आखिर कौन हैं एकाग्र, जिन्हें Narayana Murthy ने एक ही झटके में बना दिया करोड़पति?

नारायण मूर्ति ने एकाग्र को अपनी कंपनी इंफोसिस के कुछ शेयर गिफ्ट किए हैं, जिसकी वैल्यू 240 करोड़ के आसपास है.

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Monday, 18 March, 2024
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इंफोसिस के को-फाउंडर नारायण मूर्ति (Narayana Murthy) ने एकाग्र को इंफोसिस के कुछ शेयर गिफ्ट करके एक ही झटके में करोड़पति बना दिया है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मूर्ति ने एकाग्र को 240 करोड़ मूल्य के 15 लाख शेयर दिए हैं, जो 0.04% हिस्सेदारी के बराबर है. दरअसल, नारायण मूर्ति चार महीने के एकाग्र के दादा हैं.   

मूर्ति ने रखा था नाम
इस गिफ्ट के बाद इंफोसिस में नारायण मूर्ति की हिस्सेदारी अब 0.40% से घटकर 0.36 % रह गई है. कंपनी ने एक्सचेंज फाइलिंग में इसकी जानकारी दी है. पिछले साल 10 नवंबर को नारायण मूर्ति के बेटे रोहन मूर्ति और बहू अपर्णा कृष्णन माता-पिता बने थे. तब नारायण मूर्ति ने अपने पोते का नाम एकाग्र रखा था. नारायण मूर्ति और सुधा मूर्ति की दो नातिन भी हैं, जिनका नाम कृष्णा सुनक और अनुष्का सुनक है. दोनों ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक और अक्षता मूर्ति की बेटियां हैं.

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मूर्ति के पास बचे इतने शेयर
एकाग्र के पिता और नारायण मूर्ति के बेटे रोहन मूर्ति 40 साल के हैं. उन्होंने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से PhD किया है और एक सॉफ्टवेयर फर्म के मालिक हैं. उनकी कंपनी डेटा प्रोसेसिंग का काम करती है. कुछ वक्त पहले जब नारायण मूर्ति से पूछा गया था कि अगर रोहन इंफोसिस जॉइन करने के लिए कहते हैं, तो आप क्या करेंगे? इसके जवाब में मूर्ति ने कहा था कि रोहन उनसे कहीं ज्यादा सख्त हैं. वो ऐसा कभी नहीं कहेंगे. नारायण मूर्ति के पास अब इंफोसिस के करीब 1.51 करोड़ शेयर हैं.

बेटी के पास भी हिस्सेदारी 
नारायण मूर्ति ने 1981 में इंफोसिस की स्थापना की थी. वह 2002 तक कंपनी के CEO रहे. इसके बाद 2002 से 2006 तक बोर्ड के चेयरमैन रहे और अगस्त 2011 में चेयरमैन एमेरिटस की उपाधि के साथ वह से रिटायर हो गए. हालांकि, 2013 में उन्होंने एग्जिक्यूटिव चेयरमैन के तौर एंट्री ली. उनकी बेटी अक्षता मूर्ति के पास भी इंफोसिस के शेयर हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अक्षता के पास कंपनी के 3,89,57,096 शेयर हैं. वह इंफोसिस के प्रमोटरों में भी शामिल हैं. कुछ वक्त पहले तक अक्षता की कंपनी में हिस्सेदारी 1.05 प्रतिशत थी.
 


अब एक ही पॉलिसी में होगा सब कुछ कवर, जानिए आप कैसे खरीद सकते हैं?

बीमा रेगुलेटर IRDAI हेल्थ, प्रॉपर्टी और लाइफ जैसे अलग-अलग इंश्योरेंस सिर्फ एक पॉलिसी में देने के लिए एक नई पॉलिसी पर काम कर रहा है.

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Monday, 29 April, 2024
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अगर आप हेल्थ से लेकर प्रॉपर्टी तक कोई भी इंश्योरेंस कराना चाहते हैं, तो आपके लिए एक बड़ी खबर सामने आई है. दरअसल अब आपको अलग अलग तरह का इशेयोरेंस कराने की जरूरत नहीं पड़ेगी. अभी तक हेल्थ, प्रॉपर्टी और लाइफ के लिए अलग अलग इंश्योरेंस पॉलिसी लेनी पड़ती है, लेकिन अब इंश्योरेंस रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (IRDAI) ने पॉलिसी पर आप लोगों को अलग अलग इंश्योरेंस लेने के झंझट से छुटकारा देने जा रही है, तो चलिए जानते हैं आपको इसका क्या लाभ मिलेगा?
 
ये इंश्योरेंस होंगे शामिल
अब आपको एक ही इंश्योरेंस में सारा कवरेज मिल सकता है. इसके लिए बीमा नियामक संस्था इंश्योरेंस रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (IRDAI) ने विचार करना शुरू कर दिया है. जानकारी के अनुसार इस पॉलिसी का नाम बीमा विस्तार हो सकता है, जिसमें हेल्थ, प्रॉपर्टी, पर्सनल एक्सिडेंट और लाइफ का इंश्योरेंस शामिल है.  

इतने रुपये होगा प्रीमियम
IRDAI ने पॉलिसी पर बीमा कंपनियों के साथ बातचीत शुरू कर दी है. कहा जा रहा है कि इसका प्रीमियम करीब 1500 रुपये प्रति पॉलिसी हो सकता है. इस बीमा विस्तार पॉलिसी का मकसद गांवों समेत देश की ज्यादा से ज्यादा आबादी तक बीमा मुहैया कराना है. लाइफ, प्रॉपर्टी और पर्सनल एक्सिडेंट के मामले में 2-2 लाख रुपये का बीमा कवर मिल सकता है. लाइफ कवर के लिए 800 रुपये का प्रीमियम रखा जा सकता है. जबकि हेल्थ कवर के लिए 500 और पर्सनल एक्सीडेंट के लिए 100 रुपये का प्रीमियम रखा जा सकता है. वहीं प्रॉपर्टी के इंश्योरेंस के लिए भी 100 रुपये का प्रीमियम रखा जा सकता है.

