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मजबूत हो रही 'आधी आबादी': सोने की चमक फीकी, महिलाओं में अब Property का क्रेज
सर्वेक्षण में शामिल महिलाओं ने अलग-अलग कीमत के घर खरीदने की इच्छा जाहिर की. हालांकि, 83% ने कहा कि वह 45 लाख से अधिक कीमत वाला घर खरीदना चाहती हैं.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 year ago
प्रॉपर्टी की कीमतों में बीते कुछ सालों में भले ही उछाल देखने को मिला हो, लेकिन इसे खरीदने वालों की संख्या में भी उछाल आया है. महिलाएं भी इस मामले में तेजी से आगे बढ़ती जा रही हैं. पहले के मुकाबले अब महिलाएं ज्यादा इंडिपेंडेंट होती हैं और प्रॉपर्टी खरीदने जैसे फैसले भी अकेले लेती हैं. ANAROCK के हालिया सर्वेक्षण में भी यह बात सामने आई है.
45 से 90 की रेंज स्वीट स्पॉट
इस सर्वेक्षण में शामिल महिलाओं ने अलग-अलग कीमत के घर खरीदने की इच्छा जाहिर की. हालांकि, 83% ने कहा कि वह 45 लाख से अधिक कीमत वाला घर खरीदना चाहती हैं. 45 से 90 लाख की रेंज घर की तलाश कर रहीं 36% महिलाओं के लिए स्वीट स्पॉट है. कहने का मतलब है कि सर्वे का हिस्सा रहीं 36 प्रतिशत महिलाओं का कहना है कि घर खरीदने के लिए उनका बजट 45 से 90 लाख रुपए है.
इन्वेस्टमेंट की पसंद बदली
27% महिलाओं ने कहा कि उन्हें 90 लाख से डेढ़ करोड़ की रेंज वाले प्रीमियम हाउस पसंद हैं. जबकि 20% ने 1.5 करोड़ की कीमत वाले लग्जरी घरों को प्राथमिकता दी. गौर करने वाली बात ये है कि सर्वे में शामिल महिलाओं ने 45 लाख से कम कीमत वाले किफायती घरों को कोई खास प्राथमिकता नहीं दी. सर्वेक्षण में यह भी पाया गया है कि इन्वेस्टमेंट के लिहाज से महिलाओं के लिए सोना यानी गोल्ड अब पहली पसंद नहीं है. उसकी जगह रियल एस्टेट ने ले ली है. कम से कम 65% वुमन होमबायर्स अब रियल एस्टेट में निवेश करना पसंद करती हैं. 20% को शेयर बाजार, 8% को गोल्ड और 7 को FDs में इन्वेस्ट करना पसंद है.
बन रहीं प्रमुख खरीदारी
महिलाओं को ये फायदे
विभिन्न सरकारी नीतियों ने भी महिलाओं को घर की मालकिन बनने में मदद की है. उदाहरण के तौर पर 2015 में शुरू की गई प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) के तहत मिलने वाले घरों के लिए यह जरूरी है कि मकान के प्रमाण-पत्र और रजिस्ट्री पर महिला का नाम मालकिन या सह-मालिक के तौर पर शामिल हो. इसके अलावा, महिलाओं को कम स्टांप ड्यूटी का भी बेनिफिट मिलता है. कहने का मतलब है कि यदि प्रॉपर्टी महिला के नाम पर हो, तो रजिस्ट्री पर स्टांप ड्यूटी कम लगती है. इतना ही नहीं, एसबीआई, आईसीआईसीआई और एचडीएफसी जैसे कई बैंक पुरुषों की तुलना में महिलाओं को रियायती दरों पर होम लोन की सुविधा देते हैं. साथ ही, कुछ कर संबंधी लाभों का लाभ उठाने के लिए, महिला अपने पति के साथ संपत्ति की संयुक्त मालकिन भी बन सकती है और यदि उसकी आय का कोई अलग स्रोत है, तो दोनों अलग-अलग कर कटौती का दावा कर सकते हैं.
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