RBI ने दिखाया रेड सिग्नल, Yes Bank में फिलहाल हिस्सेदारी नहीं बेच पाएगा SBI! 

स्टेट बैंक ऑफ इंडिया यानी SBI ने 2020 में यस बैंक को वित्तीय संकट से बचाने के लिए इसमें 49% हिस्सेदारी खरीदी थी.

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Thursday, 12 September, 2024
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प्राइवेट सेक्टर के Yes Bank को लेकर बड़ी खबर सामने आई है. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने एसबीआई के इस बैंक में हिस्सेदारी बेचने पर रोक लगा दी है. बताया जा रहा है कि RBI फिलहाल यस बैंक में बहुमत हिस्सेदारी बेचे जाने के पक्ष में नहीं है.  इसका मतलब है कि स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) को Yes Bank की हिस्सेदारी बेचने के लिए इंतजार करना होगा. 

इतनी है हिस्सेदारी
यस बैंक में SBI की भी हिस्सेदारी है, जिसका 3 साल का लॉक-इन पीरियड खत्म हो गया है. ऐसे में SBI अपनी हिस्सेदारी बेचना चाहता है. SBI ने 2020 में यस बैंक को वित्तीय संकट से बचाने के लिए इसमें 49% हिस्सेदारी खरीदी थी. बीच में ऐसी खबर आई थी कि जापान के सुमितोमो मित्सुई बैंकिंग कॉरपोरेशन (SMBC) ने यस बैंक में बहुमत हिस्सेदारी खरीदने की इच्छा जताई है और डील लगभग फाइनल हो चुकी है.

नहीं मिली मंजूरी
अब सामने आ रहीं खबरों के मुताबिक, RBI ने अभी तक Yes Bank के संभावित नए निवेशक के फिट एंड प्रॉपर वैल्यूएशन को मंजूरी नहीं दी है. बता दें कि Yes Bank को दूसरे हाथों में सौंपने की तैयारी पिछले काफी समय से चल रही है. इस दौड़ में कई कंपनियां शामिल बताई गई थीं, लेकिन सुमितोमो मित्सुई बैंकिंग कॉरपोरेशन (SMBC) को सबसे आगे माना जा रहा है. वहीं, बैंक के शेयर आज एक प्रतिशत से अधिक की गिरावट के साथ कारोबार कर रहे हैं.  
 


Dhoni ने लगाया बड़ा दांव, ड्रोन बनाने वाली इस कंपनी में किया निवेश...

महेंद्र सिंह धोनी क्रिकेट से दूर होने के बाद अब करोबार की दुनिया में एक्टिव नजर आ रहे हैं. हाल में उन्होंने ड्रोन बनाने वाली एक कंपनी में निवेश किया है. 

बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो by
Published - Saturday, 05 October, 2024
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Saturday, 05 October, 2024
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भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी (MS Dhoni) ने इस बार क्रिकेट के मैदान में नहीं बल्कि कारोबार के मैदान में एक बड़ा दांव खेला है. जी हां, दरअधोनी ने ड्रोन बनाने वाली कंपनी गरुड़ एयरोस्पेस (Garuda Aerospace) में एक बड़ी रकम निवेश की है. उन्होंने यह रकम ऐसे समय में निवेश की है, जब ये कंपनी अपना इंनीशियल पब्लिक ऑफर (IPO) लाने की तैयारी कर रही है. बता दें, महेंद्र सिंह धोनी इससे पहले भी कई बड़ी कंपनियों में बड़ी रकम निवेश कर चुके हैं. तो चलिए जानते हैं धोनी ने इस कंपनी में कितने रुपये निवेश किए हैं?

कंपनी में 4 करोड़ रुपये किए निवेश
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार महेंद्र सिंह धोनी ने गरुड़ एयरोस्पेस में करीब 4 करोड़ रुपये निवेश किए हैं. इस निवेश के बाद धोनी की इस कंपनी में 1.1 प्रतिशत धोनी हो गई है. महेंद्र सिंह धोनी ने कहा कि उन्हें गरुड़ की यात्रा का हिस्सा बनकर गर्व है क्योंकि वे वैश्विक स्तर पर विस्तार कर रहे हैं. साथ ही एग्रीकल्चर, डिफेंस, इंडस्ट्री और कंज्यूमर ड्रोन सेक्टर पर सकारात्मक प्रभाव डाल रहे हैं.

कंपनी की ड्रोन मार्केट में है इतनी हिस्सेदारी
गरुड़ एयरोस्पेस ऐसा पहला ड्रोन स्टार्टअप है, जिसे ड्रोन मैन्युफैक्चरिंग और ट्रेनिंग दोनों के लिए नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) से सर्टिफिकेट मिला है. ड्रोन मार्केट में कंपनी की 50 प्रतिशत हिस्सेदारी है. कंपनी एग्रीकल्चर और कंज्यूमर ड्रोन सेक्टर में काफी आगे है. कंपनी अब दुनिया भर में अपना विस्तार करने की योजना बना रही है. कंपनी 30 विभिन्न प्रकार के ड्रोन बनाती है और 50 अलग-अलग सेवाएं देती है. बता दें, ड्रोन मार्केट इस समय तेजी से बढ़ रहा है. लगभग हर सेक्टर में इसका इस्तेमाल बढ़ रहा है. क्विक कॉमर्स सेक्टर में भी ड्रोन के इस्तेमाल पर फोकस किया जा रहा है, ताकि लोगों को जल्द सामान डिलीवर हो सके. आने वाले समय में दवाई से लेकर दूसरी चीजें भी ड्रोन के जरिए जल्दी पहुंचाने की तैयारी हो रही है, ऐसे में कहा जा सकता है कि इस सेक्टर में निवेश के अच्छे मौके हैं.