5 हजार के बिल का कैशलेस भुगतान
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इसमें आपको हॉस्पिटल कवर के नाम से हेल्थ कवर भी दिया जाएगा, जिसमें बीमा कराने वाले को 5,000 रुपये के बिल का कैशलेस भुगतान किया जाएगा. इसके लिए उन्हें कोई दस्तावेज जमा नहीं कराना होगा.

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पॉलिसी बेचने वाले एजेंट को मिलेगा इतना कमीशन
बीमा विस्तार पॉलिसी में अलग अलग सेगमेंट्स के लिए क्लेम सेटलमेंट का तरीका भी अलग अलग हो सकता है. यह सब बीमा कंपनियों की ओर से तय किया जाएगा. जानकारी के अनुसार इस पॉलिसी को बेचने वाले एजेंट्स को 10 प्रतिशत कमीशन भी मिलेगा. 
 


Google में जारी है छंटनी, एक साथ इस टीम को नौकरी से किया बर्खास्त

गूगल ने पिछले कुछ हफ्तों में बड़ी संख्या में कर्मचारियों की छंटनी की है. सुंदर पिचाई की अगुवाई वाली कंपनी ने अब अपनी पूरी पायथन टीम को निकाल दिया है.

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Monday, 29 April, 2024
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गूगल के कर्मचारी पिछले काफी समय से लगातार मुसीबत में फंसे हुए हैं. उन पर लगातार छंटनी की तलवार लटक रही है. एक के बाद एक कई सारे डिपार्टमेंट से लोगों को कॉस्ट कटिंग जैसे कई कारणों का हवाला देकर निकाला जा रहा है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सुंदर पिचई के नेतृत्व वाली अल्फाबेट (Alphabet) ने पूरी पायथन टीम (Python Team) को नौकरी से निकाल दिया है. इसके पीछे का कारण सस्ता लेबर बताया जा रहा है.

नए सिरे से टीम बनाने की प्लानिंग

Google की Python टीम के एक एक्स एंप्लॉय ने कहा कि वह कंपनी के इस कदम से बेहद नाराज हैं. रिपोर्ट की मानें तो,सुंदर पिचाई की अगुवाई वाली कंपनी Google जर्मनी के म्यूनिख में नए सिरे से नई टीम के गठन के गठन की योजना बना रही है. बता दें कि कथित तौर Google की पायथन टीम में कुल 10 कर्मचारी थे. निकाले गए कर्मचारी Google के पायथन इको सिस्टम के ज्यादात्तर हिस्सों को मैनेज करते थे, जिनमें Google में पायथन की स्थिरता, हजारों थर्ड पार्टी ऐप्लीकेशन को अपडे़ट करना समेत कई सारी जिम्मेदारियां शामिल थीं.

कई डिपार्टमेंट में हो चुकी है छंटनी

गूगल ने रियल एस्टेट और फाइनेंस डिपार्टमेंट में भी छंटनी की है. गूगल के फाइनेंस चीफ रूथ पोराट ने एक ईमेल के जरिए कर्मचारियों को सूचना दी कि कंपनी रीस्ट्रक्चरिंग कर रही है. हम बेंगलुरु, मेक्सिको सिटी और डबलिन में ग्रोथ पर फोकस करना चाहते हैं. इससे पहले गूगल ने इंजीनियरिंग, हार्डवेयर और असिस्टेंट टीम्स से हजारों कर्मचारी निकाले थे. कंपनी ने यह छंटनी आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस टेक्नोलॉजी पर निवेश बढ़ाने के लिए की थी.

सुंदर पिचाई ने पहले ही दे दिए थे संकेत

गौरतलब है कि Google ने जनवरी में अपनी कई टीमों के सैकड़ों कर्मचारियों की छंटनी की थी, जिनमें इसकी इंजीनियरिंग, हार्डवेयर समेत कई टीमें शामिल थीं. इस दौरान अल्फाबेट के सीईओ सुंदर पिचाई ने एक आंतरिक ज्ञापन के माध्यम से कर्मचारियों अधिक नौकरियां प्रभावित होने के संकेत दिए थे. सुंदर पिचाई ने अपने नोट में लिखा था कि हमारे पास महत्वाकांक्षी लक्ष्य हैं और हम इस साल अपनी बड़ी प्राथमिकताओं में निवेश करेंगे. वास्तविकता यह है कि इस निवेश के लिए क्षमता बनाने के लिए हमें कठिन विकल्प चुनने होंगे.
 


दुनिया का सबसे बड़ा एयरपोर्ट बनाने जा रहा है ये देश, जानिए इसमें क्‍या है खास?

मौजूदा समय में सउदी अरब में दुनिया का सबसे बड़ा एयरपोर्ट स्थित है. लेकिन अब दुबई अपने मौजूदा एयरपोर्ट से पांच गुना बड़ा एयरपोर्ट बनाने जा रहा है, जिसे उसने मंजूरी दे दी है. 

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Monday, 29 April, 2024
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आने वाले कुछ सालों में दुनिया के सबसे बड़े एयरपोर्ट की लोकेशन बदलने वाली है. दुबई में दुनिया का सबसे बड़ा एयरपोर्ट बनने जा रहा है जो मौजूदा एयरपोर्ट का 5 गुना है. इस एयरपोर्ट में 400 विमान, 5 रनवे सहित सालाना 12 मिलियन लोगों की क्षमता होगी. इस एयरपोर्ट को दुबई के शासक शेख मोहम्‍मद बिन राशिद ने मंजूरी दे दी है. इस नए एयरपोर्ट का नाम अल मकतूम अंतरराष्‍ट्रीय हवाई अड्डा होगा. उन्‍होंने इसे लेकर ट्वीट करते हुए विस्‍तार से जानकारी दी है. 

