पुणे एयरपोर्ट पर मिलेंगी तमाम सुविधाएं, जल्द लॉन्च होगा रिटेल एंड को-वर्किंग सेंटर

पुणे एयरपोर्ट पर रिटेल और को-वर्किंग सेंटर तैयार किया जा रहा है, जिसकी लॉन्चिंग 15 अक्टूबर होगी.

Last Modified:
Monday, 18 July, 2022
रिटेल एंड को-वर्किंग सेंटर

पुणे एयरपोर्ट से यात्रा करने वालों को जल्द ही एक नया अनुभव होगा. इसकी वजह है एयरपोर्ट पर खुलने वाला रिटेल और को-वर्किंग सेंटर. ANAROCK Group और Pebbles Infra-Tech Pvt. Ltd द्वारा तैयार किए जा रहे इस सेंटर की लॉन्चिंग डेट 15 अक्टूबर निर्धारित की गई है. इस सेंटर में शॉपिंग, ऑफिस, को-वर्किंग, फूड कोर्ट और मल्टी-लेवल कार पार्क (MLCP) भी शामिल है.

दूर होगी पार्किंग की समस्या
पुणे एयरपोर्ट पर पार्किंग एक बड़ा मुद्दा है, कई बार जगह न होने पर लोग बाहर ही गाड़ी लगा देते हैं, जिससे स्थिति बद से बदतर हो जाती है. ऐसे में मल्टी-लेवल कार पार्किंग इस समस्या को हल कर सकती है. इसके अलावा, रिटेल सेंटर शुरू होने पर एयरपोर्ट आने वालों को कई अन्य तरह की सुविधाएं भी मिलेंगी. 

PPP मॉडल पर निर्माण
ANAROCK रिटेल के निदेशक मयंक शरन ने बताया कि एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया के साथ पीपीपी मॉडल के तहत पुणे हवाई अड्डे के नए रिटेल और को-वर्किंग परिसर का निर्माण किया जा रहा है. रिटेल स्पेस हाई-एंड इलेक्ट्रॉनिक्स, F&B आउटलेट आदि के लिए आदर्श रूप से अनुकूल है और हम इसे उसी अनुसार किराए पर दे रहे हैं.

इन कंपनियों ने दर्शाई तैयारी
मयंक शरन के मुताबिक, क्रोमा, मैकडॉनल्ड्स, स्टारबक्स, स्पाईकर, जूडियो और कॉस्मेटिक्स रिटेलर शुगर जैसे कुछ ब्रांड पहले ही यहां अपने आउटलेट खोलने के लिए तैयार हैं. वहीं, Decathlon जैसे अन्य हाई-रिकॉल एंकरों के साथ भी चर्चा चल रही है.  

यूनिक होगा सेंटर
पेबल्स इंफ्रा-टेक प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक सुनील नाहर के अनुसार, पुणे एयरपोर्ट पर यह मिश्रित उपयोग वाला परिसर इसलिए यूनिक होगा, क्योंकि यह यात्रियों की सेवा करने के साथ-साथ एक स्वतंत्र रिटेल और को-वर्किंग डेस्टिनेशन भी है. बता दें कि पुणे हवाई अड्डा लोहेगांव वायु सेना स्टेशन के साथ भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण द्वारा संचालित एक सिविल एन्क्लेव है. एयरपोर्ट ने 2020 में कोरोना महामारी के दौरान भी 8 मिलियन से अधिक यात्रियों को संभाला. हवाई अड्डे का नया एकीकृत टर्मिनल भवन, जिसकी लागत अब तक 475 करोड़ रुपये से अधिक है, पीक आवर्स में 2,300 यात्रियों को संभालने में सक्षम होगा.


क्‍या जल्‍द ही खत्‍म होने वाली है देश की कोयले पर निर्भरता…सामने आया चौंकाने वाला आंकड़ा 

रिपोर्ट बताती है कि भारत में सरकार की नीतियों और रेग्‍यूलेटर के समर्थन के कारण रिन्‍यूएबल एनर्जी के उत्‍पादन में तेजी से इजाफा हो रहा है. 

Last Modified:
Wednesday, 15 May, 2024
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कोयले का इस्‍तेमाल भारत में आज से नहीं बल्कि आजादी के पहले से ही अपनी जरूरतों को पूरा करने के भरपूर मात्रा में किया जाता रहा है. आंकड़े बताते हैं कि कोयले का दोहन वक्‍त के साथ पहली बार बढ़ा है. लेकिन पर्यावरण के लिए खतरनाक कोयले के दोहन को लेकर एक सकारात्‍मक खबर सामने आई है. बिजली के लिए कोयले के इस्‍तेमाल के शेयर में कमी आई है. जबकि कोयला बिजली बनाने के काम में अभी भी सबसे बड़े शेयर के साथ टॉप पर बना हुआ है. रिपोर्ट बता रही है कि कोयले के शेयर में कमी रिन्‍यूएबल एनर्जी के उत्‍पादन में लगातार हो रहे इजाफे के कारण हुई है. 

आखिर क्‍या कह रहे हैं कोयला इस्‍तेमाल के आंकड़े? 
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, रिपोर्ट के आंकड़े कह रहे हैं कि हमारे देश में बनने वाली बिजली के शेयर में कोयले की हिस्‍सेदारी 50 प्रतिशत से नीचे चली गई है. हालांकि हमारे देश पावर के लिए कोयले पर निर्भरता अभी भी 70 प्रतिशत बनी हुई है. जबकि रिन्‍यूएबल एनर्जी बिजली उत्‍पादन के लिए 71.5 प्रतिशत जिम्‍मेदार है जिससे आज देश में 13669 मेगावाट बिजली का उत्‍पादन हो रहा है. ये वो पावर है जो 2024 के पहले क्‍वॉर्टर में जोड़ी गई है. IEEFA की ओर से जारी की गई रिपोर्ट के अनुसार, देश में बड़े पैमाने पर रिन्‍यूएबल एनर्जी के प्‍लांट स्‍थापित किए जा रहे हैं जिनकी क्षमता अब तक 69 गीगावाट तक पहुंच चुकी है. ये सरकार की 50 गीगावाट की क्षमता के लक्ष्‍य को पार कर चुकी है. 

