Paytm को हुआ 928 करोड़ का प्रॉफिट, फिर भी शेयरों में भारी गिरावट, जानिए क्या है इसकी वजह?

Paytm की पैरेंट कंपनी One 97 Communications Ltd को वित्त वर्ष 2024-25 की दूसरी तिमाही में 928.3 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ, जबकि पिछले साल समान तिमाही में कंपनी 290.5 करोड़ रुपये के घाटे में थी.

Last Modified:
Tuesday, 22 October, 2024
BWHindi

फिनटेक कंपनी पेटीएम (Paytm) ने वित्त वर्ष 2024-25 की दूसरी तिमाही में तगड़ा प्रॉफिट कमाया है. दरअसल, पेटीएम ने इस साल की दूसरी तिमाही के नतीजे जारी कर दिए हैं. एक ओर कंपनी को जुलाई-सितंबर तिमाही में 930 करोड़ रुपये का प्रॉफिट हुआ है. वहीं, दूसरी ओर पेटीएम की पैरेंट कंपनी वन97 कम्युनिकेशंस के शेयरों में भारी गिरावट देखने को मिल रही है. तो चलिए जानते हैं कंपनी का प्रदर्शन कैसा रहा और इसके शेयरों में गिरावट के क्या कारण हैं?

दूसरी तिमाही में पेटीएम का प्रदर्शन
पेटीएम का दूसरी तिमाही के दौरान ऑपरेशनल रेवेन्यू 1,659.5 करोड़ रुपये रहा. यह एक साल पहले की तुलना में 34 प्रतिशत कम है. पेटीएम का टैक्स से पहले का घाटा भी सालाना आधार पर 273.3 करोड़ रुपये से बढ़कर 406.5 करोड़ रुपये हो गया. हालांकि इस तिमाही के दौरान पेटीएम ने अपना टिकटिंग बिजनेस दीपिंदर गोयल की फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म जोमैटो को बेच दिया. इस डील से पेटीएम को 1,345.4 करोड़ रुपये का असाधारण लाभ हुआ. इसकी वजह से पेटीएम का टैक्स से पहले लाभ 938.9 करोड़ रुपये हो गया है. यह पिछले साल की समान अवधि में 279 करोड़ रुपये के नुकसान से काफी बेहतर है. 

6 लाख ग्राहकों ने उठाया वित्तीय सेवाओं का लाभ
पेटीएम ने अपने प्रमुख वित्तीय सेवा ग्राहकों की संख्या की जानकारी देनी शुरू कर दी है. कंपनी ने बताया कि दूसरी तिमाही के दौरान 6 लाख ग्राहकों ने वित्तीय सेवाओं का लाभ उठाया. यह पिछली तिमाही के 5,90,000 से अधिक है. सितंबर 2024 तक पेटीएम की मर्चेंट सदस्यता 11.2 मिलियन तक पहुंच गई. तिमाही के लिए सकल व्यापारिक मूल्य (GMV) 4.5 ट्रिलियन रुपये रहा, जो तिमाही आधार पर 5 प्रतिशत अधिक है. 

इसलिए दिखी पेटीएम के शेयरों में गिरावट 
पेटीएम के लिए दूसरी तिमाही के वित्तीय नतीजे काफी सकारात्मक रहे. कंपनी ने मुनाफे की दिशा में कदम बढ़ाए हैं. अपने फाइनेंशियल मैट्रिक्स में सुधार किए हैं, लेकिन शेयर मार्केट में निवेशकों की प्रतिक्रिया से पता चलता है कि उनका रुख अभी भी कंपनी को लेकर काफी सतर्क है. खासकर कंपनी के संचालन से घटते रेवेन्यू और पिछली विनियामक चुनौतियों को देखते हुए निवेशक थोड़ा डरे हुए हैं, ऐसे में पेटीएम को शेयर बाजार में अभी सकारात्मक रिस्पॉन्स नहीं मिल रहा है, जिसके चलते शेयर में गिरावट दर्ज हो रही है. मंगलवार को पेटीएम की कंपनी वन97 कम्यूनिकेशंस 5.78 प्रतिशक की तेजी के साथ 684.00 रुपये पर बंद हुआ. बता दें, पिछले एक साल में पेटीएम से निवेशकों को करीब 25  प्रतिशत नुकसान हुआ है, लेकिन, बीते 6 महीनों में इसने 85 प्रतिशत का रिटर्न दिया है.


लावारिस शेयर के ट्रांसफर को आसान बनाने की तैयारी में SEBI, DigiLocker की लेगा मदद

DigiLocker एक डिजिटल डॉक्यूमेंट्स कलेक्शन प्लैटफार्म है, जो वर्तमान में आधार, पैन, ड्राइविंग लाइसेंस और सरकार द्वारा जारी किए गए कई अन्य दस्तावेजों को एक ही डिजिटल ऐप पर रखता है.

बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो by
Published - Wednesday, 11 December, 2024
Last Modified:
Wednesday, 11 December, 2024
BWHindia

डिजिलॉकर (DigiLocker) के बारे में आपने अक्सर सुना होगा, जहां सभी सरकारी और जरूरी दस्तावेज ऑनलाइन सुरक्षित रखे जाते हैं. अब आने वाले दिनों में शेयर या सिक्योरिटी को भी यहां रखा जा सकेगा. दरअसल, शेयर बाजार नियामक सेबी ने सिक्योरिटी मार्केट में प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करने और लावारिस संपत्तियों की संख्या कम करने के लिए मंगलवार को डिजिलॉकर के उपयोग का प्रस्ताव दिया है. SEBI ने अपने कंसलटेशन पेपर में कहा कि डिपॉजिटरी और म्यूचुअल फंड को डिजिलॉकर पर डीमैट और म्यूचुअल फंड होल्डिंग के विवरण उपलब्ध कराने चाहिए.

