पर डिब्बावालों के काम की तारीफ कर चुका है. 

संकट में 130 साल पुराना पेशा 
डिब्बावालों के बिजनेस सिस्टम आज भी बेहद फेमस है, लेकिन उनका कारोबार अब पहले जैसा नहीं रहा है. पिछले साल आई एक रिपोर्ट के अनुसार, पहले करीब 5000 डिब्बावाले थे, लेकिन अब उनकी संख्या घटकर 2000 से 1500 के पास रह गई है. दरअसल, ऑनलाइन डिलीवरी कंपनियां 130 साल पुराने इस पेशे के सामने सबसे बड़ी चुनौती बनकर आई हैं. ग्राहकों की संख्या में कमी आने से डब्बावालों का काम कम हो गया है और ऐसे में कुछ को पार्टटाइम नौकरी भी करनी पड़ रही है. हालांकि, इस चुनौती से निपटने की कोशिश भी हो रही है. मुंबई टिफिन बॉक्स सप्लाई ट्रस्ट की ओर से पिछले साल बताया गया था कि उसकी एक सेंट्रल किचन शुरू करने की योजना है. इसके तहत जो महिलाएं घर से खाना बना रही हैं, उनके खाने की डब्बावालों के जरिए डिलीवरी कराई जाएगी. इससे महिलाओं को रोजगार मिलेगा और डब्बेवालों को भी.


नई सरकार बनते ही शुरू होंगी स्लीपर वंदे भारत, किस रूट पर चलेंगी देखिए लिस्ट

जुलाई में वंदे भारत मेट्रो रेलगाड़ियों (Vande Bharat Metro ) का परीक्षण शुरू होगा. ये ट्रेन 100 से 250 किलोमीटर की गति से दौड़ेंगी और देश के 124 शहरों को जोड़ेंगी.

Last Modified:
Monday, 29 April, 2024
Vande Bharat

लोकसभा चुनाव का परिणाम आते ही भारतीय रेलवे ने नई सरकार के लिए अगले 100 दिनों का एक्शन प्लान तैयार कर लिया है. इसमें वंदे भारत स्लीपर कोच से लेकर कई प्रोजेक्ट पर काम तेज करने की योजना शामिल है. नई सरकार के गठन होते ही रेलवे सेक्टर में बूम देखने को मिल सकता है. 

जुलाई में शुरू होगा परीक्षण, ये होगा खास
भारतीय रेलवे ने नई सरकार के लिए 100-दिनों की योजना तैयार की है. रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार रेल मंत्रालय शहरों के बीच संपर्क बनाने के लिए वंदे भारत मेट्रो वर्जन पर काम कर रहा है, जिसका प्रायोगिक परीक्षण जुलाई में शुरू होने की उम्मीद है. वंदे भारत मेट्रो नियमित ठहराव के साथ तेज गति से चलने वाली रेलगाड़ियां होंगी. इनमें 12 कोच होंगे और बड़े ऑटोमैटिक दरवाजों के साथ किनारों में सीटें होंगी. ज्यादा भीड़भाड़ वाले मार्गों पर वंदे भारत मेट्रो में अधिकतम 16 कोच हो सकते हैं, जिसमें 4 डिब्बे अनारक्षित या सामान्य श्रेणी के ऐसे यात्रियों के लिए होंगे जो रोजाना रेलगाड़ियों से आते-जाते हैं. वंदे भारत मेट्रो रेलगाड़ियां 100 से 250 किलोमीटर की गति से दौड़ेंगी और यह देश के 124 शहरों को जोड़ेगी. इसके लिए चिह्नित मार्गों में लखनऊ-कानपुर, आगरा-मथुरा और तिरुपति-चेन्नई हैं. 

पुश-पुल इंजन का होगा इस्तेमाल
वंदे भारत ट्रेन में केवल बैठने की सुविधा है, जिस कारण इन्हें लंबी दूरी की यात्राओं में इस्तेमाल नहीं किया जा सकता. केंद्र इसका पुश-पुल इंजन के आधार पर उत्पादन शुरू करने की योजना बना रही है, जिसमें आगे और पीछे की तरफ दो 6000 एचपी के इंजन होंगे. पुश-पुल रेल इंजन का इस्तेमाल अमृत भारत ट्रेन में किया जा रहा है. इससे सुरक्षित व त्वरित यात्रा सुनिश्चित होती है. 

