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China पर कम होती निर्भरता को मुंह चिढ़ा रहे ये आंकड़े, इस Sector में बढ़ रहा आयात
एक रिपोर्ट में बताया गया है कि थोक दवा के आयात में भारत की चीन पर निर्भरता कम होने के बजाए बढ़ी है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 9 months ago
पड़ोसी चीन (China) पर निर्भरता कम करने के लिए मोदी सरकार (Modi Government) ने पिछले कुछ समय में कई कदम उठाए हैं. खासकर गलवान घाटी हिंसा के बाद से भारत, चीन से लगातार दूरी बनाने की कोशिश कर रहा है. भारत में मौजूद चीनी कंपनियां भी एजेंसियों के रडार पर हैं. पिछली दिवाली पर भारतीय बाजार चीनी नहीं बल्कि स्थानीय सामान से रौशन हुए थे. हालांकि, एक मोर्चे पर अब भी हमारी चीन पर निर्भरता कम होने के बजाए बढ़ती जा रही है. एक रिपोर्ट बताती है कि चीन से थोक दवा आयात पिछले नौ वर्षों में 62% से बढ़कर 75% पहुंच गया है.
क्या कहती है रिपोर्ट?
केयर रेटिंग्स की रिपोर्ट के अनुसार, विभिन्न घरेलू विनिर्माण परियोजनाओं के चालू होने के बावजूद भारत की निर्भरता चीन पर काफी ज्यादा है. चीन से थोक दवा का आयात वित्त वर्ष 2023-24 में बढ़कर 75 प्रतिशत हो गया है. वित्त वर्ष 2013-14 में यह आंकड़ा करीब 62 प्रतिशत था. मूल्य के संदर्भ में फाइनेंशियल ईयर 2013-14 से 2022-23 के दौरान चीन से कुल थोक दवा आयात लगभग 7 प्रतिशत की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर से बढ़ा है, जो दर्शाता है कि देश कुछ महत्वपूर्ण सामग्रियों के लिए अब भी पड़ोसी पर काफी हद तक निर्भर है.
इस तरह हो रहा इजाफा
रिपोर्ट में आगे बताया गया है कि वित्त वर्ष 2013-14 में देश ने दवा का कुल 5.2 अरब डॉलर का आयात किया, जिसमें से 2.1 अरब डॉलर का आयात चीन से किया गया था. वित्त वर्ष 2018-19 में कुल आयात 6.4 अरब डॉलर था, जिसमें से चीन की हिस्सेदारी 2.6 अरब डॉलर की रही. इसी तरह, 2020-21 में 7 अरब डॉलर का आयात हुआ, जिसमें से चीन से 2.9 अरब डॉलर का आयात किया गया. वित्तीय वर्ष 2022 के आंकड़े की बात करें, तो कुल 8.5 अरब डॉलर के आयात में चीन से 3.2 अरब की थोक दवा आयात की गईं. जबकि वहीं वित्त वर्ष 2023 में आयात मामूली रूप से कम होकर 7.9 अरब डॉलर का रहा, लेकिन चीन की हिस्सेदारी बढ़कर 3.4 अरब डॉलर हो गई.
अभी बनी रहेगी निर्भरता
इस रिपोर्ट से यह साफ होता है कि उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (PLI) योजना सहित सरकार की तमाम योजनाओं के बावजूद इस सेक्टर में चीन पर काफी हद तक निर्भरता अब भी जारी है. वित्त वर्ष 2023-24 में पीएलआई योजना के तहत 51.6 करोड़ डॉलर की परियोजनाएं शुरू होने की संभावना है. हालांकि, केयर रेटिंग्स का मानना है कि इसके बावजूद चीन से थोक दवा आयात पर निर्भरता करीब 65 प्रतिशत के उच्च स्तर पर बनी रहेगी. बता दें कि दोनों देशों की बीच व्यापार में 0.9 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है. चीन के कस्टम विभाग द्वारा पिछले महीने जारी की गई रिपोर्ट में इस बात का उल्लेख किया गया था कि भारत को चीन के निर्यात में कमी दर्ज की गई है.
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