क्या होती हैं लावारिस संपत्तियां?

इसके अलावा सेबी ने यह सुझाव भी दिया कि केवाईसी का पंजीकरण करने वाली एजेंसियों (KRA) को निवेशक की मृत्यु की जानकारी डिजिलॉकर के साथ साझा करनी चाहिए. डिजिलॉकर का उपयोग करने वाले व्यक्ति अपने खातों के लिए व्यक्तियों को नामांकित कर सकते हैं. लावारिस शेयर वे स्टॉक होते हैं जिन्हें किसी कंपनी द्वारा डिस्ट्रीब्यूट करने के प्रयास के बाद भी शेयरधारकों द्वारा एकत्र नहीं किया गया है. डीमैट खाते के निष्क्रिय होने या अकाउंट में नया कॉन्टेक्ट अपडटे नहीं होने के कारण ऐसा हो सकता है. 

सेबी के प्रस्ताव से क्या होगा फायदा?

इस प्रस्ताव का मकसद लावारिस और अज्ञात संपत्तियों को कम करना, और निवेशकों के हितों की रक्षा करते हुए वित्तीय निवेश का सही उत्तराधिकारियों तक सुचारू रूप से हस्तांतरण करना है. नियामक ने प्रस्ताव दिया कि उपयोगकर्ता की मृत्यु की स्थिति में, डिजिलॉकर भारत के महापंजीयक (आरजीआई) से मृत्यु पंजीकरण की जानकारी या केआरए प्रणाली से मिली जानकारी के आधार पर खाते की स्थिति को अपडेट करेगा. 

डिजिलॉकर एसएमएस और ईमेल के जरिये नामांकित व्यक्ति को स्वचालित रूप से इस संबंध में सूचित करेगा. इसके बाद नामित व्यक्ति मृतक के डिजिटल रिकॉर्ड तक पहुंच सकता है और संबंधित एएमसी या डिपॉजिटरी भागीदार (डीपी) से संपर्क करके संपत्ति हस्तांतरण की प्रक्रिया शुरू कर सकता है. सेबी ने इन प्रस्तावों पर 31 दिसंबर तक सार्वजनिक टिप्पणियां मांगी हैं.
 


Identical Brains Studios के IPO को मिली मंजूरी, कंपनी ने रखा 20 करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य

VFX स्टूडियो की योजनाओं में अपनी सुविधाओं का विस्तार और क्षमताओं को सशक्त बनाना शामिल है, क्योंकि यह NSE Emerge पर लिस्टिंग की ओर बढ़ रहा है.

बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो by
Published - Wednesday, 11 December, 2024
Last Modified:
Wednesday, 11 December, 2024
BWHindia

मुंबई स्थित आइडेंटिकल ब्रेन्स स्टूडियोज (IBS), एक प्रमुख VFX कंपनी, को NSE Emerge एक्सचेंज से अपने प्रारंभिक सार्वजनिक प्रस्ताव (IPO) के लिए इन-प्रिंसिपल मंजूरी प्राप्त हो गई है. कंपनी अब अपने अद्यतन जानकारी के साथ रेड हेयरिंग प्रॉस्पेक्टस (RHP) दाखिल करने की प्रक्रिया में है और जल्दी ही इस प्लेटफॉर्म पर लिस्ट होने वाली है. IPO का उद्देश्य लगभग 20 करोड़ रुपये जुटाना है, जिसमें 36,94,000 इक्विटी शेयरों का मूल्य 10 रुपये प्रति शेयर होगा, जो बुक-बिल्डिंग मार्ग से पेश किए जाएंगे.

बेहतरीन विजुअल इफेक्ट्स के लिए मिले अवॉर्ड्स

आइडेंटिकल ब्रेन्स स्टूडियोज की स्थापना 2019 में राघवेंद्र राय द्वारा की गई थी, जो एक पहले पीढ़ी के उद्यमी हैं. IBS ने फिल्मों, टीवी सीरीज, वेब सीरीज, विज्ञापनों और डोक्युमेंट्रीज में अपनी उच्च गुणवत्ता वाली VFX सेवाओं के लिए तेजी से पहचान बनाई है. कंपनी ने कई प्रमुख फिल्म और कंटेंट निर्माताओं के साथ काम किया है, जिनमें बॉलीवुड स्टूडियोज भी शामिल हैं, और इसे दो फिल्मफेयर OTT अवार्ड्स भी प्राप्त हुए हैं, जिसमें बेहतरीन विजुअल इफेक्ट्स के लिए "स्कैम 1992: द हर्षद मेहता स्टोरी" और "रॉकेट बॉयज" को चुना गया. IBS का प्रभावशाली पोर्टफोलियो कई सफल परियोजनाओं से भरा हुआ है, जैसे कि "क्रिमिनल जस्टिस 3 और 4", "मिशन रानीगंज", "ड्रीम गर्ल 2", "सत्यामेव जयते 2", "पानीपत", "एक विलेन रिटर्न्स", और "स्कैम 1992: द हर्षद मेहता स्टोरी", सहित कई अन्य, कंपनी को डिज्नी हॉटस्टार और अमेजन से भी परियोजना अनुमोदन प्राप्त हुआ है, जो इसकी वैश्विक VFX उद्योग में स्थिति को मजबूत करता है.

