रिलायंस छोटे शहरों में ऐसे बनाएगी पैठ, इलेक्ट्रॉनिक्स सेगमेंट में करने जा रही है ये काम

इलेक्ट्रॉनिक्स सेगमेंट में अब वो बड़े स्टोर्स के बजाए छोटी दुकानों के जरिए अपनी पैठ बनाने जा रही है.

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Friday, 28 October, 2022
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नई दिल्लीः रिलायंस छोटे शहरों में और गांव देहातों में अपनी पैठ बनाने के लिए एक बड़ा काम करने जा रही है. इलेक्ट्रॉनिक्स सेगमेंट में अब वो बड़े स्टोर्स के बजाए छोटी दुकानों के जरिए अपनी पैठ बनाने जा रही है. इसके लिए योजना पर काम किया जा रहा है और जल्द ही कंपनी इसके लिए अपनी विस्तृत कार्ययोजना को जारी करेगी. 

इन पर बिकेंगे ये सामान

रिलायंस रिटेल ने अपनी इलेक्ट्रॉनिक्स श्रृंखला रिलायंस डिजिटल के तहत देश भर के हाई स्ट्रीट और पड़ोस दोनों स्थानों में हजारों छोटे आकार के स्टोर खोलने की योजना बनाई है , मुख्य रूप से स्मार्टफोन, टैबलेट, लैपटॉप, गेमिंग डिवाइस, टेलीविजन और इंटरनेट-सक्षम उत्पादों की बिक्री करेगी. 

नए स्टोर्स का नाम नहीं है तय

देश के सबसे बड़े रिटेलर को अभी नए स्टोर के लिए ब्रांड नाम तय नहीं किया है. रिलायंस रिटेल ने पहले डिजिटल एक्सप्रेस ब्रांड के तहत छोटे आकार के स्टोरों की एक श्रृंखला चलाई थी, जिन्हें बंद कर दिया गया था और Jio कनेक्शन और कुछ मोबाइल फोन बेचने वाले My Jio स्टोर में परिवर्तित कर दिया गया था. 

300 से 2000 वर्ग फुट तक होगी स्टोर की जगह

अधिकारियों ने कहा कि प्रस्तावित नए स्टोर पहले के डिजिटल एक्सप्रेस आउटलेट के 300-500 वर्ग फुट के मुकाबले 2,000 वर्ग फुट तक बड़े होंगे. पहले के अवतार की तुलना में सेगमेंट में व्यापक उत्पाद उपलब्धता भी होगी.

अगले साल तक खुलेंगे ऐसे स्टोर्स

अधिकारियों में से एक ने कहा, "अगली तिमाही से छोटे प्रारूप के स्टोर शहरों और छोटे शहरों में खुलेंगे, जिसमें 5जी-सक्षम डिवाइस सहित इंटरनेट से जुड़े उपकरण प्रदर्शित होंगे. छोटे स्टोरों के साथ फिर से प्रवेश प्रौद्योगिकी उत्पादों की बिक्री के साथ और अधिक गहराई तक पहुंचना है, जो महामारी के दौरान भी फलफूल रहे थे."

अभी जियो मार्ट के जरिए बेच रही है इलेक्ट्रोनिक्स आइटम

 स्मार्टफोन सहित इलेक्ट्रॉनिक्स, रिलायंस रिटेल के लिए सबसे बड़ा व्यवसाय है. यह 530 से अधिक बड़े आकार के रिलायंस डिजिटल स्टोर, रिलायंस डिजिटल वेबसाइट के ऑनलाइन विस्तार और जियोमार्ट मार्केटप्लेस के माध्यम से इलेक्ट्रोनिक्स उत्पाद बेचता है. कंपनी ने व्यक्तियों के स्वामित्व वाले हजारों छोटे इलेक्ट्रॉनिक और मोबाइल फोन स्टोरों को भी जोड़ा है, जो अब JioMart डिजिटल आउटलेट में परिवर्तित हो गए हैं, रिलायंस से उत्पादों की सोर्सिंग कर रहे हैं और उन्हें रिलायंस रिटेल से सभी सेवा और उपभोक्ता वित्त योजनाओं के साथ बेच रहे हैं.

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HDFC के बाद अब इस बैंक में मर्ज होने जा रही है उसकी ही एक कंपनी, जानते हैं कौन है ये

इस बैंक के बोर्ड ऑफ डॉयरेक्‍टर्स ने पिछले साल जुलाई में ही इस मर्जर को अनुमति दे दी थी. इसे आरबीआई की अनुमति मिल चुकी है. 

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Saturday, 18 May, 2024
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HDFC समूह की दो कंपनियों के सफल मर्जर के बाद अब IDFC बैंक में IDFC Ltd का मर्जर होने जा रहा है. कंपनी के शेयर होल्‍डरों ने इसके लिए सहमति दे दी है. आईडीएफसी की ओर से इसकी जानकारी शेयर बाजार को दे दी गई है. विशेष बात ये है कि आरबीआई इस मर्जर को पहले ही अनुमति दे चुका है जबकि एनसीएलटी से भी जल्‍द ही अनुमति मिलने की उम्‍मीद है. 

आखिर क्‍या है ये पूरा मामला? 
दरअसल 2023 में आईडीएफसी (IDFC) समूह की कंपनियों में मर्जर के प्रस्‍ताव की शुरुआत हुई थी. इसमें IDFC limited, IDFC FHCL, का IDFC Bank में मर्जर होना है. पिछले साल जुलाई में आईडीएफसी के डॉयरेक्‍टर ने इनके मर्जर को अनुमति दे दी थी. IDFC बैंक और Bandhan बैंक को एक साथ 2014 में लाइसेंस मिला था. लेकिन उसके बाद IDFC बैंक और कैपिटल फर्स्‍ट लिमिटेड का मर्जर हो गया जिससे आईडीएफ बैंक आईडीएफसी फर्स्‍ट बैंक बन गया. 