परिणाम आने के 100 दिन के अंदर होगी शुरू
केंद्र की रेलवे की आधुनिकीकरण की योजना के तहत मध्यम दूरी की वंदे भारत चेयर कार, लंबी दूरी की प्रीमियम वंदे भारत स्लीपर ट्रेन और लंबी दूरी की सामान्य व स्लीपर अमृत भारत ट्रेन हैं. सूत्रों के अनुसार वंदे भारत स्लीपर ट्रेन चुनाव परिणाम आने के 100 दिनों में शुरू कर दी जाएगी. इसका स्लीपर वर्जन सरकारी कंपनी भारत अर्थ मूवर्स लिमिटेड (बीईएमएल) ने विकसित किया है.

इसे भी पढ़ें-IPL2024:इस खिलाड़ी पर लगा लाखों जुर्माना, IPL के सबसे महंगे खिलाड़ियों की लिस्ट में है नाम
 


कौन हैं भारतीय अरबपति, जिन्होंने पूर्व WWE स्टार से रचाई शादी?

भारतीय अरबपति की यह शादी दूसरी शादियों से कुछ अलग थी. शादी का वेन्यू अलग था. शादी में किसी तरह की कोई ब्राइडल पार्टी नहीं हुई. शादी में ट्रेडिशनल वेडिंग केक को भी नहीं रखा गया.

Last Modified:
Monday, 29 April, 2024
Ankur Jain

भारतीय मूल के अरबपति बिल्ट रिवार्ड्स (Bilt rewards) के संस्थापक और सीईओ अंकुर जैन ने पूर्व WWE रेसलर एरिका हैमंड से शादी की है. अंकुर जैन ने केवल 130 लोगों की मौजूदगी में एरिका से शादी की. दोनों की शादी की तस्वीरें सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है, जिसमें दक्षिण अफ्रीका के जंगलों में प्री-वेडिंग और मिस्र में पिरामिड के बीच दोनों ने अपनी शादी की. आइए जानते है कैसे और कहां हुई इनकी शादी और कौन हैं अरबपति अकुंर जैन और एरिका हैमंड?

मिश्र में रचाई शादी

कैशबैक टेक कंपनी बिल्ट रिवार्ड्स के संस्थापक और CEO अंकुर जैन और पूर्व WWE स्टार एरिका हैमंड की शादी जमकर सोशल मीडिया पर सुर्खियां बटोर रही है. उन्होंने अपने दोस्तों और रिश्तेदारों के लिए खास इंतजाम किए थे. ये शादी बाकी शादियों जैसी नहीं थी. इसमें ना ही ट्रेडिशनल ब्राइडल एंट्री हुई, ना ही कपल ने शादी के बाद कोई केक काटा. उनकी प्री वेडिंग सेरेमनी की शुरुआत दक्षिण अफ्रीका में तीन रात की सफारी से हुई, जिसमें एक रात का खर्च करीब 1.7 लाख रुपये था.

कौन हैं अरबपति अंकुर जैन?

अंकुर जैन ब्लिट्ज रिवार्ड्स और कैरोस के फाउंडर और CEO हैं, ये दोनों टेक कंपनी है. अंकुर जैन की ब्लिट्ज रिवार्ड्स कंपनी कंज्यूमर को किराए के भुगतान सहित इसी तरह के बाकी के खर्चों पर रिवॉर्ड देने का काम करती है. जानकारी के अनुसार अंकुर की नेटवर्थ करीब 10 हजार करोड़ रुपये है. अंकुर जैन ने अपने दम पर कई उपलब्धियां हासिल की हैं. जैसे साल 2017 में वह विश्व आर्थिक मंच की तरफ से यंग ग्लोबल लीडर के लिए नॉमिनेट हुए थे, साल 2011 में इंक मैगजीन ने उन्हें ‘वर्ल्ड्स बेस्ट कनेक्टेड 21 ईयर ओल्ड’ का नाम दिया था. इसके अलावा अंकुर जैन को ’30 अंडर 30′ सम्मानित किया गया है. साल 2012 में अंकुर जैन को क्रिश्चियन साइंस मॉनिटर ने ’30 अंडर 30: सॉल्यूशन ब्रोकर’ भी कहा था.