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क्‍या बोले IEEFA के डॉयरेक्‍टर? 
इस रिपोर्ट को जारी करते हुए IEEFA के डॉयरेक्‍टर विभूति गर्ग ने कहा कि 2019 से लेकर 2022 तक पिछले कुछ कारणों के चलते जिनमें आपूर्ति-श्रृंखला(स्‍प्‍लाई चेन) के मुद्दों, कोविड-19 महामारी और रूस के यूक्रेन पर आक्रमण के कारण वैश्विक कीमतों में बढ़ोतरी के कारण बिजली उत्पादन क्षमता में कमी आई है. इस दौरान 2019 से 2022 तक मंदी का भी सामना उत्‍पादन से जुड़ी ईकाइयों को देखने पड़ा. उन्‍होंने कहा कि इस मामले में निवेशकों की दिलचस्‍पी बढ़ रही है और सरकार से लेकर रेग्‍यूलेटर के समर्थन के कारण इसका बाजार तेजी से उभर रहा है. 

दुनिया के टॉप सोलर प्रोडक्‍शन देशों में शामिल है भारत 
भारत में जिस तेजी से सोलर ऊर्जा का उत्‍पादन हो रहा है उससे आज हम दुनिया के कई टॉप देशों में शामिल हो गए हैं. आज भारत में रिन्‍यूएबल एनर्जी का जिस तेजी से उत्‍पादन हो रहा है उससे भारत तीन टॉप देशों में शामिल हो गया है. अमेरिका और चीन के बाद भारत ऐसा देश है जो सोलर ऊर्जा के उत्‍पादन को लेकर काम कर रहा है. इस दिशा में हाल ही एंबर की रिपोर्ट जारी हुई है जिसमें भारत की इस स्थिति का जिक्र किया गया है. जबकि भारत 2015 में इस टेली में 9वें नंबर पर था. भारत ने इस टेली में जापान को भी पीछे छोड़ दिया है. वहीं अगर 2023 के आंकड़ों के अनुसार देश में ऊर्जा उत्‍पादन के आंकड़ों को देखें तो भारत में 18 टेरावॉट घंटे प्रति TWH रहा है. जबकि अमेरिका में +33 टेरावॉट घंटे प्रति TWH, चीन में +156 टेरावाट घंटे प्रति TWH और ब्राजील में +22Twh टेरावाट शामिल है. 


SBI ग्राहकों के लिए खुशखबरी, अब बैंक में जमा रुपयों पर मिलेगा अधिक ब्याज

भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने FD पर मिलने वाले ब्याज दर को बढ़ा दिया है. नई एफडी दरें आज (15 मई) से प्रभावी होंगी.

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Wednesday, 15 May, 2024
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भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने रीटेल डिपॉजिट (2 करोड़ रुपये तक) और बल्क डिपॉजिट (2 करोड़ रुपये से अधिक) पर निश्चित अवधि के लिए अपनी सावधि जमा ब्याज दरें बढ़ा दी हैं. नई एफडी दरें 15 मई, 2024 से प्रभावी होंगी. वहीं इससे पहले बैंक ने आखिरी बार 27 दिसंबर 2023 को एफडी पर ब्याज दरों में बढ़ोतरी की थी. तो चलिए जानते हैं अब आपको एफडी पर बैंक कितना ब्याज देगा?

2 करोड़ रुपये से कम की FD पर मिलेगा इतना ब्याज
बैंक ने 46 दिनों से 179 दिनों के बीच मैच्योर होने वाले डिपॉजिट पर अपनी एफडी ब्याज दरों में 75 आधार अंक (बीपीएस) की बढ़ोतरी की है, जो 4.75 से बढ़कर 5.50 प्रतिशत हो गई है. सीनियर सिटीजन के लिए बैंक ने समान अवधि पर ब्याज दर 5.25 से बढ़ाकर 6 प्रतिशत कर दिया है. वहीं, एसबीआई ने सामान्य नागरिकों के लिए 180 दिनों से 210 दिनों की अवधि पर ब्याज दर 25 बीपीएस बढ़ाकर 5.75 से 6 प्रतिशत कर दिया है. वहीं, बैंक ने 211 दिनों से लेकर 1 वर्ष से कम अवधि पर एफडी रेट में 25 बीपीएस की बढ़ोतरी की है, सामान्य नागरिकों के लिए इसे 6 से बढ़ाकर 6.25 प्रतिशत और वरिष्ठ नागरिकों के लिए 6.50 से 6.75 प्रतिशत कर दिया है.

