BRAND MAVERICKS: भारत कैसे टॉप पर पहुंचेगा, फ्यूचर लीडर्स में क्या क्वॉलिटीज होनी चाहिए?

सीवीएल श्रीनिवास ने बताया कि आज से 20-25 साल पहले की बात करें तो हमें निचले स्तर पर देखा जाता था. जब हम देश के बाहर जाते थे तो हमें कोई भाव देने वाला नहीं था.

Last Modified:
Wednesday, 12 October, 2022
WPP Srinivas

नई दिल्ली: भारत की अर्थव्यवस्था आज दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है. हमने ब्रिटेन को पीछे धकेल दिया है, लेकिन भारत को शीर्ष पर कैसे पहुंचाया जा सकता है और उसमें फ्यूचर लीडर्स की क्या भूमिका होनी चाहिए, इस पर BW Marketing 40 under 40 Summit and Awards के दौरान WPP India के कंट्री मैनेजर सीवीएल श्रीनिवास ने प्रकाश डाला.

भारत की उपलब्धियां
भारत की कुछ उपलब्धियों के बारे में बताते हुए श्रीनिवास ने कहा कि ये बात अब हम सब जानते हैं कि भारत दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और हम 2030 तक 10 ट्रिलियन की इकोनॉमी का लक्ष्य हासिल करने की ओर अग्रसर हैं. इसके अलावा उन्होंने कहा कि भारत में इंटरनेट यूजर्स की संख्या तेजी से बढ़ती जा रही है. इस वजह से स्मार्टफोन्स की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है. अभी भारत में करीब 800 मिलियन स्मार्टफोन्स हैं और अगले 2-3 साल में यह संख्या बिलियंस में पहुंच जाएगी.

कितने बिलियन डॉलर का Ecom मार्केट
उन्होंने Ecom मार्केट के बढ़ते प्रसार की भी बात की. उन्होंने कहा कि भारत में ई-कॉमर्स मार्केट का तेजी से विकास हो रहा है. इंटरनेट और स्मार्टफोन इसमें बहुत बड़े सहायक हैं. आज भारत में ई-कॉमर्स का मार्केट 75 बिलियन डॉलर का है और ऐसी उम्मीद है कि 2030 तक यह 350 बिलियन डॉलर का बाजार हो जाएगा.

20-25 साल में बहुत कुछ बदल गया
सीवीएल श्रीनिवास ने बताया कि आज से 20-25 साल पहले की बात करें तो हमें निचले स्तर पर देखा जाता था. जब हम देश के बाहर जाते थे तो हमें कोई भाव देने वाला नहीं था और हमें कोई प्रॉपर स्पेस भी नहीं मिलता था, लेकिन आज हमने इतना विकास कर लिया है कि अब जब हम बाहर जाते हैं तो लोग सम्मान की नजर से देखते हैं और हमें प्रॉपर स्पेस भी दिया जाता है. ऐसा इसलिए संभव हो पाया है, क्योंकि भारत में उद्यमियों की संख्या में तेजी से वृद्धि हो रही है और उन्हें सरकार की तरफ से पूरा सपोर्ट भी किया जा रहा है. ये कॉम्बिनेशन देश के विकास के लिए अच्छा काम कर रहा है.

कहां काम करने की जरूरत है
श्रीनिवास ने बताया कि हम विकास कर रहे हैं और लोकल और इंटरनेशनल ब्रैंड के बीच तालमेल भी बैठाने की कोशिश कर रहे हैं, पर अभी भी कुछ ऐसे एरिया हैं, जहां हमें काम करने की अभी ज्यादा जरूरत है. कुछ गैप अभी भी हैं, जिसे भरने की जरूरत है. जैसे-

1. ग्लोबल स्टैंडर्ड को मीट नहीं कर रहे लोकल ब्रैंड्स: कई लोकल ब्रैंड अभी भी ग्लोबल स्टैंडर्ड को मीट नहीं कर पा रहे. जब हम क्वॉलिटी की बात करते हैं, जब हम कस्टमर एक्सपीरियंस की बात करते हैं तो कुछ लोकब ब्रैंड्स ग्लोबल स्टैंडर्ड के हिसाब से इसमें पिछड़ जाते हैं. और आगे बढ़ने के लिए हमें इन बातों का ध्यान रखना चाहिए. इस एरिया में हमें अभी काम करने की बहुत जरूरत है.

2. एडॉप्शन ऑफ टेक्नोलॉजी: इसमें कोई शक नहीं कि हमने टेक्नोलॉजी पर बहुत फोकस किया है. हमने इस ओर काफी काम किया है. टेक्नोलॉजी की वजह से चीजें पहले के मुकाबले काफी फास्ट हो चुकी हैं, पर अभी भी हम इसका पूरा इस्तेमाल नहीं कर पा रहे. अस्पताल का ही उदाहरण ले लीजिए. यदि आप साल में 5 बार अस्पताल जाते हैं तो हर बार हमेशा की तरह आज भी आपको लाइन में ही लगना पड़ता है. हम वहां KIOSK का इस्तेमाल क्यों नहीं कर सकते. टॉप पर पहुंचने के लिए ऐसी ही कई और बातें हैं, जहां हमें अभी और एडवांस होने की जरूरत है.

कैसे होने चाहिए फ्यूचर लीडर्स
सीवीएल श्रीनिवास ने बताया कि देश को टॉप पर पहुंचाने में लीडर्स की भी भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है. उन्होंने फ्यूचर लीडर्स की क्वॉलिटी बताते हुए कहा कि उनके हिसाब से किसी कॉरपोरेट लीडर में 5 क्वॉलिटीज होनी चाहिए, जिसे 5C फ्रेम वर्क कह सकते हैं.

1. Creative Problem Solver: फ्यूचर लीडर्स को ऐसा होना चाहिए, जो बहुत जल्द क्रिएटिव तरीके से किसी भी प्रॉब्लम को सॉल्व कर दे.