क्‍या बोले दुबई के प्रमुख शासक? 
दुबई के प्रमुख शासक शेख मोहम्‍मद ने ट्वीट करते हुए इसकी जानकारी देते हुए बताया कि, हमने अल मकतूम अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर नए यात्री टर्मिनलों के डिजाइन को मंजूरी दे दी है, और दुबई एविएशन कॉरपोरेशन की रणनीति के हिस्से के रूप में एईडी 128 बिलियन की लागत से भवन का निर्माण शुरू कर दिया है. 
अल मकतूम अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा दुनिया की सबसे बड़ी क्षमता वाला एयरपोर्ट होगा, जिसकी क्षमता 260 मिलियन यात्रियों तक होगी. यह वर्तमान दुबई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के आकार का पांच गुना होगा, और आने वाले वर्षों में दुबई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के सभी परिचालन को इसमें स्थानांतरित कर दिया जाएगा. हवाईअड्डे में 400 विमान द्वार होंगे और इसमें पांच समानांतर रनवे होंगे. विमानन क्षेत्र में पहली बार नई विमानन प्रौद्योगिकियों का प्रयोग किया जाएगा.

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इतने सालों का लगेगा समय
सरकार की योजना के अनुसार इस एयरपोर्ट को बनाने में 10 साल लगेंगे. 10 साल में दुबई एयरपोर्ट का ऑपरेशन नए एयरपोर्ट में शिफ्ट हो जाएगा. वहीं अगर इसे बनाने में होने वाले खर्च की बात करें तो दुनिया के इस सबसे बड़े एयरपोर्ट को बनाने में एक बड़ी रकम खर्च होने जा रही है. दुनिया के इस सबसे बड़े एयरपोर्ट को बनाने में 35 अरब डॉलर यानी 2.9 लाख करोड़ रुपये खर्च हो रहे हैं. इस रकम की विशालता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इनसे दो दर्जन बुर्ज खलीफा बनाए जा सकते हैं. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, बुर्ज खलीफा को बनाने में दुबई सरकार को 12500 करोड़ रुपये खर्च आए थे. दुबई सरकार की योजना ये भी है कि इस एयरपोर्ट के चारों ओर शहर भी बनाया गया. इस एयरपोर्ट की खास बात ये होगी कि यहां अत्‍याधुनिक सुविधाओं से लैस कार्गो सेवाएं भी मौजूद होंगी. 

ये हैं दुनिया के टॉप फाइव सबसे बड़े एयरपोर्ट 
वहीं दुनिया के सबसे पांच बड़े एयरपोर्ट की बात करें तो उसमें सबसे पहले नंबर पर सबसे बड़ा एयरपोर्ट किंग फहद अंतरराष्‍ट्रीय हवाई अड्डा शामिल है. इसके बाद दूसरे नंबर पर अमेरिका के डेनवर में स्थित अंतराष्‍ट्रीय हवाई अड्डा शामिल है. तीसरे नंबर पर अमेरिका के डलास में स्थित डलास फोर्ट वर्थ अंतरराष्‍ट्रीय हवाई अड्डा शामिल है. चौथे नंबर पर भी अमेरिका के ऑरलैंडों में स्थित आरलैंडों हवाई अड्डा शामिल है. वहीं पांचवे नंबर पर अमेरिका के वॉशिंगटन डीसी में स्थित वॉशिंगटन डलेस इंटरनेशनल एयरपोर्ट शामिल है. 
 


कबाड़ गाड़ी दीजिए, नई में तगड़ी छूट लीजिए. सब लूट रहे हैं ये स्कीम

देश के 21 राज्यों ने पुरानी गाड़ियों को स्क्रैप करने के बदले में नई गाड़ी पर रोड टैक्स में 25 प्रतिशत या 50 हजार रुपये तक की छूट देने की घोषणा की है. 

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Monday, 29 April, 2024
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अगर आपकी गाड़ियां पुरानी हो गई है, तो आपके लिए एक खुशखबरी है. दरअसल, अब आपको पुरानी गाड़ी कबाड़ में देने पर अच्छी छूट मिलने वाली है. देश के 21 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की सरकार ने घोषणा की है कि अगर कोई अपनी पुरानी गाड़ी कबाड़ में देता है, तो उसे राज्य सरकार की तरफ से नई गाड़ी पर छूट दी जाएगी. तो चलिए जानते हैं सरकार आपको कैसे और कितनी छूट देने जा रही है? 

इन राज्यों ने किया छूट का ऐलान
केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों से अपने-अपने राज्यों से पुरानी और अनफिट गाड़ियों की स्क्रैपिंग को अनिवार्य बनाने की बात कही है. इसके बाद बिहार, मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, कर्नाटक, महाराष्ट्र, गुजरात, पंजाब और केरल सहित 21 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने मोटर व्हीकल या रोड टैक्स में छूट का ऐलान किया है.

नई कार और कमर्शियल वाहन खरीदने पर मिलेगी छूट
राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश सरकार की ओर से पुराने वाहनों को स्क्रैप करने के बदले नई कार खरीदने पर 25 प्रतिशत तक और कमर्शियल व्हीकल पर 15 प्रतिशत तक की छूट दी जाएगी. अब तक, लगभग 70,000 पुराने वाहनों को अपने आप नष्ट कर दिया गया है. हालांकि उनमें से एक बड़ा हिस्सा केंद्र या राज्य सरकार की एजेंसियों का है. दिल्ली एकमात्र राज्य/केंद्र शासित प्रदेश है जहां 10 और 15 वर्ष से अधिक पुरानी डीजल और पेट्रोल गाड़ीयां ऑटोमैटिकली अनरजिस्टर्ड हो जाती हैं और उन्हें स्क्रैप करना पड़ता है.

