REC ने इस कंपनी के साथ किया कोयला खदान के लिए समझौता, ये होगा इससे फायदा 

दोनों के बीच हुए इस समझौते से भविष्‍य में ऊर्जा परियोजनाओं को मजबूत करने में मदद मिलेगी. दोनों के बीच ये समझौता 500 करोड़ से ज्‍यादा का है. 

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Wednesday, 14 February, 2024
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बिजली मंत्रालय के अधीन काम करने वाली महारत्न सीपीएसई और एनबीएफसी, आरईसी लिमिटेड ने क्षेत्र में बुनियादी ढांचे और ऊर्जा परियोजनाओं को मजबूत करने के लिए दामोदर घाटी निगम (डीवीसी) के साथ ₹588 करोड़ के समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं. समझौतों का उद्देश्य TUBED कोयला खदानों के विकास के लिए सहयोग को मजबूत करना है, और इसमें एक टर्म लोन समझौता, एक एस्क्रो समझौता और हाइपोथेकेशन डीड शामिल हैं. 

क्‍या है इस समझौते का फायदा? 
दोनों के बीच हुए समझौते में आरईसी क्षेत्रीय कार्यालय, कोलकाता के वरिष्ठ मुख्य परियोजना प्रबंधक संतोष कुमार साहू और डीवीसी के वरिष्ठ महाप्रबंधक (वित्त) दुर्गेश मैती ने हस्ताक्षर किए. डीवीसी के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक (सीएमडी) एस. सुरेश कुमार, डीवीसी की तकनीकी, वित्त और प्रशासनिक टीमों के सदस्य भी इस मौके पर उनके साथ मौजूद रहे. 
दोनों कंपनियों के बीच हुए इस हस्ताक्षर समारोह के व्यापक लाभ के लिए सतत विकास को बढ़ावा देने और संसाधनों का लाभ उठाने में दोनों संगठनों के प्रयासों को दिखा रहा है. आरईसी और डीवीसी ऊर्जा क्षेत्र में नवाचार, दक्षता और उत्कृष्टता को बढ़ावा देने, इसमें शामिल सभी हितधारकों के लिए सकारात्मक बदलाव और समृद्धि लाने के प्रति अपने समर्पण पर दृढ़ हैं.

क्‍या करती है आरईसी लिमिटेड ?
आरईसी विद्युत मंत्रालय के तहत एक 'महारत्न' सीपीएसई है, और आरबीआई के साथ गैर-बैंकिंग वित्त कंपनी (एनबीएफसी), और इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेंसिंग कंपनी (आईएफसी) के रूप में पंजीकृत है. आरईसी पूरे पावर-इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर को वित्तपोषित कर रहा है जिसमें उत्पादन, ट्रांसमिशन, वितरण, नवीकरणीय ऊर्जा और इलेक्ट्रिक वाहन, बैटरी स्टोरेज, पंप स्टोरेज प्रोजेक्ट, ग्रीन हाइड्रोजन, ग्रीन अमोनिया प्रोजेक्ट आदि जैसी नई प्रौद्योगिकियां शामिल हैं.

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स्टूडेंट्स के लिए Samsung का शानदार ऑफर, इन गैजेट्स में मिलेगा बंपर डिस्काउंट

Samsung भारतीय स्टूडेंट्स को ‘बैक टू कैंपस’ और Samsung Student Plus प्रोग्राम के जरिए चुनिंदा प्रोडक्ट्स पर कैशबैक, एक्सचेंज और अतिरिक्त 10 प्रतिशत की छूट दे रहा है.

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Tuesday, 21 May, 2024
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Samsung (सैमसंग) भारतीय स्टूडेंट्स के लिए एक खास ऑफर लेकर आया है. दरअसल कंपनी ने ‘बैक टू कैंपस’ कैंपेन की घोषणा की है. इसके तहत कंपनी अपने स्मार्टफोन, टैब और लैपटॉप में सिर्फ स्टूडेंट्स को 24 महीने की बिना ब्याज वाली किस्त (EMI) और बैंक कैशबैक दे रही है. इतना ही नहीं Samsung Student Plus प्रोग्राम के जरिए चुनिंदा प्रोडक्ट्स पर अतिरिक्त 10 प्रतिशत की छूट भी मिल रही है. तो चलिए जानते हैं ये स्मार्टफोन, लैपटॉप और टैब आपको कहां और कितनी कीमत पर मिलेंगे?

यहां मिलेगा ऑफर का लाभ
सैमसंग अपने बैक टू कैंपस कैंपेन में चुनिंदा गैलेक्सी बुक, गैलेक्सी टैब और गैलेक्सी स्मार्टफोन पर 12,000 रुपये तक का बैंक कैशबैक दे रहा है. साथ ही, Samsung Student Plus कार्यक्रम के जरिए अतिरिक्त 10 प्रतिशत की छूट भी मिल रही है. स्टूडेंट्स यह लाभ सैमलंग के ऑनलाइन स्टोर, चुनिंदा रिटेल स्टोर्स और अन्य ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर उठा सकते हैं.

