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प्राइवेट इंश्योरेंस कंपनियों से फिर पीछे छूटा LIC, जानिए क्या है वजह?
अप्रैल का महीना इंश्योरेंस कंपनियों के लिए कुछ खास नहीं था और इस महीने के दौरान कंपनियों की वृद्धि की गति सुस्त पड़ती नजर आई थी.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 10 months ago
देश में इस वक्त इंश्योरेंस की मांग में वृद्धि देखने को मिल रही है जिसकी वजह से इंश्योरेंस क्षेत्र की कंपनियों की कमाई में भी वृद्धि देखने को मिल रही है. लेकिन इंश्योरेंस की बढ़ती मांग के बावजूद, सरकारी इंश्योरेंस कंपनी LIC की कमाई में कमी देखने को मिल रही है और साथ ही इसकी वृद्धि की रफ्तार भी धीमी पड़ती नजर आ रही है.
कैसा रहा अप्रैल का महीना?
प्राइवेट इंश्योरेंस कंपनियों ने मई के महीने में अपने APE (Annual Premium Equivalent) में 10% की वृद्धि दर्ज की है. अप्रैल का महीना इंश्योरेंस कंपनियों के लिए कुछ खास नहीं था और इस महीने के दौरान कंपनियों की वृद्धि की गति सुस्त पड़ती नजर आई थी. साथ ही, सरकारी इंश्योरेंस कंपनी LIC (जीवन बीमा कॉर्पोरेशन) में 6% की गिरावट भी दर्ज की गई थी. दूसरी तरफ HDFC लाइफ और SBI लाइफ जैसी कंपनियों में सबसे ज्यादा वृद्धि देखने को मिली थी.
क्या है स्लोडाउन की वजह?
अप्रैल के महीने में ही इंश्योरेंस कंपनियों को स्लोडाउन का सामना क्यों पड़ा? मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो उच्च बेस इफेक्ट (High Base Effect) की वजह से अप्रैल के महीने में कंपनियों को धीमी गति का सामना करना पड़ा था. कोविड महामारी के बाद जब 2022 में भारतीय इकॉनमी फिर से खुली तो इंश्योरेंस कंपनियों को 101% जितनी वृद्धि देखने को मिली थी. ICICI प्रुडेंशियल लाइफ, HDFC लाइफ और SBI लाइफ जैसी कंपनियों को जहां 8% से 10% जितनी वृद्धि देखने को मिली है वहीं प्राइवेट इंश्योरेंस कंपनियों में Max लाइफ इकलौती कंपनी है जिसकी वृद्धि की गाती में कमजोरी देखने को मिली है.
कभी उतार-कभी चढ़ाव
Kotak Institutional Equities ने एक रिसर्च रिपोर्ट में कहा है कि जहां प्राइवेट इंश्योरेंस कंपनियों के APE में 10% की वृद्धि देखने को मिली है वहीं LIC के APE में 3% की रफ्तार से वृद्धि हुई है और इसमें 6% की कमी देखने को मिली है. मार्च में जारी तेजी की वजह से अप्रैल में कंपनियों की वृद्धि की रफ्तार में कमी देखने को मिली थी और उसके बाद से ही धीरे-धीरे बिजनेस फिर से ट्रैक पर आ रहा है. पिछले 4 सालों का CAGR देखें तो मई के महीने में प्राइवेट इंश्योरेंस कंपनियों का APE, अप्रैल की तरह ही 12% के रेट पर स्थिर बना रहा.
प्राप्त हुए इतने करोड़ के प्रीमियम
जहां आदित्य बिरला की कंपनी Sun Life Insurance के APE में 33%, वहीं Tata AIA की APE में 21% की वृद्धि देखने को मिली है. वित्त वर्ष 24 के पहले 2 महीनों में इंश्योरेंस के क्षेत्र को 36,043 करोड़ रुपयों का कुल प्रीमियम प्राप्त हुआ था जो पिछले साल के मुकाबले 15% कम है. इस कमी के पीछे मुख्य रूप से वित्त वर्ष 23 के आखिरी क्वार्टर में दर्ज की गई छलांग को वजह माना जा रहा है.
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