यहां होगा IPO से प्राप्त राशि का इस्तेमाल 

IPO से प्राप्त राशि का उपयोग IBS के संचालन को विस्तार देने के लिए पूंजीगत व्यय के रूप में किया जाएगा, जिसमें अंधेरी में इसके स्टूडियो का नवीनीकरण, अंधेरी में इसके नए शाखा में एक नया कलर ग्रेडिंग डिजिटल इंटरमीडिएट (DI) और साउंड स्टूडियो स्थापित करना, और लखनऊ में एक नया कार्यालय स्थापित करना शामिल है. इसके अतिरिक्त, फंड्स का उपयोग नए कंप्यूटर, स्टोरेज सिस्टम, और सॉफ़्टवेयर खरीदने के लिए किया जाएगा, ताकि कंपनी की तकनीकी क्षमताओं को बेहतर बनाया जा सके. IBS, जो "ट्रस्टेड पार्टनर नेटवर्क" (TPN)-ऑडिटेड VFX स्टूडियोज का हिस्सा है, वैश्विक बाजारों, जैसे कि अमेरिका और यूरोप, के VFX मानकों को पूरा करने के लिए अच्छी स्थिति में है. कंपनी का मजबूत ट्रैक रिकॉर्ड और नवीनतम तकनीकें, जो इसके अनुभवी टीम द्वारा समर्थित हैं, ने इसे तेजी से बढ़ने में मदद की है, जिससे यह भारतीय VFX उद्योग के प्रमुख खिलाड़ियों में से एक बन गया है. 

कंपनी का वित्तीय परिणाम

वित्तीय वर्ष 2024 में, आइडेंटिकल ब्रेन्स स्टूडियोज ने 20.08 करोड़ रुपये का रेवेन्यू दर्ज किया, जो वित्तीय वर्ष 2023 में 8.04 करोड़ रुपये से दोगुना था. कंपनी का प्रॉफिट भी 5.34 करोड़ रुपये तक पहुंच गया, जबकि पिछले वर्ष में यह 1.61 करोड़ रुपये था, जो इसके मजबूत वित्तीय प्रदर्शन और विकास की दिशा को दर्शाता है.


Glenwalk व्हिस्की ने 7 महीने में किया 19 करोड़ से ज्यादा का कारोबार, जानते हैं कौन है इसका मालिक?

Glenwalk व्हिस्की को पारंपरिक ओक पीपों में पकाया जाता है. इसका समृद्ध और संतुलित स्वाद इसे व्हिस्की प्रेमियों के बीच लोकप्रिय बनाता है.

बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो by
Published - Wednesday, 11 December, 2024
Last Modified:
Wednesday, 11 December, 2024
BWHindia

बॉलीवुड के बादशाह शाहरुख खान के बाद बीते साल एक्टर संजय दत्त ने अपना व्हिस्की ब्रैंड द ग्लेनवॉक (The Glenwalk) लॉन्च किया. जून 2023 में लॉन्च हुई इस स्कॉच व्हिस्की ब्रैंड कुछ ही महीनों में भारतीय बाजार में तेजी से सफलता की ऊंचाइयों पर पहुंच चुका है. लॉन्चिंग के 7 महीने बाद व्हिस्की ब्रैंड, ‘द ग्लेनवॉक’ की सेल का आंकड़ा सामने आया है, जिसने सभी को चौका दिया है.  7 महीने में इस व्हिस्की ब्रैंड ने लाखों बोतलों की सेल करके संजय दत्त को करोड़ों रुपये की कमाई करा दी है. तो आइए जानते हैं संजय दत्त के इस व्हिस्की ने कितना कारोबार किया है?  

Glenwalk व्हिस्की की कीमत
ग्लेनवॉक ने लॉन्च के सिर्फ सात महीनों में 6 लाख बोतलों की बिक्री की है, जिससे 19.20 करोड़ रुपये की कमाई हुई है. इस व्हिस्की की एक बोतल की कीमत 1,599 से 1,600 है, यह व्हिस्की प्रीमियम अनुभव प्रदान करती है, जिसने इसे प्रतिस्पर्धी बाजार में एक मजबूत उपस्थिति दिलाई है. यह सफलता ब्रैंड की गुणवत्तापूर्ण व्हिस्की, प्रभावी मार्केटिंग और व्यापक वितरण नेटवर्क का नतीजा है.

व्हिस्की की खासियत
ग्लेनवॉक की स्कॉच व्हिस्की को पारंपरिक ओक पीपों में पकाया गया है. इसमें उच्च गुणवत्ता वाली माल्ट और ग्रेन व्हिस्की का सावधानीपूर्वक मिश्रण किया गया है. इसका समृद्ध और संतुलित स्वाद इसे व्हिस्की प्रेमियों के बीच लोकप्रिय बनाता है. वर्तमान में ग्लेनवॉक महाराष्ट्र, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश सहित 10 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में उपलब्ध है. इसका मजबूत वितरण नेटवर्क ब्रांड के प्रभावशाली बिक्री आंकड़ों में योगदान देता है.