सैमसंग गैलेक्सी बुक पर इतना डिस्काउंट
इस कैंपेन में गैलेक्सी बुक 4 सीरीज, गैलेक्सी बुक 3 सीरीज और गैलेक्सी बुक 2 सीरीज के लैपटॉप शामिल हैं. फरवरी में 163,990 रुपये की शुरुआती कीमत के साथ लॉन्च किया गया Samsung Galaxy Book 4 Pro 360 इस कैंपेन के दौरान बैंक ऑफर और एक्सचेंज बोनस सहित 153,990 रुपये की शुरुआती कीमत पर मिल जाएगा. इन लैपटॉप में आपको दमदार परफॉर्मेंस और विजुअल के लिए इंटेल कोर अल्ट्रा प्रोसेसर और इंटेल Arc जीपीयू मिलेगा. इसमें कंपनी विजन बूस्टर फीचर के साथ ऐंटी रिफ्लेक्टिव डाइनैमिक AMOLED 2x डिस्प्ले दे रही है.

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टैब पर 12 हजार की छूट
यह कैंपेन गैलेक्सी टैब S9 सीरीज और गैलेक्सी टैब A9 सीरीज पर भी लागू है. 128GB स्टोरेज और वाई-फाई के साथ लॉन्च गैलेक्सी टैब S9 की कीमत 72,999 रुपये है, जो 12,000 रुपये के डिस्काउंट के बाद 60,999 रुपये में मिल रहा है. 

स्मार्टफोन पर 5 हजार कैशबैक और 8 हजार का एक्सचेंज बोनस
सैमसंग के चुनिंदा गैलेक्सी S सीरीज और गैलेक्सी A सीरीज के स्मार्टफोन इस कैंपेन में शामिल हैं. जनवरी में लॉन्च के दौरान 79,999 रुपये की शुरुआती कीमत पर मिलने वाला Samsung Galaxy S24 स्मार्टफोन अब 5,000 रुपये के बैंक कैशबैक और 8,000 रुपये के एक्सचेंज बोनस के साथ 61,999 रुपये की शुरुआती कीमत पर मिलेगा. ये फोन गैलेक्सी एआई के साथ आता है. इसमें आपको लाइव ट्रांसलेट, चैट असिस्ट और सर्कल टू सर्च जैसे ऑप्शन मिलेंगे. फोन में 6.2 इंच का फुल एचडी+ डाइनैमिक AMOLED 2x डिस्प्ले दिया गया है. इसका रिफ्रेश रेट 120Hz तक का है. फोटोग्राफी के लिए फोन में 50 मेगापिक्सल का मेन कैमरा दिया गया है.


अबकी बार नहीं बनी Modi सरकार तो बाजार में आएगी सुनामी, इतने % गिरावट का अंदेशा  

कई एक्सपर्ट्स का मानना है कि यदि लोकसभा चुनाव के परिणाम बाजार की उम्मीद के अनुरूप नहीं रहे, तो गिरावट तय है.

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Tuesday, 21 May, 2024
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शेयर बाजार (Stock Market) में उतार-चढ़ाव का दौर जारी है. बाजार कभी ऊपर की तरफ भागता है, तो कभी नीचे लुढ़क जाता है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि लोकसभा चुनाव के चलते बाजार में यह हलचल दिखाई दे रही है. 4 जून को चुनाव परिणाम आने के बाद ही बाजार की सही दिशा निर्धारित होगी. फिलहाल निवेशक बड़े निवेश से बच रहे हैं और मुनाफावसूली पर फोकस कर रहे हैं. वैसे, तो परिणाम लगभग तय माने जा रहे हैं, लेकिन फिर भी इन्वेस्टर्स कोई जोखिम मोल लेने के मूड में नहीं हैं.

कहीं 2004 वाली स्थिति न बने
बाजार यह मानकर चल रहा है कि मोदी सरकार की वापसी हो रही है. ऐसे में यदि परिणाम शेयर बाजार की उम्मीद के अनुरूप रहते हैं, तो उसमें तेजी आएगी. अन्यथा बाजार गोता भी लगा सकता है. 2004 के लोकसभा चुनाव में जब यूपीए सरकार सत्ता में आ गई थी, शेयर मार्केट एक दिन में बड़ी गिरावट दर्ज हुई थी. निवेशकों में डर है कि यदि 2024 की नतीजे भी 2004 की तरह आते हैं, तो बाजार में फिर वैसी ही गिरावट देखने को मिल सकती है. कुछ एक्सपर्ट्स भी मानते हैं कि यदि केंद्र सरकार बदलती है, तो शेयर बाजार एक दिन की में 15 प्रतिशत लुढ़क सकता है. 

बड़ी छलांग की उम्मीद नहीं
वहीं, कुछ एक्सपर्ट्स का यह भी कहना है कि मोदी सरकार की वापसी पर बाजार से बड़ी छलांग की उम्मीद नहीं करनी चाहिए. उनका कहना है कि अगर नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा लगातार तीसरी बार सरकार बनाती है, तो स्टॉक मार्केट में बहुत अधिक तेजी आने की उम्मीद नहीं है, क्योंकि बाजार इस खबर को पहले ही पचा चुका है. इस चुनावी मौसम में कई एक्सपर्ट्स ने निवेशकों को अपना पोर्टफोलियो स्ट्रांग बनाने के लिए कुछ सुझाव दिए हैं. उदाहरण के तौर पर कुछ का कहना है कि HDFC बैंक और कोफोर्ज के शेयरों में निवेश अच्छा विकल्प है. भले ही एचडीएफसी और कोफोर्ज के शेयर पिछले काफी समय से अंडर परफॉर्म कर रहे हैं, लेकिन उनके मजबूत फंडामेंटल की वजह से उसमें तेजी आ सकती है. 