2. Catalyst for Change : फ्यूचर लीडर्स ऐसे होने चाहिए, जो अपने ऑर्गेनाइजेशन के ग्रोथ के लिए हमेशा नए-नए आइडियाज लाए और उसपर काम करे. जरूरत के हिसाब से कुछ बदलाव की जरूरत पड़े तो वो भी करे.

3. Collaboration : फ्यूचर लीडर्स ऐसे होने चाहिए, जो हमेशा ऑर्गेनाइजेशन के ग्रोथ में सहयोग करे. ग्रोथ के लिए जो भी जरूरी हो, उसे बेझिझक ईमानदारी से करे.

4. Credibility : फ्यूचर लीडर्स का विश्वसनीय होना बहुच जरूरी है. फ्यूजर लीडर्स ऐसे होने चाहिए, जिनपर लोग भरोसा करें. भरोसे के बिना बात नहीं बनेगी.

5. Coaching and Mentoring : ये किसी भी लीडर के लिए बहुत जरूरी पार्ट है. बेहतर काम के लिए हमेशा अपनी टीम को शिक्षित करते रहें. जहां भी जरूरत हो, उन्हें जरूर सलाह दें. इससे सभी में ऊर्जा बनी रहती है और मन लगाकर काम करते हैं.

ये 5 क्वॉलिटीज फ्यूचर के लीडर्स में होनी ही चाहिए, तभी सफलता मिलेगी.
 


JSW देश के इस राज्‍य में लगाने जा रही है नई सीमेंट यूनिट, इतने लोगों को मिलेगी नौकरी

कंपनी अपने इस प्‍लांट के जरिए नॉर्थ इंडिया में एंट्री लेने की तैयारी कर रही है. अभी कंपनी दक्षिण भारत के प्रमुख राज्‍यों से लेकर पश्चिम बंगाल में अपने प्‍लांट चला रही है.

Last Modified:
Tuesday, 21 May, 2024
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JSW स्‍टील आने वाले दिनों में राजस्‍थान में सीमेंट की फैक्‍ट्री लगाने जा रही है. राजस्‍थान के नागौर में बनने वाली इस सीमेंट फैक्‍ट्री की क्लिंकराइजेशन की क्षमता प्रति वर्ष 3.30 मिलियन टन तक की है जबकि 2.50 एमटीपीए तक की ग्राइंडिंग इकाई के साथ-साथ वेस्‍ट से 18 मेगावाट बिजली बनाने की क्षमता होगी. कंपनी इसे लॉन्‍ग टर्म डेब्‍ट और इक्विटी फंडिंग के जरिए बनाने जा रही है.

इस प्‍लांट से नॉर्थ इंडिया में प्रवेश कर रही है कंपनी

कंपनी का मानना है कि वो अपने इस प्‍लांट के जरिए उत्‍तर भारत में एंट्री कर रही है. कंपनी के इस प्‍लांट के जरिए 1000 से ज्‍यादा लोगों को सीधे और अप्रत्‍यक्ष तौर पर रोजगार मिलने जा रहा है. कंपनी को अपने इस प्‍लांट को लेकर कई तरह के रेग्‍यूलेटरी अप्रूवल मिल चुके हैं, जबकि कुछ उसे उम्‍मीद है कि जल्‍द ही मिल जाएंगे.

क्‍या बोले कंपनी के मैनेजिंग डॉयरेक्‍टर?

JSW सीमेंट के मैनेजिंग डॉयरेक्‍टर सज्‍जन जिंदल ने इस मौके पर कहा कि हम राजस्‍थान में अपने सीमेंट कारोबार के क्षेत्र में एक अहम निवेश करने जा रहे हैं. उन्‍होंने कहा कि ये हमारे अगले कुछ सालों में पूरे भारत में अपनी मौजूदगी दर्ज कराने की दिशा में अहम कदम है. उन्‍होंने कहा कि कंपनी अपने इस प्‍लांट से नॉर्थ इंडिया के राज्‍यों दिल्‍ली, पंजाब, हरियाणा, यूपी जैसे बड़े राज्‍यों की जरूरत को पूरा कर पाएगा.

क्‍या बोले कंपनी के सीईओ?

कंपनी के सीईओ नीलेश नारवेकर ने इस सिलसिले में कहा कि नॉर्थ इंडिया में देश के सबसे ज्‍यादा जीडीपी वाले राज्‍य मौजूद हैं. इन राज्‍यों में हाउसिंग निर्माण में भी पिछले कुछ सालों में तेजी आई है. हम ऐसे बाजार में प्रवेश करने के लिए उत्‍सुक हैं. 

कंपनी की वर्तमान में कर्नाटक के विजयनगर, आंध्र प्रदेश के नांदयाल, पश्चिम बंगाल के सालबोनी, ओडिशा के जाजपुर और महाराष्ट्र के डोलवी में विनिर्माण इकाइयां हैं. वहीं जेएसडब्‍ल्‍यू के चौथी तिमाही के नतीजों पर नजर डालें तो कंपनी को साल दर साल के मुकाबले राजस्‍व में 1.48 प्रतिशत का नुकसान हुआ है जबकि प्रॉफिट में 64.55 प्रतिशत की कमी आई है. अगर पिछली तिमाही के मुकाबले राजस्‍व पर नजर डालें तो उसमें 10.32 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है जबकि मुनाफा 46.21 प्रतिशत कम हुआ है.


इस दिग्गज कंपनी के शेयरों में कत्लेआम, निवेशकों के छूटे पसीने; क्या आपके पास भी है?

लॉजिस्टिक एवं सप्लाई चेन कंपनी के शेयरों में आज भारी गिरावट देखने को मिली है. हालांकि, ब्रोकरेज फिर भी इसे लेकर बुलिश हैं.