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मर्जर के बाद कितनी हो जाएगी हिस्‍सेदारी 
IDFC बैंक अपनी नॉन फाइनेंशियल कंपनी के माध्‍यम से IDFC फर्स्‍ट बैंक में 39.93 प्रतिशत हिस्सेदारी रखती है. इस मर्जर के बाद  बैंक का प्रति शेयर बुक वैल्यू 4.9 प्रतिशत बढ़ जाएगा. इससे पहले बैंक की ओर से स्‍टॉक एक्‍सचेंज को बताया गया है कि इस मर्जर से सरलीकरण होगा. आईडीएफसी फाइनेंशियल होल्डिंग कंपनी, आईडीएफसी लिमिटेड और आईडीएफसी फर्स्ट बैंक की कॉर्पोरेट संरचना को एक कंपनी में मिलाकर इन संस्थाओं के रेग्‍यूलेटरी कंप्‍लाइसेंस को सुव्यवस्थित करने में मदद मिलेगी. 

क्‍या कहते हैं तीसरी तिमाही के नतीजे? 
वहीं आईडीएफसी बैंक के तीसरी तिमाही के नतीजों पर नजर डालें तो 27 मई को जो नतीजे सामने आए उसमें नेट प्रॉफिट में 10 प्रतिशत की गिरावट देखने को मिली थी जिसके बाद कंपनी का मुनाफा 724 करोड़ रुपये रहा था. पिछले साल कंपनी ने 803 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया था. वहीं कंपनी की टोटल इनकम पर नजर डालें तो वो 9861 करोड़ रुपये रही जबकि पिछले साल यही इनकम 7822 करोड़ रुपये रही थी. जबकि ब्‍याज आय में इजाफा देखने को मिला है और ये 8219 करोड़ रुपये रही है. जबकि पिछले साल इसी क्‍वॉर्टर में ये इनकम 6424 करोड़ रुपये रही थी.  


 


जल्द खत्म नहीं होगा OYO के आईपीओ का इंतजार, अब सामने आई ये जानकारी 

रितेश अग्रवाल की OYO ने पहले 2021 में आईपीओ के लिए जरूरी दस्तावेज सेबी के पास दाखिल किए थे.

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Saturday, 18 May, 2024
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हॉस्पिटैलिटी सेक्टर की दिग्गज कंपनी OYO के आईपीओ का इंतजार और लंबा हो गया है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, कंपनी IPO के लिए अपने ड्राफ्ट-रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (DRHP) को फिर से दाखिल करने की तैयारी कर रही है. OYO ने इससे पहले सितंबर 2021 बाजार नियामक सेबी के पास आईपीओ के लिए जरूरी दस्तावेज जमा किए थे. अब कंपनी नए सिरे से DRHP दाखिल करेगी, तो इससे आईपीओ का इंतजार और बढ़ जाएगा. 

क्या है कंपनी की योजना?
दरअसल, सॉफ्टबैंक समर्थित OyO डॉलर बॉन्ड बिक्री के माध्यम से 450 मिलियन डॉलर जुटाने की अपनी योजना को अंतिम रूप दे रही है. जेपी मॉर्गन (JP Morgan) 9 से 10 प्रतिशत प्रति वर्ष की अनुमानित ब्याज दर पर डॉलर बॉन्ड के ऐवज में कंपनी की इसमें मदद कर सकता है. ओयो ने री-फाइनेंस की तैयारी के लिए अपने वर्तमान DRHP को वापस लेने के लिए सेबी के समक्ष अपना आवेदन पेश किया है. 

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इस वजह से किया ऐसा
OYO की मूल कंपनी Oravel Stays बॉन्ड जारी होने के बाद DRHP के अपडेटेड एडिशन को फिर से दाखिल करेगी. रीफाइनेंस के बाद कंपनी के वित्तीय विवरणों में महत्वपूर्ण बदलाव होंगे. इसलिए मौजूदा नियमों के अनुसार OYO को बाजार नियामक के साथ अपनी फाइलिंग को संशोधित करने की आवश्यकता होगी. इससे पहले, कंपनी ने बायबैक प्रक्रिया के माध्यम से 1620 करोड़ रुपए के अपने कर्ज का एक बड़ा हिस्सा समय से पहले चुका दिया था. बायबैक में 660 मिलियन डॉलर के बकाया टर्म लोन B का 30% बायबैक शामिल था.

पहले इसलिए हुई थी देरी 
ओयो ने सितंबर 2021 में 8430 करोड़ रुपए के आईपीओ के लिए भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) के समक्ष प्रारंभिक आईपीओ दस्तावेज दाखिल किए थे. लेकिन अस्थिर बाजार के चलते कंपनी आईपीओ लाने से बचती रही. देश के सबसे कम उम्र के अरबपति कारोबारी का खिताब पाने वाले रितेश अग्रवाल की यह कंपनी पहली बार पिछले साल मुनाफे में आई थी. कंपनी ने वित्त वर्ष 23-24 की सितंबर तिमाही में 16 करोड रुपए का मुनाफा दर्ज किया था. 


New EV Policy के लिए विस्तृत दिशानिर्देश होंगे जारी, अब कोई भी फर्म लगा सकेगी कारखाना

भारी उद्योग मंत्रालय (Ministry of Heavy Industries) विस्तृत दिशानिर्देश तैयार कर रहा है, जिसमें इससे जुड़ा पूरा ब्योरा स्पष्ट किया जाएगा और जल्द इसकी घोषणा भी की जाएगी.

