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लोन की जबरन वसूली करने वालों पर RBI की नई सख्ती, बैंकों के लिए जारी किए कड़े दिशा-निर्देश
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने 17 जून को कहा था कि वसूली एजेंटों द्वारा अभद्र भाषा का इस्तेमाल करने की शिकायतें मिली हैं, इस तरह की गतिविधियां "अस्वीकार्य" हैं
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 year ago
नई दिल्ली: लोन रिकवरी एजेंट्स की धमकियां, उनके बुरे बर्ताव और मानसिक प्रताणनाएं कोई नई बात नहीं है, ये बात रिजर्व बैंक को भी पता है इसलिए समय समय पर चेतावनी या नए नियम बनाकर इस रोकने का प्रयास करता रहता है. इसी कड़ी में रिजर्व बैंक ने 12 अगस्त को कुछ अतिरिक्त पाबंदियों का ऐलान किया है.
किसी भी तरह का उत्पीड़न बर्दाश्त नहीं
रिजर्व बैंक ने ये अतिरिक्त पाबंदियां बैंकों और रजिस्टर्ड संस्थाओं के लिए बकाए के रिकवरी को लेकर कर्जदाताओं परेशान नहीं करने के लिए जारी किया है. रिजर्व बैंक की ओर से जारी प्रेस रिलीज में कहा गया है कि इन (वसूली) एजेंटों की गतिविधियों से पैदा होने वाली चिंताओं के मद्देनजर, यह सलाह दी जाती है कि विनियमित संस्थाएं सख्ती से सुनिश्चित करें कि वे या उनके एजेंट कर्जों की वसूली में किसी भी व्यक्ति के खिलाफ मौखिक या शारीरिक रूप से किसी भी तरह की धमकी या उत्पीड़न का सहारा नहीं लेते हैं. इसमें सार्वजनिक रूप से अपमानित करने या देनदारों के परिवार के सदस्यों, रेफरी और दोस्तों की गोपनीयता में दखल देने, मोबाइल पर या सोशल मीडिया के माध्यम से अनुचित संदेश भेजने का इरादा शामिल है.
धमकी भरी कॉल्स पर RBI गंभीर
इसके अलावा, विनियमित संस्थाओं को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि ये एजेंट लगातार धमकी भरे या गुमनाम कॉल न करें, कॉल करना हो तो सुबह 8 बजे के बाद और शाम 7 बजे के पहले कॉल करें. ये अतिरिक्त दिशानिर्देश केंद्रीय बैंक की ओर से जारी मौजूदा निर्देशों के अतिरिक्त हैं. रिजर्व बैंक ने कहा कि विनियमित संस्थाओं की ओर से इस संबंध में किसी भी उल्लंघन को "गंभीरता से देखा जाएगा."
ये बैंकों की जिम्मेदारी है
रिजर्व बैंक ने पाया है कि विनियमित संस्थाओं द्वारा रखे गए एजेंट वित्तीय सेवाओं की आउटसोर्सिंग को नियंत्रित करने वाले मौजूदा निर्देशों से भटक रहे हैं. आरबीआई ने इस बात पर जोर दिया कि रेगुलेटेड की आउटसोर्स गतिविधियों की अंतिम जिम्मेदारी उनकी ही है, और वे सर्विस प्रोवाइडर्स के कामों जिसमें की वसूली एजेंट्स भी शामिल हैं, उसके लिए जिम्मेदार हैं. रिजर्व बैंक के अतिरिक्त दिशा-निर्देश वसूली एजेंट्स द्वारा कर्जदारों के लगातार बढ़ते उत्पीड़न की शिकायतों के बाद आए हैं, ऐसे कई मामले सामने आए हैं जब वसूली एजेंट्स किसी के घर अचानक धमक जाते हैं और वसूली के लिए जोर-जबरदस्ती तक करते हैं. इतना नहीं, कई मामले तो ऐसे हैं जिसमें इन वसूली एजेंट्स ने कर्जदाताओं को सरेआम शर्मिंदा करने के लिए उनके फोटो को काटकर नग्न तस्वीरों में लगा देते हैं.
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने 17 जून को कहा था कि वसूली एजेंटों द्वारा अभद्र भाषा का इस्तेमाल करने की शिकायतें मिली हैं, इस तरह की गतिविधियां "अस्वीकार्य" हैं और वित्तीय संस्थाओं के लिए की प्रतिष्ठा के लिए जोखिम है. जहां तक सुपरवाइज्ड और रेगुलेटेड संस्थाओं का सवाल है, रिजर्व बैंक इस मुद्दे को बहुत गंभीरता से लेगा.
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