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बल्क डिपॉजिट पर ब्याज
बैंक ने 7 से 45 दिनों की अवधि के लिए बल्क डिपॉजिट पर ब्याज दरों में 25 आधार अंकों की वृद्धि की है, जिससे सामान्य नागरिकों के लिए दर 5 से बढ़कर 5.25 प्रतिशत हो गई है. वरिष्ठ नागरिकों के लिए बैंक ने समान अवधि पर 5.50 से बढ़ाकर 5.75 प्रतिशत कर दिया है. 46 दिनों से 179 दिनों के बीच कार्यकाल वाले सामान्य नागरिकों के लिए बैंक ने दरों में 5.75 से 6.25 प्रतिशत तक 50 बीपीएस की बढ़ोतरी की है. बैंक ने समान अवधि पर वरिष्ठ नागरिकों के लिए ब्याज दर 6.25 से बढ़ाकर 6.75 प्रतिशत कर दी है. वहीं, बैंक ने सामान्य नागरिकों के लिए 180 दिन से 210 दिन के कार्यकाल पर 10 बीपीएस की बढ़ोतरी 6.50 से बढ़ाकर 6.60 प्रतिशत और वरिष्ठ नागरिकों के लिए 7 से 7.10 प्रतिशत कर दी है. बैंक ने 1 वर्ष से 2 वर्ष से कम अवधि के लिए सावधि जमा ब्याज दर में 20 बीपीएस की बढ़ोतरी कर इसे 6.80 से 7 प्रतिशत कर दिया है. 2 साल से 3 साल से कम के कार्यकाल के लिए बैंक ने सामान्य नागरिकों के लिए 6.75 से बढ़ाकर 7 प्रतिशत कर दिया है और वरिष्ठ नागरिकों के लिए बैंक ने 7.25 से बढ़ाकर 7.50 प्रतिशत कर दिया है.

 


समुद्र के बीच इस दिन होगा अनंत-राधिका का दूसरा प्री-वेडिंग, जानिए क्या होगा खास?

अनंत अंबानी और राधिका मर्चेंट के दूसरे प्री-वेडिंग सेलिब्रेशन की तैयारियां शुरू हो गई हैं. इस बार का प्री-वेडिंग सेलिब्रेशन विदेश में होगा.

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Wednesday, 15 May, 2024
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रिलायंस इंडस्ट्रीज के मालिक और दिग्गज कारोबारी मुकेश अंबानी  के छोटे बेटे अनंत अंबानी का दूसरा प्री-वेडिंग फंक्शन जल्द ही होने जा रहा है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, दूसरा प्री-वेडिंग फंक्शन 28 से 30 मई के बीच होगा. दूसरा प्री-वेडिंग सेलिब्रेशन समुद्र के बीचों-बीच क्रूज शिप पर होगा. क्रूज शिप इटली के सिटी पोर्ट से रवाना होगा और सदर्न फ्रांस में जाकर इसकी यात्रा खत्म होगी. इस सेलिब्रेशन को लेकर तैयारियां चल रही हैं. अनंत अंबानी और राधिका 12 जुलाई को शादी के बंधन में बंधेंगे.

कितने मेहमानों के आने का है अनुमान

अनंत-राधिका के इस सेलिब्रेशन में करीब 800 मेहमान शामिल होंने का अनुमान है जिसके लिए जोरशोर से तैयारियां चल रही हैं. मुकेश अंबानी और नीता अंबानी अपने बेटे-बहू के प्री-वेडिंग सेलिब्रेशन को यादगार बनाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेंगे और माना जा रहा है कि इसके लिए क्रूज शिप पर 600 स्टाफ मेंबर्स को तैनात किया जा रहा है जो सिलेब्रिटी मेहमानों के रहने-खाने से लेकर हर जरूरत का खास ख्याल रखेंगे.

प्री वेडिंग में भी लगेगा बॉलीवुड का तड़का

यह सेलिब्रेशन 28 से 30 मई तक होगा. इसमें अंबानी परिवार से जुड़े खास लोग शामिल होंगे. बॉलीवुड से तीनों खान, बच्चन और कपूर फैमिली के पहुंचने के चासेंज हैं. इसके अलावा बिजनेस जगत से भी कई नामचीन हस्तियां इस क्रूज शिप सेलिब्रेशन में शरीक हो सकती हैं. बता दें कि पहले प्री-वेडिंग सेलिब्रेशन में 1000 से ज्यादा मेहमान जामनगर पहुंचे थे. जहां तक शादी की बात है, तो यह मुंबई के जियो वर्ल्ड सेंटर में ही जुलाई में हो सकती है.

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समुद्र के बीच होगा सेलिब्रेशन

यूरोप की कई कंट्रीज समुद्र से कनेक्टेड हैं. UK, इटली, फ्रांस और स्पेन एक-दूसरे से समुद्र से जुड़े हुए हैं. ऐसे में यहां क्रूज शिप टूरिज्म काफी फेमस है. अंबानी का क्रूज शिप इटली से रवाना होकर सदर्न फ्रांस में अपनी यात्रा पूरी करेगा. सदर्न फ्रांस भी अपने आप में काफी फेमस है. ये जगह अपने आकर्षक तट, सुंदर नीले समुद्र और खूबसूरत शहरों के लिए जानी जाती है. अगर किसी व्यक्ति को यहां के किसी साधारण क्रूज शिप पर पार्टी करनी है, तो उसे 500 से 1000 डॉलर यानी लगभग 84,000 हजार रुपए खर्च करने होंगे. 

मार्च में हुआ था पहला प्री-वेडिंग सेलिब्रेशन

इससे पहले गुजरात के जामनगर में अनंत-राधिका के प्री-वेडिंग फंक्शन रखे गए थे. ये फंक्शन 1 मार्च से 3 मार्च तक चले थे. रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस प्री-वेडिंग फंक्शन पर 1200 करोड़ रुपए खर्च किए गए थे. अनंत को जामनगर से विशेष लगाव है, इसलिए ये फंक्शन वहां स्थित रिलायंस टाउनशिप में रखे गए थे. इंटरनेशनल स्टार्स रिहाना और एकॉन ने भी यहां परफॉर्म किया था. बिजनेस, राजनीति और बॉलीवुड जगत के लगभग सारे बड़े लोगों का यहां जमावड़ा था.
 