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Tuesday, 21 May, 2024
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दिग्गज लॉजिस्टिक एवं सप्लाई चेन कंपनी डेल्हीवरी लिमिटेड (Delhivery Ltd) के निवेशकों में हड़कंप मचा हुआ है. कंपनी के शेयर आज शुरुआती कारोबार में 12% तक लुढ़क गए. हालांकि, बाद में इसमें कुछ रिकवरी भी दिखाई दी. कंपनी के शेयरों में आई इस सुनामी की दो बड़ी वजह सामने आ रही हैं. पहली, कंपनी के कमजोर तिमाही नतीजे. दूसरी, टॉप मैनेजमेंट में बदलाव. दरअसल, मार्च 2024 (Q4FY24) को समाप्त चौथी तिमाही में कंपनी को बड़ा घाटा हुआ है. वहीं, उसके एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर और चीफ बिजनेस ऑफिसर ने इस्तीफा दे दिया है.

इतना हुआ है कंपनी को घाटा
हालांकि, ये बात अलग है कि ब्रोकरेज फर्म डेल्हीवरी लिमिटेड के शेयर पर अब भी पॉजिटिव हैं. डेल्हीवेरी को 31 मार्च, 2024 को समाप्त तिमाही में 68.5 करोड़ रुपए का घाटा हुआ है. जबकि दिसंबर तिमाही में उसने 11.7 करोड़ का जबरदस्त मुनाफा कमाया था. 2021 के बाद यह पहला मौका था जब कंपनी ने इतना मुनाफा कमाया. जनवरी-मार्च 2024 की तिमाही में ऑपरेशंस से रिवेन्यु 12% बढ़कर 2,076 करोड़ रुपए हो गया. पिछले वर्ष की इसी अवधि में यह 1,860 करोड़ था. इसका कंपनी के स्टॉक पर असर पड़ा है.

इसलिए चिंतित हैं निवेशक
डेल्हीवरी के शेयर आज कारोबार के शुरुआत में 12 प्रतिशत तक लुढ़क गया. बाद में इसने कुछ रिकवरी भी हासिल की. खबर लिखे जाने तक कंपनी के शेयर 10% से अधिक की गिरावट के साथ 391 रुपए पर कारोबार कर रहे थे. बीते 5 दिनों में ये शेयर 13.66% लुढ़का है. जबकि इस साल अब तक इसमें केवल 1.73% की तेजी आ गई, जो दर्शाता है कि कंपनी के शेयरों में निवेश करने वालों की चिंता वाजिब है. इस शेयर का 52-सप्ताह का उच्चतम स्तर 488 रुपए है, जो इसने 5 फरवरी, 2024 को हासिल किया था. 

बढ़ा दिया Target Price
कंपनी के शेयर में आई इस गिरावट के बावजूद ब्रोकरेज हाउस प्रभुदास लीलाधर इसे लेकर पॉजिटिव है. एक रिपोर्ट में बताया गया है कि ब्रोकरेज ने स्टॉक को 530 के Target Price के साथ 'Buy' रेटिंग पर अपग्रेड किया है. पहले फर्म ने इसका टार्गेट प्राइज 510 रुपए रखा था. इस लिहाज से देखें तो यानी आने वाले दिनों में इस शेयर में करीब 38% की तेजी आ सकती है. वहीं, ब्रोकरेज फर्म MK ग्लोबल ने इसे 'बाय' रेटिंग देते हुए 500 रुपए का टार्गेट प्राइज रखा है. गौरतलब है कि गुरुग्राम की कंपनी डेल्हीवरी लॉजिस्टिक्स सर्विस प्रोवाइड करती है. यह भारत में लगभग 19,000 पिन कोड कवर करती है.


Mindshare India में हुआ बड़ा बदलाव, डिंपी यादव हुई इन तो गोपी मेनन हुए आउट!

डिंपी यादव 7 साल से अधिक समय तक Xaxis India के साथ थीं और उन्होंने कई लीडरशिप की भूमिकाएं निभाई हैं.

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Tuesday, 21 May, 2024
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डिंपी यादव को Mindshare India में स्ट्रेटेजिक डिजिटल का हेड नियुक्त किया गया है, उन्होंने लिंक्डइन पर अपनी नई भूमिका की जानकारी दी है. इससे पहले, डिंपी यादव 7 साल से अधिक समय तक Xaxis India के साथ थीं और उन्होंने कई लीडरशिप की भूमिकाएं निभाई हैं. LinkedIn पोस्ट पर उन्होंने लिखा कि मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि मैं माइंडशेयर इंडिया में स्ट्रेटेजिक डिजिटल हेड के रूप में एक नई पारी शुरु करने जा रही हूं.

एक्सपीरियंस प्रोफेशनल हैं डिंपी यादव

डिंपी यादव प्रोग्रामेटिक एडवरटाइजमेंट क्षेत्र में एक एक्सपीरियंस प्रोफेशनल हैं और भारत में प्रसिद्ध ब्रांडों के लिए प्रभावशाली और डेटा ड्रिवन स्ट्रेटेजी को बनाने में विशेषज्ञ हैं. एडवरटाइजमेंट एफर्ट (Advertising Efforts) को अनुकूलित करने के लिए आधुनिक टेक्नोलॉजी का लाभ उठाने के जुनून के साथ, उन्होंने GroupM में जनरल मैनेजर प्रोग्रामेटिक के रूप में अपनी भूमिका में प्रोग्रामेटिक एडवरटाइजमेंट के लगातार विकसित हो रहे परिदृश्य को सफलतापूर्वक नेविगेट किया है.

संकटग्रस्‍ट Go First का नहीं खत्‍म हो रहा है संकट, अब ये समस्‍या आई सामने

15 वर्षों का है लंबा अनुभव

डिंपी यादव को लीडिंग डिजिटल एजेंसियों में काम करने का 15 वर्षों का अनुभव है. जहां उन्होंने स्टार्टअप से लेकर फॉर्च्यून 500 कंपनियों तक के ग्राहकों के लिए समाधान प्रदान करने के लिए क्रॉस-फ़ंक्शनल उद्योग भागीदारों के साथ सहयोग किया है. अपने पिछले कार्यकाल में डिंपी यादव ने GroupM, AdGlobal360 सहित अन्य के साथ काम किया है.

