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महंगाई थामने में नाकाम RBI, क्या आज करेगा सरप्राइज? बढ़ जाएगी आपकी EMI
रिजर्व बैंक ने मई, 2022 से ब्याज दरों को बढ़ाना शुरू किया था, तब से लेकर अबतक चार बार उसने दरें बढ़ाईं हैं, जिसे मिलाया जाए तो 1.90% की बढ़ोतरी हो चुकी है,
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 year ago
नई दिल्ली: 4 मई, 2022, बुधवार का दिन, जब रिजर्व बैंक ने अचानक ही रेपो रेट में 0.40% का इजाफा कर दिया, उस दिन न तो RBI MPC की कोई पूर्व निर्धारित बैठक थी और न ही किसी को इस बात का अंदाजा था कि रिजर्व बैंक ऐसा कोई कदम उठाने वाला है. लेकिन अपनी लक्ष्मण रेखा पार करती महंगाई को काबू करने के लिए रिजर्व बैंक को ये कदम उठाना पड़ा, जैसा कि बाकी विकसित देशों अमेरिका और यूरोपियन यूनियन ने किया था.
RBI MPC की स्पेशल बैठक
आज भी RBI MPC की बैठक चल रही है, जो कि पूर्व निर्धारित नहीं है, कयास यही लगाए जा रहे हैं कि रिजर्व बैंक रेपो रेट में इजाफा कर सकता है. हैरानी की बात ये है कि 27 अक्टूबर, 2022 को रिजर्व बैंक ने 3 नवंबर को MPC की एक स्पेशल बैठक का ऐलान किया, और इसके ठीक एक दिन पहले ही फेडरल रिजर्व पॉलिसी की बैठक भी रही, जिसमें फेड ने उम्मीद के मुताबिक ब्याज दरों में 0.75% का इजाफा कर दिया है. ये इत्तेफाक है या फिर पहले से तय योजना, ये कहना मुश्किल है.
अंदाजा यही लगाया जा रहा है कि रिजर्व बैंक भी फड के साथ झूलता हुआ दरों में इजाफा करता है तो ये बाजार और इकोनॉमी के लिए बड़ा झटका होगा. दूसरी बात ये कि अगर आज रेपो रेट बढ़ता है तो MPC की पहले से तय बैठक जो कि 5-7 दिसंबर को होने वाली है, क्या उसमें भी रिजर्व बैंक दरें बढ़ाएगा.
अबतक 1.90% बढ़ीं ब्याज दरें
रिजर्व बैंक ने मई, 2022 से ब्याज दरों को बढ़ाना शुरू किया था, तब से लेकर अबतक चार बार उसने दरें बढ़ाईं हैं, जिसे मिलाया जाए तो 1.90% की बढ़ोतरी हो चुकी है, और रेपो रेट 4% से बढ़कर 5.90% हो चुका है. अब सवाल उठता है कि क्या आज की बैठक में रिजर्व बैंक ब्याज दरों में इजाफा करेगा, या सिर्फ महंगाई और ग्रोथ को लेकर चर्चा होगी और बात आ गई हो जाएगी. तो देखिये- रिजर्व बैंक ने खासतौर पर ये बैठक बुलाई है, वो चाहता तो दिसंबर की पॉलिसी बैठक में चर्चा कर सकता था. लेकिन बढ़ती महंगाई का दंश ऐसा है, जिसका जवाब उसे सरकार को भी देना है.
चुनौतियां अभी आगे हैं
रिजर्व बैंक की महंगाई को काबू करने की अबतक की कोशिशें उतना चोखा रंग नहीं दिखा पाई हैं, जितनी ठसक के साथ ब्याज दरें बढ़ाने की शुरुआत की गई थी. सितंबर 2022 में महंगाई दर 7.41% तक पहुंच गई है जो कि 5 महीने की सबसे ज्यादा महंगाई है. जबकि रिजर्व बैंक की सहनसीमा 6% है, और रिटेल महंगाई बीते 9 महीने से इस सहनसीमा से काफी ऊपर है. अर्थशास्त्रियों का कहना है कि रिजर्व बैंक के लिये ये समझाना मुश्किल होगा कि लगातार ब्याज दरें बढ़ाने के बावजूद महंगाई क्यों काबू में नहीं आ रही है, जबकि एक्सपर्ट्स ये भी कहते हैं कि महंगाई अगले वित्त वर्ष से पहले काबू में नहीं आएगी, यानी चुनौतियां अभी आगे भी हैं.
रेपो रेट बढ़ा तो क्या होगा असर
अगर आज की बैठक में रेपो रेट फिर बढ़ता है तो इसके क्या परिणाम होंगे. इसका पहला और सीधा असर तो यही होगा कि होम लोन, ऑटो लोन समेत कई दूसरे लोन महंगे हो जाएंगे, यानी लोगों की EMI का बोझ बढ़ेगा. बात यहीं खत्म नहीं होती, अगर दिसंबर की पॉलिसी में फिर से रेपो रेट बढ़ता है तो लोन लेने वालों की कमर ही टूट जाएगी, महंगे लोन की वजह से डिमांड कम होगी. इसका असर लोन ग्रोथ में गिरावट के रूप में देख सकते हैं. रेपो रेट लगातार बढ़ने का लंबी अवधि में असर देश की ग्रोथ पर दिखेगा. कर्ज महंगा होने से डिमांड में कमी आएगी, आर्थिक गतिविधियां सुस्त होंगी, क्योंकि इंडस्ट्री कर्ज लेने से कतराएगी. जिसका सीधा देश की इकोनॉमी पर पड़ेगा.
बैंकों से कर्ज लेकर बांटने वाली छोटी छोटी NBFCs जो कि पहले ही महंगे लोन की मार झेल रही हैं, उनके लिए ऐसे चुनौतीपूर्ण माहौल में खुद को जीवित रखना मुश्किल हो जाएगा, संभावित लगातार दो इजाफों के बाद उनके डिफॉल्ट होने का खतरा बढ़ जाएगा. लगातार चार बार रेपो रेट बढ़ने से बैंकों ने भी ब्याज दरों में इजाफा किया है. RBI के ताजा आंकड़ों के मुताबिक शेड्यूल्ड कमर्शियल बैंकों का वेटेड एवरेज लेंडिंग रेट 0.26% महंगा हुआ है, ये अगस्त में 8.33% था जो कि सितंबर में बढ़कर 8.59% हो गया. इसके अलावा बैंकों ने MCLR सितंबर में 7.75% से बढ़ाकर अक्टूबर में 7.90% कर दिया है. रिजर्व बैंक के ब्याज दर में इजाफे से महंगाई कितना काबू में आएगी, ये पता लगने में तो वक्त है, लेकिन हमारी और आपकी EMI बढ़ने में जरा भी वक्त नहीं लगेगा. क्योंकि दुनिया भर में जिस हिसाब से हालात हैं, कहीं से भी महंगाई में राहत के संकेत नहीं मिल रहे हैं.
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