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Saturday, 18 May, 2024
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देश में पहले से वाहन बना रही कंपनियों समेत सभी कंपनियों को इलेक्ट्रिक वाहन (EV) बनाने के लिए नई परियोजना या संयंत्र में निवेश की इजाजत दी जा सकती है. जानकारी के अनुसार केंद्र सरकार हाल में मंजूर नई ईवी नीति (New EV Policy) के तहत कंपनियों को नए निवेश के लिए अनुमति देने की योजना बना रही है.

मार्च में घोषित ईवी पॉलिसी

आपको बता दें, मार्च में घोषित ईवी पॉलिसी में उन विनिर्माण कंपनियों के लिए आयात शुल्क कम करने की बात कही गई है, जो कम से कम 50 करोड़ डॉलर निवेश का वादा करेंगे और 3 साल के भीतर देश में कारखाना लगाएंगे. उन्हें काम शुरू करने के 3 साल के भीतर भारत में ही 25 प्रतिशत मूल्यवर्द्धन शुरू करना होगा. 5वें साल तक इसे बढ़ाकर 50 प्रतिशत करना होगा. इस पॉलिसी का मकसद टेस्ला, विनफास्ट, बीवाईडी जैसी प्रमुख अतंरराष्ट्रीय कंपनियों को भारत में वाहन बनाने के लिए प्रोत्साहित करना है. वहीं, अब इसे लेकर सरकार फिर से दिशानिर्देश जारी करने वाली है.

ये होंगे दिशा निर्देश
जानकारी के अनुसार नई ईवी पॉलिसी के तहत सरकार अब हर फर्म को देश में कारखाना लगाने की अनुमति देने वाली है. सरकार जल्द इसे लेकर दिशा-निर्देश जारी करेगी, जिसमें आवेदन पोर्टल लिंक और परियोजना निगरानी एजेंसी (PMA) के बारे में जानकारी शामिल होगी. 15 मार्च को सरकार ने एक इलेक्ट्रिक-वाहन नीति को मंजूरी दी है जिसके तहत 500 मिलियन अमेरिकी डालर के न्यूनतम निवेश के साथ देश में मैन्युफैक्चरिंग यूनिट स्थापित करने वाली कंपनियों को शुल्क रियायतें दी जाएंगी.
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ये है सरकार का प्लान
15 मार्च को सरकार ने एक इलेक्ट्रिक-वाहन नीति को मंजूरी दी है, जिसके तहत 500 मिलियन अमरीकी डालर के न्यूनतम निवेश के साथ देश में मैन्युफैक्चरिंग यूनिट स्थापित करने वाली कंपनियों को शुल्क रियायतें दी जाएंगी, इस कदम का उद्देश्य यूएस-आधारित टेस्ला जैसी प्रमुख वैश्विक कंपनियों को आकर्षित करना है. नीति के अनुसार, किसी कंपनी को भारत में विनिर्माण सुविधाएं स्थापित करने, ई-वाहनों का वाणिज्यिक उत्पादन शुरू करने और अधिकतम पांच वर्षों के भीतर 50 प्रतिशत घरेलू मूल्य संवर्धन (DVA) तक पहुंचने के लिए 3 वर्ष का समय मिलेगा.

पैसेंजर इलेक्ट्रिक कारों के लिए ये नियम

पैसेंजर इलेक्ट्रिक कारों के लिए मैन्युफैक्चरिंग यूनिट स्थापित करने वाली कंपनियों को सरकार द्वारा अनुमोदन पत्र जारी करने की तिथि से 5 वर्षों के लिए 35,000 अमेरिकी डॉलर और उससे अधिक कीमत वाले वाहनों पर 15 प्रतिशत के कम सीमा शुल्क/आयात शुल्क पर सीमित संख्या में कारों का आयात करने की अनुमति दी जाएगी.


आखिर कौन हैं ये तीन युवा जिन्‍होंने अपनी कामयाबी से Forbs की इस सूची में बनाई है जगह

इन तीनों युवाओं ने अपनी कंपनी के द्वारा किए गए इनोवेशन से उन लोगों तक पहुंचने की कोशिश की है जिनके लिए आज तक उस सुविधा के दरवाजे बंद थे. 

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Saturday, 18 May, 2024
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फोर्ब्‍स पत्रिका ने अपने 30 अंडर 30 के युवा कारोबारियों के 9वें एडिशन को लॉन्‍च कर दिया है. फोर्ब्‍स की इस सूची में भारत के तीन युवा अपने हुनर और काबिलियत के दम पर जगह बनाने में कामयाब हुए हैं. ये तीनों युवा इनोवेशन को लेकर काम कर रहे हैं एशिया प्रशांत क्षेत्र लगातार नई तकनीक ला रहे हैं. अपनी इस स्‍टोरी में हम आपको इनके बारे में विस्‍तार से बताने जा रहे हैं.

आखिर कौन हैं ये तीन युवा 
इस सूची में शामिल हैं Couple के फाउंडर को-फाउंडर श्रीनिवास सरकार. श्रीनिवास सरकार इंडियन इंस्‍टीटयूट ऑफ एस्‍ट्रोफिजिक्‍स में बतौर रिसर्चर काम कर रहे हैं. उसके बाद Organizer में काम किया जहां उन्‍हें 20 लोगों की टीम को लीड करने का मौका मिला. इसके बाद 2020 से लेकर 2021 तक वो Inaraa Healthcare के को फाउंडर के तौर पर काम करते रहे. इसके बाद 2021 में उन्‍होंने EY ज्‍वॉइन कर ली यहां उन्‍हें बतौर कंसल्‍टेंट के तौर पर काम किया. इसके बाद उन्‍होंने Entrepreneur First में भी काम किया जहां वो बतौर फाउंडर रेजीडेंट के तौर पर काम करते रहे. इसके बाद 2022 में उन्‍होंने Couple की शुरूआत की जिसकी बदौलत आज वो फोर्ब्‍स में जगह बना चुके हैं. ये एक वाई कॉम्बिनेटर समर्थित उपभोक्ता फिनटेक स्टार्टअप है. ये कंपनी अपने डिजिटल ज्‍वॉइंट खाते का इस्‍तेमाल करके कपल को अपने साझा खर्चों को प्रबंधित करने का सबसे आसान तरीका प्रदान करते हैं. 