डेस्कटॉप-लैपटॉप नहीं, अब ट्रेडिंग के लिए मोबाइल है ट्रेंड में; आंकड़े दे रहे गवाही 

हर रोज नए निवेशक शेयर बाजार से जुड़ रहे हैं, उसमें मोबाइल पर ट्रेडिंग करने वालों की संख्या ज्यादा है.

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Wednesday, 15 May, 2024
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शेयर बाजार (Stock Market) में भले ही लाख जोखिम हों, लेकिन इसमें किस्मत आजमाने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है. खास बात यह है कि लोग मोबाइल के जरिए ट्रेडिंग को ज्यादा तवज्जो दे रहे हैं. बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) के आंकड़े इसकी पुष्टि करते हैं. इन आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल में कुल ट्रेडिंग वॉल्यूम का एक-चौथाई हिस्सा मोबाइल ट्रेडिंग ऐप से आया. कुल ट्रेडिंग में मोबाइल ट्रेडिंग की हिस्सेदारी लगातार बढ़ रही है. 

NSE पर भी बढ़ी हिस्सेदारी
साल 2010 में कुल ट्रेडिंग में मोबाइल फोन से होने वाली ट्रेडिंग का हिस्सा मात्र 0.02% था, जो इस साल मार्च में बढ़कर करीब 17% पर आ गया था. वहीं, अप्रैल में नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) पर मोबाइल ट्रेडिंग की हिस्सेदारी लगभग 21% रही. एक्सपर्ट्स का कहना है कि मोबाइल फोन के माध्यम से होने वाली ट्रेडिंग में उछाल के लिए कई फैक्टर्स को जिम्मेदार हैं. इसमें सबसे महत्वपूर्ण है ट्रेडिंग ऐप्स का आसान और इनोवेटिव होना. इन ऐप्स ने ट्रेडिंग को काफी आसान बना दिया है.

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ये भी है उछाल की वजह
मार्केट एक्सपर्ट्स के अनुसार, ट्रेडिंग के लिए मोबाइल की लोकप्रियता रिटेल इनवेस्टर्स के बीच तो बढ़ी ही है, ट्रेडर्स भी बड़ी संख्या में इसका इस्तेमाल करने लगे हैं. उनका कहना है कि मोबाइल प्लेटफॉर्म पर अनुभव अब वैसा ही होता है, जैसा कि डेस्कटॉप या लैपटॉप पर, इसलिए निवेशक इसके इस्तेमाल को तवज्जो देते हैं. यह बात भी सामने आई है कि शेयर बाजार से जुड़ रहे अधिकांश नए निवेशक छोटे शहरों से हैं और वे लैपटॉप-डेस्कटॉप के बजाए मोबाइल के इस्तेमाल में ज्यादा सहज हैं. ऐसे में जब बात ट्रेडिंग की आती है, तो वे मोबाइल को ही प्राथमिकता देते हैं. 

आज ऐसा रहा बाजार का हाल
वहीं, बाजार के हाल की बात करें तो आज स्टॉक मार्केट गिरावट के साथ बंद हुआ. बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का सेंसेक्स 117.58 अंकों की नरमी के साथ 72,987.03 और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 17.30 अंक फिसलकर 22,200.55 पर बंद हुआ. इस दौरान, HDFC Bank और Reliance Industries जैसे हैवीवेट शेयर भी लाल निशान पर कारोबार करते नजर आए. HDFC बैंक के शेयर 1.38% लुढ़ककर 1,440.80 और रिलायंस के शेयर 0.30% गिरकर 2,831.70 रुपए पर पहुंच गए. पंजाब नेशनल बैंक के शेयरों में भी आज गिरावट आई. जबकि यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के शेयर 4.04% की बढ़त हासिल करने में कामयाब रहे. यह शेयर 139.05 रुपए के भाव पर मिल रहा है.

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देश में एक्‍सपोर्ट-इंपोर्ट में हुआ इजाफा,इस चौंकाने वाले आंकड़े पर पहुंचा वित्‍तीय घाटा 

जिन सेक्‍टरों में ज्‍यादा एक्‍सपोर्ट इंपोर्ट हुआ है उनमें टेलीकम्‍यूनिकेशन, कंप्‍यूटर, और आईटी सेक्‍टर शामिल है. इसी तरह ट्रैवल, और रिक्रिएशनल सर्विसेज, कंस्‍ट्रक्‍शन शामिल हैं.

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Wednesday, 15 May, 2024
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अप्रैल महीने के व्‍यापार के आंकड़े सामने आ गए हैं. देश के एक्‍सपोर्ट में जहां पिछले साल के अप्रैल से इस साल बड़ा इजाफा देखने को मिला है. देश में जहां अप्रैल में 64.56 बिलियन डॉलर का एक्‍सपोर्ट हुआ है वहीं इंपोर्ट में भी बड़ा इजाफा हुआ है. इन सभी से परे वित्तिय घाटे के आंकड़े और भी चौंकाने वाले हैं. वित्‍तीय घाटा अप्रैल 24 में 6.51 बिलियन डॉलर रहा है जबकि पिछले साल अप्रैल 23 में ये 2.62 बिलियन डॉलर था. 

पिछले साल से एक्‍सपोर्ट इंपोर्ट में कितना हुआ इजाफा? 
देश में अप्रैल में पिछले साल अप्रैल में जहां एक्‍सपोर्ट 60.40 बिलियन डॉलर था वहीं इस साल अप्रैल में ये 64.56 बिलियन डॉलर रहा है. इसी तरह इंपोर्ट पर नजर डालें तो पिछले साल अप्रैल में 63.02 प्रतिशत था वहीं इस साल अप्रैल में इंपोर्ट 71.07 प्रतिशत रहा है. इंपोर्ट में 8 प्रतिशत का इजाफा हुआ है. इसी तरह से वित्तिय घाटे में भी बड़ा इजाफा हुआ है. वित्‍तीय घाटा अप्रैल 24 में 6.51 बिलियन डॉलर रहा है जबकि पिछले साल अप्रैल 23 में ये 2.62 बिलियन डॉलर था. 