WWE स्टार रह चुकी हैं एरिका हैमंड

एरिका हैमंड पूर्व WWE NXT स्टार हैं. WWE से जाने के बाद, वह एक सफल फिटनेस कोच बन गईं. पहले लॉस एंजिल्स में रहने के बाद, वह एक संस्थापक प्रशिक्षक के रूप में रंबल बॉक्सिंग में शामिल होने के लिए न्यूयॉर्क चली गईं. उनकी मुलाकात रंबल में तब हुई जब वह वहां फिटनेस इंस्ट्रक्टर थीं. वह वर्तमान में रंबल की संस्थापक सदस्य हैं. हैमंड एरिका स्ट्रॉन्ग नामक एक ऐप बनाने का भी हिस्सा थीं, जो एक बॉक्सिंग-प्रेरित समूह फिटनेस क्लास है. हैमंड ने नॉकआउट भी बनाया है, जो एक बॉक्सिंग-प्रेरित समूह फिटनेस क्लास है.

ऐसे हुई थी एरिका और अंकुर की मुलाकात

एरिका की मुलाकात अंकुर से जिम में रंबल बॉक्सिंग वर्कआउट करने के दौरान हुई थी, जहां पर वह एक फिटनेस ट्रेनर थी. अंकुर को फिटनेस की ट्रेनिंग देते हुए दोनों के बीच दोस्ती बढ़ी और दोनों ने शादी करने का फैसला किया. उन्होंने मीडिया को बताया कि हम पारंपरिक शादी करने वाले लोग नहीं है, इसलिए हमने फैसला किया हमारी नई शुरुआत का जश्न मनाने के लिए एक साथ कुछ पल बिताने अपने दोस्तों के साथ खास पार्टी करना, जहां आप एक अलग दुनिया में हो. मिस्र में अपनी शादी पर बोलते हुए उन्होंने कहा मैं प्राचीन इतिहास और समाज से प्रभावित हूं और बचपन से ही यहां आना चाहता था.
 


रघुराम राजन ने विरासत टैक्‍स पर बढ़ाई कांग्रेस की परेशानी, कही ये अहम बात 

रघुराम राजन ने कहा कि वो शिक्षा के क्षेत्र से आते हैं और गलत की आलोचना करना वो सबसे अहम मानते हैं. रघुराम राजन इससे पहले कई मामलों को लेकर सरकार के कार्यक्रमों की आलोचना कर चुके हैं. 

Last Modified:
Monday, 29 April, 2024
Raghuram Rajan

विरासत टैक्‍स से भले ही कांग्रेस पार्टी अपनी असहमति जता चुकी हो लेकिन बीजेपी लगातार इस मामले को लोकसभा चुनाव में मुद्दा बना रही है. इस कड़ी में अब अक्‍सर सत्‍ताधारी सरकार की नीतियों की आलोचना करने वाले रघुराम राजन ने विरासत कर विवाद में एंट्री ले ली है. रघुराम राजन ने कहा है कि हमें सफल लोगों को नीचे गिराने की बजाए उन्‍हें आगे बढ़ाने पर अपना ध्‍यान लगाना चाहिए. उन्‍होंने कहा कि हमें ये पता लगाने की जरूरत है कि आखिर हम कैसे समाज के कमजोर लोगों को सफल बनाने को लेकर काम कर सकते हैं. 

रघुराम राजन ने कही क्‍या बात? 
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने कहा कि मैं विपक्षी पार्टी से नहीं हूं. उन्‍होंने कहा कि मैं शिक्षा के क्षेत्र से आता हूं और मैं समझता हूं कि हमें गलत की आलोचना करनी चाहिए. उन्‍होंने कहा कि हमें इस बात पर काम करने की जरूरत है कि आखिर जो लोग अच्‍छा नहीं कर रहे हैं हम उनके लिए कैसे काम कर सकते हैं. इससे हमारी ग्रोथ में भी इजाफा होगा. उन्‍होंने कहा कि समाज के हर तपके की ग्रोथ में इजाफा होने से विकास दर में भी इजाफा होगा. उन्‍होंने ये भी कहा कि मैं ये भी नहीं कह रहा हूं कि हमें अमीरों पर भारी भरकम टैक्‍स लगाना चाहिए. 