धोनी ने यहां भी किया है निवेश
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार महेंद्र सिंह धोनी की नेटवर्थ 1000 करोड़ रुपये से ज्यादा है. वह अभी आईपीएल भी खेलते हैं. ऐसे में उनकी कमाई क्रिकेट के साथ बिजनेस से भी होती है. धोनी ने कई कंपनियों में निवेश किया है. धोनी कपड़ों के जाने-माने ब्रांड Seven के भी फाउंडर हैं. साथ ही वह कई विज्ञापनों से भी कमाई करते हैं. धोनी का रांची में माही रेजीडेंसी नाम से एक मिड-रेंज होटल और बेंगलुरु में एमएस धोनी ग्लोबल स्कूल भी है. धोनी की ‘धोनी स्पोर्ट्सफिट’ नाम से जिम की चेन भी है. 
 


Work Life Balance को लेकर ऐसा क्या बोल गए Ola सीईओ? जिससे लोगों का फूटा गुस्सा

भविष अग्रवाल के इस वायरल वीडियो को देखकर लोग बहुत निराश हैं. लोगों ने उनके खिलाफ कमेंट किए हैं.

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Published - Saturday, 05 October, 2024
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Saturday, 05 October, 2024
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अर्न्स्ट एंड यंग इंडिया (EY India) और बजाज फाइनेंस (Bajaj Finance) जैसी कंपनियां हाल ही में अपने कार्य संस्कृति के लिए आलोचना का सामना कर रही हैं. इस बीच, ओला (Ola) के सीईओ भाविष अग्रवाल (Bhavish Aggarwal) का एक वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें वे शनिवार और रविवार की छुट्टियों के खिलाफ अपनी राय व्यक्त कर रहे हैं. इस बयान के कारण उन्हें सोशल मीडिया पर कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ रहा है.

1 या 2 ही छुट्टी की कही बात

इस वायरल वीडियो में ओला के सीईओ भाविश साफ तौर पर कह रहे है कि वे वर्क लाइफ बैंलेस करने की मॉडर्न सोच को सही नहीं समझते हैं. शनिवार और रविवार की छुट्टी देना ये हमारी भारतीय परंपरा का हिस्सा नहीं है, ये पश्चिमी देशों का सभ्यता है. पहले के समय में हमारे देश में शनिवार और रविवार की छुट्टी नहीं दी जाती थी, साथ ही हमारा भारतीय कैलेंडर भी अलग होता था. भारतीय कैलेंडर के अनुसार हमारे देश में एक महीने में करीब 1 या 2 ही छुट्टियां मिलती थी. इंडस्ट्रियल क्रांति के बाद से ही वीकेंड वेकेशन का कॉन्सेप्ट हमारे देश में आया है, हालांकि इस आधुनिक युग में इसकी कोई जरूरत नहीं है. अगर हम कुछ सालों पहले की बात करें तो पहले के समय में लोग हफ्ते में 5 दिन काम करके छुट्टी नहीं मांगते थे.

सोशल मीडिया पर फूटा गुस्सा

ओला सीईओ की इस सोच को सोशल मीडिया पर बिल्कुल पसंद नहीं किया जा रहा है. सोशल मीडिया पर लोगों ने तंज कसते हुए कहा है कि हम पश्चिमी भाषा बोलते हैं,पश्चिमी कपड़े पहनते हैं, पश्चिमी टेक्नोलॉजी का उपयोग करते हैं. ऐसी लोगों की वजह से ही हम विकास नहीं कर पा रहे है, ऐसे लोगों को काम करने के लिए रोबोट चाहिए और हमारी गलती है कि हम इंसान हैं. एक और अन्य यूजर ने इसके बारे में लिखा है कि कल को कहीं ऐसा ना हो कि ये सैलरी देने को भी पश्चिमी सभ्यता का हिस्सा बताने लगे और कर्मचारियों से कहने लगे कि ये सैलरी की जगह शाम को दाल रोटी देंगे और कह देगें कि यहीं चादर बिछाकर ओड़कर सो जाओ. इसके साथ ही एक यूजर ने इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि ये सब पाखंड है, इन्हें क्लाइंट तो विदेश के चाहिए है और हॉलिडे भारत की चाहिए हैं.
 


सरकारी टेलीकॉम कंपनी MTNL के खिलाफ SBI ने लिया बड़ा एक्शन, जानिए क्यों?

SBI ने कर्ज में डूबी सरकारी कंपनी MTNL के ऋण खातों को 30 जून से किस्तों और ब्याज का भुगतान न करने के कारण कमतर मानक वाला NPA घोषित कर दिया है. 