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इन सेक्‍टरों ने किया है एक्‍सपोर्ट में बेहतरीन प्रदर्शन 
जिन सेक्‍टरों ने एक्‍सपोर्ट में बेहतरीन प्रदर्शन किया है उनमें सर्विस सेक्‍टर में टेलीकम्‍यूनिकेशन, कंप्‍यूटर, और आईटी सेक्‍टर शामिल है. इसी तरह ट्रैवल, फाइनेंशियल सर्विसेज, पर्सनल, कल्‍चर और रिक्रिएशनल सर्विसेज, कंस्‍ट्रक्‍शन शामिल हैं. अगर ओवरऑल एक्‍सपोर्ट की बात करें तो 2022;-23 में 776.4 यूएस बिलियन डॉलर रहा है जबकि 2023-24 में ये 778.2 बिलियन डॉलर रहा है. इसी तरह से ओवरऑल मर्चेंडाइज एक्‍सपोर्ट की बात करें तो 2022-23 में ये 451.1 बिलियन डॉलर रहा जबकि 2023-24 में ये 437.1 बिलियन डॉलर रहा है. वहीं सर्विस एक्‍सपोर्ट 2022-23 में ये 325.3 बिलियन डॉलर रहा जबकि 2023-24 में ये 341.1 बिलियन डॉलर रहा है

किन देशों को हुआ इंपोर्ट-एक्‍सपोर्ट? 
अप्रैल महीने का डाटा बता रहा है कि जिन देशों को सबसे ज्‍यादा एक्‍सपोर्ट हुआ है उनमें अमेरिका, नीदरलैंड, सिंगापुर, यूनाइटेड अरब अमीरात, फ्रांस और ब्रिटेन जैसे देश शामिल हैं. जिन देशों में कम एक्‍सपोर्ट हुआ है उनमें जर्मनी, बांग्‍लादेश और चाइना शामिल है. इसी तरह से टॉप इंपोर्ट कंपनियों पर नजर डालें तो उनमें सबसे ज्‍यादा इंपोर्ट स्विटजरलैंड, रूस, चाइना, इराक, यूएई, अमेरिका इंडोनेशिया और सउदी अरब शामिल हैं. 
 


Brightcom Group को लगा झटका, 15 जून से नहीं कर पाएंगे इस शेयर में ट्रेडिंग

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ने ब्राइटकॉम ग्रुप (Brightcom Group) के शेयर पर बैन लगाने का फैसला लिया है. अब ट्रेडर्स इसके शेयर में ट्रेडिंग नहीं कर पाएंगे.

Last Modified:
Wednesday, 15 May, 2024
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नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ने ब्राइटकॉम ग्रुप (Brightcom Group) को जोरदार झटका दिया है. दरअसल, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) ने कंपनी के शेयरों में ट्रेडिंग को आगामी 14 जून से सस्पेंड यानी बंद करने का निर्देश जारी किया है. क्या आप जानते हैं एनएसई ने से फैसला क्यों लिया है? अगर नहीं, तो चलिए आपको इसका कारण बताते हैं.

शेयर खरीद व बेच नहीं पाएंगे ट्रेडर्स
एनएसई द्वारा लगाए इस बैन के बाद अब ट्रेडर्स ब्राइटकॉम के शेयर को खरीद या बेच नहीं पाएंगे. एनएसई ने कहा है कि ब्राइटकॉम ग्रुप जब तक उसके मास्टर सर्कुलर का पालन नहीं करता है, तब तक उसके शेय़रों पर बैन जारी रहेगा.

Z कैटेगरी से भी हटाया
एनएसई द्वारा जारी किए सर्कुलर में कहा गया है कि सस्पेंशन के 15 दिनों बाद मास्टर सर्कुलर का पालन नहीं करने वाली कंपनी के शेयरों में अगले 6 महीनों तक हर हफ्ते के पहले कारोबारी दिन ट्रेड फॉर ट्रेड के आधार पर ट्रेड की अनुमति दी जाएगी. इसके साथ ही ग्रुप के शेयरों को एनएसई ने Z कैटेगरी में भी डाल दिया है. 

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क्यों लगाया बैन?
एनएसई ने कहा है कि ब्राइटकॉम ने लगातार 2 तिमाहियों यानी सितंबर 2023 और दिसंबर 2023 तिमाही तक सेबी (SEBI) के डिस्क्लोजर नियमों का पालन नहीं किया है. इसलिए ब्राइटकॉम लिमिटिड के शेयरों में 14 जून से कारोबार को सस्पेंड कर दिया जाएगा. इससे पहले फरवरी 2024 में सेबी ने प्रेफरेंशियल आधार पर शेयरों के किए गए अलॉटमेंट में अनियमितता से जुड़े मामले में समूह के प्रमोटर सुरेश कुमार रेड्डी पर शेयर बाजार में लगे बैन को हटाने से इंकार कर दिया था. इसके अलावा प्रमोटर सुरेश कुमार रेड्डी पर शेयर बाजार में सूचीबद्ध किसी भी कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर में शामिल होने पर भी रोक लगा दी थी.

सेबी की सख्ती के बाद हटाए थे सीएमडी
सेबी की सख्ती के बाद अगस्त 2023 में ग्रुप ने अपने चेयरमैन और एमडी सुरेश कुमार रेड्डी और सीएफओ नारायण राजू को पद से हटा दिया था. सेबी के अनुसार कंपनी ने न सिर्फ अकाउंटिंग फ्रॉड किया है, बल्कि शेयरों के प्रिफरेंशियल अलॉटमेंट मामले में बैंक अकाउंट स्टेटमेंट में भी हेराफेरी की है. इसके बाद से ही सेबी ने लगातार कंपनी पर सख्ती बनाई हुई है.      