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कौन हैं ट्रांजेक इंडिया के यीशू अग्रवाल 
फोर्ब्‍स की सूची में ट्रांजेक इंडिया के फाउंडर यीशू अग्रवाल को भी जगह मिली है. येशु अग्रवाल ट्रांसक के सह-संस्थापक हैं, जो एक वेब3 भुगतान गेटवे है जो लोगों द्वारा क्रिप्टोकरेंसी और एनएफटी खरीदने और बेचने के तरीके को सरल बनाता है. लोग क्रेडिट कार्ड या बैंक ट्रांसफर जैसी विभिन्न पेमेंट तरीकों से ट्रांसैक का उपयोग करके ऐप्स के माध्यम से क्रिप्टोकरेंसी खरीद सकते हैं. हाल ही में, ट्रांसैक ने वीज़ा के साथ साझेदारी की घोषणा की जो उपयोगकर्ताओं को क्रिप्टोकरेंसी को वॉलेट से सीधे वीजा डेबिट कार्ड में ट्रांसफर करने की अनुमति देती है. पिछले साल मई में, ट्रांसैक ने सीई इनोवेशन कैपिटल के नेतृत्व में सीरीज ए फंडिंग राउंड में 20 मिलियन डॉलर जुटाए थे. 

एक इंटरव्‍यू के दौरान यीशू ने बताया था कि Transac की शुरूआत में वो दो लोग काम करते थे. वो कंपनी का टैक्‍नोलॉजी पार्ट देखते थे जबकि उनके दोस्‍त सामी उनकी कंपनी के लिए सेल्‍स का काम देखते थे. Transac की सबसे पहली पार्टनरशिप MetaMAsk के साथ हुई थी. लेकिन बाद में Sendwyre के बंद होने के बाद Transac को अच्‍छा मौका मिला. 2020 कंपनी के लिए काफी बेहतर रहा है उसमें कंपनी ने हर हफ्ते एक नया फीचर लॉन्‍च किया. कंपनी की इसी परफॉर्मेंस का नतीजा है कि आज Transac के फाउंडर यीशू अग्रवाल फोर्ब्‍स की सूची में जगह बनाने में कामयाब रहे हैं. 

तीसरा नाम है आलेश अलवानी 
जिन तीन युवाओं ने फोर्ब्‍स की सूची में जगह बनाई है उनमें तीसरा नाम आलेश अलवानी का है. आलेश क्रेडिट वाइज कैपिटल के फाउंडर रहे हैं.  क्रेडिट वाइज टू व्‍हीलर लोन देने वाली कंपनी है. इस कंपनी के सह-संस्थापक आलेश अवलानी हैं जिन्‍होंने इसे 2019 में स्थापित किया था, CWC ने एक साल बाद सीड फंडिंग में $6 मिलियन का फंड जुटाने में कामयाबी हासिल की.  क्रेडिट स्कोरिंग के लिए व्हाट्सएप बॉट जैसी तकनीक का उपयोग करते हुए, सीडब्ल्यूसी आवेदन प्रक्रिया को कम करता है और बिना क्रेडिट इतिहास वाले लोगों के लिए ऋण लेना आसान करता है। अवलानी कहते हैं, "इसने कई पहली बार ऋण खरीदने वालों को 2-पहिया वाहन खरीदने में सक्षम बनाया है, जिससे कृषि, आजीविका और शिक्षा और कौशल विकास के अवसरों में सुधार हुआ है।" सीडब्ल्यूसी के ग्राहक मुख्य रूप से देश के टियर-2, 3 और 4 शहरों में हैं। कंपनी व्यक्तिगत ऋण और स्वास्थ्य सेवा बीमा में भी विस्तार कर रही है।
 


Wipro के मैनेजमेंट में बड़ा बदलाव, COO ने दिया इस्तीफा, अब इनके हाथ में कमान

कंपनी के बाहर अवसर तलाशने के लिए चौधरी ने अमित इस्तीफा दिया है. वह मई के अंत तक कंपनी में रहेंगे.

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Saturday, 18 May, 2024
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विप्रो (Wipro) के बड़े पदों से लोगों का इस्तीफा जारी है. कंपनी के सीओओ अमित चौधरी ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. हाल के दिनों में दिग्गज आईटी कंपनी में यह तीसरा बड़ा इस्तीफा है. इससे पहले अप्रैल में कंपनी के सीईओ थियरी डेलपोर्ट ने अपना पद छोड़ने का ऐलान किया था. उनके बाद विप्रो में एशिया पैसेफिक, इंडिया और मिडिल ईस्ट एवं अफ्रीका के प्रेसिडेंट अनीस चेंचाह ने भी इस्तीफा दे दिया था. Wipro ने एक्सचेंज फाइलिंग में COO अमित चौधरी के इस्तीफे की जानकारी दी.

संजीव जैन होंगे नए COO 

Wipro ने एक्सचेंज फाइलिंग में अमित चौधरी के इस्तीफे की जानकारी दी है. उनका इस्तीफा तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है. Wipro ने बताया कि अमित चौधरी ने अन्य जगहों पर संभावनाएं तलाशने के लिए अपना पद छोड़ा है. विप्रो में उनका आखिरी दिन 31 मई होगा. कंपनी ने उनकी जगह लेने के लिए संजीव जैन को नियुक्त किया है.

यदि आपके पास इन 5 कंपनियों के शेयर हैं तो हो जाइए खुश, मिलने वाला है डिविडेंड

कौन हैं संजीव जैन?