इन पर भी लगा सकते हैं दांव 
जबकि कुछ एक्सपर्ट्स ने L&T, BHEL, Hero MotoCorp, M&M, Maruti Suzuki, Eicher, HUL, Dabur, Kotak Mahindra Bank, ICICI Bank, Havells India, Delhivery, Bharti Airtel, Max Health, Lupin, Sun Pharma, Jupiter Hospitals. TCS, HCL Tech, LTI Mindtree, Axis Bank, Siemens, Schneider, Honeywell, ABB, Elantas Beck, Timken, Hitachi Energy और Hindalco को अपने पोर्टफोलियो में शामिल करने की सलाह दी है. 

(डिस्क्लेमर: शेयर बाजार में निवेश जोखिम के अधीन है. 'BW हिंदी' इसकी कोई जिम्मेदारी नहीं लेता. सोच-समझकर, अपने विवेक के आधार पर और किसी सर्टिफाइड एक्सपर्ट से सलाह के बाद ही निवेश करें, अन्यथा आपको नुकसान उठाना पड़ सकता है).

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संकटग्रस्‍ट Go First का नहीं खत्‍म हो रहा है संकट, अब ये समस्‍या आई सामने

पिछले साल 2 मई 2023 से कंपनी के खिलाफ दिवालिया याचिका दायर हुई थी. तभी से कंपनी के जहाज जमीन पर आ गए हैं. 

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Tuesday, 21 May, 2024
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संकट से जूझ रही विमान कंपनी Go First की परेशानियां हैं कि खत्‍म होने का नाम नहीं ले रही हैं. अब कंपनी के सामने आए नए संकट में उसके कर्जदार कंपनी की पुणे में स्थित 94 एकड़ जमीन की नीलामी करने जा रहे हैं. इस नीलामी के लिए जमीन का रिजर्व प्राइस 1960 करोड़ रुपये रखा गया है. इस जमीन की नीलामी की प्रक्रिया इस हफ्ते न्‍यूजपेपर में विज्ञापन देने के बाद होगी.

सभी कर्जदारों ने दी सहमति 
इस जमीन के सौदे के लिए सभी कर्जदारों ने अपनी सहमति दे दी है. सभी कर्जदारों ने इस संबंध में जो पोटेंशियल बॉयर्स को भी इस डील को लेकर संपर्क किया है. उन्‍हें इस डील को लेकर अगले 60 दिनों का समय भी दिया गया है. इस जमीन की कीमत 1200 करोड़ रुपये है और माना जा रहा है कि इसका दाम 2500 करोड़ रुपये तक जा सकता है. 94 एकड़ की इस जमीन में से 4 एकड़ जमीन वो है जो मौजूदा समय में पुणे म्‍यूनसिपल कॉर्पोरेशन के पास है जिसे उसने ब्‍यूटीफिकेशन के लिए लिया है. इस जमीन को गो फर्स्‍ट ने कर्ज लेने के लिए वाडिया समूह के पास कोलेट्रल में रखा था. 

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गो फर्स्‍ट को लगातार लग रहा है झटका 
गो फर्स्‍ट को लगातार झटके लग रहे हैं. इससे पहले दिल्‍ली हाईकोर्ट कर्जदारों को 54 विमानों की लीज वापस लेने का फैसला सुना चुकी है. गो फर्स्‍ट के खिलाफ पिछले 2 मई 2023 से दिवालिया याचिका दायर हुई थी. उसके अगले ही दिन कंपनी ने अपना संचालन बंद कर दिया था. कंपनी ने अपनी इस स्थिति के लिए प्रैट एंड व्हिटनी के इंजनों को दोषपूर्ण बताया था जिसके कारण उसके बेड़े के आधे जहाज खड़े हो गए. गो फर्स्‍ट के सभी लेनदारों पर 11463 करोड़ रुपये की देनदारी है. 

किन किन कंपनियों को चुकाना है कर्ज 
गो फर्स्‍ट के कर्जदारों की सूची कोई छोटी नहीं है. गो फर्स्‍ट को सभी कर्जदारों को एक बड़ी राशि चुकानी है. गो फर्स्‍ट को जिन कंपनियों ने कर्ज दिया है उनमें सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया ने 1987 करोड़, बैंक ऑफ बड़ौदा का 1430 करोड़, डॉयचे बैंक का 1320 करोड़ रुपये शामिल है. इस कंपनी को खरीदने के लिए अब तक ऑफर तो कई आ चुके हैं लेकिन सौदा हो नहीं पाया है. जिन कंपनियों को इसे खरीदने में दिलचस्‍पी दिखाई है उनमें स्‍पाइसजेट, सैफ्रिक इंवेस्‍टमेंट और शारजाह शामिल है. 


भारतीय रेलवे इस पड़ोसी देश के लिए बनाएगी रेल डिब्‍बे,जानिए कितनी गहरी है दोनों की दोस्‍ती? 

1971 में बांग्‍लादेश की आजादी के साथ भारत ऐसा पहला देश था जिसने उसे राजनयिक मान्‍यता दी थी और उसे स्थिर होने से लेकर बुनियादी चीजों में हमेशा ही मदद की है. 