 


शेयर मार्केट ने बढ़ाई वित्त मंत्री की चिंता, इस बात के लिए किया आगाह, जानिए पूरा मामला

वित्त मंत्री निर्माल सीतारमण ने BSE से कड़े अनुपालन और मजबूत रेगुलेटरी मानकों के जरिये निवेशकों का भरोसा बढ़ाने के लिए सेबी के साथ मिलकर काम करने की भी अपील की.

Last Modified:
Wednesday, 15 May, 2024
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केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आगाह किया कि खुदरा निवेशकों के जोखिम भरे फ्यूचर्स एंड ऑप्शन (F&O)  कारोबार में आने और इसमें ‘बेलगाम तेजी’ भविष्य में परिवारों की जमा-पूंजी के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकती हैं. उन्होंने शेयर बाजार BSE में एक कार्यक्रम में कहा कि फ्यूचर्स एंड ऑप्शन (F&O) खंड में खुदरा कारोबार में कोई भी बेलगाम तेजी न केवल बाजार के लिए बल्कि निवेशकों की भावनाओं और परिवार के स्तर पर जमा-पूंजी को लेकर भी आने वाले समय में समस्याएं पैदा कर सकती है.

F&O सेगमेंट पर किया आगाह

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि हम ऐसे तरीकों पर काम कर रहे हैं जिनसे कारोबार को सुविधाजनक बनाया जा सके. लेकिन जिन देशों के पास पूंजी नहीं है, उन्हें व्यापार के बिना नहीं छोड़ा जा सकता है. वे सामान खरीदना और बेचना चाहते हैं. ऐसे समाधान पर हम काम कर रहे हैं. पोस्‍ट ऑफ‍िस और बैंक ड‍िपॉज‍िट से लेकर म्यूचुअल फंड और कैप‍िटल मार्केट तक बचत में आए बदलाव पर बात करने के बाद सीतारमण ने एफएंडओ सेगमेंट पर आगाह किया.

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वित्त मंत्री की BSE से अपील

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने BSE से अपील करते हुए कहा कि आपको सख्त अनुपालन और रेगुलेटरी स्टैंडर्ड को सुनिश्चित करने के लिए सेबी के साथ मिलकर काम करना चाहिए ताकि इंवेस्टर्स का भरोसा और बढ़े. वित्त मंत्री ने इस बात पर भी जोर दिया कि घरेलू वित्त और मीडियम वर्ग के इंवेस्टर्स की भागीदारी बाजार को उतार-चढ़ाव से बचाने में सक्रिय भूमिका निभा रही है. इसलिए, उन्होंने कहा कि इंवेस्टर्स और उनके योगदान की रक्षा करने की जरूरत है.

भारतीय स्टॉक में कर रहे हैं अधिक निवेश

वित्त मंत्री ने कहा कि अधिकांश भारतीय अब शेयर बाजारों में निवेश कर रहे हैं और उनकी घरेलू बचत को मजबूती से संरक्षित किया जाना चाहिए. वित्त मंत्री ने कहा कि मध्यम वर्ग के परिवारों को एहसास है कि भले ही बाजारों में निवेश के अपने जोखिम हैं, लेकिन इसमें ज्यादा "बेहतर रिटर्न" मिलता है. सीतारमण ने कहा कि हमें शेयर बाजारों में भारतीयों द्वारा दिखाए जा रहे भरोसे की रक्षा करनी चाहिए और उसे मजबूती प्रदान करनी चाहिए. वित्त मंत्री ने कहा कि मध्यमवर्गीय परिवार के लोग अब शेयरों में निवेश के नए-नए तरीके खोज रहे हैं और डीमैट खाते खोल रहे हैं, जो पहले कभी नहीं देखा गया.
 


लोन लेकर महंगे फोन खरीदने में आगे भारतीय, जानें किस फोन की हो रही ज्यादा डिमांड?

एप्पल की iPhone 15 सीरीज और सैमसंग की S24 सीरीज को लोगों ने सबसे ज्यादा खरीदा है. जबकि एंट्री लेवल स्मार्टफोन्स की बिक्री साल-दर-साल के हिसाब से घटी है.

Last Modified:
Wednesday, 15 May, 2024
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पहले भारत के लोग लोन के नाम से भी डरा करते थे. वहीं, अब हालात ऐसे हो गए हैं कि लोन लेकर खरीदारी करना भारतीयों के जीवन का एक हिस्सा बन चुका है. लोगों को मोबाइल फोन खरीदना हो या नया घर लेना हो, सभी के लिए अब आसानी से लोन मिल जाता है. इसी बीच एक रिपोर्ट आई है जिसमें पता चला है कि भारतीयों लोग लोन लेकर महंगे स्मार्टफोन खरीद रहे हैं. तो चलिए जानते हैं कि भारतीयों के बीच लोन लेकर किन फोन की खरीदारी करने की होड़ मची है?