ये हैं संजय दत्त के पार्टनर
ग्लेनवॉक को संजय दत्त ने मोक्ष सानी, जितिन मेरानी, ​​रोहन निहलानी, मनीष सानी और नीरज सिंह जैसे अनुभवी पेशेवरों के साथ मिलकर लॉन्च किया. कार्टेल ब्रदर्स की टीम ने गुणवत्तापूर्ण प्रीमियम व्हिस्की बनाने की अपनी विशेषज्ञता का उपयोग किया, जिससे ग्लेनवॉक व्हिस्की के टेस्ट को बेहतर बनाया है. संजय दत्त ने ब्रांड पार्टनर और एंबेसडर के रूप में अपनी स्टार पावर का उपयोग कर ब्रैंड को एक विशेष पहचान दी. उनकी छवि ने ग्लेनवॉक को एक प्रीमियम और विश्वसनीय ब्रांड के रूप में स्थापित किया.ग्लेनवॉक की सफलता भारत में प्रीमियम स्पिरिट्स की बढ़ती मांग को दर्शाती है. यह ब्रैंड न केवल भारतीय बाजार में, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी पहचान बना सकता है.संजय दत्त ने ग्लेनवॉक के जरिए यह साबित किया है कि वे सिल्वर स्क्रीन के बाहर भी सफलता की कहानी लिख सकते हैं. उनकी यह नई पहल उनके बहुआयामी व्यक्तित्व का प्रमाण है.

संजय दत्त की नेटवर्थ 

संजय दत्त की कुल संपत्ति 300 करोड़ रुपये से ज्यादा है. वह देश के सबसे बड़े इंडिविजुअल इनकम टैक्सपेयर्स में भी गिने जाते हैं. संजय दत्त फिल्मों के अलावा ब्रैंड एंडोर्समेंट और अन्य व्यावसायिक गतिविधियों से भी करोड़ों की कमाई करते हैं. इसके अलावा उन्होंने विभिन्न रियल एस्टेट और अन्य जगह भी निवेशों किया हुआ है. 


अपने दम पर कोलंबो पोर्ट को पूरा करेगा Adani Group, नहीं ली जाएगी अमेरिका की मदद

अमेर‍िका में र‍िश्‍वतखोरी के आरोप लगने और US DFC की तरफ से फंड‍िंग की र‍िक्‍वेस्‍ट को आगे नहीं बढ़ाने पर अडानी ने अपने दम पर कोलंबो पोर्ट प्रोजेक्‍ट को पूरा करने की बात कही है.

बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो by
Published - Wednesday, 11 December, 2024
Last Modified:
Wednesday, 11 December, 2024
BWHindia

अडानी समूह (Adani Group) ने श्रीलंका में पोर्ट बनाने के लिए अमेरिका की फाइनेंशियल कंपनी डीएफसी (DFC) से अब कर्ज नहीं लेगी. कंपनी ने इस बंदरगाह को अपने दम पर बनाने का फैसला किया है. अडानी पोर्ट्स एंड एसईजेड (Adani Ports and Special Economic Zone Limited) ने बताया कि श्रीलंका में पोर्ट बनाने के प्रोजेक्ट के जरूरी फाइनेंस अब कंपनी अपने पास से और कैपिटल मैनजमेंट प्लान के तहत खुद जुटाएगी. कंपनी ने बताया कि डीएफसी से धन उपलब्ध कराने के अनुरोध को हमने वापस ले लिया है. 

अडानी समूह अमेरिका से नहीं लेगा कर्ज 

स्टॉक एक्सचेंजों के पास फाइल किए दए रेगुलेटरी फाइलिंग में अडानी पोर्ट्स एंड एसईजेड में इस फैसले की जानकारी देते हुए बताया कि श्रीलंका की राजधानी कोलंबो में वेस्ट इंटरनेशनल टर्मिनल (Colombo West International Terminal) प्रोजेक्ट पर काम तेजी के साथ चल रहा है और अगले वर्ष की शुरुआत से ये टर्मिनल काम करना शुरू कर देगा. कंपनी ने कहा, अब इस प्रोजेक्ट के लिए जरूरी फाइनेंस कंपनी अपने पास से और कैपिटल मैनेजमेंट प्लान के तहत खुद जुटाएगी. अडानी पोर्ट्स एंड एसईजेड ने कहा, अमेरिका की डीएफसी से धन देने के अनुरोध को हमने वापस ले लिया है. 

क्यों अडानी समूह ने लिया ये फैसला?

अमेरिका में न्यूयॉर्क की अदालत में गौतम अडानी और ग्रुप से जुड़े सात लोगों पर 265 मिलियन डॉलर (2250 करोड़ रुपये के करीब) की रिश्वतखोरी और धोखाधड़ी के आरोप लगाये गए हैं. गौतम अडानी समेत सातों लोगों पर ये आरोप है कि इन लोगों ने 2 अरब डॉलर के सोलर पावर प्लांट्स के प्रोजेक्ट को हासिल करने के लिए अधिकारियों को 265 मिलियन डॉलर से अधिक की रिश्वत देने का ऑफर दिया था. हालांकि अडानी समूह ने अपने चेयरमैन गौतम अडानी और अडानी ग्रीन के डायरेक्टर्स पर अमेरिका के जस्टिस डिपार्टमेंट और अमेरिकी सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन की ओर से रिश्वतखोरी और धोखाधड़ी के लगाये गए आरोपों को सिरे से खारिज किया है. इन आरोपों के चलते समूह को भारत में राजनीतिक हमला झेलना पड़ा रहा है. 

अमेरिका की एजेंसी से मिलने थे 553 मिलियन डॉलर 

चीन के प्रभाव को कम करने के लिए साल 2023 में अमेरिका ने कोलंबो में अडानी समूह द्वारा बनाए जा रहे वेस्ट इंटरनेशनल टर्मिनल (Colombo West International Terminal) प्रोजेक्ट के लिए धन उपलब्ध कराने का फैसला लिया था. कोलंबो में तैयार हो रहे बंदरगाह के लिए अमेरिका की इंटरनेशनल डेवलपमेंट फाइनेंस कॉरपोरेशन ने 553 मिलियन डॉलर का फाइनेंस उपलब्ध कराने का भरोसा दिया था जिससे इस क्षेत्र में चीन के बढ़ते असर को कम किया जा सके.
 


