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महंगाई पर क्यों फेल रहा RBI? सरकार को पता चलेगा, आपको नहीं; गवर्नर ने बताई ये वजह
भारतीय रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया पहली बार सरकार को महंगाई के मुद्दे पर स्पष्टीकरण देने जा रहा है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 year ago
भारतीय रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) सरकार को बताने जा रहा है कि महंगाई रोकने में वह क्यों नाकाम रहा. यह पहली बार है जब RBI को महंगाई पर सरकार के समक्ष स्पष्टीकरण देना पड़ रहा है. RBI ने कल यानी 3 नवंबर को मौद्रिक नीति समिति (MPC) की एक अतिरिक्त बैठक बुलाई है. इस बैठक में सरकार को दिए जाने वाले जवाब पर चर्चा होगी. हालांकि, महंगाई के मोर्चे पर RBI क्यों फेल रहा इसका पता जनता को तुरंत नहीं चलेगा. यानी कि रिजर्व बैंक की तरफ से सरकार को जो रिपोर्ट भेजी जाएगी, वो सार्वजनिक नहीं होगी.
'फिलहाल यह संभव नहीं'
RBI गवर्नर शक्तिकांत दास का कहना है कि सरकार को भेजी जाने वाली रिपोर्ट का ब्योरा तुरंत सार्वजनिक नहीं किया जाएगा. उन्होंने इसकी वजह भी बताई. दास ने कहा कि महंगाई को लेकर RBI सरकार को जो जवाब देगी, उसे इसलिए पब्लिक नहीं किया जा सकता क्योंकि यह अधिकार RBI के पास नहीं है. हालांकि, उन्होंने कहा कि बाद में इस जवाब को सार्वजनिक किया जा सकता है, लेकिन फिलहाल ऐसा संभव नहीं है.
RBI के पास नहीं अधिकार
केंद्रीय बैंक के गवर्नर ने कहा कि कानून में RBI को ऐसा कोई अधिकार नहीं मिला है, जिसके आधार पर वह सरकार को अपनी रिपोर्ट सार्वजनिक कर सके. इससे पहले आरबीआई ने एक बयान जारी करते हुए बताया था कि भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम 1934 की धारा 45ZN के प्रावधानों के तहत MPC की एक अतिरिक्त बैठक 3 नवंबर, 2022 को आयोजित की जाएगी. इस बैठक में सरकार को दिए जाने वाले जवाब पर चर्चा होगी.
क्या कहता है RBI का नियम?
रिजर्व बैंक अधिनियम के तहत अगर महंगाई के लिए तय लक्ष्य को लगातार तीन तिमाहियों तक हासिल नहीं किया जाता, तो RBI को केंद्र सरकार के समक्ष स्पष्टीकरण देना होता है. उसे बताना होता है कि महंगाई नीचे नहीं आने के क्या कारण हैं और उसने अब तक क्या कदम उठाए हैं. हालांकि, मौद्रिक नीति रूपरेखा के 2016 में प्रभाव में आने के बाद से यह पहली बार होगा कि RBI को इस संबंध में केंद्र को रिपोर्ट भेजनी होगी.
कितनी होनी चाहिए महंगाई दर?
एक रिपोर्ट में बताया गया है कि आरबीआई को केंद्र की तरफ से खुदरा महंगाई दो प्रतिशत घट-बढ़ के साथ चार प्रतिशत पर बनाए रखने की जिम्मेदारी मिली हुई है, लेकिन तमाम प्रयासों के बावजूद आरबीआई मुद्रास्फीति को नियंत्रित रखने में नाकाम रहा है. महंगाई कम करने के लिए RBI ने कई बार नीतिगत दरों में इजाफा किया है. आरबीआई ने 30 सितंबर 2022 को रेपो रेट में 0.50 फीसदी का इजाफा किया था. इससे रेपो रेट बढ़कर 5.9 फीसदी हो गई और महंगाई की मार झेल रहे लोगों के लिए कर्ज भी महंगा हो गया.
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