साल की पहली तिमाही में बिके 34 मिलियन फोन

इंटरनेशनल डेटा कॉरपोरेशन (IDC) के अनुसार भारत के स्मार्टफोन मार्केट में सालाना हिसाब से 11.5 प्रतिशत की ग्रोथ दर्ज की गई है. साल 2024 की पहली तिमाही में 34 मिलियन स्मार्टफोन की बिक्री हुई है.स तिमाही के दौरान स्मार्टफोन निर्माताओं ने अलग-अलग सेगमेंट में खूब नए फोन लॉन्च किए गए हैं। इस दौरान कंपनियों ने प्रोमोशन पर भी खूब जोर दिया है। जिसका सीधा असर यूजर्स पर भी देखने को मिला है।

इसलिए बढ़ रहा लोन लेकर फोन खरीदने का क्रेज
दरअसल, आज के समय में ढेर सारे माइक्रो फाइनेंसिंग प्लेटफॉर्म मौजूद हैं, जो आसानी से ग्राहकों को लोन उपलब्ध करा रहे हैं. साथ ही बेहद सस्ती दर और आसानी किस्तों पर लोन मौजूद है. इसके अलावा डिजिटिली भी लोन उपलब्ध है. इसका मतलब अब लोन के लिए ज्यादा दौड़भाग और पेपर वर्क करने कीभी झंझट नहीं है. ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म से लेकर यूपीआई प्लेटफॉर्म और फिनटेक कंपनियां कम दर पर लोन की सुविधा उपलब्ध करा रही हैं. ऐसे में लोन लेकर फोन खरीदने की होड़ मची है. मार्केट में ऑनलाइन शॉपिंग प्लेटफॉर्म अमेजन और फ्लिपकार्ट के द्वारा भी फोन पर डिस्काउंट दिए जाते हैं. ऐसे में अधिकतर लोग डिस्काउंट के लालच में लोन पर भी फोन खरीदने के लिए तैयार हो जाते हैं.

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इस बजट के स्मार्टफोन्स की डिमांड
आईडीसी की रिपोर्ट के अनुसार 8,000 से 12,000 हजार की कीमत वाले स्मार्टफोन की डिमांड में गिरावट दर्ज की गई है. इन स्मार्टफोन की खरीदारी में 14 प्रतिशत तक की कमी देखने को मिली है. वहीं, 15 हजार से 20 हजार रुपये के मिड बजट सेमगेंट के स्मार्टफोन की सेल में बढ़ोतरी दर्ज किया गया है. इसमें पिछले साल के मुकाबले में 22 प्रतिशत की ग्रोथ दर्ज की गई है.

सबसे ज्यादा डिमांड में हैं ये फोन
रिपोर्ट के अनुसार भारतीय लोन लेकर सबसे ज्यादा iPhone 14, iPhone 15, iPhone 14 Plus, Redmi 13CVivo T2x, Samsung Galaxy A15, Vivo Y28, Apple iPhone14, इन फोन की खरीदारी कर रहे हैं. ये फोन काफी डिमांड में हैं.
 
 


LIC को SEBI से ऐसी क्‍या मिली खुशखबरी कि झूम उठे कंपनी के शेयर? 

एलआईसी के शेयरों की स्थिति पर नजर डालें तो बुधवार को उनमें 5 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी देखने को मिली. बुधवार को कंपनी का शेयर 977.50 रुपये पर ट्रेड कर रहा है. 

Last Modified:
Wednesday, 15 May, 2024
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देश की सबसे बड़ी लाइफ इंश्‍योरेंस कंपनी एलआईसी(LIC) को MPC (Minimum Public Holding) को पाने के लिए सेबी की ओर से 3 साल का अतिरिक्‍त समय मिल गया है. इससे पहले भारत सरकार के इकोनॉमिक अफेयर्स से लेकर वित्‍त मंत्रालय तक ने 10 साल का समय दे दिया है. इस खबर के आने के बाद एलआईसी के शेयरों में जबरदस्‍त बढ़त देखने को मिल रही है. 

आखिर क्‍या है ये पूरा मामला? 
दरअसल नियम ये है कि किसी भी सार्वजनिक क्षेत्र कंपनी में पब्लिक होल्डिंग 25 प्रतिशत तक होनी चाहिए. लेकिन मौजूदा समय में एलआईसी की स्थिति पर नजर डालें तो उसमें सरकार की हिस्‍सेदारी 96.5 प्रतिशत की है. सरकार ने आईपीओ के माध्‍यम से एलआईसी में 3.5 प्रतिशत यानी 22.13 करोड़ शेयरों को बेचा है. नियम के अनुसार सरकार को इसमें अपनी हिससेदारी को और कम करना है और पब्लिक यानी आम आदमी की हिस्‍सेदारी 25 प्रतिशत तक लानी है. सेबी ने इसी 25 प्रतिशत हिस्‍सेदारी को लाने के लिए एलआईसी को 3 साल का और समय दे दिया है. 

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इस खबर से झूम उठे एलआईसी के शेयर 
एलआईसी को 3 साल का समय दिए जाने की खबर जैसे ही सामने आई उसका सीधा असर कंपनी के शेयरों पर देखने को मिला. कंपनी का शेयर बुधवार को 934 रुपये पर खुला था. लेकिन खबर लिखे जाने तक कंपनी का शेयर 977.50 रुपये पर ट्रेड कर रहा था. कंपनी के शेयर में 4.99 प्रतिशत की बढ़ोतरी देखने को मिली. कंपनी का मार्केट कैप 6.18 लाख करोड़ रुपये रहा. एलआईसी के शेयर का 52 हफ्तों का हाई 1175 रुपये रहा है जबकि 52 हफ्तों का लो 561 रुपये रहा है. 

क्‍या है MPC का नियम? 
मिनिमम पब्लिक होल्डिंग का नियम कहता है कि किसी भी लिस्‍टेड कंपनी में आम निवेशक की हिस्‍सेदारी 25 प्रतिशत तक होनी चाहिए. दरअसल किसी भी कंपनी में दो तरह के निवेशक होते हैं. एक वो होते हैं जो कंपनी को शुरू करते हैं और उन्‍हें प्रमोटर कहते हैं. दूसरे आम निवेशक होते हैं जो कंपनी में पैसा लगाते हैं. सेबी का नियम कहता है कि किसी भी लिस्‍टेड कंपनी में प्रमोटर में अपनी हिस्‍सेदारी को 65 प्रतिशत से ज्‍यादा 75 प्रतिशत तक ले जा सकते हैं. लेकिन एलआईसी में ये हिस्‍सेदारी 96 प्रतिशत तक है. ऐसे में सरकार को अपनी हिस्‍सेदारी काफी और कम करनी है. सरकार उसके लिए आने वाले समय में क्‍या रास्‍ता अपनाती है ये आने वाला वक्‍त ही बताएगा. 
 