इन राज्यों में मिलेगी ये छूट
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार 21 में से 17 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने पुराने वाहनों को हटाने के बाद कमर्शियल या ट्रांस्पोर्ट व्हीकल को रजिस्ट्रेशन के दौरान 15 प्रतिशत रोड टैक्स रियायत देने की बात कही है. प्राइवेट व्हीकल के मामले में 12 राज्य रोड टैक्स पर 25 प्रतिशत की छूट दे रहे हैं. 
1.    हरियाणा 10 प्रतिशत रियायत या स्क्रैप वैल्यू के 50 प्रतिशत से कम का ऑफर कर रहा है. 
2.    वहीं, दूसरी ओर उत्तराखंड 25 प्रतिशत या 50,000 रुपये की छूट दे रहा है. 
3.    कर्नाटक नए व्हीकल की कीमत के अनुसार रोड टैक्स में फिक्स्ड छूट ऑफर कर रहा है. उदाहरण के लिए, 20 लाख रुपये से अधिक कीमत वाली कार के लिए 50,000 रुपये की छूट मिलेगी. 
4.    पुडुचेरी में 25 प्रतिशत या 11,000 रुपये की छूट मिल रही है.

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इतने राज्यों में स्क्रैपिंग सेंटर
जानकारी के अनुसार जब से सरकार ने वॉलेंटरी व्हीकल स्क्रैपिंग को बढ़ावा दिया है, 37 रजिस्टर्ड स्क्रैपिंग सेंटर या आरवीएसएफ चालू हो गए हैं. मौजूदा समय में 16 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में 52 ऐसे सेंटर्स काम कर रहे हैं. इसी तरह से 11 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में व्हीकल फिटनेस की जांच के लिए 52 ऑटोमैटिक टेस्टिंग सेंटर काम कर रहे हैं. 


 


निवेशक हो जाइए तैयार, रेलवे के ये दो शेयर बनने वाले हैं रॉकेट

शेयर बाजार में इस साल शानदार तेजी देखी जा रही है. जनवरी महीने से ही खासकर पीएसयू स्टॉक बंपर रिटर्न बनाते दिख रहे हैं. सबसे अधिक तेजी तो रेलवे स्टॉक में देखने को मिली है.

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Monday, 29 April, 2024
Railway Share

भारतीय शेयर मार्केट में इन दिनों जोरदार तेजी देखने को मिल रही है. बीएसई सेंसेक्स (BSE Sensex) और निफ्टी (Nifty) दोनों रिकॉर्ड ऊंचाई को छू रहे हैं. मार्केट में आई इस तेजी के बीच कई कंपनियों के शेयरों ने भी जोरदार छलांग लगाई है. पिछले कुछ हफ्ते में भारतीय रेलवे से जुड़े शेयरों ने रफ्तार पकड़ी है. मार्केट में रेलवे से जुड़े जिन स्टॉक में तेजी आई है, उनमें रेल विकास निगम लिमिटेड (RVNL), इरकॉन इंटरनेशनल लिमिटेड शामिल हैं. अभी जिस कंपनी को 1,200 करोड़ का टेंडर मिला है, उसने पिछले एक साल में 189% का रिटर्न अपने निवेशकों को बनाकर दिया है. निवेशक इसे मल्टीबैगर स्टॉक बता रहे हैं.

इरकॉन को मिला बड़ा ऑर्डर 

आज इरकॉन इंटरनेशनल के शेयरों में आई इस उछाल के पीछे कंपनी द्वारा इंजीनियरिंग, प्रोक्योरमेंट और कंस्ट्रक्शन (EPC) कार्य के लिए एक महत्वपूर्ण ऑर्डर हासिल करना है. कंपनी ने रविवार को एक एक्सचेंज फाइलिंग में निवेशकों को बताया कि दिनेशचंद्र आर अग्रवाल इंफ्राकॉन के साथ अपने ज्वाइंट वेंचर के माध्यम से 1,200 करोड़ के कांट्रैक्ट के लिए अवार्ड लेटर प्राप्त किया है. इस कांट्रैक्ट में ईस्ट कोस्ट रेलवे के वाल्टेयर डिवीजन के एक डिविजन के लिए कोथावलासा-कोरापुट दोहरीकरण परियोजना का निर्माण शामिल है.

RVNL के पास भी है 50 फीसदी रेलवे के ऑर्डर 

इसके साथ ही रेलवे से जुड़ी एक और कंपनी है, जिसके पास 50 फीसदी रेलवे से जुड़ी परियोजनाएं हैं. पब्लिक सेक्टर की कंपनी रेल विकास निगम लिमिटेड (RVNL) की ऑर्डर बुक 65,000 करोड़ रुपए पर पहुंच गई है. कंपनी प्रबंधन ने निवेशक कॉल में कहा कि RVNL अब मध्य एशिया और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के साथ पश्चिमी एशिया जैसे विदेशी बाजारों में नई परियोजनाओं की संभावनाएं तलाश रही है. मैनेटमेंट के टॉप अधिकारियों ने बताया कि हमारे पास अब लगभग 65,000 करोड़ रुपए के ऑर्डर हैं. इनमें से 50 फीसदी रेलवे से जुड़े ऑर्डर हैं. शेष 50 फीसदी ऑर्डर हमें बाजार से मिले हैं. आने वाले समय में हमारी ऑर्डर बुक करीब 75,000 करोड़ रुपए होगी. इस कंपनी के शेयर ने भी पिछले एक साल में 144% का रिटर्न दिया है.

क्या करती है इरकॉन इंटरनेशनल?

इरकॉन इंटरनेशनल एक रेलवे निर्माण कंपनी है, जिसने सड़कों, इमारतों, विद्युत सबस्टेशनों और वितरण, हवाई अड्डे के निर्माण, वाणिज्यिक परिसरों और मेट्रो रेल कार्यों में इन्वॉल्ब है. कंपनी ने दुनिया भर के 25 देशों में 128 से अधिक परियोजनाएं और भारत में विभिन्न राज्यों में 401 परियोजनाएं पूरी की हैं. 2024-2025 के हालिया अंतरिम बजट में रेलवे के लिए ₹2.55 लाख करोड़ और सड़कों और राजमार्गों के लिए ₹2.78 लाख करोड़ का रिकॉर्ड कैपिटल आउटले आवंटित किया गया है, जो इन क्षेत्रों में अब तक का सबसे अधिक निवेश है. 
 

