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RBI ने ब्याज दरों में बदलाव पर बैंकों को दिया निर्देश, आपके काम की है ये खबर
RBI ने कहा है कि ब्याज दरों को नए सिरे से तय करते समय बैंकों को चाहिए कि वे ग्राहकों को निश्चित ब्याज दर चुनने का विकल्प भी मुहैया कराएं.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 9 months ago
नीतिगत ब्याज दरों में बदलाव पर बैंक (Banks) तुरंत हरकत में आ जाते हैं और कर्ज महंगा कर देते हैं. लेकिन इतनी सक्रियता ग्राहकों को सूचित करने में नहीं दिखाई जाती. इसी को ध्यान में रखते हुए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने कुछ दिशानिर्देश जारी किए हैं. RBI ने बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थानों से कहा है कि ब्याज दरें नए सिरे से निर्धारित करते समय वे कर्जधारकों को ब्याज की निश्चित (फिक्स्ड) दर चुनने का विकल्प उपलब्ध कराएं. इसके साथ ही उन्हें किसी भी तरह के बदलाव के बारे में भी तुरंत सूचित करें.
यह भी स्पष्ट बताना होगा
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, RBI ने शुक्रवार को जारी नेटिफिकेशन में कहा है - ऐसा देखने में आया है कि ब्याज दर बढ़ने पर कर्ज की अवधि या मासिक किस्त (EMI) बढ़ा दी जाती है, लेकिन ग्राहकों को इस बारे में सही तरीके से सूचित नहीं किया जाता और न ही उनकी सहमति ली जाती है. इस समस्या को दूर करने के लिए रिजर्व बैंक ने अपने नियमन के दायरे में आने वालीं यूनिट्स को एक उचित नीतिगत ढांचा बनाने को कहा है. RBI ने कहा है कि कर्ज की मंजूरी के समय बैंकों को अपने ग्राहकों को स्पष्ट तौर पर बताना चाहिए कि मानक ब्याज दर में बदलाव की स्थिति में EMI या कर्ज की अवधि पर क्या प्रभाव पड़ सकता है.
ये विकल्प मुहैया कराएं
नेटिफिकेशन के अनुसार, EMI या कर्ज की अवधि बढ़ने की सूचना उचित माध्यम से तत्काल ग्राहक को दी जानी चाहिए. इसके अलावा, ब्याज दरों को नए सिरे से तय करते समय बैंकों को चाहिए कि वे ग्राहकों को निश्चित ब्याज दर चुनने का विकल्प भी मुहैया कराएं. साथ ही ग्राहकों को यह भी बताया जाए कि उन्हें कर्ज की अवधि के दौरान इस विकल्प को चुनने का अवसर कितनी बार मिलेगा. इसके अतिरिक्त कर्ज लेने वाले ग्राहकों को ईएमआई या लोन की अवधि बढ़ाने या दोनों विकल्प दिए जाएं.
तैयार हो रहा नया ढांचा
अधिसूचना में आगे कहा गया है कि ग्राहकों को समय से पहले पूरे या आंशिक रूप से कर्ज के भुगतान की अनुमति दी जानी चाहिए. यह सुविधा उन्हें कर्ज अवधि के दौरान किसी भी समय मिलनी चाहिए. गौरतलब है कि RBI ने पिछले सप्ताह पेश मौद्रिक नीति समीक्षा में कर्ज लेने वालों को फ्लोटिंग ब्याज दर से निश्चित ब्याज दर का विकल्प चुनने की अनुमति देने की बात कही थी. RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा था कि इसके लिए एक नया ढांचा तैयार किया जा रहा है.
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