इस Bank ने लॉन्च किया अपना पहला वर्चुअल क्रेडिट कार्ड, ऐसे करें आवेदन

HDFC Bank ने नया वर्चुअल क्रेडिट कार्ड 'Pixel' लॉन्च किया है. यह 100 प्रतिशत डिजिटल है. इसके साथ यूजर्स को कई सुविधाओं का लाभ मिलेगा.

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Wednesday, 15 May, 2024
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देश के सबसे बड़े प्राइवेट बैंक एचडीएफसी (HDFC) बैंक ने अपना पहला वर्चुअल क्रेडिट कार्ड 'PIXEL' लॉन्च किया है. यह कार्ड वीजा नेटवर्क के साथ लॉन्च किया गया है. एचडीएफसी बैंक का यह वर्चुअल क्रेडिट कार्ड दो वैरिएंट्स में उपलब्ध है, पहला पिक्स्ल प्ले (PIXEL Play) और दूसरा पिक्स्ल गो (PIXEL Go), यूजर्स कार्ड में अपने हिसाब से ऑफर और बेनिफिट का विकल्प चुन सकते हैं, यह कार्ड ग्राहकों के लाइफस्टाइल के अनुकूल कस्टमाइज बेनेफिट्स प्रदान करता है. तो चलिए जानते हैं इस कार्ड के लिए आप आवेदन कैसे कर सकते हैं और इसमें क्या सुविधाएं मिलेंगी?

एनुअल फीस 500 रुपये
पिक्सल क्रेडिट कार्ड के दो वेरिएंट्स मिलेंगे, जिसमें पिक्सल प्ले (PIXEL Play) और पिक्सल गो (PIXEL GO) शामिल हैं. पिक्सल प्ले को पर्सनल लाभ के साथ खुद के कार्ड बनाने की अनुमति होती है. वहीं, पिक्सल गो को शुरुआती लोगों के लिए डिजाइन किया गया है, यह क्रेडिट स्कोर बनाने में मदद करता है. कार्ड की एनुअल फीस 500 रुपये होगी.

100 प्रतिशत डिजिटल होगा क्रेडिट कार्ड
बैंक के ऑफिशियल वेबसाइट के अनुसार पिक्सल क्रेडिट कार्ड 100 प्रतिशत डिजिटल है. इसमें डॉक्यूमेंट्स, ईमेल और कॉलिंग की जरूरत भी नहीं पड़ती है. इस डिजिटल कार्ड में स्पाइप और स्वाइप के जरिए भी भुगतान किया जा सकता है. बैंक ने कहा है कि अभी ये कार्ड वीजा नेटवर्क के साथ लॉन्च किया गया है, बाद में अन्य नेटवर्क के साथ भी लॉन्च किया जाएगा. ग्राहक Payzapp के जरिए ईएमआई रिपेमेंट कर सकते हैं. बैंक की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि पेजैप ऐप के जरिए क्रेडिट कार्ड यूजर्स को कार्ड कंट्रोल, रिवॉर्ड, ईएमआई डैशबोर्ड, नोटिफिकेशन, स्टेटमेंट, रीपेमेंट, हाटलिस्टिंग, विवाद आदि सुविधाएं मिल सकती हैं. 

ऐसे करें इस्तेमाल
सबसे पहले ग्राहक को बैंक का PayZapp ऐप इन्स्टॉल करना होगा. इसके बाद ‘Apply Now For PIXEL Play’ के लिंक पर क्लिक करें और रजिस्ट्रेशन करें. इस प्रक्रिया के बाद आपको डिजिटल क्रेडिट कार्ड मिल जाएगा. आपको इसी ऐप पर ही रिवार्ड्स, ईएमआई, स्टेटमेंट्स, कार्ड ब्लॉक और अन्य सेवाएं उपलब्ध होंगी.

इन खर्चों पर मिलेंगे रिवार्ड्स
1. आपको  डाइनिंग एवं एंटरटेंमेंट कैटेगरी- बुक MyShow और  Zomato, ट्रैवल कैटेगरी- मेक माय ट्रिप और उबर, Grocery कैटेगरी- Blinkit और रिलायंस स्मार्ट बाजार, इलेक्ट्रॉनिक्स कैटेगरी- क्रोमा और रिलायंस डिजिटल, फैशन कैटेगरी- Nykaa और Myntra, इनमें से दो पैक पर 5 प्रतिशत कैशबैक मिलेगा.

2. Amazon या फ्लिपकार्ट या PayZapp, इन ई-कॉमर्स वेबसाइट पर 3 प्रतिशत का कैशबैक मिलेगा. 
3.अन्य खर्चों पर 1 प्रतिशत का अनलिमिटेड कैशबैक मिलेगा.

कार्ड प्राप्त करने के लिए ये होंगी शर्तें
इस क्रेडिट कार्ड के लिए 21 वर्ष से लेकर 60 वर्ष आयु वर्ग के वेतनभोगी (Salaried) यूजर्स आवेदन कर सकते हैं. यूजर्स का मासिक वेतन 25 हजार रुपये होना चाहिए. सेल्फ एम्पलॉयड ग्राहक, जिनकी उम्र 21-65 वर्ष के बीच है और आईटीआर 6 लाख रुपये सलाना है, वे आवेदन कर सकते हैं.