(डिस्क्लेमर: शेयर बाजार में निवेश जोखिम के अधीन है. 'BW हिंदी' इसकी कोई जिम्मेदारी नहीं लेता. सोच-समझकर, अपने विवेक के आधार पर और किसी सर्टिफाइड एक्सपर्ट से सलाह के बाद ही निवेश करें, अन्यथा आपको नुकसान उठाना पड़ सकता है).


UPI के रिकॉर्डतोड़ आंकड़ों के बीच कम नहीं हो रहा है कैश ट्रांजैक्‍शन, हो गया इतना इजाफा

डिजिटल पेमेंट के आंकड़ों को देखें तो उनमें तो हर बार इजाफा हो रही है साथ ही देश में कैश के बढ़ते आंकड़े ने सभी को सोचने पर मजबूर किया है. सवाल ये है कि क्‍या इसे कम किया जा सकता है. 

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Monday, 29 April, 2024
Cash

देश में यूपीआई पेमेंट के आंकड़े जब भी आते हैं तब उनमें हमेशा इजाफा देखने को मिलता है. इस बीच लोगों के कैश इस्‍तेमाल को लेकर आंकड़े सामने आए हैं. CMS consumption के आंकड़े बता रहे हैं कि मासिक कैश के इस्‍तेमाल के औसत में इजाफा देखने को मिल रहा है. 2023 के मुकाबले 2024 में अब तक इसमें 5.51 प्रतिशत से ज्‍यादा का इजाफा देखने को मिल रहा है. इसे ऐसे देखा जा रहा है कि लोग ज्‍यादा कैश खर्च करना पसंद कर रहे हैं जो बढ़ती खपत का संकेत है. 

क्‍या कह रही है CMS Consumption रिपोर्ट? 
 CMS Consumption रिपोर्ट कह रही है कि वर्ष 2023 में जहां लोगों ने 1.35 करोड़ रुपये कैश निकाले वहीं इस बार 1.43 करोड़ रुपये खर्च कर चुके हैं. इसका मतलब ये है कि खपत में 5.51 प्रतिशत का इजाफा है. रिपोर्ट कहती है कि अगर इसका आंकलन मासिक आधार पर करें तो वित्‍त वर्ष 2024 में वित्‍त वर्ष 2023 के मुकाबले 12 में से 10 महीनों में ये 7.23 प्रतिशत ज्‍यादा थी. आंकड़े ये भी बता रहे हैं मेट्रो शहरों में एटीएम से कैश निकालने में 10.37 प्रतिशत का इजाफा हुआ है, जबकि 3.94 प्रतिशत का इजाफा सेमी अर्बन इलाकों में देखने को मिला है और 3.73 प्रतिशत का इजाफा सेमी मेट्रो शहरों में देखने को मिला है. 

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इन शहरों में ज्‍यादा निकाला गया है कैश 
कैश का ज्‍यादा इस्‍तेमाल देश के जिन शहरों में देखने को मिला उत्‍तर भारत के दिल्‍ली और उत्‍तर प्रदेश, पूर्वी भारत का वेस्‍ट बंगाल, दक्षिण भारत का तमिलनाड़ु और कर्नाटका, जैसे राज्‍य शामिल हैं. आंकड़े ये भी बता रहे हैं कि पब्लिक सेक्‍टर बैंक के 49 प्रतिशत एटीएम मेट्रोपोलिटन और अर्बन एरिया में स्थित हैं. जबकि 51 प्रतिशत एटीएम SURU में मौजूद हैं. इसी तरह से अगर प्राइवेट बैंकों के एटीएम की स्थिति देखें तो 64 प्रतिशत एटीएम मेट्रो और अर्बन शहरों में मौजूद हैं और इसी तरह से 36 प्रतिशत एटीएम SURU(Semi urban and Rural ) एरिया में स्थिति हैं. 

इस राज्‍य में निकाला गया सबसे ज्‍यादा कैश 
CMS Consumption Report बता रही है कि कर्नाटक में सबसे ज्‍यादा वित्‍त वर्ष 2024 में 1.83 करोड़ रुपये का ट्रांजैक्‍शन हुआ है. इसके बाद दूसरे नंबर दिल्‍ली आता है जहां 1.82 करोड़ का कैश ट्रांजेक्‍शन किया गया जबकि वेस्‍ट बंगाल में 1.62 करोड़ रुपये का ट्रांजैक्‍शन किया गया. आंकड़े ये भी बता रहे हैं कि वित्‍त वर्ष 2024 में 23 में से 14 राज्‍यों/केन्‍द्र शासित प्रदेशों में सालाना 6.45 प्रतिशत का इजाफा देखने को मिला है. जबकि 9 राज्‍यों में इसमें 4.14 प्रतिशत की गिरावट देखने को मिली है. 
 


डब्बावालों से इंस्पायर है लंदन की DabbaDrop, जानें इस फूड डिलीवरी सिस्टम की पूरी कहानी 

आनंद महिंद्रा ने सोशल मीडिया पर लंदन की एक कंपनी का वीडियो शेयर किया है, जो मुंबई के डब्बावालों की तरह खाना डिलीवर करती है.

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Monday, 29 April, 2024
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आप मुंबई में रहे हों या नहीं, लेकिन मुंबई के डब्बावाला (Dabbawalas) के बारे में जरूर सुना होगा. फूड डिलीवरी का ये सिस्टम पूरी दुनिया में मशहूर है. अपने काम के लिए पूरी तरह से समर्पित डब्बावालों की तारीफ ब्रिटेन का राजघराना भी कर चुका है. अब मुंबई के डब्बावालों से प्रेरित होकर लंदन की एक कंपनी के डिब्बों में खाना भरकर बेचने की खबर सामने आई है. खास बात ये है कि इसके लिए डिब्बे भी काफी हद तक वैसे ही इस्तेमाल किए जा रहे हैं, जैसे ही मुंबई के डिब्बावाले करते हैं. महिंद्रा एंड महिंदा के फाउंडर आनंद महिंद्रा (Anand Mahindra) ने इसका एक वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया है.  