हार्वर्ड क्लब ऑफ इंडिया के अध्यक्ष विशाल सेहगल का निधन

विशाल सेहगल का जीवन पेशेवर उत्कृष्टता और सामाजिक कार्यों के प्रति समर्पित था.

बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो by
Published - Wednesday, 11 December, 2024
Last Modified:
Wednesday, 11 December, 2024
BWHindia

हार्वर्ड क्लब ऑफ इंडिया (Harvard Club Of India) के अध्यक्ष और कॉर्पोरेट संबंध, शिक्षा, और सामाजिक उद्यमिता में अपने योगदान के लिए जाने जाने वाले अनुभवी पेशेवर विशाल सेहगल का 10 दिसंबर 2024 को निधन हो गया. वह 57 वर्ष के थे. सेहगल पिछले कई दिनों से सांस और फेफड़ों से संबंधित बीमारी से जूझ रहे थे और गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में वेंटिलेटर पर थे. मंगलवार (10 दिसंबर 2024) सुबह बीमारी के चलते उनकी मृत्यु हो गई. उनका अंतिम संस्कार 10 दिसंबर को दोपहर 3:00 बजे दिल्ली के द्वारका इलाके के सेक्टर 24 स्थित शमशान घाट में किया जाएगा.

ऐसा रही विशाल सेहगल की प्रोफेशनल लाइफ 

एक प्रतिष्ठित पेशेवर, सेहगल निश्चय एजुकोर्प के प्रबंध निदेशक थे. उन्होंने पहले एक बहुराष्ट्रीय निगम में कॉर्पोरेट संबंधों के प्रमुख के रूप में कार्य किया, जहां उन्होंने सरकारी निकायों, मीडिया, और हितधारकों के साथ संबंधों को संभाला. टेलीकॉम, निर्माण, परामर्श, बैंकिंग और गैर-लाभकारी क्षेत्रों में उनके व्यापक अनुभव के कारण उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान दिया. सेहगल ने अपनं करियर की शुरुआत एक टेलीकॉम निर्माण कंपनी से की थी और बाद में एक प्रमुख वित्तीय संस्थान में वरिष्ठ पदों पर काम किया. सामाजिक कारणों के प्रति उनका समर्पण माइक्रोफाइनेंस और शिक्षा में गैर-लाभकारी संस्थाओं के साथ उनके काम से स्पष्ट था.उल्लेखनीय रूप से, वह प्रातिम दिल्ली शिक्षा पहल के संस्थापक कार्यक्रम समन्वयक थे, जो भारत के सबसे बड़े शिक्षा गैर-लाभकारी संगठनों में से एक है.

प्रेम और सहानुभूति के प्रतीक 

हार्वर्ड विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र सेहगल ने केनेडी स्कूल ऑफ गवर्नमेंट से अंतर्राष्ट्रीय विकास में सार्वजनिक प्रशासन (MPA/ID) में मास्टर की डिग्री प्राप्त की थी. वह प्रतिष्ठित जॉइंट जापान वर्ल्ड बैंक स्कॉलरशिप के प्राप्तकर्ता थे और हार्वर्ड ग्रेजुएट काउंसिल के निर्वाचित सदस्य के रूप में सेवा की थी. उनका उद्यमिता का दृष्टिकोण तब प्रकट हुआ जब उन्होंने हार्वर्ड बिजनेस स्कूल बिजनेस प्लान प्रतियोगिता (सोशल एंटरप्राइज) में विजय प्राप्त की थी. सेहगल प्रेम और सहानुभूति का प्रतीक थे, उनका जीवन पेशेवर और सामाजिक क्षेत्रों में बदलाव लाने के लिए समर्पित था. उनके निधन से समाज में लोगों में दुख व्याप्त हो गया है. 


ग्राहकों की शिकायतों पर सरकार ने इन 10 कंपनियों को दी चेतावनी, जानिए क्या है पूरा मामला?

कंपनियों के पास ग्राहकों की आने वाली शिकायतों की संख्या बढ़ती जा रही है. ऐसे में इन शिकायतों का समाधान काफी धीमी गति से हो रहा है. 

बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो by
Published - Wednesday, 11 December, 2024
Last Modified:
Wednesday, 11 December, 2024
BWHindia

ग्राहक कंपनियों के पास अपनी शिकायतें लेकर तो जाते हैं, लेकिन कुछ कंपनियां इन शिकायतों पर कार्रवाई नहीं कर पा रही हैं, ऐसी ही 10 कंपनियों को कंज्यूमर अफेयर्स मिनिस्ट्री ने  कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी है. दरअसल, इन कंपनियों के खिलाफ इस वित्त वर्ष में नेशनल कंज्यूमर हेल्पलाइन (NCH) पर सबसे ज्यादा शिकायतें आई हैं. तो आइए जानते हैं ये पूरा मामला क्या है? 

सरकार ने दी ये चेतावनी

मिनिस्ट्री ने कंपनियों से कहा है कि या तो वे NCH पर कन्वर्जेस पार्टनर बन जाएं, जिससे शिकायतों का समयवद्ध तरीके से निपटारा हो सके या फिर विस्तृत जांच का सामना करने के लिए तैयार रहें. बात दें, जो कंपनियां NCH पर कन्वर्जेस पार्टनर हैं, उनके बारे में शिकायतों को उनके पास रियल टाइम बेसिस पर भेजा जाता है, जिससे 30 दिनों में निपटारा हो सके. अभी 1009 कंपनियां कन्वर्जेस पार्टनर हैं.

