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Bharat को लेकर Saudi Arabia के हैं बड़े प्लान, तंगहाल Pakistan को मिर्ची लगना तय
अप्रैल 2000 से जून 2023 के बीच भारत में सऊदी का निवेश 3.22 बिलियन डॉलर है. दोनों देशों के रिश्तों में मजबूती आ रही है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 8 months ago
सऊदी अरब (Saudi Arabia) ने भारत को लेकर बड़े प्लान तैयार किए हैं. सऊदी अरब भारत में अपने सॉवरेन वेल्थ फंड (SWF) का ऑफिस स्थापित करने पर विचार कर रहा है, ताकि भारत में निवेश को बढ़ावा दे सके. इसके साथ ही उसकी योजना वेंचर कैपिटल के माध्यम से भारतीय स्टार्टअप्स में पैसा लगाने की भी है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सऊदी अरब के इन्वेस्टमेंट मिनिस्टर खालिद ए. अल फलीह का कहना है कि अगले कुछ हफ्तों के भीतर वह अवसर तलाशने के लिए एक प्रतिनिधिमंडल भारत भेजेंगे.
मंत्री ने जताई प्रतिबद्धता
भारत-सऊदी अरब निवेश फोरम (India-Saudi Arabia Investment Forum) की बैठक में अल फलीह ने कहा कि हम भारत में अपने सॉवरेन वेल्थ फंड (SWF) का ऑफिस खोलने को लेकर प्रतिबद्ध हैं. इस बैठक में भारत के वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल भी मौजूद थे. सऊदी मिनिस्टर ने भारतीय स्टार्टअप्स में निवेश को लेकर अपनी योजना पर भी प्रकाश डाला. उन्होंने कहा कि हम वेंचर कैपिटल फंड के माध्यम से भारतीय स्टार्ट-अप्स में निवेश कर सकते हैं.
इतना है सऊदी निवेश
इन्वेस्टमेंट मिनिस्टर मंत्री ने कहा - उम्मीद है कि अगले कुछ हफ्तों में हम अपने नेशनल वेंचर कैपिटल फंड और भारत के बीच वेंचर कैपिटल पूंजी और स्टार्टअप्स को फंडिंग देने के लिए एक संयुक्त समझौता करेंगे. गौरतलब है कि अप्रैल 2000 से जून 2023 के बीच भारत में सऊदी का निवेश 3.22 बिलियन डॉलर है. ये निवेश सरकारी स्वामित्व वाले सार्वजनिक निवेश कोष (PIF) द्वारा भारतीय कंपनियों में किया गया है. बता दें कि भारत सऊदी का दूसरा सबसे बड़ा ट्रेड पार्टनर है. एक रिपोर्ट के अनुसार, सऊदी में 20 लाख से ज्यादा भारतीय रहते हैं. जबकि 1 लाख 75 हजार भारतीय हर साल हज के लिए वहां जाते हैं.
इन मुद्दों पर बनी सहमति
सऊदी अरब की ये घोषणा भारत के साथ उसके मजबूत होते संबंधों का संकेत है. G-2O समिट के लिए दिल्ली आए सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान 11 सितंबर को भारत की स्टेट विजिट पर रहे थे. इस दौरान, दोनों देशों के बीच स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप मीटिंग हुई. जिसमें तय किया गया कि 50 अरब डॉलर के वेस्ट कोस्ट रिफाइनरी प्रोजेक्ट को तेजी से लागू किया जाएगा. PM मोदी और सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस के बीच हुई बातचीत में ऊर्जा, रक्षा, समेकंडक्टर और स्पेस सेक्टर में भी सहयोग बढ़ाने पर सहमति बनी.
रिश्तों में आ रही मजबूती
भारत और सऊदी अरब के रिश्तों में पाकिस्तान हमेशा से एक बड़ा फैक्टर रहा है. पाकिस्तान कभी नहीं चाहता कि सऊदी और भारत के बीच नजदीकियां बढ़ें, लेकिन अब हालात बदल रहे हैं. सऊदी भारत के साथ अपने रिश्तों को मजबूत कर रहा है. दरअसल, सऊदी अरब की अर्थव्यवस्था पूरी तरह तेल पर निर्भर है और वो इस निर्भरता को कम करना चाहता है. इसलिए वो ट्रेड के लिए नए पार्टनर तलाश रहा है और भारत उनमें से एक है. भारत को लेकर सऊदी के नजरिए में कितना बदलाव आया है, ये इससे समझा जा सकता है कि 1998 में जब पाकिस्तान ने परमाणु परीक्षण किया तो सऊदी ने उसका खुलकर साथ दिया था. लेकिन जब भारत सरकार ने कश्मीर को दिया विशेष राज्य का दर्ज समाप्त किया, तो पाकिस्तान के दबाव के बावजूद सऊदी अरब ने भारत की आलोचना करने से साफ इनकार कर दिया. पाकिस्तान को सऊदी अरब से आर्थिक मदद मिलती रही है. जुलाई में सऊदी ने तंगहाल पाकिस्तान को 2 बिलियन डॉलर का लोन दिया था.
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