ये हैं DabbaDrop की फाउंडर
आनंद महिंद्रा (Anand Mahindra) ने लंदन की कंपनी का वीडियो शेयर करते हुए इसे उल्टा साम्राज्यवाद बताया है. वीडियो में दिखाया गया है कि कुछ लोग डिब्बे में खाना भरकर विभिन्न इलाकों में पहुंचा रहे हैं. इस विदेशी कंपनी ने खाना घर-घर पहुंचाने के लिए मुंबई के डिब्बेवालों का सिस्टम अपनाया है और डिब्बे भी काफी हद तक वैसे ही हैं. DabbaDrop नाम की यह कंपनी लंदन में रजिस्टर्ड है. इसकी शुरुआत Renee और Anshu ने की थी. कंपनी के मेनू में पंजाबी, दिल्ली, गोवा, हैदराबाद के साथ-साथ पाकिस्तान के मशहूर व्यंजन हैं. 

फाउंडर्स

100% प्लास्टिक फ्री पैकेजिंग 
DabbaDrop खाने की डिलीवरी स्टील के डिब्बों में करती है. कंपनी लंदन के 1 से 3 तक सभी जोन में डिलीवरी करती है और अब तक 169,000 डिब्बे पहुंचा चुकी है. कंपनी का कहना है कि 100% प्लास्टिक पैकेजिंग के चलते उसका खाना पूरी तरह से सुरक्षित है और पर्यावरण के भी अनुकूल है. कंपनी की वेबसाइट पर साफ तौर पर लिखा हुआ है कि उनका बिजनेस मुंबई के डब्बावालों से प्रेरित है. DabbaDrop बड़ों के साथ-साथ बच्चों के लिए भी डिब्बा पहुंचाती है. उसमे मेनू में समौसे से लेकर मिठाई तक बहुत कुछ शामिल है.

इन कंपनियों ने बिगाड़ा गणित
अब मुंबई के डब्बावालों की बात करें, तो वह लगभग 130 सालों से मुंबई की पहचान बने हुए हैं. ये मुंबई में काम करने वाले सैकड़ों सरकारी और गैर-सरकारी कर्मचारियों को खाने का डब्बा पहुंचाने का काम करते हैं. कुछ वक्त पहले तक मुंबई में डब्बा वाले संघ से 5000 से ज्यादा लोग जुड़े हुए थे और हर दिन ये लगभग दो लाख से ज्यादा डब्बा पहुंचाए जा रहे थे. लेकिन Zomato जैसी कंपनियों के आने के बाद उनका बिजनेस प्रभावित हुआ है. बताया जाता है कि साल 1890 में Mahadu Havji Bache द्वारा इसकी शुरुआत की गई थी. पहले केवल 100 लोगों को ही डिब्बा पहुंचाया जाता था, लेकिन मुंबई के विस्तार के साथ इसका भी विस्तार होता गया. 

ब्रिटिश राज घराने से खास जुड़ाव
मुंबई के डब्बावाले बाकायदा एक खास यूनिफॉर्म पहनते हैं. इन्हें आमतौर पर सफेद रंग का कुर्ता-पायजामा, सिर पर गांधी टोपी और पैरों में कोल्हापुरी चप्पल पहने देखा जा सकता है. आंधी आए या तूफान इनकी डिलीवरी हमेशा समय पर ही होती है. ब्रिटिश राजघराने का मुंबई डब्बावाला संगठन से खास जुड़ाव रहा है. दरअसल, 2003 में जब किंग चार्ल्स बतौर प्रिंस भारत दौरे पर आए थे, तब उन्होंने मुंबई के डिब्बावालों से मुलाकात की थी. अप्रैल 2005 में लंदन में प्रिंस चार्ल्स और कैमिला पार्कर के विवाह समारोह में डब्बावाला संघ के दो सदस्यों को आमंत्रित भी किया गया था. ब्रिटेन का शाही परिवार लाओ मौकों पर डिब्बावालों के काम की तारीफ कर चुका है. 

संकट में 130 साल पुराना पेशा 
डिब्बावालों के बिजनेस सिस्टम आज भी बेहद फेमस है, लेकिन उनका कारोबार अब पहले जैसा नहीं रहा है. पिछले साल आई एक रिपोर्ट के अनुसार, पहले करीब 5000 डिब्बावाले थे, लेकिन अब उनकी संख्या घटकर 2000 से 1500 के पास रह गई है. दरअसल, ऑनलाइन डिलीवरी कंपनियां 130 साल पुराने इस पेशे के सामने सबसे बड़ी चुनौती बनकर आई हैं. ग्राहकों की संख्या में कमी आने से डब्बावालों का काम कम हो गया है और ऐसे में कुछ को पार्टटाइम नौकरी भी करनी पड़ रही है. हालांकि, इस चुनौती से निपटने की कोशिश भी हो रही है. मुंबई टिफिन बॉक्स सप्लाई ट्रस्ट की ओर से पिछले साल बताया गया था कि उसकी एक सेंट्रल किचन शुरू करने की योजना है. इसके तहत जो महिलाएं घर से खाना बना रही हैं, उनके खाने की डब्बावालों के जरिए डिलीवरी कराई जाएगी. इससे महिलाओं को रोजगार मिलेगा और डब्बेवालों को भी.


नई सरकार बनते ही शुरू होंगी स्लीपर वंदे भारत, किस रूट पर चलेंगी देखिए लिस्ट

जुलाई में वंदे भारत मेट्रो रेलगाड़ियों (Vande Bharat Metro ) का परीक्षण शुरू होगा. ये ट्रेन 100 से 250 किलोमीटर की गति से दौड़ेंगी और देश के 124 शहरों को जोड़ेंगी.

Last Modified:
Monday, 29 April, 2024
Vande Bharat

लोकसभा चुनाव का परिणाम आते ही भारतीय रेलवे ने नई सरकार के लिए अगले 100 दिनों का एक्शन प्लान तैयार कर लिया है. इसमें वंदे भारत स्लीपर कोच से लेकर कई प्रोजेक्ट पर काम तेज करने की योजना शामिल है. नई सरकार के गठन होते ही रेलवे सेक्टर में बूम देखने को मिल सकता है. 

