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चॉकलेट के बढ़ते बाजार में Ambani को दिखा मुनाफा, खरीद डाली ये कंपनी
अंबानी ने जिस चॉकलेट कंपनी पर दांव लगाया है, उसके प्रॉफिट में उछाल देखने को मिला है. इस कंपनी ने मार्च 2022 को खत्म हुए वित्त वर्ष के दौरान 6 करोड़ का नेट प्रॉफिट कमाया है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 11 months ago
मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) की रिलायंस ने चॉकलेट कंपनी लोटस (Lotus Chocolate Company Limited) का अधिग्रहण पूरा कर लिया है. रिलायंस रिटेल वेंचर्स (RRVL) की एफएमसीजी शाखा रिलायंस कंज्यूमर प्रोडक्ट्स (RCPL) ने इस डील को अंजाम दिया है. RCPL ने करीब 74 करोड़ रुपए में लोटस चॉकलेट की 51 हिस्सेदारी खरीद ली है. इसी के साथ ही कंपनी ने लोटस चॉकलेट के नॉन-कम्यूलेटिव रिडीमेबल प्रेफरेंस शेयरों के लिए 25 करोड़ रुपए का भुगतान किया है. लोटस चॉकलेट का नियंत्रण अब पूरी तरह से रिलायंस के हाथ आ गया है.
दिसंबर में किया था ऐलान
मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया है कि RCPL ने सेबी (SEBI) के टेकओवर विनियमों के तहत किए गए खुले प्रस्ताव के अनुसार इक्विटी शेयरों का अधिग्रहण भी पूरा कर लिया है. 24 मई से लोटस चॉकलेट का कंट्रोल रिलायंस कंज्यूमर प्रोडक्ट्स के हाथों में आ गया है. बता दें कि पिछले साल दिसंबर के अंत में रिलायंस ने कहा था कि वह लोटस चॉकलेट में 74 करोड़ रुपए में 51% हिस्सेदारी का अधिग्रहण करेगी और एक खुली पेशकश में 26 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदेगी.
कंपनी के प्रॉफिट में उछाल
अंबानी ने जिस चॉकलेट कंपनी पर दांव लगाया है, उसके प्रॉफिट में उछाल देखने को मिला है. एक रिपोर्ट बताती है कि इस चॉकलेट कंपनी ने मार्च 2022 को खत्म हुए वित्त वर्ष के दौरान 6 करोड़ का नेट प्रॉफिट कमाया है. कंपनी ने इस दौरान 87 करोड़ रुपए की बिक्री की है. लोटस को खरीदकर अंबानी FMCG मार्केट में अपनी उपस्थिति को मजबूत कर पाएंगे. इस डील से रिलायंस को कन्फेक्शनरी, कोको, चॉकलेट डेरिवेटिव और संबंधित प्रोडक्ट के निर्माण और उपभोक्ता बाजार स्पेक्ट्रम में विस्तार करने में मदद मिलेगी.
इसलिए अंबानी ने लगाया दांव
अब सवाल ये उठता है कि आखिरी अंबानी ने चॉकलेट सेक्टर में उतरने का फैसला क्यों लिया? इसका जवाब है चॉकलेट का लगातार ग्रोथ करता बाजार. मीठे के तौर पर चॉकलेट गिफ्ट करने का चलन पहले भी था, लेकिन हाल के सालों में इसमें गजब की तेजी आई है. आजकल लोग फेस्टिवल आदि के मौके पर मिठाई के ज्यादा चॉकलेट देना पसंद करते हैं. इस ट्रेंड का सीधा मतलब है, ज्यादा बिक्री और ज्यादा मुनाफा. इसी को ध्यान में रखते हुए मुकेश अंबानी ने चॉकलेट के मार्केट में पैर जमाने का फैसला लिया है.
अभी इतना है मार्केट साइज
एक रिपोर्ट बताती है कि 2022 में भारतीय चॉकलेट मार्केट का साइज 2.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया है. 2028 तक इसके 4.1 बिलियन डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है. 2023-2028 के दौरान यह 8.8% की ग्रोथ रेट (CAGR) से आगे बढ़ सकता है. टोटल मार्केट में वाइट चॉकलेट और मिल्क चॉकलेट का अच्छा खासा शेयर है. देश में सबसे ज्यादा पसंद किए जाने वाले चॉकलेट ब्रैंड में Cadbury, Nestle, Ferrero Rocher, Amul, Parle, Mars और Hershey Chocolates शामिल हैं. लोटस चॉकलेट, कोको उत्पाद और कोको डेरिवेटिव बनाती है. शेयर खरीद समझौते के तहत आरसीपीएल लोटस चॉकलेट की चुकता शेयर पूंजी का 77 प्रतिशत हिस्सा खरीद रही है.
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