Last Modified:
Tuesday, 21 May, 2024
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भारतीय रेलवे को रेल डिब्‍बे बनाने का एक बड़ा ऑर्डर हासिल हुआ है. रेलवे को ये ऑर्डर हमारे पड़ोसी देश बांग्‍लादेश से मिला है. बांग्‍लादेश ने 200 रेल के डिब्‍बे बनाने के लिए ग्‍लोबल लेवल पर टेंडर निकाला था. राइट्स इस टेंडर को हासिल करने में कामयाब रही. इस ऑर्डर की लागत 11.12 करोड़ डॉलर है जो 915 करोड़ रुपये के बराबर है. 

बांग्‍लादेश में साइन हुआ कांट्रैक्‍ट 
बांग्‍लादेश सरकार की ओर से ये कांट्रैक्‍ट भारतीय रेलवे की यूनिट राइट्स को मिला है. बांग्‍लादेश के रेल मंत्री और राइट्स के अधिकारियों के बीच सोमवार को इस कांट्रैक्‍ट पर हस्‍ताक्षर हो गए. बांग्‍लादेश को राइट्स इन रेल डिब्‍बों को अगले 24 महीने में डिलीवर करेगा और इनकी 24 महीने की वारंटी होगी. ये कांट्रैक्‍ट भारतीय निर्माण जिसे मेड इन इंडिया भी कहा जाता है उसे और मजबूत करता हुआ दिखाई दे रहा है. इससे पहले भी बांग्‍लादेश को भारतीय रेलवे 120 ब्रॉड गेज पैसेंजर कोच, 36 ब्रॉड गेज लोकोमोटिव और 10 मीटर गेज लोकोमोटिव की आपूर्ति कर चुका है. 

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बांग्‍लादेश के लिए अहम है भारत की दोस्‍ती 
बांग्‍लादेश के लिए भारत की दोस्‍ती बेहद अहम है. बांग्‍लादेश कई अहम सामानों के लिए पूरी तरह से भारत पर निर्भर है. भारत जहां बांग्‍लादेश को 1160 मेगावाट बिजली देता है वही पोर्ट से लेकर सड़क निर्माण, शिपिंग और बंदरगाहों में भारत का बड़ा निवेश है. पिछले 8 सालों में भारत ने बांग्‍लादेश को लगभग 8 बिलियन अमेरिकी डॉलर की लाइन ऑफ क्रेडिट दी है. 
बांग्‍लादेश को ये सामान देता है भारत 
बांग्‍लादेश भारत को कई अहम सामान देता है. इनमें मुख्‍य तौर पर मसाले, कपास, अनाज, प्‍लास्टिक प्रोडक्‍ट, चीनी, इलेक्‍ट्रॉनिक उपकरण, कॉफी, चाय, मेट, लोहा, स्‍टील कपड़े साडि़यां आदि जैसे बुनियादी सामान शामिल हैं. सामान ही नहीं कई भारतीय कंपनियां बांग्‍लादेश में काम कर रही हैं. अगर दोनों देशों के बीच कारोबार के नंबर पर डालें तो वो मजबूत बना हुआ है. वर्ष 2022 में जहां दोनों देशों के बीच 16.15 बिलियन अमेरिकी डॉलर का कारोबार हुआ वहीं 2023 में बांग्‍लादेश को भारत का निर्यात 12.20 बिलियन अमेरिकी डॉलर का कारोबार हुआ है.   


IRFC हर शेयर पर देगी 0.7 रुपये का डिविडेंड, करोड़ों रुपयों से भर जाएगा सरकारी खजाना

इंडियन रेलवे फाइनेंस कॉरपोरेशन लिमिटिड (IRFC) ने सोमवार को मार्च तिमाही के नतीजों के साथ डिविडेंड बांटने की घोषणा की है. इस डिविडेंड का सबसे अधिक फायदा केंद्र सरकार को होगा.

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Tuesday, 21 May, 2024
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सरकारी कंपनी इंडियन रेलवे फाइनेंस कॉरपोरेशन लिमिटिड (IRFC) ने सोमवार को मार्च तिमाही के नतीजों के साथ डिविडेंड बांटने की घोषणा की है. कंपनी बोर्ड ने हर शेयर पर 0.7 रुपये का डिविडेंड देने की सिफारिश की है. केंद्र सरकार आईआरएफसी की सबसे बड़ी शेयरधारक है. ऐसे में इस डिविडेंड से सरकारी खजाना करोड़ों रुपयों से भर जाएगा. तो चलिए आपको बताते हैं सरकार की इस कंपनी में कितनी हिस्सेदारी है और उसे डिविडेंड से कितना फायदा होगा? 

केंद्र सरकार को मिलेगा इतना डिविडेंड
इस डिविडेंड की घोषणा से पहले कंपनी 0.8 रुपये प्रति शेयर का अंतरिम डिविडेंड जारी कर चुकी है. इस तरह वित्त वर्ष 2024 में कंपनी का कुल डिविडेंड 1.5 रुपये प्रति शेयर हो गया है. आपको बता दें, केंद्र सरकार आईआरएफसी की सबसे बड़ी शेयरधारक है. मार्च तिमाही के शेयरहोल्डिंग आंकड़ों के अनुसार केंद्र सरकार के पास कंपनी में 86.36 प्रतिशत हिस्सेदारी है. इसका मतलब है कि आईआरएफसी के इस डिविडेंड ऐलान से केंद्र सरकार को करीब 790 करोड़ रुपये का फायदा होगा. 