संजीव जैन साल 2023 में बिजनेस ऑपरेशंस के ग्लोबल हेड के रूप में Wipro में शामिल हुए थे. उनके पास टीम लीड करने और ग्लोबल ऑपरेशन्स को बढ़ाने का 30 सालों से भी ज्यादा का एक्सपीरिएंस है. Wipro में शामिल होने के बाद से जैन कंपनी की टैलेंट सप्लाई चेन को लीड कर रहे हैं. इसमें फर्म का गिग वर्क प्लेटफॉर्म टॉपगियर, टैलेंट स्किलिंग, ग्लोबल मोबिलिटी, टैलेंट एक्विजिशन और बिजनेस रेसिलिएंस फंक्शन का काम शामिल है. उन्होंने अपनी पढ़ाई IIM मुंबई से की है. वह IBM, Cognizant और JE जैसी दिग्गज कंपनियों में काम कर चुके हैं.

तीनों अधिकारी Capgemini में करते थे काम 

इन सभी इस्तीफों में रोचक बात यह है कि Wipro छोड़ने वाले यह तीनों ही अधिकारी थियरी डेलपोर्ट, अनीस चेंचाह और अमित चौधरी फ्रांस में हेडक्वार्टर वाली कैपजेमिनी (Capgemini) में काम करते थे. थियरी डेलपोर्ट के सीईओ बनने के बाद ही अनीस चेंचाह और अमित चौधरी ने Wipro को ज्वॉइन किया था. ऐसे में माना जा सकता है कि थियरी डेलपोर्ट की टीम उनके जाने के बाद कंपनी छोड़ रही है.
 


यदि आपके पास इन 5 कंपनियों के शेयर हैं तो हो जाइए खुश, मिलने वाला है डिविडेंड

अपने तिमाही नतीजे जारी करने के बाद कई कंपनियों ने डिविडेंड का ऐलान किया है.

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Saturday, 18 May, 2024
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शेयर बाजार में निवेश करने वालों के लिए डिविडेंड रिटर्न गिफ्ट की तरह होता है, जो उन्हें कंपनी से मिलता है. हाल ही में कई कंपनियों ने अपने तिमाही नतीजे जारी किए हैं. इनमें से कुछ डिविडेंड भी देने जा रही हैं. रेल विकास निगम लिमिटेड (RVNL) से लेकर JSW स्टील तक, इन कंपनियों ने वित्त वर्ष 2024 के लिए फाइनल डिविडेंड का ऐलान कर दिया है. यहां हम आपको ऐसी 5 प्रमुख कंपनियों के बारे में बताने जा रहे हैं. 

Bharat Bijlee देगी इतना डिविडेंड
इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग कंपनी भारत बिजली (Bharat Bijlee) अपनी निवेशकों को डिविडेंड देने वाली है. कंपनी के बोर्ड ने 5 रुपए फेस वैल्यू वाले हर शेयर पर 35 रुपए के ​फाइनल डिविडेंड का ऐलान किया है. कंपनी की 77वीं सालाना आम बैठक में इस पर शेयरधारकों की मंजूरी ली जाएगी. यदि मंजूरी मिल जाती है, तो डिविडेंड का भुगतान बैठक की तारीख से 30 दिनों के अंदर किया जाएगा. भारत बिजली के शेयर आज भी तेजी के साथ दौड़ रहे हैं. पिछले 5 सत्रों में यह शेयर करीब 25% का रिटर्न दे चुका है. जबकि इस साल अब तक ये आंकड़ा 57.36% है.

RVNL ने भी किया ऐलान 
रेलवे से जुड़ी कंपनी रेल विकास निगम लिमिटेड (RVNL) के बोर्ड ने 2.11 रुपए प्रति इक्विटी शेयर का फाइनल डिविडेंड घोषित किया है. कंपनी की सालाना आम बैठक में इस पर शेयरधारकों की मंजूरी ली जाएगी. खबर लिखे जाने तक आज RVNL का शेयर करीब 7 प्रतिशत की उछाल के साथ 299.20 रुपए पर पहुंच गया था. बीते 5 दिनों में यह 15.99% चढ़ा है. कंपनी की ऑर्डर बुक काफी मजबूत है, इसलिए इसके शेयरों में भी मजबूती बनी हुई है.  

आखिरी मंजूरी का इंतजार 
Balkrishna Industries एक मल्टीनेशनल टायर कंपनी है. 1987 में शुरू हुई इस कंपनी के बोर्ड ने 2 रुपए फेस वैल्यू वाले हर शेयर पर 4 रुपए का अंतिम डिविडेंड देने की सिफारिश की है. 19 जुलाई को होने वाली सालाना आम बैठक में इस पर सदस्यों की मंजूरी ली जाएगी. कंपनी के शेयर आज दोपहर 12 बजे तक 8 प्रतिशत की शानदार तेजी के साथ 2,797.75 रुपए पर कारोबार कर रहे थे. इस शेयर ने पिछले 5 दिनों में 13.74% का रिटर्न दिया है. ये अपने 52 वीक के हाई लेवल 2,795.50 रुपए को भी पीछे छोड़ चुका है. 

7.30 रुपए का फाइनल डिविडेंड 
JSW Steel भी अपने निवेशकों को अच्छा डिविडेंड दे रही है. कंपनी के बोर्ड ने 1 रुपए फेस वैल्यू वाले हर शेयर पर 7.30 रुपए का फाइनल डिविडेंड देने का निर्णय लिया है. इस पर कंपनी की 30वीं सालाना आम बैठक में मंजूरी ली जाएगी. 890.55 रुपए के भाव पर मिल रहे कंपनी के शेयर बीते पांच सत्रों में 5.65% ऊपर चढ़ चुके हैं. इसी तरह. Zydus Lifesciences के बोर्ड ने 1 रुपए फेस वैल्यू वाले प्रत्येक शेयर पर 3 रुपए का फाइनल डिविडेंड देने का ऐलान किया है. कंपनी का शेयर आज करीब 10% की बढ़त के साथ 1,103.95 रुपए पर पहुंच चुका है. इस साल अब तक इसमें 57.90% की तेजी आई है.


