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दहशत में Byju's के कर्मचारी, फोन उठाने से भी लगने लगा है डर; आखिर क्या है वजह?
बायजू के कर्मचारी जहां सैलरी के मोर्चे पर परेशानी का सामना कर रहे हैं. वहीं उन्हें अब एक और डर भी सताने लगा है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 month ago
आर्थिक संकट में घिरी एडटेक कंपनी बायजू (Byju's) के कर्मचारी बुरी तरह डरे हुए हैं. स्थिति ये हो गई है कि उन्हें कंपनी की ओर से आने वाले फोन कॉल उठाने में भी डर लगने लगा है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, बायजू की पैरेंट कंपनी थिंक एंड लर्न फाइनेंशियल छंटनी कर रही है. उसने अपने कर्मचारियों को फोन कॉल के जरिए नौकरी से निकालना शुरू कर दिया है.
100 से 500 कर्मचारी निशाने पर
रिपोर्ट्स में कहा गया है कि छंटनी की जद में आए कर्मचारियों को ना तो नोटिस दिया गया है और ना ही परफॉरमेंस इम्प्रूवमेंट प्लान (PIP) में डाला गया है. HR की ओर से फोन कॉल करके बिना किसी कारण के नौकरी से निकाला जा रहा है. जिन कर्मचारियों को फोन पर फायर किया गया है, उनके नंबर बाद में HR द्वारा ब्लॉक कर दिए गए हैं. रिपोर्ट्स में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि 100 से 500 कर्मचारी अपनी नौकरी गंवा सकते हैं.
समय पर नहीं मिल रही सैलरी
बायजू ने पिछले दो वर्षों में बड़ी संख्या में कर्मचारियों को बर्खास्त किया है. फिलहाल कंपनी में 15 हजार के आसपास कर्मचारी हैं और सभी इस समय दहशत में हैं. इसके अलावा, सैलरी को लेकर भी उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. एक बार फिर बायजू के कर्मचारियों की सैलरी में देरी की बात सामने आई है. यह लगातार दूसरा महीना है, जब एम्प्लॉइज की सैलरी रोकी गई है.
कंपनी ने आदेश का दिया हवाला
बायजू का कहना है कि राइट्स इश्यू के माध्यम से जुटाई गई राशि के इस्तेमाल पर फिलहाल रोक है, इस वजह से सैलरी रिलीज करने में दिक्कत आ रही है. दरअसल, नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) ने 27 फरवरी के अपने आदेश में Byju's को निर्देश दिया था कि उसे राइट्स इश्यू से मिलने वाली रकम को एस्क्रो खाते में रखना होगा. इसका मतलब है कि कंपनी इस पैसे को तब तक नहीं निकाल सकती, जब तक कि पूरा मामला सुलझ नहीं जाता. बायजू के चार निवेशकों ने कंपनी के खिलाफ दमन और कुप्रबंधन का मुकदमा NCLT में दायर किया है. साथ ही बायजू रवींद्रन को कंपनी चलाने के लिए अयोग्य घोषित करने की मांग की है.
पहले भी दिया था यही तर्क
कंपनी ने अपने कर्मचारियों ईमेल करके NCLT के आदेश का हवाला दिया है. कंपनी ने 1 अप्रैल को कर्मचारियों को भेजे एक ईमेल में लिखा है - हमें यह बताते हुए काफी खेद है कि एक बार फिर आपकी सैलरी मिलने में देरी होगी. हमें देश की न्याय व्यवस्था पर भरोसा है. हम इंतजार कर रहे हैं कि फैसला हमारे हक में आए और हम राइट्स इश्यू के जरिए जुटाई गई रकम इस्तेमाल कर सकें. हम दूसरे माध्यमों से भी फंड की व्यवस्था कर रहे हैं, ताकि आपको 8 अप्रैल तक सैलरी दी जा सके. पिछले महीने भी बायजू के फाउंडर एवं CEO बायजू रवींद्रन ने सैलरी में देरी के लिए यही तर्क दिया था.
सभी ऑफिस पर लगा है ताला
बायजू ने कुछ समय पहले ही अपने सभी कर्मचारियों को घर से काम करने को कहा था, क्योंकि कंपनी ने आर्थिक तंगी के चलते देशभर में अपने ऑफिस खाली कर दिए हैं. केवल बेंगलुरु स्थित हेडक्वॉर्टर ही खुल रहा है. बायजू में 15 हजार के आसपास कर्मचारी हैं और सभी सैलरी को लेकर पिछले कुछ वक्त से परेशानियों का सामना कर रहे हैं. बायजू रवींद्रन रूठे निवेशकों को मनाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन उन्हें कोई सफलता नहीं मिली है. नाराज निवेशकों का कहना है कि कंपनी मैनेजमेंट के काम करने के तरीके, जानकारियों, वित्तीय पारदर्शिता और गवर्नेंस कंट्रोल्स की स्थिति में कोई बदलाव नहीं आया है. मुख्य तौर पर Peak XV Partners, General Atlantic, Chan-Zuckerberg Initiative और प्रोसुस बायजू की कार्यप्रणाली से नाराज हैं. इन निवेशकों द्वारा दायर याचिका पर NCLT में 4 अप्रैल को सुनवाई होनी है.
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