गोपा मेनन ने Mindshare को कहा अलविदा

वहीं दूसरी तरफ सूत्रों से जानकारी मिली है कि गोपा मेनन ने Mindshare India को अलविदा कह दिया है, वह दक्षिण एशिया के डिजिटल हेड के तौर पर काम रहे थे. गोपा मेनन एजेंसी की पूर्ण-सेवा डिजिटल पेशकशों (full-service digital offerings) के प्रबंधन और मौजूदा और नए ग्राहकों को उनकी डिजिटल प्रोसेस, डिजिटल मार्केटिंग स्ट्रेटेजी, ब्रांड बिल्डिंग और ROI संचालित मार्केटिंग आउटकम को बदलने माहिर हैं. उनके पास ब्रैंड्स के लिए डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन लाने का लगभग दो दशकों का अनुभव है. गोपा मेनन इस भूमिका में Mindshare India साउथ एशिया के मुख्य परिचालन अधिकारी अमीन लखानी को रिपोर्ट कर रहे थे और गुड़गांव से बाहर थे.
 


स्टूडेंट्स के लिए Samsung का शानदार ऑफर, इन गैजेट्स में मिलेगा बंपर डिस्काउंट

Samsung भारतीय स्टूडेंट्स को ‘बैक टू कैंपस’ और Samsung Student Plus प्रोग्राम के जरिए चुनिंदा प्रोडक्ट्स पर कैशबैक, एक्सचेंज और अतिरिक्त 10 प्रतिशत की छूट दे रहा है.

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Tuesday, 21 May, 2024
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Samsung (सैमसंग) भारतीय स्टूडेंट्स के लिए एक खास ऑफर लेकर आया है. दरअसल कंपनी ने ‘बैक टू कैंपस’ कैंपेन की घोषणा की है. इसके तहत कंपनी अपने स्मार्टफोन, टैब और लैपटॉप में सिर्फ स्टूडेंट्स को 24 महीने की बिना ब्याज वाली किस्त (EMI) और बैंक कैशबैक दे रही है. इतना ही नहीं Samsung Student Plus प्रोग्राम के जरिए चुनिंदा प्रोडक्ट्स पर अतिरिक्त 10 प्रतिशत की छूट भी मिल रही है. तो चलिए जानते हैं ये स्मार्टफोन, लैपटॉप और टैब आपको कहां और कितनी कीमत पर मिलेंगे?

यहां मिलेगा ऑफर का लाभ
सैमसंग अपने बैक टू कैंपस कैंपेन में चुनिंदा गैलेक्सी बुक, गैलेक्सी टैब और गैलेक्सी स्मार्टफोन पर 12,000 रुपये तक का बैंक कैशबैक दे रहा है. साथ ही, Samsung Student Plus कार्यक्रम के जरिए अतिरिक्त 10 प्रतिशत की छूट भी मिल रही है. स्टूडेंट्स यह लाभ सैमलंग के ऑनलाइन स्टोर, चुनिंदा रिटेल स्टोर्स और अन्य ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर उठा सकते हैं.

सैमसंग गैलेक्सी बुक पर इतना डिस्काउंट
इस कैंपेन में गैलेक्सी बुक 4 सीरीज, गैलेक्सी बुक 3 सीरीज और गैलेक्सी बुक 2 सीरीज के लैपटॉप शामिल हैं. फरवरी में 163,990 रुपये की शुरुआती कीमत के साथ लॉन्च किया गया Samsung Galaxy Book 4 Pro 360 इस कैंपेन के दौरान बैंक ऑफर और एक्सचेंज बोनस सहित 153,990 रुपये की शुरुआती कीमत पर मिल जाएगा. इन लैपटॉप में आपको दमदार परफॉर्मेंस और विजुअल के लिए इंटेल कोर अल्ट्रा प्रोसेसर और इंटेल Arc जीपीयू मिलेगा. इसमें कंपनी विजन बूस्टर फीचर के साथ ऐंटी रिफ्लेक्टिव डाइनैमिक AMOLED 2x डिस्प्ले दे रही है.

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टैब पर 12 हजार की छूट
यह कैंपेन गैलेक्सी टैब S9 सीरीज और गैलेक्सी टैब A9 सीरीज पर भी लागू है. 128GB स्टोरेज और वाई-फाई के साथ लॉन्च गैलेक्सी टैब S9 की कीमत 72,999 रुपये है, जो 12,000 रुपये के डिस्काउंट के बाद 60,999 रुपये में मिल रहा है. 

स्मार्टफोन पर 5 हजार कैशबैक और 8 हजार का एक्सचेंज बोनस
सैमसंग के चुनिंदा गैलेक्सी S सीरीज और गैलेक्सी A सीरीज के स्मार्टफोन इस कैंपेन में शामिल हैं. जनवरी में लॉन्च के दौरान 79,999 रुपये की शुरुआती कीमत पर मिलने वाला Samsung Galaxy S24 स्मार्टफोन अब 5,000 रुपये के बैंक कैशबैक और 8,000 रुपये के एक्सचेंज बोनस के साथ 61,999 रुपये की शुरुआती कीमत पर मिलेगा. ये फोन गैलेक्सी एआई के साथ आता है. इसमें आपको लाइव ट्रांसलेट, चैट असिस्ट और सर्कल टू सर्च जैसे ऑप्शन मिलेंगे. फोन में 6.2 इंच का फुल एचडी+ डाइनैमिक AMOLED 2x डिस्प्ले दिया गया है. इसका रिफ्रेश रेट 120Hz तक का है. फोटोग्राफी के लिए फोन में 50 मेगापिक्सल का मेन कैमरा दिया गया है.


अबकी बार नहीं बनी Modi सरकार तो बाजार में आएगी सुनामी, इतने % गिरावट का अंदेशा  

कई एक्सपर्ट्स का मानना है कि यदि लोकसभा चुनाव के परिणाम बाजार की उम्मीद के अनुरूप नहीं रहे, तो गिरावट तय है.