ये भी पढ़ें: 'अपनों' ने बढ़ाई ICICI की टेंशन, क्या आपके लिए भी घबराने वाली कोई बात है?

इसकी जांच किए जाने की है जरूरत 
रघुराम राजन ने कहा कि इस बात का पता लगाए जाने की सख्‍त जरूरत है कि आखिर फायदा किसे नहीं हुआ है, या उन्‍हें K टाइप रिकवरी का सामना करना पड़ा है. उन्‍होंने कहा कि अर्थव्‍यव्‍सथा में उन हिस्‍सों का इस्‍तेमाल न करना संसाधनों की बर्बादी करने जैसा है. उन्‍होंने संसाधनों की बर्बादी पर अपनी बात कहते हुए कहा कि इसका परिणाम ये होता है कि सामाजिक संघर्ष देखने को मिलता है. 

सैम पित्रोदा ने दिया था ये विचार 
कांग्रेस पार्टी के ओवरसीज मामलों के प्रमुख सैम पित्रोदा ने इस मामले को लेकर विचार दिया था. उन्‍होंने कहा था कि भारत में भी विरासत टैक्‍स को लेकर चर्चा किए जाने की जरूरत है. इस विरासत टैक्‍स का मामला सामने आने के बाद कांग्रेस पार्टी ने तुरंत इससे अपने को अलग कर लिया. पार्टी ने इससे असमहमति जाहिर करते हुए कहा कि ये उनके घोषणापत्र में भी शामिल नहीं है. हालांकि बीजेपी की ओर से इसे लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा गया और कहा गया कि अगर कांग्रेस पार्टी सत्‍ता में आती है तो आपकी संपत्ति का बंटवारा करने की तैयारी कर रही है. 


तैयार रखें पैसे, इस हफ्ते 4 कंपनियों के आएंगे IPO, जानें प्राइसबैंड समेत पूरी डिटेल

इस सप्ताह आपके पास शानदार कमाई करने का मौका है. इस हफ्ते 4 कंपनियां अपने IPO लेकर बाजार में आ रही हैं. इन IPO के जरिए आप अच्छी कमाई कर सकते हैं.

Last Modified:
Monday, 29 April, 2024
IPO Today

अगर आप IPO में निवेश करना पसंद करते हैं तो आपके लिए इस सप्ताह शानदार मौका आ गया है. इस हफ्ते 4 नए IPO खुलने जा रहे हैं. इनमें निवेश करने आज अच्छी कमाई कर सकते हैं. इस हफ्ते शेयर बाजार में IPO की धूम रहने वाली है. पिछले दिनों भी कई कंपनियों के IPO शेयर बाजार में खुले हैं. इनमें से कुछ में निवेशकों को शानदार मुनाफा हुआ है. आइए आपको बताते हैं इस सप्ताह खुलने जा रहे IPO के बारे में, जिससे आपको किसी तरह की कोई समस्या न हो. 

Storage Tech & Automation IPO

इस हफ्ते लॉन्च हो जा रहे IPO की लिस्ट में पहला नाम स्टोरेज टेक्नोलॉजीज एंड ऑटोमेशन आईपीओ (Storage Tech & Automation IPO) का है, जो सब्सक्रिप्शन के लिए 30 अप्रैल को ओपन होगा और इसमें निवेशक 3 मई तक बोली लगा सकेंगे. इस SME IPO का साइज 29.95 करोड़ रुपये है और इसके तहत कंपनी 38,40,000 शेयर जारी करेगी. 10 रुपये की फेस वैल्यू वाले इस IPO का प्राइस बैंड 73-78 रुपये सेट किया गया है. लॉट साइज की बात करें तो ये 1600 शेयरों का है और एक लॉट के लिए निवेशकों को 1,24,800 रुपये का इन्वेस्टमेंट करना होगा.

Amkay Products Limited IPO

दूसरा SME IPO है Amkay Products Limited का और ये भी 30 अप्रैल से 3 मई तक सब्सक्रिप्शन के लिए खुलने वाला है. इस IPO का साइज 12.61 करोड़ रुपये है और ये एक बुक बिल्ट इश्यू है. कंपनी इस IPO के तहत 10 रुपये की फेस वैल्यू के 22,92,000 शेयरों की बोली के लिए पेशकश करेगी. कंपनी की ओर से शेयरों का प्राइस बैंड 52-55 रुपये प्रति शेयर तय किया गया है. एमके प्रोडक्ट्स ने 2000 शेयरों का लॉट साइज तय किया है और प्राइस बैंड के हिसाब से देखें तो एक लॉट के लिए निवेशकों को कम से कम 1,10,000 रुपये का इन्वेस्टमेंट करना होगा.