इन कंपनियों के खिलाफ आई शिकायतें
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार कई कंपनियां शिकायतों का निपटारा बिना उन्हें क्लोज कर देती हैं. कुछ कह देती हैं कि यह चीज उनकी पॉलिसी में कवर नहीं होती. कंज्यूमर अफेयर्स मिनिस्ट्री ने ऐसी 10 कंपनियों की लिस्ट बनाई थी, जिनके खिलाफ इस सबसे अधिक शिकायतें आई हैं. उनमें Delhivery Limited, Electronicscomp.com, डोमिनोज पिज्जा, हायर अप्लायंसेज, फर्स्टक्रायडॉटकॉम, थॉमसन इंडिया, M&M, रैपिडो, ओरिएंट इलेक्ट्रिक और सिंफनी लिमिटेड शामिल हैं.

कैसे दर्ज कराएं शिकायत?

अगर आपको भी कंपनी की किसी सर्विस को लेकर शिकायत है तो उसे ऑनलाइन दर्ज करा सकते हैं. इसके लिए आप नेशनल कंज्यूमर हेल्पलाइन का वॉट्सऐप नंबर मौजूद है.
नेशनल कंज्यूमर हेल्पलाइन का वॉट्सऐप नंबर 8800001915 है. इस नंबर पर आप मैसेज के जरिए घर बैठे किसी भी कंपनी की खराब सर्विस की शिकायत कर सकते हैं. अगर शिकायत से संबंधित कोई फोटो या वीडियो है तो उसे भी इस नंबर पर वॉट्सऐप किया जा सकता है.


Blinkit और Zepto को टक्कर देने की तैयारी में Amazon, क्विक कॉमर्स में करने जा रहा एंट्री

ई-कॉमर्स सेक्टर की दिग्गज कंपनी एमेजॉन ने आखिरकार भारत के क्विक कॉमर्स मार्केट में एंट्री का ऐलान कर दिया है.

बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो by
Published - Wednesday, 11 December, 2024
Last Modified:
Wednesday, 11 December, 2024
BWHindia

भारत में तेजी से बढ़ते क्विक कॉमर्स बाजार में अमेजन भी एंट्री लेने की तैयारी कर रहा है. ई-कॉमर्स दिग्गज अमेजन दिसंबर में जल्द ही 15 मिनट या उससे कम समय में दैनिक आवश्यक वस्तुओं की फास्ट डिलीवरी का पायलट प्रोजेक्ट शुरू करने जा रहा है. अमेजन इंडिया के कंट्री मैनेजर समीर कुमार ने पीटीआई को ये जानकारी दी. हालांकि, इस इंडस्ट्री में पहले से ही ब्लिंकिट और जेप्टो जैसी कंपनियों ने शानदार सफलता का स्वाद चखा है.

ग्राहकों को मिलेगी 15 मिनट में डिलीवरी!

मीडिया को समीर कुमार ने बताया कि कंपनी 'सिलेक्शन विद स्पीड' को अपने फायदे के तौर पर देख रही है. देशभर में हर एक पिन-कोड में ग्राहकों को 15 मिनट या उससे कम समय में अपनी रोजमर्रा की जरूरत के सामानों को प्राप्त करने का ऑप्शन देने के लिए पायलट प्रोजेक्ट शुरू करने को लेकर उत्साहित हैं. उन्होंने जोर देकर कहा कि अमेजन की रणनीति "सिलेक्शन, वैल्यू और कॉन्विनिएंस" पर केंद्रित है.

बेंगलुरू से शुरू होगी पायलट प्रोजेक्ट

मनीष तिवारी के इस्तीफे के बाद अब देश के प्रबंधक के रूप में भारत में ऑपरेशन को लीड करने वाले अमेज़न के दिग्गज ने कहा कि कंपनी के देश भर में लाखों ग्राहक हैं, जो अमेज़न पर भरोसा करते हैं और इस सुविधा का इंतज़ार कर रहे हैं. कंपनी के अनुसार, पायलट बेंगलुरु से शुरू होगा. अमेज़न का ये कदम इसलिए अहम है क्योंकि भारत में क्विक कॉमर्स बाज़ार में तेज़ी से वृद्धि हो रही है और उपभोक्ता व्यवहार में बड़े बदलाव हो रहे हैं.

तेजी से बढ़ रहा क्विक कॉमर्स मार्केट

डेटाम इंटेलिजेंस की एक हालिया रिपोर्ट के हवाले से बनी पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, क्विक कॉमर्स बाज़ार का आकार 2030 तक 40 बिलियन अमरीकी डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है, जो 2024 में 6.1 बिलियन अमरीकी डॉलर से ज़्यादा है. अनुमान है कि क्विक कॉमर्स बाज़ार 2024 तक किराना बिक्री में लगभग 1.28 बिलियन अमरीकी डॉलर तक पहुंच जाएगा, जो इन प्लेटफार्मों पर कुल बिक्री का 21 प्रतिशत होगा.
 


अनिल अंबानी ने बनाई एक और कंपनी, इस सेक्टर पर रहेगा फोकस, जानिए क्या है प्लान?

रिलायंस पावर भारत की बड़ी बिजली उत्पादन कंपनियों में से एक है, जो 5,300 मेगावाट की क्षमता के साथ मध्य प्रदेश की 4,000 मेगावाट की सासन अल्ट्रा मेगा पावर परियोजना को मैनेज करती है.

बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो by
Published - Wednesday, 11 December, 2024
Last Modified:
Wednesday, 11 December, 2024
BWHindia

अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस पावर (Reliance Power) लिमिटेड ने एक बड़ा फैसला किया है. कंपनी ने रिन्यूएबल एनर्जी (Renewable Energy) क्षेत्र में अपने विस्तार का ऐलान किया है. दरअसल, कंपनी ने एक नई सब्सिडियरी, रिलायंस एनयू एनर्जीज प्राइवेट लिमिटेड के गठन की घोषणा की है. यह सब्सिडियरी सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, बैटरी भंडारण प्रणाली और पंप स्टोरेज हाइड्रोपावर परियोजनाओं पर काम करेगी. इसके जरिए कंपनी न केवल भारत में बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी रिन्यूएबल एनर्जी की बढ़ती मांग को पूरा करने का काम करेगी.

नई कंपनी का नेतृत्व करेंगे ये लोग

आर पावर ने अपनी नई पहल को सफल बनाने के लिए अनुभवी एक्सपर्ट्स की नियुक्ति की है. मयंक बंसल को मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) और राकेश स्वरूप को मुख्य परिचालन अधिकारी (COO) बनाया गया है. दोनों अधिकारी ऊर्जा सेक्टर के दिग्गज माने जाते हैं. कंपनी ने कहा कि ये दोनों नेता रिलायंस एनयू एनर्जीज के मैनेजमेंट और विकास को गति देंगे.

रिलायंस पावर का कहना है कि यह नई सब्सिडियरी कंपनी स्वच्छ, किफायती और विश्वसनीय ऊर्जा समाधान प्रदान करने पर ध्यान केंद्रित करेगी. इसके अलावा, कंपनी सौर, पवन, हाइब्रिड ऊर्जा प्रणाली और हाईटेक ऊर्जा भंडारण तकनीकों पर काम करेगी. यह पहल भारत और दुनिया में बढ़ती रिन्यूएबल एनर्जी की मांग को पूरा करने की दिशा में एक बड़ा कदम है.

थर्मल पावर से रिन्यूएबल एनर्जी की ओर रुख

आपको बता दें, रिलायंस पावर भारत की बड़ी बिजली उत्पादन कंपनियों में से एक है, जो 5,300 मेगावाट की स्थापित क्षमता के साथ मध्य प्रदेश की 4,000 मेगावाट की सासन अल्ट्रा मेगा पावर परियोजना को मैनेज करती है. यह परियोजना दुनिया का सबसे बड़ा एकीकृत थर्मल पावर प्लांट है. अब कंपनी ने थर्मल पावर से आगे बढ़कर रिन्यूएबल एनर्जी पर ध्यान केंद्रित करने का फैसला किया है.

रिन्यूएबल एनर्जी के क्षेत्र में संभावनाएं

अनिल अंबानी का यह कदम रिलायंस पावर को नए बाजारों और निवेश के अवसरों तक पहुंचाने की दिशा में अहम साबित हो सकता है. नई कंपनी का फोकस स्वच्छ और स्थायी ऊर्जा समाधानों पर है, जिससे भारत के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा बाजारों में इसकी हिस्सेदारी बढ़ने की संभावना है.

रिन्यूएबल एनर्जी (renewable energy) के इस नए कदम और समालकोट पावर द्वारा लोन में चूक के निपटान की घोषणा के चलते सोमवार को रिलायंस पावर (R Power) के शेयरों में तेजी देखने को मिली. शुरुआती कारोबार में शेयर 3% से अधिक उछले और 45.94 रुपये तक पहुंच गए. हालांकि, यह तेजी लंबे समय तक बरकरार नहीं रह सकी और स्टॉक गिरकर 43 रुपये की रेंज में आ गया.
 


Stock Market: बाजार खुलने से पहले ही जान लें, आज कहां बन सकती है कमाई की गुंजाइश!

शेयर बाजार में मंगलवार को मिक्स-अप क्लोजिंग हुई. निफ्टी 9 अंक टूटकर बंद हुआ, जबकि सेंसेक्स 1.59 अंक बढ़कर बंद हुआ.

बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो by
Published - Wednesday, 11 December, 2024
Last Modified:
Wednesday, 11 December, 2024
BWHindia

उतार-चढ़ाव कारोबार के बाद सेंसेक्स और निफ्टी कल यानि 10 दिसंबर को लगभग सपाट बंद हुए. हालांकि मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में पिछले 11 दिनों से चली आ रही तेजी जारी रही. बीएसई के मिडकैप इंडेक्स 0.30 और स्मॉलकैप इंडेक्स 0.33 फीसदी की बढ़त के साथ बंद हुए. कल के ट्रेडिंग सेशन में बीएसई बेंचमार्क सेंसेक्स 1.59 प्रतिशत बढ़कर 81,510.05 के लेवल पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 9 अंक गिरकर 24,610.05 के लेवल पर बंद हुआ. इसके चलते बीएसई पर निवेशकों की संपत्ति करीब 30,000 करोड़ रुपये बढ़ गई, तो चलिए जानते हैं आज कैसा रहेगा शेयर मार्केट का हाल...

इन शेयरों में दिख रही खरीदारी

चलिए जानते हैं कि उन शेयरों के बारे में जानते हैं जिनमें मजबूत खरीदारी देखने को मिल रही है. इस लिस्ट में Raymond, Nippon Life AMC, Varroc Engineering, Triveni Engineering & Industries, Clean Science & Technology, JBM Auto और Intellect Design शामिल हैं. दरअसल, इन शेयरों ने अपना 52 वीक का हाई लेवल पार कर लिया है, जो इनमें तेजी के संकेत देता है. इसलिए आज इन शेयरों पर भी नज़र बनाए रखें.