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Tuesday, 21 May, 2024
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शेयर बाजार (Stock Market) में उतार-चढ़ाव का दौर जारी है. बाजार कभी ऊपर की तरफ भागता है, तो कभी नीचे लुढ़क जाता है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि लोकसभा चुनाव के चलते बाजार में यह हलचल दिखाई दे रही है. 4 जून को चुनाव परिणाम आने के बाद ही बाजार की सही दिशा निर्धारित होगी. फिलहाल निवेशक बड़े निवेश से बच रहे हैं और मुनाफावसूली पर फोकस कर रहे हैं. वैसे, तो परिणाम लगभग तय माने जा रहे हैं, लेकिन फिर भी इन्वेस्टर्स कोई जोखिम मोल लेने के मूड में नहीं हैं.

कहीं 2004 वाली स्थिति न बने
बाजार यह मानकर चल रहा है कि मोदी सरकार की वापसी हो रही है. ऐसे में यदि परिणाम शेयर बाजार की उम्मीद के अनुरूप रहते हैं, तो उसमें तेजी आएगी. अन्यथा बाजार गोता भी लगा सकता है. 2004 के लोकसभा चुनाव में जब यूपीए सरकार सत्ता में आ गई थी, शेयर मार्केट एक दिन में बड़ी गिरावट दर्ज हुई थी. निवेशकों में डर है कि यदि 2024 की नतीजे भी 2004 की तरह आते हैं, तो बाजार में फिर वैसी ही गिरावट देखने को मिल सकती है. कुछ एक्सपर्ट्स भी मानते हैं कि यदि केंद्र सरकार बदलती है, तो शेयर बाजार एक दिन की में 15 प्रतिशत लुढ़क सकता है. 

बड़ी छलांग की उम्मीद नहीं
वहीं, कुछ एक्सपर्ट्स का यह भी कहना है कि मोदी सरकार की वापसी पर बाजार से बड़ी छलांग की उम्मीद नहीं करनी चाहिए. उनका कहना है कि अगर नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा लगातार तीसरी बार सरकार बनाती है, तो स्टॉक मार्केट में बहुत अधिक तेजी आने की उम्मीद नहीं है, क्योंकि बाजार इस खबर को पहले ही पचा चुका है. इस चुनावी मौसम में कई एक्सपर्ट्स ने निवेशकों को अपना पोर्टफोलियो स्ट्रांग बनाने के लिए कुछ सुझाव दिए हैं. उदाहरण के तौर पर कुछ का कहना है कि HDFC बैंक और कोफोर्ज के शेयरों में निवेश अच्छा विकल्प है. भले ही एचडीएफसी और कोफोर्ज के शेयर पिछले काफी समय से अंडर परफॉर्म कर रहे हैं, लेकिन उनके मजबूत फंडामेंटल की वजह से उसमें तेजी आ सकती है. 

इन पर भी लगा सकते हैं दांव 
जबकि कुछ एक्सपर्ट्स ने L&T, BHEL, Hero MotoCorp, M&M, Maruti Suzuki, Eicher, HUL, Dabur, Kotak Mahindra Bank, ICICI Bank, Havells India, Delhivery, Bharti Airtel, Max Health, Lupin, Sun Pharma, Jupiter Hospitals. TCS, HCL Tech, LTI Mindtree, Axis Bank, Siemens, Schneider, Honeywell, ABB, Elantas Beck, Timken, Hitachi Energy और Hindalco को अपने पोर्टफोलियो में शामिल करने की सलाह दी है. 

(डिस्क्लेमर: शेयर बाजार में निवेश जोखिम के अधीन है. 'BW हिंदी' इसकी कोई जिम्मेदारी नहीं लेता. सोच-समझकर, अपने विवेक के आधार पर और किसी सर्टिफाइड एक्सपर्ट से सलाह के बाद ही निवेश करें, अन्यथा आपको नुकसान उठाना पड़ सकता है).

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संकटग्रस्‍ट Go First का नहीं खत्‍म हो रहा है संकट, अब ये समस्‍या आई सामने

पिछले साल 2 मई 2023 से कंपनी के खिलाफ दिवालिया याचिका दायर हुई थी. तभी से कंपनी के जहाज जमीन पर आ गए हैं. 

Last Modified:
Tuesday, 21 May, 2024
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संकट से जूझ रही विमान कंपनी Go First की परेशानियां हैं कि खत्‍म होने का नाम नहीं ले रही हैं. अब कंपनी के सामने आए नए संकट में उसके कर्जदार कंपनी की पुणे में स्थित 94 एकड़ जमीन की नीलामी करने जा रहे हैं. इस नीलामी के लिए जमीन का रिजर्व प्राइस 1960 करोड़ रुपये रखा गया है. इस जमीन की नीलामी की प्रक्रिया इस हफ्ते न्‍यूजपेपर में विज्ञापन देने के बाद होगी.

सभी कर्जदारों ने दी सहमति 
इस जमीन के सौदे के लिए सभी कर्जदारों ने अपनी सहमति दे दी है. सभी कर्जदारों ने इस संबंध में जो पोटेंशियल बॉयर्स को भी इस डील को लेकर संपर्क किया है. उन्‍हें इस डील को लेकर अगले 60 दिनों का समय भी दिया गया है. इस जमीन की कीमत 1200 करोड़ रुपये है और माना जा रहा है कि इसका दाम 2500 करोड़ रुपये तक जा सकता है. 94 एकड़ की इस जमीन में से 4 एकड़ जमीन वो है जो मौजूदा समय में पुणे म्‍यूनसिपल कॉर्पोरेशन के पास है जिसे उसने ब्‍यूटीफिकेशन के लिए लिया है. इस जमीन को गो फर्स्‍ट ने कर्ज लेने के लिए वाडिया समूह के पास कोलेट्रल में रखा था. 

ये भी पढ़ें: भारतीय रेलवे इस पड़ोसी देश के लिए बनाएगी रेल डिब्‍बे,जानिए कितनी गहरी है दोनों की दोस्‍ती?