आखिर काले धन को लेकर पीएम मोदी ने ऐसा क्‍या कहा जिसकी हो रही है चर्चा, क्‍या है ये माजरा?

जानकारों का मानना है कि आने वाले दिनों में सरकार जब्‍त किए जाने वाले धन के वितरण के लिए कानून लाने की तैयारी कर रही है.

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Saturday, 18 May, 2024
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काले धन की वापसी एक ऐसा विषय है जब भी चुनावों में या सामान्‍य दिनों में सामने आता है तो किसी को विश्‍वास नहीं होता है. लेकिन अब पीएम मोदी ने काले धन को लेकर एक ऐसा बयान दिया जिसने इस मामले में एक नई बहस को जन्‍म दे दिया है. पीएम मोदी ने एक इंटरव्‍यू में कहा है कि वो इस मामले में सलाह ले रहे हैं कि सीज की हुई प्रॉपटी से लेकर धन को देश के गरीबों को वापस कैसे किया जाए. उन्‍होंने कहा कि अगर इसके लिए किसी तरह के कानून में बदलाव की जरूरत होगी तो वो भी हम करेंगे. 

पीएम मोदी ने क्‍या कहा? 
पीएम नरेन्‍द्र मोदी ने इस मामले में एक इंटरव्‍यू में कहा कि प्रमुख तौर पर दो तरह के भ्रष्‍टाचार होते हैं. एक वो होते हैं जो बड़े स्‍तर पर होता है जिसमें लेने वाला भी कुछ नहीं बताता है और देने वाला भी कुछ नहीं बताता है. इसी तरह छोटे स्‍तर पर होता है जिसके लिए उन्‍होंने बंगाल में हुए शिक्षक भर्ती घोटाले से लेकर लालू प्रसाद यादव तक के रेल मंत्री होते हुए नौकरी के लिए जमीन लिखवाने का उदाहरण देकर अपनी बात को रखा. उन्‍होंने कहा‍ कि अभी हमने बहुत प्रॉपर्टी जब्‍त की है, जिसकी कीमत कोई सवा लाख करोड़ रुपये होगी. उन्‍होंने कहा कि मैं इस पैसे को गरीबों को वापस करना चाहता हूं और इसे लेकर मेरे मन में बहुत दुख होता है. हम अब तक 17 हजार करोड़ रुपये वापस भी कर चुके हैं. उन्‍होंने कहा कि अगर इसके लिए कानून में बदलाव करने की जरूरत होगी तो हमारी सरकार वो भी करेगी. मैं इसे लेकर लीगल टीम से एडवाइज ले रहा हूं. 

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1.25 लाख करोड़ से कई गुना हो सकती कीमत 
जानकारों का मानना है कि सरकार ने जिस प्रॉपर्टी को सीज किया है उसकी कीमत 1.25 लाख करोड़ रुपये से कई गुना ज्‍यादा हो सकती है. क्‍योंकि ऐसी ज्‍यादातर प्रॉपर्टी का आंकलन उनकी बुक वैल्‍यू के आधार पर लगाया जाता है. लेकिन अगर आज उनकी बाजार वैल्‍यू का आंकलन किया जाएगा तो वो उससे भी कई गुना ज्‍यादा निकल सकती है. एक सीनियर लॉ अधिकारी का कहना है कि दिल्‍ली के पॉश इलाके में एक जब्‍त प्रॉपर्टी की कीमत 10 से 20 लाख रुपये है जबकि उसकी वास्‍तविक कीमत आज 30 करोड़ रुपये जा पहुंची है. 

इस साल जुलाई में आ सकता है नया कानून 
जानकारों का मानना है कि जून में नई सरकार बनने के बाद जुलाई में होने वाले पूर्ण बजट सत्र में इसे लेकर कानून आ सकता है. इस कानून में केवल ईडी के मामलों की ही नहीं बल्कि सभी मामलों की कुर्की का प्रावधान किया जा सकता है. इस कानून को सरकार सख्‍त भी बना सकती है. उसमें संपत्ति की जब्‍ती और उसे बांटने का प्रावधान भी किया जा सकता है. खुद पीएम बदलाव को करने की बात कर तो रहे हैं लेकिन उसका दायरा क्‍या होगा ये आने वाला समय ही बताएगा. 


सोमवार को बंद रहेंगे बैंक, आज ही निपटा लें जरूरी काम

लोकसभा चुनावों के पांचवें फेज की वोटिंग के चलते 20 मई यानी सोमवार को कई शहरों में बैंक बंद रहने वाले हैं. ऐसे में आपके कई जरूरी काम अटक सकते हैं.

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Saturday, 18 May, 2024
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देश के कई शहरों में 20 मई यानी सोमवार को बैंक बंद रहने वाले हैं. ऐसे में आपके जरूरी काम अटक सकते हैं. अगर आप बैंक संबंधित किसी काम से जाने वाले हैं तो एक बार छुट्टियों की लिस्ट जरूर चेक कर लें. देख लें कि कहीं सोमवार को आपके शहर में तो बैंक बंद नहीं है. दरअसल लोकसभा चुनावों के पांचवें फेज की वोटिंग 20 मई को होनी है, जिसके चलते कई शहरों में बैंक की छुट्टी होने वाली है. पूरे देश में 7 चरणों में आम चुनाव होने हैं. ऐसे में जिन शहरों में जब मतदान होंगे, वहां बैंकों की छुट्टी होगी.