जूनियर अंबानी की कंपनियों में लगाया है पैसा, तो इस खबर को नजरंदाज करने की भूल न करें!

Amkay Products Limited IPO

दूसरा एसएमई आईपीओ है एमके प्रोडक्ट्स कंपनी का और ये भी 30 अप्रैल से 3 मई तक सब्सक्रिप्शन के लिए खुलने वाला है. इस आईपीओ का साइज 12.61 करोड़ रुपये है और ये एक बुक बिल्ट इश्यू है. कंपनी इक आईपीओ के तहत 10 रुपये की फेस वैल्यू के 22,92,000 शेयरों की बोली के लिए पेशकश करेगी. कंपनी की ओर से शेयरों का प्राइस बैंड 52-55 रुपये प्रति शेयर तय किया गया है. एमके प्रोडक्ट्स ने 2000 शेयरों का लॉट साइज तय किया है और प्राइस बैंड के हिसाब से देखें तो एक लॉट के लिए निवेशकों को कम से कम 1,10,000 रुपये का इन्वेस्टमेंट करना होगा.

Sai Swami Metals & Alloys IPO

लिस्ट का तीसरा IPO साई स्वामी मेटल्स एंड अलॉयज (Sai Swami Metals & Alloys) का है और इसकी ओपनिंग भी 30 अप्रैल को होने जा रही है, निवेशक इसमें भी 3 मई तक पैसे लगा सकेंगे. ये SME IPO 15 करोड़ रुपये का है और इसमें कंपनी 25 लाख शेयरों के लिए बोली मांगेगी. 60 रुपये प्राइस बैंड वाले इस IPO संभावित लिस्टिंग डेट 8 मई है. इसका लॉट साइज भी 2,000 शेयरों का है, यानी निवेशकों को कम से कम एक लॉट के लिए बोली लगानी होगी और इसके लिए 1,20,000 रुपये का कम से कम निवेश करना होगा.

Slone Infosystems IPO

चौथा SME IPO स्लोन इंफोसिस्टम्स (Slone Infosystems) कंपनी का है और ये 3 मई को खुलेगा. निवेशक इस इश्यू में 7 मई तक सब्सक्राइब्ड कर सकेंगे. इस SME कैटेगरी के IPO का साइज 11.06 करोड़ रुपये है और इसके तहत कंपनी 14,00,0000 शेयरों की पेशकश करेगी. इस फिक्स्ड प्राइस इश्यू के लिए प्राइसबैंड 79 रुपये तय किया गया है. इसकी लिस्टिंग NSE SME में होगी और एक लॉट का आकार 1600 शेयरों का है, जिसके हिसाब से निवेशकों को कम से कम 1,26,000 रुपये लगाने होंगे.

किन कंपनियों की होगी लिस्टिंग

नए सप्ताह में मेनबोर्ड सेगमेंट में JNK India IPO की लिस्टिंग 30 अप्रैल को BSE और NSE पर होगी. यह इश्यू 28.46 गुना सब्सक्राइब हुआ है. SME सेगमेंट में 30 अप्रैल को Varyaa Creations IPO, Emmforce Autotech IPO और Shivam Chemicals IPO लिस्टिंग BSE SME पर होगी. Varyaa Creations IPO 3.59 गुना, Emmforce Autotech IPO 364.37 गुना और Shivam Chemicals IPO 6.61 गुना सब्सक्राइब हुआ.

 

(डिस्क्लेमर: शेयर बाजार में निवेश जोखिम के अधीन है. 'BW हिंदी' इसकी कोई जिम्मेदारी नहीं लेता. सोच-समझकर, अपने विवेक के आधार पर और किसी सर्टिफाइड एक्सपर्ट से सलाह के बाद ही निवेश करें, अन्यथा आपको नुकसान उठाना पड़ सकता है).


जूनियर अंबानी की कंपनियों में लगाया है पैसा, तो इस खबर को नजरंदाज करने की भूल न करें!