गो फर्स्‍ट को लगातार लग रहा है झटका 
गो फर्स्‍ट को लगातार झटके लग रहे हैं. इससे पहले दिल्‍ली हाईकोर्ट कर्जदारों को 54 विमानों की लीज वापस लेने का फैसला सुना चुकी है. गो फर्स्‍ट के खिलाफ पिछले 2 मई 2023 से दिवालिया याचिका दायर हुई थी. उसके अगले ही दिन कंपनी ने अपना संचालन बंद कर दिया था. कंपनी ने अपनी इस स्थिति के लिए प्रैट एंड व्हिटनी के इंजनों को दोषपूर्ण बताया था जिसके कारण उसके बेड़े के आधे जहाज खड़े हो गए. गो फर्स्‍ट के सभी लेनदारों पर 11463 करोड़ रुपये की देनदारी है. 

किन किन कंपनियों को चुकाना है कर्ज 
गो फर्स्‍ट के कर्जदारों की सूची कोई छोटी नहीं है. गो फर्स्‍ट को सभी कर्जदारों को एक बड़ी राशि चुकानी है. गो फर्स्‍ट को जिन कंपनियों ने कर्ज दिया है उनमें सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया ने 1987 करोड़, बैंक ऑफ बड़ौदा का 1430 करोड़, डॉयचे बैंक का 1320 करोड़ रुपये शामिल है. इस कंपनी को खरीदने के लिए अब तक ऑफर तो कई आ चुके हैं लेकिन सौदा हो नहीं पाया है. जिन कंपनियों को इसे खरीदने में दिलचस्‍पी दिखाई है उनमें स्‍पाइसजेट, सैफ्रिक इंवेस्‍टमेंट और शारजाह शामिल है. 


भारतीय रेलवे इस पड़ोसी देश के लिए बनाएगी रेल डिब्‍बे,जानिए कितनी गहरी है दोनों की दोस्‍ती? 

1971 में बांग्‍लादेश की आजादी के साथ भारत ऐसा पहला देश था जिसने उसे राजनयिक मान्‍यता दी थी और उसे स्थिर होने से लेकर बुनियादी चीजों में हमेशा ही मदद की है. 

Last Modified:
Tuesday, 21 May, 2024
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भारतीय रेलवे को रेल डिब्‍बे बनाने का एक बड़ा ऑर्डर हासिल हुआ है. रेलवे को ये ऑर्डर हमारे पड़ोसी देश बांग्‍लादेश से मिला है. बांग्‍लादेश ने 200 रेल के डिब्‍बे बनाने के लिए ग्‍लोबल लेवल पर टेंडर निकाला था. राइट्स इस टेंडर को हासिल करने में कामयाब रही. इस ऑर्डर की लागत 11.12 करोड़ डॉलर है जो 915 करोड़ रुपये के बराबर है. 

बांग्‍लादेश में साइन हुआ कांट्रैक्‍ट 
बांग्‍लादेश सरकार की ओर से ये कांट्रैक्‍ट भारतीय रेलवे की यूनिट राइट्स को मिला है. बांग्‍लादेश के रेल मंत्री और राइट्स के अधिकारियों के बीच सोमवार को इस कांट्रैक्‍ट पर हस्‍ताक्षर हो गए. बांग्‍लादेश को राइट्स इन रेल डिब्‍बों को अगले 24 महीने में डिलीवर करेगा और इनकी 24 महीने की वारंटी होगी. ये कांट्रैक्‍ट भारतीय निर्माण जिसे मेड इन इंडिया भी कहा जाता है उसे और मजबूत करता हुआ दिखाई दे रहा है. इससे पहले भी बांग्‍लादेश को भारतीय रेलवे 120 ब्रॉड गेज पैसेंजर कोच, 36 ब्रॉड गेज लोकोमोटिव और 10 मीटर गेज लोकोमोटिव की आपूर्ति कर चुका है. 

ये भी पढ़ें: विमान बनाने वाली इस कंपनी पर चीन ने क्यों लगाए प्रतिबंध, क्या बढ़ने वाला है तनाव?

बांग्‍लादेश के लिए अहम है भारत की दोस्‍ती 
बांग्‍लादेश के लिए भारत की दोस्‍ती बेहद अहम है. बांग्‍लादेश कई अहम सामानों के लिए पूरी तरह से भारत पर निर्भर है. भारत जहां बांग्‍लादेश को 1160 मेगावाट बिजली देता है वही पोर्ट से लेकर सड़क निर्माण, शिपिंग और बंदरगाहों में भारत का बड़ा निवेश है. पिछले 8 सालों में भारत ने बांग्‍लादेश को लगभग 8 बिलियन अमेरिकी डॉलर की लाइन ऑफ क्रेडिट दी है. 
बांग्‍लादेश को ये सामान देता है भारत 
बांग्‍लादेश भारत को कई अहम सामान देता है. इनमें मुख्‍य तौर पर मसाले, कपास, अनाज, प्‍लास्टिक प्रोडक्‍ट, चीनी, इलेक्‍ट्रॉनिक उपकरण, कॉफी, चाय, मेट, लोहा, स्‍टील कपड़े साडि़यां आदि जैसे बुनियादी सामान शामिल हैं. सामान ही नहीं कई भारतीय कंपनियां बांग्‍लादेश में काम कर रही हैं. अगर दोनों देशों के बीच कारोबार के नंबर पर डालें तो वो मजबूत बना हुआ है. वर्ष 2022 में जहां दोनों देशों के बीच 16.15 बिलियन अमेरिकी डॉलर का कारोबार हुआ वहीं 2023 में बांग्‍लादेश को भारत का निर्यात 12.20 बिलियन अमेरिकी डॉलर का कारोबार हुआ है.   


IRFC हर शेयर पर देगी 0.7 रुपये का डिविडेंड, करोड़ों रुपयों से भर जाएगा सरकारी खजाना

इंडियन रेलवे फाइनेंस कॉरपोरेशन लिमिटिड (IRFC) ने सोमवार को मार्च तिमाही के नतीजों के साथ डिविडेंड बांटने की घोषणा की है. इस डिविडेंड का सबसे अधिक फायदा केंद्र सरकार को होगा.