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Published - Saturday, 05 October, 2024
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Saturday, 05 October, 2024
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भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने कर्ज में डूबी महानगर टेलीफोन निगम लिमिटिड (MTNL) के खिलाफ एक बड़ा एक्शन लिया है. दरअसल, एसबीआई ने एमटीएनएल के ऋण खातों को 30 जून से किस्तों और ब्याज का भुगतान न करने के कारण कमतर मानक वाला गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (NPA) घोषित कर दिया है. एमटीएनएल ने ये जानकारी शेयर बाजार को दी है. बता दें, एसबीआई ने एक अक्टूबर को शेयर बाजार को दी जानकारी में कहा था कि 30 सितंबर तक एमटीएनएल ऋण खाते पर कुल बकाया 325.52 करोड़ रुपये था. तो आइए जानते हैं इस कार्रवाई के बाद एमटीएनएल के शेयर का क्या हाल है?

एमटीएनएल पर 281.62 करोड़ रुपये बकाया
एमटीएनएल ने कहा है कि एसबीआई ने एक अक्टूबर, 2024 के अपने पत्र के जरिए बताया कि एमटीएनएल के टर्म लोन अकाउंट नंबर 36726658903 को ब्याज और किस्त का भुगतान न करने के कारण 28 सितंबर, 2024 से एनपीए-कमतर मानक श्रेणी में डाल दिया गया है. बैंक उन खातों को एनपीए - कमतर मानक के रूप में वर्गीकृत करते हैं, जिनकी अदायगी न करने की अवधि 12 महीने से कम है और जो बकाया चुकाने की क्षमता रखते हैं. एसबीआई ने पत्र में कहा कि एमटीएनएल पर 281.62 करोड़ रुपये बकाया हैं, और खाते को नियमित करने के लिए इसे तुरंत चुकाया जाना चाहिए.

इन बैंकों ने भी की कार्रवाई 
हाल ही में एमटीएनएल ने बताया था कि ब्याज और किस्त का भुगतान न करने के कारण पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) के साथ उसके ऋण खाते को एनपीए घोषित कर दिया गया है. वहीं, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने बकाया भुगतान न करने पर कर्ज में डूबी सरकारी दूरसंचार कंपनी एमटीएनएल के सभी खातों पर रोक (फ्रीज) लगा दी है. बता दें, अगस्त में एमटीएनएल द्वारा साझा किए गए विवरण के अनुसार उसने लिए गए कर्जों पर यूनियन बैंक ऑफ इंडिया को 155.76 करोड़ रुपये, भारतीय स्टेट बैंक को 140.37 करोड़ रुपये, बैंक ऑफ इंडिया को 40.33 करोड़ रुपये, पंजाब एंड सिंध बैंक को 40.01 करोड़ रुपये, पंजाब नेशनल बैंक को 41.54 करोड़ रुपये, यूको बैंक को 4.04 करोड़ रुपये का भुगतान नहीं किया है. 

क्या है शेयर का हाल?
एमटीएनएल के शेयर एनएसई (NSE) फर शुक्रवार को 3.13 प्रतिशत गिरावट के साथ 55.16 रुपये पर द हुआ. वहीं बीएसई (BSE) पर 3.55 प्रतिशत टूटकर 54.88 रुपये पर बंद हुआ. 29 जुलाई 2024 को शेयर की कीमत 101.88 रुपये पर थी. अक्टूबर 2023 में शेयर की कीमत 25.22 रुपये के निचले स्तर पर थी. 

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Ease My Trip ने मालदीव के लिए फिर से शुरू की सर्विस, तनाव की वजह से लगाई थी रोक

साल 2024 में ईज माय ट्रिप के स्टॉक में बड़ी गिरावट देखने को मिली है और स्टॉक साल की शुरुआत में 40.70 रुपये के लेवल से घटकर 33.32 रुपये पर गिर चुका है.

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Published - Saturday, 05 October, 2024
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Saturday, 05 October, 2024
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देश की दिग्गज ऑनलाइन ट्रैवल प्लेटफॉर्म कंपनी ईज माय ट्रिप (EaseMyTrip) ने मालदीव ( Maldives) के लिए फिर से बुकिंग की शुरुआत कर दी है. कंपनी ने बताया कि भारत और मालदीव सरकार के बीच के रिश्तों के बेहतर होने और मालदीव के पर्यटन मंत्रालय के साथ रचनात्मक बातचीत के बाद बेहद सोच समझकर कंपनी ने फिर से बुकिंग को शुरू करने का फैसला किया है.

स्टॉक एक्सचेंज को दी जानकारी

EaseMyTrip.com के नाम से ट्रैवल टेक प्लेटफॉर्म चलाने वाली ईज ट्रिप प्लानर्स लिमिटेड (Easy Trip Planners Limited) ने स्टॉक एक्सचेंज के पास रेगुलेटरी फाइलिंग में बताया कि ईज माय ट्रिप ने दोनों देशों की सरकार के द्विपक्षीय संबंधों में सुधार के बाद फिर से मालदीव के लिए बुकिंग को शुरू करने का फैसला किया है.

निशांत पिट्टी ने क्या कहा?