रिलायंस कैपिटल के बिकने की प्रक्रिया अब तक पूरी नहीं हो पाई है, जबकि इसकी डेडलाइन करीब आ गई है.

Last Modified:
Monday, 29 April, 2024
file photo

जूनियर अंबानी यानी अनिल अंबानी (Anil Ambani) की कर्ज में डूबी कंपनी रिलायंस कैपिटल (Reliance Capital) के बिकने की प्रक्रिया अब तक पूरी नहीं हो पाई है. कंपनी को कर्ज देने वाले बैंकों ने समाधान योजना की धीमी प्रगति पर चिंता जताई है. उन्होंने हिंदुजा समूह की इंडसइंड इंटरनेशनल होल्डिंग्स लिमिटेड (IIHL) से जरूरी नियामक मंजूरियां जल्द से जल्द हासिल करने 27 मई की समाधान योजना की समयसीमा तक प्रक्रिया पूरी करने को कहा है. एक रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि IIHL के अधिकारियों के साथ मुंबई में हुई बैठक में रिलायंस कैपिटल के लेंडर्स ने कंपनी से कहा है कि उसे 27 मई तक 9,650 करोड़ रुपए का भुगतान करना है.

90 दिनों का मिला था टाइम
राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (NCLT) ने 27 फरवरी को समाधान योजना को मंजूरी देते हुए हिंदुजा समूह की इस कंपनी को 90 दिनों के भीतर यानी 27 मई तक समाधान योजना को लागू करने का निर्देश दिया था. इस स्वीकृत समाधान योजना के अनुसार, IIHL को रिलायंस कैपिटल के कर्जदाताओं को 9,650 करोड़ रुपए का अग्रिम भुगतान करना है. समस्या ये है कि आईआईएचएल को समाधान योजना पर अभी तक बीमा नियामक इरडा की मंजूरी नहीं मिली है. इरडा ने हाल ही में रिलायंस कैपिटल के बीमा कारोबार को आईआईएचएल को हस्तांतरित करने को लेकर कई सवाल और चिंताएं जाहिर की थीं, जिन्हें अभी तक दूर नहीं किया जा सका है.  

...तो फिर करना होगा आवेदन 
रिलायंस कैपिटल के रिलायंस जनरल इंश्योरेंस और रिलायंस निप्पॉन लाइफ इंश्योरेंस के बीमा कारोबार को IIHL को हस्तांतरित करने के लिए इरडा की मंजूरी जरूरी है. वहीं, रिलायंस कैपिटल के कारोबार को आईआईएचएल को सौंपने पर भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मंजूरी भी 17 मई को समाप्त हो रही है. RBI ने यह मंजूरी 17 नवंबर को दी थी और यह केवल छह महीने के लिए वैध है. ऐसे में यदि आईआईएचएल समय-सीमा के भीतर समाधान प्रक्रिया को पूरा करने में विफल रहती है, तो नए सिरे से मंजूरी के लिए फिर से आवेदन करना होगा. 

ऐसा है बाजार में हाल
कर्ज में डूबी इस कंपनी के बिकने से अनिल अंबानी को राहत की सांस मिलेगी. इस डील के आगे बढ़ने की खबर के साथ ही उनकी दूसरी लिस्टेड कंपनियों के शेयरों में उछाल देखने को मिला था. उदाहरण के लिए रिलायंस पावर के शेयर पिछले कुछ वक्त में अच्छी तेजी दिखा चुके हैं. 27.70 रुपए का ये शेयर इस साल अब तक 15.66% चढ़ चुका है. इसी तरह रिलायंस इन्फ्रा के शेयर में भी कुछ वक्त पहले मजबूती नजर आई थी. अभी ये शेयर लाल निशान पर कारोबार कर रहा था. पांच दिनों में यह 3.34% टूटकर 190.80 पर आ गया है. वहीं, रिलायंस होम फाइनेंस के शेयर शुक्रवार को बढ़त के साथ 3.95 रुपए पर बंद हुए थे. बीते 5 दिनों में यह 17.91% चढ़ चुका है. लिहाजा यदि आपने अनिल अंबानी की कंपनियों में पैसा लगाया है, तो अगले कुछ दिन सावधानी के साथ उन पर नजर रखें रहें.