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Tuesday, 21 May, 2024
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सरकारी कंपनी इंडियन रेलवे फाइनेंस कॉरपोरेशन लिमिटिड (IRFC) ने सोमवार को मार्च तिमाही के नतीजों के साथ डिविडेंड बांटने की घोषणा की है. कंपनी बोर्ड ने हर शेयर पर 0.7 रुपये का डिविडेंड देने की सिफारिश की है. केंद्र सरकार आईआरएफसी की सबसे बड़ी शेयरधारक है. ऐसे में इस डिविडेंड से सरकारी खजाना करोड़ों रुपयों से भर जाएगा. तो चलिए आपको बताते हैं सरकार की इस कंपनी में कितनी हिस्सेदारी है और उसे डिविडेंड से कितना फायदा होगा? 

केंद्र सरकार को मिलेगा इतना डिविडेंड
इस डिविडेंड की घोषणा से पहले कंपनी 0.8 रुपये प्रति शेयर का अंतरिम डिविडेंड जारी कर चुकी है. इस तरह वित्त वर्ष 2024 में कंपनी का कुल डिविडेंड 1.5 रुपये प्रति शेयर हो गया है. आपको बता दें, केंद्र सरकार आईआरएफसी की सबसे बड़ी शेयरधारक है. मार्च तिमाही के शेयरहोल्डिंग आंकड़ों के अनुसार केंद्र सरकार के पास कंपनी में 86.36 प्रतिशत हिस्सेदारी है. इसका मतलब है कि आईआरएफसी के इस डिविडेंड ऐलान से केंद्र सरकार को करीब 790 करोड़ रुपये का फायदा होगा. 

एजीएम में मंजूरी के बाद 30 दिन के अंदर बांटा जाएगा डिविडेंड
आईआरएफसी 2021 में शेयर बाजार में लिस्ट हुई थी. लिस्टिंग के तुरंत बाद कंपनी ने 1.05 प्रति शेयर के अंतरिम डिविडेंड का ऐलान किया था. इसके बाद वित्त वर्ष 2022 में इसने 1.5 रुपये प्रति शेयर का भुगतान किया था. कंपनी ने जानकारी दी है कि डिविडेंट बांटने के फैसले पर अभी सालाना जनरल मीटिंग के दौरान शेयरधारकों की मंजूरी लिया जाना बाकी है. जैसी ही मीटिंग में डिविडेंड को मंजूरी मिलती है, उसके बाद 30 दिनों के अंदर शेयरधारकों को भुगतान किया जाएगा. 

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50 हजार करोड़ का फंट जुटाएगी कंपनी
वहीं, आईआरएफसी के बोर्ड ने कंपनी को घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजार से 50 हजार करोड़ रुपये तक के फंड जुटाने को भी मंजूरी दे दी है. इन फंड्स को टैक्स फ्री बॉन्ड्स, टैक्सेबल बॉन्ड्स, कैपिटल गेंस बॉन्ड, सरकारी गारंटी वाले बॉन्ड या किसी अन्य तरीके से जुटाया जाएगा. 

देश की सबसे मूल्यवान सरकारी कंपनियों में शामिल
आरआरएफसी के शेयर मंगलवार 21 मई को शुरुआती कारोबार में 3 प्रतिशत से अधिक की छलांग लगाकर 179.05 रुपये के भाव पर पहुंच गए. कंपनी के शेयर में इस साल अब तक करीब 77 प्रतिशत की तेजी आई है. वहीं, पिछले एक साल में कंपनी ने 434.63 प्रतिशत का मल्टीबैगर रिटर्न दिया है. कंपनी का मार्केट कैप 2.26 लाख करोड़ रुपये है, जो निफ्टी 50 में शामिल करीब एक तिहाई कंपनियों के मार्केट कैप से अधिक है. साथ ही इस कंपनी की गिनती देश की सबसे अधिक मूल्यवान सरकारी कंपनियों में होती है. 


ONGC का Q4 में बढ़ा मुनाफा, तो शेयरधारकों को दिया डिविडेंड का तोहफा

ऑयल एंड नेचुकल गैस कॉरपोरेशन ने तिमाही नतीजों का एलान कर दिया है. मार्च में समाप्त तिमाही में कंपनी के कंसोलिडेटेड मुनाफे में 78 फीसदी की बढ़ोतरी देखने को मिली है

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Tuesday, 21 May, 2024
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ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉरपोरेशन (ONGC)ने तिमाही नतीजों का एलान कर दिया है. मार्च में समाप्त तिमाही में कंपनी के कंसोलिडेटेड मुनाफे में 78 फीसदी की बढ़ोतरी देखने को मिली है, जो बढ़कर 11,526.53 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है. एक साल पहले इस तिमाही में कंपनी का मुनाफा 6,478.23 करोड़ रुपये पर था. तिमाही आधार पर ओएनजीसी के कंसोलिडेटेड मुनाफे मामूली बढ़ोतरी हुई, जो पिछली तिमाही में 11,104.50 करोड़ रुपये था. कंपनी ने वित्त वर्ष 2024 के लिए 2.50 रुपये प्रति शेयर के फाइनल डिविडेंड देने का ऐलान किया है.

कंपनी का मुनाफा 67% बढ़ा

ONGC के ऑपरेशन से कंसॉलिडेटेड रेवेन्यू यानी आय में सालाना आधार पर 1.64% की तेजी आई. वित्त वर्ष 2024 की चौथी तिमाही में ऑपरेशन से रेवेन्यू 1.66 लाख करोड़ रुपये रहा. एक साल पहले की समान तिमाही यानी वित्त वर्ष 2023 की चौथी तिमाही में रेवेन्यू 1.64 लाख करोड़ रुपये रहा था. ONGC का पूरे वित्त वर्ष 2024 में कंसॉलिडेटेड मुनाफा 67.71% बढ़कर 57,100 करोड़ रुपये हो गया. वित्त वर्ष 2023 में मुनाफा 34,046 करोड़ रुपये रहा था.