इस फैसले पर ईज माय ट्रिप के को-फाउंडर और सीईओ निशांत पिट्टी ने कहा, भारत और मालदीव के द्विपक्षीय रिश्तों में सुधार के सकारात्मक डेवलपमेंट के बाद हम फिर से मालदीव के लिए बुकिंग को शुरू करने जा रहे हैं. ये फैसला हमने हाल ही में मालदीव के पर्यटन मंत्रालय के प्रतिनिधियों के भारत और हमारे दफ्तर के दौरे के दौरान हुए सकारात्मक बातचीत के बाद लिया है. नेशन-फर्स्ट कंपनी के दौरान हम हमेशा अपनी सरकार के साथ खड़े हैं और उनके विजन को सपोर्ट करते हैं. उन्होंने कहा, ये दोनों देशों के बीच दोस्ती और पर्यटन को बढ़ावा देने के लक्ष्यों की दिशा में उठाया गया कदम है. 

तनाव के चलते बंद की थी मालदीव की बुकिंग
 
इस वर्ष की शुरुआत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लक्षद्वीप यात्रा के बाद भारत और मालदीव के बीच तनाव बढ़ गया था. पीएम मोदी की मालदीव यात्रा पर वहां के सरकार के कुछ मंत्रियों ने सोशल मीडिया पर भद्दे कमेंट किए थे. इसके बाद प्रधानमंत्री और देश के अपमान भारतीयों और यहां की कई कंपनियों को नागवार गुजरा जिसके बाद मालदीव के बहिष्कार का दौर शुरू हो गया. ईज माय ट्रिप ने भी तब मालदीव सरकार का विरोध करते हुए सारी फ्लाइट बुकिंग कैंसिल कर दीं थी. तब सीईओ निशांत पिट्टी ने एक्स पोस्ट में लिखा था कि हम राष्ट्र के साथ एकजुट हैं. इसलिए कंपनी मालदीव की सभी फ्लाइट की बुकिंग सस्पेंड कर रही है.
 


Amazon में चल रही है मैनेजर के 14000 पद खत्म करने की तैयारी, सालाना होगी इतनी बचत!

एक रिपोर्ट बताती है कि ई-कॉमर्स सेक्टर की दिग्गज कंपनी अमेज़न अगले साल तक मैनेजर के कम से कम 14 पद खत्म करने की तैयारी में है.

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Saturday, 05 October, 2024
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दिग्गज ई-कॉमर्स कंपनी अमेज़न (Amazon) में काम कर रहे और काम करने का सपना देख रहे लोगों को बड़ा झटका लगने वाला है. एक रिपोर्ट में बताया गया है कि अमेज़न 2025 की शुरुआत तक लगभग 14000 मैनेजर के पद खत्म कर सकती है. इससे कंपनी को सालाना 3 अरब डॉलर की बचत हो सकती है. 

अभी इतनी है वर्कफोर्स
रिपोर्ट में मॉर्गन स्टेनली के हवाले से बताया गया है कि Amazon वैश्विक स्तर पर अपनी मैनेजमेंट वर्कफोर्स को लगभग 105,770 से घटाकर 91,936 करने पर विचार कर रही है. यानी इसमें 13,834 की कटौती हो सकती है. अनुमान है कि इस कदम से कंपनी को सालाना 2.1 अरब डॉलर से लेकर 3.6 अरब डॉलर तक की बचत होगी. यह आंकड़ा अमेज़न के अगले साल के लिए अनुमानित ऑपरेटिंग प्रॉफिट का 3% से 5% है.

बदलाव का सही समय
रिपोर्ट के अनुसार, इस दिग्गज ई-कॉमर्स कंपनी का कहना है कि उसने हाल ही में बहुत सारे मैनेजर अपनी वर्कफोर्स में शामिल किए हैं और उसका मानना ​​है कि अब बदलाव का सही समय है.  कंपनी ने स्पष्ट किया है कि हर टीम अपने स्ट्रक्चर का रिव्यू करेगी और संभव है कि कुछ रोल्स खत्म हो जाएं. हालांकि, कंपनी ने यह नहीं कहा है कि उसके इस कदम से नौकरियां जाना तय है. दरअसल,  मैनेजर्स-इंडीविजुअल कॉन्ट्रीब्यूटर्स रेशियो में बदलाव मैनेजर्स को नई भूमिका देकर भी किया जा सकता है. इसके लिए नौकरी से निकालने की ज़रूरत नहीं है. अब कंपनी इस राह पर चलेगी या नहीं, यह आने वाले समय में साफ हो जाएगा.  

लगातार चल रही कैंची
हाल के दिनों में कई कंपनियां नौकरियों पर कैंची चला चुकी हैं, जबकि कई इसकी तैयारी में है. कुछ दिन पहले खबर आई थी कि मीडिया एवं एंटरटेनमेंट सेक्टर की दो दिग्गज कंपनियां छंटनी करने जा रही हैं. वॉल्ट डिज्नी खर्च कम करके लाभ बढ़ाने के लिए अपने कुछ कर्मचारियों को नौकरी से निकालने वाली है. कंपनी से कम से कम 300 कर्मचारियों की छुट्टी हो सकती है. इसमें विधि, मानव संसाधन, वित्त और संचार विभाग के कर्मचारी शामिल हैं. इसी तरह, पैरामाउंट ग्लोबल ने भी कई कर्मचारियों की छुट्टी की योजना बनाई है. छंटनी से कंपनी पोर्टफोलियो के कई डिवीजन प्रभावित होंगे, जिनमें CBS, कॉमेडी सेंट्रल और MTV जैसे प्रमुख नेटवर्क शामिल हैं.