एजीएम में मंजूरी के बाद 30 दिन के अंदर बांटा जाएगा डिविडेंड
आईआरएफसी 2021 में शेयर बाजार में लिस्ट हुई थी. लिस्टिंग के तुरंत बाद कंपनी ने 1.05 प्रति शेयर के अंतरिम डिविडेंड का ऐलान किया था. इसके बाद वित्त वर्ष 2022 में इसने 1.5 रुपये प्रति शेयर का भुगतान किया था. कंपनी ने जानकारी दी है कि डिविडेंट बांटने के फैसले पर अभी सालाना जनरल मीटिंग के दौरान शेयरधारकों की मंजूरी लिया जाना बाकी है. जैसी ही मीटिंग में डिविडेंड को मंजूरी मिलती है, उसके बाद 30 दिनों के अंदर शेयरधारकों को भुगतान किया जाएगा. 

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50 हजार करोड़ का फंट जुटाएगी कंपनी
वहीं, आईआरएफसी के बोर्ड ने कंपनी को घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजार से 50 हजार करोड़ रुपये तक के फंड जुटाने को भी मंजूरी दे दी है. इन फंड्स को टैक्स फ्री बॉन्ड्स, टैक्सेबल बॉन्ड्स, कैपिटल गेंस बॉन्ड, सरकारी गारंटी वाले बॉन्ड या किसी अन्य तरीके से जुटाया जाएगा. 

देश की सबसे मूल्यवान सरकारी कंपनियों में शामिल
आरआरएफसी के शेयर मंगलवार 21 मई को शुरुआती कारोबार में 3 प्रतिशत से अधिक की छलांग लगाकर 179.05 रुपये के भाव पर पहुंच गए. कंपनी के शेयर में इस साल अब तक करीब 77 प्रतिशत की तेजी आई है. वहीं, पिछले एक साल में कंपनी ने 434.63 प्रतिशत का मल्टीबैगर रिटर्न दिया है. कंपनी का मार्केट कैप 2.26 लाख करोड़ रुपये है, जो निफ्टी 50 में शामिल करीब एक तिहाई कंपनियों के मार्केट कैप से अधिक है. साथ ही इस कंपनी की गिनती देश की सबसे अधिक मूल्यवान सरकारी कंपनियों में होती है. 


ONGC का Q4 में बढ़ा मुनाफा, तो शेयरधारकों को दिया डिविडेंड का तोहफा

ऑयल एंड नेचुकल गैस कॉरपोरेशन ने तिमाही नतीजों का एलान कर दिया है. मार्च में समाप्त तिमाही में कंपनी के कंसोलिडेटेड मुनाफे में 78 फीसदी की बढ़ोतरी देखने को मिली है

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Tuesday, 21 May, 2024
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ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉरपोरेशन (ONGC)ने तिमाही नतीजों का एलान कर दिया है. मार्च में समाप्त तिमाही में कंपनी के कंसोलिडेटेड मुनाफे में 78 फीसदी की बढ़ोतरी देखने को मिली है, जो बढ़कर 11,526.53 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है. एक साल पहले इस तिमाही में कंपनी का मुनाफा 6,478.23 करोड़ रुपये पर था. तिमाही आधार पर ओएनजीसी के कंसोलिडेटेड मुनाफे मामूली बढ़ोतरी हुई, जो पिछली तिमाही में 11,104.50 करोड़ रुपये था. कंपनी ने वित्त वर्ष 2024 के लिए 2.50 रुपये प्रति शेयर के फाइनल डिविडेंड देने का ऐलान किया है.

कंपनी का मुनाफा 67% बढ़ा

ONGC के ऑपरेशन से कंसॉलिडेटेड रेवेन्यू यानी आय में सालाना आधार पर 1.64% की तेजी आई. वित्त वर्ष 2024 की चौथी तिमाही में ऑपरेशन से रेवेन्यू 1.66 लाख करोड़ रुपये रहा. एक साल पहले की समान तिमाही यानी वित्त वर्ष 2023 की चौथी तिमाही में रेवेन्यू 1.64 लाख करोड़ रुपये रहा था. ONGC का पूरे वित्त वर्ष 2024 में कंसॉलिडेटेड मुनाफा 67.71% बढ़कर 57,100 करोड़ रुपये हो गया. वित्त वर्ष 2023 में मुनाफा 34,046 करोड़ रुपये रहा था.

ONGC के शेयर ने एक साल में दिया 68% रिटर्न

रिजल्ट आने से पहले शनिवार को ONGC का शेयर 0.47% बढ़कर 278.95 रुपये पर बंद हुआ. पिछले एक साल में इसने 68.45% रिटर्न दिया है. बीते 6 महीने में शेयर 45% से ज्यादा चढ़ा है कंपनी का मार्केट कैप 3.51 लाख करोड़ रुपए है. वहीं ONGC का वित्त वर्ष 2024 में कंसॉलिडेटेड रेवेन्यू गिरकर 6.43 लाख करोड़ रुपये हो गया. वित्त वर्ष 2023 में रेवेन्यू 6.84 लाख करोड़ रुपये रहा था यानी रेवेन्यू में 6.49% की गिरावट आई है. 