चुनाव के चलते बैंक रहेंगे बंद

भारत में पांचवें चरण के लोकसभा चुनाव 20 मई को होने हैं. पांचवें चरण में 8 राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों की 49 संसदीय सीटों के लिए वोटिंग की जाएगी. इनमें उत्तर प्रदेश की 14, महाराष्ट्र की 13, पश्चिम बंगाल की 7, बिहार की 5, ओडिशा की 5, झारखंड की 3, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख की 1-1 सीट शामिल है. ऐसे में इन सभी जगहों पर सोमवार को बैंक बंद रहेंगे. ऐसे में अगर आपका कोई काम इस बीच अटका हुआ है तो शनिवार को निपटा सकते हैं. 18 मई को तीसरा शनिवार है, इसलिए इस शनिवार को बैंक खुले हुए हैं.

इन जगहों पर डाले जाएंगे वोट

•    महाराष्ट्र- धुले, डिंडोरी, नासिक, पालघर, भिवंडी, कल्याण, थाने, मुंबई उत्तर, मुंबई उत्तर-पश्चिम, मुंबई उत्तर-पूर्व, मुंबई उत्तर - मध्य, मुंबई दक्षिण-मध्य और मुंबई दक्षिण
•    बिहार- सीतामढ़ी, मधुबनी, मुजफ्फरपुर, सारण और हाजीपुर
•    उत्तर प्रदेश- मोहनलाल गंज, लखनऊ, राय बरेली, अमेठी, जालौन, झांसी, हमीरपुर, बांदा, फतेहपुर, कौशांबी, बाराबंकी, फैजाबाद, कैसरगंज और गोंडा
•    ओडिशा- बरगढ़, सुंदरगढ़, बोलांगीर, कंधमाल और अस्का
•    झारखंड- चतरा, कोडरमा और हजारीबाग
•    पश्चिम बंगाल- बनगांव, बैरकपुर, हावड़ा, उलूबेरिया, श्रीरामपुर, हुगली और आरामबाग
•    जम्मू-कश्मीर- बारामूला
•    लद्दाख

इन तारीखों पर भी बंद रहेंगे बैंक

इस महीने 23 मई को बुद्ध पूर्णिमा पर त्रिपुरा, मिजोरम, मध्य प्रदेश, चंडीगढ़, उत्तर प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, जम्मू, लखनऊ, बंगाल, नई दिल्ली, छत्तीसगढ़, झारखंड, हिमाचल प्रदेश, श्रीनगर में और 25 मई को लोकसभा आम चुनाव 2024 के चलते त्रिपुरा, उड़ीसा में बैंक बंद रहने वाले हैं. हालांक‍ि इस दौरान आप डिजिटल बैंकिंग, मोबाइल, एटीएम और इंटरनेट के जरिये अपना बैंक से जुड़ा काम कर सकते हैं.
 


पब्लिक सेक्टर बैंकों के मर्जर का नहीं कोई प्लान, सरकार ने अफवाहों पर लगाया विराम

केंद्र सरकार की पब्लिक सेक्टर बैंकों को मर्ज करने का कोई योजना नहीं है. एक सरकारी अधिकारी ने यह जानकारी दी है.

Last Modified:
Saturday, 18 May, 2024
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काफी लंबे समय से पब्लिक सेक्टर बैंकों (PSB) के मर्जर और प्राइवेटाइजेशन को लेकर खबरें चल रही हैं. अब इन अफवाहों पर सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने प्रतिक्रिया दी है, उन्होंने कहा कि वह लोकसभा चुनाव के दौरान बैंकों के मर्जर या प्राइवेटाइजेशन पर टिप्पणी नहीं कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि आम चुनाव चल रहे हैं, ऐसे मुद्दों पर टिप्पणी करना उचित नहीं है. बता दें कि देश में लोकसभा चुनाव चल रहा है. इस चुनाव के चार चरण की वोटिंग हो चुकी है लेकिन फाइनल रिजल्ट 4 जून को आने वाला है.

बैंकों के मर्जर की कोई योजना नहीं

केंद्र सरकार की पब्लिक सेक्टर बैंकों को मर्ज करने का कोई योजना नहीं है. वरिष्ठ अधिकारी ने इसके साथ जानकारी देते हुए बताया कि पब्लिक सेक्टर बैंकों को मर्ज करने की कोई योजना नहीं है. हमें ऐसी किसी भी तरह की बातचीत की जानकारी नहीं है. भारत में फिलहाल 12 सरकारी बैंक हैं. सरकार ने साल 2020 में PSU बैंकों का मर्जर कर उनकी संख्या को कम किया था. उस समय कुल 10 सरकारी बैंकों को मर्जर के जरिये 4 बैंक में समेट दिया गया था.

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पहले भी कई बैंकों का हो चुका है मर्जर

सार्वजनिक बैंकों के मर्जर की प्रक्रिया के तहत Punjab National Bank में Oriental Bank of Commerce और United Bank का विलय किया गया था. Canara Bank में Syndicate Bank को मर्ज किया गया था. इसके अलावा, Union Bank of India ने Andhra Bank और Corporation Bank का विलय किया था, जबकि इंडिया बैंक का विलय Allahabad Bank के साथ हुआ था. इससे पहले Vijaya Bank और Dena Bank का एक अप्रैल, 2019 को Bank of Baroda में विलय किया गया था.