फिनटेक कंपनी BranchX ने लंदन की शिपस्पॉट में हासिल की 51 प्रतिशत हिस्सेदारी 

ब्रांचएक्स के साथ इस डील के बाद शिपस्पॉट को अगले 12 महीनों के भीतर रिवेन्यु में पांच गुना वृद्धि की उम्मीद है.

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फिनटेक कंपनी ब्रांचएक्स (BranchX) ने लंदन स्थित ईकॉमर्स एनेबलर शिपस्पॉट (Shipspot) में 51 प्रतिशत इक्विटी हिस्सेदारी हासिल कर ली है. शिपस्पॉट ब्रैंड्स को ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर अपने सामान को प्रभावी ढंग से डिस्ट्रीब्यूट  करने में सक्षम बनाती है. 

ऐसी है आर्थिक सेहत
शिपस्पॉट की आर्थिक सेहत बेहतर है. कंपनी 8,800,000 रुपए का सालाना रिवेन्यु जनरेट कर रही है. ब्रांचएक्स के साथ इस डील के बाद कंपनी को अगले 12 महीनों के भीतर रिवेन्यु में पांच गुना वृद्धि की उम्मीद है. कंपनी ने कहा कि यह साझेदारी महत्वपूर्ण है क्योंकि इसका उद्देश्य नए बाजारों में प्रवेश करना और ग्लोबल कॉमर्स में अपनी टेक्नोलॉजी की रेडिनेस को वेलिडेट करना है.

शेनॉय कर रहे टीम का नेतृत्व 
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, शिपस्पॉट टीम का नेतृत्व कृष्णा शेनॉय (Krishna Shenoy) कर रहे हैं, जो एंटरप्राइज रिसोर्स प्लानिंग (ERP) और डेटा एनालिटिक्स में काफी अनुभव रखते हैं.  उन्होंने डेटा प्रोसेसिंग (SAP) में सिस्टम एप्लिकेशन और उत्पादों के साथ बड़े पैमाने पर काम किया है. वह कोका-कोला में भी अहम जिम्मेदारी निभा चुके है. वर्तमान में वह Andritz में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कार्यान्वयन और डिजिटल समाधान के लिए बतौर प्रोडक्ट मैनेजर काम कर रहे हैं. Andritz विनिर्माण संयंत्रों, उपकरणों और स्वचालन समाधानों की एक वैश्विक आपूर्तिकर्ता है.  

को-फाउंडर ने कही ये बात
ब्रांचएक्स के को-फाउंडर साजिद जमाल ने डील के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि वह अवधारणा में विश्वास रखते हैं कि जब सामग्री प्रवाहित होती है, धन प्रवाहित होता है, और डेटा प्रवाहित होता है. साथ ही उनकी कार्यान्वयन रणनीति इस थीसिस के साथ सहज रूप से संरेखित होती है. वे शिपस्पॉट के साथ मिलकर नवाचार और सफलता को आगे बढ़ाने के लिए तत्पर हैं।

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छोटे कारोबारियों के लिए बड़ा प्लेटफॉर्म बना GeM, हो रहा हजारों करोड़ों का कारोबार!

मेक इन इंडिया अवधारणा के तहत सरकार ने जेम पोर्टल (GEM Portal) की शुरुआत की थी. 26 हजार स्टार्टअप जेम के जरिए कारोबार कर चुके हैं.

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Published - Saturday, 05 October, 2024
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Saturday, 05 October, 2024
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सरकारी ई-मार्केटप्लेस (GEM) ने मेक इन इंडिया (Make In India) के तहत पिछले आठ सालों में छोटे कारोबारियों के लिए बाजार के अवसरों को पारदर्शी बनाया है. इसने बिचौलिए प्रणाली को खत्म करके नई तकनीक के जरिए स्टार्टअप एवं छोटे कारोबारियों को बड़ा प्लेटफॉर्म दिया है. वहीं, सूक्ष्म एवं लघु उद्योगों के साथ ही महिला उद्यमियों को भी बाजार में मजबूती के साथ आगे बढ़ने का मौका दिया है. आज इस प्लेटफॉर्म पर हजारों करोड़ों रुपये का कारोबार हो रहा है. तो चलिए जानते हैं, इस पोर्टल की शुरुआत कैसे हुई और अब तक इसमें कितना कारोबार हुआ है?

2016 में हुई जेम पोर्टल की शुरुआत
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की 'मेक इन इंडिया' अवधारणा के तहत सितंबर 2016 में जेम पोर्टल की शुरुआत की गई थी. इसका उद्देश्य कारोबार में नवाचार के जरिए बुनियादी ढांचे का विकास करना, ताकि देश की प्रगति को सहारा मिल सके. पोर्टल में उत्पादों एवं सेवाओं को सूचिबद्ध करने के लिए मेक इन इंडिया की शर्तों को अनिवार्य कर दिया गया है, जिससे स्थानीय निर्माताओं की पहचान कर उन्हें प्राथमिकता देना आसान हो गया है. 