डिविडेंड का एलान

एक्सचेंज फाइलिंग के अनुसार कंपनी के बोर्ड ने वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए 2.50 रुपये के अंतिम डिविडेंड का एलान किया है. कंपनी की बैठक में कंपनी का कहना है कि यह 9.75 रुपये प्रति शेयर के अंतरिम डिविडेंड के अलावा 3,145 करोड़ रुपये बैठता है. इससे पहले फरवरी 2024 में कंपनी ने 4 रुपये के अंतरिम डिविडेंड का ऐलान किया था. जबकि नवंबर 2023 में कंपनी ने 5.75 का अंतरिम डिविडेंड दिया था.

घरेलू उत्पादन में लगभग 71% का योगदान

महारत्न ONGC क्रूड ऑयल और नेचुरल गैस की भारत की सबसे बड़ी कंपनी है, जो भारतीय घरेलू उत्पादन में लगभग 71% का योगदान देती है. क्रूड ऑयल वह रॉ मटेरियल है जिसका उपयोग आईओसी, बीपीसीएल, एचपीसीएल और एमआरपीएल जैसी डाउनस्ट्रीम कंपनियां पेट्रोल, डीजल, केरोसिन, नेफ्था और कुकिंग गैस एलपीजी जैसे पेट्रोलियम उत्पादों का उत्पादन करने के लिए करती है. 
 


बाजार में इस हफ्ते खुलने जा रहे ये 2 नए IPO, जानिए प्राइस बैंड सहित सभी डिटेल्स

इस हफ्ते सिर्फ दो कंपनियों के IPO लॉन्च होंगे, जबकि लिस्टिंग के मोर्चे पर कुल 8 कंपनियों की एक्सचेंजों में एंट्री होगी. एक कंपनी का IPO मेनबोर्ड सेगमेंट में होगा, जबकि दूसरा SME सेगमेंट में लॉन्च होगा.

Last Modified:
Tuesday, 21 May, 2024
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देश में आम चुनाव हो रहे हैं, लेकिन उसके बावजूद शेयर मार्केट में काफी चहल-पहल है. अगले हफ्ते भी दो नए आईपीओ लॉन्च होने जा रहे हैं. इसमें एक मेनबोर्ड और एक SME आईपीओ है. ये Awfis Space Solutions और GSM Foils  का IPO है. इसके अलावा आप पहले से खुले हरिओम आटा और रुल्का इलेक्ट्रिकल्स के आईपीओ में भी पैसा लगा सकते हैं. वहीं, अगले हफ्ते स्टॉक एक्सचेंजों पर 8 नए शेयर भी लिस्ट होने जा रहे हैं. ये शेयर ग्रे मार्केट में अच्छे खासे प्रीमियम के साथ ट्रेड करते दिखे हैं.

औफिस स्पेस सोल्यूशंस (Awfis Space Solutions)

इस हफ्ते मेनबोर्ड सेगमेंट का यह एकमात्र IPO होगा. कंपनी का IPO 22 मई को लॉन्च किया जाएगा. वर्कप्लेस मुहैया कराने वाली यह कंपनी अपने पहले पब्लिक इश्यू के जरिये 599 करोड़ रुपये जुटाने की तैयारी में है. इश्यू के तहत 128 रुपये के फ्रेश शेयर जारी किए जाएंगे, जबकि ऑफर फॉर सेल (OFS) के तहत 1.23 करोड़ शेयरों की बिक्री की जाएगी. इन शेयरों की बिक्री प्रमोटर पीक XV पार्टनर्स इनवेस्टमेंट्स वी. पीक XV, आशीष कचौलिया आदि द्वारा की जाएगी. इस IPO के लिए प्राइस बैंड 364-383 रुपये प्रति शेयर तय किया गया है और यह 27 मई को बंद हो जाएगा.

सोने की कीमतों में आग की वजह बन सकती है ईरान के राष्ट्रपति की मौत!

जीएसएम फोइल्स (GSM Foils)  

SME सेगमेंट की स्ट्राइप फॉयल्स बनाने वाली यह कंपनी 24 मई को 11 करोड़ का IPO लॉन्च करेगी. यह IPO 28 मई को बंद हो जाएगा. यह फिक्स्ड प्राइस इश्यू है, जिसका इश्यू प्राइस 32 रुपये प्रति शेयर है. इस IPO के तहत कंपनी 34.4 लाख के इक्विटी शेयर जारी करेगी. GSM फॉयल्स कैप्सूल और टैबलेट्स की पैकेजिंग के लिए स्ट्राइप फॉयल्स बनाती है.

इन कंपनियों को होगी लिस्टिंग

इस हफ्ते मेनबोर्ड सेगमेंट की एकमात्र कंपनी गो डिजिट जनरल इंश्योरेंस (GO DIGIT General Insurance) की एक्सचेंजों में 23 मई को लिस्टिंग होगी. इश्यू प्राइस 272 रुपये तय किया जा सकता है. ग्रे मार्केट कंपनी को लेकर ज्यादा उत्साहित नजर नहीं आ रहा है. बाजार पर नजर रखने वालों का कहना है कि इस IPO के शेयर अपर प्राइस बैंड से तकरीबन 5-6 गुना प्रीमियम पर ट्रेड कर रहे हैं. ग्रे मार्केट लिस्टिंग से पहले तक IPO शेयरों की ट्रेडिंग का गैर-आधिकारिक प्लेटफॉर्म होता है. 15-17 मई के बीच लॉन्च हुए 2,615 करोड़ रुपये के इस IPO को 9.6 गुना सब्सक्रिप्शन मिला था. इसके अलावा, SME सेगमेंट की 7 कंपनियों की लिस्टिंग भी होनी है.
 