जुलाई में शुरू होगा परीक्षण, ये होगा खास
भारतीय रेलवे ने नई सरकार के लिए 100-दिनों की योजना तैयार की है. रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार रेल मंत्रालय शहरों के बीच संपर्क बनाने के लिए वंदे भारत मेट्रो वर्जन पर काम कर रहा है, जिसका प्रायोगिक परीक्षण जुलाई में शुरू होने की उम्मीद है. वंदे भारत मेट्रो नियमित ठहराव के साथ तेज गति से चलने वाली रेलगाड़ियां होंगी. इनमें 12 कोच होंगे और बड़े ऑटोमैटिक दरवाजों के साथ किनारों में सीटें होंगी. ज्यादा भीड़भाड़ वाले मार्गों पर वंदे भारत मेट्रो में अधिकतम 16 कोच हो सकते हैं, जिसमें 4 डिब्बे अनारक्षित या सामान्य श्रेणी के ऐसे यात्रियों के लिए होंगे जो रोजाना रेलगाड़ियों से आते-जाते हैं. वंदे भारत मेट्रो रेलगाड़ियां 100 से 250 किलोमीटर की गति से दौड़ेंगी और यह देश के 124 शहरों को जोड़ेगी. इसके लिए चिह्नित मार्गों में लखनऊ-कानपुर, आगरा-मथुरा और तिरुपति-चेन्नई हैं. 

पुश-पुल इंजन का होगा इस्तेमाल
वंदे भारत ट्रेन में केवल बैठने की सुविधा है, जिस कारण इन्हें लंबी दूरी की यात्राओं में इस्तेमाल नहीं किया जा सकता. केंद्र इसका पुश-पुल इंजन के आधार पर उत्पादन शुरू करने की योजना बना रही है, जिसमें आगे और पीछे की तरफ दो 6000 एचपी के इंजन होंगे. पुश-पुल रेल इंजन का इस्तेमाल अमृत भारत ट्रेन में किया जा रहा है. इससे सुरक्षित व त्वरित यात्रा सुनिश्चित होती है. 

परिणाम आने के 100 दिन के अंदर होगी शुरू
केंद्र की रेलवे की आधुनिकीकरण की योजना के तहत मध्यम दूरी की वंदे भारत चेयर कार, लंबी दूरी की प्रीमियम वंदे भारत स्लीपर ट्रेन और लंबी दूरी की सामान्य व स्लीपर अमृत भारत ट्रेन हैं. सूत्रों के अनुसार वंदे भारत स्लीपर ट्रेन चुनाव परिणाम आने के 100 दिनों में शुरू कर दी जाएगी. इसका स्लीपर वर्जन सरकारी कंपनी भारत अर्थ मूवर्स लिमिटेड (बीईएमएल) ने विकसित किया है.

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कौन हैं भारतीय अरबपति, जिन्होंने पूर्व WWE स्टार से रचाई शादी?

भारतीय अरबपति की यह शादी दूसरी शादियों से कुछ अलग थी. शादी का वेन्यू अलग था. शादी में किसी तरह की कोई ब्राइडल पार्टी नहीं हुई. शादी में ट्रेडिशनल वेडिंग केक को भी नहीं रखा गया.

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Monday, 29 April, 2024
Ankur Jain

भारतीय मूल के अरबपति बिल्ट रिवार्ड्स (Bilt rewards) के संस्थापक और सीईओ अंकुर जैन ने पूर्व WWE रेसलर एरिका हैमंड से शादी की है. अंकुर जैन ने केवल 130 लोगों की मौजूदगी में एरिका से शादी की. दोनों की शादी की तस्वीरें सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है, जिसमें दक्षिण अफ्रीका के जंगलों में प्री-वेडिंग और मिस्र में पिरामिड के बीच दोनों ने अपनी शादी की. आइए जानते है कैसे और कहां हुई इनकी शादी और कौन हैं अरबपति अकुंर जैन और एरिका हैमंड?

मिश्र में रचाई शादी

कैशबैक टेक कंपनी बिल्ट रिवार्ड्स के संस्थापक और CEO अंकुर जैन और पूर्व WWE स्टार एरिका हैमंड की शादी जमकर सोशल मीडिया पर सुर्खियां बटोर रही है. उन्होंने अपने दोस्तों और रिश्तेदारों के लिए खास इंतजाम किए थे. ये शादी बाकी शादियों जैसी नहीं थी. इसमें ना ही ट्रेडिशनल ब्राइडल एंट्री हुई, ना ही कपल ने शादी के बाद कोई केक काटा. उनकी प्री वेडिंग सेरेमनी की शुरुआत दक्षिण अफ्रीका में तीन रात की सफारी से हुई, जिसमें एक रात का खर्च करीब 1.7 लाख रुपये था.

कौन हैं अरबपति अंकुर जैन?

अंकुर जैन ब्लिट्ज रिवार्ड्स और कैरोस के फाउंडर और CEO हैं, ये दोनों टेक कंपनी है. अंकुर जैन की ब्लिट्ज रिवार्ड्स कंपनी कंज्यूमर को किराए के भुगतान सहित इसी तरह के बाकी के खर्चों पर रिवॉर्ड देने का काम करती है. जानकारी के अनुसार अंकुर की नेटवर्थ करीब 10 हजार करोड़ रुपये है. अंकुर जैन ने अपने दम पर कई उपलब्धियां हासिल की हैं. जैसे साल 2017 में वह विश्व आर्थिक मंच की तरफ से यंग ग्लोबल लीडर के लिए नॉमिनेट हुए थे, साल 2011 में इंक मैगजीन ने उन्हें ‘वर्ल्ड्स बेस्ट कनेक्टेड 21 ईयर ओल्ड’ का नाम दिया था. इसके अलावा अंकुर जैन को ’30 अंडर 30′ सम्मानित किया गया है. साल 2012 में अंकुर जैन को क्रिश्चियन साइंस मॉनिटर ने ’30 अंडर 30: सॉल्यूशन ब्रोकर’ भी कहा था.