इन लोगों को हुआ फायदा

जेम ने वोकल फोर लोकल स्टोर के जरिए महिला, एससी-एसटी, एमएसएमई, कारीगर, बुनकर, शिल्पकार, स्वयं सहायता समूह, किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) और सहकारी समितियों के कारोबारी दायरे का विस्तार कर उन्हें फायदा पहुंचाया है. बता दें, जेम पर अभी तक साढ़े 26 हजार से ज्यादा स्टार्टअप जेम के माध्यम से 29 हजार करोड़ से ज्यादा का कारोबार कर चुके हैं. सिर्फ वित्त वर्ष 23-24 में जेम पोर्टल पर स्टार्टअप द्वारा 97 हजार से अधिक के आर्डर पूरे किए गए.

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तेजी से बढ़ रहा जेम पोर्टल
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार जेम पोर्टल में पांच लाख से अधिक के अनुमानित मूल्य वाली बोलियों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है. महज तीन वर्ष पहले तक जेम पोर्टल पर सरकारी संस्थाओं द्वारा मंगाई गई 39 प्रतिशत बिड 'मेक इन इंडिया' की थी, जो अब बढ़कर (सितंबर 2024 तक) 81 प्रतिशत हो गई है. जेम की सामान्य शर्तों के तहत केंद्र सरकार के सभी मंत्रालयों, विभागों एवं सार्वजनिक उपक्रमों में खरीदारी पोर्टल पर निबंधित विक्रेताओं से करने की बाध्यता है. सरकार राज्यों से भी आग्रह कर रही है कि जेम पोर्टल की प्रणाली को अपनाएं. घरेलू उद्योगों को प्रोत्साहन के लिए जेम पोर्टल पर मेक इन इंडिया फिल्टर भी उपलब्ध है, ताकि खरीदारों को उत्पादों की जानकारी आसानी से हो सके. 

लेन-देन शुल्क में कटौती
जेम ने छोटे उद्यमों को बड़ी राहत देते हुए अपने लेन-देन शुल्क को एक ही झटके में 96 प्रतिशत तक कम कर दिया है. दस लाख से कम के आर्डर पर कोई शुल्क नहीं है, जबकि पहले यह सीमा पांच लाख थी. पिछले वर्ष 97 प्रतिशत लेन-देन पर शून्य शुल्क लगा है. दस लाख से दस करोड़ तक के आर्डर पर आर्डर मूल्य का मात्र 0.30 प्रतिशत शुल्क ही लगाया जाएगा. पहले 0.45 प्रतिशत लगता था. दस करोड़ रुपये से अधिक के आर्डर पर अधिकतम तीन लाख का शुल्क देना होगा, जो पहले 72.5 लाख था. अधिकतम शुल्क तीन लाख रुपये से ज्यादा नहीं होगा. 


SpiceJet ने जीएसटी, 10 महीने का बकाया PF और कर्मचारियों की सैलरी चुकाई

SpiceJet ने सभी लंबित वेतन और जीएसटी बकाया का भुगतान कर दिया है. कंपनी ने शुक्रवार को बताया कि उसने भविष्य निधि (PF) का 10 महीने का बकाया भी जमा कर दिया है.

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Saturday, 05 October, 2024
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वित्तीय संकट का सामना कर रही भारतीय एयरलाइन कंपनी स्पाइसजेट ने अपने कर्मचारियों को पेंडिंग सैलरी का भुगतान कर दिया है. स्पाइसजेट ने इसके साथ ही कर्मचारियों के पीएफ खाते में 10 महीने का पैसा भी जमा कर दिया है. इतना ही नहीं, संकटग्रस्त एयरलाइन कंपनी ने जीएसटी बकाये का भी भुगतान कर दिया है, एयरलाइन कंपनी ने शुक्रवार को इसकी जानकारी दी है.

कंपनी ने QIP के जरिए जुटाए हैं 3,000 करोड़ रुपये

स्पाइसजेट ने अभी हाल ही में 3,000 करोड़ रुपये जुटाए हैं. एयरलाइन ने 23 सितंबर को पात्र संस्थागत नियोजन (QIP) के आधार पर शेयर जारी कर 3,000 करोड़ रुपये जुटाने की घोषणा की थ. एयरलाइन कंपनी के एक प्रवक्ता ने इस मामले पर जानकारी देते हुए कहा कि नए फंड्स जुटाने के पहले हफ्ते के अंदर ही कंपनी ने सभी पेंडिंग सैलरी और जीएसटी बकाये का भुगतान कर दिया है और कर्मचारियों के खाते में पीएफ के 10 महीने का बकाया जमा करने के साथ ही महत्वपूर्ण प्रगति की है.