सरकार ने अफवाहों पर लगाया विराम

दिसंबर 2023 में इस बात को लेकर अटकलें लगाई जा रही थी कि यूनियन बैंक और यूको बैंक का मर्जर हो सकता है. इसके अलावा, बैंक ऑफ इंडिया और बैंक ऑफ महाराष्ट्र के विलय भी अटकलें थीं. बाद में वित्त मंत्रालय ने साफ किया था कि जिन दस्तावेजों के आधार पर इसकी बात की जा रही है, वह अधीनस्थ कानून से जुड़ी संसदीय कमेटी का मामला है और इसका बैंक मर्जर की पॉलिसी से कोई संबंध नहीं है. वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी कहना था कि चर्चा अधीनस्थ कानून पर संसदीय समिति की एक नियमित प्रक्रिया का हिस्सा है और यह मर्जर के मुद्दे से जुड़ा नहीं है. 
 


Stock Market: आज छुट्टी वाले दिन खुल रहा बाजार, इन शेयरों पर बनाए रखें नजर

शेयर बाजार में निवेश करने वालों के लिए अच्छी खबर है. बाजार आज छुट्टी वाले दिन भी खुल रहा है.

Last Modified:
Saturday, 18 May, 2024
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वैसे तो शेयर बाजार (Stock Market) में शनिवार को साप्ताहिक अवकाश रहता है. लेकिन आज यानी 18 मई को बाजार खुलेगा और ट्रेडिंग भी होगी. इससे पहले, शुक्रवार को मार्केट उछाल के साथ बंद हुआ था. बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) का सेंसेक्स 253.31 अंकों की मजबूती के साथ 73,917.03 और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का निफ्टी 62.25 अंकों की उछाल के साथ 22,466.10 पर बंद हुआ. एक्सपर्ट्स का कहना है कि शेयर बाजार पर बुल्स की पकड़ मजबूत होती नजर आ रही है. वीकली चार्ट में बुलिश कैंडल्टिक पैटर्न बनता दिखाई दे रहा है. बता दें कि शेयर बाजार की तेजी को Bull और गिरावट को Bear से दर्शाया जाता है.

इनके आए हैं तिमाही परिणाम
एक्सपर्ट्स का यह भी कहना है कि इंडेक्स में लगातार चौथे कारोबारी सत्र में हाई फॉर्मेशन नजर आ रहा है. यह सभी अहम मूविंग एवरेज से ऊपर पहुंच गया है, जो पॉजिटिव संकेत है. स्टॉक्स की बात करें, तो आज उन शेयरों पर नजर रखें, जिनके तिमाही परिणाम कल यानी शुक्रवार को जारी हुए हैं. रेल विकास निगम लिमिटेड (RVNL) के लिए मार्च 2024 तिमाही अच्छी गई है. इस दौरान कंपनी के प्रॉफिट और इनकम में बढ़ोतरी दर्ज हुई है. वित्त वर्ष 2023-24 की पहली तिमाही में कंपनी का मुनाफा बढ़कर 478.6 करोड़ रुपए रहा. एक साल पहले इसी तिमाही में यह 359 करोड़ था. जबकि मार्च 2024 तिमाही में JSW स्टील के नेट प्रॉफिट में 64.5% की गिरावट आई है और यह 1,299 करोड़ रुपए रहा है. मुनाफे में गिरावट की मुख्य वजह खर्चों में बढ़ोतरी है. इनके अलावा, बंधन बैंक, बलरामपुर चीनी, GMR पावर, गोदरेज प्रॉपर्टीज, फीनिक्स मिल्स और RCF के शेयर पर भी आज नजर रखें.

इस वजह से आज खुला बाजार
अब चलिए यह भी जान लेते हैं कि आखिर छुट्टी वाले दिन बाजार खुल रहा है? दरअसल, इस दिन डिजास्टर रिकवरी साइट की टेस्टिंग होनी है. नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) की तरफ से यह टेस्टिंग इक्विटी और इक्विटी डेरिवेटिव्स में की जाएगी. इसके लिए डिजास्टर रिकवरी (DR) साइट पर स्विच-ओवर किया जाएगा. किसी आपात स्थिति के दौरान परिचालन बहाल करने के लिए डिजास्टर रिकवरी साइट का इस्तेमाल किया जाता है. यह एक तरह से तैयारी है कि अगर भविष्य में कोई आपात स्थिति आती है, तो डिजास्टर रिकवरी साइट पर स्विच किया जा सके.

इस साल यह तीसरा मौका
स्‍पेशल ट्रेडिंग के तहत बाजार दो चरणों में खुलेगा. पहला सत्र सुबह 9:15 बजे शुरू होगा और 10 बजे समाप्त होगा. जबकि दूसरा सत्र सुबह 11:30 बजे शुरू होकर दोपहर 12:30 बजे खत्‍म हो जाएगा. पहले सेशन के दौरान प्राइमरी साइट से ट्रेडिंग होगी और दूसरे सत्र में डिजास्टर रिकवरी साइट से ट्रेडिंग की जाएगी. स्‍पेशल लाइव ट्रेडिंग सेशन को बाजार नियामक सेबी के निर्देशों के अनुसार आयोजित किया जाता है. इस साल यह तीसरा मौका है जब शनिवार को बाजार खुल रहा है. पहला डिजास्‍टर रिकवरी सेशन शनिवार, 20 जनवरी को निर्धारित किया गया था, लेकिन बाद में इसे पूर्ण सत्र तक बढ़ा दिया गया था. क्योंकि सोमवार 22 जनवरी को राम मंदिर के उद्घाटन के उपलक्ष्य में अवकाश घोषित किया गया था. इसी तरह, NSE और BSE ने दो मार्च को भी स्पेशल सत्र आयोजित किए थे. 

(डिस्क्लेमर: शेयर बाजार में निवेश जोखिम के अधीन है. 'BW हिंदी' इसकी कोई जिम्मेदारी नहीं लेता. सोच-समझकर, अपने विवेक के आधार पर और किसी सर्टिफाइड एक्सपर्ट से सलाह के बाद ही निवेश करें, अन्यथा आपको नुकसान उठाना पड़ सकता है).