WWE स्टार रह चुकी हैं एरिका हैमंड

एरिका हैमंड पूर्व WWE NXT स्टार हैं. WWE से जाने के बाद, वह एक सफल फिटनेस कोच बन गईं. पहले लॉस एंजिल्स में रहने के बाद, वह एक संस्थापक प्रशिक्षक के रूप में रंबल बॉक्सिंग में शामिल होने के लिए न्यूयॉर्क चली गईं. उनकी मुलाकात रंबल में तब हुई जब वह वहां फिटनेस इंस्ट्रक्टर थीं. वह वर्तमान में रंबल की संस्थापक सदस्य हैं. हैमंड एरिका स्ट्रॉन्ग नामक एक ऐप बनाने का भी हिस्सा थीं, जो एक बॉक्सिंग-प्रेरित समूह फिटनेस क्लास है. हैमंड ने नॉकआउट भी बनाया है, जो एक बॉक्सिंग-प्रेरित समूह फिटनेस क्लास है.

ऐसे हुई थी एरिका और अंकुर की मुलाकात

एरिका की मुलाकात अंकुर से जिम में रंबल बॉक्सिंग वर्कआउट करने के दौरान हुई थी, जहां पर वह एक फिटनेस ट्रेनर थी. अंकुर को फिटनेस की ट्रेनिंग देते हुए दोनों के बीच दोस्ती बढ़ी और दोनों ने शादी करने का फैसला किया. उन्होंने मीडिया को बताया कि हम पारंपरिक शादी करने वाले लोग नहीं है, इसलिए हमने फैसला किया हमारी नई शुरुआत का जश्न मनाने के लिए एक साथ कुछ पल बिताने अपने दोस्तों के साथ खास पार्टी करना, जहां आप एक अलग दुनिया में हो. मिस्र में अपनी शादी पर बोलते हुए उन्होंने कहा मैं प्राचीन इतिहास और समाज से प्रभावित हूं और बचपन से ही यहां आना चाहता था.
 


रघुराम राजन ने विरासत टैक्‍स पर बढ़ाई कांग्रेस की परेशानी, कही ये अहम बात 

रघुराम राजन ने कहा कि वो शिक्षा के क्षेत्र से आते हैं और गलत की आलोचना करना वो सबसे अहम मानते हैं. रघुराम राजन इससे पहले कई मामलों को लेकर सरकार के कार्यक्रमों की आलोचना कर चुके हैं. 

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Monday, 29 April, 2024
Raghuram Rajan

विरासत टैक्‍स से भले ही कांग्रेस पार्टी अपनी असहमति जता चुकी हो लेकिन बीजेपी लगातार इस मामले को लोकसभा चुनाव में मुद्दा बना रही है. इस कड़ी में अब अक्‍सर सत्‍ताधारी सरकार की नीतियों की आलोचना करने वाले रघुराम राजन ने विरासत कर विवाद में एंट्री ले ली है. रघुराम राजन ने कहा है कि हमें सफल लोगों को नीचे गिराने की बजाए उन्‍हें आगे बढ़ाने पर अपना ध्‍यान लगाना चाहिए. उन्‍होंने कहा कि हमें ये पता लगाने की जरूरत है कि आखिर हम कैसे समाज के कमजोर लोगों को सफल बनाने को लेकर काम कर सकते हैं. 

रघुराम राजन ने कही क्‍या बात? 
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने कहा कि मैं विपक्षी पार्टी से नहीं हूं. उन्‍होंने कहा कि मैं शिक्षा के क्षेत्र से आता हूं और मैं समझता हूं कि हमें गलत की आलोचना करनी चाहिए. उन्‍होंने कहा कि हमें इस बात पर काम करने की जरूरत है कि आखिर जो लोग अच्‍छा नहीं कर रहे हैं हम उनके लिए कैसे काम कर सकते हैं. इससे हमारी ग्रोथ में भी इजाफा होगा. उन्‍होंने कहा कि समाज के हर तपके की ग्रोथ में इजाफा होने से विकास दर में भी इजाफा होगा. उन्‍होंने ये भी कहा कि मैं ये भी नहीं कह रहा हूं कि हमें अमीरों पर भारी भरकम टैक्‍स लगाना चाहिए. 

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इसकी जांच किए जाने की है जरूरत 
रघुराम राजन ने कहा कि इस बात का पता लगाए जाने की सख्‍त जरूरत है कि आखिर फायदा किसे नहीं हुआ है, या उन्‍हें K टाइप रिकवरी का सामना करना पड़ा है. उन्‍होंने कहा कि अर्थव्‍यव्‍सथा में उन हिस्‍सों का इस्‍तेमाल न करना संसाधनों की बर्बादी करने जैसा है. उन्‍होंने संसाधनों की बर्बादी पर अपनी बात कहते हुए कहा कि इसका परिणाम ये होता है कि सामाजिक संघर्ष देखने को मिलता है. 

सैम पित्रोदा ने दिया था ये विचार 
कांग्रेस पार्टी के ओवरसीज मामलों के प्रमुख सैम पित्रोदा ने इस मामले को लेकर विचार दिया था. उन्‍होंने कहा था कि भारत में भी विरासत टैक्‍स को लेकर चर्चा किए जाने की जरूरत है. इस विरासत टैक्‍स का मामला सामने आने के बाद कांग्रेस पार्टी ने तुरंत इससे अपने को अलग कर लिया. पार्टी ने इससे असमहमति जाहिर करते हुए कहा कि ये उनके घोषणापत्र में भी शामिल नहीं है. हालांकि बीजेपी की ओर से इसे लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा गया और कहा गया कि अगर कांग्रेस पार्टी सत्‍ता में आती है तो आपकी संपत्ति का बंटवारा करने की तैयारी कर रही है.