स्पाइसजेट ने विमान पट्टेदाताओं के साथ किया समझौता

प्रवक्ता ने एक आधिकारिक बयान में कहा कि अन्य बकाया राशि के भुगतान की प्रक्रिया चल रही है. इसके अलावा, एयरलाइन ने अलग-अलग विमान पट्टेदाताओं (Aircraft Lessors) के साथ समझौता कर लिया है. बताते चलें कि स्पाइसजेट को अभी कई तरह की वित्तीय समस्याओं और कानूनी दिक्कतों समेत कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है. कंपनी के फ्लीट में विमानों की संख्या भी कम हो गई है.

2019 में फ्लीट में शामिल थे 74 प्लेन

साल 2019 में कंपनी के फ्लीट में कुल 74 प्लेन थे, जबकि साल 2024 में कंपनी का फ्लीट साइज 74 से घटकर सिर्फ 28 रह गया है. इतना ही नहीं, फंडिंग के मुद्दे के कारण 36 प्लेन ग्राउंड पर हैं. हालांकि, लाइव एयरक्राफ्ट फ्लीट ट्रैकिंग वेबसाइट planespotter.net के मुताबिक, 5 सितंबर तक स्पाइसजेट के सिर्फ 20 एयरक्राफ्ट ही सर्विस में थे जबकि 38 प्लेन ग्राउंड पर थे.

शुक्रवार को स्पाइसजेट के शेयरों में भारी गिरावट

शुक्रवार को शेयर बाजार में भारी गिरावट के बीच स्पाइसजेट के शेयरों में जबरदस्त गिरावट दर्ज की गई. शुक्रवार को बीएसई पर कंपनी के शेयर 4.25 प्रतिशत (2.79 रुपये) की गिरावट के साथ 62.79 रुपये के भाव पर बंद हुए. स्पाइसजेट के शेयरों का 52 वीक हाई 79.90 रुपये और 52 वीक लो 34.00 रुपये है. कंपनी का मौजूदा मार्केट कैप 8,047.70 करोड़ रुपये है.
 

 

डॉ रेड्डी लेबोरेटरीज के शेयरों को लेकर आई बड़ी खबर, क्या आपने लगाया है पैसा?

फार्मा कंपनी डॉ रेड्डी लेबोरेटरीज के निवेशकों के लिए बड़ी खबर है. कंपनी ने अपने स्टॉक स्प्लिट करने के लिए रिकॉर्ड डेट फाइनल कर दी है.

बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो by
Published - Saturday, 05 October, 2024
Last Modified:
Saturday, 05 October, 2024
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दिग्गज फार्मा कंपनी डॉ रेड्डी लेबोरेटरीज (Dr. Reddy's Laboratories Ltd) को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है. कंपनी अपने शेयरों को स्प्लिट करने वाली है और इसके लिए रिकॉर्ड डेट का भी ऐलान कर दिया गया है.  डॉ रेड्डी का एक शेयर 5 हिस्सों में बांटा जाएगा. स्टॉक स्प्लिट के लिए निर्धारित रिकॉर्ड डेट इसी महीने में है.

28 अक्टूबर रिकॉर्ड डेट 
डॉ रेड्डी लेबोरेटरीज ने एक एक्सचेंज फाइलिंग में बताया है कि 5 रुपए  के फेस वैल्यू वाले एक शेयर को 5 हिस्सों में बांटा जाएगा. इसकी रिकॉर्ड डेट 28 अक्टूबर रखी गई है. कंपनी ने जुलाई में एक शेयर पर 40 रुपए का डिविडेंड दिया था. इससे पहले 2023 में भी कंपनी ने एक शेयर पर 40 रुपए का डिविडेंड अपने निवेशकों को दिया था. स्टॉक मार्केट में प्रदर्शन की बात करें, तो कल डॉ रेड्डी लेबोरेटरीज के शेयर करीब 2 प्रतिशत की गिरावट के साथ 6,642 रुपए पर बंद हुए. इस साल अब तक इस शेयर ने 14.09% का रिटर्न दिया है. जबकि पिछले एक साल में यह आंकड़ा 22.84% रहा है.

क्या होता है मार्केट स्प्लिट?
अब बात स्टॉक स्प्लिट की निकली है, तो यह भी जान लेते हैं कि आखिर ये क्या होता है. जैसा कि नाम से ही समझ आ रहा है स्टॉक स्प्लिट यानी शेयरों का विभाजन. इस प्रक्रिया के तहत कंपनी स्टॉक एक्सचेंज को सूचित करके एक निर्धारित तिथि पर अपने शेयरों को एक निश्चित अनुपात में बांट देती है. जिस अनुपात में कंपनी स्टॉक स्प्लिट करती है, उसी अनुपात में शेयरहोल्डर्स के शेयरों में बदलाव हो जाता है. उदाहरण के तौर पर, यदि आपके पास किसी कंपनी के 400 शेयर हैं और कंपनी स्टॉक स्प्लिट लाकर 1 शेयर को 2 में तोड़ देती है, आपके पास कंपनी के 800 शेयर हो जाएंगे. हालांकि, इससे उसकी निवेश की वैल्यू पर कोई असर नहीं होगा.  

