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सरकार को इतने करोड़ का डिविडेंड देगा RBI , बोर्ड बैठक में लिया गया फैसला
RBI ने पिछले साल महज 303 बिलियन डॉलर का डिविडेंड ट्रांसफर किया था जोकि पिछले एक दशक में सबसे कम था.
ललित नारायण कांडपाल 11 months ago
शुक्रवार को होने वाली आरबीआई की जिस बोर्ड बैठक पर सभी अर्थशास्त्रियों की नजर लगी हुई थी उस बैठक में आखिरकार निर्णय ले लिया गया है. आरबीआई की इस सालाना बोर्ड बैठक में तय किया गया है कि इस साल वो सरकार 874.16 बिलियन भारतीय रुपये (10.69 बिलियन डॉलर) के डिविडेंड का ट्रांसफर करेगी. माना जा रहा है कि आरबीआई की ओर से दिए जाने वाले इस फंड से सरकार को वित्तीय घाटे को पाटने में मदद मिलेगी.
शुक्रवार की बैठक में लिया गया अहम फैसला
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के बोर्ड ने 31 मार्च को समाप्त वित्तीय वर्ष के लिए सरकार को 874.16 बिलियन भारतीय रुपये (10.69 बिलियन डॉलर) के डिविडेंड हस्तांतरण को मंजूरी दे दी है. ये फैसला शुक्रवार को हुई बोर्ड की बैठक में लिया गया और रिजर्व बैंक की ओर से ये जानकारी अपने एक बयान में दी गई है. आपको बता दें कि सरकार ने केंद्रीय बैंक, राज्य द्वारा संचालित बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थानों से वित्त वर्ष 2023 के लिए 480 अरब रुपये के लाभांश का बजट रखा था.
पिछले साल सबसे कम डिविडेंड हुआ था ट्रांसफर
रिजर्व बैंक की ओर से हर साल ये फंड सरकार को ट्रांसफर किया जाता है. लेकिन पिछले साल रिजर्व बैंक की ओर से सरकार को महज 303.07 बिलियन रुपये हस्तांतरित किए गए थे. जो पिछले एक दशक में सबसे कम राशि है. गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता में भारतीय रिजर्व बैंक के केंद्रीय निदेशक मंडल की ये 602वीं थी जिसमें ये निर्णय लिया गया.
बोर्ड ने जोखिम बफर को किया 6 प्रतिशत
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार आरबीआई की ओर से एक बयान में कहा गया है कि बोर्ड ने आकस्मिकता जोखिम बफर को 6 प्रतिशत पर रखने का फैसला करते हुए वर्ष 2022-23 के लिए केंद्र सरकार को डिविडेंड के रूप में 87,416 करोड़ रुपये के हस्तांतरण को मंजूरी दी. पहले ये जोखिम बफर 5.50 प्रतिशत हुआ करता था. आरबीआई ने इसमें .50 प्रतिशत की बढ़ोतरी की है. बोर्ड ने इस बैठक में मौजूदा दौर में चल रही वैश्विक भू-राजनीतिक विकास के प्रभाव और घरेलू आर्थिक स्थिति और संबंधित चुनौतियों की समीक्षा के बाद ये निर्णय लिया गया है. इस बोर्ड बैठक में वर्ष 2022-23 के दौरान आरबीआई के कामकाज पर भी चर्चा की और वर्ष के लिए केंद्रीय बैंक की वार्षिक रिपोर्ट और खातों को मंजूरी भी दे दी.
क्या थी एक्सपर्ट को उम्मीद
इस बोर्ड बैठक से पहले कई जानकारों ने इस ट्रांसफर राशि को लेकर बड़ी उम्मीद जताई थी. विश्लेषकों का मानना था कि डॉलर के दामों में हुए इजाफे के बाद हुई इसकी बिक्री से डिविडेंड की राशि में इजाफ हो सकता है. जबकि स्थानीय 874.16 बिलियन भारतीय रुपये (10.69 बिलियन डॉलर) के डिविडेंड हस्तांतरण को मंजूरी दी गई है और विदेशों में ट्रेजरी होल्डिंग्स पर उच्च ब्याज आय से भी मदद मिलने की उम्मीद थी. हालांकि आरबीआई ने कहा है कि उसने अपनी बोर्ड बैठक में वैश्विक और घरेलू आर्थिक स्थिति और संबंधित चुनौतियों की भी समीक्षा की है, जिसमें वर्तमान वैश्विक भू-राजनीतिक विकास का प्रभाव भी शामिल है.
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