इन स्टॉक्स में मंदी के संकेत

चलिए अब जानते हैं कि मोमेंटम इंडिकेटर, मूविंग एवरेज कन्वर्जेंस डिवर्जेंस (MACD) ने आज के लिए क्या संकेत दिए हैं. एमएसीडी (MACD) ने Life Insurance Corporation, Ceat, C.E. Info Systems, VIP Industries, Just Dial, Route Mobile और HEG के शेयर में मंदी का संकेत दिया है. इसका मतलब है कि अब इन शेयरों में गिरावट शुरू हो गई है.

इन शेयरों में दिख सकता है एक्शन

आज यानी 10 दिसंबर 2024 को कुछ शेयर (Stocks in News) एक्शन दिखाने को तैयार हैं. पॉजिटिव ट्रिगर के चलते ये शेयर आज बाजार में फोकस (Stocks to Watch) में रह सकते हैं. अगर इंट्राडे में बेहतर शेयरों की तलाश है तो इन पर नजर (Stock in Focus) रख सकते हैं. आज की इस लिस्ट में Asian Paints, Asian Granito India, CCL PRODUCTS, LTIMindtree Ltd, Hinduja Global Solutions, HG Infra Engineering, Biocon, BEML Limited, Vraj Iron and Steel Ltd जैसे नाम शामिल हैं.

(डिस्क्लेमर: शेयर बाजार में निवेश जोखिम के अधीन है. 'BW हिंदी' इसकी कोई जिम्मेदारी नहीं लेता. सोच-समझकर, अपने विवेक के आधार पर और किसी सर्टिफाइड एक्सपर्ट से सलाह के बाद ही निवेश करें, अन्यथा आपको नुकसान उठाना पड़ सकता है).
 


भारत में स्टेनलेस स्टील की खपत FY23 की तुलना में 11 प्रतिशत बढ़ी: ISSDA

भारत में स्टेनलेस स्टील की प्रति व्यक्ति खपत वित्तीय वर्ष 2019 (FY19) में 2.25 किलोग्राम (kg) से बढ़कर FY24 में 3.1 किलोग्राम हो गई है.

बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो by
Published - Tuesday, 10 December, 2024
Last Modified:
Tuesday, 10 December, 2024
BWHindia

स्वास्थ सुधार को दर्शाते हुए, भारत में स्टेनलेस स्टील (Stainless Steel) की खपत वित्तीय वर्ष 2023 (FY23) में 4.02 मिलियन टन (MT) से बढ़कर FY24 में 4.46 मिलियन टन (MT) हो गई है, जो FY23 की तुलना में लगभग 11 प्रतिशत की वृद्धि है. यह जानकारी भारतीय स्टेनलेस स्टील विकास संघ (ISSDA) द्वरा साझा की गई है. इसमें फ्लैट्स और लॉन्ग्स दोनों शामिल हैं. 

प्रति व्यक्ति खपत में हुई 3.1 किलोग्राम की वृद्धि  

भारत में स्टेनलेस स्टील की प्रति व्यक्ति खपत FY19 में 2.25 किलोग्राम (kg) से बढ़कर FY24 में 3.1 किलोग्राम हो गई है. ISSDA के अनुसार, यह आंकड़ा इस बात को दर्शाता है कि स्टेनलेस स्टील की बढ़ती पसंद संरचनात्मक क्षेत्र, प्रसंस्करण उद्योग और रेलवे जैसे क्षेत्रों में बढ़ रही है, जो धातु की समग्र स्थिरता, जंग प्रतिरोध, दीर्घायु और मजबूती की वजह से है. पिछले दो दशकों में, स्टेनलेस स्टील की मांग कई क्षेत्रों में विविधित हो गई है, हालांकि देश की प्रति व्यक्ति खपत वैश्विक औसत 6.5 किलोग्राम से कम है. भारत में 7.5 मिलियन टन की स्थापित क्षमता है, जो राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुसार उत्पादों की विविध रेंज का उत्पादन करने में सक्षम है. हमारे क्रिसिल के साथ किए गए शोध के अनुसार, भारत की स्टेनलेस स्टील की खपत FY2040 तक 12.5-12.7 मिलियन टन और FY2047 तक 19-20 मिलियन टन तक पहुंचने का अनुमान है.

2047 तक भारत के 40 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की आकांक्षा

कृष्णमूर्ति ने कहा कि उद्योग विशेष रूप से चीन से घटिया स्टेनलेस स्टील की लगातार डंपिंग से उत्पन्न चुनौतियों से जूझ रहा है, जिससे घरेलू निर्माताओं पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है. वर्तमान परिचालन क्षमता उपयोग केवल 60 प्रतिशत के साथ, हम सरकार से समान अवसर सुनिश्चित करने, घरेलू उत्पादकों को उनकी पूरी क्षमता पर काम करने के लिए सशक्त बनाने और वैश्विक स्टेनलेस स्टील परिदृश्य में भारत की स्थिति को और मजबूत करने का दृढ़ता से आग्रह करते हैं. भारत के 2047 तक 40 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की आकांक्षा के साथ, निर्माण, बुनियादी ढांचा और विनिर्माण जैसे क्षेत्र – जो सकल घरेलू उत्पाद में प्रमुख योगदानकर्ता हैं – स्टेनलेस स्टील की मांग वृद्धि को प्रेरित करने की उम्मीद है.