क्यों पड़ती है इसकी जरूरत?
जब कंपनी के शेयर की डिमांड काफी ज्यादा होती है, लेकिन उसकी ऊंची कीमत के चलते छोटे निवेशक ना चाहते हुए भी दूरी बना लेते हैं, तो कंपनी स्टॉक स्प्लिट करती है. इस प्रक्रिया से महंगा शेयर सस्ता हो जाता है और छोटे निवेशक आसानी से निवेश कर सकते हैं. डॉ. रेड्डीज लैबोरेटरीज का शेयर इस समय 6,642 रुपए पर मिल रहा है. एक शेयर के लिए इतना बड़ा अमाउंट इन्वेस्ट करना हर किसी के बस की बात नहीं. लेकिन शेयरों के बंटवारे के बाद जब इसकी कीमत कम हो जाएगी, तो छोटे निवेशक भी इसमें पैसा लगा पाएंगे. कुल मिलाकर कहें तो कोई कंपनी स्टॉक स्प्लिट केवल इसलिए करती है, ताकि छोटे निवेशकों को आकर्षित किया जा सके.

मार्केट कैप होता है प्रभावित?
क्या स्टॉक स्प्लिट से कंपनी के मार्केट कैप पर भी कोई असर पड़ता है? इस सवाल का जवाब है -ना. चलिए इसे एक उदाहरण के जरिए समझते हैं. पिज्जा अक्सर 4 टुकड़ों में विभाजित होता है, लेकिन यदि आप छह लोग खाने वाले हों तो आप अपने हिसाब से उसे छह हिस्सों में भी बांट सकते हैं. क्या आपके ऐसा करने से पिज्जा का साइज घट या बढ़ जाएगा? निश्चित तौर पर नहीं. ठीक इसी तरह, स्टॉक स्प्लिट से केवल शेयर के टुकड़े होते हैं, इससे कंपनी के मार्केट कैप पर कोई असर नहीं पड़ता. बस शेयरों की संख्या बढ़ जाती है. रही बात निवेशकों के फायदे की, तो शेयरों के विभाजन से उनके पास डिमांड वाले शेयरों को कम कीमत में खरीदने का मौका मिल जाता है.


Swiggy से अब 10 मिनट में खाना भी होगा डिलीवर, कंपनी ने लॉन्च की Bolt सर्विस

बोल्ट के तहत बर्गर, गर्म पेय पदार्थ, ठंडे पेय पदार्थ, नाश्ते के सामान और बिरयानी जैसे लोकप्रिय व्यंजन पेश किए जाते हैं, जिन्हें बनाने में कम-से-कम समय लगता है.

बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो by
Published - Saturday, 05 October, 2024
Last Modified:
Saturday, 05 October, 2024
BWHindia

ऑनलाइन फूड डिलीवरी एप स्विगी ने बोल्ट सर्विस शुरू करने की घोषणा है. इसके तहत ग्रॉसरी की तरह अब खाना भी सिर्फ 10 मिनट में डिलीवर होगा. स्विगी ने शुक्रवार को 10 मिनट में खाद्य और पेय पदार्थ की आपूर्ति करने वाली सेवा ‘बोल्ट’ शुरू करने की घोषणा की. स्विगी अपना आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) लाने वाली है. यह सेवा छह प्रमुख शहरों- हैदराबाद, मुंबई, दिल्ली, पुणे, चेन्नई और बेंगलुरु में प्रमुख स्थानों पर पहले से ही परिचालन में है. आने वाले कुछ सप्ताह में इसे और जिलों में लाया जाएगा. बोल्ट उपभोक्ता के दो किलोमीटर के दायरे में चुनिंदा रेस्तराओं से त्वरित भोजन वितरण सेवा प्रदान करता है.

बोल्ड सर्विस के तहत इन चीजों की होगी डिलीवरी 

स्विगी ने कहा है कि आने वाले हफ्तों में यह सेवा और क्षेत्रों में भी लाई जाएगी. बोल्ट के तहत बर्गर, गर्म पेय पदार्थ, ठंडे पेय पदार्थ, नाश्ते के सामान और बिरयानी जैसे लोकप्रिय व्यंजन पेश किए जाते हैं, जिन्हें बनाने में कम-से-कम समय लगता है. स्विगी ने कहा कि यह आइसक्रीम, मिठाई और स्नैक्स जैसे पैकिंग के लिए तैयार व्यंजनों पर भी ध्यान केंद्रित करेगी. कंपनी ने बताया कि विशेष रूप सेॉ डिलीवरी पार्टनर (आपूर्ति भागीदारों) को बोल्ट और नियमित ऑर्डर के बीच अंतर के बारे में जानकारी नहीं दी जाती है. इसका मतलब है कि डिलीवरी समय के आधार पर उन्हें न तो दंडित किया जाता है और न ही प्रोत्साहन दिया जाता है. 

दस साल पहले लॉन्च हुई थी स्विगी

स्विगी के फूड मार्केटप्लेस के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) रोहित कपूर ने कहा, “बोल्ट बेजोड़ सुविधा प्रदान करने के हमारे मिशन में अगली पेशकश है. दस साल पहले, स्विगी ने औसत प्रतीक्षा समय को 30 मिनट तक कम करके खाद्य वितरण में क्रांति ला दी थी. अब हम इसमें और कमी ला रहे हैं."