सोने की कीमतों में आग की वजह बन सकती है ईरान के राष्ट्रपति की मौत!

ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी की रविवार को एक हेलिकॉप्टर दुर्घटना में मौत हो गई थी.

Last Modified:
Tuesday, 21 May, 2024
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ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी की मौत के बाद मध्य-पूर्व एशिया में एक बार फिर से तनाव की आशंका उत्पन्न हो गई है. इस आशंका ने पहले से रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच चुके सोने की कीमतों (Gold Price) में तेजी ला दी है. सोमवार को अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने के दाम सर्वकालिक उच्चस्तर पर पहुंच गए. कल शाम के कारोबार में MCX पर सोना प्रति 10 ग्राम 74,394 रुपए पर बंद हुआ और चांदी प्रति किलो 95,480 रुपए पर पहुंच गई. बता दें कि मध्य-पूर्व क्षेत्र में राजनीतिक अनिश्चितता की स्थिति पैदा हो गई है. इस वजह से सोने की डिमांड आने वाले दिनों में और बढ़ सकती है.

अभी और हो सकता है इजाफा 
एक्सपर्ट्स का मानना है कि सोने की कीमतों में अगले कुछ दिनों में इजाफा हो सकता है. यदि ईरान और इजरायल के बीच टेंशन बढ़ती है, तो फिर इसकी कीमतों में आग लगना स्वाभाविक है. दरअसल, वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच सोने की कीमतें इसलिए बढ़ती हैं, क्योंकि निवेशक सुरक्षित निवेश के तौर पर सोने को प्राथमिकता देते हैं. सोने-चांदी के अलावा कच्चे तेल की कीमतों में भी उछाल देखने को मिला है. 

ये भी है दाम बढ़ने की एक वजह
अंतरराष्ट्रीय बाजार में स्पॉट गोल्ड 1% बढ़कर 2,438.44 डॉलर प्रति औंस हो गया है. इसके पहले सोने का रिकॉर्ड ऊपरी स्तर अप्रैल में बना था. सोने की कीमतों में उछाल की एक और वजह अमेरिका में मुद्रास्फीति में नरमी को भी माना जा रहा है. इसके अलावा, चीन में लगातार बढ़ रही सोने की डिमांड से भी उसके दाम बढ़ रहे हैं. दरअसल, चीन की सरकार से लेकर आम जनता तक ऐसे सोना खरीद रहे हैं, जैसे ये पीली धातु धरती से खत्म होने वाली है. चीन में लगातार बढ़ रही डिमांड के चलते सोने की कीमतों में तेजी आ रही है.    

सामने आया चाइना कनेक्शन 
चीन इन दिनों बुरे दौर से गुजर रहा है. रियल एस्टेट से लेकर शेयर मार्केट तक में इसकी स्थिति खराब है. इसलिए चीन ने अब पूरा फोकस सोना खरीदने पर कर लगा दिया है. न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट में सोने की कीमत रिकॉर्ड हाई पर पहुंचने के पीछे चाइना कनेक्शन की बात कही गई है. इसमें कहा गया है कि सोने की वैश्विक कीमत अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है, क्योंकि चीनी निवेशक और उपभोक्ता रिकॉर्ड तेजी के साथ सोने में निवेश कर रहे हैं. चीन के गोल्ड रिजर्व (China Gold Reserve) में लगातार 17वें महीने बढ़ोतरी हुई है.  

सोना सबसे अच्छा विकल्प
अक्सर जब भी वैश्विक तौर पर उथल-पुथल होती है, सोने के दाम बढ़ जाते हैं. जैसा कि इजरायल-ईरान के पूर्व संघर्ष के दौरान देखने को मिला था. अमेरिकी फर्म स्पार्टन कैपिटल सिक्योरिटीज के चीफ मार्केट इकोनॉमिस्ट पीटर कार्डिलो इजरायल-हमास युद्ध के समय कहा था कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उथल-पुथल के दौरान इन्वेस्टमेंट पोर्टफोलियो की सुरक्षा के लिए सोना अच्छा विकल्प है. तब से अब तक सोने के भाव काफी बढ़ चुके हैं. एक्सपर्ट्स का कहना है कि यदि इजरायल और ईरान के बीच स्थिति ज्यादा खराब हो जाती तो सोना और भी महंगा हो सकता है.


Stock Market: छुट्टी के बाद खुल रहे बाजार में आज ट्रेंड में रह सकते हैं ये शेयर 

शेयर बाजार में इस सप्ताह के पहले दिन यानी सोमवार को लोकसभा चुनाव के चलते छुट्टी थी.

Last Modified:
Tuesday, 21 May, 2024
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कल यानी सोमवार को शेयर बाजार लोकसभा चुनाव के चलते बंद रहा. इससे पहले, शनिवार को विशेष कारोबारी सत्र में बाजार में तेजी देखी गई थी. विदेशी संस्थागत निवेशकों की लिवाली के चलते बाजार को मजबूती मिली. इस दौरान, बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी दोनों ग्रीन लाइन पर बंद हुए थे. चलिए जानते हैं कि आज कौनसे शेयर ट्रेंड में रह सकते हैं. 

