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Textile सेक्टर में मुकेश अंबानी कर रहे हैं ये काम, अब छोटी कंपनियों पर हैं बड़ी नजरें
मुकेश अंबानी के नेतृत्व में कंपनी ने रिटेल और टेलीकॉम के क्षेत्र में विस्तार किया लेकिन टेक्सटाइल को कभी भूले नहीं, क्योंकि यह सेक्टर हमेशा से बुनियादी तौर पर कंपनी से जुड़ा है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 year ago
नई दिल्लीः रिलायंस इंडस्ट्रीज की शुरुआत टेक्सटाइल से हुई थी. टेक्सटाइल के बाद ये कंपनी धीरूभाई अंबानी के नेतृत्व में पेट्रोकेमिकल्स से लेकर कई सारे सेक्टर में प्रवेश कर गई. इसके बाद मुकेश अंबानी के नेतृत्व में कंपनी ने रिटेल और टेलीकॉम के क्षेत्र में विस्तार किया लेकिन टेक्सटाइल को कभी भूले नहीं, क्योंकि यह सेक्टर हमेशा से बुनियादी तौर पर कंपनी से जुड़ा है. अब मुकेश अंबानी ने टेक्सटाइल सेक्टर में ऐसे कदम उठाएं हैं जिनको कहा जा सकता है कि वो कुछ नया करने जा रहे हैं.
इन कंपनियों को खरीदा
रिलांयस ने हाल ही शुभलक्ष्मी पॉलिस्टर्स की खरीदा और आलोक इंडस्ट्रीज व सिंटेक्स इंडस्ट्रीज का अधिग्रहण किया है. इस साल अप्रैल में, आरआईएल ने एसेट्स केयर एंड रिकंस्ट्रक्शन कंपनी के साथ 3,651 करोड़ रुपये में दिवालिया सिंटेक्स इंडस्ट्रीज का अधिग्रहण किया था. सिंटेक्स कई वैश्विक फैशन ब्रांडों के लिए कपड़े की आपूर्ति कर रहा था जिनमें ह्यूगो बॉस, अरमानी, बरबेरी और डीजल शामिल थे. अब कंपनी ने शुभलक्ष्मी पॉलीस्टर्स लिमिटेड (एसपीएल) और शुभलक्ष्मी पॉलीटेक्स लिमिटेड (एसपीटीएक्स) के पॉलिएस्टर कारोबार का क्रमश: 1,522 करोड़ रुपये और 70 करोड़ रुपये में अधिग्रहण किया है.
एसपीएल पॉलिएस्टर फाइबर, यार्न और टेक्सटाइल-ग्रेड चिप्स का उत्पादन प्रत्यक्ष पोलीमराइजेशन के साथ-साथ टेक्सचराइजिंग के माध्यम से मूल्यवर्धन के साथ एक्सट्रूडर कताई के माध्यम से करता है. कंपनी की निरंतर पोलीमराइजेशन क्षमता 2,52,000 मिलियन टन प्रति वर्ष है. यह कंपनी अपने दो प्लांट्स दहेज (गुजरात) और सिलवासा (दादरा और नगर हवेली) में टेक्सटाइल यार्न का उत्पादन करती है. एसपीटेक्स द्वारा संचालित दहेज में प्लांट टेक्सचराइज्ड यार्न के उत्पादन के लिए है.
2019 में आलोक इंडस्ट्रीज को खरीदा
2019 में RIL और उसके साथी JM Financial ARC ने दिवालिया आलोक इंडस्ट्रीज को 5,000 करोड़ रुपये में अधिग्रहित किया था, जब उसका लोन 30,000 करोड़ रुपये था जो कि 27 बैंकों पर बकाया था. सौदे के समय आलोक इंडस्ट्रीज की सिलवासा, वापी, नवी मुंबई और भिवंडी में एक-एक फैक्ट्री थी, जिसमें सालाना 68,000 टन सूती धागे और 1.7 लाख टन पॉलिएस्टर का उत्पादन करने की क्षमता थी. रिलायंस कारोबार बढ़ाने के लिए रणनीतिक संपत्तियों की तलाश कर रही है. हालांकि वे छोटे लग सकते हैं, यह पैमाने के साथ एक इकाई बनाने में मदद करता है. समय के साथ, टेक्सटाइल की छोटी कंपनियों के लिए विकास करना मुश्किल होगा.
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