ONGC के शेयर ने एक साल में दिया 68% रिटर्न

रिजल्ट आने से पहले शनिवार को ONGC का शेयर 0.47% बढ़कर 278.95 रुपये पर बंद हुआ. पिछले एक साल में इसने 68.45% रिटर्न दिया है. बीते 6 महीने में शेयर 45% से ज्यादा चढ़ा है कंपनी का मार्केट कैप 3.51 लाख करोड़ रुपए है. वहीं ONGC का वित्त वर्ष 2024 में कंसॉलिडेटेड रेवेन्यू गिरकर 6.43 लाख करोड़ रुपये हो गया. वित्त वर्ष 2023 में रेवेन्यू 6.84 लाख करोड़ रुपये रहा था यानी रेवेन्यू में 6.49% की गिरावट आई है. 

डिविडेंड का एलान

एक्सचेंज फाइलिंग के अनुसार कंपनी के बोर्ड ने वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए 2.50 रुपये के अंतिम डिविडेंड का एलान किया है. कंपनी की बैठक में कंपनी का कहना है कि यह 9.75 रुपये प्रति शेयर के अंतरिम डिविडेंड के अलावा 3,145 करोड़ रुपये बैठता है. इससे पहले फरवरी 2024 में कंपनी ने 4 रुपये के अंतरिम डिविडेंड का ऐलान किया था. जबकि नवंबर 2023 में कंपनी ने 5.75 का अंतरिम डिविडेंड दिया था.

घरेलू उत्पादन में लगभग 71% का योगदान

महारत्न ONGC क्रूड ऑयल और नेचुरल गैस की भारत की सबसे बड़ी कंपनी है, जो भारतीय घरेलू उत्पादन में लगभग 71% का योगदान देती है. क्रूड ऑयल वह रॉ मटेरियल है जिसका उपयोग आईओसी, बीपीसीएल, एचपीसीएल और एमआरपीएल जैसी डाउनस्ट्रीम कंपनियां पेट्रोल, डीजल, केरोसिन, नेफ्था और कुकिंग गैस एलपीजी जैसे पेट्रोलियम उत्पादों का उत्पादन करने के लिए करती है. 
 


बाजार में इस हफ्ते खुलने जा रहे ये 2 नए IPO, जानिए प्राइस बैंड सहित सभी डिटेल्स

इस हफ्ते सिर्फ दो कंपनियों के IPO लॉन्च होंगे, जबकि लिस्टिंग के मोर्चे पर कुल 8 कंपनियों की एक्सचेंजों में एंट्री होगी. एक कंपनी का IPO मेनबोर्ड सेगमेंट में होगा, जबकि दूसरा SME सेगमेंट में लॉन्च होगा.

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Tuesday, 21 May, 2024
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देश में आम चुनाव हो रहे हैं, लेकिन उसके बावजूद शेयर मार्केट में काफी चहल-पहल है. अगले हफ्ते भी दो नए आईपीओ लॉन्च होने जा रहे हैं. इसमें एक मेनबोर्ड और एक SME आईपीओ है. ये Awfis Space Solutions और GSM Foils  का IPO है. इसके अलावा आप पहले से खुले हरिओम आटा और रुल्का इलेक्ट्रिकल्स के आईपीओ में भी पैसा लगा सकते हैं. वहीं, अगले हफ्ते स्टॉक एक्सचेंजों पर 8 नए शेयर भी लिस्ट होने जा रहे हैं. ये शेयर ग्रे मार्केट में अच्छे खासे प्रीमियम के साथ ट्रेड करते दिखे हैं.

औफिस स्पेस सोल्यूशंस (Awfis Space Solutions)

इस हफ्ते मेनबोर्ड सेगमेंट का यह एकमात्र IPO होगा. कंपनी का IPO 22 मई को लॉन्च किया जाएगा. वर्कप्लेस मुहैया कराने वाली यह कंपनी अपने पहले पब्लिक इश्यू के जरिये 599 करोड़ रुपये जुटाने की तैयारी में है. इश्यू के तहत 128 रुपये के फ्रेश शेयर जारी किए जाएंगे, जबकि ऑफर फॉर सेल (OFS) के तहत 1.23 करोड़ शेयरों की बिक्री की जाएगी. इन शेयरों की बिक्री प्रमोटर पीक XV पार्टनर्स इनवेस्टमेंट्स वी. पीक XV, आशीष कचौलिया आदि द्वारा की जाएगी. इस IPO के लिए प्राइस बैंड 364-383 रुपये प्रति शेयर तय किया गया है और यह 27 मई को बंद हो जाएगा.

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जीएसएम फोइल्स (GSM Foils)  

SME सेगमेंट की स्ट्राइप फॉयल्स बनाने वाली यह कंपनी 24 मई को 11 करोड़ का IPO लॉन्च करेगी. यह IPO 28 मई को बंद हो जाएगा. यह फिक्स्ड प्राइस इश्यू है, जिसका इश्यू प्राइस 32 रुपये प्रति शेयर है. इस IPO के तहत कंपनी 34.4 लाख के इक्विटी शेयर जारी करेगी. GSM फॉयल्स कैप्सूल और टैबलेट्स की पैकेजिंग के लिए स्ट्राइप फॉयल्स बनाती है.

इन कंपनियों को होगी लिस्टिंग

इस हफ्ते मेनबोर्ड सेगमेंट की एकमात्र कंपनी गो डिजिट जनरल इंश्योरेंस (GO DIGIT General Insurance) की एक्सचेंजों में 23 मई को लिस्टिंग होगी. इश्यू प्राइस 272 रुपये तय किया जा सकता है. ग्रे मार्केट कंपनी को लेकर ज्यादा उत्साहित नजर नहीं आ रहा है. बाजार पर नजर रखने वालों का कहना है कि इस IPO के शेयर अपर प्राइस बैंड से तकरीबन 5-6 गुना प्रीमियम पर ट्रेड कर रहे हैं. ग्रे मार्केट लिस्टिंग से पहले तक IPO शेयरों की ट्रेडिंग का गैर-आधिकारिक प्लेटफॉर्म होता है. 15-17 मई के बीच लॉन्च हुए 2,615 करोड़ रुपये के इस IPO को 9.6 गुना सब्सक्रिप्शन मिला था. इसके अलावा, SME सेगमेंट की 7 कंपनियों की लिस्टिंग भी होनी है.