MACD ने दिए ये संकेत
मोमेंटम इंडिकेटर मूविंग एवरेज कन्वर्जेंस डिवर्जेंस (MACD) ने आज के लिए Data Patterns (India), MTAR Technologies, BEL, GRSE, Laxmi Organics Industries और Vedanta में तेजी के संकेत दिए हैं. यानी इन शेयरों में आज उछाल आ सकता है और आपके लिए मुनाफा कमाने की गुंजाइश बन सकती है. हालांकि, BW हिंदी आपको सलाह देता है कि शेयर बाजार में निवेश से पहले किसी सर्टिफाइड एक्सपर्ट से परामर्श जरूर कर लें, अन्यथा आपको नुकसान उठाना पड़ सकता है. इसी तरह MACD ने Capri Global, Biocon और GE Shipping में मंदी का रुख दर्शाया है.  

इन पर भी रखें नजर
अब चलिए उन शेयरों के बारे में जानते हैं, जिनमें मजबूत खरीदारी देखने को मिल रही है. इस लिस्ट में Hindustan Zinc, Balkrishna Industries, Bharat Dynamics, Cochin Shipyard, HAL, BEL और Cadila Healthcare का नाम शामिल है. हिंदुस्तान जिंक का शेयर शनिवार को छह प्रतिशत से अधिक की उछाल के साथ 619.70 रुपए पर बंद हुआ था. बीते 5 सत्रों में ही इसने 20.30% का रिटर्न दिया है. जबकि इस साल अब तक यह आंकड़ा 94.66% पर पहुंच गया है. इसी तरह, Balkrishna Industries के शेयर भी 8% की उछाल के साथ 2,797.75 पर बंद हुए. Bharat Dynamics की बात करें, तो इसके निवेशक शनिवार को खुशी से उचल उठे. इस दौरान, इसमें 17.92% की शानदार तेजी आई और यह 2,440.45 रुपए पर बंद हुआ. 
 


बैंकिंग सेक्‍टर के आए अच्‍छे दिन, पीएम मोदी बोले 10 साल में बदल गई हालत

बैंकिंग सेक्‍टर की ग्रोथ के पीछे कई कारण हैं. इनमें सरकार की ओर से उठाए गए कई कदमों से लेकर आरबीआई ने जो रेग्‍यूलेशन लाए हैं उन्‍होंने भी बैंकिंग को बेहतर करने में मदद की है. 

Last Modified:
Monday, 20 May, 2024
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बैंकिंग सेक्‍टर के लिए वर्ष 2024 बेहतर खबर लेकर आया है. पहली बार ऐसा हुआ है जब बैंकिंग सेक्‍टर का मुनाफा 3 लाख करोड़ को पार कर गया है. बैंकिंग सेक्‍टर की इस उपलब्धि पर पीएम मोदी ने ट्वीट कर लिखा कि 10 साल पहले क्‍या हाल थे. इस साल प्राइवेट से लेकर सरकारी बैंकों ने बेहतरीन प्रदशर्न किया है. प्राइवेट बैंकों का मुनाफा जहां 1.78 लाख करोड़ रुपये पार कर गया है वहीं दूसरी ओर सरकारी बैंकों का मुनाफा 1.41 लाख करोड़ रुपये को पार कर गया है. दोनों को मिला दें तो पूरे बैंकिंग सेक्‍टर का मुनाफा 3 लाख करोड़ को पार गया है. 

पीएम मोदी ने अपने ट्वीट में क्‍या कहा? 
बैंकिंग सेक्‍टर की इस बेहतरीन परफॉर्मेंस पर पीएम मोदी ने ट्वीट करते हुए लिखा,  पिछले 10 वर्षों में एक उल्लेखनीय बदलाव में, भारत के बैंकिंग क्षेत्र का शुद्ध लाभ पहली बार 3 लाख करोड़ रुपये को पार कर गया है. जब हम सत्ता में आए, तो हमारे बैंक यूपीए की फोन-बैंकिंग नीति के कारण घाटे और उच्च एनपीए से जूझ रहे थे. गरीबों के लिए बैंकों के दरवाजे बंद कर दिये गये. बैंकों की सेहत में यह सुधार हमारे गरीबों, किसानों और एमएसएमई को ऋण उपलब्धता में सुधार करने में मदद करेगा.

इस सेक्‍टर के बैंकों का मुनाफा रहा सबसे ज्‍यादा 
बैंकिंग सेक्‍टर का ओवरऑल मुनाफा 3 लाख करोड़ रुपये से ज्‍यादा रहा है. वर्ष 2024 में कुल 26 प्राइवेट बैंकों ने मिलकर 1.78 लाख करोड़ रुपये से ज्‍यादा का शुद्ध मुनाफा कमाया तो वहीं देश के 12 सरकारी बैंकों ने 1.41 लाख करोड़ का मुनाफा कमाया है. वहीं बैंकिंग सेक्‍टर की ग्रोथ की असली वजह को लेकर जानकारों का कहना है कि इसकी मुख्‍य वजह उनकी क्रेडिट ग्रोथ का बरकरार रहना है. इससे उन्‍हें नेट इंट्रेस्‍ट इनकम को बढ़ाने में मदद मिली है. यही नहीं बैंकों ने अपनी एसेट क्‍वॉलिटी को भी कंट्रोल में रखा है. इससे उनका बैड लोन बुक भी बहुत अच्‍छा बना हुआ है. 

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